मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध

नमस्कार दोस्तों, कहा जाता है ना कि जिंदगी में हर किसी का कोई ना कोई सपना जरूर होता है। वह डॉक्टर, शिक्षक, पायलट, आर्मी ऑफिसर, कुछ ना कुछ जरूर बनना चाहता है। तो आइए हम आपकी सहायता करते हैं कि आपको अपने जीवन के लक्ष्य के बारे किस तरह से सोचना चाहिए कि आप को अपने जीवन में क्या करना है।

Essay on Mere Jeevan ka Lakshya in Hindi

हम यहाँ पर मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध शेयर कर रहे हैं। यह निबन्ध अलग-अलग शब्द सीमा में शेयर किया है, जिससे विद्यार्थियों को आसानी रहे। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के लिए मददगार है।

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मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (100, 150, 200, 250, 300 और 1000 शब्दों में)

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 100 शब्द.

हर मनुष्य अपने जीवन में लक्ष्य बनाता है। मनुष्य का अपने जीवन के लिए लक्ष्य बनाना एक स्वाभाविक गुण माना जाता है। हर व्यक्ति कोई न कोई लक्ष्य या कोई न कोई प्राप्ति हासिल करना चाहता है। हर व्यक्ति के मन में सपने होते हैं और उसी सपनों को पूरा करने के लिए व्यक्ति काम करता है।

बिना लक्ष्य के व्यक्ति अपने जीवन में लड़खड़ा ना शुरू कर देता है। व्यक्ति के जीवन में लक्ष्य का होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। मनुष्य को अनुशासन पर चलाने में भी लक्ष्य का निर्धारण बहुत ही ज्यादा जरूरी है, जो व्यक्ति के सामने कोई न कोई टारगेट होता है, तो व्यक्ति अनुशासन के तहत मेहनत करता है। मैंने अपने जीवन में डॉक्टर बनने का सपना पूरा करने की बात छोटी उम्र में दिमाग में बिठा ली थी।

mere jeevan ka lakshya essay in hindi

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 150 शब्द

विद्यार्थी भी अपने जीवन में शुरुआत से ही कोई लक्ष्य को चयनित कर लेते हैं। लक्ष्य हासिल करने के लिए विद्यार्थी हमेशा तत्पर रहता है। हर इंसान के द्वारा लक्ष्य का निर्धारण किया जाता है और उसी निर्धारण के आधार पर लक्ष्य प्राप्ति के पीछे मुकाम हासिल करने की चाहत रखते हैं।

मनुष्य के द्वारा निर्धारित किए गए लक्ष्य मनुष्य को विपरीत दिशाओं से मुकाबला करते हुए अपने मंजिल तक पहुंचने की चाहत पैदा करते हैं। लक्ष्य के आधार पर ही व्यक्ति सही राह पर चल सकता है। अन्यथा उस व्यक्ति के सामने हजार रास्ते मौजूद हो जाते हैं। जहां व्यक्ति कौन से रास्ते का चयन करें इसके बारे में सही से सोच नहीं पाता है। हर मनुष्य को अपने जीवन में एक लक्ष्य का निर्धारण करना चाहिए।

लक्ष्य का निर्धारण करना मनुष्य के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है। मैंने अपने लक्ष्य के लिए अपने माता-पिता ओं को प्रथम गुरु मानते हुए उनका मुख्य सहयोग लिया है। इसके अलावा मैंने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए सहपाठियों और गुरुजनों का सहयोग प्राप्त किया।

लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मैंने सही तरीके से कार्य की और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक सही रास्ते का चयन किया। उसके पश्चात मैंने पूरे विश्वास के साथ लक्ष्य प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी। तब जाकर मुझे अपना लक्ष्य हासिल हुआ।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 200 शब्द

लक्ष्य का निर्धारण करना और उसे हासिल करना मनुष्य के लिए एक नए जीवन की शुरुआत के समान होता है। जब मनुष्य वृद्धावस्था में भी अपने लक्ष्य को हासिल करता है तो उस समय मनुष्य के मन में खुशी के कोई ठिकाने नहीं होते हैं। बूढ़े को भी लक्ष्य की प्राप्ति जवान बना देती है।

लक्ष्य की प्राप्ति करने में जो कठिनाइयां सामने आती है। उन कठिनाइयों से भलीभांति परिचित होकर ही आपको विश्वास और लगन के साथ परिश्रम करना चाहिए। व्यक्ति अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए माता-पिता और गुरुजनों का सहयोग ले सकता है।

गीता में एक बात कही गई है कि “कर्मियेवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचनः” इसका तात्पर्य देखा जाए तो इसका मतलब मुझे पूर्ण विश्वास है, कि मैं अपने लक्ष्य तक अवश्य पहुंच जाऊंगा। यदि व्यक्ति के मन में यह आत्मविश्वास रहता है तो व्यक्ति अक्सर अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लेता है।

विद्यार्थी भी अपने जीवन में एक लक्ष्य का निर्धारण करते हैं। विद्यार्थियों के मन में भी बड़े होकर ऊंचे पद पर नौकरी हासिल करना, बड़े होकर डॉक्टर और इंजीनियर बनने का सपना होता है, जो विद्यार्थियों के लिए एक लक्ष्य और चुनौती की तरह होता है। यह लक्ष्य और चुनौती को हासिल करने के लिए विद्यार्थी पुरजोर से मेहनत करता हैं।

mere jeevan ka lakshya essay in hindi

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 250 शब्द

हर व्यक्ति को अपने जीवन में कोई ना कोई उद्देश्य जरूर रखना चाहिए। एक लक्ष्य ही होता है, जो हमें हमारे सपनों तक पहुंचा सकता है और हमें एक अलग पहचान दे सकता है। जिस व्यक्ति का कोई सपना नहीं होता, कोई लक्ष्य नहीं होता, वह जिंदगी में कुछ नहीं कर सकता।

ऐसे लोगों को ही अक्सर कहते सुना है कि हमारी किस्मत ही हमारे साथ नहीं है। अगर हम मेहनत ही नहीं करेंगे तो हमें फल कहां से मिलेगा। इसीलिए भगवान ने भी गीता में कहा है कि कर्म करते रहो फल की इच्छा मत करो।

देखा जाए तो आपको हर व्यक्ति से सुनने को मिलेगा कि हमारा लक्ष्य यह है, हम यह बनना चाहते हैं। कुछ लोग डॉक्टर बनना चाहते हैं, तो कुछ लोग इंजीनियर बनना चाहते हैं, कुछ लोगों को बच्चों को पढ़ाने में दिलचस्पी होती है, इसलिए वे शिक्षक बनना चाहते हैं, कुछ लोग अभिनेता बनना चाहते हैं, जबकि वहीं कुछ लोग नेता बनना चाहते हैं। हमारा तात्पर्य यह है कि इंसान वही बनना चाहता है, जिसमें उसकी रूचि होती है, जिसमें वह आत्मसमर्पण से मेहनत कर सकता है।

कुछ लोग अपने लक्ष्य को अपनी हैसियत के हिसाब से चुनते हैं, तो कुछ लोग अपने लक्ष्य अपनी सोच के हिसाब से, जिसकी जैसी सोच होती है, वैसा ही वह लक्ष्य चुनता है। कुछ लक्ष्य तो सुनने में और करने में अच्छे होते हैं, परंतु कुछ लक्ष्य ऐसे होते हैं जो हमें अपने लक्ष्य से भ्रमित कर सकते हैं।

देखा जाए तो जीवन में हर व्यक्ति को चुनौतियां और समस्याओं का सामना करना पड़ता है। परंतु जीवन में किसी भी व्यक्ति को हार नहीं माननी चाहिए। हमें तब तक प्रयास करना चाहिए, जब तक हमारा शरीर हमारे साथ है।

कई लोग कहते हैं कि आपने ऐसा लक्ष्य चुना है, यह तो आपसे नहीं हो पाएगा। ऐसा हम मान सकते हैं कि हमारा लक्ष्य कठिन हो सकता है, लेकिन असंभव नहीं। हमें निरंतर प्रयास करते ही रहना चाहिए। कभी ना कभी सफलता हमारे कदम चूमेगी।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 300 शब्द

मैंने अपने जीवन में एक लक्ष्य का निर्धारण किया है। जब मैं पांचवी कक्षा पास कर चुका था तब मैंने डॉक्टर बनने का एक लक्ष्य निर्धारित किया था और डॉक्टर बनकर देश की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त करने के लिए मैंने अपने लक्ष्य का पीछा करना शुरू किया।

लक्ष्य का पीछा करते-करते ही मैंने अपनी पढ़ाई पर बहुत जोर दिया। दिन रात मुझे अपने लक्ष्य को हासिल करने की चाहत रहती हैं। मैं अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम शुरू कर चुका हूं। डॉक्टर बनने के लिए मैंने परिश्रम में अपनी तरफ से कोई भी कसर नहीं छोड़ी।

डॉक्टर बनने के लिए जो पढ़ाई करनी होती है, उस पढ़ाई के लिए मैंने अपनी पूरी मेहनत जौक दी। पढ़ाई करने मैं मेहनत करने के साथ-साथ डॉक्टर बनने के लिए और क्या जरूरी होता है। उसके बारे में भी मैंने दसवीं कक्षा से ही शुरुआत कर ली।

दसवीं कक्षा के बाद मैंने विज्ञान वर्ग का चयन करके डॉक्टर बनने के लिए पहली सीढी पर कदम रखा था। 11वीं और 12वीं कक्षा में ने बायोलॉजी विषय से पूरी की और उसके पश्चात एंट्रेंस एग्जाम में भाग लिया।

जब मैंने एंट्रेंस एग्जाम को पास कर लिया तो मुझे डॉक्टर के लिए जरूरी डिग्री एमबीबीएस के लिए कॉलेज मिल गया था। अब मैंने कॉलेज में कड़ी मेहनत के साथ पढ़ाई करना शुरू किया। धीरे-धीरे मेरी कॉलेज की डिग्री पूरी होती गई और मेरा डॉक्टर बनने का सपना भी पूरा होने वाला था।

उसके पश्चात मैंने मास्टर डिग्री हासिल की और ट्रेनिंग की अवधि पूरी कर के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया। मुझे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का बहुत ज्यादा गर्व महसूस होता है। जब मैंने लक्ष्य हासिल किया था, तब मेरे मन में खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा था।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 1000 शब्द

यह बिल्कुल सच वाक्य है कि बिना उद्देश्य वाला व्यक्ति जीवन में कभी कुछ नहीं कर सकता, उसका जीवन जानवर के समान होता है। ऐसा कहा जाता है कि इंसान और जानवर में यही फर्क होता है।

जानवर अपने लिए सब कुछ नहीं कर सकता, परंतु इंसान चाहे तो अपने लिए सब कुछ कर सकता है। इसीलिए जीवन में हर व्यक्ति का कोई ना कोई लक्ष्य जरूर होना चाहिए। अगर हमारा जिंदगी में कोई भी लक्ष्य नहीं होगा तो समाज भी हमें नहीं स्वीकारता।

लक्ष्य/उद्देश्य क्या होता है?

उद्देश्य यह बहुत ही छोटा सा शब्द है, लेकिन इसका हमारे जीवन में बहुत ही बड़ा महत्व है। जीवन में जो सपना हम सच करना चाहते हैं, उसे ही उद्देश्य कहा जाता है। लक्ष्य का मतलब होता है, पक्का इरादा करना, निरंतर प्रयास करना, किसी चीज से आकांक्षा रखना, अपनी इच्छा को पूरा करना। बचपन में हर कोई अपने जीवन को लेकर कोई ना कोई सपना जरूर देखता है।

कोई व्यक्ति चाहता है कि मैं कलाकार बनूंगा तो कोई व्यक्ति चाहता है मैं डॉक्टर बनूंगा, यही उद्देश्य का मतलब होता है। अगर हमें अपना उद्देश्य पूरा करना है तो इसके लिए हमें हर चुनौती और समस्या का सामना डट कर करना होगा। उसको पार करके ही हम अपने सपने को पूरा कर सकते हैं।

लक्ष्य/उद्देश्य का क्या महत्व होता है?

साधारण शब्दों में कहा जाए तो जिस व्यक्ति का कोई उद्देश्य नहीं होता, उस व्यक्ति को समाज नकार देता है। उसे अपने समाज में जगह नहीं देता है। अगर हमें अपना सपना पूरा करना है तो हमें सफलता के लिए हर पड़ाव को पूरा करना होगा। चाहे कितनी भी बार हमारे कदम क्यों ना लड़खड़ाए हमें वहां डटकर खड़े रहना होगा।

हमारे जीवन में लक्ष्य का बहुत अधिक महत्व है, क्योंकि लक्ष्य के बिना जीवन जीने का कोई मतलब नहीं होता है। अगर आपका आपके जीवन में कोई ना कोई लक्ष्य होता है तो आपका जीवन बहुत ही आनंदमय के साथ बीतता है और यह हमारे जीवन जीने का सबसे सर्वोत्तम तरीका है।

हमारे जीवन में प्राथमिक उद्देश्य क्या होना चाहिए?

सभी व्यक्तियों के जीवन में अलग-अलग प्राथमिक उद्देश्य होते हैं। किसी के लिए सबसे पहले उनका परिवार आता है, तो किसी के लिए सबसे पहले उनका सपना होता है। अगर आपको अपने सपने को पूरा करना है तो इसके लिए आपको खुद को फिट रखना होगा, जीवन को पूरी स्वतंत्रता के साथ जीना होगा और सफलता के लिए हर प्रयास करना होगा। यही हमारे प्राथमिक उद्देश्य होने चाहिए।

उद्देश्य कितने प्रकार के होते हैं?

हर व्यक्ति के जीवन में उनके लिए उद्देश्य कई प्रकार के होते हैं। जिस तरह से सभी व्यक्ति अलग होते हैं, उसी तरह से उनके उद्देश्य भी अलग होते हैं। क्योंकि कुछ व्यक्ति शिक्षक बनना चाहते हैं तो कुछ पायलट बनना चाहते हैं, इसी तरह से कुछ लोग इंजीनियरिंग करना चाहते हैं, जबकि कुछ लोग चित्रकला में दिलचस्पी रखते हैं। इसी तरह से उदेश्य कई प्रकार के हो सकते हैं।

हमें जीवन का सही उद्देश्य कैसे चुनना चाहिए?

ऐसा कहा जाता है कि जीवन में सबसे पहली गुरु हमारी मां होती है। अगर आपको अपने उद्देश्य को चुनने में मुश्किल हो रही है, तो सबसे पहले आप अपनी मां के पास जाइए, क्योंकि आपकी मां से बेहतर आपको कोई नहीं जान सकता। इसीलिए आपको आपके प्रश्नों के उत्तर आपकी मां के पास बेहतर तरह से मिल सकेंगे।

आजकल की युवा पीढ़ी को इन समस्याओं का अधिक सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनके सामने इतने अत्यधिक विकल्प हैं कि वह असमंजस में पड़ जाते हैं कि उनके लिए कौन सा बेहतर विकल्प है। इसके लिए वह अपने प्रिय जनों से या अपने गुरु से वार्तालाप करके इस समस्या का हल पा सकते हैं।

हमें अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करना चाहिए?

अगर हमें अपने लक्ष्य को वाकई में प्राप्त करना है तो इसके लिए हमें बहुत ही मेहनत करनी होगी। इसके लिए आपको कुछ बातें याद भी रखनी होगी जो निम्नलिखित हैं:

  • हमें हमेशा अपने लक्ष्य के प्रति सक्रिय रहना चाहिए और लगातार काम करते रहना चाहिए।
  • जितना हो सके हमें नकारात्मक बातों को दिमाग में नहीं लाना चाहिए।
  • सभी काम हमें धैर्य पूर्वक करने चाहिए और काम में संतुलन बनाए रखना चाहिए।
  • सभी काम हमें ध्यान पूर्वक करना चाहिए।
  • असफलता और मुसीबतों से नहीं घबराना चाहिए बल्कि, गलतियों को सुधार कर और बेहतर बनाना चाहिए।
  • हमें किसी सफल व्यक्ति से सहायता लेनी चाहिए और अपना मार्गदर्शन करना चाहिए।
  • अंतिम परिणाम की कल्पना करनी चाहिए यह सोचना चाहिए कि वाकई में हम यह काम कर सकते हैं।
  • सबसे जरूरी बात हमें अपने लक्ष्य पर अडिग रहना चाहिए।

इसी तरह से हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ध्यान केंद्रित रखना होगा। अगर आप मेहनत से अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहेंगे तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। आपको सफलता जरूर मिलेगी।

इसी प्रकार हमें अपनी इच्छा अनुसार अपने लक्ष्य को हर हाल में पूरा करना ही चाहिए। अगर हमें इसके लिए किसी की सहायता लेनी पड़ती है तो हमें सहायता बेझिझक मांगनी चाहिए। सहायता मांगने में शर्म नहीं करनी चाहिए। हमें अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमेशा दृढ़ रहना चाहिए। तभी हम अपने सपने को पूरा कर पाएंगे और जीवन में सफल हो सकेंगे।

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Rahul Singh Tanwar

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Comments (4).

Very-very good anucched . It was so helpful for my Hindi homework

Ati labhdayak kal mera language paper h

Osamm labhdayak hai ☺️☺️☺️

Aapka lakshya ka niband bahut hi achha hai

Sir apne lakshya ko drid banay rakhne ke liye kya karna chahiye

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Hindi Essay on “Mere Jeevan ka Lakshya”, “मेरे जीवन का लक्ष्य”, Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

मेरे जीवन का लक्ष्य

Mere Jeevan ka Lakshya

5 Hindi Essay on ” Mere Jeevan Ka Lakshya”

निबंध नंबर : 01

मानव जीवन में हम बड़े-बड़े काम कर सकते हैं। हम सभी अपने जीवन में कोई-न-कोई लक्ष्य बनाते हैं। उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम भी करते हैं। अपने बड़ों से हमें बहुत प्रेरणा मिलती है और हम भी उनके जैसा बनना चाहते हैं।

पाँचवी कक्षा में कुछ तय करने के लिए मैं बहुत छोटा हूँ परंतु स्वयं को एक फौजी अफसर के रूप में देखना चाहता हूँ। मुझे अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा होती है। जब मैं समाचारों में बाहरी ताकतों की हरकतों। के बारे में पढ़ता हूँ तब मेरा खून खौलने लगता है।

वरदी पहने जवानों को देख मैं बहुत उत्साहित होता हूँ। मेरे दादा जी भी फौज में एक ऊँचे पद पर थे। सभी उनका बहुत सम्मान करते थे। उनके साहस की बातें सुनकर मेरे मन में भी फौजी बनने की इच्छा प्रबल हो उठती  है।

मेरे माता-पिता मुझे अपने लक्ष्य की ओर सदा प्रोत्साहित करते हैं। मैं भी स्वयं को फौजी वरदी में देखने के स्वप्न देखता रहता हूँ।

(150 Words)

निबंध नंबर: 02

मेरे जीवन का लक्ष्य अथवा उद्देश्य

भूमिका- मनुष्य अनेक कल्पनाएं करता है। वह अपने को ऊपर उठाने के लिए अनेक योजनाएं बनाता है। कल्पना सबके पास होती है लेकिन उस कल्पना को साकार करने की शान्ति किसी-किसी के पास होती है। मनुष्य जीवन एक यात्रा के समान है। यात्री को पता होता है कि मैंने यहाँ जाना है तो वह वहीं की टिकट लेकर अपनी यात्रा आरम्भ कर देता है और अपने लक्ष्य तक पहुँच जाता है। अगर उसे यह पता नहीं कि मैंने कहाँ जाना है तो यात्रा का कोई अर्थ नहीं रह जाता। सभी अपने सामने कोई न कोई लक्ष्य रखकर चलते हैं।

विभिन्न लक्ष्य- विभिन्न व्यक्तियों के लक्ष्य भी विभिन्न होते हैं तो कोई अध्यापक बनना चाहता है, कोई डाक्टर बनना चाहता है। कोई इंजीनियर बनकर देश की सेवा करना चाहता है। कभी वह सैनिक बनकर देश की सीमा की रक्षा करना चाहता है। कोई कर्मचारी बनकर दफतर में बैठना पसन्द करताहै। कोई व्यापारी बनना चाहता है तो कोई नेता और अभिनेता बनना चाहता है। मेरे मन की एक कल्पना है मैं डॉ० बनकर ग्रामीण लोगों की सेवा करना चाहता हूँ।

मेरे लक्ष्य का महत्त्व – मैंने तो आरम्भ से ही अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है। मेरे जीवन का लक्ष्य है डॉ० बनना और अपनी समाज की सेवा करना। डॉ० का लक्ष्य केवल पैसा कमाना नहीं होना चाहिए। देश और समाज की सेवा करना उनका लक्ष्य होना चाहिए। मेरा लक्ष्य तो समाज की सेवा करना है- धन कमाना नहीं।

हमारे प्राचीन ग्रन्थों में ऐसा लिखा है कि समाज में दो व्यक्तियों का बड़ा उपकार है। पहला है शिक्षक जो लोगों की अज्ञानता को दूर करके ज्ञान रूपी दीपक दिखाकर उनका जीवन सफल बनाता है। दूसरा है डॉक्टर जो बीमार लोगों का उपचार करके उनको जीवन दान देता है। दोनों के कर्म बड़े पावन है लेकिन मैंने डॉक्टर बनकर सेवा करना पसन्द किया है। हमारे देश में जो डॉक्टर बनते हैं या तो विदेशों में भागकर ज्यादा धन कमाना चाहते हैं या फिर अस्पताल बनाकर लोगों का धन लूटते हैं। मुझे ऐसा पसन्द नहीं।

मैं चाहता हूँ कि दूर किसी गाँव में जाकर अपना अस्पताल बनाऊं ताकि गाँव के लोगों को रोगों से मुक्त जीवन मिले। उनको छोटी-मोटी बिमारी के कारण शहर की और न भागना पड़े और अपना धन लुटाना पड़ा। मेरी यह चाहत है कि मैं गरीबों से उतनी ही फीस लूं जिससे अस्पताल का काम सुचारू रूप से चल सके। मेरी यह चेष्टा रहेगा। कि गरीबो का मुफ्त इलाज करूं।

देश की वर्तमान दशा- भारत एक विकासशील देश है। परन्तु यहाँ के अधिकांश निवासी शिक्षा, गरीबी, बीमारी तथा बेरोजगारी का शिकार हैं। बीमारी की हालत में वे अपना इलाज ठीक प्रकार से नहीं करवा पाते। आज देश में ऐसे डॉक्टरों की आवश्यकता है जो सच्चे मन से बीमार लोगों का उपचार करें। मैंने डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

उपसंहार- मेरी तुच्छ वृद्धि के अनुसार एक सफल डॉक्टर और अच्छा डॉक्टर बनना आसान नहीं है। यह कार्य कठिन है। फिर भी मैंने अपने लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए अभी से प्रयल प्रारम्भ कर दिए है। मेरे पिता जी भी ऐसा ही चाहते हैं कि मैं एक डॉक्टर बूं और अपने समाज की सेवा करूं।

(500 Words)

निबंध नंबर : 03

मेरा जीवन-लक्ष्य

Mera Jeevan Lakshya 

बचपन में मेरे पिताजी कहा करते थे-“मेरा श्याम तो इंजीनियर बनेगा”, क्योंकि मैं बचपन में हथौड़ी से कुछ न कुछ कूटाकाटी किया करता था। जैसे-जैसे मैं बड़ा होता गया, मेरा रुझान भी इंजीनियर की ओर बढ़ता चला गया। मैं सोचता था-कितने सुनहरे होंगे वो जब मैं सचमुच का इंजीनियर बन जाऊँगा।

“जहाँ चाह, वहाँ राह।” दसवीं कक्षा में विज्ञान में मेरे 95 प्रतिशत अंक और गणित में 98 प्रतिशत अंक आए, तो मेरे अध्यापक ने मय कहा कि अगर मैं बारहवीं की परीक्षा में भी अच्छे नंबर लाऊँगा, तो अब इंजीनियर बन जाऊँगा। साथ ही यह भी संभव है कि इंजीनियरिंग के लिए मुझे सरकार की ओर से छात्रवृत्ति भी मिल जाए, क्योंकि सरकार मेधावी बच्चों को पढ़ने के लिए और कोर्स करने के लिए हर संभव सहायता करती है।

मुझे ज्ञात है कि समाज में इंजीनियर का एक ऊँचा स्थान है। लोग उसे आदर की दृष्टि से देखते हैं और उससे परिचित होने में गर्व का अनुभव करते हैं। आर्थिक दृष्टि से भी वह प्रथम श्रेणी का व्यवसाय है। इंजीनियर के लिए नौकरी और स्वतंत्र धंधा-दोनों ही रास्ते खुले हैं। अच्छे काम की सभी कद्र करते हैं। अनुभव और योग्यता के आधार पर पदोन्नति की संभावना भी रहती है। विदेशों में ऊँचे प्रशिक्षण के भी अवसर आते रहते हैं। निजी उद्योगों की नौकरी में उन्नति के इससे भी अधिक अवसर हैं, किन्तु यदि इंजीनियर चाहे तो अपना स्वतंत्र धंधा भी चला सकता है।

मेरी इच्छा है कि मैं इंजीनियर बनकर देश के औद्योगिक विकास में योगदान करूँ। हमारा देश औद्योगिक क्षेत्र में पिछडा हआ है, दुनिया की दौड़ में उसे आगे ले जाने का काम न तो क्लर्क कर सकते हैं, आर न दुकानदार। यह काम तो इंजीनियर ही कर सकता है। यदि मैं इंजीनियर बन जाऊँ तो जहाँ अपने जीवन के लिए अच्छी-खासी आजीविका जुटाऊँगा, वहीं देश की औद्योगिक प्रगति में भी सक्रिय योगदान दूगा। यह भी संभव है कि मैं कोई नया सुधार या आविष्कार कर सकू।।

मैं स्वयं इंजीनियर बनकर भारत के अन्य गरीब बच्चों को भी आर्थिक सहायता देकर इंजीनियर बनने में सहायता दूंगा। इसके अतिरिक्त समाज हितकर कार्यों के लिए शारीरिक एवं आर्थिक योगदान देकर अपने जीवन को सफल बनाऊँगा।

मुझे पूर्ण आत्मविश्वास है कि मैं अपने जीवन-लक्ष्य को अवश्य प्राप्त कर सकूँगा।

(350 Words)

निबंध नंबर : 04

My Aim in Life

विद्यार्थियों को अपना एक लक्ष्य अवश्य निर्धारित कर लेना चाहिए । फिर इस लक्ष्य के प्रति समर्पित हो जाना चाहिए । इसलिए मैंने भी अपने जीवन का एक लक्ष्य बनाया है। मैं एक डॉक्टर बनना चाहता हूँ । डॉक्टर की आमदनी जीने लायक पर्याप्त होती है । उसे समाज में भी उचित सम्मान मिलता है । सबसे बढ़कर उसे समाज-सेवा का पर्याप्त अवसर प्राप्त होता है । डॉक्टर उस समय लोगों की मदद करता है जब कोई और उसकी मदद नहीं कर सकता । वह बीमार व्यक्तियों को नया जीवन देता है । उसका काम बहुत उत्तम कोटि का है । इसलिए मैंने डॉक्टर बनने का पक्का निश्चय किया है । इसके लिए मैं अभी से कठिन श्रम कर रहा हूँ । मैं एक अच्छा डॉक्टर बनना चाहता हूँ । मैंने माता-पिता को अपना जीवन-लक्ष्य बता दिया है । वे मेरे निर्णय से बहुत खुश हैं । वे मुझे पर्याप्त प्रोत्साहन भी दे।

निबंध नंबर : 05

Mere Jeevan Ka Lakshya 

लक्ष्यपूर्वक जीने से जीवन का रस बढ़ जाता है। तब हमारे जीवन की गति को एक निश्चित दिशा मिल जाती है। मैंने निश्चय किया है कि मैं इंजीनियर बनकर इस संसार को नए-नए साधनों से संपन्न करूंगा। देश में जल-बिजली, सड़क या संचार-जिस भी साधन की आवश्यकता होगी, उसे पूरा करने में अपना जीवन लगा दूंगा। मैं बड़ा होकर भवन निर्माण की ऐसी सस्ती, सुलभ योजनाओं में रुचि लूँगा जिससे मकानहीनों को मकान मिल सकें। मैंने सुना है कि कई इंजीनियर पैसे के लालच में सरकारी भवनों, सड़कों, बाँधों में घटिया सामग्री लगा देते हैं। यह सुनकर मेरा हृदय रो पड़ता है। अतः मैं कदापि यह पाप-कर्म नहीं करूँगा, न अपने होते यह काम किसी को करने दूंगा। मैंने अपने लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में प्रयास करने आरंभ कर दिए हैं। गणित और विज्ञान में गहरा अध्ययन कर रहा हूँ। मैं तब तक आराम नहीं करूंगा, जब तक कि लक्ष्य को पा न लें।

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17 Comments

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Make more essays for secondary classes also… PLEASE…

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Please write one for Cardiologist.. Please…?

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Very good essay keep it up ??

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Please write an short essay for law professional

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Thanks for the essay 😊😊😊

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Very useful 👌 👍 👏 😀

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Nice! Can you provide a अनुच्छेद on मेरा लक्ष्य: गायक/गायिका बनना ?

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That’s great but please make an essay on lawyer

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Thanks this is very helpful for me

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Thank you 😌

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Thank you for this . This essay is to good thank you 💜💜💜

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

essay on mere jeevan ka lakshya army officer in english

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – My Aim In Life Essay

My Aim In Life Essay

हर किसी के जीवन के लक्ष्य अलग-अलग होते हैं, कोई किसी क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहता है तो कोई किसी क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाना चाहता है और नाम कमाना चाहता है, अर्थात लक्ष्य के द्धारा ही व्यक्ति एक सुखी जीवन का आनंद ले सकता है।

वहीं लक्ष्य एक अतिमहत्वपूर्ण विषय है, जिस पर कई बार स्कूलों में आयोजित निबंध प्रतियोगिता में अथवा क्लास में बच्चों को “मेरे जीवन का लक्ष्य” पर निबंध (My Aim In Life Essay) लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में ‘मेरे जीवन का लक्ष्य’ पर अलग-अलग शब्दों में निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है –

My Aim In Life Essay

“मेरे जीवन का लक्ष्य” पर निबंध नंबर – My Aim In Life Essay

जाहिर है कि इस दुनिया में हर व्यक्ति की सोच और उसका लक्ष्य अलग होता है। कोई एक आदर्श शिक्षक बनकर शिक्षित समाज का निर्माण कर देश का कल्याण करना चाहता है, तो कोई इंजीनियर बनकर बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी करना चाहता है, तो कोई समाजसेवी बनकर समाज में फैली कुरोतियों को दूर करना चाहता है और जरूरतमंदों और असहायों की मद्द करना चाहता है।

सभी अपने सामर्थ्य और क्षमता के मुताबिक ही अपने-अपने लक्ष्यों का निर्धारण करते हैं, वैसे ही मैं जब भी किसी रोगी को दर्द से कराहता देखता हूं, या फिर जब किसी अस्वस्थ व्यक्ति की पीड़ा समझने की कोशिश करता हूं, तो अक्सर मेरे दिल और दिमाग में यही ख्याल आता है कि काश मै डॉक्टर होता तो इसकी मद्द कर पाता।

इसलिए मैने यह संकल्प लिया है कि मै डॉक्टर बनने के लिए पूरा प्रयास करूंगा और अपनी क्षमता शक्ति से अधिक मेहनत करूंगा ताकि मै एक सफल डॉक्टर बन सकूं।

आपको बता दूं कि मेरा अन्य लोगों की तरह डॉक्टर बनकर सिर्फ नोट छापने का कोई उद्देश्य नहीं है, बल्कि मैं डॉक्टर बनकर गंभीर रोगों से लड़ रहे गरीब और असहाय लोगों के काम आना चाहता हूं और एक स्वस्थ भारत के निर्माण में अपना सहयोग देना चाहता हूं।

वहीं कई लोग पैसे के अभाव में और कुछ मजबूरियों के चलते डॉक्टर की डिग्री हासिल नहीं कर सकते, लेकिन मैं अक्सर यही सोचता हूं कि अगर मै डॉक्टर बनने का निश्चय किया है तो किसी भी हालत में अपने लक्ष्य को पाकर ही रहूंगा और रोगों से लड़ रहे लोगों के जीवन को सुरक्षित बनाऊंगा, इसके साथ ही पीडि़त लोगों को उनके रोगों को दूर भगाने के लिए सही सलाह दूंगा। साथ ही उन्हें यह भी बताऊंगा कि वे कैसे स्वस्थ जीवन जीएं।

उपसंहार –

जाहिर है कि ज्यादातर लोग अपने जीवन में बड़े-बड़े सपने देखते हैं और लक्ष्यों का निर्धारण करते हैं, लेकिन कुछ चुनिंदा लोग ही ऐसे होते हैं, जो अपने लक्ष्यों को पाने के लिए निरंतर कोशिश करते हैं, ऐसे लोग ही अपने लक्ष्यों का आसानी से हासिल कर लेते हैं।

इसलिए हमें अपने जीवन के लक्ष्यों का निर्धारण करना चाहिए साथ ही इसे पाने के लिए निरंतर कोशिश भी करते रहना चाहिए। तभी हमारा जीवन सार्थक हो सकेगा।

Essay on Mere Jeevan ka Lakshya in Hindi

लक्ष्य को रखने वाला मनुष्य ही अपने जीवन में सही रास्ते पर चल सकता है और अपने परिवार और देश के विकास में सहयोग कर सकता है, वहीं लक्ष्यविहीन मनुष्य उस गेंदबाज की तरह होते हैं, जो गेंद तो फेंकते हैं लेकिन उसने सामने विकेट नहीं होते।

ऐसे मनुष्य को न तो समाज में कोई दर्जा मिलता है और न ही वह अपने जीवन में कभी आगे बढ़ सकता है, इसलिए हर किसी को अपने जीवन में लक्ष्यों का निर्धारण करना चाहिए। वैसे ही मैं भी अक्सर एक शिक्षक बनने के बारे में सोचता हूं, और एक आदर्श शिक्षक बनना ही मेरे जीवन का लक्ष्य है-

मेरे जीवन का लक्ष्य –

मेरे जीवन का लक्ष्य एक शिक्षक बनना है – जाहिर है कि एक शिक्षक, समाज और देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और विद्यार्थियों का सही मार्गदर्शन कर उसे अपने जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने के काबिल बनाता है।

इसके साथ ही शिक्षक, शिष्य के अंदर सोचने-समझने की शक्ति विकसित करते हैं, और उन्हें अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं, वहीं आज मै भी अपने टीचर की बदौलत ही इस काबिल बन पाया हूं कि अपने जीवन के लक्ष्यों का निर्धारण कर सकूं।

वहीं हो सकता है कि कुछ लोग मेरे शिक्षक बनने के इस लक्ष्य को छोटा समझें लेकिन अगर मुझे एक आदर्श शिक्षक बनने का मौका मिला तो यह मेरे लिए बहुत गर्व और सम्मान की बात होगी, क्योंकि मैं शिक्षक बनकर कई छात्रों का सही मार्गदर्शन कर उनके भविष्य को संवारना चाहता हूं, और विकसित राष्ट्र की नींव रखना चाहता हूं।

क्योंकि एक शिक्षक बनकर ही समाज और राष्ट्र के हित के लिए काम किया जा सकता है, शिक्षक, समाज को एक नई दिशा देता है, और विद्यार्थियों को एक नया जीवन प्रदान करता है, इसलिए शिक्षक को भगवान से ऊंचा दर्जा दिया गया है, वहीं इस संदर्भ में कबीर जी का यह दोहा भी काफी प्रसिद्ध है –

गुरु गोबिन्द दोनों खड़े, काके लागू पाय बलिहारी, गुरु आपने, जिन गोबिन्द दियो बताय॥

इसके अलावा भी कई महान कवियों और महान पुरुषों ने शिक्षकों के महत्व को अपने विचारों के माध्यम से व्यक्त किया है। जिसके बारे में गंभीरता से सोचते हुए मैने भी शिक्षक बनने का प्रण लिया है।

एक आदर्श शिक्षक बनने के लिए मै निरंतर प्रयासरत रहता हूं और मैं इसके लिए हिन्दी विषय से पीएचडी की पढ़ाई भी करना चाहता हूं, मै छात्रों को हिन्दी विषय के पूरी जानकारी देना चाहता हूं और मैं इसके हिन्दी साहित्य से लेकर व्याकरण तक का ज्ञान देना चाहता हूं।

इसके साथ ही छात्र-छात्राओं को उनके कर्तव्यों का बोध करवाना चाहता हूं। और एक आदर्श शिक्षक बनकर समाज में अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहता हूं।

वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं कि शिक्षक बनकर सिर्फ चंद पैसे कमाना चाहते हैं, और विद्यार्थियों का सही मार्गदर्शन नहीं करते हैं, मैं इस तरह का शिक्षक बिल्कुल भी नहीं बनना चाहता हूं।

आपको बता दूं कि मेरे जीवन का लक्ष्य एक ऐसा शिक्षक बनना है, जो देश और समाज के कल्याण में काम आ सके और विद्यार्थियों के भविष्य को सुनहरा बना सके।

उपसंहार

शिक्षक को समाज में सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है, क्योंकि शिक्षक ही किसी भी व्यक्ति का उसके जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने में मद्द करता है, और उसके अंदर सामाजिक, मानसिक, आध्यात्मिक ज्ञान देता है। इसलिए मेरे जीवन का लक्ष्य एक आदर्श शिक्षक बनना है।

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Mere Jivan ka Lakshya

जीवन का लक्ष्य पर निबंध: Mere Jeevan ka Lakshya Essay (Aim of Life)

प्रत्येक व्यक्ति का कोई-न-कोई लक्ष्य होना चाहिए। बिना लक्ष्य के मानव उस नौका के समान है जिसका कोई खेवनहार नहीं है। ऐसी नौका में कभी भी भँवर में डूब सकती है और कहीं भी चट्टान से टकराकर चकनाचूर हो सकती है। लक्ष्य बनाने से जीवन में रस आ जाता है।

हर व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहता है तो कोई किसी क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाना चाहता है और नाम कमाना चाहता है, कई लोगों को ये भी पता नहीं होता है कि मेरे जीवन का लक्ष्य क्या है? अर्थात् लक्ष्य के बिना जीवन बितना व्यर्थ है। लक्ष्य के द्वारा ही व्यक्ति एक सुखी जीवन का आनंद ले सकता है।

मेरे जीवन का लक्ष्य

मानव-जीवन का लक्ष्य क्या है? यह बड़ी उलझन में डालनेवाला प्रश्न है। रुचि, स्थिति, अवस्था आदि की भिन्नता से भी जीवन के लक्ष्य में पर्याप्त विभिन्नता हो सकती है। इसलिए, इसे इदमित्थम् कहना संभव नहीं। किसी के जीवन का लक्ष्य केवल धनार्जन हो सकता है। उसके लिए धनार्जन एकमात्र चातुर्य, एकमात्र पांडित्य हो सकता है- ऐसे लोगों के मन में एक धारणा घर कर गई है कि पैसे के द्वारा जीवन में सब-कुछ खरीदा जा सकता है-चाहे वह प्रतिष्ठा ही क्यों न हो। लोक की बात कौन कहे, परलोक का टिकट भी पैसे के द्वारा खरीदा जा सकता है।

दरिंद्र के जैसा संसार में कोई गुणहीन नहीं और धनी से बढ़कर कोई गुणवान नहीं। जिसके पास धन है, वही मनुष्य कुलीन है, वही पंडित है, वही शास्त्रज्ञ और गुणज्ञ है, वक्ता है और वही देखने योग्य है, क्योंकि सभी गुण कांचन (धन) में रहते है।ऐसा सोचनेवाला अपना सारा जीवन कुबेर बनने में लगा देगा और ऐसी चेष्टा करेगा कि लक्ष्मी उसका पादपीडन करती रहे। कुछ लोगों के लिए जीवनभर ज्ञान की पिपासा, विद्या की साधना ही जीवन का लक्ष्य हो सकती है।

समस्त शस्त्रों का रहस्यभेद कर आनेवाले पीढ़ी को ज्ञान का नया खजाना लूटा जाना उसके पांडित्य का उद्देश्य हो सकता है। राजा तो केवल अपने देश में पूजा जा सकता है, पर पंडित समग्र संसार में। किसी का लक्ष्य शस्त्र-निर्माण हो सकता है। वह अपने को मनु याज्ञवल्क्य और पराशर को कोटि में रखना चाह सकता है। किसी का उदेश्य काव्य या साहित्य का सर्जन हो सकता है जिससे एक साथ यश, अर्थ, व्यवहारज्ञान तथा शिवेतर रक्षा हो सकेगी। कवि तो प्रजापतितुल्य होता है।

परमात्मा के लिए अनेक विशेषणों में हमारे वैदिक ऋषियों ने सर्वप्रथम ‘कवि’ शब्द का प्रयोग किया। अतः, क्यों न वह अपनी काव्यसाधना का प्रकाश समग्र संसार के लिए छोड़ जाए? ऐसे भी व्यक्ति हो सकता हैं , जिनके लक्ष्य पदप्राप्ति हो। वे सोच सकते हैं कि राजनीतिक के शिखर पर जाएँ और राष्ट्र का नेतृत्व अपने हाथों सँभालें; क्योंकि वे जानते हैं कि जिसके हाथ में सत्ता रहती है, उसके इंगित के बिना एक पत्ता भी नहीं डोलता।

चाहे कलाकार हों, चाहे कवि हों, चाहे पंडित हों, चाहे वैज्ञानिक सब राजनीतिज्ञों के कृपा-कटाक्ष के भिखारी होते हैं। उनके भृकुटिनिक्षेप से देश में उथल-पुथल मच जाती है। अतः जैसे भी हो, नीति की डगर पकड़कर हो या अनीति की अंधी गालियों से गुजरकर हो, शासन की बागडोर अपने हाथों ही लेनी चाहिए ऐसा भी जीवन का उद्देश्य हो सकता है।

जीवन का लक्ष्य पर निबंध

कुछ ऐसे भी हो सकते हैं जो महान वैज्ञानिक बनकर प्रकृति के रहस्यों के तहखानों का पता लगाने में अपने जीवन की बाज़ी लगा दें। वे भी गैलीलियो, फैराड़े, न्यूटन, आइंस्टाइन की कोटि में अपने को लाना चाहते हों और मानवता की सेवा में कोई-न-कोई अमूल्य नियामत उपस्थित करना चाहते हों। कुछ ऐसे भी व्यक्ति ही सकते हैं, जिन्हें न राज्य चाहिए, न वैभव चाहिए, न स्वर्ग-सुख चाहिए। उनके जीवन का एकमात्र लक्ष्य है पीड़ितों की सेवा करना।

व्यास के दो अनमोल वचन है- ‘परोपकार: पुण्याय पापाय परपीडनम्’ (परोपकार पुण्य देता है, परपीड़न पाप)। अतः, वे दिन-रात कष्टों के कंटकों पर पाँव रखते हुए मानव-सेवा के व्रत में लीन रहना चाहेंगे। कुछ ऐसे भी व्यक्ति हो सकते हैं, जो देश की सेवा के लिए एक वीर प्रहरी होना चाहते हों। ऐसों को न वनिता की ममता होती है, न पुत्र का ममत्व खींचता है। वे गोलियों की बौछार सहते हैं। तोप की गोलों पर छाती दिए हुए, बम-विस्फोटों की कर्णस्फार ध्वनियाँ सहते हुए, उनकी लपटों को सीने पर झेलते हुए सदा देशसेवा के लिए तैयार रहते हैं।

उनके जीवन में स्पृहा का दीप जलता है-वह है देश की सुरक्षा; उससे बढ़कर संसार में और कुछ नहीं। किन्तु, दूसरे प्रकार के व्यक्ति भी हो सकते हैं, जो खुद को बाहर की ओर न कर केवल अपनी आत्मा की ओर झाँके। जीवन क्या है? आहों का जलजला ही तो ! कराहों का सिलसिलाही तो ! पीड़ा की एक रंगीन कहानी ही तो ! दर्द की एक लुभावनी दास्तान ही तो !

सब-कुछ मिथ्या है। धोका है, भ्रम है, प्रवंचना है। संसार के सारे नाते झूठ है, सारी ममताएँ मृगतृष्णा है। सब ओर की ममता के धागे बटोरकर भगवान के चरणों में बाँध देना चाहिए। पुत्र , धन, धरती सब-कुछ धुएँ की धरोहर है। जीवन में सबका त्याग होना चाहिए। प्रहाद:, ध्रुव आदि। भक्तों की कोटि में जाना चाहिए। राजनीतिक के ऊपर, भले ही साहित्य हो, किन्तु सबसे ऊपर तो अध्यात्म है। और इस प्रकार जीवन का लक्ष्य है भक्ति, परमात्मा की खोज, आत्मांवेषण, ऐकांतिक साधना, सारे जागतिक बंधनों से मोक्ष ।

इस मिट्टी के जीवन में कुछ सार नहीं है, इस हाड़-मांस के तन मे कोई रस नहीं है। जो-कुछ आनंद है, वह परमात्मा से एकाकार होने में है। इस प्रकार, जीवन के लक्ष्य भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। किसी को उत्तम-अनुत्तम सत्य-असत्य कहना बहुत उचित नहीं है। हाँ, इतना अवश्य कहा जा सकता है कि दृष्ट जीवन के लक्ष्य के साथ यदि अदृष्ट जीवन का लक्ष्य का तारतम्य हो जाए, तो अत्युत्तम है !

My Aim in Life Essay in Hindi

मैंने तो अभी से ही तय कर लिया है कि मैं पत्रकार बनूँगा। आजकल सबसे प्रभावशाली स्थान है- प्रचार-मध्यमों का। समाचार-पत्र, रेडियो, दूरदर्शन आदि। चाहे तो देश में आमूल-चूल बदलाव ला सकते हैं। मैं भी ऐसे महत्वपूर्ण स्थान पर पहुँचना चहता हूँ। जहाँ से में देशहित के लिए बहुत कुछ कर सकूँ। पत्रकार बन कर में देश को तोड़ने वाली ताकतों के विरुद्ध संघर्ष करूँगा, समाज को खोखला बनाने वाली कुरीतियों के खिलाफ जंग छेड़ूँगा और भ्रष्टाचार का भण्डाफोड़ करूँगा।

मुझे पता है कि पत्रकार बनने में खतरे बहुत है तथा पैसे भी बहुत कम मिलते हैं। परंतु मैं पैसों के लिए पत्रकार नहीं बनूँगा। मैं हर बुराई को देखकर उसे मिटा देना चाहता हूँ। मैं स्वस्थ समाज देखना चाहता हूँ। इसके लिए पत्रकार बनकर हर दुख-दर्द को मिटा देना मैं अपना धर्म समझता हूँ।

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Mere Jeevan Ka Lakshya Essay In Hindi : मेरे जीवन का लक्ष्य पर परीक्षाओं में पूछे जाने वाले निबंध

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  • Updated on  
  • जनवरी 6, 2024

Mere Jeevan Ka Lakshya Essay In Hindi

एक छात्र के जीवन में लक्ष्य दिशा, प्रेरणा और उद्देश्य की भावना प्रदान करते हैं। वे छात्रों को लक्ष्य चीज़ें निर्धारित करने, अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित रखने और एक सक्रिय मानसिकता विकसित करने में मदद करते हैं। विद्यार्थियों के जीवन में लक्ष्यों का होना व्यक्तिगत और शैक्षणिक सफलता में योगदान देता है। इसलिए कई बार छात्रों को मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध तैयार करने को दिया जाता है। Mere Jeevan Ka Lakshya Essay In Hindi के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

मेरे जीवन के लक्ष्य पर निबंध 100 शब्दों में , मेरे जीवन के लक्ष्य पर निबंध 200 शब्दों में, लक्ष्य को समझें, जीवन में लक्ष्य का महत्व, लक्ष्य को ढूंढें , जीवन में प्रमुख लक्ष्य और उनके प्रकार, लक्ष्य को प्राप्त करने के तरीके, मेरे जीवन के लक्ष्य पर 10 लाइन्स.

जीवन लक्ष्य रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें समुद्र में जहाज के कम्पास की तरह दिशा देता है। इसके बिना, हम खो गए हैं। इसी तरह, व्यक्तिगत लक्ष्य के बिना, हमारे जीवन में स्पष्ट गंतव्य का अभाव होता है। हमारे जीवन में सफलता पाने और सार्थक प्रभाव डालने के लिए हमें एक उद्देश्य चुनना होगा। हमारा कोई न कोई लक्ष्य होना ही चाहिए जैसे प्रोफेसर बनना, डॉक्टर बनना या कोई ऐसा व्यक्ति बना जिसकी हम इच्छा रखते हैं। कड़ी मेहनत और पढ़ाई के प्रति समर्पण से हम अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। एक लक्ष्य निर्धारित करना जीवन में हमारी यात्रा के लिए फोकस, प्रेरणा और एक रोडमैप प्रदान करता है। यह हमारी पूरी क्षमता को उजागर करने और हमारी आकांक्षाओं को साकार करने की कुंजी है।

यह भी पढ़ें : Mera Parivar Essay In Hindi: जानिए मेरे परिवार पर परीक्षाओं में पूछे जाने वाले निबंध

Mere Jeevan Ka Lakshya Essay In Hindi निबंध 200 शब्दों में नीचे दिया गया है:

जीवन में एक लक्ष्य रखना आवश्यक है, ठीक उसी प्रकार जैसे एक जहाज को विशाल समुद्र में चलने के लिए पतवार की आवश्यकता होती है। स्पष्ट लक्ष्य के बिना, हम खोया हुआ महसूस कर सकते हैं, अनिश्चित हो सकते हैं कि हम कहाँ जा रहे हैं। व्यक्तिगत रूप से भी हमारी हमेशा से कुछ बनने की इच्छा रहती है। हमारे जीवन में कोई न कोई लक्ष्य होना चाहिए उसमें हमारा परिवार भी पूरे दिल से उस सपने का समर्थन करता है। हमेशा से हमारे कुछ पसंदीदा विषय होते हैं, हमारे जीवन के लक्ष्यों को चुनने में हमारे शिक्षकों का बड़ा महत्व होता है। 

जीवन में एक स्पष्ट लक्ष्य रखना व्यक्तिगत और व्यावसायिक सफलता के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है। एक लक्ष्य एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है, जो किसी के प्रयासों को दिशा और उद्देश्य प्रदान करता है। यह एक प्रेरणा के रूप में कार्य करता है, व्यक्तियों को सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने और चुनौतियों पर काबू पाने के लिए प्रेरित करता है।

जीवन में एक लक्ष्य न केवल उद्देश्य की भावना पैदा करता है बल्कि जीवन के अहम निर्णय लेने में भी मदद करता है। यह एक रोडमैप के रूप में कार्य करता है, प्राप्त किए जाने वाले लक्ष्यों को रेखांकित करता है। स्पष्ट लक्ष्य के बिना, जीवन में फोकस की कमी हो सकती है और लक्ष्यहीन रूप से भटकना पड़ सकता है, जिससे असंतोष पैदा हो सकता है।

एक लक्ष्य निरंतरता और दृढ़ता की भावना प्रदान करता है। बाधाओं के सामने, लक्ष्य रखने से दृढ़ संकल्प को बढ़ावा मिलता है। यह व्यक्तियों को जीवन की जटिलताओं से निपटने में मदद करता है, व्यक्ति असफलताओं को सीखने के अनुभवों में बदल देता है।

चाहे वह करियर की आकांक्षा हो, व्यक्तिगत विकास का लक्ष्य हो, या समाज में योगदान हो, जीवन में एक उद्देश्य व्यक्तियों को आगे बढ़ाता है, उन्हें उन प्रयासों में समय देने के लिए प्रेरित करता है जो उनके पक्ष में हो। 

मेरे जीवन के लक्ष्य पर निबंध 500 शब्दों में

Mere Jeevan Ka Lakshya Essay In Hindi निबंध 500 शब्दों में नीचे दिया गया है:

ऐसा माना जाता है की लक्ष्य न होना जीवन न होने के बराबर है। मनुष्य सहित ब्रह्मांड के सभी प्राणियों के पास विशिष्ट लक्ष्य हैं। मनुष्य को अपने जीवन का मार्ग चुनने का अधिकार प्राप्त है। प्रत्येक व्यक्ति की मानसिकता विशेष होती है, जो विविध जीवन लक्ष्यों की ओर ले जाती है। 

यह जीवन ईश्वर का दिया हुआ एक अनमोल उपहार है, लेकिन उद्देश्य के बिना यह निरर्थक हो जाता है। प्रत्येक व्यक्ति एक मिशन के साथ पैदा होता है और एक लक्ष्य का होना महत्वपूर्ण है। छात्र जीवन के दौरान उद्देश्य निर्धारित करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। स्पष्ट लक्ष्य वाला व्यक्ति बिना लक्ष्य वाले व्यक्ति से बेहतर प्रदर्शन करता है। यह जाने बिना कि आप क्या चाहते हैं, कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा की कमी होती है। एक पूर्ण जीवन जीने और चुनौतियों से निपटने के लिए एक सुविचारित योजना का होना आवश्यक है। इसलिए हर किसी का एक जीवन लक्ष्य होना चाहिए।

सरल शब्दों में किसी उद्देश्य या लक्ष्य को अक्सर लक्ष्य कहा जाता है। जब हम बच्चे होते हैं, तो हम अंतरिक्ष यात्री, फिल्म स्टार, पुलिस अधिकारी या ऐसा ही कुछ बनने का सपना देख सकते हैं। उद्देश्य में कुछ हासिल करने का इरादा, प्रयास और आकांक्षा शामिल होती है। उदेशय आम तौर पर एक लक्ष्य घोषित करने के साथ शुरू होता है, फिर इसे समयरेखा के साथ छोटे चरणों में विभाजित करना होता है। लक्ष्य प्राप्त करने के लिए रास्ते में आने वाली विभिन्न बाधाओं और असफलताओं पर काबू पाने की आवश्यकता होती है। यह एक लक्ष्य निर्धारित करने, एक योजना बनाने और परिणाम तक पहुंचने के लिए चुनौतियों का सामना करने की एक प्रक्रिया है।

एक प्रसिद्ध कहावत है की बिना लक्ष्य वाला व्यक्ति बिना पतवार वाले जहाज जैसा होता है – दोनों को खतरों का सामना करना पड़ता है। बिना लक्ष्य वाला व्यक्ति जीवन में कठिनाइयों का सामना करता है और रास्ते में लड़खड़ाता है।

प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक स्पष्ट लक्ष्य होना आवश्यक है। जीवन का उद्देश्य अर्थ और दिशा से परिपूर्ण करना है। यह इस बात की खोज करके हासिल किया जाता है कि आपके लिए वास्तव में क्या मायने रखता है। आपका लक्ष्य अपने जीवन में अधिक खुशी लाने का सर्वोत्तम तरीका प्रदर्शित करते हुए दूसरों के लिए एक उदाहरण बनना हो सकता है। एक निश्चित लक्ष्य होने से उद्देश्य की भावना मिलती है और जीवन की यात्रा को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है।

यदि आप खुद को उन चीजों की ओर काम करते हुए पाते हैं जो आपको अपने होने का एहसास नहीं कराती हैं, आंतरिक शांति की कमी है, और आपको खुशी देने में विफल हैं, तो आप गलत क्षेत्र में हो सकते हैं। इसका मतलब है कि आप अपने सच्चे लक्ष्य का पीछा नहीं कर रहे हैं।

प्रत्येक व्यक्ति खास होता है, कुछ एकेडमिक्स में उत्कृष्ट होते हैं, कुछ फोटोग्राफी में, कुछ लोग दूसरों की मदद करने के लिए पैदा होते हैं, कुछ प्रतिभाशाली दिमाग वाले होते हैं, और कुछ कला और वास्तुकला का पता लगाने के लिए पैदा होते हैं। ऐसे लोग हैं जो जीवन भर अपना रास्ता लिखते हैं, लेखक बनते हैं। 

आप बस अपनी आँखें बंद करें और सोचें कि आप किस चीज़ को सबसे अधिक महत्व देते हैं, यही आपके जीवन का जुनून और लक्ष्य है। आपको बस उसके करीब जाना है और लक्ष्य बनाना है। केवल अपने जुनून का पालन करके, आप अपने लक्ष्य को वास्तविकता में बदल सकते हैं।

किसी के जीवन का लक्ष्य निर्धारित करने में विभिन्न बातों पर विचार करना शामिल है। जीवन में प्रमुख लक्ष्य निम्न प्रकार से हो सकते हैं:

  • एक विशिष्ट उद्देश्य और जुनून के साथ जीना: हर दिन को उद्देश्य और उत्साह की स्पष्ट भावना के साथ जीया जाता है।
  • दूसरों की मदद करके उनके लिए जीना: दूसरों की भलाई में योगदान देने और सहायता प्रदान करने का लक्ष्य बनाना।
  • एक महान परिवार सदस्य बनना: एक उत्कृष्ट पिता, माता, पुत्र या पुत्री बनने की इच्छा होना।
  • व्यापार में सफलता प्राप्त करना: एक अत्यधिक सफल उद्यमी और व्यवसायी बनने की इच्छा रखना।
  • स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली बनाए रखना: ऐसा जीवन जीने पर ध्यान केंद्रित करना जो स्वस्थ, सक्रिय और फिट हो।
  • वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करना: वित्तीय स्वतंत्रता के साथ जीवन जीने की दिशा में काम करना।

लक्ष्य विभिन्न प्रकार के होते हैं, क्योंकि लोगों की अलग-अलग आकांक्षाएँ होती हैं। कुछ लोग डॉक्टर बनने का लक्ष्य रख सकते हैं, अन्य अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का सपना देख सकते हैं, और कुछ इंजीनियरिंग या सेना में करियर बनाने के लिए आकर्षित हो सकते हैं। दूसरों के लिए शिक्षण, समाज सेवा या राजनीति चुना हुआ मार्ग हो सकता है।  अलग-अलग लोग अपनी रुचियों, प्राथमिकताओं और जीवन की धारणाओं के आधार पर अलग-अलग लक्ष्य अपनाते हैं।

हमें कभी भी धन या शक्ति को अपने अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य नहीं बनाना चाहिए, चाहे हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हों या असफल। ऐसी प्रसिद्धि को प्राप्त करने से बचें जिसका कोई अर्थ न हो। प्राथमिक ध्यान हमारी अपनी भलाई, आनंद और संतुष्टि के लिए निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने पर होना चाहिए। लक्ष्य को प्राप्त करने के कुछ तरीके निम्न प्रकार से हो सकते हैं:

  • सक्रिय रहें: पहल करें और अपने कार्यों पर नियंत्रण रखें।
  • नकारात्मकता न होना: नकारात्मक विचारों और दृष्टिकोणों को हटा दें।
  • हमेशा संतुलित रहें: जीवन में संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखें।
  • पूरी तरह से केंद्रित: अपने लक्ष्यों की ओर हमेशा केंद्रित रहें।
  • लक्ष्य को छोटे भागों में बांटें: अपने लक्ष्यों को छोटे, प्राप्त करने योग्य कार्यों में बांट लें।
  • असफलता को स्वीकार करें: असफलताओं को सीखने और बढ़ने के अवसर के रूप में देखें।
  • लोगों की सलाह लें: अपने लक्ष्य अपने परिवार के लोगों या दोस्तो के साथ बांट सकते हैं और उनका समर्थन प्राप्त कर सकते हैं। 
  • अपनी प्रगति की जानकारी रखें: अपनी उपलब्धियों की निगरानी करें और उन्हें जांचते रहें।
  • अंतिम परिणाम की कल्पना करें: सफल परिणाम की कल्पना करें।
  • फीडबैक के आधार पर कार्य को रीसेट करें: आवश्यकतानुसार अपनी योजना को अनुकूलित और परिष्कृत करें।

यह सच है कि सफल जीवन के लिए एक लक्ष्य रखना और उस तक पहुंचने के लिए कदम उठाना महत्वपूर्ण है। हर किसी को अपने उद्देश्यों की दिशा में काम करना शुरू कर देना चाहिए। सफलता की कुंजी एक सक्रिय मानसिकता के साथ समय पर कार्य को करने में होती है। प्रेरित रहने के लिए, एक प्रभावी दृष्टिकोण सकारात्मक परिवर्तनों की कल्पना करना और रास्ते में प्रत्येक छोटी उपलब्धि को प्राप्त करने का जश्न मनाएं। 

यह भी पढ़ें : Essay on Vikram Sarabhai in Hindi : पढ़िए विक्रम साराभाई पर 500 शब्दों में निबंध

मेरे जीवन के लक्ष्य पर 10 लाइन्स नीचे दी गई है:

  • जीवन में लक्ष्य रखने से हमें दिशा और उद्देश्य मिलता है।
  • यह हमारे कार्यों और निर्णयों के लिए एक रोडमैप प्रदान करता है।
  • स्पष्ट लक्ष्य रखने से केंद्रित और सार्थक विकल्प चुनने में मदद मिलती है।
  • यह हमारी दैनिक गतिविधियों और दीर्घकालिक योजनाओं को अर्थपूर्ण बनाता है।
  • एक उद्देश्य एक प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करता है, जो हमें अपने लक्ष्यों की ओर काम करने के लिए प्रेरित करता है।
  • यह हमें बाधाओं और असफलताओं से उबरने में मदद करता है।
  • लक्ष्य के बिना, जीवन लक्ष्यहीन और पूर्ति में कमी महसूस कर सकता है।
  • अलग-अलग व्यक्तियों के अपने हितों और मूल्यों के आधार पर अलग-अलग लक्ष्य हो सकते हैं।
  • एक अच्छी तरह से परिभाषित लक्ष्य उपलब्धि और संतुष्टि की भावना में योगदान देता है।
  • किसी के लक्ष्य को प्राप्त करने में अक्सर छोटे लक्ष्य निर्धारित करना और उनके लिए व्यवस्थित रूप से काम करना शामिल होता है।

जीवन में एक लक्ष्य रखना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिशा और उद्देश्य प्रदान करता है। यह व्यक्तियों को निर्णय लेने, लक्ष्य निर्धारित करने और एक पूर्ण और सार्थक जीवन की दिशा में काम करने में मार्गदर्शन करता है।

हाँ, जैसे-जैसे व्यक्ति बढ़ता है, नए अनुभव प्राप्त करता है, और अपनी प्राथमिकताओं का पुनर्मूल्यांकन करता है, लक्ष्य समय के साथ बदल सकते हैं। लोगों का विकास होना स्वाभाविक है, जिससे उनके जीवन लक्ष्यों और आकांक्षाओं में बदलाव आता है।

किसी लक्ष्य को हासिल करने में आम चुनौतियों में असफलताओं का सामना करना, बाधाओं का सामना करना, प्रभावी ढंग से समय का प्रबंधन करना और प्रेरणा बनाए रखना शामिल है। इन चुनौतियों पर काबू पाने को के लिए अक्सर एक सक्रिय दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।

आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में Mere Jeevan Ka Lakshya Essay In Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के अन्य निबंध से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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10 Lines on “Mere Jeevan ka Lakshya” “मेरा जीवन का लक्ष्य ” Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 8, 9, 10, 12 Classes.

10 पंक्तियाँ – मेरा जीवन का लक्ष्य .

1. मेरे जीवन का उद्देश्य अध्यापक या प्राध्यापक बनना है। 2. मैं विद्यार्थियों का जीवन ढाल कर देश की सेवा करना चाहता हूँ। मैं उनमें ईमानदारी, मेहनत और राष्ट्र की सेवा की भावना डालूँगा। 3. वे अच्छे नागरिक बन कर देश की सेवा कर सकते हैं। 4. वे विभिन्न व्यवसायों द्वारा देश की सेवा कर सकते हैं। वे लम्बे समय तक बने रहने वाले पुल और इमारतें बनाने वाले अच्छे और ईमानदार अभियन्ता बन सकते हैं। 5. वे बढ़िया वैज्ञानिक, चिकित्सक और ईमानदार वकील बन कर राष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। आज इन सभी व्यवसायों में देश की सेवा के प्रति सम्पर्ण और ईमानदारी की कमी है। 6. मेरे कहने का भाव है कि इनमें से अधिकांश पैसा बनाने के पीछे हैं। 7. एक अध्यापक के रूप में मैं, इनमें यह भावना भर दूंगा कि अच्छे कारण के लिए सेवा ईश्वर के समान है। 8. इसके लिए दिल, दिमाग और आत्मा के चरित्र को बनाने वाले गुणों की आवश्यकता होती है। 9. मुझे आशा है कि मैं काफी हद तक अपने उद्देश्य की पूर्ति में सफल होऊँगा। 10. मैं स्वयं भी बच्चों को पढ़ाई के विषय पढ़ाने के इलावा, ईमानदारी, सच्चाई, परिश्रम, दया की भावना आदि का पालन करुँगा। राष्ट्र परिवार और स्वयं से पहले आता है।

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essay on mere jeevan ka lakshya army officer in english

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  • मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध |Essay on My Aim of Life in Hindi

essay on mere jeevan ka lakshya army officer in english

मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध |Essay on My Aim of Life in Hindi!

मनुष्य का महत्वाकांक्षी होना एक स्वाभाविक गुण है । प्रत्येक व्यक्ति जीवन में कुछ न कुछ विशेष प्राप्त करना चाहता है । कुछ बड़े होकर डॉक्टर या इंजीनियर बनना चाहते हैं तो कुछ व्यापार में अपना नाम कमाना चाहते हैं ।

इसी प्रकार कुछ समाज सेवा करना चाहते हैं तो कुछ भक्ति के मार्ग पर चलकर ईश्वर को पाने की चेष्टा करते है । सभी व्यक्तियों की इच्छाएँ अलग-अलग होती हैं परंतु इनमें से बहुत कम लोग ही अपनी इच्छा को साकार रूप में देख पाते हैं । थोड़े से भाग्यशाली अपनी इच्छा को मूर्त रूप दे पाते हैं । ऐसे व्यक्तियों में सामान्यता दृढ़ इच्छा-शक्ति होती है और वे एक निश्चित लक्ष्य की ओर सदैव अग्रसर रहते हैं ।

मनुष्य के जीवन में एक निश्चित लक्ष्य का होना अनिवार्य है । लक्ष्यविहीन मनुष्य क्रिकेट के खेल में उस गेंदबाज की तरह होता है जो गेंद तो फेंकता है परंतु सामने विकेट नहीं होते । इसी भाँति हम परिकल्पना कर सकते हैं कि फुटबाल के खेल में जहाँ खिलाड़ी खेल रहे हों और वहाँ से गोल पोस्ट हटा दिया जाए तो ऐसी स्थिति में खिलाड़ी किस स्थिति में होंगे इस बात का अनुमान स्वत: ही लगाया जा सकता है । अत: जीवन में एक निश्चित लक्ष्य एवं निश्चित दिशा का होना अति आवश्यक है ।

मेरे जीवन का लक्ष्य है कि मैं बड़ा होकर चिकित्सक बनूँ और अपने चिकित्सा ज्ञान से उन सभी लोगों को लाभान्वित करूँ जो धन के अभाव में उचित चिकित्सा प्राप्त नहीं कर पाते हैं । मैं इस बात को अच्छी तरह समझता हूँ कि एक अच्छा चिकित्सक बनना आसान नहीं है ।

अच्छे विद्‌यालय का चयन, उसमें प्रवेश पाना तथा पढ़ाई में होने वाला खर्च आदि अनेक रुकावटें हैं । परंतु मुझे पूरा विश्वास है कि मैं इन बाधाओं को पार कर सकूँगा । इसके लिए मैंने बहुत कड़ी मेहनत का संकल्प लिया है । उचित मार्गदर्शन के लिए मैं अपने अध्यापक व अनुभवी छात्रों का सहयोग ले रहा हूँ ।

चिकित्सक बनने के बाद मैं भारत के उन गाँवों में जाना चाहता हूँ जहाँ पर अच्छे चिकित्सक का अभाव है अथवा जहाँ पर चिकित्सा केंद्र की व्यवस्था नहीं है । में उन सभी लोगों का इलाज नि:शुल्क करना चाहता हूँ जो धन के अभाव में अपना इलाज नहीं करा पाते हैं । इसके अतिरिक्त मैं उनमें अच्छे स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता लाना चाहता हूँ ।

ADVERTISEMENTS:

वे किस प्रकार जीवन-यापन करें, सफाई, स्वास्थ्य एवं संतुलित भोजन के महत्व को समझें, इसके लिए मैं व्यापक रूप से अपना योगदान देना चाहता हूँ । आजकल कुछ परंपरागत रोगों का इलाज तो आसानी से संभव है लेकिन उचित जानकारी का अभाव, रोग तीव्र होने पर ही इलाज के लिए तत्पर होना जैसी समस्याएँ अशिक्षितों एवं ग्रामीणों की प्रमुख समस्याएँ हैं ।

इस दिशा में मैं कुछ सार्थक कदम जरूर उठाना चाहूँगा । मेरे लक्ष्य में देश और समाज की सेवा का भाव निहित है । सभी लोगों, विशेषकर निर्धन लोगों को चिकित्सा तथा अच्छे स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देकर मैं निश्चय ही आत्म-संतुष्टि प्राप्त करूँगा ।

समाचार-पत्रों व दूरदर्शन अथवा अन्य माध्यमों से जब मुझे इस बात की जानकारी प्राप्त होती है कि देश के गाँवों में प्रतिवर्ष हजारों लोग कुपोषण के कारण तथा उचित चिकित्सा के अभाव में मृत्यु के शिकार हो जाते हैं तो मुझे वास्तव में बहुत दु:ख होता है ।

यह निश्चय ही देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बात है। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी कि मैं अपने देश और देशवासियों के लिए अपना योगदान कर सकूँगा । दूसरी ओर एड्‌स जैसी कई बीमारियाँ ऐसी हैं जिनके बारे में समाज को जागरूक बनाना अत्यावश्यक है ।

मुझे विश्वास है कि मेरे इस जीवन के लक्ष्य में गुरुजनों, सहपाठियों व माता-पिता सभी का सहयोग प्राप्त होगा । ईश्वर मेरे इस नेक कार्य व मेरे लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग में मेरी सहायता करेंगे इसका मुझे पूर्ण विश्वास है । मैं खुद भी अपने लक्ष्य की प्राप्ति में कोई कसर नहीं छोड़ूँगा ।

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मेरे जीवन का लक्ष्य आईएएस अफसर पर निबंध Essay on mere jeevan ka lakshya ias officer in hindi

Essay on mere jeevan ka lakshya ias officer in hindi.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से मेरे जीवन का लक्ष्य आईएएस ऑफिसर पर निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़ते हैं ।

essay on mere jeevan ka lakshya ias officer in hindi

मेरे जीवन का एक ही लक्ष्य है आईएएस ऑफिसर बनना । एक आईएएस ऑफिसर बनना मेरे बचपन का लक्ष्य है । इस लक्ष्य को मैं अपनी मेहनत और लगन से प्राप्त करके ही रहूंगा । दुनिया के हर व्यक्ति का कोई न कोई लक्ष्य अवश्य होता है और वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मेहनत करता है , आगे बढ़ता है । मैंने भी अपने बचपन से ही एक लक्ष्य बनाके रखा है कि मैं आगे चलकर आईएएस ऑफिसर बनूंगा । मैं अपना पूरा ध्यान पढ़ाई में लगाता हूं ।

मैंने 10th क्लास में टॉप किया है । अब मैं आगे की पढ़ाई में अपना ध्यान लगा रहा हूं जिससे कि मैं आईएएस ऑफिसर बन सकूं क्योंकि आईएएस ऑफिसर देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । मैं अपने देश को विकासशील बनाने के लिए और गरीब जनता को न्याय दिलाने के लिए आईएएस ऑफिसर बनना चाहता हूं । मेरे इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मेरा पूरा परिवार मेरे साथ है । मैं सुबह 4:00 बजे उठकर पढ़ाई करने लगता हूं ।

पढ़ाई करने के साथ मैं अपने स्वास्थ्य का भी पूरी तरह से ध्यान रखता हूं । मैं समय पर खेलने के लिए भी जाता हूं क्योंकि खेलने से मेरा मानसिक विकास होगा । मैं हर परीक्षा को मेहनत और लगन से पास करता हूं । मैं कभी भी क्वेश्चन आंसर को रटता नहीं हूं बल्कि उसको समझता हूं । मैं जो भी एक बार पढ़ता हूं उसे समझ कर ध्यान में रखता हूं  जिससे कि वह मेरे दिमाग में बस जाए । यही मेरी सबसे बड़ी ताकत है ।

मैं पास होने के लिए पढ़ाई नहीं करता बल्कि ज्ञान प्राप्त करने के लिए पढ़ाई करता हूं । मुझे मेरे ऊपर पूरा विश्वास है कि मैं आईएएस ऑफीसर अवश्य बन जाऊंगा । मेरे पड़ोस में एक भाई साहब रहते थे । जब वह पढ़ाई करते थे तब मैं उनको पढ़ाई करते हुए देखता था । वह पूरी मेहनत से पढ़ाई  करते थे । एक दिन उन्होंने मुझसे कहा था कि मेरा लक्ष्य एक डॉक्टर बनना है ।  वह डॉक्टर बनने के लिए पूरी मेहनत किया करते थे और आज वह भाई साहब डॉक्टर बन चुके हैं ।

उन्होंने अपना लक्ष्य प्राप्त कर लिया है । उन्हीं को देख कर मुझे आत्मविश्वास प्राप्त होता है । जब मैं अपने आप को कमजोर महसूस करने लगता हूं तब मैं पड़ोस में रहने वाले भाई साहब के बारे में सोचने लगता हूं जिससे मुझे आत्म बल प्राप्त होता है । मैं नियमित रूप से स्कूल जाता हूं और स्कूल की पढ़ाई करता हूं । स्कूल की पढ़ाई करने के बाद में खेलने के लिए भी जाता हूं । खेलने के बाद में ज्ञान वर्धक पुस्तकें पढ़ता हूं ।

आईएएस बनने के लिए जिन पुस्तकों को पढ़ना पड़ता है मैं खाली समय में उन पुस्तकों का अध्ययन करता हूं क्योंकि जब मैं यूपीएससी का एग्जाम दूंगा तब मुझे इसका फल प्राप्त होगा । मैं आज से ही एक आईएएस ऑफिसर बनने की तैयारी में जुट चुका हूं और मुझे मेरे ऊपर पूरा विश्वास है कि मैं आईएएस ऑफिसर अवश्य बन जाऊंगा ।

मेरी मां से मुझे बड़ा हौसला प्राप्त होता है क्योंकि मेरी मां मुझसे कहती है कि यदि कोई व्यक्ति किसी लक्ष्य को प्राप्त करने की ठान ले तो वह उस लक्ष्य को अवश्य प्राप्त कर लेता है ।

इसीलिए मैंने अपना एक ही लक्ष्य निर्धारित किया है और वह लक्ष्य है एक आईएएस ऑफिसर बनना । इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मैं कभी भी किसी तरह का कोई भी आलस नहीं करूंगा । मुझे जितनी चाहे पढ़ाई करनी पड़े मैं पढ़ाई करूंगा और एक आईएएस ऑफिसर बनके रहूंगा और अपने लक्ष्य  को  अवश्य  पूरा  करूंगा ।

  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर भाषण speech on mere jeevan ka lakshya in hindi
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर पैराग्राफ paragraph on mere jeevan ka lakshya in hindi

दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह जबरदस्त लेख मेरे जीवन का लक्ष्य आईएएस अफसर पर निबंध essay on mere jeevan ka lakshya ias officer in hindi यदि पसंद आए तो अपने दोस्तों एवं रिश्तेदारों में शेयर अवश्य करें धन्यवाद ।

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Mere jeebn ka bhi yhi lkshy hai ki me IPS officer bnu . I proud of you IPS officer. Mera bchpn se hi yhi lkshy rha hai ki Me bde hokr IPS officer bnu.

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कोरोना महामारी से उपजी बेरोजगारी पर निबंध

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Mere jeevan ka lakshya hai ki mai IAS officer banu aur mai banke rahunga

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I really want to be an IAS officer’s please.. support me….. This is very interesting and sweet eassy or anything else….

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Sir , me bhi ek IAS officer banke rahunga aur mera dash and meri family ka name roshan karunga . And sir i prepation for IAS officer Jay, hind .

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धन्यवाद सर। सर मेरा लक्ष्य भी प्रशासनिक अधिकारी बनना है। में वर्तमान में केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 11 में पढ़ रहा हूं और मुझे पूरी उम्मीद और विश्वास है कि में एक दिन अपना लक्ष्य पर पहुंच जाऊंगा। धन्यवाद

Sir, my goal is also to become an administrative officer. I am currently studying in class 11 in Kendriya Vidyalaya and I am confident and hope that I will reach my goal one day. Thank You.

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Mera jivn la aim ips officer bnna hai .I love my police department ♥️♥️

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I love this essay m isi ko likh kar apne paper me top karungi IAS Varsha Kumari ye mera name hoga Mera bhi aim IAS Officer banana h or m bankar rahungi Thank you have a nice day 👑⌚👑😊😊😊

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Thank you sir 🙏

✍️ Meyra bhi yhi aim h ki me ek IAS officer bnu Ab y sab padhne k badh muje or confidence huya ki me krugi Ek din jrur y meyra aim pura hoga Thank you so much sir 🙏✍️

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Mere jeevan ka aim ias ban na hai aur iske liye Mai bahut mehnat karuuga

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ESSAY KI DUNIYA

HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay On Mere Jeevan Ka Lakshya Doctor In Hindi – मेरे जीवन का लक्ष्य डॉक्टर पर निबंध

October 3, 2017 by essaykiduniya

Mere Jeevan Ka Lakshya par Nibandh. Here you will get Paragraph & Short Essay On Mere Jeevan Ka Lakshya Doctor In Hindi Language for students of all Classes in 200, 350 and 400 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में मेरे जीवन का लक्ष्य डॉक्टर पर निबंध मिलेगा।

Essay On Mere Jeevan Ka Lakshya Doctor In Hindi – मेरे जीवन का लक्ष्य डॉक्टर पर निबंध

Essay On Mere Jeevan Ka Lakshya Doctor In Hindi

Short Essay On Mere Jeevan Ka Lakshya Doctor In Hindi Language – मेरे जीवन का लक्ष्य डॉक्टर पर निबंध ( 200 words)  

हर व्यक्ति का जीवन में कुछ न कुछ लक्ष्य होता है जिसे वह पाना चाहता है। मेरे जीवन का लक्ष्य डॉक्टर बनना है ताकि मैं लोगों का इलाज कर सकूँ और उनके प्राणों को बचा सकूँ। मैं डॉक्टर बनकर अपने गाँव में चिकित्सा की सभी तकनीकें लाना चाहता हूँ जिनसे अभी तक मेरा गाँव वंचित है। डॉक्टर बनकर मेरा उद्देश्य केवल पैसा कमाना नहीं है अपितु मैं लोगों की सहायता करना चाहता हूँ। मैं गरीबों और असहायों का मुफ्त इलाज करना चाहता हूँ। डॉक्टर ही भगवान के बाद ऐसे होते है जो व्यक्ति को जीवनदान दे सकते है। मैं भी डॉक्टर बनके लोगों की सहायता करके पुण्य कमाना चाहता हूँ।

मैं डॉक्टर बनकर अपने गाँव में अस्पताल खोलना चाहता हूँ जिसके लिए मैं कड़ी मेहनत भी कर रहा हूँ। मैं डॉक्टर बनकर अपने मरीजों से अच्छा व्यवहार करूँगा और उनका इलाज मुस्कुराते हुएँ करूँगा जिससे कि उनकी हिम्मत बढ़ती रहे और वह निराश न हो। मैं डॉक्टर बनकर लोगों में स्वच्छता और प्राथमिक चिकित्सा रखने के प्रति भी जागरूकता लाऊँगा।

मैं एक विवेकशील, संवेदनशील और कुशल डॉक्टर बनकर देश की सेवा करना चाहता हुँ और यही मेरे जीवन का लक्ष्य है।

Essay On Mere Jeevan Ka Lakshya Doctor In Hindi – मेरे जीवन का लक्ष्य डॉक्टर पर निबंध ( 350 words)  

विभिन्न लोगों के जीवन में अलग-अलग लक्ष्य हैं इंजीनियर, शिक्षक, वैज्ञानिक, व्याख्याता, डॉक्टर आदि जैसे विभिन्न व्यवसाय हैं।

लेकिन हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें शुरुआत से ही काम करना होगा। हमें उचित तरीके से बहुत ही कठिन काम करना पड़ता है। क्योंकि ईमानदारी से काम किए बिना हम अपने जीवन में हमारे निर्धारित लक्ष्यों को हासिल नहीं कर सकते। लेकिन इन सब बातों के लिए हमें अपनी ताकत और कमजोरी जानना है। सफलता का सही रास्ता चुनने के लिए एक विषय में ताकत को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

मैंने अपने प्लस और बुद्धिमत्ता की ओर से खोज की और मुझे पता था कि मेरे पास एक मजबूत स्मृति शक्ति है मैं विज्ञान विषय में अच्छी तरह से स्कोर भी करता हूं। इसलिए मैंने एक डॉक्टर बनने का फैसला किया। ऐसा इसलिए है क्योंकि मैंने अपनी ताकत का न्याय किया और मैंने अपनी पसंद को प्राथमिकता दी। जैसा कि मैं एक लड़की हूं, यह पेशा मेरे लिए काफी अनुकूल है। मैं आमतौर पर विज्ञान पढ़ता हूं और यह डॉक्टर बनने के लिए मेरा सपना था।

दूसरा कारण- एक दिन जब मैं अपने परिवार के साथ मार्केटिंग के लिए बाजार में जा रहा था। मैंने एक गरीब आदमी को अपने बेटे के लिए भीख माँगते देखा। मैंने देखा कि उसका बेटा एक बीमारी के कारण मर रहा था। मुझे नहीं पता कि बीमारी क्या थी। उस दिन से मैंने तय किया कि मैं गरीब और गरीब लोगों की मदद करने के लिए एक डॉक्टर बनूंगा।

यह एक बहुत पुरस्कृत और संतोषजनक काम है मुझे पता है कि डॉक्टर बनना बहुत आसान काम नहीं है यह एक अच्छा डॉक्टर बनने के लिए अध्ययन की एक लंबी यात्रा है लेकिन लक्ष्य हासिल करने के लिए मुझे खुद पर भरोसा है। एक डॉक्टर एक ऐसा व्यक्ति है जो बीमार लोगों को किसी भी समय कहीं भी मदद कर सकता है और अपने परिवार को स्वास्थ्य के लिए अच्छा इलाज दे सकता है। डॉक्टर बहुत से लोगों का सम्मान करते हैं आंख विशेषज्ञ, त्वचा विशेषज्ञ आदि जैसे कई प्रकार के डॉक्टर हैं। मैं एक मेडिकल डॉक्टर बनना चाहता हूं। यह सर्जिकल कार्य से दूर है और सर्जिकल काम मुझे पसंद नहीं है।

Essay On Mere Jeevan Ka Lakshya Doctor In Hindi – मेरे जीवन का लक्ष्य डॉक्टर पर निबंध ( 400 words )

जब से मैं एक छोटा सा बच्चा था, तब से मैंने अपने पिता को रोगियों के अच्छे के लिए दिन और रात काम करते देखा है। मेरे पिताजी एक चिकित्सक हैं। मैंने अपने पिता को अपने पिता के अलावा काम किया है। उन्होंने उचित उपचार की आवश्यकता के बारे में रोगियों के रिश्तेदारों को सलाह दी। उन्होंने रोगों और उपचार की लंबाई के बारे में भी आशंका जताई। मेरे माता-पिता ने कभी किसी रोगी का फायदा नहीं उठाया। मैं ऐसा नहीं कहता क्योंकि वे मेरे माता-पिता हैं मैंने यह कई लोगों से सुना है जो मेरे पिता के इलाज के लिए आए थे।

जैसे ही मैं बूढ़ा हो गया, मुझे एहसास हुआ कि मेरे माता-पिता ने बलिदान से भरा जीवन जीता है, सिर्फ इसलिए कि उनका मानना था कि डॉक्टरों का मतलब लोगों की सेवा करने के लिए होता है। आज, जैसा कि मैं अपने जीवन की दहलीज पर खड़ा हूं, जहां मुझे एक पेशा चुनना है, मुझे लगता है कि मैं चाहता हूं कि मेरे माता-पिता मेरी जिंदगी बीमारों और गरीबों के इलाज में अपना जीवन समर्पित करें। इसके लिए मुझे बहुत मुश्किल काम करना होगा, जिससे कि मैं रोगों की बढ़ती हुई सीमाओं के साथ सामना करने के लिए पर्याप्त कौशल हासिल कर सकूं। मुझे कुछ खतरनाक बीमारियों का इलाज करने के लिए विज्ञान द्वारा बनाई गई नवीनतम प्रगति का अध्ययन करना होगा। मैं पूरी तरह से योग्य डॉक्टर हूं, मैं अपने माता-पिता की सुविधाओं को उन्नत करने और आधुनिक बनाने की मदद करना चाहूंगा, जिससे हम अपने रोगियों को पेश कर सकते हैं।

मैं अपने मामूली क्लिनिक का विस्तार एक पूर्ण धर्मार्थ अस्पताल में करना चाहता हूं। मैं विभिन्न विषयों में विशेषज्ञ डॉक्टरों से अनुरोध करता हूं कि वे इस अस्पताल में अपने बहुमूल्य समय के लिए दान करें या नाममात्र परामर्श शुल्क में। मुझे पूरा भरोसा है कि आज चिकित्सा उपचार बहुत महंगा है। इसलिए मैं गरीबों की फीस के रूप में केवल एक टोकन राशि लेने के लिए प्रावधान करना चाहता हूं। जबकि जो लोग भुगतान कर सकते हैं उन्हें नियमित शुल्क प्रभारित किया जाएगा। एक डॉक्टर का व्यवसाय एक महान व्यवसाय है। इसके अलावा, यह भी दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण है|

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध (  Mere Jeevan Ka Lakshya –   Essay On Mere Jeevan Ka Lakshya Doctor In Hindi – मेरे जीवन का लक्ष्य डॉक्टर पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध-My Aim In Life Essay In Hindi

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (my aim in life essay in hindi) :.

भूमिका : मनुष्य का महत्वकांक्षी होना एक स्वभाविक गुण होता है। हर व्यक्ति जीवन में कुछ विशेष प्राप्त करने की इच्छा रखता है। मनुष्य अनेक प्रकार की कल्पनाएँ करता है। वह खुद को ऊपर उठाने के लिए योजनाएँ बनाता है। कल्पना तो सबके पास होती हैं लेकिन कल्पना को साकार करने की शक्ति केवल किसी-किसी के पास ही होती है। सपनों में तो सभी घूमते हैं।

सभी लोग महत्वकांक्षाओं के मोती प्राप्त करना चाहते हैं। मनुष्य कभी भी बिना उद्देश्य के कोई काम नहीं करता है मनुष्य का हर कार्य सोद्देश्य पूर्ण होता है। एक मनुष्य भी बिना उद्देश्य के कोई काम नहीं करता है। कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य को सामने रखकर ही कार्य करता है। हमारा जीवन एक यात्रा की तरह होता है।

अगर यात्री को पता होता है कि उसे कहाँ पर जाना है तो वह अपने लक्ष्य की तरफ बढना शुरू कर देता है लेकिन जब यात्री को अपने लक्ष्य का ही पता नहीं होता है तो उसकी यात्रा निरर्थक हो जाती है। उसी तरह यदि एक विद्यार्थी को पता होता है कि उसे क्या बनना है तो वह उसी दिशा में प्रयत्न करना शुरू कर देता है और अपने लक्ष्य में सफल भी हो जाता है। जब एक विद्यार्थी का कोई उद्देश्य ही नहीं होता है तो उसका जीवन उसको कहीं पर भी नहीं ले जाता है।

बाल्यावस्था की समस्या :  जब बच्चा छोटा होता है तो वह विद्यालय में प्रवेश करता है। उस समय में बच्चों के सामने अनेक लक्ष्य होते हैं। वह जैसे-जैसे लोगों के संपर्क में आता है वैसे-वैसे उस पर प्रभाव पड़ता है। कभी तो वह सोचने लगता है कि वह डॉक्टर बनेगा और कभी वह सोचने लगता है कि वह अध्यापक बनेगा और कभी इंजीनियर बनेगा।

अलग-अलग लोगों के लक्ष्य भी अलग-अलग होते हैं। कभी वह डॉक्टर बनकर रोगियों की सेवा करना चाहता है, कभी इंजीनियर बनकर इमारतें बनाना चाहता है, कभी नेता बनकर देश की सेवा करना चाहता है, कभी सैनिक बनकर देश की रक्षा करना चाहता है।

माँ-बाप भी यह कल्पना करते हैं कि वे अपने बच्चे को यह बनायेंगे, वह बनायेंगे लेकिन वास्तव में निर्णय तो बच्चों को खुद ही लेना पड़ता है। माँ-बाप को बच्चों पर अपनी मर्जी नहीं थोपनी चाहिए। विद्यार्थीकाल मनुष्य के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह मानव जीवन की आधारशिला के बराबर होता है।

यदि विद्यार्थी इस काल में अपने जीवन के लक्ष्य को निर्धारित कर लेते हैं तो वे जीवन को सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण बना लेता है और अपने देश और समाज के लिए उपयोगी सिद्ध होता है। सभी लोगों की इच्छाएं अलग-अलग होती हैं लेकिन कुछ ही लोगों की इच्छाएं साकार हो पाती हैं।

डॉक्टर बनने का उद्देश्य :  मैं अक्सर अपने दोस्तों को बात करते हुए सुनता हूँ की वे क्या बनना चाहते हैं लेकिन मैंने तो पहले से ही अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। मेरा जीवन में एक ही लक्ष्य है कि मैं बड़ा होकर डॉक्टर बनूंगा। मैं डॉक्टर बनकर देश और समाज की रोगों से रक्षा करूंगा।

कुछ विद्यार्थी डॉक्टर इसलिए बनना चाहते हैं जिससे वे अधिक-से-अधिक धन कमा सकें लेकिन मेरा उद्देश्य यह नहीं है। मैं डॉक्टर बनकर गरीबों और पीड़ितों की सेवा करना चाहता हूँ। कुछ लोग अपने उद्देश्य को पाकर भी गलत रास्ते पर चल देते हैं वे अपने कर्तव्य को अच्छी तरह नहीं निभाते हैं।

मैं अपने लक्ष्य पर पहुंचने के बाद अपने कर्तव्य से नहीं भटकूँगा। मैं ऐसा चिकित्सा ज्ञान प्राप्त करना चाहता जिसे लोग पैसा के अभाव की वजह से प्राप्त नहीं कर पाते हैं। मैं डॉक्टर इसलिए बनना चाहता हूँ जिससे मैं गरीब लोगों की रोगों से रक्षा कर सकूं।

मैं उन्हें स्वस्थ रहने के लिए अनेक प्रकार के तरीके बताऊंगा जैसे- वे किस प्रकार जीवन-यापन करें, स्वास्थ्य और संतुलित भोजन के महत्व को समझें, किस प्रकार रोगों से खुद की रक्षा करें इन सब में मैं अपना पूरा योगदान दूंगा। मैं डॉक्टर बनकर अपने देश और समाज की सेवा करना चाहता हूँ।

शिक्षकों एवं डॉक्टर का महत्व :  प्राचीनकाल के धार्मिक ग्रंथ भी घोषणा करते हैं कि दो वर्ग के मनुष्यों का समाज पर बहुत ज्यादा उपकार है। पहला वर्ग शिक्षकों का है जो लोगों के अंदर से अज्ञान को निकालकर ज्ञान का दीपक जलाकर उनके जीवन को सार्थक कर देते हैं।

दूसरा वर्ग डॉक्टर या चिकित्सक का होता है जो रोगी के रोगों को दूर करके उसे नया जीवन देता है। शिक्षा देना और रोगियों का इलाज करना दोनों ही पवित्र काम होते हैं और मैंने अपने जीवन के लक्ष्य के लिए इनमें से एक पवित्र लक्ष्य को चुन लिया है।

हमारे देश में जितने भी लोग डॉक्टरी की परीक्षा में पास होते हैं वे नगरों या शहरों में अपने अलग क्लीनिक खोल लेते हैं और धन जमा करना शुरू कर देते हैं और विदेशों की तरफ भागते है। ऐसे डॉक्टर कभी भी समाज और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य को नहीं समझते हैं।

वे अपना लक्ष्य सिर्फ धन कमाना मानते हैं। आज के समय में नगरों में ऐसे असंख्य नर्सिंग होम खुल चुके हैं। यहाँ पर जो डॉक्टर काम करते हैं वे मरीजों को गुमराह कर रहे हैं। यह अपने देश और देश में रहने वाले निवासियों के साथ विश्वासघात है।

ग्रामीणों के उपचार की आवश्यकता :  मैं दूसरे लोगों की तरह नगर में क्लीनिक न खोलकर नगर से दूर गाँव में एक छोटा सा अस्पताल स्थापित करूं जिससे गाँव के लोगों को रोगों से बचने और रोग से मुक्त होने की सुविधा मिल सके। मैं रोगियों से पैसे लूटने की जगह उनसे केवल उतने ही पैसे लूँगा जिससे अस्पताल सुचारू रूप से चल सके।

जो लोग गरीब और अभावग्रस्त होंगे उनका इलाज मैं मुफ्त में करूंगा। मैं भी एक गाँव का रहने वाला हूँ। मैंने कई बार गाँव के लोगों को दवा और इलाज के अभाव की वजह से मरते हुए देखा है और देख रहा हूँ। मैं डॉक्टर बनकर उन लोगों की सेवा करना चाहता हूँ जो न ही तो बड़े डॉक्टर को मोटी फीस दे सकते हैं और न ही मरीज को बड़े नगरों में ले जा सकते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की अधिक-से-अधिक जरूरत है। हम अक्सर रेडियो, समाचार पत्र और अखबारों में पढ़ते हैं कि हर साल हजारों लोग कुपोषण का शिकार हो रहे है और उन्हें ठीक इलाज न मिलने की वजह से उनकी मौत हो जाती है इस बात को पढकर बहुत दुःख होता है।

उद्देश्य पूर्ति के लिए प्रयत्न :  मैं यह बात अच्छी तरह से जानता हूँ कि एक सफल डॉक्टर बनना आसान नहीं है इसके लिए बहुत कठिन परिश्रम करना पड़ता है। डॉक्टर के ह्रदय में मरीजों के प्रति दया, करुणा, और सहानुभूति की भावना होना बहुत ही जरूरी होता है। मैंने अपने इस उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए अभी से प्रयास करने शुरू कर दिए हैं।

मेरे माता-पिता का आशिर्वाद सदैव मेरे साथ है। उनका भी सपना है कि मैं बड़ा होकर डॉक्टर बनूँ। मैं डॉक्टर बनकर सही अर्थों में उन लोगों को पाठ पढ़ाना चाहता हूँ जो लोगों से पैसे कमाने के लिए डॉक्टर बनते हैं। मैं किसी ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे नर्सिंग होम की स्थापना करना चाहता हूँ जिसमें गरीब और अभावग्रस्त लोगों का उचित फीस पर इलाज कर सकूं।

आज के समय में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की बहुत जरूरत है। यह काम भारत सरकार कर रही है लेकिन उसकी अपनी सीमाएं हैं। मैं अपने उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए बहुत कठिन परिश्रम करूंगा। मैं जब तक डॉक्टर नहीं बन जाता तब तक चैन से नहीं बैठूँगा।

उपसंहार :   मेरी यह इच्छा है कि मैं अपने लक्ष्य को पूरा करूं। मैं इस काम को पूरा करने के लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ समाज-सेवा संस्थाओं का भी सहयोग लूँगा। मैं कोशिश करूंगा कि गाँव में स्थित मेरा नर्सिंग होम गाँव के लोगों की जरूरतों को पूरा कर सकें।

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