नशा मुक्ति पर निबंध – Essay on Nasha mukti in Hindi

नशा मुक्ति पर निबंध (Essay on Nasha mukti In Hindi): भोजन, वस्त्र और आश्रय मनुष्य के लिए आवश्यक है. इसके अलावा, अपने ज्ञान और बुद्धि के विकास के लिए और आरामदायक जीवन जीने के लिए और कुछ द्रव्यों का आवश्यकताएं अपने लिए प्रदान करता है. लेकिन कुछ लोग अस्थायी खुशी के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के नशीले द्रव्यों का सेवन करते हैं. यह नशा की लत के आदी होने के बाद वे इसे छोड़ नहीं सकते है. समय के साथ यह उनकी आदतों की जरूरतों का रूप ले लेता है और उनके व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को बहुत नुकसान पहुंचाता है.

अगर आप student है तो ये लेख आपके लिए है. तो चलिए हमारे मुख्य लेख की ओर बढ़ते है जो है नशा मुक्ति पर निबंध .

प्रस्तावना – नशा सेवन के कारण – नशीली द्रव्यों का उपयोग और नुकसान – नशा मुक्ति के लिए प्रयास – उपसंहार

आधुनिक समाज में आपदाओं का सामना करने के कई कारण हैं. उनमें से, नशा सेवन एक प्रमुख कारण है. कुछ साधारण लोग देसी शराब पीते हैं, जबकि कुछ अमीर लोग विदेशी शराब पीते हैं. हांडिया , महुली, ताड़ के पानी आदि का उपयोग कुछ लोग करते हैं, जबकि बीयर, रम, ब्रांडी, और व्हिस्की कुछ लोगों की पसंदीदा पेय हैं. कुछ लोग भांग और अफीम के दीवाने हैं, जबकि कुछ ब्राउन शुगर के दीवाने हैं. किस किस को शराब, बीड़ी, सिगरेट चाहिए तो और कुछ लोग ड्रग्स, हेरोइन की तलाश में है. बड़े और छोटे, विभिन्न प्रकार के नशा, आज के सामाजिक जीवन को बरबाद करने में व्यस्त हैं. इसलिए नशा मुक्ति के लिए आंतरिक प्रयास जरूरी हैं.

नशा सेवन के कारण

कुछ अमीर लोग विलासिता में समय व्यतीत करते हुए शराब की शरण लेते हैं. विदेशी शराब उन्हें खुश करती है. कुछ लोगों का कहना है कि शराब पीने से दुख और अवसाद से राहत मिलता है. पश्चिमी सभ्यता के दुष्प्रभाव हमें कुछ तरीकों से भ्रमित कर रहे हैं. सिर्फ नशा के वजह से आज का समाज  शिक्षा के बजाय अशिक्षा के अधीन होते जा रहा है. परिवार के मुख्य और अन्य वयस्कों व्यक्ति नशा सेवन करने से इसका प्रभाव परिवार के छोटे बच्चों के ऊपर पड़ता है. बुरी संगत में पड़ कर कुछ लोगों को दारू की लत लग जाती है. कभी-कभी बस, ट्रक आदि चलाने वाले ड्राइवर शराब पीते हैं. बहुत शारीरिक परिश्रम के बाद कुछ लोग दर्द से राहत पाने के लिए नशा सेवन करते है.

नशीली द्रव्यों का उपयोग और नुकसान

नशा सेवन से पारिवारिक अशांति होती है. कई मामलों में देखा गया है, पुरुष पीने के बाद रात में देर से घर लौटते हैं. वे अपनी पत्नियों पर अत्याचार करते हैं. कुछ महिलाओं को उनके शराबी पति हत्या भी कर देते है. जहरीले शराब की वजह  से अभी भी मौतें हो रही हैं.

नशीली द्रव्यों के उपयोग से कई बीमारियां होती हैं. शराब, अत्यधिक धूम्रपान और अन्य नशीली द्रव्यों के उपयोग से क्षय और कैंसर जैसी घातक बीमारियां होती है. इससे समय से पहले बुढ़ापा और मृत्यु हो सकती है.

नशीली द्रव्यों के उपयोग का बच्चों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है, उनके विकास और चरित्र को बाधित करता है. कुछ प्रभावशाली लोग नशीली द्रव्यों के उपयोग के कारण अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा खो देते हैं. जब किसी व्यक्ति की सामाजिक गरिमा और प्रभाव कम हो जाता है, तो बहुत लोग उसे नफरत करते हैं. नशा सामाजिक अपराध को बढ़ाता है. अत्यधिक सामाजिक अशांति सामाजिक पतन का एक प्रमुख कारण है.

न केवल शहर के लोग नशे के आदी हैं, बल्कि ग्रामीण भी नशे के आदी हैं. देशी शराब के उपयोग के साथ पान बीड़ी आदि का मांग बढ़ रही है.

नशा मुक्ति के लिए प्रयास

भारत को स्वतंत्रता मिलने से पहले ही नशा मुक्ति के प्रयास चल रहे थे. इसमें गांधीजी का भूमिका  बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण था. स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू ने नशा मुक्ति के लिए कदम उठाए थे. सरकारी उपाय के रूप में इसके लिए आवश्यक कानून बनाया जा रहा है.

सरकार नशीले पदार्थों की बिक्री से बहुत अधिक राजस्व एकत्र कर रही है. अगर इसकी बिक्री घटती है, तो यह राजस्व पर दबाव डालेगा. इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की आवश्यकता है. अधिक कर प्राप्त करने की आशा में सामाजिक जीवन का त्याग नहीं किया जा सकता है. नशीली दवाओं के उपयोग को बढ़ाने और अवैध व्यापार को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. हमारा काम स्वस्थ समाज का निर्माण करना है.

लोक सेवकों की प्रतिबद्धता और जन समर्थन से नशा मुक्ति कार्यक्रमों को तेज किया जा सकता है. सबको कानून के भरोसे नहीं रहना चाहिए. इसके लिए हृदय परिवर्तन की आवश्यकता होती है. अब यह देखने को मिल रहा है कि अधिक से अधिक शराब स्टोर खुल रहे हैं, विशेष रूप से विदेशी शराब स्टोर. समाज को नरक में धकेल कर राष्ट्रीय आय में वृद्धि करना लोकतांत्रिक सरकार का लक्ष्य नहीं होना चाहिए. नशा मुक्ति के लिए सरकारी प्रयास और जनता का सहयोग आवश्यक है.     

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ये था हमारा लेख नशा मुक्ति पर निबंध . उम्मीद है की आपको ये लेख पसंद आया होगा. अगर पसंद आया है तो अपने classmate के साथ share करना न भूलें. मिलते हैं अगले लेख में. धन्यवाद. 

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नशा मुक्ति पर निबंध 100, 200, 300, 400, 500 शब्दों में | Nasha Mukti par Nibandh

  • by Rohit Soni
  • Essay , Education
  • 12 min read

यहाँ पढ़ें Nasha Mukti par Nibandh 100, 200, 300, 400, 500 शब्दों में | नशा मुक्ति पर निबंध – संपूर्ण जानकारी और उपाय | जानिए नशे से कैसे मुक्त हों।

इस लेख में छोटे बड़े नशा मुक्ति पर 5 निबंध (Nasha Mukti par Nibandh in Hindi) में शेयर किए गए हैं जो आपके परीक्षाओं के लिए बेहद उपयोगी और महत्वपूर्ण टॉपिक है।

नशा मुक्ति पर निबंध 100, 200, 300, 400, 500 शब्दों में | Nasha Mukti par Nibandh

Table of Contents

निबंध 1: नशा मुक्ति पर निबंध 100 शब्दों में (Nasha Mukti par Nibandh 10 line)

  • नशा मुक्ति समस्या का एक महत्वपूर्ण विषय है।
  • नशा व्यक्ति की सेहत और परिवार पर बुरा प्रभाव डालता है।
  • नशा मुक्ति के लिए संघर्ष करना आवश्यक है।
  • सही संगठन और समुदाय की सहायता नशा मुक्ति में मददगार साबित होती है।
  • नशा मुक्त समाज स्वस्थ और सकारात्मक होता है।
  • नशा से जूझने वाले व्यक्ति को समर्थन और प्रेरणा की जरूरत होती है।
  • नशा मुक्ति के लिए शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए।
  • समाज में नशा मुक्ति के लिए सभी को सहयोग करना चाहिए।
  • नशा मुक्ति की ओर प्रगति के लिए नशेबाजी के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
  • नशा मुक्ति एक अभियान है जो एक स्वस्थ और नशा मुक्त समाज का निर्माण करने की दिशा में प्रयास कर रहा है।

नशा मुक्ति पर निबंध 100 शब्दों में (Nasha Mukti par Nibandh 10 line)

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निबंध 2: नशा मुक्ति पर निबंध 200 शब्दों में (Nasha Mukti par Nibandh 200 Shabdo mein)

नशा मुक्ति: नए जीवन की ओर

नशा मुक्ति एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो हमारे समाज के लिए अवरोध है। यह एक समस्या है जो युवा और वयस्क दोनों को प्रभावित करती है। नशा मुक्ति अपने आप में एक संघर्ष पूर्ण यात्रा है, लेकिन यह आवश्यक है ताकि हम सभी इसमें शामिल हों और इसमें सक्षमता और समर्थन प्रदान करें।

नशा मुक्ति क्या है?

नशा मुक्ति वास्तविकता में एक गर्वनक योजना है जो लोगों को मद्यपान, धूम्रपान और अन्य नशीले पदार्थों के उपयोग से मुक्त करने का लक्ष्य रखती है। इसका उद्देश्य नशीले पदार्थों के प्रभावों को दरकिनार करना, स्वस्थ और सकारात्मक जीवनशैली को प्रमोट करना और समाज में नशे की समस्या को कम करना है।

नशा मुक्ति के महत्वपूर्ण पहलुओं की चर्चा

नशा मुक्ति के लिए अनेक पहलू हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • जागरूकता और शिक्षा: सबसे पहले, हमें नशे के प्रकारों, इसके प्रभावों और नशा मुक्ति के लिए समर्थन के संसाधनों के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए। शिक्षा के माध्यम से हम लोगों को बदलाव के लिए प्रेरित कर सकते हैं और उन्हें सही गाइडेंस और सहयोग प्रदान कर सकते हैं।
  • संगठन और समुदाय सहयोग: नशा मुक्ति के लिए संगठित समुदाय का अधिकतम समर्थन आवश्यक है। नशा मुक्ति संगठनों और स्थानीय समुदायों को एकजुट होने का मौका देती है जिससे वे संगठित ढंग से युवाओं को नशे से दूर रखने और सकारात्मक जीवनशैली को प्रोत्साहित करने में मदद कर सकते हैं।
  • नशा मुक्ति उपचार सुविधाएँ: व्यक्ति को नशे से मुक्त होने के लिए उपचार की सुविधाएँ उपलब्ध कराना अत्यंत महत्वपूर्ण है। समाज को नशा मुक्त रखने के लिए सरकार को औचित्य और प्रभावी नशा मुक्ति उपचार केंद्रों की स्थापना करनी चाहिए।

निबंध 3: नशा मुक्ति पर निबंध 300 शब्दों में (Nasha Mukti par Nibandh 300 Shabdo mein)

नशा क्या है.

नशा एक ऐसी स्थिति है जहां एक व्यक्ति अत्यधिक मात्रा में नशीली दवाओं के सेवन के कारण मानसिक या शारीरिक रूप में एक अनियंत्रित आवेश में चला जाता है। और व्यक्ति को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। शराब, तंबाकू, मादक दवाएं, गोली, अफीम, बीड़ी आदि नशाजनक पदार्थ नशे की आदत के उदाहरण हैं।

नशा मुक्ति के लिए उपाय

नशा मुक्ति के लिए हमें कुछ उपाय अपनाने चाहिए। सबसे पहले, हमें संगठन का सहयोग लेना चाहिए। संगठन से विशेषज्ञ सलाह और सहायता प्राप्त करने से हमें नशा मुक्ति की प्रक्रिया में मदद मिल सकती है। दूसरे, चिकित्सा और प्रारंभिक रुप से वापसी हमें बचाने में मदद कर सकती हैं। इसके साथ ही, हमें परिवार और साथीदारों का समर्थन प्राप्त करना चाहिए जो हमें प्रेरित कर सकते हैं और हमारे साथ नशा मुक्त जीवन की यात्रा में सहायता कर सकते हैं।

नशा मुक्ति का महत्व

नशा मुक्ति एक महत्वपूर्ण विषय है जो हमारे समाज के लिए गंभीर मुद्दा है। नशा मुक्ति अर्थात् अपने आप को नशे से मुक्त करने की प्रक्रिया है। यह एक सामाजिक, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का मामला है और हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए। नशा मुक्ति के माध्यम से हम एक स्वस्थ और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं।

नशा मुक्ति के लिए समुदाय के सहयोग

नशा मुक्ति के लिए समुदाय का सहयोग भी महत्वपूर्ण है। समुदाय के अंगभूत प्रोग्रामों, सेमिनारों और जागरूकता अभियानों के माध्यम से जनता को नशा मुक्ति के बारे में जागरूक करना चाहिए। समुदाय के द्वारा नशा मुक्ति संगठनों का समर्थन करना चाहिए जो संघर्ष करते हैं और नशे से पीड़ित लोगों को सहायता प्रदान करते हैं।

नशा मुक्ति अपार समर्थन, संघर्ष और संघटित प्रयास की आवश्यकता है। यह एक महत्वपूर्ण विषय है जो हमें समाज के लिए गंभीर रूप से लेना चाहिए। नशा मुक्ति हमारे स्वास्थ्य, परिवार , समाज और देश के लिए महत्वपूर्ण है। हम सबको मिलकर मिलवाना चाहिए और एक समर्थ, नशा मुक्त समाज का निर्माण करना चाहिए।

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निबंध 4: नशा मुक्ति पर निबंध 400 शब्दों में (Nasha Mukti par Nibandh 400 Shabdo mein)

नशा मुक्ति: नए जीवन की शुरुआत

नशे के प्रकार

नशा अलग-अलग प्रकारों में पाया जाता है और इसका प्रभाव भी अलग-अलग होता है। कुछ प्रमुख नशे के प्रकार निम्नलिखित हैं:

  • मद्यपान: शराब या अन्य नशीली द्रव्यों का सेवन मद्यपान कहलाता है। यह एक गंभीर समस्या है जो स्वास्थ्य और परिवारी जीवन को प्रभावित कर सकती है।
  • धूम्रपान: तंबाकू उत्पादों की सेवा धूम्रपान कहलाती है। यह अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जैसे कि कैंसर, दिल के रोग और श्वसन संबंधी समस्याएं।
  • मादक दवाएं: नशीली दवाओं का अधिक सेवन भी नशा के रूप में माना जाता है। यह आमतौर पर मानसिक और शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है।

नशे के प्रभाव और समस्याएं

नशा मुक्ति की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि नशा मनुष्य के शारीर और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है। कुछ मुख्य समस्याएं निम्नलिखित हैं:

  • स्वास्थ्य समस्याएं: नशापन से व्यक्ति को कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि उच्च रक्तचाप, मस्तिष्क की समस्याएं, श्वसन संबंधी रोग और कैंसर।
  • पारिवारिक संबंधों की समस्याएं: नशा एक परिवार को भी प्रभावित कर सकता है। यह पारिवारिक वातावरण में विवाद, विश्राम, विश्वासघात और विचारों के परिवर्तन का कारण बन सकता है।
  • व्यक्तिगत विकास: नशापन मनोवैज्ञानिक, व्यक्तिगत और सामाजिक विकास को भी प्रभावित कर सकता है। यह आत्मविश्वास, अध्ययन, करियर और संबंधों में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

नशा मुक्ति के लिए कदम

नशा मुक्ति की ओर अग्रसर होने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

  • जागरूकता कार्यक्रम: नशे के बारे में जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें जो लोगों को नशे के प्रभावों के बारे में जागरूक करेगा और नशा मुक्ति के लिए संसाधनों की जानकारी प्रदान करेगा।
  • शिक्षा और प्रशिक्षण: युवा और उनके माता-पिता को नशा मुक्ति के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करें। यह सक्रियताओं, कौशलों, और सहयोग संसाधनों को प्रभावी ढंग से प्रदान कर सकता है।
  • समुदाय की सहायता: स्थानीय समुदाय और संगठनों को नशा मुक्ति कार्यक्रमों में सहयोग करना चाहिए। इससे लोगों को सामरिकता की भावना मिलेगी और वे नशे से दूर रहने और सकारात्मक जीवनशैली की ओर अग्रसर होंगे।
  • उपचार केंद्रों की सुविधाएं: सरकार को नशा मुक्ति के लिए उचित उपचार केंद्रों की स्थापना करनी चाहिए। ये केंद्र नशापन से पीड़ित व्यक्तियों को मदद करेंगे और उन्हें सही दिशा में ले जाने में सहायता करेंगे।

नशा मुक्ति: एक जीवनशैली की ओर प्रगति

नशा मुक्ति एक महत्वपूर्ण और आवश्यक पहल है जो हमारी समाजिक और आर्थिक प्रगति को प्रमोट करने के लिए आवश्यक है। इसके लिए हमें जागरूकता, शिक्षा, संघटना और सरकारी सहायता की आवश्यकता है। एक स्वस्थ और नशा मुक्त समाज हमारे सभी लोगों के लिए शुभ होता है, जो सकारात्मक रूप से जीने का आनंद लेना चाहते हैं।

निबंध 5: नशा मुक्ति पर निबंध 500 शब्दों में (Nasha Mukti par Nibandh 500 Shabdo mein)

हमारे समाज में नशा एक गंभीर समस्या है जो व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। नशा मुक्ति विषय पर एक निबंध लिखने का उद्देश्य है लोगों को नशे के बुरे प्रभावों से अवगत कराना और उन्हें नशा की लत को छुड़ाने में मदद करना है।

नशे का प्रभाव आमतौर पर व्यक्ति के स्वास्थ्य, परिवार, समाज और आर्थिक स्थिति पर होता है। इसलिए, नशा मुक्ति अभियान एक अहम विषय बन गया है जिस पर ज्यादातर लोग चर्चा करते हैं।

नशा विभिन्न प्रकार का हो सकता है। यहां कुछ प्रमुख नशे के प्रकार हैं:

शराब का नशा

शराब का सेवन एक सामान्यतः एक सांस्कृतिक और सामाजिक समागमों में देखा जाता है। शराब का अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि लिवर रोग, मस्तिष्क की क्षति, और मानसिक समस्याओं का कारण बनता है।

धूम्रपान का नशा

तंबाकू का सेवन धूम्रपान के रूप में ज्यादातर देखा जाता है। यह सेहत के लिए खतरनाक है और कई गंभीर रोगों का कारण बनता है, जैसे कि मुंह के कैंसर, फेफड़े के रोग, और हृदय संबंधी समस्याएं।

मादक पदार्थों का नशा

मादक पदार्थों जैसे कि गांजा, चरस, बीड़ी, और अन्य विधिवत ड्रग्स का सेवन भी नशे का कारण बनता है। ये पदार्थ व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बहुत बुरे प्रभावित करते हैं।

नशा के प्रभाव

नशा व्यक्ति के स्वास्थ्य, परिवार, समाज और आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव डालता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण प्रभाव हैं:

स्वास्थ्य पर प्रभाव

नशे के प्रभाव स्वास्थ्य पर काफी हानिकारक हो सकते हैं। यह स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि लिवर समस्याएं, कैंसर, हृदय रोग, डायबिटीज़, और नर्वस सिस्टम के विकार का कारण बनता है।

परिवार और समाज पर प्रभाव

नशा परिवार और समाज को भी प्रभावित करता है। नशे के बाद व्यक्ति का व्यवहार परिवार के सदस्यों को बहुत परेशान करता है और घरेलू माहौल को दूषित करता है। समाज में भी नशेबाजी के कारण कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं जैसे कि अपराध, दुर्घटनाएं, और सामाजिक विघ्नों की वजह से सफलता के मार्ग पर अड़चनें।

नशा मुक्ति के उपाय

नशा मुक्ति के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

जागरूकता कार्यक्रम

नशे के खतरों के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए। इसके माध्यम से लोगों को नशे के बारे में जागरूक बनाया जा सकता है और उन्हें नशे से बचने के तरीकों के बारे में जानकारी मिल सकती है।

संगठन की समर्थन

संगठनों को नशा मुक्ति अभियान का समर्थन करना चाहिए। उन्हें नशेबाजी के विरुद्ध आंदोलन को बढ़ावा देना चाहिए और नशामुक्त समाज के लिए संघर्ष करना चाहिए।

रोजगार के अवसर

युवाओं को सामरिक, शैक्षिक, और आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने चाहिए। अधिक संगठनित और सक्रियतापूर्ण मार्गदर्शन सहित मज़बूत रोजगार के अवसर नशामुक्ति में मदद कर सकते हैं।

नशा मुक्ति मानव समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह समाज को स्वस्थ, सकारात्मक और उन्नत बनाने में मदद करता है। नशामुक्त समाज एक नया समृद्ध और समृद्धिमय भविष्य निर्माण कर सकता है।

नशा मुक्ति एक अहम मुद्दा है जिस पर हमें विचार करना चाहिए। नशा व्यक्ति के स्वास्थ्य, परिवार, समाज और आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव डालता है। हमें संगठन, जागरूकता कार्यक्रम और रोजगार के अवसर के माध्यम से नशा मुक्ति के लिए संघर्ष करना चाहिए। नशा मुक्ति न केवल व्यक्ति के लिए बल्कि समाज के लिए भी महत्वपूर्ण है। यदि हम समाज को नशामुक्त बना सकें, तो हम एक सकारात्मक और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं।

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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):

नशा मुक्ति क्यों महत्वपूर्ण है.

नशा मुक्ति महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्वास्थ्य, परिवार, समाज और आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव डालता है। यदि हम समाज को नशामुक्त बना सकें, तो हम एक सकारात्मक और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं।

नशा मुक्ति के लिए कौन-कौन से उपाय हैं?

नशा मुक्ति के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं: जागरूकता कार्यक्रम, संगठन की समर्थन, रोजगार के अवसर।

नशा के प्रभाव स्वास्थ्य पर क्या होते हैं?

नशा स्वास्थ्य पर काफी हानिकारक प्रभाव डालता है, जैसे कि लिवर समस्याएं, कैंसर, हृदय रोग, डायबिटीज़, और नर्वस सिस्टम के विकार।

नशा मुक्ति का सामाजिक महत्व क्या है?

नशा परिवार और समाज को भी प्रभावित करता है। नशेबाजी के कारण परिवार के सदस्यों को परेशानी होती है और घरेलू माहौल को दूषित करता है। समाज में भी नशेबाजी के कारण कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

नशा मुक्ति का सामाजिक प्रभाव क्या होता है?

नशेबाजी से समाज में अपराध, दुर्घटनाएं, और सामाजिक विघ्न बढ़ जाते हैं। इसके कारण समाज की प्रगति और विकास पर असर पड़ता है।

अगर आप नशामुक्ति के बारे में और जानना चाहते हैं या किसी नशेबाजी से जुड़े समस्या से जूझ रहे हैं, तो अभी नशामुक्ति पर जानकारी और सहायता प्राप्त करें ।

यह लेख आपको नशामुक्ति पर जागरूकता प्रदान करने का उद्देश्य रखता है और आपको उपयोगी जानकारी देने का प्रयास करता है। नशामुक्ति समाज के लिए आवश्यक है और हमें संगठन, जागरूकता, और सही उपायों का समर्थन करना चाहिए ताकि हम सकारात्मक और नशामुक्त समाज का निर्माण कर सकें।

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Hello friends मेरा नाम रोहित सोनी (Rohit Soni) है। मैं मध्य प्रदेश के सीधी जिला का रहने वाला हूँ। मैंने Computer Science से ग्रेजुएशन किया है। मुझे लिखना पसंद है इसलिए मैं पिछले 5 वर्षों से लेखन का कार्य कर रहा हूँ। और अब मैं Hindi Read Duniya और कई अन्य Website का Admin and Author हूँ। Hindi Read Duniya   पर हम उपयोगी , ज्ञानवर्धक और मनोरंजक जानकारी हिंदी में  शेयर करने का प्रयास करते हैं। इस website को बनाने का एक ही मकसद है की लोगों को अपनी हिंदी भाषा में सही और सटीक जानकारी  मिल सके। View Author posts

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नशा मुक्ति पर निबंध-Essay on Nasha Mukti In Hindi

नशा मुक्ति पर निबंध :.

speech on nasha in hindi

भूमिका : संघर्ष को मानव जीवन का दूसरा नाम कहा जाता है। इसी संघर्ष से व्यक्ति कुंदन की तरह शुद्ध और पवित्र बन जाता है जिन लोगों का ह्रदय कमजोर होता है या जिनका निश्चय सुदृढ नहीं होता है वे संघर्ष के आगे घुटने टेक देते हैं। वे अपनी सफलता से बचने के लिए नशे को सहारा बनाते हैं।

कहने का क्या है वे लोग तो कह देते हैं कि हम गम को भुलाने के लिए पीते हैं। इसी से हमारे मन को शांति मिलती है। नशा करने से दुखों और कष्टों से मुक्ति मिलती है लेकिन क्या सचमुच नशा करने से व्यक्ति दुखों से मुक्त हो जाता है? अगर ऐसा होता तो पूरे विश्व में कोई भी दुखी और चिंताग्रस्त नहीं होता।

सद्वृत्तियाँ बनाम दुष्प्रवृत्तियाँ :  मानव जीवन बहुत ही निर्मल होता है। मानव जीवन में सात्विकता, सज्जनता, उदारता और चरित्र का उत्कर्ष होता है। वह खुद का ही नहीं बल्कि अपने संपर्क में आने वाले का भी उद्धार करता है। इसके विरुद्ध तामसी वृत्तियाँ मनुष्य को पतनोन्मुखी  करती हैं उनका मजाक करती हैं।

एक पतनोन्मुख व्यक्ति समाज और राष्ट्र के लिए भी बहुत ही घातक सिद्ध होता है। इसलिए समाज सुधारक और धार्मिक नेता समय-समय पर दुष्प्रवृत्तियों की निंदा करते हैं और उन से बचने के लिए भी प्रेरणा देते हैं। मदिरापान और नशा सब बुराईयों की जड़ होते हैं।

मदिरापान बुराईयों की जड़ :  किसी विद्वान् ने यह बात बिलकुल सत्य कही है कि मदिरापान सब बुराईयों की जड़ होती है। मदिरा मनुष्य को असंतुलित बनाती है। शराबी व्यक्ति से किसी भी समाज की बुराई की अपेक्षा की जा सकती है। इसी कारण से हमारे शास्त्रों में मदिरापान को पाप माना जाता है।

शुरू में तो व्यक्ति शौक के तौर पर नशा करता है। उसके दोस्त उसे मुफ्त में शराब पिलाते हैं। कुछ लोग ये बहाना बनाते हैं कि वे थोड़ी-थोड़ी दवाई की तरह शराब को लेते हैं लेकिन बाद में उन्हें लत पड़ जाती है। जिन लोगों को शराब पीने की आदत पड़ जाती है उनकी शराब की आदत फिर कभी भी नहीं छूटती।

शराबी व्यक्ति शराब को पीकर विवेकशून्य हो जाता है और बेकार, असंगत और अनिर्गल प्रलाप करने लगता है। उसकी चेष्टाओं में अशलीलता का समावेश होने लगता है। वह शिक्षा, सभ्यता, संस्कार और सामाजिक मर्यादा को तोडकर अनुचित व्यवहार करने लगता है। गाली-गलोंच और मारपीट उसके लिए आम बात हो जाती है।

मदिरापान पारिवारिक बर्बादी का कारण :  कहने को तो कम मात्रा में शराब दवाई का काम करती है। डॉ और वैद्य भी इसकी सलाह देते हैं लेकिन ज्यादा तो प्रत्येक वस्तु का बुरा है। ज्यादा पीने से ये शराब जहर बन जाती है। नशे की लत से हमने बड़े-बड़े घरों को उजड़ते हुए देखा है।

जिस पैसे को व्यक्ति खून-पसीना एक करके सुबह से लेकर शाम तक कमाता है जिसके इंतजार में पत्नी और बच्चे बैठे होते हैं वह नशे की हालत में लडखडाता हुआ घर पहुंचता है। पड़ोसी उसे देखकर उसका मजाक उड़ाते हैं, मोहल्ले वाले उसकी बुराई करते हैं लेकिन बेचारी पत्नी कुछ नहीं कह पाती है। वह केवल एक बात से डरती रहती है कि उसका शराबी पति उसे आकर बहुत पीटेगा। इसलिए वह बेचारी दिल पर पत्थर रखकर जीवन को गुजार देती है।

विषैली शराब के दुष्परिणाम :  विषैली शराब के दुष्परिणाम को रोज अखबारों में पढ़ा जा सकता है। आर्थिक संकट होने की वजह से वह घटिया शराब पीने लगता है। शराब वाले भी ज्यादा पैसे कमाने के लिए शराब में मिलावट कर देते है। इस तरह की मिलावटी शराब हजारों की जान ले चुकी है तब भी यह प्रक्रिया समाप्त नहीं हुई है।

पुलिस और सरकार की आँखों के नीचे यह काम बहुत ही तेजी से चल रहा है। लोग शराब पी रहे हैं और मर रहे हैं। समाचार पत्र छप रहे हैं और सब कुछ हो रहा है। सिनेमा में भी बार-बार इस बात को बताया जा रहा है लेकिन सरकार इसके विरुद्ध कदम ही नहीं उठा रही है। इसका कारण यह है कि शराब बेचने वालों को राजनेताओं का संरक्षण मिला हुआ है।

नशाबंदी कानून के लाभ :  पश्चिमी सभ्यता के अंधानुकरण ने शराब सेवन को बहुत ही बढ़ावा दिया है। शराब को पश्चिमी राष्ट्र के लोगों के लिए अनुकूल माना गया है क्योंकि वहाँ पर सर्दी अधिक पडती है। हमारा भारत एक कृषि प्रधान देश है। शराब को यहाँ के वातावरण के प्रतिकूल माना जाता है।

प्राचीन काल में मदिरालयों के सामने धरने दिए जाते थे। गाँधी जी ने इसके विरुद्ध रोजगार अभियान चलाया था। नशे से होने वाली हानियों को सामने रखकर भारत सरकार ने नशाबंदी कानून बनाया था। इस कानून के अनुसार सिर्फ वो लोग शराब बेच सकते थे जिनके पास लाईसेंस होते थे। मदिरा-निषेध के लिए समय-समय पर अनेक प्रयास किये गये है।

उपसंहार :  देश में नशाबंदी के बहुत से लाभ हो सकते हैं। हमारे बहुत से बड़े-बड़े नेता चारित्रिक पतन के लिए बार-बार चीखते-चिल्लते हैं। नशाबंदी कानून के लागु होने से उन्हें रोना नहीं पड़ेगा। देश खुद सुधरने लगेगा और हजारों घर उजड़ने से बच जायेंगे।

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