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महान व्यक्तियों पर निबंध (Personalities Essay in Hindi)

हमारे वेबसाइट पर महान व्यक्तियों से संबंधित कई सारे निबंध उपलब्ध है। ये निबंध पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के बच्चों के विषयों को ध्यान में रखते हुए तैयार किये गये हैं। इन निबंधों के माध्यम से हमने महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, जवाहर लाल नेहरु, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन, रविंद्रनाथ टैगोर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, मदर टेरेसा, अरविन्द घोष, स्वामी विवेकानंद, भगत सिंह, सरदार वल्लभ भाई पटेल, डॉ भीमराव अम्बेडकर, लाल बहादुर शास्त्री जैसे महापुरुषों के विषय में जानकारी देने का प्रयास किया है।

महान व्यक्ति वह व्यक्ति होते है, जिनका समाज में कोई विशेष योगदान होता है। यह शब्द उस व्यक्ति के लिए उपयोग किया जाता है। जिसने अपने कार्यों द्वारा समाज या विश्व के उत्थान तथा विकास में कोई महत्वपूर्ण योगदान दिया हो। इस विषय में हम महात्मा गांधी तथा मदर टेरेसा का उदहारण ले सकते हैं। जिन्होंने अपने कार्यों द्वारा ना सिर्फ भारत बल्कि की पूरे विश्व को प्रभावित किया।

महान हस्तियां किसी परिचय की मोहताज नही होती हैं क्योंकि उनके द्वारा किये गये कार्य उनके महानता का गुणगान करने के लिए काफी होते हैं। यही कारण है कि महान व्यक्तियों को सिर्फ अपने देश में ही नही अपितु पूरे विश्व में सम्मान प्राप्त होता है। हमारे वेबसाइट पर विभिन्न महान व्यक्तियों से संबंधित छोटे तथा बड़े दोनो प्रकार के निबंध उपलब्ध हैं। इन दिये गये निबंधों को आप अपनी आवश्यकता अनुसार अपने परीक्षाओं, निबंध लेखन तथा अन्य कार्यों में उपयोग कर सकते है।

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व्यक्तित्व विकास पर निबंध Essay on Personality Development in Hindi

व्यक्तित्व विकास पर निबंध Essay on Personality Development in Hindi

आजकल व्यक्तित्व विकास की चर्चा चारों तरफ है। अनेक प्राइवेट संस्थान मोटी फीस लेकर व्यक्तित्व विकास (PERSONALITY DEVELOPMENT) का कोर्स कराते हैं। इसकी ट्रेनिंग देते हैं। सफल व्यक्ति बनने के लिए व्यक्ति का व्यक्तित्व आदर्श एवं महान होना चाहिए।

व्यक्तित्व को अंग्रेजी में PERSONALITY कहते हैं। यह लैटिन के PERSONA शब्द से बना है जिसका अर्थ मुखौटा होता है। नाटक में कलाकार अपने चेहरे पर मुखौटा लगाते हैं। व्यक्तित्व एक बड़ा और विस्तृत शब्द है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व में उसकी सारी खूबियां, सारे अच्छे बुरे सभी गुण आते हैं।

Table of Content

महान व्यक्तित्व वाले लोगों के कुछ उदाहरण व विचार

महात्मा गांधी , सुभाष चंद्र बोस , पंडित जवाहरलाल नेहरू , सरदार वल्लभभाई पटेल , विपिन चंद्र, रामधारी सिंह दिनकर , मुंशी प्रेमचंद , रवींद्र नाथ टेगौर, अटल बिहारी बाजपेयी , नरेंद्र मोदी ।

लांगमैन के अनुसार

“किसी व्यक्ति का पूरा स्वभाव तथा चरित्र ही उसका व्यक्तित्व कहलाता है”

बर्गेश के अनुसार

“व्यक्तित्व उन सभी गुणों का एकीकृत रूप है जो किसी व्यक्ति की समाज के परिवेश में भूमिकाओं एवं स्थिति को अभिव्यक्त करता है”

वुडवर्थ के अनुसार

“व्यक्तित्व व्यक्ति के संपूर्ण व्यवहार की विशेषता है जिसका प्रदर्शन उसके विचारों की आदत व्यक्त करने के ढंग, अभिवृत्ति एवं रूचि, कार्य करने के ढंग और जीवन के प्रति उसके दार्शनिक विचारधारा के रूप में किया जाता है”

मन के अनुसार

‘‘व्यक्तित्व एवं व्यक्ति के गठन, व्यवहार के तरीकों, रूचियों, दृष्टिकोणों, क्षमताओं और तरीकों का सबसे विशिष्ट संगठन है’’

बिग व हण्ट के अनुसार

‘‘व्यक्तित्व एक व्यक्ति के सम्पूर्ण व्यवहार-प्रतिमान और इसकी विशेषताओं के योग का उल्लेख करता है।’’

व्यक्तित्व विकास कैसे करें? How to Develop a Good Personality in Hindi

निम्न उपायों को अपनाकर सरलता से व्यक्तित्व विकास किया जा सकता है-

आत्मविश्वास बढ़ाना जरूरी है

व्यक्तित्व विकसित करने और निखारने के लिए आत्मविश्वास बढ़ाना बेहद जरूरी है। जिन लोगों के पास आत्मविश्वास नहीं होता, स्वयं पर विश्वास नहीं होता उनका मनोबल बहुत ही निम्न होता है। वे सदैव शंकित रहते हैं कि किसी कार्य को कर पाएंगे या नहीं।

इसलिए स्वयं के अंदर आत्मविश्वास बढ़ाना जरूरी है। आत्मविश्वास अनेक चीजों से प्राप्त होता है जैसे ज्ञान से। जिस तरह वर्ष भर पढ़ाई करने वाले छात्र को स्वयं पर आत्मविश्वास होता है कि वह परीक्षा में सफल हो जायेगा।

व्यवहारिक ज्ञान आवश्यक है

व्यक्तित्व विकास के लिए यह बहुत आवश्यक है कि आपके अंदर किताबी ज्ञान ना होकर व्यवहारिक ज्ञान होना चाहिए। किताबी ज्ञान सिर्फ लिखित परीक्षा में काम आता है, जबकि व्यवहारिक ज्ञान जीवन की हर कठिन परिस्थिति में काम आता है।

व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए हमें अच्छे मित्र बनाने चाहिए। अच्छी पुस्तकें पढ़नी चाहिए। जिन लोगों का व्यवहारिक ज्ञान अच्छा होता है उनका व्यक्तित्व विकास अपने आप हो जाता है।

अच्छी पुस्तकें पढ़ने से भी व्यक्तित्व विकास होता है

बच्चे जो भी पढ़ते हैं उसका प्रभाव उनके मन और मस्तिष्क पर पड़ता है। अच्छी पुस्तकें सदैव  अच्छी मित्र साबित होती हैं। इसीलिए स्कूल में बच्चों के पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा की कहानियां सम्मिलित की जाती हैं, जिससे बच्चों का चारित्रिक एवं मानसिक विकास हो सके। महापुरुषों की जीवनी पढ़ने से भी व्यक्तित्व का विकास होता है।

धैर्यशील होना जरूरी है

आपने देखा होगा कि विश्व के सभी महापुरुषों के अंदर बहुत धैर्य था। धैर्य होना बहुत जरूरी गुण होता है क्योंकि हर व्यक्ति को अपने जीवन में उतार चढ़ाव और कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। धैर्य ना होने पर व्यक्ति कठिन परिस्थितियों में टूट जाता है और आत्मसमर्पण कर देता है। सभी महापुरुष धैर्य रखने की सलाह देते हैं।

सकारात्मक विचारों को अपनाना जरूरी है

हम सभी को अपने मन और मस्तिष्क में आने वाले नकारात्मक विचारों को दूर करना चाहिए और सकारात्मक विचारों को अपनाना चाहिए। व्यक्तित्व विकास के लिए यह आवश्यक है।

सदैव सच बोलना चाहिये

झूठे व्यक्तियों को कोई भी पसंद नहीं करता है। इसलिए व्यक्तित्व विकास के लिए सच बोलना बेहद जरूरी है। हो सकता है कि आपके सच बोलने से सामने वाले व्यक्ति को बुरा लग जाए, परंतु वह बाद में आपकी प्रशंसा करेगा। यदि आप किसी व्यक्ति से झूठ बोलते हैं और उसकी झूठी तारीफ करते हैं तो भी वह आपको अच्छा व्यक्ति नहीं मानेगा। सच बोलने वाले व्यक्तियों की तारीफ सभी लोग करते हैं।

भाषा को समृद्ध बनायें

आकर्षक व्यक्तित्व पाने के लिए भाषा में संपन्नता होना जरूरी है। बोलते और लिखते समय सही शब्दों का चुनाव करना चाहिये। विश्व के सभी महान नेता भाषण देते समय जनता को मंत्रमुग्ध कर देते थे।

हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व देखते ही बनता है। जिस राज्य में वे जाते है, उनका भाषण सुनने के लिए लाखो लोग खींचे चले आते है। उनकी भाषा बेहद समृद्ध है। वे कभी भी पढ़कर भाषण नही देते है। इसी से उनके महान व्यक्तित्व के बारे में पता चलता है।

बॉडी लैंग्वेज को अच्छा बनाए

हमें अपनी बॉडी लैंग्वेज पर काम करना चाहिए। उठने बैठने पढ़ने चलने बोलने खाने का सही तरीका हमें सीखना चाहिए। सदैव सीधा होकर चलना चाहिए। चलते समय कंधों को नहीं झुकाना चाहिए। उसी तरह खाना खाते समय चबाने की आवाज नहीं करना चाहिए। हमारे उठने बैठने काम करने और बोलने के अंदाज में हमारा व्यक्तित्व झलकता है।

क्षमा करना है व्यक्तित्व का अद्भुत गुण

जीवन में क्षमा का बड़ा महत्व  होता है। गलती होने पर किसी को क्षमा करना सरल नहीं होता है। सड़क पर कोई वाहन हमे टक्कर मारे तो हम तुरंत ही उससे भिड़ जाते है। आमतौर पर जब हमारे साथ कोई गलत काम करता है तो हम तुरंत ही प्रतिशोध लेते हैं।

परंतु इससे हम बड़े या बलवान नहीं बन जाते। क्षमा करना एक बड़ा और महान गुण है। इसे धारण करने से व्यक्ति का व्यक्तित्व और भी महान बनता है। महात्मा गांधी ने भी कहा था यदि कोई तुम्हारे गाल पर एक थप्पड़ मारता है तो उसे दूसरा गाल भी दे दो।

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व्यक्तित्व (व्यक्तित्व का विकास, अर्थ और परिभाषा)

व्यक्तित्व (व्यक्तित्व का विकास, अर्थ और परिभाषा) | Vyaktitva | Personality

Personality

व्यक्तित्व (Personality)

मनोविज्ञान के क्षेत्र में विकास के कारण व्यक्तित्व की पुरानी विचार को बदल दिया गया है। अब व्यक्ति का आधार क्या होना चाहिए, यह प्रश्न मनोवैज्ञानिकों के लिए एक जटिल समस्या बन गई थी। उन्होंने इसके सुधार के लिए विभिन्न व्यक्ति को अध्ययन किया और उनके विभिन्न रूपों और दृष्टिकोण को देखते हुए व्यक्तित्व की पुरानी विचार को खत्म कर नए विचार स्थापित किया है।

विभिन्न मनोवैज्ञानिकों के अनुसार व्यक्तित्व परिभाषा

प्रोफेसर गौरिसन, प्रोफेसर कार्ल सी. और अन्य महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक प्रोफेसरों ने कहा है कि “व्यक्तित्व संपूर्ण मनुष्य है उसकी स्वभाविक अभिरुचि तथा क्षमता और उसके भूतकाल में अर्जित किए गए ज्ञान, इन कारकों का संगठन तथा समन्वय प्रतिमान, आदर्श, मूल्यों तथा अपेक्षाओं की विशेषता से पूर्ण होता है।”

“Personality is a complete human being characterized by his natural aptitudes and abilities and knowledge acquired in the past, the organization and coordination of these factors, characterized by norms, ideals, values and expectations.”

व्यक्तित्व का कोई स्थाई विचार नहीं होता है, समय समय पर लोगों का व्यक्तित्व बदलता रहता है। असल में व्यक्तित्व का स्वरूप वैसा होता है जैसे कि कोई व्यक्ति किसी वातावरण के अनुकूल खुद को ढालने की प्रक्रिया होती है। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि यदि किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व पूरी तरह से उसके वातावरण पर निर्भर करता है तो उसका व्यक्तित्व भी अच्छा हो सकता है। जब उसके आसपास का वातावरण अनुकूल और अच्छा हो।

अलग-अलग लोगों का व्यक्तित्व भी अलग होता है, क्योंकि जिस वातावरण में वे रहते हैं, वह भी अलग होता है। जिसके कारण हर व्यक्ति का व्यक्तित्व अलग होता है और लोगों के व्यक्तित्व को उसके व्यवहार से जाना जाता है। क्योंकि व्यवहार किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का बाहरी रूप होता है। किसी व्यक्ति के व्यवहार में जितना अधिक एकता होगा। उसका व्यक्तित्व उतना ही अच्छा बनता जाता है।

समय के परिवर्तन के साथ व्यक्तित्व शब्द का अर्थ भी बदल गया, प्रसिद्ध लेखक और रोम कूटनीतिज्ञ सिसेरो ने पहली शताब्दी में चार अलग-अलग अर्थों में इसका इस्तेमाल किया।

1.जैसा एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को दिखाई देता है वैसा वह वास्तव में नहीं है। 2.वह कार्य जो जीवन में कोई करता है जैसे कि दार्शनिक। 3.व्यक्तित्व गुणों का संकलन जो है एक मनुष्य को उसके कार्य के योग्य बनाता है। 4.विशेषता और सम्मान जैसा कि लेखक शैली में होता रहा है।

तेरहवीं शताब्दी तक व्यक्तित्व के विशेषता के लिए व्यक्ति शब्द का उपयोग किया जाता था, लेकिन 14वीं शताब्दी में व्यक्ति के विशेषता के लिए एक नए शब्द के उपयोग की आवश्यकता महसूस की गई।

इस प्रकार 14वीं शताब्दी में व्यक्ति के विशेषताओं के वर्णन करने के लिए व्यक्तित्व शब्द का उपयोग किया गया और तब से हम व्यक्तित्व शब्द का उपयोग व्यक्तियों की विशेषताओं का वर्णन करने के लिए करते हैं।

व्यक्तित्व की प्रकृति

विभिन्न वैज्ञानिकों, मनोवैज्ञानिकों और शिक्षाविदों ने व्यक्तित्व की प्रकृति पर विभिन्न कार्य किए हैं, इसलिए व्यक्तित्व की प्रकृति को समझने के लिए तीन बातों पर ध्यान देकर इसका अर्थ समझने का प्रयास करें।

  • व्यक्ति से संबंधित जो भी परिभाषाएँ हमें देखने को मिलती हैं, उन सभी में अंतर होता है।
  • व्यक्ति की सही अवधारणा का चयन।
  • ध्यान दें कि व्यक्तित्व की वह क्या परिभाषा है जो संपूर्ण व्यक्तित्व को परिभाषित करती है।

व्यक्तित्व की प्राचीन मत

व्यक्तित्व को अंग्रेजी भाषा में पर्सनालिटी कहते हैं। पर्सनालिटी शब्द लैटिन भाषा के पर्सोना शब्द से बना है। लैटिन भाषा में पर्सोना को नकली चेहरा बताया गया है।

प्रसिद्ध लेखक और रोम कूटनीतिज्ञ सिसेरो ने व्यक्तित्व विभिन्न रूपों में विवेचना की है।

  • भूमिका के आधार या अनुसार अपने चेहरे को बदलना।
  • उपयुक्त भूमिका के आधार पर संपूर्ण व्यक्तित्व की भूमिका बनाना।
  • भूमिका के आधार पर गुणों का विकास करना।
  • एक नवीन व्यक्तित्व को धारण करना जो कि असल में सर्वथा भिन्न हो।

किसी भी व्यक्ति के तुरंत बदले हुए व्यक्तित्व को देखकर उसके वास्तविक व्यक्तित्व पर विश्वास करना बिल्कुल गलत है। क्योंकि आजकल व्यक्ति के नए व्यक्तित्व की घटना शुरू हो गई है, जो सभी शक्ति क्षमताओं का संयोजन है।

व्यक्तित्व का आधुनिक मत

व्यक्ति और व्यक्तित्व दो अलग-अलग शब्द हैं, जिनका आपस में गहरा संबंध होने के बावजूद दोनों के अलग-अलग अर्थ हैं, यदि आप दोनों शब्दों को ध्यान से देखें तो आपको स्पष्ट होगा कि प्रत्येक व्यक्ति अपने गुणों से उन लोगों को प्रभावित करता है और अन्य लोगों को अपने गुणों से। आज के समय में व्यक्तित्व को एक मध्यवर्ती चर के रूप में माना जा रहा है।

वैज्ञानिकों और मनोवैज्ञानिकों ने साबित कर दिया है कि किसी व्यक्ति का उत्साह और प्रतिक्रिया तुरंत या अपने आप नहीं बदलती है, सभी प्राणी को प्रभावित करता है और उसकी प्रतिक्रिया भी अलग-अलग होती है। प्रत्येक व्यक्ति का उत्साह और प्रतिक्रिया दोनों काम करते हैं।

इसे एक उदाहरण के द्वारा समझते हैं: जब हम भूखे होते हैं तो हमारा उत्साह और प्रतिक्रिया किसी भोजन के प्रति होती है, लेकिन जब हमें भूख नहीं होती है तो हमारा झुकाव किसी भी भोजन की ओर नहीं होता है। हमें कोई प्रतिक्रिया होती है। हमें कुछ भी खाने की कोई इच्छा नहीं होती है। यह उत्साह और प्रतिक्रिया जो आपके व्यवहार को प्रभावित करती है। इसके बीच में एक मध्यवर्ती चर होता है। जो कि बुद्धि, प्रेरक, पूर्व-अनुभव, अनुभूति, मानसिक झुकाव को प्रभावित करती है जिससे आपका व्यवहार में परिवर्तन आता है।

दो प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्ति के व्यक्तित्व की प्रकृति को मध्यवर्ती चर को मुख्य मानकर परिभाषित किया है।

आलपोर्ट की व्याख्या

व्यक्तित्व व्यक्तियों का गतिशील संगठन है, जो पर्यावरण के प्रति पूर्ण समायोजन स्थापित करता है।

“Personality is a dynamic organization of individuals that establishes perfect adjustment to the environment.”

आलपोर्ट की व्याख्या व्यक्तित्व के प्रकृति के संबंध में विभिन्न समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। ऑलपोर्ट व्यक्तित्व को एक गतिशील संगठन मानता है, जिससे यह साबित होता है कि व्यक्ति का व्यक्तित्व स्वभाव परिवर्तनशील है और यह व्यक्तित्व का आंतरिक है न कि बाहरी पहलू से ।भौतिक पद्धति से मतलब है कि व्यक्तियों की आदतें और लक्षणों से हैं।

सामाजिकता की भावना को व्यक्त करने के लिए, पर्यावरण के प्रति झुकाव होना या पर्यावरण के प्रति आपका लगाव होना बहुत आवश्यक है, इसका मतलब यह है कि व्यक्ति अपने वातावरण के साथ समायोजन करके उसके प्रति अपने व्यवहार को व्यक्त करता है, इससे व्यक्ति के अंदर के क्रियात्मक एवं रचनात्मक क्रियाएं भी शामिल होती है। आलपोर्ट की व्याख्या वैज्ञानिक पहुंच का प्रतीक है।

स्टैगनर और कारवोस्की की व्याख्या

स्टैगनर और कारवोस्की की व्याख्या व्यक्तित्व को उत्तेजना और प्रतिक्रिया के बीच एक मध्यवर्ती चरण के रूप में मानती है, उन्होंने लिखा है कि व्यक्तित्व अभिप्रेरणाओं तथा प्रत्यक्ष का एक ऐसा विलक्षण प्रतिरूप है जिससे एक विशिष्ट व्यक्ति का पता चलता है।

“Personality is such a unique pattern of motivations and perceptions that a particular person is revealed.”

स्टैगनर और कारवोस्की की दृष्टिकोण के आधार पर व्यक्ति की इच्छाएं कैसे होती है क्या होती है और उनकी पूर्ति के लिए कौन से साधनों का उपयोग किया जाता है। और वह किस प्रकार से अपनी इच्छा की पूर्ति के देखते हैं, उनकी महत्वकांक्षी आएं क्या होती है। व्यक्ति सम्मान रूपी व्यक्तित्व से कैसे प्रेरित होकर रहता है। जबकि कोई क्रूर व्यक्ति अपने उद्देश्य के लिए साधन मात्र मानता है।

स्टैगनर और कारवोस्की की व्याख्या ने विस्तृत रूप में व्यक्तित्व की परिभाषा को व्याख्या करते हुए कहा है कि “वास्तविक व्यक्तित्व किसी विशेष व्यक्ति की बाह्य अनुक्रिया का प्रतिरूप मात्र नहीं होता है और न एक व्यक्ति के सामाजिक प्रभाव होते हैं । वस्तुतः व्यक्तित्व प्रेरको, संवेगों, प्रत्यक्ष और स्मृतियों का ऐसा आन्तरिक संगठन होता है, जो व्यवहार की दिशा को निर्धारित करता है”।

“Real personality is not merely a pattern of the external response of a particular person, nor the social effects of a person. In fact, personality is such an internal organization of stimuli, emotions and memories, which determine the direction of behavior”.

उपर्युक्त परिभाषाओं का विश्लेषण करने पर व्यक्ति के चार अंग स्पष्ट हो जाते हैं, जैसे गत्यात्मकप्रतिरूप, प्रत्यक्ष अवयव, सीखना तथा बुद्धि, यह व्यक्तित्व की प्रकृति को स्पष्ट करने में सक्षम है।

  • गत्यात्मक प्रतिरूप – गत्यात्मक प्रतिरूप अभिप्रेरकों, आवेगों पर किसी विशेष व्यक्ति के प्रभाव को संदर्भित करता है, जो उसके व्यवहार में बदलाव का कारण बनता है।
  • प्रत्यक्ष अवयव- प्रत्यक्ष अवयव का अर्थ है कि यह किसी व्यक्ति की विशेष आंतरिक आवश्यकताओं की पूर्ति से है, यह आंतरिक आवश्यकता है, उसकी प्रेरणा और उसकी आवश्यकताओं के बीच अंतर स्थापित करते हुए, व्यक्ति को खुशी की भावना की ओर ले जाता है। जैसे कोई बच्चा अपने बाल्यावस्था में अपरिचित व्यक्तियों से दूर रहता है। और अपने माता-पिता के पास आनंद महसूस करता है, अजनबी और उसके माता-पिता के बीच अंतर करने की प्रत्यक्ष जरूरतों से प्रभावित होता है। और वह बच्चा अपने माता-पिता के साथ रहना पसंद करता है।
  • सीखना- किसी भी व्यक्ति में सीखने की प्रक्रिया उसके जन्म के बाद ही शुरू होती है, कोई भी व्यक्ति सीखने की प्रक्रिया को अपनी मर्जी से और अपने मूल कारणों से अपनाता है, जिससे उसे खुशी और संतुष्टि मिलती है और जो काम पसंद नहीं करता हैवह इसे जल्द नहीं अपनाता है। तो इसका मतलब है कि किसी भी व्यक्ति में ज्ञान का भंडार और उसकी बुद्धि उसके सीखने की प्रक्रिया पर निर्भर करती है, जैसे-जैसे वह बड़ा होता है, वह अपने जीवन में नई चीजें सीखता है। अपने जीवन में नई चीजें देखता है। और इन सबको मिलाकर किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण होता है।
  • बुद्धि- किसी भी व्यक्ति की बुद्धि उसके जीवन में सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखती है और उसकी मानसिक प्रक्रिया भी उसके व्यक्तित्व के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व के निर्माण को प्रभावशाली बनाने के लिए उसकी बुद्धि अहम भूमिका निभाती है। एक व्यक्ति के जीवन में उसकी बुद्धि और उसके अनुभव और उससे संबंधित विचार उसकी योग्यता को बनाए रखता है और उन सभी के संयोजन उनके व्यक्तित्व को बढ़ाता है।

व्यक्तित्व की प्रकृति से संबंधित सभी शाखाएं पर दृष्टिकोण करने पर यह स्पष्ट होता है कि व्यक्ति की सभी लक्षणों व्यक्तित्व में आती है और कुछ विशेष लक्षणों को संयोग मात्र ना होकर उनका एक विशिष्ट संगठन होता है। जो व्यक्ति के व्यवहार का सभी गुण होता है व्यक्तित्व को दूसरों पर अपना प्रभाव डाले बिना नहीं रह सकते।

इसलिए हम कह सकते हैं कि व्यक्तित्व किसी भी व्यक्ति के अंदर उसके लक्षण उसकी योग्यताएं उसकी रुचियां उसके मूल्य उसके प्रेरक उसकी अभिवृत्ति से भी उसकी स्वाभाविक लक्षण है। किसी व्यक्ति के अंदर उसका व्यक्तित्व उसका स्वभाव होता है। उसका भाव होता है, उसकी दशाएं व्यक्ति का क्या गुण है क्या आचरण है। कैसी नैतिकता और मानवीय विचार हैं। यह सभी किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

व्यक्तित्व का अर्थ

विभिन्न मनोवैज्ञानिकों के दृष्टिकोण के आधार पर व्यक्तित्व को अर्थ समझने का नीचे प्रयास करते हैं:-

सामान्य दृष्टिकोण से व्यक्तित्व का अर्थ

सामान्य दृष्टिकोण से अगर किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का अर्थ समझे तो उस व्यक्ति के प्रभाव और उसके गुणों का दूसरों के हृदय पर विजय पाने में सहायक होती है इसी कारण यह कहा जाता है कि व्यक्तित्व उत्तेजना एक मूल्य है जो एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के लिए रखता है इस प्रकार मनुष्य के व्यक्तित्व के पक्षों में उसकी शारीरिक पक्ष, बौद्धिक पक्ष, भावनात्मक पक्ष, सामाजिक पक्ष, तुलनात्मक पक्ष और उसके नैतिक विचार सभी सम्मिलित होते हैं।

समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से व्यक्तित्व का अर्थ

समाज के दृष्टिकोण से किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके समाज में किए जाने वाले विचार समाज के प्रति उसका क्या विचार है समाज भी उसका क्या कोई महत्वपूर्ण स्थान है, समाज में उसका क्या प्रभाव पड़ेगा इस पर निर्भर करता है। किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व वैसा होना चाहिए जो कि समाज में एक अच्छे विचार का प्रभाव पड़े।

क्योंकि हर व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के व्यक्तित्व से प्रभावित होता है इसीलिए सामाजिक दृष्टिकोण से किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व समाज के लिए अति महत्वपूर्ण है ताकि समाज में एक अच्छी और संस्कृतिक विचार का फैलाव हो। मनोवैज्ञानिक फारिस के अनुसार “व्यक्तित्व संस्कृति का वैयक्तिक पक्ष है”।

दार्शनिक दृष्टिकोण से व्यक्तित्व का अर्थ

दार्शनिक दृष्टिकोण से किसी व्यक्तित्व का अस्तित्व उसके आत्मज्ञान से होता है। व्यक्ति का व्यक्तित्व उसकी पूर्णता का प्रतीक होता है। व्यक्ति की पूर्णता उसके आदर्श होते हैं और जिससे उस व्यक्ति का आदर्श व्यक्तित्व प्रदर्शित होता है।

मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से व्यक्तित्व का अर्थ

मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके वातावरण और उसके वंशानुक्रम के आधार पर होता है।

मनोवैज्ञानिक मटन के अनुसार: व्यक्तित्व व्यक्ति के जन्मजात तथा अर्जित स्वभाव मूल प्रवृत्तियों भावनाएं तथा इच्छाओं आदि का समुदाय है” इससे साबित होता है कि किसी व्यक्तित्व का संबंध उस व्यक्ति के आसपास के माहौल उसका स्वभाव उसके ज्ञान अर्जित करने की कोशिश उसकी सोचने की शक्ति उसकी इच्छाएं उसकी कामनाएं और उसे जन्मजात जो स्वभाव मिला हो इन सभी के समुदाय का प्रभाव किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व होता है। ऐसा मान सकते हैं कि किसी व्यक्ति का व्यवहार का पूरा सार अगर समझना है, तो उसके व्यक्तित्व को समझाइए तो उस व्यक्ति को समझ जाइएगा।

मनोविश्लेषणात्मक दृष्टिकोण से व्यक्तित्व का अर्थ

मनोविश्लेषणात्मक दृष्टिकोण से व्यक्तित्व का अर्थ निकालने वाले जन्मदाता फ्रायड है जिन्होंने व्यक्तित्व को तीन भागों में बांटा है :- इदम्, अहम और परम अहम।

  • इदम्:- आपने चेतन मन की बारे में सुना ही होगा, चेतन मन में प्राकृतिक शक्तियांए स्थित होती है जो कि आपके अबोध या अज्ञान की अवस्था में मृत होती है। लेकिन जैसे ही इसे शीघ्र ही संतुष्टि मिलनी चाहिए ऐसा कहना है फ्राइड का इदम् के बारे में।
  • अहम:- अहम के बारे में मनोवैज्ञानिक फ्रायड कहते हैं। कि हम वह चेतन शक्ति होती है जिसमें आपके तर्क करने की शक्ति होती है आपकी बुद्धि की भी सकती सम्मिलित होती है इसका अर्थ है कि हमें आपका संबंध इदम् और अहम दोनों से हैं।
  • परम अहम:- मनोवैज्ञानिक फ्रायड परम अहम के बारे में कहा है कि व्यक्ति का अहम उसका आदर्श होता है। वह जिस नैतिकता के आधार पर अपने अहम की आलोचना करता है तथा उसे सही मार्ग दिखाता है। और उसे अच्छे और बुरे में फर्क करना भी बताता है।

मनोवैज्ञानिक युंग ने व्यक्तित्व को दो भागों में बांटा है:-

  • व्यक्तिगत अज्ञात मन और
  • सामूहिक अज्ञात मन

1.व्यक्तिगत अज्ञात मन:- मनोवैज्ञानिक युंग के अनुसार व्यक्तित्व अज्ञात मन व्यक्ति के उस मन की भाव होती है। जहां पर व्यक्ति अपने मन के नहीं कर पाती है। जहां पर व्यक्ति को हर इच्छाओं को दबाना पड़ता है। जैसे कि किसी व्यक्ति ने अपने मन में दबाए हुए हैं या फिर कोई दुख जो व्यक्ति के मन में संचित है साथ ही साथ उसके वह अनुभव, जो किसके लिए बहुत ही दर्दनाक है, जिसे धीरे-धीरे समय के साथ भुला भी देता है, लेकिन फिर भी उसके कुछ यादगार चिन्ह उसके मन में अभी भी बने हुए हैं, तो व्यक्ति के उस भाग को व्यक्ति के अज्ञात मन के रूप में युग ने व्यक्त किया है।

2. सामूहिक अज्ञात मन:- मनोवैज्ञानिकों के अनुसार सामूहिक अज्ञात मन में व्यक्ति के जातीय गुण समाविष्ट होते हैं। यह व्यक्ति के जातीय अर्थात उसके जो पूर्वज हैं उसके जो माता-पिता के गुणों से आए हैं या फिर भगवान के द्वारा हर व्यक्ति को जो एक विशेष गुण दिया जाता है। एक विशेषता दी जाती है उसे सम्मिलित किया गया है।

व्यक्तित्व की परिभाषाएं

विभिन्न शिक्ष- शास्त्रियों ने और मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्तित्व के संबंध में अनेक परिभाषाएं दिए हैं जो कि निम्नलिखित हैं:-

1.मार्नट प्रिंस (Morrain Prince) के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा

मार्नट प्रिंस के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा यह है कि “व्यक्तित्व समस्त शारीरिक और अर्जित वृत्तियों का योग होता है”।

“Personality is the sum total of all physical and acquired tendencies”.

2. वाट्सन (Watson) के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा

वाट्सन के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा यह है कि “हम जो कुछ भी करते हैं वही हमारा व्यक्तित्व होता है”।

“Whatever we do is our personality”.

3. बिग एवं हण्ट (Bigge and Hunt) के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा

बिग एवं हण्ट के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा यह है कि “व्यक्तित्व एक व्यक्ति का संपूर्ण व्यवहार प्रतिमान और उसकी विशेषताओं के योग का उल्लेख करता है”।

“Personality refers to the sum total of an individual’s overall behavioral pattern and his/her characteristics”.

4. परविन (Pervin 1971) के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा

परविन के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा में उन्होंने 1971 में दी थी, उन्होंने कहा था कि “व्यक्तित्व किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के उस रचनात्मक और गुणात्मक गुणों का प्रतिनिधित्व करता है, जो किसी विशेष परिस्थितियों के प्रति विशिष्ट प्रतिक्रियाएं द्वारा परिलक्षित होते हैं।”

“Personality represents that creative and qualitative qualities of a person or persons that are reflected by specific responses to particular situations”.

आइजनेक (HJ. Eysenek 1970) के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा

आइजनेक के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा उन्होंने 1970 में दी थी उन्होंने कहा कि “व्यक्ति की अभि प्रेरणात्मक व्यवस्थाओं का व्यक्तित्व सापेक्ष रूप से संगठन है जिसकी उत्पत्ति जैविक अन्तनोदो सामाजिक तथा भौतिक वातावरण की अंत क्रिया के फल स्वरुप होती है”।

“Personality is the relative organization of the motivational systems of the individual, which arise as a result of the interaction of biological interactions, social and physical environment”.

6. मे एवं हार्टशान (May and Hartshorn)  के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा

मे एवं हार्टशान के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा यह है कि “व्यक्तित्व किसी व्यक्ति का व्यास रूप वह स्वरूप है जो उसे प्रभावशाली बनाता है और दूसरों को भी प्रभावित करता है”।

“Personality is the form of a person that makes him influential and influences others too”.

7. एस. सी. वारेन (H.C. Warren) के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा

एस. सी. वारेन के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा यह है कि “व्यक्तित्व व्यक्ति के विकास की किसी व्यवस्था में होने वाला समग्र मानसिक संगठन है”।

“Personality is the overall mental organization of the individual in any system of development”.

8. गुथरी (Guthrie 1944) के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा

गुथरी के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा यह है कि “सामाजिक महत्व की उन आदतों तथा आदत संस्थानों के रूप में की जा सकती है, जो की स्थिति तथा परिवर्तन के अवरोध वाली होती है”।

“Those habits and habits of social importance can be characterized as institutions which are of condition and of resistance to change”.

9. आलपोर्ट (Alport) के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा

आलपोर्ट के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा यह है कि “व्यक्तित्व व्यक्ति की भीतर के उन मनोज गुणों का गत्यात्मक मनो दैहिक संगठन है जो परिवेश के प्रति होने वाले उनके अपूर्व अभी योजनाओं का निर्णय करते हैं”।

“Personality is the dynamic psycho-physical organization of those qualities within a person that decide their unique plans for the environment”.

10. डैशील (Daisheel) के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा

डैशील के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा यह है कि “व्यक्तित्व व्यक्ति की संपूर्ण प्रतिक्रियाओं एवं प्रतिक्रिया आत्मक प्रतिक्रिया त्मक संभावनाओं का संस्थान है जैसा कि उसके परिवेश में जो सामाजिक प्राणी है उसके द्वारा आंका जाता है यह व्यक्ति के व्यवहार का एक समायोजित संकलन है जो व्यक्ति अपने सामाजिक व्यवस्थापन के लिए करता है”।

“Personality is the body of the individual’s total reactions and reactions, subjective reflexive possibilities, as judged by the social beings in his environment, it is an adjusted collection of the behavior of the individual towards his social setting.”

11. मन एन. एल. (Mann N.L.) के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा

मन एन. एल. के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा यह है कि “एक व्यक्ति के गठन व्यवहार के तरीकों सूफियों दृष्टिकोण ओ क्षमताओं और तरीकों का सबसे विशिष्ट संगठन है”।

“Methods of Behavior Formation of a Person Sufi’s approach is the most distinctive organization of abilities and methods”.

12. रैक्स (Rex) के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा

रैक्स के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा यह है कि “व्यक्तित्व समाज द्वारा मान्य तथा अमान्य गुणों का संगठन है”।

“Personality is the organization of qualities recognized and rejected by society”.

13. वारेन (Warren) के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा

वारेन के अनुसार व्यक्तित्व की परिभाषा यह है कि “व्यक्तित्व किसी व्यक्ति का संपूर्ण मानसिक संगठन है जो उसके विकास की किसी भी अवस्था में होती है”।

“Personality is the whole mental organization of a person at any stage of his development”.

उपयुक्त सभी परिभाषाओं से हमें यह स्पष्ट होता है कि व्यक्तित्व किसी भी व्यक्ति को क्रियाशील बनाती है, उसके व्यवहार व्यवस्थित करने में उसे मदद करती है और किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके वंशानुक्रम और वातावरण के महत्व की ओर विशेष ध्यान आकर्षित करती है।

उपयुक्त परिभाषाओं से हमें यह ज्ञान प्राप्त होता है कि किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व एक जटिल धारणा है जो कि मनुष्य को उसके आंतरिक और बाहरी गुणों का समावेश करती है। व्यक्ति के व्यवहार में जो कुछ भी परिवर्तन होता है या फिर जो भी उसके आदर्श व्यक्तित्व होते हैं। यह सभी उसके व्यक्तित्व का प्रतीक होता है।

अगर हम इन सभी परिभाषाओं को ध्यान से पढ़े तो हम इस निष्कर्ष पर पहुंचेंगे की व्यक्तित्व को परिभाषा करना कभी भी संभव नहीं है। परिभाषाबद्ध व्यक्तित्व गतिशील होती है वह हमेशा परिवर्तित होती रहती है।

किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व वह नहीं जो उसे बाहर से दिखाई देता है। किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके बाहरी और अंतर दोनों गुणों का सम्मिलित स्वरूप होता है।

“दूसरे शब्दों” में कहा जाए तो किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके शारीरिक संख्यात्मक दोनों गुणों का सम्मिलित स्वरूप है परंतु इसमें अधिकांश और विशेष गुण प्रभावोत्पादक संज्ञानात्मक गुण, स्थाई भाव, अभिवृतिया, मानसिक ग्रंथियां तथा अचेतन मनोरचनाएं रचनाएं रुचियां विचार सभी सम्मिलित होती है।

व्यक्तित्व के पहलू

विभिन्न मनोवैज्ञानिक और शिक्षा- शास्त्री ने व्यक्तित्व के पहलू पर अपने विचार व्यक्त किए हैं, मनोवैज्ञानिक गैरिसन तथा अन्य के विचार नीचे जानेंगे:-

  • क्रियात्मक पहलू (Action aspect):- मनोवैज्ञानिक गैरिसन के अनुसार क्रियात्मक पहलू किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व के उस पहलू से संबंध रखता है जिसमें व्यक्ति की क्रियाएं सम्मिलित होती है। इन क्रियाओं में व्यक्ति की भावुकता शांति मानसिक श्रेष्ठ का लोकप्रियता आदि को सम्मिलित किया जाता है।
  • सामाजिक पहलू (Social aspect):- मनोवैज्ञानिक गैरिसन के अनुसार किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का सामाजिक पहलू वह पहलू होता है जिसमें व्यक्ति समाज में क्या कार्य करता है समाज में दूसरों पर उसका क्या प्रभाव पड़ता है इन सभी महत्वपूर्ण बातों को सम्मिलित किया जाता है सामाजिक पहलू किसी भी व्यक्ति के लिए अति आवश्यक है क्योंकि हर व्यक्ति का समाज में अपना अलग-अलग प्रभाव पड़ता है और वह दूसरों व्यक्ति को भी उसके व्यक्तित्व बनाने में प्रभाव को डालता है।
  • कारण संबंधी पहलू (Cause aspect):- मनोवैज्ञानिक गैरिसन के अनुसार कारण संबंधी पहलू किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में उस पहलू का संबंध होता है जो कि व्यक्ति के सामाजिक या सामाजिक कार्यों के कारण और उसके कार्यों के प्रति लोगों की क्या प्रतिक्रिया होती है इन सभी बातों को सम्मिलित किया जाता है यदि किसी व्यक्ति का कार्य उसके समाज में अच्छा होता है जो लोग उन्हें पसंद करते हैं या फिर लोग उन्हें पसंद नहीं करते हैं इन सभी का संबंध कारण संबंधी पहलू में रखा गया है।
  • अन्य पहलू (Other aspect):- अन्य पहलू के संबंध में मनोवैज्ञानिक गैरिसन कहते हैं कि व्यक्तित्व के अन्य पहलुओं वह पहलू होते हैं जो दूसरों पर हमारा प्रभाव हमारे जीवन में होने वाली बातें और घटनाओं का हम पर क्या प्रभाव पड़ता है हमारे क्या गंभीर विचार होते हैं क्या भावनाएं होती है हमारी क्या रूचि होती है हमारी क्या इच्छाएं होती है हम अपने जीवन में क्या करना चाहते हैं और हमारी किए गए कार्यों का दूसरों पर क्या प्रभाव पड़ता है इन सभी विशेष बातों को अन्य पहलू में सम्मिलित किया गया है।

इन सभी पहलुओं को देखकर हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि मनोवैज्ञानिक गैरिसन तथा अन्य ने लिखा है कि यह सभी पहलू अत्यधिक महत्वपूर्ण है। किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में इनमें से कोई एक या सम्मिलित सभी पहलू किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का पूर्ण वर्णन नहीं कर पाते हैं। व्यक्तित्व इन सब का और इन सबसे अधिक का योग होता है। क्योंकि किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसका संपूर्ण व्यक्ति होता है।

यह सभी पहलुओं व्यक्ति के सिर्फ विभिन्न गुणों और पक्षों पर प्रकाश डाल रहा है यह पक्ष व्यक्ति के संगठनात्मक स्वरूप पर प्रकाश डालते हैं।

इसलिए दूसरे मनोवैज्ञानिक बीसेन्ज एंव बीसेन्ज के शब्दों में “व्यक्तित्व मनुष्य की आदतों दृष्टिकोण तथा विशेषताओं का संगठन होता है यह जीव शास्त्रीय सामाजिक तथा सांस्कृतिक कार्य के संयुक्त कार्यों द्वारा उत्पन्न होता है”।

“Personality is the organization of man’s habits, attitudes and characteristics that arise from the combined action of biological, classical social and cultural work”.

व्यक्तित्व के विकास को प्रभावित करने वाले कारक

मनोवैज्ञानिक रैक्स एंड नाइट के अनुसार मनोविज्ञान का संबंध व्यक्तित्व के विकास को प्रभावित करने वाले कारकों से भी है इनमें से कुछ कारक शारीरिक रचना संबंधी और कुछ जन्मजात और दूसरा पर्यावरण से संबंधित है।

इस प्रकार व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारक कुछ इस प्रकार हैं:-

  • वंशानुक्रम जैविक कारक
  • शारीरिक रचना
  • मानसिक योग्यता
  • दैहिक प्रप्रवृत्तियों
  • भौतिक वातावरण
  • सामाजिक वातावरण
  • सांस्कृतिक वातावरण
  • विशिष्ट रूचियां
  • अन्य कारकों का प्रभाव व्यक्तिव के विकास पर पूरा पड़ता है।

व्यक्तित्व के प्रकार

विभिन्न विभिन्न मनोवैज्ञानिक और विभिन्न विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने अपने विचार के अनुसार व्यक्तित्व को अलग-अलग प्रकार में बांटा है जो कि निम्न प्रकार से है:-

  • केश्मर (Kreschmer) के अनुसार व्यक्तित्व को चार प्रकार में बैठे हैं जिसे केसर का व्यक्तित्व वर्गीकरण कहा जाता है।
  • शेल्डन के अनुसार व्यक्तित्व को तीन प्रकार में बांटा है जिसे शेल्डन का व्यक्तित्व वर्गीकरण कहा जाता है।
  • विलियम जेम्स के व्यक्तित्व को दो प्रकार में बांटा हैजिसे विलियम जेम्स का व्यक्तित्व वर्गीकरण कहा जाता है।
  • न्यूमैन तथा स्टर्न ने व्यक्तित्व को दो भागों में बांटा है जिसे न्यूमैन तथा स्टंट का व्यक्तित्व वर्गीकरण कहा जाता है।
  • शैल्डन ने शारीरिक गुणों के आधार पर व्यक्तित्व को तीन भागों में बांटा है जिससे सदन का व्यक्तित्व वर्गीकरण कहा जाता है।
  • मनोविश्लेषण वादी युंग ने व्यक्तित्व को दो भागों में बांटा है जिससे युग का व्यक्तित्व वर्गीकरण कहा जाता है इन सभी वर्गीकरण को आप व्यक्तित्व के वर्गीकरण में पढ़ सकते हैं।

व्यक्तित्व निर्धारण

किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व (Personality) निर्धारण उसके अंत: और बाहरी दोनों चरणों का समायोजन होता है उसके जन्मजात तथा अर्जित शिक्षाओं उसकी आदतें उसके विचार उसके भाव उसके आदर्श उसके जीवन के मूल्य इन सभी मुख्य बातों को मिलाकर किसी व्यक्ति का एक विशेष स्थाई भाव या आदर्श स्वभाव का जन्म होता है जो कि किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व का आधार होता है।

किसी भी व्यक्ति के विकास के लिए उसका व्यक्तित्व सबसे महत्वपूर्ण योगदान देता है और इसे निर्धारित करना एक समस्या की तरह होती है प्रत्येक देश की संस्कृति अलग अलग होती है उसके साधन भी अलग-अलग होते हैं और उसके व्यक्तित्व मापन की रूचि भी अलग-अलग होती है आजकल कपाल विद्या मुख के लक्षण आकार के आधार पर और हस्तरेखा आदि साधनों के द्वारा मानव के व्यक्तित्व को मापा जा रहा है।

आधुनिक समय में किसी व्यक्ति का संपूर्ण व्यक्तित्व का मूल्यांकन करना आवश्यक मान्य नहीं होगा बल्कि किसी प्रयोजन हेतु व्यक्ति का मापन आवश्यक समझा जाएगा उदाहरण के तौर पर समझे तो किसी कार्यालय में कर्मचारी वर्ग के मनोवैज्ञानिक ऐसे व्यक्तित्व (Personality) के गुण को अच्छे विक्रेता बनने में सहायक करते हैं फल स्वरुप व्यक्तित्व (Personality) निर्धारण की विभिन्न गतिविधियां अलग-अलग नियोजन में प्रयोग की जाती है।

हम सभी जानते हैं कि एक व्यक्ति एक सामाजिक प्राणी होता है। वह अपने अंत समय तक किसी समाज में ही रहना चाहता है और वह सबसे अधिक खुश उस समय दिखाई देता है जब वह स्वयं के मन के अनुसार कार्य करें या अपने रूचि के अनुसार काम करें या फिर उसे अपने मन के अनुसार इच्छाओं की पूर्ति हो इन सभी समूह को वह प्राप्त कर ले तो वह व्यक्ति सबसे ज्यादा खुश होता है इस व्यवहारिक गतिशीलता का नाम ही समायोजन होता है जब व्यक्ति पसन्न नहीं दिखाई देता है तो वह उसके व्यवहार का कुसमायोजन होता है।

  • सपनों का मतलब और उनका फल
  • सोशल मीडिया क्या है? इसके प्रकार, फायदे और नुकसान
  • आयुर्वेद का इतिहास और महत्व

Rahul Singh Tanwar

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व्यक्तित्व | Essay on Personality in Hindi

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Essay on Personality in Hindi

व्यक्तित्व एक स्थिर अवस्था है जो हर एक व्यक्ति की अलग-अलग होती है। व्यक्तित्व पर परिवेश का काफी प्रभाव पड़ता है जिस कारण बदलाव आ सकते हैं। किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके आचार, विचार , व्यवहार , क्रियाएं और गतिविधियों से दिखता है। किसी भी व्यक्ति का व्यवहार उसके वातावरण या परिवेश में समायोजन करने के लिए होता है। कई लोग किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का अनुमान उसके बाह्य रूप से निकालते हैं। पर किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व को उसके गुणों से समझा जा सकता है। किसी भी इंसान का व्यक्तित्व जल्द से जल्द बदला नहीं जा सकता क्योंकि व्यक्तित्व को निखारने और आकार देने में कई साल लग जाते हैं, अगर आपका व्यक्तित्व अच्छा हो तो आज की इस कंपटीशन के जमाने में आपका कैरियर सफल बनेगा। इस दुनिया का हर एक व्यक्ति व्यक्तित्व का विशेष महत्व रखता है। कहा जाता है कि इंसान की सूरत कैसी भी हो पर सीरत अच्छी होनी चाहिए क्योंकि कोई भी काम सूरत से नहीं होता सीरत से होता है, कोई भी व्यक्ति अपने व्यक्तित्व से पहचाना जाता है यदि वह लाखों करोड़ों की भीड़ में भी हो तभी निराली व्यक्तित्व के कारण पहचाना जाता है। आपका व्यक्तित्व अगर सकारात्मक है तो आप प्रशंसा के पात्र होते हैं और अगर आपका व्यक्तित्व नकारात्मक है तो आप अपमान के पात्र होते हैं। किसी भी व्यक्ति को अपना अच्छा व्यक्तित्व बनाना है तो उसमें काफी सारे गुण होने चाहिए जैसे ज्ञान, गंभीरता, प्रस्तुतीकरण, अभिव्यक्ति, सहनशीलता आदि। आपका व्यक्तित्व आपके काम पर काफी प्रभाव गिराता है। जैसे आप अगर एक नेता है और आपका व्यक्तित्व अच्छा है तो आपको सभी वोट दे देंगे। आप अगर एक व्यापारी है और आपका व्यक्तित्व अच्छा है तो आपके व्यापार पर इसका काफी प्रभाव पड़ेगा, आपकी उन्नति होती रहेगी। व्यक्तित्व में बाह्य रूप का भी कई जगह पर विचार किया जाता है। जैसे फिल्मी जगत में आपके बाह्य रूप को पहले पसंद किया जाता है और बाद में आपके किरदार को पसंद किया जाता है। इससे किसी भी क्षेत्र में आपके व्यक्तित्व को बहुत महत्व दिया जाता है।

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Personality Development In Hindi : पर्सनालिटी डेवलपमेंट करना चाहते हैं तो जान लें ये टिप्स

Table of Contents

पर्सनालिटी डेवलपमेंट करना चाहते हैं तो जान लें ये टिप्स

व्यक्तित्व विकास हिंदी में.

Personality Development In Hindi : व्यक्तित्व विकास व्यक्तिगत विकास और आत्म-सुधार का एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसमें कई कारक शामिल हैं जो किसी व्यक्ति के चरित्र, व्यवहार और समग्र व्यक्तित्व को आकार देने में योगदान करते हैं। हिंदी भाषी दुनिया में, व्यक्तित्व विकास को महत्वपूर्ण महत्व मिल गया है क्योंकि लोग जीवन के विभिन्न पहलुओं में सफलता प्राप्त करने के लिए अपने कौशल और क्षमताओं को बढ़ाने का प्रयास करते हैं। यह लेख हिंदी में व्यक्तित्व विकास के प्रमुख पहलुओं की पड़ताल करता है, व्यक्तिगत विकास चाहने वाले व्यक्तियों के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि और व्यावहारिक सुझाव प्रदान करता है।

Personality Development In Hindi का परिचय

व्यक्तित्व विकास से तात्पर्य स्वयं का बेहतर संस्करण बनने के लिए किसी के गुणों, व्यवहार और दृष्टिकोण को सुधारने और परिष्कृत करने की प्रक्रिया से है। इसमें संचार, आत्मविश्वास, भावनात्मक बुद्धिमत्ता , नेतृत्व और बहुत कुछ जैसे विभिन्न कौशल विकसित करने का सचेत प्रयास शामिल है। हिंदी भाषी समुदाय में, व्यक्तित्व विकास का अत्यधिक महत्व है क्योंकि व्यक्ति अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं।

व्यक्तित्व विकास के महत्व को समझना

Personality Development In Hindi सफलता प्राप्त करने और एक पूर्ण जीवन जीने में व्यक्तित्व विकास महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह व्यक्तियों को करियर विकास, रिश्ते बनाने और व्यक्तिगत कल्याण सहित विभिन्न पहलुओं में मदद करता है। एक अच्छी तरह से विकसित व्यक्तित्व प्रभावी संचार को सक्षम बनाता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है और समग्र आत्म-सम्मान को बढ़ाता है। यह चुनौतियों पर काबू पाने, तनाव से निपटने और बदलती परिस्थितियों के अनुकूल ढलने में भी सहायता करता है।

आत्म-जागरूकता और आत्म-चिंतन

आत्म-जागरूकता व्यक्तित्व विकास की नींव है। इसमें किसी की ताकत, कमजोरियों, मूल्यों और विश्वासों को समझना शामिल है। आत्म-सुधार की यात्रा शुरू करने के लिए, व्यक्तियों को आत्म-चिंतन और आत्मनिरीक्षण में संलग्न होना चाहिए। यह प्रक्रिया उन क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करती है जिनमें विकास की आवश्यकता है और तदनुसार व्यक्तिगत लक्ष्य निर्धारित करने में मदद मिलती है।

प्रभावी संचार कौशल का निर्माण

Personality Development In Hindi व्यक्तिगत और व्यावसायिक सफलता के लिए प्रभावी संचार आवश्यक है। हिंदी में मजबूत संचार कौशल विकसित करने में मौखिक और गैर-मौखिक संचार में सुधार करना, सक्रिय रूप से सुनना और विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करना शामिल है। यह व्यक्तियों को दूसरों से जुड़ने, संबंध बनाने और अपने विचारों को प्रभावी ढंग से व्यक्त करने की अनुमति देता है।

आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान बढ़ाना

व्यक्तित्व विकास के लिए आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान महत्वपूर्ण हैं। हिंदी भाषी व्यक्ति छोटे-छोटे प्राप्य लक्ष्य निर्धारित करके, उपलब्धियों का जश्न मनाकर और अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलकर अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं। सकारात्मक आत्म-चर्चा और आत्म-पुष्टि भी आत्म-सम्मान को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

सकारात्मक दृष्टिकोण एवं मानसिकता का विकास करना

Personality Development In Hindi एक सकारात्मक दृष्टिकोण और मानसिकता व्यक्तिगत विकास और सफलता में योगदान करती है। सकारात्मकता विकसित करने में स्थितियों के अच्छे पक्ष पर ध्यान केंद्रित करना, नकारात्मक विचारों को फिर से परिभाषित करना और कृतज्ञता का अभ्यास करना शामिल है। हिंदी संदर्भ में, सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने से आशावाद और लचीलापन आता है, जिससे व्यक्ति बाधाओं को दूर करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होता है।

भावनात्मक बुद्धिमत्ता और पारस्परिक कौशल

Personality Development In Hindi भावनात्मक बुद्धिमत्ता में किसी की भावनाओं और दूसरों की भावनाओं को पहचानने, समझने और प्रबंधित करने की क्षमता शामिल होती है। हिंदी में भावनात्मक बुद्धिमत्ता विकसित करने में दूसरों के साथ सहानुभूति रखना, संघर्षों को शांतिपूर्वक हल करना और मजबूत पारस्परिक संबंध बनाना शामिल है। यह संचार, टीम वर्क और नेतृत्व कौशल को बढ़ाता है

सतत सीखना और व्यक्तिगत विकास

Personality Development In Hindi : निरंतर सीखना व्यक्तित्व विकास का एक महत्वपूर्ण पहलू है। हिंदी भाषी व्यक्ति नया ज्ञान प्राप्त करके, नए कौशल प्राप्त करके और उद्योग के रुझानों के साथ अद्यतन रहकर आजीवन सीखने को अपना सकते हैं। व्यक्तिगत विकास के अवसरों में संलग्न होना, जैसे किताबें पढ़ना, कार्यशालाओं में भाग लेना और ऑनलाइन पाठ्यक्रम लेना, बौद्धिक विकास को बढ़ावा देता है और समग्र व्यक्तित्व को बढ़ाता है।

डर पर काबू पाना और लचीलापन विकसित करना

डर व्यक्तिगत विकास और प्रगति में बाधा बन सकता है। डर पर काबू पाने के लिए व्यक्ति को अपने आरामदायक क्षेत्र से बाहर निकलने और परिकलित जोखिम लेने की आवश्यकता होती है। हिंदी भाषी व्यक्ति असफलताओं को सीखने के अवसरों के रूप में परिभाषित करके, गुरुओं या प्रशिक्षकों से समर्थन मांगकर और सकारात्मक मानसिकता विकसित करके लचीलापन विकसित कर सकते हैं। लचीलापन का निर्माण व्यक्तियों को असफलताओं से उबरने और आत्मविश्वास के साथ चुनौतियों का सामना करने के लिए सशक्त बनाता है।

समय प्रबंधन एवं लक्ष्य निर्धारण

Personality Development In Hindi व्यक्तिगत और व्यावसायिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए आयु निर्धारण और लक्ष्य निर्धारण आवश्यक है। हिंदी भाषी व्यक्ति कार्यों को प्राथमिकता देकर, यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करके और उन्हें कार्रवाई योग्य चरणों में विभाजित करके अपनी उत्पादकता बढ़ा सकते हैं। पोमोडोरो तकनीक जैसी समय प्रबंधन तकनीकों को अपनाने या शेड्यूल बनाने से उत्पादकता को अधिकतम करने और कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।

नेतृत्व कौशल का निर्माण

Personality Development In Hindi नेतृत्व कौशल व्यक्तिगत विकास और करियर में उन्नति के लिए मूल्यवान हैं। हिंदी भाषी समुदाय में नेतृत्व के गुणों को विकसित करने में प्रभावी निर्णय लेना, दूसरों को प्रेरित करना और प्रेरित करना और टीम वर्क को बढ़ावा देना शामिल है। नेतृत्व की भूमिकाओं में संलग्न होना, स्वयंसेवा करना, या समूह गतिविधियों में भाग लेना नेतृत्व कौशल को निखारने और एक मजबूत व्यक्तित्व विकसित करने के अवसर प्रदान करता है।

तनाव प्रबंधन और आत्म-देखभाल

Personality Development In Hindi समग्र कल्याण को बनाए रखने के लिए तनाव का प्रबंधन और आत्म-देखभाल को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है। हिंदी भाषी व्यक्ति विभिन्न तनाव प्रबंधन तकनीकों को अपना सकते हैं, जैसे ध्यान, योग, या शौक में संलग्न होना। व्यायाम, उचित पोषण और पर्याप्त आराम के माध्यम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना एक संतुलित व्यक्तित्व में योगदान देता है और चुनौतियों का सामना करने में लचीलापन बढ़ाता है।

स्वस्थ संबंधों का पोषण

स्वस्थ रिश्ते व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हिंदी भाषी व्यक्ति सक्रिय रूप से सुनने, सहानुभूति दिखाने और खुले और ईमानदार संचार को बनाए रखकर रिश्तों का पोषण कर सकते हैं। परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के साथ मजबूत संबंध बनाने से एक सहायक वातावरण को बढ़ावा मिलता है और व्यक्तिगत विकास में योगदान मिलता है।

विकास की मानसिकता विकसित करना

Personality Development In Hindi निरंतर सीखने और विकास के लिए विकास मानसिकता आवश्यक है। हिंदी भाषी व्यक्ति चुनौतियों को स्वीकार करके, असफलताओं को विकास के अवसर के रूप में देखकर और सीखने और सुधार करने की अपनी क्षमता पर विश्वास करके विकास की मानसिकता विकसित कर सकते हैं। विकास की मानसिकता जिज्ञासा, लचीलापन और नई चुनौतियों का सामना करने की इच्छा को बढ़ावा देती

Personality Development In Hindi : हिंदी भाषी समुदाय में व्यक्तित्व विकास आत्म-खोज, विकास और निरंतर सुधार की यात्रा है। आत्म-जागरूकता, प्रभावी संचार, आत्मविश्वास निर्माण और इस लेख में चर्चा किए गए विभिन्न अन्य पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करके, व्यक्ति अपनी वास्तविक क्षमता को उजागर कर सकते हैं और एक पूर्ण जीवन जी सकते हैं। व्यक्तिगत विकास के अवसरों को अपनाना, रिश्तों का पोषण करना और सकारात्मक मानसिकता अपनाना एक मजबूत और गतिशील व्यक्तित्व को आकार देने के लिए महत्वपूर्ण तत्व हैं।

har kunji ki ek ki chabi हर कुंजी की एक ही चाबी

Personality Development In Hindi ज्ञान हासील करना इस बात से ज्यादा

महत्वपूर्ण है कि उसे किसी

तरिके हासील किया गया ,|

जीवन मे आगे बढ़ने के लिये ओर प्रति स्पर्धी के दौर में आगे रहने के लिये कई चीजों की जरुरत पड़ती है।

ज्ञान भी उनमे से एक है। सही कहा है की शरीर ओर गरिमा ईशर , तहजीब ओर शिष्टाचार अभिभावक तथा शिक्षक देते है।

लेकिन ज्ञान खुद को हासिल करना पड़ता है ओर यह आप दिन प्रतिदिन की दिनर्चया से प्राप्त कर सकते है ” |

Personality Development In Hindi ज्ञान कई रास्तो से आता है | सोचना गलत है की केवल पढ़े लिखे लोगो के पास ही ज्ञान होता है |

किसी ने सही कहा है की सभी साक्षर शिक्षित नहीं होते ओर न सभी शिक्षित साक्षर होते है |

यह भी सही है की ज्ञान मुख रूप से आँखों से देखने पढ़ने ओर घटनाओ से हासिल किया जाता है |

लेकिन अन्य सवेंदी अंग जैसे स्पर्श ओर सुनना भी ज्ञान हासिल करने की प्रकिया में सहायक होते है , क्योंकि दोनों इस प्रकिया में शामिल होते है |

इन सब चीजों से ज्यादा जरुरी बात सही सोच है |

Personality Development In Hindi संत ने सही कहा है की सभी ज्ञान हासिल करना चाहते है. लेकिन कुछ ही लोग इसकी कीमत देने की इच्छा रखते है |

किसी मुद्दे के बारे में जानकारी होना लाभदायक होता है | ऑफिस के मोर्चे पर इससे रोजमर्रा के कामो में आसानी होती है , तनाव कम होता है तथा काम ओर आसान हो जाता है | सामाजिक मोर्चे पर किसी मुद्दे पर चल रही चर्चा में भाग लेने ओर अपनी व्यक्त करने वाला व्यक्ति ऊँचा स्थान हासिल करता है ओर उसके साथी तथा सहयोगी उसे सम्मान की नजरो से देखते है इस संदर्भ में जेरसन ने कहा था ज्ञान ताकत है – ज्ञान सुरक्षा है – ओर ज्ञान ख़ुशी है |

ज्ञान के बारे में कई पहलू ओर सच्चाईया है। उनमे से कुछ इस प्रकार है :

यह सबसे बड़ी संपत्ति है | इसे चोर चुरा नहीं सकता ओर दुसरो को देने के बाद भी यह आपके पास बरकरार रहती है जो चीज अछि है उसके बारे में जानकारी हासिल करना मुश्किल है आप एक चीज के बारे में ज्ञान हासिल कर दस चीजों के बारे सकते है यह छलांग लगाकर नहीं ,

बल्कि कदम दर कदम हासिल किया जाता है यह आपके दर को दूर करता है ओर सबसे बड़ी बात ज्ञान में निवेश करना सबसे फायदेमंद सौदा है |

Personality development is an essential aspect of a person’s growth and success in life. It encompasses various characteristics and traits that make individuals unique and influential in their fields. Personality development in Hindi language, especially in the Indian context, holds great importance as it connects people culturally and emotionally. This essay will discuss the significance and methods of personality development in Hindi.

To begin with, personality development in Hindi helps individuals to connect deeply with their roots and culture. Hindi is the national language of India and is widely spoken and understood by the majority of the population. When individuals engage in personality development activities in Hindi, they not only enhance their linguistic skills but also develop a stronger sense of identity and belongingness.

Moreover, personality development in Hindi helps in effective communication. Language plays a crucial role in expressing thoughts, ideas, and emotions. When individuals have a strong command of Hindi, they can convey their message more clearly and convincingly. It helps in building rapport, maintaining healthy relationships, and impressing others with effective communication skills.

In addition, personality development in Hindi helps in developing confidence. When individuals are fluent in Hindi, they can speak confidently and express themselves without hesitation. Confidence is a key factor in personality development as it enables individuals to take risks, face challenges, and explore new opportunities. Hindi language skills contribute significantly to building self-assurance.

Furthermore, personality development in Hindi promotes leadership and influence. When individuals possess excellent Hindi language skills, they can connect with people from different regions and backgrounds. This ability gives them an advantage in leadership positions, where effective communication and influence are crucial.

In terms of methods, several strategies can be employed for personality development in Hindi. Firstly, individuals can engage in Hindi language learning courses or workshops. These programs provide structured guidance and practice in speaking, reading, and writing Hindi. They help individuals enhance their vocabulary, grammar, and pronunciation.

Secondly, individuals can participate in Hindi literature and art activities. Hindi poetry, literature, and drama are rich sources of learning and inspiration. Exploring and engaging with these mediums fosters creativity, critical thinking, and an appreciation for the Hindi language.

Thirdly, individuals can watch Hindi movies, listen to Hindi music, and read Hindi newspapers and books. These mediums expose individuals to the nuances of Hindi language and help them understand the cultural context in which it is spoken. They also improve listening skills and vocabulary.

Additionally, individuals can practice Hindi conversation skills by participating in Hindi-speaking clubs, language exchange programs, or even by conversing with friends and family members who are fluent in Hindi. Regular practice is essential to develop fluency and overcome any inhibitions or fears of speaking Hindi.

Overall, personality development in Hindi offers numerous benefits in terms of cultural connection, effective communication, confidence-building, leadership, and influence. By engaging in various methods such as language learning courses, literature, media consumption, and conversation practice, individuals can enhance their personality and excel in their personal and professional endeavors. Hindi language skills provide a strong foundation for an individual’s growth and development, and it should be celebrated and nurtured for a well-rounded personality.

It refers to the development of various traits, characteristics, and habits that shape a person’s behavior, thinking patterns, and emotions. In Hindi, the term “Vyaktitva Vikas” is often used to describe the process of personality development. It encompasses various aspects such as self-awareness, self-confidence, communication skills, emotional intelligence, and overall growth. In this essay, we will explore the importance of personality development in Hindi and how it can positively impact an individual’s life.

The Hindi language is not only a means of communication but also plays a significant role in shaping one’s personality. By learning Hindi, an individual becomes more connected to their cultural roots, enhancing their identity and sense of belonging. It enables them to express their thoughts, ideas, and emotions effectively, thus boosting their self-confidence and assertiveness. Moreover, speaking Hindi fluently can open up numerous opportunities for personal and professional growth, as it allows for better communication with a wider audience.

Personality development in Hindi also focuses on building self-awareness and understanding one’s strengths, weaknesses, and emotions. It facilitates introspection and self-reflection, leading to personal growth and self-improvement. By developing this awareness, individuals can identify areas for improvement and work towards enhancing their skills and capabilities. Hindi provides a medium to express one’s emotions and share personal experiences, which aids in developing emotional intelligence, empathy, and strong communication skills.

Besides self-awareness, personality development in Hindi also emphasizes the importance of effective communication. Good communication skills are essential in various domains, such as personal relationships, professional settings, and public speaking. Hindi as a medium of expression helps individuals to articulate their thoughts clearly, persuasively, and confidently. It enables better understanding, collaboration, and cooperation, thus enhancing interpersonal relationships and professional success.

Personality development in Hindi also aims to foster positive attitudes, values, and ethics. By imbibing Hindi literature, folk songs, and poetry, individuals are exposed to moral and ethical values embedded in these cultural aspects. Such exposure enhances their integrity, empathy, and respect for others. Hindi literature and scriptures also teach valuable lessons about perseverance, determination, and resilience, which are crucial for personal and professional success.

Hindi also contributes to the development of leadership skills and team-building abilities. It acquaints individuals with various Hindi literary works, biographies, and stories of great leaders and social reformers. They learn about their leadership qualities, vision, and contributions, which can inspire and motivate individuals to become leaders themselves. Moreover, by participating in group activities, debates, and discussions in Hindi, individuals develop teamwork, collaboration, negotiation, and conflict resolution skills.

Personality development in Hindi facilitates cultural understanding and promotes diversity and inclusivity. Hindi literature and movies portray a wide range of cultural, regional, and societal aspects, exposing individuals to different perspectives and traditions. This exposure fosters respect, appreciation, and tolerance towards diverse cultures, religions, and beliefs. It also helps individuals to understand and connect with people from different backgrounds, facilitating a harmonious coexistence in a multicultural society.

Furthermore, personality development in Hindi is not limited to linguistic skills but also extends to physical, mental, and emotional well-being. Hindi yoga and meditation techniques, such as pranayama and mindfulness, help individuals to cultivate mental calmness, concentration, and emotional stability. Hindi spiritual literature, such as the Bhagavad Gita and Upanishads, provides guidance on leading a purposeful and meaningful life. These practices and teachings contribute to overall personality development, creating a balance between mental, emotional, and physical aspects.

In conclusion, personality development in Hindi is an essential aspect of an individual’s growth and well-being. It encompasses various dimensions, including self-awareness, communication skills, emotional intelligence, cultural understanding, and physical and mental health. By embracing Hindi as a means of expression and understanding, individuals can enhance their confidence, communication abilities, and overall personality. Hindi literature, poetry, and cultural aspects provide valuable insights into ethics, values, leadership, and teamwork. Hence, personality development in Hindi not only strengthens language skills but also contributes to the holistic growth and development of an individual.

किसी के व्यक्तित्व को विकसित होने में कितना समय लगता है?

Personality Development In Hindi व्यक्तित्व विकास की अवधि हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है। यह एक सतत प्रक्रिया है जो जीवन भर चलती रहती है। निरंतर प्रयास और विकास की मानसिकता के साथ, व्यक्ति समय के साथ अपने व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव देख सकते हैं।

क्या व्यक्तित्व विकास करियर में उन्नति में मदद कर सकता है?

Personality Development In Hindi हां, व्यक्तित्व विकास करियर में उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह संचार कौशल को बढ़ाता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है और नेतृत्व गुणों को विकसित करता है, जो पेशेवर सेटिंग्स में मूल्यवान हैं। एक अच्छी तरह से विकसित व्यक्तित्व किसी के करियर में सफलता की संभावना को बढ़ा देता है।

क्या हिंदी में व्यक्तित्व विकास के लिए कोई विशिष्ट पाठ्यक्रम या कार्यक्रम हैं?

Personality Development In Hindi हां, हिंदी में ऐसे कई पाठ्यक्रम और कार्यक्रम उपलब्ध हैं जो व्यक्तित्व विकास पर ध्यान केंद्रित करते हैं। ये कार्यक्रम संचार कौशल, आत्म-सुधार, नेतृत्व और व्यक्तित्व विकास के अन्य पहलुओं पर मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। व्यक्तिगत विकास को बढ़ाने के लिए ऐसे पाठ्यक्रमों का पता लगाना फायदेमंद है।

मैं शर्मीलेपन पर कैसे काबू पा सकता हूँ और अपना आत्मविश्वास कैसे सुधार सकता हूँ?

Personality Development In Hindi शर्मीलेपन पर काबू पाने के लिए अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलने और धीरे-धीरे खुद को सामाजिक परिस्थितियों में उजागर करने की आवश्यकता होती है। सक्रिय रूप से सुनने का अभ्यास करें, बातचीत में शामिल हों और दूसरों के साथ बातचीत करने के अवसर तलाशें। आत्मविश्वास बनाने में समय लगता है, लेकिन इसे प्राप्त करने योग्य लक्ष्य निर्धारित करके, छोटी सफलताओं का जश्न मनाकर और नई चीजों को आजमाने के लिए खुद को चुनौती देकर हासिल किया जा सकता है।

क्या व्यक्तित्व विकास एक बार की प्रक्रिया है, या इसके लिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है?

Personality Development In Hindi व्यक्तित्व विकास एक सतत प्रक्रिया है जिसके लिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है। जैसे-जैसे व्यक्ति बड़े होते हैं और नए अनुभवों का सामना करते हैं, उन्हें अपने व्यक्तित्व के गुणों को अपनाना, सीखना और परिष्कृत करना चाहिए। किसी के व्यक्तित्व को बनाए रखने और सुधारने के लिए नियमित आत्म-चिंतन, नए कौशल सीखना और व्यक्तिगत विकास के अवसरों की तलाश करना आवश्यक है।

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भारत के प्रेरणा देने वाले टॉप 10 व्यक्तियों की कहानी – Successful Person In India In Hindi

Successful person in india in hindi, भारत के प्रेरणा देने वाले टॉप 10 व्यक्ति.

जिस प्रकार सूर्य की रौशनी (Sunlight) से सम्पूर्ण पृथ्वी (Earth) का अंधकार (Night) नष्ट हो जाता है और सम्पूर्ण जगत ( Whole World) प्रकाशवान (Lightness) दिखाई देता है सूर्य हालाकि छितिज (Top) पर होता है लेकिन उसके प्रकाश से दूर दूर तक रौशनी दिखाई पड़ता है ठीक उसी प्रकार हमारे देश की धरती पर ऐसे अनेक लोगो (Great Inspirational Person) ने जन्म (Born) लिया है जिनका जीवन (Life) लोगो के लिए प्रेरणा (Motivation) की मिशाल (Symbol) है और जब हमारे जीवन के पथ में अँधेरा (Darkness) दिखलाई पड़ता है तो इनके जीवन के आदर्श विचार (Great Thought) हम सभी को प्रेरणादायक मार्ग (Inspirational Way) का रास्ता दिखाते है.

तो आईये ऐसे ही 10 Inspirational People, Successful Person In India In Hindi के बारे में जानते है जो लोगो की Life के लिए Motivation का काम करते है और उनके द्वारा कही गयी महान बाते (Great Saying) सबको (People) सकरात्मक उर्जा (Positive Energy) से भर देती है.

जीवन को प्रेरित करने वाले 10 मोटिवेशनल व्यक्ति

10 best inspirational personalities of india in hindi.

तो आप सबके बीच आज हम ऐसे 10 लोगो के बारे में बताने जा रहे है जो हम सभी को कही न कही जीवन में प्रेरणा देते है हो, इन दस लोगो के नाम हमने अपने अनुभव के आधार पर बनाया है हो सकता है की आपको कोई और पसंद Motivational Persons हो अगर आपको यह Motivational लोगो की लिस्ट अच्छी लगे तो हमे कमेंट बॉक्स में जरुर बताईयेगा और लोगो के बीच यह पोस्ट शेयर करना न भूले.

Table of Contents :-

Motivational Stories Of Famous Personalities In Hindi

1 Motivational Persons: – एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam)

इन्सान अपने कर्मो के बदौलत ही इस दुनिया में पहचाना जाता है आप गरीब पैदा होते है ये कोई बड़ी बात नही लेकिन गरीबी में मरना हमारी खुद की कमजोरी होती है आज के ज़माने में जहा थोड़े से सफलता हासिल कर लेते है खुद को सबसे ऊचा समझने लगते है लेकिन कभी पेपर बेचकर घर की गुजारा कर जीवन की शुरुआत करने वाले एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) ने अपने जीवन में सफलता की वो हर बुलंदी को हासिल किया,

फिर भी पूरा जीवन सादगी की मिशाल पेश की और उनके द्वारा कहे गये अनमोल वचन जैसे “ सपने देखना अच्छी बात है लेकिन उन सपनों को पूरा करने के लिए नीद तक खो देना बड़ी बात है” हर किसी के लिए उर्जा का कार्य करता है एक वैज्ञानिक के तौर पर एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) का नाम “Missile Man” के नाम से से प्रसिद्द है और इस Motivational Persons के रूप में एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) का नाम हम पहले स्थान पर रखते है.

पढ़े :- एपीजे अब्दुल कलाम की 5 कहानी

Great Man Of India In Hindi

2 Motivational Persons: – स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda)

भारतीय संस्कृति का सम्यक रूप से विश्वपटल पर प्रचार करने वाले स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda) का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है पूरी विश्व को मानवता का पाठ पढ़ाने वाले स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda) का कहना था की “ किसी भी कार्य को करने के लिए तुरंत उठो, जागो और हमे तब तक नही रुकना है जबतक की हमारा लक्ष्य हासिल न हो जाए” और विश्व धर्म सम्मेलन शिकागो में स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda) द्वारा दिया गया भाषण (Speech) सभी के लिए अमृत का काम करता है पूरे विश्व को एक घर मानने वाले स्वामी विवेकानन्द (Swami Vivekananda) के अनमोल विचार हम सभी को जीवन में आगे बढने की प्रेरणा देते है.

Inspirational Stories Of Great Indian Personalities In Hindi

3 Motivational Persons: – अरुणिमा सिन्हा (Arunima Sinha)

हमारे देश की यदि इतिहास को खंगाला जाए तो एक तरफ महिलाओ का जहा अबला कहा जाता रहा है तो दूसरी तरफ इसी धरती पर विरंगनाये भी हुई है जिनके हिम्मत और हौसलों के आगे पूरी दुनिया सलाम करती है इसकी कड़ी में अरुणिमा सिन्हा (Arunima Sinha) का नाम आता है एक तरफ जहा अपने खुद की कमजोरी से लोग टूट जाते है वही दूसरी तरफ अरुणिमा सिन्हा (Arunima Sinha) इन सबको किनारे करते हुई अपनी कमजोरी को ताकत बना लेती है कहा जाता है जहा लोग पैर होते हुए भी एवेरस्ट फतह की बात सुनकर दातो तले ऊँगली दबा लेते है,

लेकिन अरुणिमा सिन्हा भले ही हादसे में अपनी पैर गवा दी लेकिन अपनी बुलंद इरादे और हौसलों से एवरेस्ट फतह हासिल किया जो की हम के लिए जीवन में आगे बढने के लिए एक जीता जागता मिशाल है हर कोई खुद के मन से से हारा हुआ व्यक्ति भी अरुणिमा सिन्हा (Arunima Sinha) से जीवन में आगे बढने की प्रेरणा ले सकता है.

Motivational Person In Hindi

4 Motivational Persons: – संदीप माहेश्वरी (Sandeep Maheshwari)

आज के ज़माने में जब 12वी क्लास का कोई भी लड़का अपने Career के सपने बुनता है लेकिन जीवन के उसी काल में संदीप माहेश्वरी (Sandeep Maheshwari) कुछ बड़ा करने की सोच के चलते लोगो को टेलीफोनिक Advice देना शुरू कर दिया था शायद जब कोई नया करना चाहता है तो शुरुआत ऐसे ही होती है एक फोटोग्राफर के रूप में संदीप माहेश्वरी (Sandeep Maheshwari) की वेबसाइट Imagebazaar .कॉम ऑनलाइन फोटो संग्रह का एक बहुत बड़ा केंद्र है,

और अपने प्रेरणादायक विचारो ( Motivational Speech) से आज के समय में युवाओ की पहली पसंद बन गये है और शायद आप कल्पना भी नही कर सकते है और Motivational Speaker के रूप में सबसे ज्यादा सर्च किये जाते है.

पढ़े :- संदीप माहेश्वरी के 100 अनमोल विचार

Great Personalities Of India In Hindi

5 Motivational Persons: – शिव खेडा (Shiva Khera)

अक्सर कहा जाता है जब समय जीवन में लोगो की परीक्षा लेने लगता है तो अक्सर लोग टूट जाते है लेकिन कुछ लोग इन्ही विपरीत परिस्थितियों से लड़ते हुए जीवन में हमेसा आगे बढ़ते चले जाते है और अपने अनुभवो के बल पर पूरी दुनिया को एक नई उर्जायुक्त राह दिखाते है इन्ही व्यक्तियों में से एक है शिव खेडा (Shiva Khera) जिन्होंने अपने जीवन में संघर्षो से निराशायुक्त जीवन को आशा में बदल दिया और आने इसी अनुभवो के बल पर युवाओ के लिए प्रेरणास्रोत्र है जिसके कारण शिव खेडा (Shiva Khera) के चाहने वालो में ट्विटर पर लाखो लोग मौजूद है.

आप भी पढ़े :- शिव खेड़ा के अनमोल विचार Shiv Khera Quotes

Short Speeches By Famous Indian Personalities In Hindi

6 Motivational Persons: – चेतन भगत (Chetan Bhagat)

एक उपन्यासकार के रूप में चेतन भगत (Chetan Bhagat) सर्वाधिक बुद्धिमान माने जाते है वे एक भारतीय लेखक होने के साथ साथ Motivational Speaker भी है उनके द्वारा लिखी गयी अंग्रेजी में उपन्यास सर्वाधिक बिकने वाले भारतीय उपन्यासकार है चेतन भगत (Chetan Bhagat) की प्रसिद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है उनके द्वारा लिखे गये उपन्यास की 7 मिलियन प्रतिया बिक चूकी है यानी उनकी लिखी गयी बातो की मांग इतनी अधिक है जो सभी को प्रेरित करने का कार्य करती है.

पढ़े :- चेतन भगत के प्रेरक विचार

Famous Personalities Of India In Hindi

7 Motivational Persons: – अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan)

“एंग्री यंग मैन” के नाम से मशहूर हिंदी फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को “सदी के महानायक” के नाम से भी जाना जाता है अभिताभ बच्चन के जिस आवाज़ की दुनिया आज दीवानी है कभी इसी आवाज़ के चलते रेडियो के एक चैनल ने इन्हें काम देने से मना कर दिया था अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) जिस किरदार को निभाते है उसमे पूरी तरह से ढल जाते है जिसके जिसके चलते अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के आज भी इस उम्र में लाखो फैन है,

यहाँ तक की उनकी उपलब्धी का अंदाजा भी इसी बात से लगाया जा सकता है की बड़ी बड़ी कंपनिया, NGO, सरकारे भी अपने प्रचार के लिए अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को स्टार प्रचारक और ब्रांड एम्बेसडर के रूप में चुनती है उनके द्वारा अभिनीत टीवी पर पॉपुलर शो “कौन बनेगा करोडपति” इतना अधिक फेमस हुआ की टीआरपी के सारे रिकॉर्ड को तोड़ दिए. यदि कोई भी युवा यदि फ़िल्मी दुनिया में जाना चाहता है तो जरुर वह कही न कही अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के अभिनय से जरुर प्रभावित होता है और इनसे सीख लेते हुए आगे बढने की कोशिश करता है.

पढ़े :- अमिताभ बच्चन के 30 प्रेरक सुविचार

Great Person Biography In Hindi

8 Motivational Persons: – सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar)

मेहनत और लग्न के बल पर वो सबकुछ हासिल किया जा सकता है जो आप अपने जीवन में पाना चाहते है इसी कहावत को सत्य सिद्ध करते हुए सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) पर एकदम सटीक बैठती है एक खिलाडी के रूप में क्रिकेट की दुनिया के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने क्रिकेट की दुनिया में रनों का एक ऐसा अम्बार लगाया है जिसे पार पाना बहुत ही मुश्किल है और शतको का शतक लगाने वाले दुनिया के एकमात्र खिलाडी है और इसी उपलब्धी से भारत देश का नाम विश्व में रोशन किया है.

Draupadi Murmu Biography In Hindi

एक क्रिकेटर के साथ साथ सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) एक अच्छे इन्सान भी है सचिन कहते है की मैंने अपनी तुलना कभी भी दुसरे से नही किया है ऐसे ही महान विचारो के चलते सचिन देश के हर वर्ग के लोगो में काफी लोकप्रिय है और आज का हर युवा जो क्रिकेट में जाना चाहता है वो सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से जरुर प्रेरणा लेता है और भारतीय खिलाडी तो इन्हें अपना आदर्श मानते है.

पढ़े :- सचिन तेंदुलकर के प्रेरणा देते 40 अनमोल विचार

Speech Of Famous Personality In Hindi

9 Motivational Persons: – लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)

संगीत की दुनिया में लगभग 7 दशको से अपने सुरीली आवाज़ के दम पर लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) भारतीय संगीत की अनमोल कोकिला है दुनिया में सबसे अधिक गाना गाने वाली गायिकाओ में लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का नाम सर्वप्रथम पर है जिन्होंने 30 हजार से भी अधिक गानों को गाया है जो की अपने आप में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है,

और इनकी इसी उपलब्धी पर लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को भारत रत्न से भी सम्मानित किया जा चूका है सभी भारतीयों में लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) एक लीजेंड के रूप में फेमस है जिसके चलते लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) भारतीय दिलो की संगीत की धडकन बन चूकी है माँ सरस्वती की इनपर असीम कृपा है जिसके चलते लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) कोई भी गीत हमेसा नंगे पाव ही गाती है और जो कोई भी भारतीय यदि संगीत की दुनिया में जाना चाहता है वह लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) से प्रभावित हुए बिना नही रह सकता है.

Great Indian Personalities In Hindi

10 Motivational Persons: – कैलाश सत्यार्थी (Kailash Satyarthi)

विश्व भर के बच्चो के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य करने वाले कैलाश सत्यार्थी (Kailash Satyarthi) को पाकिस्तान के मलाला युसुफजई के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चूका है पेशे से इन्जिन्यिर कैलाश सत्यार्थी (Kailash Satyarthi) विश्व के लगभग 144 देशो में बाल अधिकारों की रक्षा के लिए प्रत्यक्ष रूप से “बचपन बचाओ” आन्दोलन चलाते है,

मदद करने की भावना से कूट कूट कर भरे हुए कैलाश सत्यार्थी (Kailash Satyarthi) पूरी दुनिया को मानवता और मदद करने की भावना को दिखाते है हर बचपन चाहता है की वह भी पढ़े लेकिन किताबो के बगैर पढाई नही हो सकती है इसी कमी को दूर करने के लिए कैलाश सत्यार्थी (Kailash Satyarthi) हमेसा गरीब बच्चो को किताबो के माध्यम से भी मदद करते है.

तो आज आपको हमने ऐसे 10 लोगो के बारे में बताया जो की कही न कही हम सभी को जरुर इनकी Famous Personalities In Hindi करती है आप किससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते है हमे कमेंट बॉक्स में जरुर बताये और Inspire करने वाले लोगो पर आधारित यह पोस्ट Top 10 Motivational Persons of India in Hindi कैसा लगा प्लीज हमे कमेंट बॉक्स में जरुर बताये.

Very interesting stories

Very Motivational Stories.

A.p.j.abdul kalam ke Thoughts Nice Sir

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Personality Development Tips in Hindi: जानिए कैसे निखारे अपने व्यक्तित्व को?

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  • Updated on  
  • अक्टूबर 11, 2023

Personality Development Tips in Hindi

पर्सनालिटी हमारी जन्म से बन जाती है, उस पर्सनालिटी को समय से अपडेट होना पड़ता है। समय के हिसाब से हम डेवेलप होने लगते हैं और हमारी पर्सनालिटी उसी के साथ ही बदलती रहती है। आज पूरी दुनिया में कई महान पर्सनालिटी है, उन्होंने अपनी पर्सनालिटी को विकसित किया है। आपके पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए हम Personality Development Tips in Hindi नीचे दे रहे हैं। इस पोस्ट में महत्वपूर्ण 20 टिप्स दी गई हैं जो आपको अपनी पर्सनैलिटी को डिवेलप करने में काम आएगी। आइए जानते हैं इन Personality Development Tips in Hindi के बारे में।

This Blog Includes:

पर्सनालिटी क्या है, पर्सनालिटी डेवलपमेंट क्या है, साइकोलॉजी में पर्सनालिटी डेवलपमेंट, आत्मविश्वास पर्सनालिटी डेवलपमेंट की कुंजी है, खुद पर यकीन रखना चाहिए, पर्सनालिटी डेवलपमेंट को पोशाक प्रभावित करती है, अपनी बॉडी लैंग्वेज का ध्यान रखना जरूरी है, पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए शिष्टाचार जरूरी है, पर्सनालिटी डेवलपमेंट प्रक्रिया को मजेदार रखना, पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए एक अच्छा श्रोता बनना चाहिए, व्यक्तिगत राय रखना जरूरी है, हमेशा सकारात्मकता बनाए रखें, प्रयोग और डर पर काबू, एक सतत प्रयास को बनाए रखना सीखना चाहिए, आत्मविश्वास हमेशा बनाए रखना चाहिए, स्पष्टता व मिठास, प्रैक्टिस की जरूरत, कम्युनिकेशन स्किल्स को बेहतर बनाना चाहिए, निंरतर अभ्यास करते रहना चाहिए, श्रोता का ध्यान आकर्षित करें, स्वतंत्र सोच होनी सबसे आवश्यक, रंगों के चयन पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए आवश्यक है, नए-नए लोगों से मिलना चाहिए, सिलेबस के अन्य भाग लेना, अच्छे श्रोता (लिसनर) बनें, हमेशा नया सीखने की ललक, प्रेरणादायक बनें, लोगों से मिलें, पर्सनालिटी डेवलपमेंट के फेज़ में होते हैं बदलाव, पर्सनालिटी को निखारने के लिए कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकें, पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए कुछ अनमोल विचार, पर्सनालिटी डेवलपमेंट को निखारने के लिए स्किल्स, पर्सनालिटी डेवलपमेंट में पढ़ाए जाने वाले विषय कौनसे होते हैं, पर्सनालिटी डेवलपमेंट में पढ़ाए जाने वाले कोर्सेज के नाम, जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी.

एक व्यक्ति की पर्सनालिटी उनके दृष्टिकोण, राय, झुकाव और अन्य अद्वितीय व्यवहार विशेषताओं का कुल योग है जो स्वयं में निहित हैं। यह आपको दूसरों से अलग करता है और किसी की पसंद, कार्य और व्यवहार को निर्धारित करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह उन संबंधों के प्रकारों को प्रभावित करता है जो किसी को बनाता है, सामाजिक और राजनीतिक वातावरण की पसंद के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक झुकाव भी।

पर्सनालिटी डेवलपमेंट को किसी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए किसी के बाहरी और आंतरिक स्वयं को बेहतर बनाने और संवारने की प्रक्रिया के रूप में वर्णित किया जाता है। प्रत्येक व्यक्ति को सम्मानित, पॉलिश और परिष्कृत किया जा सकता है। किसी के विश्वास को बढ़ावा देना, भाषण और भाषा बोलने की क्षमता को मजबूत करना, अनुभव की चौड़ाई को व्यापक बनाना, कुछ रुचियों या प्रतिभाओं को उभारना, ठीक शिष्टाचार और शिष्टाचार प्राप्त करना, एक तरह से कपड़े, बोलना और चलना, आकर्षण और लालित्य लाना, और अंततः सकारात्मकता के साथ खुद को आत्मसात करना। , जीवनशैली, और सद्भाव इस पद्धति के सभी उदाहरण हैं। संपूर्ण विकास प्रक्रिया समय की अवधि में होती है। यद्यपि सभी उम्र के व्यक्तियों के लिए खुले व्यक्तित्व विकास पर कई क्रैश कोर्स हैं, उन्हें अपने दैनिक जीवन में शामिल करना और अपने आप में एक सार्थक बदलाव लाने में समय लगता है। व्यक्तित्व वृद्धि पाठ्यक्रम में भाग लेना महत्वपूर्ण नहीं है; इसके बजाय, कोई कुछ संकेत उठा सकता है और किसी की अपनी आभा या आकर्षण विकसित कर सकता है।

पर्सनालिटी सिर्फ शारीरिक गुणों ही नहीं बल्कि हमारे विचारों और व्यवहार से भी मिलकर बनती है। पर्सनालिटी जीवन में हमारे व्यवहार और समाज में  समायोजन को भी निर्धारित करती है। जन्म से ही कोई भी व्यक्ति पर्सनालिटी लेकर पैदा नहीं होता परंतु जीवन में सफल होने के लिए अपने अंदर गुणों को विकसित करना पड़ता है। शारीरिक रूप से सुंदर होना और इंटेलीजेंट होना यह व्यक्तित्व का सिर्फ एक ही पहलू है। परंतु पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए ज्ञान का सही तरह से उपयोग करना बहुत ही आवश्यक होता है।

वारेन के अनुसार “व्यक्तित्व व्यक्ति का संपूर्ण मानसिक संगठन है जो उसके विकास की किसी अवस्था में होता है।”

बर्गेस के अनुसार “व्यक्तित्व उन सभी गुणों का एकीकृत स्वरुप है, जो किसी व्यक्ति की समाज के परिवेश में भूमिकाओं एवं स्थिति को अभिव्यक्त करता है।” 

केम्फ के अनुसार “व्यक्तित्व उन अभ्यासों के रूपों का समन्वय है जो किसी वातावरण में व्यक्ति विशेष के समायोजन को प्रस्तुत करता है।”

ऑलपोर्ट “व्यक्तित्व व्यक्ति के उन समस्त मनोशारीरिक तंत्रों का वह आंतरिक गत्यात्मक संगठन है जो कि पर्यावरण में उसके अपूर्व समायोजन को निर्धारित करता है।”

Personality Development Tips in Hindi के बारे में

यहां Personality Development Tips in Hindi के आसान और प्रभावी उपाय दिए गए हैं:

“आत्मविश्वास के साथ, आपने शुरुआत करने से पहले जीत हासिल की है।”

वह, वास्तव में, रहस्य है। पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए सबसे महत्वपूर्ण सलाह सकारात्मक होना है कि आप कौन हैं और क्या करते हैं। कभी भी अपनी क्षमता पर सवाल न उठाएं, और अगर कोई ऐसी चीज है जिसे आपको बदलने की जरूरत है, तो उसे अपना सर्वश्रेष्ठ दें ताकि आप अपने संदेह पर विजय पा सकें और विश्वास हासिल कर सकें। सफलता की कहानियों को जानें या आत्म-सम्मान हासिल करने और करिश्माई व्यक्तित्व विकसित करने में मदद करने के लिए प्रेरक विचार या “प्रोत्साहन” के साथ खुद को भरें। खुद पर भरोसा रखें और हर काम में मेहनत करें। आत्म-आश्वासन के उच्च स्तर की तुलना में एक व्यक्ति के व्यक्तित्व में अधिक आकर्षक कुछ भी नहीं है।

“हमें स्वयं के प्रकाश से ही दिखना चाहिए ना कि दूसरे का प्रकाश देखकर अपना पथ बदल देना चाहिए “

हालाँकि आपको प्रेरणा के लिए हमेशा दूसरों की ओर देखना चाहिए, लेकिन आपको हमेशा खुद के प्रति सच्चे रहना चाहिए। किसी और के होने की कोशिश आपको कहीं नहीं ले जाती और बैकफायर करती है। किसी नए समुदाय के साथ घुलने-मिलने की बहुत कोशिश करना या जुड़ने की ज़रूरत कभी भी आपकी विशिष्टता और वैधता से अलग नहीं हो सकती। किसी और चीज़ में बदलाव करने की कोशिश करने के बजाय, खुद का बेहतर संस्करण होने पर ध्यान दें।

“ फैशन पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए हममें उत्साह उत्पन्न करता है। “

जबकि हम यह सुझाव नहीं देंगे कि अपनी प्रतिभा और क्षमताओं से ऊपर अपने बाहरी आत्म पर जोर देना महत्वपूर्ण है, लेकिन किसी के कपड़े सकारात्मक प्रभाव छोड़ने में एक भूमिका निभाते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि यह पहचानना कि आप ठीक दिखते हैं और उचित रूप से तैयार होते हैं, आपको आत्मविश्वास में वृद्धि करता है। सम्मानजनक तरीके से कपड़े पहनें और अपने परिवेश के प्रति सजग रहें। हालांकि चमकीले रंग और अत्यधिक टैटू या पियर्सिंग एक अव्यवसायिक खिंचाव छोड़ देते हैं, पूरी तरह से इस्त्री किए गए कपड़े आपको प्रस्तुत करने योग्य लगते हैं।

“मानव शरीर मानव आत्मा की सबसे अच्छी तस्वीर है।”

आपकी शारीरिक भाषा आपके व्यक्तित्व को निर्धारित करने में मौखिक संचार कौशल के रूप में लगभग महत्वपूर्ण है। यह आपके बारे में बहुत कुछ दिखाता है और दूसरों को आपके बारे में सही निर्णय लेने में सुविधा प्रदान करता है। आप जो कुछ भी करते हैं, जैसे कि आप कैसे चलते हैं, बैठते हैं, बोलते हैं, या खाते हैं, इसका आपके आस-पास के लोगों पर प्रभाव पड़ता है, और सही बॉडी लैंग्वेज का उपयोग करने से आपके व्यक्तित्व में भारी बदलाव आएगा। अपने सिर को सीधा रखें और अपनी रीढ़ को सीधा रखें। अपने सिर को गिर मत करो। बोलते समय एक शांत रुख बनाए रखें और नियमित संपर्क बनाए रखें।

“सभी दरवाजे शिष्टाचार के लिए खुले हैं।”

हर कोई विनम्र आचरण की सराहना करता है और मानता है। अपने सिर को नीचे रखें और सभी को मुस्कुराएं। अपने दोस्तों की सहायता करने या उनकी मदद करने से कभी न डरें, और अगर उन्हें सहायता की आवश्यकता हो तो खुद को उनके लिए उपलब्ध करें। दयालुता के यादृच्छिक कार्य न केवल किसी के दिन को रोशन करेंगे, बल्कि वे आपको अनुकूल भी दिखेंगे। इसके अतिरिक्त, यह आपके आत्म-आश्वासन में सुधार करेगा। सभी के प्रति विनम्र और दयालु बनें।

“मज़ा उत्साह और ऊर्जा पैदा करता है।”

ओह, हाँ, यह आवश्यक है! हर कोई किसी की सराहना करता है जो अन्यथा भयानक परिदृश्यों का एक अजीब पक्ष पा सकता है और अपने स्वयं के लिए बस थोड़ा सा नासमझी जोड़ सकता है। सभी किसी की सराहना करते हैं जो उन्हें हँसा सकता है और हर रोज की घटनाओं पर एक हास्य स्पिन डाल सकता है। हर समय पवित्र और पवित्र होना आवश्यक नहीं है; लेकिन, हर बार अपनी मजाकिया टोपी पहनना आपको एक अधिक सुंदर व्यक्तित्व में बदल देगा।

“सम्मान के सबसे ईमानदार रूपों में से एक वास्तव में सुन रहा है कि दूसरे को क्या कहना है।”

“ज्यादातर लोग समझ के इरादे से नहीं सुनते हैं; वे जवाब देने के इरादे से सुनते हैं। ” यह सही है। ऐसा नहीं लगता है, लेकिन एक अच्छा श्रोता बनना एक अधिक पसंद करने वाले व्यक्तित्व को विकसित करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब कोई आपसे बात करे, तो उस पर पूरा ध्यान दें और उन्हें अपना पूरा ध्यान दें। प्रत्यक्ष नेत्र संपर्क बनाए रखें और आसपास के वातावरण को भ्रमित न होने दें। यह लोगों के बारे में अधिक जानने और उन्हें अधिक कुशलता से उपस्थित करने में आपकी सहायता करेगा।

“रचनात्मक बातचीत के लिए राय महत्वपूर्ण है।”

एक राय होने और आराम से व्यक्त करने में सक्षम होने के कारण यह न केवल आपकी चर्चाओं में दिलचस्पी पैदा करता है, बल्कि यह आपको दूसरों को अधिक शक्तिशाली और अच्छी तरह से सूचित करने में भी मदद करता है। कभी भी खुद को व्यक्त करने से डरो मत, भले ही आपके विचार दूसरों से अलग हों ’। उन सभी के बारे में अच्छी तरह से अवगत रहें जो आपके तत्काल वातावरण में मायने रखते हैं, और अपने आप को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करें। परिणामस्वरूप आप अधिक प्रासंगिक महसूस करेंगे।

“आशावाद वह विश्वास है जो उपलब्धि की ओर ले जाता है।”

एक आकर्षक व्यक्तित्व होने के लिए, सभी भावनाओं और व्यवहार को रचनात्मक होना चाहिए। जिस तरह से हम सोचते हैं कि हमारे व्यवहार पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। और किसी के मन के अंदर आशावादी सोच पैदा करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्ति के व्यक्तित्व में सुधार होता है। जीवन की परिस्थितियाँ और घटनाएँ किसी भी समय उग और चढ़ाव से भरी होंगी। हालाँकि, जीवन के लिए बेहतर दृष्टिकोण रखने के लिए, आपको चीजों के हल्के पक्ष पर प्रयास करना चाहिए और सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

“एक बार जब आप अपनी खामियों को स्वीकार कर लेते हैं, तो कोई भी आपके खिलाफ उनका इस्तेमाल नहीं कर सकता है।” – जॉर्ज आरआर मार्टिन

व्यक्तित्व विकास की प्रक्रिया में एक अन्य महत्वपूर्ण घटक नई और विविध चीजों के प्रयोग और प्रयास करने की इच्छा पैदा करना है। जिस चीज से आप सहज महसूस नहीं करते हैं उससे निपटने के बारे में आशंकित महसूस न करें और इससे निपटने के तरीके खोजें। चाहे आपको सार्वजनिक बोलने का डर हो या महसूस हो कि आप स्पष्ट रूप से संवाद करने में सक्षम नहीं हैं, इसे स्वीकार करें और इसे सुधारने की दिशा में काम करें।

“नेतृत्व और सीखना एक-दूसरे के लिए अपरिहार्य हैं।”

इस दिन और उम्र में, अपने ज्ञान और विश्वासों को सीखना और संशोधित करना जारी रखने के लिए आवश्यकता से अधिक हो गया है। हमारे चारों ओर से गुजरने वाली सूचनाओं की गति स्वयं विशाल होती है और अद्यतन रहना एक थकाऊ काम बन जाता है। हालाँकि, हर दिन कुछ नया सीखने की आदत बनाएँ, खासकर ऐसी चीज़ें जो आपकी मान्यताओं को ठोस बनाने में मदद कर सकती हैं। इसमें अन्य लोगों के अनुभवों से लेकर आध्यात्मिक और स्व-सहायता पुस्तकों तक और दुनिया भर की कहानियों के साथ-साथ आपके आस-पास होने वाली उल्लेखनीय घटनाओं तक सब कुछ शामिल हो सकता है। व्यक्तित्व विकास एक क्रमिक प्रक्रिया है जिसके बारे में नहीं आते हैं, विश्वास करते हैं और जिज्ञासा के लिए अपनी प्यास को बनाए रखते हुए प्रत्येक दिन एक बेहतर व्यक्ति बनने का प्रयास करते हैं!

वार्तालाप के दौरान अगर हमारी सोच में साहस एवं विश्वास होगा तो हमारा वार्तालाप खुद खुद सकारात्मक होगी। हम बोलते समय डर को भी दूर भगाना होगा। तात्पर्य यह है कि हम सदैव आत्म विश्वास बनाए रखें।

वार्तालाप के दौरान हमें शब्दों व वाक्यों में स्पष्टता लानी चाहिए। वाणी में सदा मिठास होनी चाहिए। अगर बात स्पष्ट न हो तो उसे पुनः स्पष्ट करना चाहिए। शब्दों व वाक्यों को व्यक्तिगत तौर पर स्पष्ट करना चाहिए। अपने व्यक्तित्व में उपरोक्त गुणां को समाहित कर हम अपनी संचार क्षमता को बढा सकते है और सफलता के नजदीक पहुंच सकते हैं।

कम्यूनिकेशन स्किल्स को डेवलप करने के लिए व्यक्ति में लगातार प्रैक्टिस का होना बेहद जरूरी है। यह अभ्यास लगातार तभी हो सकता है,जब हम अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या में बातचीत स्पष्ट एंव सरल तरीके से करें। किसी भी परिचित एवं नए व्यक्ति से कम्यूनिकेशन के नए नए तरीके सीखने में शर्म महसूस न करें।

हम  हर समय एक दूसरे से किसी ना किसी जरिए से संवाद करते हैं। आज संचार के विभिन्न साधनों की खोज के कारण संचार का महत्व काफी बढ़ गया है। ऐसे में सफलता के लिए एक विशेष गुण की जरूरत होती है,जिसे हम संचार कौशल कहते हैं। संचार वह प्रक्रिया है जिससे हम अपने संदेशां को दूसरो तक पहुंचाते हैं। संचार से आपसी रिश्तां में नजदीकी आती है। आज हम चाहे सार्वजनिक,सरकारी या निजी किसी भी क्षेत्र में कार्य करे, अपने कार्य में निपुण होने के लिए संचार कौशल को विकसित करना जरूरी है। संचार कौशल को विकसित करने के लिए हर व्यक्ति में निम्न गुणां का होना अति आवश्यक है।

संचार कौशल को विकसित करने के लिए व्यक्ति में निरतर अभ्यास का होना जरूरी है। यह निरतर अभ्यास तभी हो सकता है,जब हम अपनी दैनिक क्रियाओं में बातचीत स्पष्ट एंव सरल तरीके से करें। किसी भी परिचित एवं नए व्यक्ति से संचार के नए नए कौशल सीखने में शर्म महसूस न करें।

किसी से भी बात करते समय हमें उससे आंख में आंख मिला कर बात करनी चाहिए ताकि हम उनका ध्यान अपनी और आकर्षित कर सकें।

स्वतंत्रता का अर्थ स्वतंत्र सोच एंव आत्मनिर्भरता से हैं।

ज्यादातर लोग कोई भी कार्य करने से पहले कई बार यह सोचते है की वह कार्य करने से लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे या क्या कहेंगे और इसलिए वे कोई निर्णय ले ही नहीं पाते एंव सोचते ही रह जाते है एंव समय उनके हाथ से पानी की तरह निकल जाता है | ऐसे लोग बाद में पछताते हैं। इसलिए दोस्तों ज्यादा मत सोचिये जो आपको सही लगे वह कीजिये क्योंकि शायद ही कोई ऐसा कार्य होगा जो सभी लोगों को एक साथ पसंद आये।

वस्त्रों के रंगों से भी व्यक्तित्व को पहचाना जा सकता है क्योंकि लोग अधिकतर वही रंग पहनते हैं जिन्हें वो पसंद करते हैं। इससे उनके स्वभाव और व्यक्तित्व को पहचानने में आसानी होती है।

पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए नए-नए लोगों से मिले। तथा सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहे ताकि ज्यादा जानकारी मिल पाए।

पर्सनालिटी डेवलपमेंट टिप्स फॉर स्टूडेंट्स

Personality Development Tips in Hindi छात्रों के लिए नीचे है-

आज के इस दौर में आपको सिर्फ किताबी कीड़ा न बने रहना है, बल्कि पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी भाग लेना है। जैसे, स्कूल या कॉलेज में जो भी कार्यक्रम आयोजित हो उसमे भाग लेने की कोशिश करें। इसी तरह घर और समाज में कोई गतिविधि हो तो उसमे भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। अगर उन गतिविधियों में आपकी रूचि है तो बहुत अच्छा, अगर रूचि नहीं भी है पर आपको पता है कि ये आपके लिए लाभदायक है तो जरूर भाग लें। जैसे, आपके स्कूल या कॉलेज मे भाषण प्रतियोगिता (speech competition) आयोजित हो रही है। इसके अलावा इसमें भाग लेने के कारण आपका आत्मविश्वास यानी self confidence भी बढ़ेगा।

किसी भी चीज को समझने के लिए उसे अच्छे से सुनना (अगर आप सुनकर समझ रहे है) बहुत जरूरी है। अच्छे से सुनने का मतलब है कि खामोशी से और पूरा ध्यान लगाकर सुने। विद्यार्थियों के लिए तो ये और भी जरूरी हो जाता है। अगर आप किसी से बात कर रहे हैं या शिक्षक से पढ़ रहे हैं तो आप ढंग का प्रश्न भी तभी पूछ पाएंगे या अपनी बात अच्छे से तभी रख पाएंगे जब आप सामने वाले कि बात ध्यान से सुनेंगे और समझेंगे नहीं तो आप का प्रश्न और आपकी बात जिस विषय पर बात हो रही है उससे बिल्कुल हटकर होगी।

आप अपने स्मार्टफोन को अपडेट तो करते ही होंगे। आप जब भी अपडेट करते है तो कुछ नई फीचर्स आती है और/या कुछ पिछली खराबी दूर होती है। ठीक इसी तरह आप भी अपने आपको हमेशा उपयोगी (useful) जानकारियों से अपडेट रखें। अपने पाठ्यक्रम के अलावा अन्य उपयोगी पुस्तकों का भी अध्ययन करें। इससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। ये विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के लिए बहुत ही उपयोगी टिप्स (Personality development tips for students in hindi) है।

आप दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत (प्रेरणादायक) तभी बन सकते है जब आप कोई कामयाबी हासिल करेंगे। जरूरी नही के ये कामयाबी बहुत बड़ी हो आप छोटी-छोटी कामयाबी हासिल कर, अच्छे व्यवहार अपना कर आसानी से प्रेरणादायक बन सकते है। लोगों को उनसे ज्यादा प्रेरणा मिलती है जो कम संसाधनों में भी कामयाबी हासिल कर लेते है। अगर आपके पास भी संसाधनों का अभाव है तो संसाधनों का रोना ना रोए बल्कि आपके पास जितने भी संसाधन है उसका इस्तेमाल कर जिंदगी की नई-नई ऊंचाइयों को छुए और दूसरे विद्यार्थी और लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने।

विद्यार्थी के व्यक्तित्व विकास लिए यह बहुत जरूरी है कि आप लोगों से मिलें। यहां लोगों में नए लोग और पुराने लोग सभी आ गए। जब आप लोगों से मिलते है खासकर नए लोगों से तो आपको कुछ नया सीखने को मिलता है, कुछ नई जानकारी मिलती है, आपके किसी समस्या का समाधान मिल जाता है।

इसलिए लोगों से मिले, अपने सीनियर से मिलें, जूनियर से मिलें, शिक्षक से मिलें, दोस्तों से मिलें, रिश्तेदारों से मिलें और खासकर आप जिस क्षेत्र की पढ़ाई कर रहे है उसी क्षेत्र में जो व्यक्ति है या नौकरी कर रहे है उनसे मिले और आपके मन में उस विषय में कुछ जानने की जिज्ञासा है या आपका कोई सवाल है तो जरूर पूछें।

निम्नलिखित अनुभाग उम्र के चरणों को प्रस्तुत करता है कि समय के साथ किसी का व्यक्तित्व कैसे विकसित होता है:

  • शिशु: बच्चा इस दौरान भरोसा करना या भरोसा करना सीख रहा है। यदि अच्छी तरह से देखभाल और पोषित किया जाता है, तो वे सुरक्षित महसूस करना जारी रखेंगे और जीवन पर एक अच्छा दृष्टिकोण रखेंगे। यदि खराब तरीके से किया जाता है, तो बच्चा कमजोर हो सकता है।
  • टॉडलर्स : इस स्तर पर बच्चे की इच्छा बढ़ने लगती है। जब एक बच्चे को उचित रूप से प्रबंधित किया जाता है, तो वह आत्मविश्वास हासिल करता है। यह एक सरल कार्य नहीं है, और बच्चा अड़ियल लग सकता है।
  • पूर्वस्कूली: कुछ इस चरण को “खेल की अवधि” कहते हैं। शिशु अपने कार्यों को अपने हाथ में लेने लगता है। वे अपनी रचनात्मकता का भी उपयोग करना शुरू कर देते हैं। वे अभी भी सीख रहे हैं कि इस स्तर पर दूसरों का नेतृत्व और पालन कैसे करें।
  • स्कूल : शिशु इस उम्र में औपचारिक कौशल सीखना शुरू कर देता है। वे समझने लगते हैं कि अन्य लोगों के साथ कैसे बातचीत करें और साधारण संज्ञानात्मक क्षमताओं में सुधार करें। इस बिंदु पर उनकी वृद्धि की प्रगति का निर्धारण इस बात से किया जा सकता है कि उन्होंने शुरुआत में कितना अच्छा प्रदर्शन किया था।
  • किशोर : इस उम्र में, शिशु मूल्यों का एक समूह विकसित और विकसित करना शुरू कर देता है जो उन्हें वयस्कता में सहायता करेगा। इस स्तर पर, वे भी खुद को समझना शुरू करते हैं।

व्यक्तित्व विकास की प्रक्रिया विभिन्न प्रकार के साधनों जैसे कौशल विकास पाठ्यक्रमों के माध्यम से की जा सकती है जो व्यावहारिक क्षमताओं के साथ-साथ पुस्तकों के माध्यम से भी ध्यान केंद्रित करते हैं। पुस्तकों को सुझाव और सलाह के माध्यम से सीखने में सहायता मिलती है, जो विशेषज्ञों, पेशेवरों, प्रोफेसरों के साथ-साथ उन लोगों के साथ आगे रखती हैं जो समान अनुभवों से गुजरे हैं। यहाँ अत्यधिक अनुशंसित पुस्तकों में से कुछ हैं जो व्यक्तित्व विकास की दिशा में आपकी यात्रा के लिए आवश्यक हैं।

Personality Development Tips in Hindi को और अच्छे से जानने के लिए नीचे अनमोल विचार इस प्रकार हैं:

  • “Personality development एक प्रमुख समय बचाने वाला है। आप जितने बेहतर बनेंगे, आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में कम समय लगेगा। ” ―ब्रायन ट्रेसी
  • “जिस व्यक्ति के लिए आप किस्मत में हैं, वह वही व्यक्ति होता है, जिसे आप बनना चाहते हैं।” -राल्फ वाल्डो इमर्सन
  • “मनुष्य का जीवन स्वतंत्र है। वह अकेले समाज के विकास के लिए नहीं, बल्कि अपने स्वयं के विकास के लिए पैदा हुआ है। ” ―बीआर अंबेडकर
  • “आप खुद को एक चरित्र में नहीं देख सकते हैं; आपको खुद को एक हथौड़ा और फोर्ज करना होगा। ” -हेनरी डेविड थोरयू
  • “किसी के अस्तित्व के हर पल, एक अधिक में बढ़ रहा है या कम में पीछे हट रहा है।” ―नॉर्मन मेलर
  • “विकास उन लोगों के बीच एक महान विभाजक है जो सफल होते हैं और जो नहीं करते हैं। जब मैं किसी व्यक्ति को खुद को पैक से अलग करने की शुरुआत करता हूं, तो यह लगभग हमेशा personality development के कारण होता है। ” ―जॉन सी। मैक्सवेल
  • “Personality development यह विश्वास है कि आप अपने आप को विकसित करने के लिए आवश्यक प्रयास, समय और ऊर्जा के लायक हैं।” ―डेनिस वेटली
  • “अपने आप में निवेश करना सबसे अच्छा निवेश है जो आप कभी भी करेंगे। यह न केवल आपके जीवन में सुधार करेगा, यह आपके आस-पास के सभी लोगों के जीवन में सुधार करेगा। ” -रॉबिन शर्मा

पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए नीचे स्किल्स दी गई हैं, जिनका होना आवश्यक है –

  • कम्युनिकेशन स्किल्स
  • रिसर्च और एनालिटिकल स्किल्स
  • अडाप्टेबिलिटी
  • म्यूच्यूअल स्किल्स
  • समस्या को सुलझाना
  • इंटीग्रिटी स्किल्स
  • वर्क एथिक्स
  • सेल्फ कॉन्फिडेंस

Personality Development Tips in Hindi में पढ़ाए जाने वाले विषय इस प्रकार हैं:

  • कम्युनिकेशन
  • ऑब्जेक्टिव/पैशन/ इनसाइट
  • करियर/साक्षात्कार
  • प्रोज़ एंड कौन्स
  • फैमिली/पालन-पोषण/रिलेशन्स
  • मुखरता/रवैया
  • ऑर्गनाइज़ेशन एफिशिएंसी

पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए कोर्सेज भी उपलब्ध हैं, जिनके नाम नीचे दिए गए हैं-

  • Personality Development
  • The Science of Well-Being
  • Premium Personality Development Classes and Course
  • Personal & Professional Development Courses
  • Personality Development Program for Students
  • Global Leadership and Personal Development
  • Complete Personal Development Personal Transformation Course
  • Personal Development Life Coach Certification Training
  • Diploma in Interpersonal Skills
  • Foundations of Positive Psychology

पर्सनालिटी डेवलपमेंट करने के बाद मिलने वाली जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी नीचे दी गई हैं-

हमेशा खुश रहने के लिए आवश्यकता होती है सकारात्मक सोच की, इसलिए हर चीज़ में सकारात्मक बातों को ढूंढने की कोशिश करें। हमेशा खुश रहने वाले व्यक्ति ही जीवन में सफल होते है क्योंकि अगर कोई व्यक्ति फेल होकर गिर भी गया है तो वापस उठने के लिए उसे एक नए सकारात्मक जोश और उत्साह की आवश्यकता होती है।

पर्सनालिटी डेवलपमेंट आपके ज़िन्दगी जीने के तरीके को बेहतर बनाता है। आपकी जीवन-शैली और ज़िन्दगी के प्रति सोच बदल जाती है और आप लाइफ में कमियों के बजाए पॉजिटिव चीजों की तरफ ज्यादा ध्यान देने लगते हैं जिसके वजह से आप ज्यादा खुश रहते हैं और खुशी आपके जीवन में तनाव को ऐसे ही कम कर देती है।

प्रत्येक व्यक्ति में कुछ विशेष गुण या विशेषताएं होती है। जो दूसरे व्यक्ति में नहीं होतीं। इन्हीं गुणों एवं विशेषताओं के कारण ही प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे से भिन्न होता है। व्यक्ति के इन गुणों का समुच्चय ही व्यक्ति का व्यक्तित्व कहलाता है।

उम्मीद है, आपको इस लेख में Personality Development Tips in Hindi की पूरी जानकारी मिल गयी होगी। यदि आप इसी तरह के आकर्षक ब्लॉग पढ़ना चाहते हैं तो Leverage Edu की वेबसाइट पर बनें रहें।  

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रश्मि पटेल विविध एजुकेशनल बैकग्राउंड रखने वाली एक पैशनेट राइटर और एडिटर हैं। उनके पास Diploma in Computer Science और BA in Public Administration and Sociology की डिग्री है, जिसका ज्ञान उन्हें UPSC व अन्य ब्लॉग लिखने और एडिट करने में मदद करता है। वर्तमान में, वह हिंदी साहित्य में अपनी दूसरी बैचलर की डिग्री हासिल कर रही हैं, जो भाषा और इसकी समृद्ध साहित्यिक परंपरा के प्रति उनके प्रेम से प्रेरित है। लीवरेज एडु में एडिटर के रूप में 2 साल से ज़्यादा अनुभव के साथ, रश्मि ने छात्रों को मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान करने में अपनी स्किल्स को निखारा है। उन्होंने छात्रों के प्रश्नों को संबोधित करते हुए 1000 से अधिक ब्लॉग लिखे हैं और 2000 से अधिक ब्लॉग को एडिट किया है। रश्मि ने कक्षा 1 से ले कर PhD विद्यार्थियों तक के लिए ब्लॉग लिखे हैं जिन में उन्होंने कोर्स चयन से ले कर एग्जाम प्रिपरेशन, कॉलेज सिलेक्शन, छात्र जीवन से जुड़े मुद्दे, एजुकेशन लोन्स और अन्य कई मुद्दों पर बात की है। Leverage Edu पर उनके ब्लॉग 50 लाख से भी ज़्यादा बार पढ़े जा चुके हैं। रश्मि को नए SEO टूल की खोज व उनका उपयोग करने और लेटेस्ट ट्रेंड्स के साथ अपडेट रहने में गहरी रुचि है। लेखन और संगठन के अलावा, रश्मि पटेल की प्राथमिक रुचि किताबें पढ़ना, कविता लिखना, शब्दों की सुंदरता की सराहना करना है।

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क्या हैं पर्सनालिटी डेवलपमेंट के मायने .

Last Updated: June 17, 2013 By Gopal Mishra 51 Comments

Personality Development in Hindi

Develop your personality !

Personality या व्यक्तित्व शब्द से हम सब भली प्रकार से परिचित हैं. इस शब्द का प्रयोग हम अपने जीवन में किसी भी व्यक्ति के गुण या attributes के रूप में करते हैं. अकसर ही हम ये कहते हुए पाए जाते हैं कि उस व्यक्ति की personality बहुत अच्छी है या “क्या पर्सनालिटी है!”.

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पर क्या सही मायनो में हम इस शब्द के व्यापक रूप को समझ पाए हैं . Personality को अकसर लोग शारीरिक आकर्षण या सुंदरता से जोड़ कर देखते हैं पर इस शब्द के व्यापक रूप को हम समझ नहीं पाए हैं . Personality शब्द एक Latin शब्द Persona से derive हुआ है जिसका अर्थ होता है mask ; जिसका उपयोग रोमन लोग थियेटर में काम करने के लिए और अलग-अलग किरदार निभाने के लिए करते थे. इसका अर्थ तो ये हुआ की personality वही है जैसा हम दिखते हैं या दूसरों को नज़र आते हैं. पर ये personality की बहुत ही संकुचित परिभाषा हुई . व्यक्तित्व को सही रूप में इस परिभाषा से समझा जा सकता है –

” Personality is the dynamic organisation within the individuals of those psycho physical systems which determines his characteristic , behaviour and thought or which determines his unique adjustment to his environment”

इसका अर्थ ये हुआ कि पर्सनॅलिटी सिर्फ़ शारीरिक गुणों से ही नही बल्कि विचारों और व्यवहार से भी मिल कर बनती है जो हमारे व्यवहार और समाज में हमारे समायोजन को भी निर्धारित करती है . कोई भी व्यक्ति जन्मजात अच्छी personality ले कर पैदा नही होता है बल्कि सफल होने लिए अपने अंदर गुणों को विकसित करना पड़ता है. ऐसे गुणों को जो दूसरों को प्रभावित करे साथ ही साथ अपने आपको भी develop करे.

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शारीरिक रूप से सुंदर होना या intelligent होना व्यक्तित्व का सिर्फ़ एक ही पहलू हैं बल्कि अच्छी personality के लिए ज्ञान का सही उपयोग करना और अपने gestures और posture को उसके अनुरूप बनाना आवश्यक होता है.

अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए पहली आवश्यकता है सही perception क्योकि आप वही देखते हैं जो आप देखना चाहते हैं ‘ we see the things through our mind not through our eyes”, अपने negative emotions से दूर रहना और inferiority complex को दूर करना. ऐसा बिल्कुल भी नही है कि अगर आप physically attractive नही है तो आप की personality अच्छी नही है- मार्टिन लूथर किंग , गाँधी जी , इत्यादि शारीरिक रूप से attractive नही थे पर मानव जाती के लिए इनका व्यक्तित्व एक मिसाल है. क्योकि इन लोगो ने अपने negative emotions पर पर विजय पाई और खुद पर भरोसा किया. Negative emotions पर विजय पाने का उपाय है love yourself, feel good about yourself and make realistic life goals.

अपने साथियों से बेहतर बनने की बजाए कोशिश करे की अपने आप से बेहतर बने. Stress और fear दो बहुत ही बड़े कारण है जो हमारी personality को पूरी तरह से निखरने नही देते , अपने अंदर के डर को पहचानना और उससे मुक्त होने का प्रयास करना अत्यंत आवश्यक है. सब से बड़ा डर जो किसी भी व्यक्ति के मन में होता है वो है fear of failure जिसे बार बार प्रयास कर के ही दूर किया जा सकता है. Positive attitude , self confidence , self motivation और अच्छी body language का इस्तेमाल कर के अपनी personality को develop किया जा सकता है. Because positive feelings come from being honest about yourself and accepting your personality, and physical characteristics, warts , scars and all; and to accept yourself without question.

व्यक्तित्व में विचारो और व्यवहारो की भूमिका के साथ साथ physical characteristics को नकारा नही जा सकता . Physical characteristics से अर्थ खूबसूरत चेहरे का नही बल्कि high level of energy, personal hygiene की और activeness से है साथ ही साथ सही manners, how to speak and treat others की knowledge होना अत्यंत आवश्यक है. हमारी personality का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा हमारे personal relationship हैं. किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व इस बात से भी आँका जा सकता है कि वो अपने personal relationships को किस प्रकार manage करता है या उसमे कितना सफल रहा है.

विक्खयात physiologist Hippocrates ने सबसे पहले पर्सनॅलिटी को चार भाग में बांटा था SANGUINE,MELANCHOLIC, PHLEGMATIC AND CHOLERIC.

उनका मानना था कि Sanguine लोगो में blood की मात्रा अधिक होती है तथा ये खुश रहते हैं और दूसरों को भी खुश रख ते हैं तथा ज़्यादा सोच विचार नही करते, melancholic बहुत ही systematic और logical होते है हर चीज़ को सोच समझ के चलते है, phlegmatic लोग शांत प्रवृत्ति के होते है किसी भी बात पर वे अधिक उत्तेजित नही होते और choleric गुस्से वाले होते हैं उनके अंदर leadership quality भी अधिक होती है जिसके कारण वे दूसरों को dominate करते है. इससे आप अंदाज़ा लगा ही सकते हैं कि हर तरह के पर्सनॅलिटी की अपने ही विशेषता है और इस दुनिया में इन चारो प्रकारो की आवश्यकता है ताकि संतुलन बना रहे. हम सब में ये चारो traits या personality होती हैं पर किसी में कोई गुण ज़्यादा है तो किसी में कोई और ये सब शारीरिक गुणों के कारण नही है बल्कि हमारी स्वाभाविक प्रवित्ती के कारण है. हमे एक दूसरे की पर्सनॅलिटी को पहचानना है और उसके हिसाब से adjustment करना है. मान लीजिए की आप sanguine है तो ज़रूरी नही कि आपका साथी भी sanguine हो, हो सकता है की वो melancholic हो या choleric हो बल्कि अगर आप sanguine हैं तो हो सकता है की आप अपने चंचल स्वाभाव के कारण समझदारी से decision ना ले पाए ऐसे में कोई melancholic personality वाला आपको बेहतर गाइड कर सकता है.

हमे सामने वाले की personality को भाँपते हुए react करना चाहिए क्योंकि हर व्यक्ति इस दुनिया में unique है. हमे हर प्रकार के व्यक्तित्व की respect करनी चाहिए और अपनी personality develop करने का निरंतर प्रयास करना चाहिए, क्योंकि ” personality is to human as fragrance is to flower .”

Shikha Mishra                                                                                                                                  New Delhi

—————— Pleasant Personality Develop करने के 10 Tips ———————

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December 18, 2017 at 7:57 pm

Very nice mam it’s true and I want that every person follow this point

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August 5, 2017 at 7:34 am

V.nice article. & Thanku

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May 21, 2017 at 8:47 pm

Motivational thoughts i am very thankful.

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March 7, 2016 at 10:33 pm

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February 17, 2016 at 11:55 am

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December 27, 2015 at 12:48 pm

Motivational article i am glade for that.

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October 25, 2015 at 2:04 pm

This is great lecture about positve thinking.I am glad to read it,so thanks for all.

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June 21, 2015 at 2:29 pm

Great, Good Motivational Tips for Improve Ourself

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June 9, 2015 at 5:26 pm

Thanks for this valuable and inspiring article.

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April 27, 2015 at 4:37 am

I was very disturb before 1 hour then i thauht i must read about the motivaional quotes that can make me happy. So in the search of motivational taughts suddenly i found your views about ones personality then i read them carefully and i am telling you that this time i am completely out of tension ……. Thank you Shikha mam……

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essay on my favourite personality in hindi | मेरा पसंदीदा व्यक्ति पर निबंध | my favourite person in Hindi

By: savita mittal

My Favourite Person Essay | My Favorite Personality My Mother | essay on my favourite personality in hindi

My favourite personalities short paragraph 100 words.

दोस्तों हम सब के जीवन में एक पसंदीदा व्यक्ति होता है, जिससे हमे प्रेरणा मिलती है। यह आदर्श पसंदीदा व्यक्तित्व कोई भी हो सकता है, जैसे किसी के पसंदीदा व्यक्ति उसके माता – पिता हो सकते हैं, किसी के लिए देश भक्त तो किसी के लिए फिलमी सितारे भी पसंदीदा व्यक्ति हो सकते हैं।

यहाँ पढ़ें: 10 Lines on my favourite personality In Hindi | मेरा पसंदीदा व्यक्ति पर 10 लाइन

आज इस लेख के माध्यम से हमने अपने पसंदीदा व्यक्ति के विषय पर छोटे से लंबे निबंध, भाषण और वाक्य लिखने की कोशिश की हैं। ये निबंध केजी, कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10 वीं स्तर के सभी छात्रों के लिए सहायक हो सकते हैं।

हर किसी के पास जीवन में एक पसंदीदा व्यक्ति होता है जिस पर वह हमेशा भरोसा कर सकता है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई व्यक्ति कितनी कठिन स्थिति का सामना कर रहा है, वह जानता है कि उसके पास वह एक व्यक्ति है जिससे वह सलाह ले सकता है। लोग हमेशा अपने पसंदीदा व्यक्ति की प्रशंसा करते हैं और देखते हैं। वे अपने पसंदीदा व्यक्ति की तरह सब कुछ हासिल करना चाहते हैं।

यहाँ पढ़ें: 10 Lines on Village Life in Hindi यहाँ पढ़ें: essay on village life in Hindi

मेरे जीवन में भी एक पसंदीदा व्यक्ति है जो मेरे बहुत करीब है और वह व्यक्ति मेरी मां है। मेरी मां इस पूरी दुनिया में मेरी पसंदीदा व्यक्ति हैं क्योंकि उनके पास वे सभी गुण हैं जो एक व्यक्ति को आदर्श बनाते हैं।

उनका किरदार बहुत ही सरल और आकर्षक है। वह बुद्धिमान, ईमानदार और सच्चा है। मैं हमेशा उनकी प्रशंसा करती हूँ क्योंकि हर किसी के प्रति उनकी दयालुता और जिस तरह से वह हर किसी की मदद करने की कोशिश करती है। वह कभी भी किसी को भी मना नहीं करती है जो मदद मांगने के लिए दरवाजे पर आता है। वह बहुत धार्मिक भी है और नियमित रूप से पूजा – प्रार्थना करती हैं। वह भगवान को बहुत मानती है और हमेशा मुझे भगवान के उपहारों को याद रखना सिखाती है और प्रार्थना करके उन्हे दैनिक धन्यवाद देती है।

उन्होंने हमेशा मुझे अपने जीवन के हर क्षेत्र में प्रेरित किया है। वह हमेशा वहां होती है, जहाँ मुझे उनकी जरुरत होती है।  जब भी मैं अपनी परीक्षा के लिए जाती हूं तो मेरी मां मेरे लिए प्रार्थना करती है। जब भी, मैं कुछ मामलों के बारे में असहाय और भ्रमित महसूस करती हूं , तो वह हमेशा मेरे निर्णयों में मेरी मदद करने के लिए एक अभिभावक परी के रूप में मौजूद होती है। उसने हमेशा मुझे प्रोत्साहित किया है कि मैं जो कुछ भी करती हूं वो सबसे अच्छा हो।

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यहाँ पढ़ें: 10 Lines on Parents in Hindi यहाँ पढ़ें: Essay on Parents in Hindi

अगर मैं किसी भी चीज में असफल रहती हूं तो वह हमेशा मेरी मदद करने के लिए होती है मैंने कुछ भी  गलत किया तो भी बिना किसी आलोचना के वह मेरा समर्थन करती हैं। वह सिर्फ एक मां नहीं है, बल्कि एक सबसे अच्छी दोस्त भी है। मैं अनगिनत घंटों के लिए उनसे बात कर सकती हूं।

मैं उनके साथ सब कुछ साझा करने के लिए सहज महसूस करती हूं। वह मेरी दोस्त है जिसने हमेशा प्रोत्साहित किया और मेरी मदद की जब भी मुझे नैतिक समर्थन के लिए एक दोस्त की आवश्यकता होती है।

सप्ताहांत पर, हम एक साथ खाना पकाते हैं और हैंगआउट के लिए भी जाते हैं। मेरे दोस्त भी उन्हे बहुत पसंद करते हैं। वह मेरे दोस्तों के लिए भी बहुत स्वादिष्ट भोजन पकाती है। वे अक्सर मेरी मां से मिलने के लिए मेरे घर भी आते हैं। वह स्वच्छता के प्रति भी जुनूनी है और हमेशा घर को साफ रखती है।

मैं आज जो भी हूँ वो मेरी मां कि वजह से ही हूँ। उसने मुझे सिखाया कि कैसे निस्वार्थ, विनम्र भाव से दूसरों की देखभाल करनी चाहिए। उसने मुझे कभी भी किसी भी चीज़ से सीमित या प्रतिबंधित नहीं किया, लेकिन उसने मुझे एक बात सिखाई कि सही और गलत के बीच एक अच्छी रेखा है और मुझे पता होना चाहिए कि मेरे लिए क्या सही है।

यह मेरे प्रति उसका विश्वास ही है कि मैं आज एक आत्मविश्वासी व्यक्ति हूं। मैंने उसे कभी किसी के बारे में बुरा बोलने के बारे में नहीं सुना। जिस तरह से वह पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है, वह मुझे आश्चर्यचकित करता है।

वह सिर्फ एक साधारण महिला नहीं है। वह पढ़ना, लिखना और पेंट करना पसंद करती है। वह हमेशा अधिक जानने और पढ़ने के लिए उत्सुक रहती है। हम साथ में खेल खेलते हैं और मुझे पता है कि वह हमेशा मुझे जीतने देती है। वह सबसे विनम्र महिला है जिसे मैंने अपने पूरे जीवन में देखा है।

मुझे पता है कि उसने हमारे परिवार की भलाई के लिए अपने सपनों का बलिदान दिया, लेकिन उसने हमें सपने देखने से कभी हतोत्साहित नहीं किया। वह हमेशा खुद को दूसरी प्राथमिकता पर रखती है लेकिन फिर भी कभी शिकायत नहीं करती है।

उसने मुझे धैर्य रखना और किसी भी स्थिति में हार नहीं मानने की सीख दी। मैं अपनी मां की तरह बनना चाहती हूं। मैं हमेशा उनके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए प्रार्थना करती हूं। वह एक आदर्श इंसान का उदाहरण है। मुझे अपनी मां पर बहुत गर्व है।

यहाँ पढ़ें: 10 lines on my favourite book in hindi यहाँ पढ़ें: Essay On My Favorite Book in Hindi

अंत में यही कहना चाहूँगी कि मां के जैसा कोई दूसरा व्यक्ति होता मेरी मां मेरी पसंदीदा व्यक्ति हैं, हर मुश्किल समय में वह मेरे साथ होती है, दोस्तों अगर आप को यह लेख पसंद आया हो तो हमें कमेंट करके बताएं कि आपका पसंदीदा व्यक्ति कोन है।

अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर निबंध

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मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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सफल व्यक्ति के गुण | 32 Qualities of a Successful Person in Hindi

Table of Contents

सफल व्यक्ति के गुण

 qualities of a successful person in hindi, 32 steps for guaranteed success in hindi.

  • सफल व्यक्ति के गुण |

Qualities of a Successful/Good Person in Hindi

1. Desire in Hindi ( इच्छा ) –  

2. confidence in hindi ( आत्मविश्वास ) –, 3. imagination in hindi ( कल्पना ) – , 4. awareness in hindi ( जागरूकता ) – , 5. purpose in hindi ( उद्देश्य ) –, 6. mind mapping in hindi ( मन मानचित्रण ) –, 7. passion in hindi ( जुनून ) – , 8. big dreams in hindi ( बड़े सपने ) – , 9. goal in hindi ( लक्ष्य ) – , 10. planning in hindi ( योजना ) – , 11. specialized knowledge ( विशेष ज्ञान ) – .

Success ebooks or pdf in hindi

12. Action in Hindi ( कार्य ) – 

13. give your best in hindi ( अपना बेहतरीन प्रदर्शन करो ) – , 14. patience in hindi ( धैर्य ) – , 15. will power in hindi ( इच्छाशक्ति ) – , 16. learn from failure in hindi ( असफलता से सीखो ) –, 17. positive thinking in hindi ( सकारात्मक सोच ) – , 18. positive atmosphere in hindi ( सकारात्मक माहौल ) – , 19. self discipline in hindi ( आत्म अनुशासन ) –, 20. flexible in hindi ( मुलायम ) – , 21. honesty in hindi ( ईमानदारी ) – , 22. givers in hindi ( दाता ) –, 23 . brave in hindi ( साहसी ) – , 24. self- esteem in hindi ( आत्म सम्मान ) – , 25. focus on your strength ( अपनी ताकत पर ध्यान दें ) – , 26. positive attitude in hindi ( सकारात्मक दृष्टिकोण ) – , 27.  hard work with smart work ( स्मार्ट काम के साथ कड़ी मेहनत ) –, 28. reader in hindi ( पढ़ने वाला ) – .

Book pdf or ebooks in Hindi English for success

29. Investing in Hindi ( निवेश करना ) – 

30. sacrifice in hindi ( त्याग ) – , 31. push your limits ( अपनी सीमाएं तोड़ें ) – , 32. right decision(सही निर्णय) – .

लाइफ में सफलता पाने के लिए सही निर्णय लेना बहुत जरूरी है, सही निर्णय लेने का सबसे अच्छा तरीका है खुद से अपनी लाइफ का डिसीजन (निर्णय) लेना। आपको अपनी लाइफ का निर्णय खुद ही लेना होगा क्योंकि आपको आपसे से बेहतर कोई नहीं जानता।

आप क्या करना चाहते हैं और आप क्या कर सकते हैं यह सिर्फ आपको ही पता होगा, और अगर आपको नहीं पता है तो आप एक कॉपी और कलम लेकर अपने माइंड के सारे विचार लिखकर और एनालाइज करके पता कर सकते हैं कि आप क्या कर सकते हैं और आपको क्या करना है और हां याद रहे अपनी लाइफ की पूरी जिम्मेदारी और अपनी लाइफ के सभी निर्णय खुद लो। जिससे आप बाद में किसी और को दोषी नहीं ठहराएंगे। और लाइफ में सफल होने का यही एकमात्र तरीका है।

Good Qualities of a Person in Hindi

जीवन में सफल सिर्फ वही व्यक्ति हो पता है जिसने खुद से ये वादा किया होता है।

Thanks for Reading 💗

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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