क्रिटिकल थिंकिंग क्या होती है- जानिये 4 आसान स्टेप्स में

हेलो दोस्तों, लाइफ में कई बार हमारे सामने कुछ ऐसी situation या problem आती है जहा पर की हम confuse हो जाते है और सोच में पड़ जाते है की आख़िरकार करे तो क्या? ऐसा अक्सर इसलिए होता है जहा पर की हमें उस particular problem या situation के बारे में ज्यादा कुछ information नहीं होती याफिर उस situation या problem में क्या करना है इसके बारे में हमें नहीं पता होता। तो यहाँ पर आपको एक ही स्किल काम आती है और वो है Critical Thinking ।  

इस स्किल के ज़रिए हम पेचीदा स्थिति में अच्छे से सोच समझकर निर्णय ले सकते है और किसी भी ख़राब स्थिति से बाहर आ सकते है तो आज इस आर्टिकल के ज़रिये हम ये जानने की कोशिश करेंगे है की क्रिटिकल थिंकिंग क्या है? , क्रिटिकल थिंकिंग कैसे करते है? और साथ ही साथ Critical thinking क्यों ज़रूरी है? इसके फायदे क्या क्या है?,तो चलिए बहुत ही आसान और सीधे शब्दों में जानने की कोशिश करते है Critical Thinking के बारे में…

Table of Contents

क्रिटिकल थिंकिंग क्या है?

  • तो सबसे पहले जानने की कोशिश करते है की क्रिटिकल थिंकिंग का मतलब क्या होता है? Critical thinking का मतलब होता है कि किसी भी problem या situation में सभी बातों को अच्छे से जानकर, परखकर, सोच समझकर, सही गलत की पहचान कर के और साथ ही साथ होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में सोचकर और फिर उसके बारे में कोई एक्शन या डिसीजन (निर्णय) लेना इसी को हम Critical Thinking कहते है।    

Critical thinking क्यों ज़रूरी है?

  • Critical thinking आपके लाइफ के हर छोटे बड़े problem या situation में आपको सही फैसला लेने में आपके लिए बेहद फायदेमंद है। जैसे की आपसे करियर से जुडी बात (Career kaise banaye) हो, पैसों से जुडी बात (Money management in hindi) हो,आपके रिश्तों से जुड़े कोई बात हो (Relationship tips in hindi) , आपके हेल्थ   से जुड़े कोई बात हो याफिर आप लाइफ के किसी ऐसे situation या problem में फसे हो जहा आपको कुछ समझ नहीं आ रहा तो ऐसे में आपको critical thinking बहुत फायदेमंद है।   

Critical thinking कैसे करते है?

  • नीचे दिए गए steps को follow कर के आप Critical Thinking कर सकते हो।  एक और बात ये ज़रूरी नहीं है की आप किसी मुश्किल हालात में ही क्रिटिकल थिंकिंग बल्कि मैं तो कहता हु की आप छोटे छोटे पर important डिसीजन लेते वक़्त भी Critical Thinking कर सकते है….  

1) जानकारी लो: 

Critical thinking in Hindi जानकारी लो

  • आप जब भी किसी situation या कोई problem में फसे हो याफिर किसी बात को लेकर confuse हो तो ऐसे में आप सबसे पहले उससे जुडी सारी जानकारी लो,सभी चीज़ों को अच्छे से समझो और हालात का जायजा लो।  जब आप जानकारी लेते है तो फिर उस चीज़ से जुडी या उस situation में आपको जो कुछ भी confusion है वो दूर हो जाएगा और आपको आगे क्या करना है इसके बारे में अंदाज़ा हो जाएगा। 

2) सवाल पूछो: 

  • जानकारी लेने के बाद भी अगर आपके मन में कुछ शंकाएं   है तो आप सवाल पूछकर या उसके बारे में इंटरनेट के माध्यम से जानकारी लेकर अपनी शकाओं को दूर कर सकते हो।  इससे आपको उस चीज़ के प्रति अच्छी जानकारी हो जाएगी और अगर आप किसी situation या problem में फसे हुए हो तो उसका भी हल आपको मिल जाएगा।  

3) सही गलत का पता करो: 

  • किसी चीज़ के बारे में या किसी situation याफिर problem के बारे में अच्छे से जानने के बाद उस जानकारी के ज़रिये जायजा लो और देखो की आपने जो कुछ भी जानकारी ली है वो सही है या गलत,उससे आपको फायदा होगा या नुकसान और भविष्य में उसका फायदा होगा या नुकसान इन सभी बातों को ध्यान में रखकर अच्छे से जाँचे परखें और फिर कोई एक्शन लें।   
  • अगर आपको मिली हुयी जानकारी में कुछ शंकाएं उत्पन्न होती है, कोई तथ्य नज़र नहीं आता याफिर कुछ गलत लग रहा है या कुछ नुकसान होने की आशंका है तो तब आपको ऐसी स्थिति में जल्दबाजी में कोई एक्शन नहीं लेना है। 

4) अलग तरीके से सोचो: 

Critical thinking in Hindi अलग तरीके से सोचो

  • जब भी आप किसी difficult situation में problem फसते हो याफिर किसी चीज़ को लेकर confuse हो तो ऐसे में संभावनाओं (Possibilities) को देखो मतलब की कौनसी चीज़ें आपके लिए काम कर सकती है,कौनसा ऑप्शन आपके लिए सही और फायदेमंद रहेगा ये सोचो। इसके अलावा आप अपने अब तक के अनुभव के ज़रिये और किसी एक्सपर्ट की राय लेकर भी किसी निष्कर्ष पर पहुँच सकते हो और एक सही निर्णय   ले सकते हो।    
  • इसके अलावा आप लाइफ में आयी छोटे बड़े problem को solve करने के लिए अपनी क्रिएटिव सोच से प्लानिंग कर सकते हो,रणनीतियों (Strategies) को फॉलो कर सकते हो,नए नए विचारों से याफिर किसी परिवर्तनात्‍मक (Innovative) तरीके से आपके लाइफ में आये हुए किसी भी तरीके के situation से या problem बाहर निकल सकते हो।   

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  • तो इस आर्टिकल के ज़रिये हमने जाना की क्रिटिकल थिंकिंग क्या है? और हमारी लाइफ में इसकी क्यों ज़रूरी है? इसे अलावा हमने जाना की किन स्टेप्स फॉलो कर के हम critical thinking कर सकते है जिसमें जानकारी लेना, सवाल पूछना,सही गलत का पता करना और अलग तरिके से सोचना ये चार स्टेप्स मुख्य तौर पर शामिल है।  
  • अगर आपको हमारा आर्टिकल कैसा लगा ये comment section में ज़रूर बताना और अगर आपका कोई पर्सनल सवाल हो तो आप हमें [email protected] पर मेल कर सकते है।           

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what is critical thinking skills in hindi

आलोचनात्मक चिंतन (Critical Thinking) क्या हैं?

आलोचनात्मक चिंतन Critical Thinking सत्य-असत्य एवं सही-गलत के मध्य अंतर स्पष्ट करने की कला हैं। यह व्यक्ति को अधिक से अधिक ज्ञान अर्जित करने की ओर आकर्षित एवं अभिप्रेरित करता हैं। यह व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से विचार करने एवं उचित मूल्यांकन करने का कौशल प्रदान करता हैं।

यह व्यक्ति मे ज्ञान प्राप्त करने की जिज्ञासा का विकास करता हैं। जिस कारण व्यक्ति किसी प्रकरण को विस्तार पूर्वक जानने हेतु अधिक प्रश्न पूछता हैं एवं अपनी जिज्ञासा को शांत करता हैं। आज हम आलोचनात्मक चिंतन से संबंधित सभी पहलुओं का अध्ययन कारिंगे और जनिंगे कि आलोचनात्मक चिंतन क्या है?

आलोचनात्मक चिंतन क्या हैं? What is Critical Thinking

critical thinking kya hai

यह व्यक्ति की सृजनात्मक क्षमता का विकास करता है एवं स्वयं द्वारा नवाचारों एवं क्रियाओं की खोज करने की ओर प्रेरित करता हैं। यह व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने का कार्य करता है एवं उसमें नेतृत्व क्षमता एवं कौशलों का विकास करता हैं। जिसकी सहायता से व्यक्ति अन्य व्यक्तियों को आकर्षित एवं स्वयं को प्रभावशाली सिद्ध करता हैं।

यह व्यक्ति को किसी भी प्रकरण का विश्लेषण करने एवं किसी समस्या का समाधान एवं वर्तमान परिस्थिति के अनुसार व्यवहार करने में भी सहायता करता हैं। यह व्यक्ति को समाज के साथ समायोजन करने एवं सामाजिक कार्यों में सहयोग करने व जीविकोपार्जन हेतु व्यवसाय करने योग्य बनाता हैं।

यह वैज्ञानिक चिंतन का विकास करता है जिसकी सहायता से व्यक्ति किसी भी समस्या का क्रमबद्ध रूप से अध्ययन कर पाता हैं। यह व्यक्ति को सटीक जानकारी एकत्रित करने में उसकी सहायता करता हैं। जिस कारण वह वस्तु का उसके सही रूप में आकलन करने में सक्षम हो पाते हैं।

आलोचनात्मक चिंतन की विशेषता Characteristics of Critical Thinking

1. यह व्यक्ति को दार्शनिक बनाता हैं एवं किसी वस्तु का विश्लेषण करने में उसकी सहायता करता हैं।

2. यह व्यक्ति को सही-गलत एवं सत्य-असत्य का चयन करने में सहायता करता हैं।

3. यह प्रश्नात्मक कौशल में वृद्धि करने का कार्य करता है एवं व्यक्ति को अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने हेतु प्रेरित करता हैं।

4. आलोचनात्मक चिंतन व्यक्ति को सटीक निर्णय लेने में उसकी सहायता करता हैं। जो उसे भविष्य में सफलता के मार्ग पर ले जाता हैं।

5. इस चिंतन के द्वारा व्यक्ति में रचनात्मक गुणों का विकास होने लगता हैं।

आलोचनात्मक चिंतन की उपयोगिता Importance of Critical Thinking

आलोचनात्मक चिंतन का विकास कर व्यक्ति दुसरो के विचारों पर चिंतन-मनन कर ही उन विचारों को स्वीकार या अस्वीकार कर पाता हैं। यह व्यक्ति को बुद्धिजीवी बनने एवं लोगों का नेतृत्व करने व समाज के साथ समायोजन करने में भी उसकी सहायता करता हैं।

यह व्यक्ति को उसके कार्यो एवं उसके विचारों में परिपक्वता लाने एवं उसके आत्मविश्वास में वृद्धि लाने का कार्य करता हैं।

शिक्षा में आलोचनात्मक चिंतन की भूमिका Role of Critical Thinking in Education

शिक्षक जब किसी प्रकरण को छात्र को ध्यानपूर्वक समझाता है तो छात्रों में क्यों,क्या और कैसे जैसे प्रश्न जन्म लेते है परंतु जब उन छात्रों को क्यों,क्या व कैसे का उत्तर प्राप्त हो जाता है, अर्थात जब वह उस प्रकरण से संबंधित सभी आंकड़ों एवं ज्ञान अर्जित कर लेते है तो वह उस प्रकरण से संबंधित सभी अनकही बातों को एक उसके भावात्मक पहलुओं को भी समझने लगते है और उनके अधिगम की यही प्रक्रिया उनमें आलोचनात्मक चिंतन critical thinking का विकास करती हैं।

जिससे वह भविष्य में भी सही-गलत एवं सत्य-असत्य के मध्य के अंतर को सामान्य तौर पर समझने लगते है। जो उनको सदैव सफलता के मार्ग की ओर अग्रसर करती है। यह छात्रों को समस्या-समाधान की प्रक्रिया में उनकी सहायता करती है एवं उनको किसी भी प्रकरण पर पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने हेतु जिज्ञासु बनाती हैं।

आलोचनात्मक चिंतन व्यक्ति की सार्वभौमिक सत्य जानने की ओर प्रेरित करता है। जो उन्हें सही जानकारी एकत्रित करने में उनकी सहायता करता है एवं सही निर्णय लेने के कौशल का विकास करता हैं।

तो दोस्तों आज आपने जाना कि आलोचनात्मक चिंतन क्या हैं? अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इस पोस्ट को अपने अन्य मित्रों के साथ भी अवश्य शेयर करें।

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Critical Thinking in Hindi – क्या है क्रिटिकल थिंकिंग और इसके फायदे

Tomy Jackson

किसी भी देश और समाज के लिए Critical Thinking का महत्व बहुत ज्यादा है । किसी भी पक्ष के अच्छाइयों और बुराइयों को पूरे आंकलन के साथ उठाना, उसकी बारीकियां समझना तब जाकर कोई फैसला लेना ही क्रिटिकल थिंकिंग की विशेषता है । अक्सर आलोचनात्मक सोच को निंदा से जोड़कर देखा जाता है और माना जाता है कि इसका अर्थ सिर्फ और सिर्फ कमियां निकालना ही है ।

लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है । उदाहरण के तौर पर, भारत में लगभग हर हफ्ते ही कोई न कोई फिल्म रिलीज की जाती है । फिल्म रिलीज करने के तुरंत पश्चात कुछ Film Critics फिल्म को देखते हैं, उसकी बारीकियां समझते हैं, फिल्म समीक्षा के विभिन्न मानकों पर फिल्म को तौलते हैं तब जाकर Ratings & Reviews देते हैं ।

इन रिव्यू में सिर्फ और सिर्फ फिल्म की अच्छाइयां या सिर्फ बुराइयां ही नहीं होती, बल्कि दोनों का मिश्रण होता है । एक सही समीक्षक उन दोनों पहलुओं को सटीकता और पूरे विश्लेषण के साथ उजागर करता है और बस यही है Critical Thinking । यानि जो कुछ भी घटित हो रहा है उसे आंखें बंद करके मान लेना नहीं बल्कि उसके हर तथ्यों की जांच करना, जानकारी जुटाना और फिर उसके बुरे अच्छे दोनों पहलुओं पर ध्यान देना ।

Critical Thinking क्या है ?

Critical thinking

Critical Thinking को हिंदी में आलोचनात्मक सोच भी कहते हैं जो किसी भी स्तिथि, विषय या घटनाओं की बारीकियों पर तर्कसंगत रूप से सोचने, तथ्यों का विश्लेषण करने और सही गलत दोनों पहलुओं को उजागर करने की कला है । इसके लिए तठस्थ होना बहुत आवश्यक होता है ।

इसे आसान से उदाहरण की मदद से समझिए । मान लेते हैं कि आप किसी गांव के निवासी हैं और आपके यहां हर 5 वर्ष में प्रधान/सरपंच के चुनाव कराए जाते हैं । इस बार भी एक चुनाव है और चुनाव में खड़ा व्यक्ति आपसे कहता है कि अगर मैं जीतता हूं तो आप सबको हर महीने 3,000 रुपए दिए जायेंगे । यह सुनकर कई लोग ऐसे होंगे जो उसकी बात पर भरोसा भी कर लेंगे ।

लेकिन अगर आप Critical Thinking वाले व्यक्ति हैं तो आप तुरंत अपने गांव की जनसंख्या और दी जा रही राशि का आंकलन करेंगे । आपको समझ आ जायेगा कि इस तरह इस व्यक्ति को 500 परिवार वाले इस गांव में 15,00,000 रुपए खर्च करने होंगे जोकि बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है । इसके अलावा सरकार भी बिना हिसाब किताब के ग्राम पंचायत के राजस्व विभाग में इतने रुपए नहीं भेज सकती । यानि सामने वाला व्यक्ति झूठ बोल रहा है ।

Critical Thinking Examples

वर्तमान युग कुछ ऐसा है कि Fake News और Fake People की संख्या बढ़ती ही जा रही है । इस परिस्थिति में आपका तर्कसंगत होकर सोचना जरूरी हो जाता है । अगर आप हर घटना, व्यक्ति, परिस्थिति आदि का बारीकी से अध्ययन और आंकलन करेंगे तभी जाकर सही निर्णय ले सकेंगे । नीचे हमने कुछ Best Critical Thinking Examples दिया है ।

इन उदाहरणों को हमने रोजमर्रा के जीवन से उठाया है ताकि आप ज्यादा बेहतर ढंग से इसे समझ सकें । नीचे दिए गए उदाहरण अवश्य ही आपके साथ भी रोजाना घटित होते होंगे लेकिन क्या आप सही फैसले ले पाते हैं ? चलिए देखते हैं ।

यहां आप ढेरों Review Sites की मदद से सबसे पहले उस इलेक्ट्रॉनिक सामान के रिव्यूज पढ़ते हैं । जिन व्यक्तियों ने पहले से इस सामान का उपयोग किया है, उन्होंने अपना अनुभव इंटरनेट पर सांझा किया है । आपको समझ आता है कि सामान के प्रचार प्रसार में कंपनी ने काफी रूपए खर्च किए हैं लेकिन यह Durable नहीं है यानी ज्यादा दिन तक नहीं चलता ।

उसने वादा किया है कि उसके जितने पर हर गांव में एक लाइब्रेरी खोली जाएगी, कक्षा 1वीं में प्रथम आने पर छात्र/छात्रा के कॉलेज तक की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी और साथ ही हर राज्य के हर सरकारी स्कूल में प्रोजेक्टर की मदद से पढ़ाई की जाएगी । एक छात्र के तौर पर आपको यह वादे लुभावने लगते हैं । लेकिन आप तो ठहरे Critical Thinking वाले व्यक्ति, इसलिए सबसे पहले उस प्रत्याशी के इतिहास और पूर्व संसदीय क्षेत्र पर एक नजर डालते हैं ।

आप सबसे पहले उस पोस्ट पर पुलिस के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया देते हैं और यहीं नहीं, बिना खबर को वेरिफाई किए मैसेज को अन्य 10 ग्रुप में फॉरवर्ड कर देते हैं । इससे हर तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया आने लगती है और एक बड़े प्रदर्शन की योजनाएं बनने लगती हैं । लेकिन उसके अगले ही दिन सुबह आप Twitter या टेलीविजन पर Fact Check के माध्यम से जानते हैं कि यह तस्वीर पाकिस्तान की थी और खबर बिल्कुल निराधार है । इसका खुलासा स्वयं प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने किया है कि उन पर कोई लाठीचार्ज नहीं किया गया था ।

Critical Thinking कैसे करें ?

सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह आता है कि आखिर Critical Thinking की कैसे जाती है ? क्रिटिकल थिंकिंग करने के लिए आपको किसी पढ़ाई, डिग्री आदि की आवश्यकता नहीं है । आप मात्र कुछ प्रश्नों के माध्यम से हर परिस्थिति को तार्किक ढंग से एनालाइज कर सकते हैं । चलिए सबसे पहले उन प्रश्नों पर नजर डालते हैं इसके बाद हम विस्तार से समझेंगे कि क्रिटिकल थिंकिंग कैसे की जाती है ।

1. क्या: सबसे पहले जब भी आपके पास कोई इनफॉर्मेशन या परिस्थिति आए तो आपको पूछना यह इनफॉर्मेशन क्या है । यह इनफॉर्मेशन किस बारे में है ? यह क्या कुछ जानकारी आपको प्रदान करता है ।

2. कौन: दूसरा प्रश्न आपका होना चाहिए कि इस जानकारी को प्रसारित करने वाला या उस परिस्थिति में सबसे मुख्य व्यक्ति कौन है ? क्या उस पर भरोसा किया जा सकता है ? क्या उसका इतिहास संदेहजनक या विवादास्पद रहा है ?

3. कब: आपको मिली जानकारी कितनी पुरानी है ? क्या इस जानकारी का वर्तमान समय में कोई महत्व रह गया है ?

4. क्यों: यह परिस्थिति/घटना/जानकारी अस्तित्व में क्यों आई ? जानकारी प्रसारित करने वाले व्यक्ति का उद्देश्य क्या था ?

5. कैसे: क्या जो जानकारी प्राप्त हुई है, वह Credible और Authentic सोर्स से है ? जानकारी को कैसे प्रसारित किया गया है ? जानकारी प्रसारित करने के लिए किन साक्ष्यों को उठाया गया है ?

इन प्रश्नों के आधार पर आपको काफी जानकारियां मिल जायेंगी । आपको बस इतना याद रखना है कि किसी भी पूर्वाग्रहों से दूरी बनाकर रखें । उदाहरण के तौर पर अगर आप किसी राजनीतिक पार्टी के किसी कार्य, वादे आदि पर Critical Thinking करना चाहते हैं तो सबसे पहले भूल जाएं कि आप अन्य किस पार्टी को पसंद करते हैं या आपकी आइडियोलॉजी क्या है ।

Critical Thinking का सबसे पहला और महत्वपूर्ण नियम ही यही है कि आपको तठस्थ रहना होगा । आप किसी एक तरफ अगर झुके नहीं होंगे तो ज्यादा बेहतर ढंग से पूरी परिस्थिति को सही नजरिए से देख समझ सकेंगे ।

Critical Thinking Skill कैसे डेवलप करें ?

Critical Thinking Skill को डेवलप करने के लिए आपको कुछ कदम उठाने होंगे । खासकर कि अगर आप एक युवा हैं, एक छात्र हैं तो आपको नीचे बताई गई बातों को अवश्य ध्यान में रखकर ही अपने जीवन के निर्णयों को लेना चाहिए । एक छात्र के लिए क्रिटिकल थिंकिंग का महत्व काफी ज्यादा है क्योंकि आप सभी ही कल के भविष्य हैं ।

1. तठस्थ रहना बेहद जरूरी

क्रिटिकल थिंकिंग का पहला नियम कहता है कि आप किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रहों से दूषित न हों । उदाहरण के तौर पर मान लेते हैं कि आप किसी एक चीज में विश्वास रखते हैं लेकिन परिस्थिति ऐसी बनती है कि अन्य चीजों में विश्वास करने वालों से संबंधित कोई परिस्थिति खड़ी हो जाती है । तो ऐसे में आपको अपने विश्वास को कुछ समय के लिए दरकिनार करके सबके नजरिए से सोचने की शुरुआत करनी चाहिए ।

जब तक आप अपने मन में पहले से बनाई गई सोच या अवधारणा से ऊपर नहीं उठेंगे, तबतक आपको पूरी सच्चाई का पता नहीं लग पायेगा । उदाहरण के तौर पर उन्हीं News Anchors या News TV Channels को ज्यादा मान दिया जाता है जो किसी पहलू के दोनों पक्षों को सामने रखते हों । उन लोगों की बातों को ज्यादा तवज्जो दी जाती है जो अपने विचार थोपने के बजाय विपरीत विचारों को सटीकता से दर्शाते हैं ।

2. सही Sources से जानकारी इकट्ठी करें

Critical Thinking का दूसरा महत्वपूर्ण नियम है कि आपका स्रोत सही होना चाहिए । अक्सर ऐसा होता है कि हम ऐसे स्रोतों से जानकारी उठा लेते हैं जो खुद एक तरफा हैं । Polarisation के इस दौर में कई बार ऐसा लगता है कि निष्पक्ष शब्द ही मिथ्या है । इसलिए आप कोशिश करें कि हमेशा Credible और Authentic Sources से जानकारी इकट्ठी करें ।

इसके साथ ही आपकी कोशिश यह भी होनी चाहिए कि कभी भी सिर्फ एक ही स्रोत से जानकारी इकट्ठी न करें । आपको ढेरों अलग अलग Sources से Information इकट्ठी करनी चाहिए ताकि आप सही और गलत का निर्णय ले सकें । हम आपको Recommend करेंगे कि उन स्रोतों से जानकारी इकट्ठी करें जो सिर्फ और सिर्फ जानकारी देते हों, न कि अपनी राय ।

3. Information के भूत, वर्तमान और भविष्य को खंगाले

आपके सामने जिस भी इनफॉर्मेशन या परिस्थिति का जिक्र हुआ है, उसके भूत भविष्य और वर्तमान की पूरी जानकारी भी आपके पास होनी चाहिए । Critical Thinking Examples के अंतर्गत हमने आपको एक ऐसा ही उदाहरण दिया था जिसमें परिस्थिति के हिसाब से भूतकाल में जाना पड़ा था ।

जब आपके पास हर समय या परिस्थिति के हिसाब से जानकारी मौजूद होगी तो आप ज्यादा बेहतर ढंग से मूल्यांकन, समीक्षा कर सकेंगे ।

4. समाधान सोचें

क्रिटिकल थिंकिंग के अंतर्गत अगला पड़ाव आता है समाधान सोचने का । किसी भी समस्या का समाधान भी आपको सोचना है और आपको यह बताना है कि आपके हिसाब से किन कमजोरियों को किस प्रकार से दूर किया जा सकता है । एक Critical Thinker का काम सिर्फ और सिर्फ किसी जानकारी को अलग अलग नजरिए से देखना और दोनों पक्षों को उजागर करना भर नहीं है ।

अगर कोई बुरा पक्ष दिखाई दे तो उसका समाधान भी आपको देना है । एक आलोचनात्मक विचारक के रूप में न सिर्फ आप खुद का बल्कि समाज का भी भला कर रहे होते हैं । किसी भी इनफॉर्मेशन का विश्लेषण करना सिर्फ आपको ही नहीं बल्कि उस जानकारी से जुड़े लोगों को भी फायदा पहुंचाता है । इसलिए अगर समस्या आपको दिखाई दी है तो समाधान भी सुझाइए ।

5. समाधान लागू करें

आखिरी कदम होना चाहिए सोचे हुए समाधान को लागू करने या कराने का । अगर आप निर्णय लेने के पद पर हैं तो आप अपने परिवार, संगठन आदि पर समाधान को लागू कर सकते हैं । अगर आप निर्णय लेने की स्तिथि में नहीं हैं तो कम से कम अपने समाधानों की जानकारी जरूर प्रसारित कर सकते हैं ।

हालांकि अगर आप किसी अन्य व्यक्ति को किसी समस्या का समाधान समझाने जा रहे हैं तो आपको पूरे साक्ष्यों, अध्ययनों आदि के साथ तैयार रहना होगा ।

  • Skill Development in Hindi
  • Listening Skills in Hindi
  • Self Management Skills in Hindi
  • Key Skills in Hindi
  • Time Management in Hindi
  • Distance Learning in Hindi
  • Online Classes in Hindi

Critical Thinking Course

हमारे समाज में वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए सबसे जरूरी है Critical Thinking । किसी भी संस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए भी क्रिटिकल थिंकिंग का होना बहुत जरुरी है । अगर किसी संस्था का मालिक पूर्वाग्रहों से दूषित होकर फैसले लेगा तो इससे कई लोग बुरी तरह प्रभावित होंगे । इसलिए अब कंपनियां किसी व्यक्ति को नौकरी पर रखते हुए उसके क्रिटिकल थिंकिंग स्किल की जांच भी करती है ।

अगर आप भी किसी अच्छी कंपनी में नौकरी करना चाहते हैं तो जरूरी है कि इसका कोर्स करें । Critical Thinking Course आपको आसानी से इंटरनेट पर मिल जायेंगे । कुछ प्लेटफॉर्म जिनकी मदद से आप विश्लेषणात्मक चिंतन कोर्स कर सकते हैं:

  • Coursera.org

Critical Thinking Books in Hindi

अगर आप क्रिटिकल थिंकिंग को गहराई से समझना चाहते हैं तो इसपर लिखी कई पुस्तकें भी पढ़ सकते हैं । इस विषय पर दुनिया के कई बड़े विद्वानों ने बेहतरीन किताबें लिखी हैं जिन्हें पढ़कर आप काफी कुछ सीख सकते हैं ।

Critical Thinking से जुड़े कई प्रश्न अक्सर इंटरनेट पर पूछे जाते हैं । इन सभी प्रश्नों को हमने एकत्रित करके उनके उत्तर नीचे दिए हैं । अगर आपके मन में भी कोई प्रश्न Critical Thinking in Hindi से सम्बन्धित हैं तो आप कॉमेंट के जरिए पूछ सकते हैं ।

1. क्रिटिकल थिंकिंग का मतलब क्या है ?

क्रिटिकल थिंकिंग का मतलब किसी भी जानकारी या परिस्थिति का तठस्थ होकर विश्लेषण और मूल्यांकन करना और इसकी कमियां और अच्छाइयों दोनों का उजागर करना । क्रिटिकल थिंकिंग किसी भी जानकारी को ज्यों का त्यों न मानने की सीख देती है ।

2. क्रिटिकल थिंकिंग स्किल्स क्या हैं ?

क्रिटिकल थिंकिंग स्किल्स एक व्यक्ति को अपने जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय को लेने में मदद करती है । यह स्किल यानी कौशल व्यक्ति को हर जानकारी या परिस्थिति में विभिन्न प्रकार से सोचने और समझने की शक्ति प्रदान करती है ।

3. क्रिटिकल थिंकिंग कितना महत्वपूर्ण है ?

Critical Thinking हमारे जीवन में काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें रोजमर्रा के जीवन में सही निर्णय लेने के लिए क्षमतावान बनाता है । क्रिटिकल थिंकिंग एक सफल, खुशहाल जीवन का रास्ता भी है ।

4. Creative Thinking और Critical Thinking में अंतर क्या है ?

Creative Thinking सिर्फ और सिर्फ नए विचारों को जन्म देने की प्रक्रिया है । क्रिएटिव थिंकिंग के अंतर्गत सिर्फ किसी विचार को जन्म देना और फिर उसे असलियत का रूप देने की कोशिशें आती हैं तो वहीं क्रिटिकल थिंकिंग किसी विचार के विभिन्न पहलुओं का मूल्यांकन से सम्बन्धित है ।

5. Analytical Thinking in Hindi क्या है ?

Analytical thinking आपके द्वारा एकत्रित और व्यवस्थित की गई जानकारी का मूल्यांकन करके जटिल मुद्दों से निपटने की क्षमता है । विश्लेषणात्मक विचारकों को समस्याओं की पहचान करने, डेटा से जानकारी निकालने और पहचानी गई समस्या के व्यावहारिक समाधान तक पहुंचने में सक्षम होना चाहिए ।

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Critical thinking skills क्या होती है For Student in Hindi

हमारे शरीर का सबसे मजबूत हिस्सा हमारा ब्रेन होता है इसमें इतनी ताकत होती है की यदि आप इसको कंट्रोल न करो तो यह आपसे कुछ भी करवा सकता है आप समझे ना कुछ भी, जिसने अपने ब्रेन को अपने काबू में कर लिया वह कुछ भी कर सकता है किंतु यह तभी संभव है जब आपकी Critical Thinking मजबूत हो, यानी की आपके सोचने को ताकत, यह कहना गलत नही होगा की आप जैसा सोचते है वैसे ही बनते जाते है इसलिए आपने अक्सर लोगो को यह कहते हुए सुना होगा की अच्छा सोचो सही सोचो.

critical thinking

आपके इस सोचने की स्किल ही आपको जीवन में आए हर एक परेशानियों से निकाल सकती है इसके साथ ही ब्रेन का मजबूत होना अतिआवश्यक है क्योंकि जब आपकी दीमाक ही मजबूत नही होगा तो वह सोचेगा कैसे, वाहि कुछ लोग ऐसे भी होते है जिनका ब्रेन तो सही वर्क करता है किंतु वह Critical Thinking की पॉवर का इस्तेमाल नहीं कर पाते है और हमेशा दुखी रहते है किंतु अब नही क्योंकि मैं आज आपको इस ब्लॉग पोस्ट में बताऊंगा कि Critical Thinking Skill क्या होती है और इसका उपयोग कैसे करे।

  • 1 Critical Thinking Skill क्या है
  • 2 Critical Thinking skills: को कैसे अपनाएं
  • 3 Student life मे Critical thinking skills का महत्व
  • 4 मैं आलोचनात्मक सोच कौशल को अपने अंदर कैसे विकसित करू
  • 6 समस्या का समाधान ढूढे उससे डरे नहीं
  • 7 समाधान की तलाश करे
  • 8 समस्या की सही जानकारी की तलाश करे
  • 9 सोच समझ कर निर्णय ले
  • 10 समस्या को पहचानो
  • 12 1.The Great Mental Models by Shane Parrish
  • 13 2.Thinking Fast And Slow by Daniel Kahneman
  • 14 3.Critical Thinking by Tom Chatfield
  • 15 4.Factfulness by Hans Rosling
  • 16 5.The Art of Thinking Clearly by Rolf Dobelli
  • 17 क्रिएटिव एंड क्रिटिकल थिंकिंग को हिंदी में क्या कहते हैं?
  • 18 आलोचनात्मक सुनना क्या है?
  • 19 Critical Thinking Example in Hindi

Critical Thinking Skill क्या है

Critical Thinking Skill (आलोचनात्मक सोच) की जानकारी किसी भी निर्णय को तर्कपूर्ण और विश्लेषण के आधार पर निर्णय लेने की क्षमता को Critical Thinking Skill कहाँ जाता है इस प्रकार की स्किल आम तौर पर कुछ ही लोगो में देखने को मिलती है जो भी ऐसे लोग होते है उनकी थिंकिंग पॉवर इतनी स्ट्रोंग होती है की वह अपने आलोचनात्मक सोच का पूर्ण रूप से उपयोग करके किसी भी तरह की मुश्किल से निकलने का हल सरलता से ढूड लेते है आसन और सरल भाषा में आलोचनात्मक सोच यानी की क्रिटिकल थिकिंग एक आदमी के दीमाक को एक अद्भुद शक्ति से प्रज्वलित करती है जिससे वह व्यक्ति किसी भी समस्या का सामना बहुत ही आराम से करने में शक्षम होता है.

Critical Thinking skills: को कैसे अपनाएं

मानव मस्तिक में एक ऐसा अलोकिक वरदान परमात्मा की ओर से मिला है जो की अपनी ताकत के बल पर कुछ भी कर सकता है बस आपको अपने मस्तिक को सही दिशा देने की जरुरत है कोई भी मस्तिक या कोई भी मानव जन्म से ही बुद्धिमान या Critical Thinking Skill के साथ जन्म नहीं लेता है उसकी मेहनत और उसके जीवन में आई परिशानियो को पार करने के बाद ही मानव मस्तिक एक महान शक्ति को प्राप्त करने में सफल होता है.

इस दुनिया में बहुत से लोग है और हर एक आदमी का ब्रेन की सोचने की शक्ति अन्य व्यक्ति से भिन्न होती है कोई थोड़ी से परिशानियो के आते ही डर जाता है तो वही कोई उन परिशानियो से कैसे लड़ा जाय इसके बारे में सोचता है और उसका हल निकालता है और उसमे सफल भी होता है और यही होती है मानव की क्रिटिकल थिंकिंग स्किल, यह कोई बात नहीं आप भी इस स्किल को अपना सकते है इसके लिए आपको कभी भी किसी भी तरह की परिशानी से डर कर भागना नहीं है बल्कि उस परेशानी का सामना करना है.

क्योकि मानव जीवन में एक बुरा समय ही उसको काफी कुछ सिखाकर जाता है न की एक अच्छा समय, और इसी बुरे वक्त के कारण आदमी अपने ब्रेन को पहले से ओर भी मजबूत और शक्तिशाली बनाने में सफल होता है इसलिए कभी भी परिशानियो से डरे न, बल्कि इस परिशानियो को अपने जीवन में एक Golden Chance के रूप से समझे जो आपको इस जीवन के असली सार को समझती है.

Student life मे Critical thinking skills का महत्व

क्षात्र जीवन में आलोचनात्मक सोच का महत्व क्या है, यह जानने से पहले मैं यह बताना चाहूँगा की यह सवाल ही गलत है क्योकि इसमें महत्व को समझने से पहले आपको आलोचनात्मक सोच क्या होती है इसको समझाना पड़ेगा है और जब आप यह समझ जाते है तो आप फिर यह सवाल नहीं करेंगे की क्षात्र जीवन में इसका क्या महत्व है.

क्रिटिकल थिंकिंग का मतलव होता है की किसी वस्तु, विषय, के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उसके गुण, दोष, का बिलकुल सही-सही और सटीक निर्णय तक पहुचने में मदद करने वाली एक अनोखी विधा है जो मानव को किसी वस्तु के विषय में सही निर्णय लेने में काफी मदद करती है इसलिए हम कह सकते है इ Critical Thinking Skill क्षात्र जीवन के लिए ही नहीं बल्कि, मानव जीवन के हर उस मुश्किल पड़ाव को आसान बनने के लिए है जहाँ पर वह अपने आप को डरा हुआ, अकेला, हताशा से परिपूर्ण होता है उस समय यदि आपके पास यह कौशल है तो आप उस मुश्किल की घडी से भी बहुत ही आसानी से निकल सकते है.

मैं आलोचनात्मक सोच कौशल को अपने अंदर कैसे विकसित करू

यह किसी तरह का जादू नहीं है जो एक छड़ी घुमाने के मात्र से ही चीजे बदल जाती है यह एक ऐसा कौशल है जिसको हर एक मानव सिख सकता है किन्तु सिखाता नहीं है ऐसा मैं इस लिए कह रहा हूँ ऐसे बहुत कम ही लोग है अपने जीवन में आई परिशानियो का सामना करते है और उनपर विजय भी प्राप्त करते है वही कुछ लोग ऐसे भी होते है जो इनसे डर कर अपने कदम को पीछे की ओर ले जाते है जिससे उनकी सोच एक सिमित बंधन तक ही रह जाती है.

और ऐसे ही लोग अपने जीवन में कुछ भी नहीं कर पाते है ऐसा नहीं है की जो लोग अपने जीवन आज सफल है उनको कोई खजाना मिला है जिससे वह आज सफल है उनके भी जीवन में एक ऐसा समय जरुर आया होगा जहाँ पर वह बिलकुल अकेले थे उनके साथ कोई भी नहीं है और कई परिशानियो से घिरे थे फिर भी वह अपने सोच के दम पर आगे बढ़ते रहे और उन परिशानियो को पार करते हुए आज एक सफल इंसान के रूप में जाते है.

इस सब बातो का पूर्ण निष्कर्ष यह निकल कर आता है की प्रकृति किसी के साथ भेद भाव नहीं करती है वह सबको एक सामान से ही सुख और दुःख का अनुभव कराती है जिसको आप एक परीक्षा भी मान सकते है जो हर एक मानव के जीवन में आती है जो अपनी आलोचनात्मक सोच के बल पर जीवन माँ आई कठिनाई से भरी परीक्षा को पास कर लेते है वही जीवन में आगे बढ़ पाते है और उन्नति करते है अपने अंदर आलोचनात्मक सोच को विकसित करने का इससे बढ़िया उपाय ओर कुछ नहीं हो सकता है परिशानियो से डरे नहीं उनका डट ककर सामना करें.

Critical Thinking Skill को सिखाने के तरीके

अब तक क्रिटिकल थिकिंग के बारे में जो हमने सिखा उसके बाद भी आपको कुछ अधिक ज्ञान न मिल पाया हो और आप इसके बारे में और अधिक जानना चाहते है और इस सोच को अपने अन्दर कैसे लाया जाय, यह सिखाना चाहते है तो नीचे दिए गए कुछ बातो पर गौर करना पड़ेगा, तो आये जानते है की वह कौन कौन सी बाते है जो हमको क्रिटिकल थिंकिंग की ओर मोडती है.

समस्या का समाधान ढूढे उससे डरे नहीं

अपनी सोच को मजबूत करने के लिए और आगे बढ़ने के लिए जीवन में कोई भी समस्या आये उससे घबराये नहीं बल्कि उसका सामना करे, शुरूआती समय में यदि समस्या अधिक प्रबल है तो आपको ऐसे काफी डर भी लग सकता है आप Depression में भी जा सकते है लेकिन आपको हार नहीं मनानी है आपको उस समस्या से लड़ना है और उसको हराना है इस प्रकार आपकी सामान्य सोच क्रिटिकल सोच में बदल जाती है.

समाधान की तलाश करे

कोई भी ऐसी समस्या नहीं है जिसका समाधान न हो, हर एक समस्या का कोई न कोई समाधान जरुर रहता है बस आपको उसकी खोज करनी पड़ती है और उसको अपने जीवन में अप्लाई करना पड़ता है इस प्रकार मानव का दीमाक एक एक नई उर्जा को जन्म देता है.

समस्या की सही जानकारी की तलाश करे

देखिये कोई भी समस्या यूँ ही बिना किसी कारण के हमारे सामने नहीं आती है कोई न कोई ऐसी जानकारी रहती है जिसके परिणाम सही न होने के कारण वह एक समस्या का रूप ले लेती है और इस समस्या का Actual Reason क्या है यदि आप खोजने में सफल होते है तो आप उस समस्या का समाधान काफी सरलता पूर्वक कर सकते है इस लिए समस्या की जड़ तक जाना जरुरी होता है और यह सब करने के लिए आपके ब्रेन की थिंकिंग का अहम् योगदान होता है आप इसको Critical Thinking भी कह सकते है.

सोच समझ कर निर्णय ले

आपका एक Decision काफी कुछ बदल सकता है इस लिए जब भी आप कोई फैसला करे, तो उस पर काफी गहन अध्ययन करने के बाद कोई फैसला ले, जो आपको लगता है की यह मेरा फैसला सबके हित में होगा यदि फिर भी अपने फैसले को लेकर आप चिंतन में है तो आप अपनो से बड़ो की राय ले सकते है.

समस्या को पहचानो

जब तक आप Problem की जड़ तक नहीं जाते हो तब तक आप किसी भी तरह की समस्या का समाधान नहीं कर सकते हो, इस लिए सबसे पहले जो भी आपकी प्रॉब्लम है उसकी जड़ तक जाने की कोशिश करो, तब आपको अपने आप ही उस समस्या का समाधान दिखने लगेगा.

Top 5 best critical thinking books

आपकी सोच आलोचनात्मक तब बनेगी जब आप किसी भी परेशानी से घबराते नहीं है और उसका सामना करते है इस प्रकार आपकी सामान्य सोच एक महत्वपूर्ण सोच में तब्दील हो जाती है और आपको पता भी नहीं चलता है वैसे इस आर्टिकल में क्रिटिकल थिंकिंग को पूरी तरह से कवर करने की कोशिश की गई है फिर आप क्रिटिकल थिंकिंग से जुडी पुस्तक की तलाश में हो तो मैं आपको ऐसी 5 बुक के बारे में बताऊंगा जो काफी अच्छे से क्रिटिकल थिंकिंग पर लिखी गई है.

1. The Great Mental Models by Shane Parrish

इस बुक के Author शेन पैरिश  है जो की स्ट्रीट ब्लॉग के नाम से प्रसिद्ध व्यक्ति है यह पुस्तक मानव की सोच कैसे काम करती है और इसको कैसे बदला जाय इस पर लिखी गयी है जिसको आप महत्वपूर्ण सोच की विशेष श्रृंखला भी कह सकते है.

2. Thinking Fast And Slow by Daniel Kahneman

इस बुक के ऑथर Daniel Kahneman है जो की एक चिकित्सक भी है यह पुस्तक मानव सोच की मनोविज्ञानिक क्षमता के बारे में विस्तार से पूर्ण जानकारी इसमें दी गई है और इसमें मस्तिक का क्या योगदान होता है.

3. Critical Thinking by Tom Chatfield

यह आलोचनात्मक सोच पर लिखी काफी पसंद की जाने वाली बेस्ट सेल्लिंग पुस्तक है एक बार आप इसको जरुर पढ़े.

4. Factfulness by Hans Rosling

यह Book Human Thinking कैसे काम करती है इसके बारे में विस्तार से लिखी गई है जिसको पढ़ने से हर एक प्रॉब्लम का सामना कैसे किया जाय, आपको अच्छे से आने लगेगा.

5. The Art of Thinking Clearly by Rolf Dobelli

यह पुस्तक सोचने की शक्ति को कैसे साफ़ किया जाय इस पर लिखी गई है जिसमे लेखक के द्वारा Art of Thinking Clearly के 99 Chapter को कवर किया है.

क्रिएटिव एंड क्रिटिकल थिंकिंग को हिंदी में क्या कहते हैं?

Creative and Critical Thinking in Hindi में इसको रचनात्मक और महत्वपूर्ण सोच कहा जाता है क्रिएटिव और क्रिटिकल दो अलग-अलग भिन्न शब्द है जिनका मतलब भी अलग है जिसमे से क्रिएटिव थिंकिंग का मतलब है की एक रचनात्मक तरीके से सोचना, कितना भी मुश्किल कार्य क्यों न हो, उसको कैसे पूर्ण किया जा सकता है क्या इसका कोई ओर दूसरा रास्ता है जो इस काम को और भी सरल बनता है इस प्रकार की थिंकिंग को क्रिएटिव कहते है.

आलोचनात्मक सुनना क्या है?

कोई भी व्यक्ति जब कोई गलती करता है तो उसको अहसास नहीं होता है की उसने कोई गलती की है यहाँ आलोचना ही होती है जो उसकी गलती के बारे में उसको बताती है और उसको सुधारने के लिए मानव को प्रेरित करती है.

Critical Thinking Example in Hindi

आलोचनात्मक सोच के कई प्रकार के उदाहरण हो सकते है जिनमे से कुछ को नीचे बताया गया है.

  • विश्लेषणात्मक सोच
  • अच्छा संवाद
  • रचनात्मक सोच
  • समस्याओं को हल करने की क्षमता
  • विचारणीय प्रश्न पूछना

आज आपने क्या सिखा

आपको यह लेख  Critical Thinking Meaning in Hindi   आपको कैसा लगा, मैं उम्मीद करता हूँ की आप लोगो को यह लेख जरुर पसंद आया होगा, मैंने अपनी तरफ से  Critical Thinking क्या है हिंदी में  दि है फिर भी आपको लगता है की इस Post में कोई ग़लत रह गयी है.या फिर आर्टिकल पूरा नही है.

आप नीचे Comment Box में Comments करके हमें सूचित कर सकते है और हम इस आर्टिकल को सुधारने की पूरी कोशिश करेंगे, अंत में इसके साथ ही आपसे मेरी गुजारिश है की यदि यह पोस्ट आपके लिए मददगार सावित हुआ होगा तो इसको अपने दोस्तों, रिश्तेदारों साथ झासा जरुर करें, यहाँ तक पोस्ट पढ़ने के लिए आपका दिल से आभार.

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HINDRAJ

मैं हिन्दराज हिंदीसुविधा ब्लॉग का Founder हूँ. मुझको टेक्नोलॉजी से जुड़े रहना और उनके बारे में शोध करना बेहद पसंद है. और इसको आगे बढ़ाते हुए मैं इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी और नए अपडेट से जुड़े लेख प्रकाशित करता हूँ निचे दिए गए लिंक के द्वारा आप इनको Follow कर सकते है,

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critical thinking skills

Critical thinking skills क्या होती है ? विद्यार्धी जीवन में इसका महत्त्व

क्रिटिकल थिंकिंग आज के युग में सबसे ट्रेंडिंग स्किल में से एक है लेकिन बड़े बड़े प्रोफेसनल भी इसे समज हीं नहीं पाते  ,असल में क्रिटिकल होना यानि की किसी मामले में हमें उसकी खामियों को पहचानना होता है । पर कुछ लोग क्रिटिकल होने को गलत नजर से देखते है।  दरअसल Critical thinking skills  हमारे सोचने का ही एक तरीका है जिसमे हम एक Logical और Free thinking के साथ किसी problem का Suitable solution निकालते हैंl

इसके अंदर हमें अपने विचारो को तरह -तरह से विश्लेषित करना होगा की Brain में आए Idea को सही रूप दे सकेंl क्रिटिकल थिंकिंग में आपको सामने की स्थिति की हर शुद्धता समझते हुए complete presence of mind के साथ किसी Proper solution तक पहुंचना होता ह

Table of Contents

What is critical thinking skills- क्या होती है क्रिटिकल थिंकिंग

Life में बेहतर बनने के लिए और लाइफ में कुछ  प्राप्त करने के लिए आपको अच्छे Decision लेने की जरुरत होती है। जब आप किसी problems में फंसे हुए होते हैं उस दौरान आपके गहराई से सोचने(deep Thinking) की क्षमता ही आपको उस problems से बाहर निकलने में मदद करती है।

गहराई से सोचना एक तरह की process होती है जिसमें आप खुद से यह question करते हैं कि कैसे किसी चीज को चुना जाए, क्या सही है क्या गलत है । गहराई से सोचने की power को बढ़ाने के लिए आपको अपने Brain में विचारों को बढ़ाने की जरुरत होती है। कुछ तरीकों की मदद से आप अपने depply सोचने की क्षमता को grow सकते हैं।

Critical Thinking skills: को गहराई से समझने के लिए क्या करे ?

  • ध्यान रखें कि आप अपने लिए विचार कर रहे हो
  •  सोचें, लिखें और share करें
  • Question पूछें
  • समझें कि कोई भी हर time गहराई से नहीं सोच सकता
  • Take notice

Student life मे Critical thinking skills का महत्व ?

student में Critical thinking  का ख़ास महत्त्व है जो कि सिर्फ़ school  life में ही नहीं बल्कि आगे चलके निजी व Professional life में भी काम आएगीl

  • आपकी creative thinking में बदलाव आएंगे : किसी problem का सबसे अलग और creative हल निकालने के लिए आपको कुछ नए Ideas दिमाग में लाने होंगे जो कि वर्तमान स्थिति से पूरी तरह संबंध रखते हों और जो आपके लिए काफी Useful साबित हो सकेंl ऐसे ideas निकालते समय आपके दिमाग की Creativity ख़ास रोल निभाती हैl
  • उज्जवल भविष्य के लिए एक्स्ट्रा करीकुलर (Extracurricular) एक्टिविटीज़ के फ़ायदे हर student के लिए जानना बेहद ज़रूरी है
  •  आपका व्यक्तित्व कौशल बेहतर होगा : जब आप किसी किसी भी परिस्थिति में Clear and orderly तरीके से सोचना सीख जाते हो तो आप दूसरों के सामने खुद को अच्छे तरीके से present कर सकते हो और आपकी इस Quality का सबसे बड़ा फ़ायदा भविष्य में Job interview के दौरान या Office presentation में अपनी धाक ज़माने के समय होगा l साथ ही साथ आपकी Personality और  Communication Skills  ही आपको अपने Career में नई ऊँचाइयों तक पहुँचने के लिए मिसाल बनेगी
  • इम्तिहान में आने वाले Logic based question  का हल करने में सहायता मिलेगी : board exam ही नहीं बल्कि Government Job के लिए दी जाने वाली Competitive exam में भी कई तर्क आधारित प्रश्न पूछे जाते हैंl exam में आने वाले HOTS (उच्चतर आदेश सोच कौशल प्रश्न)  और Reasoning based questions आपकी Critical thinking skills को test करने के लिए ही पूछे जाते हैं जिनका हल निकालते समय आपको question में दिखाई गयी स्थिति का हर तरह से Analysis करना होगा और उसे Real life से जोड़ते हुए उचित नतीजे तक पहुँचना होगाl
  • ये भी पढ़े :- मेरा नाम क्या है ?

Student critical thinking skills कैसे सीखे ?

  • अपनी सोच को दें एक Strong आधार किसी भी question का उपयुक्त उत्तर बिना Knowledge के नहीं दिया जा सकताl जैसे की आप अपने आप से question कर रहे हो कि आपको गुस्सा कब आता है? क्यों आता है? और आप अपने गुस्से पे काबू कैसे पा सकते हो? तो इसके लिए आपको उन स्थितियों का Analysis करना होगा जब-जब आपका खुद पर से Control खो जाता होगा अब ये पता लगाओ कि आप किन तरीकों  से उस situation को या तो दोबारा आने से रोक सकते हो या उस दौरान खुद पर कैसे Overcome पा सकते होl इसके लिए आपको उन Events के बारे में इनफार्मेशन एकत्रित करनी होगी जिनकी वजह से ऐसी situations उत्पन्न होती है कि आप अपने गुस्से पे काबू नहीं पा सकतेl  धीरे-धीरे Collected होने वाली जानकारी एक दिन इतनी विशाल हो जाएगी की आप हर situations के पूर्व-प्रभाव समझने लगोगे और life में हर प्रश्न या problems का हल बड़ी आसानी से निकाल सकोगेl
  • Critical thinking में प्रवेश करने का यह सबसे नॉर्मल तरीका हैl बस अपने आप से एक question कीजिए कि आप life में क्या करना चाहते हैं या जो सब आप school में कर रहे हो ये सब किस लिए हैl लेकिन कोई भी question ऐसा न हो जिसका जवाब आपको सिर्फ  हाँ या न में देना होl ऐसे question पूछिए जिनका जवाब देने के लिए आपको knowledge की परतों को छान कर problems को सुलझाने का अवसर मिलेl यहाँ knowledge का अर्थ हम किताबी knowledge से नहीं बल्कि life के Experiences और भावनाओं से ले रहे हैं जो किसी भी situations को control करने में और Right decision तक पहुँचने में आपकी मदद करते हैंl इससे आपके भीतर Critical thinking का विकास सहज ही होने लगेगाl
  • जैसे आपको अपने Classmates में से ऐसे friends की तलाश करनी है जो कि आपको सही सगत दे सकेl ऐसे में सही और गलत का अंतर करने के लिए आपको Mind awareness और समझ का उपयोग करना होगाl इसके लिए आप सामने वाले लोगों की वार्तालाप व उनके Physical appearance का Analysis करें जिससे आपके Brain में उनके लिए एक धारणा यानि feel हो पाएl

ये भी पढ़े :- Articel writing कैसे करे ?

Critical thinking skills सीखने के तरीके

Critical सोच एक vision है जिसमें person किसी विचार की कल्पना करता है और फिर किसी conclusion पर पहुंचने के लिए ज़रूरी कदम उठाने के कार्य के बारे में सोचता है। इसमें research, जांच, मूल्यांकन, अनुमान और implementation शामिल है। आज की सूचना society में कई व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण सोच क्षमता होना महत्वपूर्ण है। महत्वपूर्ण सोच skill की पाँच-चरण Proccess का उपयोग समस्या समाधान की चिंता को समाप्त कर सकता है।

  • Problem को पहचानो

महत्वपूर्ण सोच में पहला कदम problems की पहचान करना है। विचार करें कि मसला क्या है और इसे तोड़ दें ताकि यह problems दोबारा न हो सके। अपने आप से पूछें कि क्या यह problem वास्तव में इतनी बड़ी है। यह Determined करें कि यह problem क्यों मौजूद है और इसके Solution के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया तो क्या result होंगे। इसके अलावा, यह determined करें कि हल करने की proccess में कौन शामिल होना चाहिए।

  • Information इकट्ठा करें

problems के बारे में अधिक से अधिक सीखना महत्वपूर्ण है। reason और समाधानों के लिए देखें, लेकिन केवल Face value पर तथ्यों को स्वीकार न करें। research और सभी संभावनाओं की जांच करे । मुद्दे के बारे में अन्य लोगों की Opinions and views जानने में संकोच न करें। आपके द्वारा सीखी गई information की Validity और Reliability  दोनों निर्धारित करें।

  • Evidence का मूल्यांकन करें

अगला कदम उन Evidence या सूचनाओं का मूल्यांकन करना है जिन्हें एकत्र किया गया है। सुनिश्चित करें कि information सटीक है। यह पुष्टि करें कि यह सिर्फ एक source से आया है और प्रत्येक source निष्पक्ष और भरोसेमंद दोनों हैं। निर्धारित करें कि information तथ्य या राय पर आधारित है या नहीं। उन सभी ways की सूची बनाएं, जिनकी Explanation की जा सकती है।

  • Solution पर विचार करें

Evidence मूल्यांकन से प्राप्त findings के आधार पर कई समाधानों के Plan बनाएं। इन विकल्पों में से प्रत्येक के advantage and disadvantage को जाने । यह स्पष्ट करना important है कि बाधाएं क्या हो सकती हैं, साथ ही Solution के किसी भी छोटे या Long term results क्या हो सकते हैं।

  • चयनित करना और उन्हें लागु करना 

एक विकल्प पर Decision लेने पर विचार करने के लिए तीन factor हैं। पहला solutions के साथ शामिल risk की मात्रा निर्धारित कर रहा है। दूसरा solutions की Practicality है और तीसरा किसी Priority के साथ सहमति है जिसे पूरा करने की requirement है। एक बार जब solution का चयन किया जाता है और action के लिए रखा जाता है, तो योजना implementation के परिणामों की निगरानी करके अनुवर्ती action की आवश्यकता होती है।

ये भी पढ़े:-  Negotiation skills क्या होती है .?

Top 5 best critical thinking books

  • Critical Thinking by Tom Chatfield :- यह आलोचनात्मक सोच पर एक अत्यधिक पसंद की जाने वाली पुस्तक है,इस पुस्तक में लेखक ने क्रिटिकल थिंकिंग के बारे में बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी । जो अच्छी तरह से पढ़ने  के लायक है।
  • Thinking Fast And Slow by Daniel Kahneman :- यह नोबेल पुरस्कार विजेता चिकित्सक द्वारा लिखी गई एक पुस्तक है जो स्पष्ट रूप से सोचने की हमारी क्षमता के लिए मनोवैज्ञानिक रूप प्रदान करती है ।। यह एक अच्छी तरह से शोधित पुस्तक है और पढ़ने के लायक है कि हमारा मस्तिष्क किसी चीज के बारे मे  कैसे तय करता है।
  • The Great Mental Models by Shane Parrish :-लेखक, शेन पैरिश लोकप्रिय  स्ट्रीट ब्लॉग के नाम से प्रसिद्ध व्यक्ति है जो महत्वपूर्ण सोच सहित विषयों की एक विस्तृत विविधता को कवर करता है। यह किताब मानसिक मॉडल के बारे में हैं, जो विशेष रूप से आपको अधिक स्पष्ट रूप से सोचने में मदद  करेगी। ये अवश्य पढ़ें!
  • Factfulness by Hans Rosling :-यह इस साल मैंने पढ़ी सबसे अच्छी किताबों में से एक है क्योंकि दुनिया मैं मौजूद अधिक जटिल चीजों के बारे में स्पष्ट रूप से सोचना बहुत मुश्किल है। यह किताब पढ़ने पर आप को दुनिया मे मौजूद अद्भुत चीजों के बारे में जानने को मिलेगा
  • The Art of Thinking Clearly by Rolf Dobelli :-यह किताब भी एक बहुत अच्छी किताब है इस किताब में 99 तरीके बताए गए हैं कि कैसे आप किसी चीज के बारे में सोच सकते हैं कुछ तरीके उनमें से मनोवैज्ञानिक हैं, कुछ तार्किक हैं, उनमें से कुछ सामाजिक हैं.

2 thoughts on “Critical thinking skills क्या होती है ? विद्यार्धी जीवन में इसका महत्त्व”

Nicely written, good information, Thank you

  • Pingback: Life Skills (जीवन कौशल) क्या है और इसे कैसे सीखे ?

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Critical thinking kaise karte hai? What is critical thinking and how can you do it? This video gives you 5 steps for critical thinking that would allow you to ask the right questions and make right decisions. To be an independent thinker and make the right decisions, critically analyzing the situation at hand is important. This video is a easy primer on Critical Thinking with Hindi examples. 00:00 Critical Thinking ke 5 Step 00:57 जानकारी का मूल्यांकन करना 02:36 महत्वपूर्ण सोच का अर्थ 03:32 आलोचनात्मक सोच का उपयोगे 04:09 सूत्रबद्ध प्रश्न 04:58 सूचना का स्रोत 05:50 तार्किक सोच 06:55 परिणाम के बारे में सोचना 07:55 राय सुनना #CriticalThinking #Skills #Thinking #SmartBano

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What Are Critical Thinking Skills and Why Are They Important?

Learn what critical thinking skills are, why they’re important, and how to develop and apply them in your workplace and everyday life.

[Featured Image]:  Project Manager, approaching  and analyzing the latest project with a team member,

We often use critical thinking skills without even realizing it. When you make a decision, such as which cereal to eat for breakfast, you're using critical thinking to determine the best option for you that day.

Critical thinking is like a muscle that can be exercised and built over time. It is a skill that can help propel your career to new heights. You'll be able to solve workplace issues, use trial and error to troubleshoot ideas, and more.

We'll take you through what it is and some examples so you can begin your journey in mastering this skill.

What is critical thinking?

Critical thinking is the ability to interpret, evaluate, and analyze facts and information that are available, to form a judgment or decide if something is right or wrong.

More than just being curious about the world around you, critical thinkers make connections between logical ideas to see the bigger picture. Building your critical thinking skills means being able to advocate your ideas and opinions, present them in a logical fashion, and make decisions for improvement.

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Why is critical thinking important?

Critical thinking is useful in many areas of your life, including your career. It makes you a well-rounded individual, one who has looked at all of their options and possible solutions before making a choice.

According to the University of the People in California, having critical thinking skills is important because they are [ 1 ]:

Crucial for the economy

Essential for improving language and presentation skills

Very helpful in promoting creativity

Important for self-reflection

The basis of science and democracy 

Critical thinking skills are used every day in a myriad of ways and can be applied to situations such as a CEO approaching a group project or a nurse deciding in which order to treat their patients.

Examples of common critical thinking skills

Critical thinking skills differ from individual to individual and are utilized in various ways. Examples of common critical thinking skills include:

Identification of biases: Identifying biases means knowing there are certain people or things that may have an unfair prejudice or influence on the situation at hand. Pointing out these biases helps to remove them from contention when it comes to solving the problem and allows you to see things from a different perspective.

Research: Researching details and facts allows you to be prepared when presenting your information to people. You’ll know exactly what you’re talking about due to the time you’ve spent with the subject material, and you’ll be well-spoken and know what questions to ask to gain more knowledge. When researching, always use credible sources and factual information.

Open-mindedness: Being open-minded when having a conversation or participating in a group activity is crucial to success. Dismissing someone else’s ideas before you’ve heard them will inhibit you from progressing to a solution, and will often create animosity. If you truly want to solve a problem, you need to be willing to hear everyone’s opinions and ideas if you want them to hear yours.

Analysis: Analyzing your research will lead to you having a better understanding of the things you’ve heard and read. As a true critical thinker, you’ll want to seek out the truth and get to the source of issues. It’s important to avoid taking things at face value and always dig deeper.

Problem-solving: Problem-solving is perhaps the most important skill that critical thinkers can possess. The ability to solve issues and bounce back from conflict is what helps you succeed, be a leader, and effect change. One way to properly solve problems is to first recognize there’s a problem that needs solving. By determining the issue at hand, you can then analyze it and come up with several potential solutions.

How to develop critical thinking skills

You can develop critical thinking skills every day if you approach problems in a logical manner. Here are a few ways you can start your path to improvement:

1. Ask questions.

Be inquisitive about everything. Maintain a neutral perspective and develop a natural curiosity, so you can ask questions that develop your understanding of the situation or task at hand. The more details, facts, and information you have, the better informed you are to make decisions.

2. Practice active listening.

Utilize active listening techniques, which are founded in empathy, to really listen to what the other person is saying. Critical thinking, in part, is the cognitive process of reading the situation: the words coming out of their mouth, their body language, their reactions to your own words. Then, you might paraphrase to clarify what they're saying, so both of you agree you're on the same page.

3. Develop your logic and reasoning.

This is perhaps a more abstract task that requires practice and long-term development. However, think of a schoolteacher assessing the classroom to determine how to energize the lesson. There's options such as playing a game, watching a video, or challenging the students with a reward system. Using logic, you might decide that the reward system will take up too much time and is not an immediate fix. A video is not exactly relevant at this time. So, the teacher decides to play a simple word association game.

Scenarios like this happen every day, so next time, you can be more aware of what will work and what won't. Over time, developing your logic and reasoning will strengthen your critical thinking skills.

Learn tips and tricks on how to become a better critical thinker and problem solver through online courses from notable educational institutions on Coursera. Start with Introduction to Logic and Critical Thinking from Duke University or Mindware: Critical Thinking for the Information Age from the University of Michigan.

Article sources

University of the People, “ Why is Critical Thinking Important?: A Survival Guide , https://www.uopeople.edu/blog/why-is-critical-thinking-important/.” Accessed May 18, 2023.

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लेखन कौशल (Writing Skill) क्या है और इसका महत्व क्या है?

लेखन कौशल क्या है

आप भी अपनी Writing Skills को बेहतर करना चाहते है तो आज का लेख आपके बहुत काम आएगा। आज के लेख में हम आपको लेखन कौशल (Writing Skills) क्या होती है? लेखन कौशल में कैसे सुधार करें? लेखन कौशल का क्या महत्व है? के बारे में जानकारी देंगे।

Table of Contents

लेखन कौशल क्या है : What is Writing Skills in Hindi

एक लेखक अच्छी Writing Skills के जरिए अपनी बात को लोगो को आसानी से समझा सकते हैं। अच्छे लेखन के लिए अच्छे विचार होने चाहिए, जिस विषय पर लिख रहे है उसकी अच्छी जानकारी होनी चाहिए। आपके मन में एक सवाल और आ रहा होगा की आखिर Writing Skills का क्या फायदा है। Writing Skills के महत्व के बारे में आप नीचे लेख में पढ़िए।

लेखन कौशल का विकास कैसे करें : How to Develop Writing Skills in Hindi

लेखन कौशल क्या है

व्याकरण सीखिए :

अच्छे लेखन के लिए व्याकरण का सीखना जरूरी है। व्याकरण सीखने से आपको लेखन को समझने में आसानी होगी। व्याकरण में पूर्ण विराम चिन्ह, अल्प विराम चिन्ह, अर्द्ध, उप विराम चिन्ह, प्रश्नवाचक चिन्ह, विस्मयादिबोधक चिन्ह, उद्धरण चिन्ह, योजक चिन्ह आदि का कहां और किस प्रकार उपयोग करना है ये आप सिख जायेंगे।

  • व्याकरण सीखने के लिए आप ऑनलाइन फ्री कोर्स कर सकते हैं।
  • आप व्याकरण की किताब खरीद कर भी व्याकरण को सिख सकतें हैं।

विचार करें :

Writing Skills को विकसित करने के लिए आपको पहले विचार करना होगा। आप जिस विषय पर लिखने जा रहे हैं पहले उस विषय पर विचार करें कि आप अपने शब्दो से उसे किस प्रकार व्यक्त कर सकते हैं।

विषयों पर अपने विचार प्रकट करें और उन्हे लिखें। फिर विचार करें फिर लिखें ऐसा करने से आपकी विचार क्षमता मजबूत होगी और कुछ समय बाद आप आसानी से किसी भी विषय पर विचार करके लेखन कर सकतें हैं।

लेखन कौशल में सुधार कैसे करें : How to Improve Writing Skills in Hindi 

लेखन कौशल क्या है

Writing Skills में सुधार करने के लिए आपको थोड़ा समय लग सकता है। रोजाना अभ्यास करके आप इसे आसानी से सुधार सकते हैं और एक प्रभावी लेखक बन सकते हैं।

लेखन कौशल को सुधारने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स :

  • रूपरेखा बनाने से सरंचना को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। अनुभाग में क्या व्यक्त करना है रूपरेखा बनाने से आपको स्पष्ट होता है।
  • सरल और सुंदर भाषा का उपयोग करें ज्यादा जटिल शब्दों का इस्तेमाल ना करें। 

आपकी राइटिंग स्किल्स ना केवल आपके व्यतिगत विकास में मदद करेगा बल्कि आपके लेखों को ब्लॉग और सोशल मीडिया पर भी प्रभावी बनाने में आपकी सहायता करेगा। आपकी राइटिंग स्किल्स में सुधार आपके लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपकी सहायता करेगा।

लेखन कौशल के तत्व : Elements of Writing Skills in Hindi 

लेखन कौशल के तत्व का ध्यान रखना Writing Skills के लिए बहुत जरूरी है। आपको तत्वों को ध्यान में रखकर ही लेखन करना होगा। नीचे लेखन कौशल के तत्वों के बारे में बताया गया है :

राइटिंग स्किल्स तत्वों में सबसे पहले शब्द भेद तत्व आता है हैं जिसमें संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और विकारी शब्द आते हैं। आपको इन सभी का सही ज्ञान होना जरूरी है तभी आप प्रभावी लेखन कर पाएंगे। 

जब आप संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और विकारी शब्दो का सही जगह उपयोग करना सिख जाते है तब आप एक अच्छा लेखन कर सकते हैं। चलिए जानते है इन चारो तत्वों के बारे में :

वाक्य सरंचना :

वाक्यों का सही रूप में सरंचना करना भी बहुत जरूरी है बिना सही वाक्य सरंचना के आप अच्छा लेखन नही कर सकते। वाक्यों को सरंचित करते वक्त आपको ध्यान रखना है की व्याकरण संबंधित गलतियां ना हो।

वाक्य गलतियां :

लेखन करते समय वाक्यों के गलतियां होना एक आम बात है लेकिन लेखन कौशल सीखते समय आपको अपने वाक्य संबंधित गलतियां पर ध्यान देना होगा और उन्हे सही करना होगा। 

वाक्यों में गलतियां कई तरीके से होती है जैसे सही जगह कर प्रशन चिन्ह, पूर्ण विराम और अल्प विराम आदि का उपयोग ना करना। 

अगर आप एक छात्र है तो आपको अपने लेखन पर ध्यान देना होगा रोजाना पढ़ना होगा और रोजाना लिखने का अभ्यास करना होगा। और अगर आप ऑनलाइन गूगल Docs पर लिख रहें है तो वहां पर आप अपनी गलतियों को जान सकतें है और सही कर सकते हैं।

विषय क्रिया :

विषय क्रिया Writing Skills का आखरी तत्व है यह किसी भी वाक्य में विषय के अनुसार क्रिया का ऐसा प्रयोग जिस से वाक्य के विषय और क्रिया में सही तालमेल हो विषय क्रिया अनुबंध नियम कहलाता है। 

क्रियाओं के एकवचन रूपों को जानकर फिर उन्हें आवश्यकता अनुसार वाक्यों से मिलकर आप वाक्यों को सरल बना सकतें हैं। वाक्य सरंचना के समय विषय क्रिया अनुबंध नियम को ध्यान में रखना जरूरी है।

लेखन कौशल क्या है

Writing Skills Books

हमने नीचे कुछ अच्छी किताबों के बारे में बताया है जिन्हे पढ़कर आप अपनी राइटिंग स्किल्स में सुधार कर सकतें है। इन किताबों में अच्छे लेखन के बारे में और भी जानकारी दी हुई है किताब देखने के लिए उसके नाम पर क्लिक करें।

Writing Skills कहां से सीखें 

नॉर्मल Writing Skills को सीखने के लिए आप ऊपर बताए गए उपायों को अपना सकते हैं और निरंतर अभ्यास करके सीख सकते हैं। अगर आप कही राइटर की जॉब करना चाहते है या प्रोफेशनल राइटर बनना चाहते है तब आपको राइटिंग स्किल्स कोर्स करने की आवश्यकता होगी। 

हमनें नीचे कुछ अच्छे प्लेटफार्म की जानकारी दी है जहां से आप घर बैठे ऑनलाइन Writing Skills Course कर सकते हैं और सर्टिफिकेट भी प्राप्त कर सकतें हैं। 

आज के लेख में हमनें लेखन कौशल क्या है, लेखन कौशल का महत्व क्या है, लेखन कौशल में विकास और सुधार कैसे करें, लेखन कौशल के तत्व और Best Writing Skills Books के बारे में जाना। उम्मीद करता हूं आज के लेख से आपको कुछ नया सीखने को मिला होगा।

कॉमेंट बॉक्स के माध्यम से अपनी राय आवश्य दें और अपने दोस्तो के साथ भी शेयर करें जिससे उनकी भी मदद हो सके। लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।

यह स्किल्स   भी पढ़े   : Speaking Skills क्या होती है। इसे कैसे इंप्रूव करें?

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कम्युनिकेशन स्किल्स क्या हैं?

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  • Updated on  
  • नवम्बर 7, 2023

Communication Skills in Hindi

हम सभी जानते हैं कि आज के दौर में अगर आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी नहीं हैं, तो आप पीछे रह जाएंगे। अगर आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी है तो आप किसी को भी आकर्षित कर सकते हैं। आप चाहे प्राइवेट जॉब करें, सरकारी जॉब करें या बिज़नेस करें आपको कम्पटीशन का सामना करना पड़ेगा इसमें सफल होने का एक ही तरीका है, अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स। आज इस ब्लॉग में हम Communication Skill in Hindi के बारे में विस्तार से जानेंगे।

This Blog Includes:

कम्युनिकेशन स्किल्स क्या होती हैं, संचार कौशल के प्रकार , कम्युनिकेशन स्किल्स के साधन, संचार के साधनों में अंतर  , कम्युनिकेशन के अंग , कम्युनिकेशन स्किल्स को बेहतर कैसे करें, प्रोफेशनल लाइफ में, स्टूडेंट लाइफ में, संचार में आने वाली बाधाएं, संचार कौशल के लिए सर्वश्रेष्ठ पुस्तकें.

कम्युनिकेशन (Communication Skill in Hindi) को हिंदी में संचार या सम्प्रेक्षण (ऑब्जरवेशन) कहते हैं। इसका उद्भव लैटिन भाषा में “Communis” शब्द से हुआ है। कम्युनिकेशन का अर्थ होता है सूचना का आदान-प्रदान। कम्युनिकेशन थोड़ी कठिन प्रक्रिया है। कम्युनिकेशन स्किल्स इंसान के व्यक्तित्व का अभिग अंग है, कम्युनिकेशन का मतलब है आप अपनी बात को लोगों के सामने कितने प्रभावी रूप से सामने रखते हैं। किसी व्यक्ति से आपके बात करने के तरीके को कम्युनिकेशन स्किल्स कहते हैं। आप किसी भी क्षेत्र में क्यों नहीं हो अगर आपका बात करने का तरीका सही है तो आप सफल हो जाएंगे।

संचार कौशल के प्रकार नीचे दिए गए हैं-

  • मौखिक संचार (verbal communication skills)
  • लिखित संचार (written communication skills)
  • अमौखिक संचार (non-verbal communication skills)
  • मौखिक संचार- ऐसी संचार प्रणाली है जिसमे हम एक या एक से अधिक लोगो से  बात करके सन्देश का सम्प्रेक्षण करते है।  इसका उपयोग समूह में , टेलीफोन  के माध्यम से करते है। इसमें आप अपने शब्दो से किसी व्यक्ति की मना सकते है।  इसका हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है इस लिए आपकी  मौखिक संचार सही होना चाहिए।
  • लिखित संचार- लिखित संचार का मतलब अपनी बात को लिखित रूप से समझाना आपके लिखने की कला व्यक्तित्व को प्रभावित कर सकती है।यह विज्ञापन सामग्री, प्रिंट मीडिया अन्य संस्थाओं से संचार के लिए जरूरी है।
  • अमौखिक संचार- इसमें आप अपनी बॉडी लैंगवेज के द्वारा किसी से बातचीत कर रहे हैं। उसे अपनी बॉडी लैंग्वेज से अपनी बात को मनवाना नॉन वर्बल कम्युनिकेशन स्किल्स कहते हैं।  बॉडी लैंग्वेज से कहीं लोग आपके पर्सनैलिटी का अंदाजा लगा सकते हैं।

Communication Skill in Hindi में कम्युनिकेशन स्किल्स के साधन नीचे दिए गए हैं-

  • सेल्फ कांसेप्ट: सेल्फ कांसेप्ट जिसे हम आत्म जागरूकता यानि सेल्फ अवारनेस इसमें ये पता चलेगा की एक व्यक्ति खुद को दूसरे के सामने किस तरह से दिखाता हैं ।
  • धारणा: धारणा यानी परसेप्शन जिसमें धारणा बनाकर आप बाहरी दुनिया के बारे में विचार बनाते है । ये सेल्फ कांसेप्ट से जुड़ा है जो अपने अन्दर और भरी दुनिया में सामंजस्यपूर्ण बनाते हैं ।
  • उम्मीद: उम्मीद जो भविष्य में जीवन में होने वाले चीजों के बारे में हैं।
  • इंटरपर्सनल कम्युनिकेशन: इसमें इसमें दो लोग आपस में बात करते हैं, जिसमे एक चैनल शब्द , विचारों या संदेशो के रूप में बात करते हैं ।
  • ग्रुप कम्युनिकेशन: इसमें कम्युनिकेशन एक समूह यानी ग्रुप के बीच होता है। हर व्यक्ति किसी न किसी ग्रुप का हिस्सा होता ही है जब किसी ग्रुप में एक विशेष टॉपिक पर चर्चा होती हैं तो वो ग्रुप कम्युनिकेशन कहलाता है। 
  • मास कम्युनिकेशन: ये कम्युनिकेशन का बड़ा रूप होता हैं जिसमें हम लोगों तक किसी मीडियम के द्वारा सूचना पहुंचाते है जैसे : टेलीविज़न , रेडियो, सोशल मीडिया आदि। 

Communication Skill in Hindi में संचार कौशल में अंग कितने होते हैं, यह नीचे दिए गए हैं-

  • प्रेषक (sender): वह व्यक्ति है जो अपने विचारों को दूसरे व्यक्ति तक पहुंचते है, उस प्रेषक कहते हैं।
  • सन्देश (message): यह  संचार का मुख्य विषय होता है, जिसमें कोई भी सूचना लिखित,  मौखिक या अलिखित किसी भी माध्यम से सम्प्रेषित की जा सकती है।
  • एन्कोडिंग (encoding): सूचना भेजने वाला व्यक्ति अपने विचारों को अपनी भाषा में या विभिन्न चिन्हों की एक श्रृंखला के रूप में व्यवस्थित करता है और फिर  इस सूचना को आगे भेजता है।
  • संचार माध्यम (communication channel): सन्देश भेजने के लिए एक ऐसे  माध्यम की जरूरत पड़ती है, जिसके द्वारा वह अपने सन्देश को आगे भेज सके संचार माध्यम औपचारिक अथवा अनौपचारिक किसी भी प्रकार का हो सकता है । व्यक्तिगत, पारिवारिक तथा सामाजिक स्तर पर अनौपचारिक माध्यम का प्रयोग किया जाता है जबकि स्कूल किसी संगठन में सन्देश भेजने के लिये  औपचारिक माध्यम  का प्रयोग किया जाता है। 
  • डिकोडिंग (decoding): सन्देश प्राप्त होने के बाद प्राप्तकर्ता सन्देश को समझता है। यदि सन्देश किसी कूट भाषा या सांकेतिक भाषा में लिखा है, तो वह इस संदेश को समझने के लिए अपने शब्दों में उसे डिकोड करता है, जिससे उसे सन्देश समझने में सहायता मिलती है।
  •   प्राप्तकर्ता (receiver): वह व्यक्ति जो संदेश प्राप्त करता है वो प्राप्तकर्ता कहलाता है।

Communication Skill in Hindi में कम्युनिकेशन स्किल्स को बेहतर बनाने के लिए नीचे दिए गए पॉइंट्स को का पालन करें, तभी आप अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स सुधार सकते हैं-

  • सरल भाषा- प्रेषक द्वारा सन्देश में सरल भाषा का उपयोग करें और तकनीकी और कठिन भाषा के प्रयोग से बचना चाहिए। अपनी बात को सही से पैश करने के लिए सही शब्दो का चयन करना बहुत जरूरी है, सन्देश में ऐसी भाषा प्रयोग होना चाहिए जो सन्देश प्राप्तकर्ता को आसानी से समझ आए। 
  • व्यवस्थित सन्देश – सन्देश का समय, विषय, स्थान उद्देश्य, सन्देश प्राप्तकर्ता सभी पहले से व्यवस्थित होने चाहिए।
  • पक्षपात से बचें- संदेश प्राप्त करने एवं भेजने वाले दोनों को पूर्वाग्रह से बचना चाहिए। उन्हें संदेश पर खुले और स्पष्ट तरीके से विचार करना चाहिए ।उन्हें खुद के ही विचार को सही नहीं समझना चाहिए।
  • बॉडी लैंग्वेज – कम्युनिकेशन स्किल्स  में बॉडी लैंग्वेज का बहुत महत्व होता है, बातचीत करते समय अपने बॉडी लैंग्वेज को सही रखना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को कन्विंस में बॉडी लैंग्वेज का बड़ा रोल है। अपनी बॉडी लैंग्वेज को सुधर करने के लिए रोज़ अभ्यास करे ,अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स के लिए। 
  • अच्छा श्रोता- आपको अच्छा वक्ता होने के साथ-साथ एकअच्छा श्रोता भी होना चाहिए अगर अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स को अच्छा बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको लोगों की बात को ध्यान से सुनना पड़ेगा।
  • आई कोन्टक्ट- अपने वार्तालाप को बेहतर बनाने के लिए ऑय कोन्टक्ट होना चाहिए , जिससे सामने वाला व्यक्ति आपकी बातों पर विश्वास कर सकें। अगर आप बात करते समय अपनी नज़रों को चुराते हैं तो कोई भी व्यक्ति आपकी बातों पर विश्वास नहीं करेगा।  
  • कॉंफिडेंट और सकारात्मक रहें- जब आप किसी के सामने अपनी बात रखते है तो उसे प्रेजेंट करने में विश्वास बनाकर रखे और अपनी बात कहे। इसके लिए पहले थोड़ा सोचे उसके बाद ही अपनी बात कहे। अगर आप कॉंफिडेंट दिखते है तो आप अपनी बात को सही साबित कर सकते हैं।
  • पॉइंट टू पॉइंट बात करें- हम अपनी बातों को तभी समझा पाते है जब हम पॉइंट टू पॉइंट बात करते हैं। बहुत से लोग ऐसा करते है कि किसी बात को एक ही बार में एक साथ बोल देते है जिससे सामने वाले व्यक्ति को कुछ भी समझ में नहीं आता है। इसके लिए अपनी बातों को पॉइंट टू पॉइंट रखे जिससे सुनने वाले को आपकी सभी बाते अच्छे से समझ में आए।
  • सही शब्दों का प्रयोग करें- जब आप किसी से बात करते है तो गलत शब्दों का प्रयोग न करें। सही शब्दों का चयन करे, कभी भी काम चलाऊ जैसे शब्दों का प्रयोग न करें। जब आप अच्छे और आकर्षित शब्दों का प्रयोग करते है तो लोग आपसे आकर्षित होते है। और आपकी बात ध्यान से सुनते है तथा आपको एक अच्छा व्यक्ति समझते हैं।
  • बात पूरी करें- कभी भी अपनी बातों को अधूरा ना छोड़े बात को पूरा करे और सामने वाले की बात को भी पूरा होने दे। उनकी बातों को भी ना काटें, नहीं तो सामने वाले व्यक्ति को लगेगा की आपको उनकी बातों में रूचि नहीं है। एक टीम या समूह में, दूसरों को बिना किसी रुकावट के बोलने की अनुमति देना एक आवश्यक संचार कौशल के रूप में देखा जाता है।

कम्युनिकेशन स्किल्स का महत्व 

Communication Skill in Hindi में कम्युनिकेशन स्किल्स का हमारी लाइफ में बहुत बड़ा योगदान है, इसका महत्व हर छेत्र में अलग अलग हो सकता है तो आइए देखते हैं-

प्रोफेशनल लाइफ में कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी (best communication skills in hindi) होना बहुत ज़रूरी है, यह हमारी मदद करती है। ऑफिस में खुद को लीडर की तरह पेश करना, अपनी बात दूसरों के आगे अचे तरीके से रखना जिससे प्रदर्शन में और सुधार आता है। अपने सहयोगियों के साथ अच्छे सबंध और उनका भरोसा जीतने में मदद करता है।   

खराब कम्यूनिकेशन स्किल के कारण कई छात्र खुद से परेशान हैं और ठीक से लोगों से बात नहीं कर पाते। खराब कम्युनिकेशन स्किल्स की वजह से कही न कही एक होनहार छात्र पीछे रह जाता है, यह आपको उन चीज़ों पर शिक्षकों के साथ बात करने में मदद करेगा जो आपके लिए कठिन हैं, आपके साथी छात्रों के साथ संबंध सुधरने में आपकी मदद करेगा। अन्य छात्रों की तुलना में बहुत कम मानसिक तनाव होगा क्योंकि आप एक बेहतर संप्रेषक हैं। 

 संचार प्रक्रिया में बाधा एक प्रकार का अवरोध है, जो संदेश के प्रभाव को कमजोर कर देता है। परिणामत: संदेश को ग्रहण करने व उसके अर्थ को समझने में परेशानी होती है। इसमें विकृत फीडबैक मिलता है। संचार प्रक्रिया में कोई न कोई बाधा अवश्य आती है। यह बाधा निम्नलिखित हो सकती है-               

  • शारीरिक बाधा 
  • भाषाई बाधा 
  • सांस्कृतिक बाधा 
  • भावनात्मक बाधा 
  • अवधारणात्मक बाधा 

शारीरिक बाधा :  इसका तात्पर्य संचारक और रिसीवर में शारीरिक अक्षमता से है, जिसके कारण संदेश को सम्प्रेषित करने या ग्रहण करने या अर्थ को समझने में बाधा उत्पन्न होती है। (best communication skills in hindi) संचार प्रक्रिया में संदेश के प्रभाव को कमजोर करने वाली प्रमुख शारीरिक बाधाएं निम्नलिखित हैं-

  • उच्चारण क्षमता का कमजोर होना
  • श्रवण क्षमता का कमजोर होना
  • दृश्य क्षमता का कमजोर होना

भाषाई बाधा :  इसका तात्पर्य उन अवरोधों से है, जिनका सम्बन्ध भाषा से होता है। मरफ और पैक के अनुसार- शब्दकोष में रन शब्द के 110 अर्थ है। इनमें 71 क्रिया, 35 संज्ञा तथा 4 विश्लेषण के रूप में हैं। ऐसी स्थिति में संचारक जिस अर्थ में रन शब्द का प्रयोग किया होता है, उस अर्थ को रिसीवर समझ लेता है तो संचार प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न नहीं होता है। इसके विपरीत, यदि गलत अर्थ समझता है तो भाषाई बाधा उत्पन्न होता है। भाषाई बाधा निम्नलिखित हैं :-

  • भाषा का अल्प ज्ञान होना
  • दोषपूर्ण अनुवाद होना
  • तकनीकी भाषा का ज्ञान न होना

यहाँ Communication Skill in Hindi में कम्युनिकेशन स्किल्स में सुधार करने के लिए विशेष सलाह दी जा रही है :

धारा प्रवाह से बोलें।

यह सुनिश्चित करें कि लोग आपकी बात साफ़ साफ़ सुन पा रहे हैं।

अन्य लोगों की बात को न काटें। यह बुरा शिष्टाचार माना जाता है।

आत्मविश्वास के साथ बोलें। दूसरे लोगों की सोच की चिंता न करें।

बोलते समय व्याकरण का ध्यान रखें।

आईने के सामने बोलने की प्रैक्टिस करें। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।

Communication Skill in Hindi के अंतर्गत संचार कौशल के लिए बेस्ट किताबों की लिस्ट नीचे दी गई है-

कम्युनिकेशन के 6 तरीके इस प्रकार हैं: बॉडी लैंग्वेज सही रखें, बातें ध्यान से सुनें, व्यक्ति को समझें, सही शब्दों का प्रयोग करें, रोज प्रैक्टिस करें, पॉइंट टू पॉइंट बात करें आदि।

कम्युनिकेशन को हिंदी में संचार या संप्रेषण कहते हैं। इसका उद्भव लैटिन भाषा में “Communis” शब्द से हुआ हैं। कम्युनिकेशन का अर्थ होता है सूचना का आदान-प्रदान करना।

संचार कौशल के प्रकार ऐसे हैं: मौखिक संचार, लिखित संचार और अमौखिक संचार।

उम्मीद है, ये ब्लॉग आपकी Communication Skills in Hindi को सुधारने में आपकी मदद करेगा। ऐसे ही फैक्ट आधारित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।

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CRITICAL MEANING IN HINDI - EXACT MATCHES

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  • marked by a tendency to find and call attention to errors and flaws; "a critical attitude"
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