ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध- Essay on Online Education in Hindi
In this article, we are providing an Essay on Online Education in Hindi ऑनलाइन शिक्षा का महत्व पर निबंध | Nibandh in 200, 300, 500, 600, 800, 1000 words For Students. Online Shiksha Ka Mahatva Par Nibandh
ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध- Essay on Online Education in Hindi
ऑनलाइन शिक्षा का महत्व- Online Shiksha Ka Mahatva Par Nibandh
प्रस्तावना- Introduction
ऑनलाइन शिक्षा क्या है- What is Online Education
ऑनलाइन शिक्षा अर्थात नए समय की डिजिटल शिक्षा है, जहां लोगों को कम समय में और कम पैसे में घर बैठे अच्छी से अच्छी शिक्षा दी जा सकती है। ऑनलाइन शिक्षा अभी तक स्कूलों और कॉलेज में एक विकल्प है लेकिन भविष्य में ऑनलाइन शिक्षा को प्राथमिकता भी दी जा सकती है।
ऑनलाइन शिक्षा के बारे में जानकारी- Information about online education
समय बदला और कुछ ही समय में पूरी दुनिया पर स्मार्टफोन और इंटरनेट ने अपना कब्जा जमा लिया। इंटरनेट ने मानव की सहूलियत के लिए बहुत सारे काम किए जिसमें से एक काम है ऑनलाइन शिक्षा (online education), जिसने दुनिया के पढ़ने के तरीको को ही बदल दिया। जो शायद कुछ समय पहले सोचना भी नामुमकिन था वो परिवर्तन आया है ऑनलाइन शिक्षा के बाद। कोरोना महामारी के दौरान सम्पूर्ण दुनिया के थम जाने के बाद भी शिक्षा के माध्यम नहीं रुके और हर घर में ऑनलाइन शिक्षा ने बता दिया कि हम तैयार हैं हर परेशानी से निपटने के लिए।
ऑनलाइन शिक्षा का महत्व- Online Shiksha Ka Mahatva
कोरोना महामारी से पहले तक ज्यादातर शिक्षा सिर्फ कॉलेजों और स्कूलों की चारदीवारी में बंद थी लेकिन अब शिक्षा सार्वजनिक तरीके से उपलब्ध है सबके लिए वो भी आसानी से, बिना कहीं जाए घर पर बैठे-बैठे ही। वैसे तो ऑनलाइन शिक्षा हमारे पास एक विकल्प था, लेकिन कोरोना महामारी के बाद ऑनलाइन शिक्षा ही हमारे लिए सिर्फ एक अकेला विकल्प बचा है।
लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन शिक्षा के जरिए हमने हमारी शिक्षा व्यवस्था को रोकने नही दिया जिसका ही परिणाम हे की बच्चो का शिक्षा के छेत्र में काफी नुकसान होने से बच गया और इसही वजह से हमने अपने ऑफ़लइन एजुकेशन (offline education) को ऑनलाइन एजुकेशन (online education) में परिवर्तित कर लिया है।
आज के समय में मध्यम वर्ग के बच्चों के पास इतने भी पैसे नहीं हैं कि वह दूसरे शहर में जाकर अपनी पढ़ाई कर सकें लेकिन ऑनलाइन शिक्षा के विकल्प के आ जाने के बाद बच्चे अपने घर पर रहकर एक अच्छी क्वालिटी (quality) एजुकेशन का लाभ उठा सकते है और साथ ही साथ अपने समय और पैसे की परेशानी को भी कम कर सकते है वही दूसरी तरफ ऑनलाइन शिक्षा से पहले तक ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के कम विकल्प थे, लेकिन ऑनलाइन शिक्षा के बाद ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित बच्चे भी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा से प्राइवेट शिक्षण संस्थानों की मनमानी फीस पर भी कुछ हद तक अंकुश लगा है। ऑनलाइन शिक्षा में फीस की कमी के साथ ही पढ़ाई के बेहतर विकल्प भी निकलकर सामने आए हैं।
ऑनलाइन शिक्षा के साधन- Online education tools
ऑनलाइन शिक्षा के लिए दो मत्वपूर्ण कड़ी है जिसमे ” इंटरनेट ” और इंटरनेट डिवाइसेस सामिल हैं। इंटरनेट के माध्यम से मोबाइल या कंप्यूटर में यूट्यूब, गूगल मीट, टेलीग्राम, लाइव वीडियो जैसे साधनों द्वारा घर बैठे शिक्षा को प्राप्त किया जा सकता है इसी शिक्षा को ऑनलाइन शिक्षा भी कहते हैं ।
ऑनलाइन शिक्षा के फायदे- Advantage of Online Education in Hindi
- बच्चे ऑनलाइन क्लासेस की वजह से वीडियो चैट से क्लास कर रहे हैं, जिससे वो तकनीकी तौर पर निपुण हो रहे हैं। यही वजह है कि आज की तारीख में तकरीबन सभी बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट(electronic gadget) की अच्छी खासी जानकारी है।
- शिक्षक और विद्यार्थी अपनी सहूलियत के समय का चुनाव करके ऑनलाइन से जुड़ सकते है और साथ ही ऑनलाइन एजुकेशन के आने से टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ा है और शिक्षण व्यवस्था में भी काफी बदलाव देखने को मिला है।
- ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा किसी भी कर्फ्यू या लॉकडाउन की स्थिति में विद्यार्थी पर शिक्षा की कोई भी बाध्यता नही आ सकता है।
- ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा बच्चे क्लासरूम से निकल कर उनके पसंदीदा डिवाइस (स्मार्टफोन, लैपटॉप) में पढ़ाई कर सकते हैं जिससे उनका पढ़ाई में भी लगाव बढ़ेगा।
ऑनलाइन शिक्षा के नुकसान- Disadvantage of Online Education in Hindi कहते हैं ना हर किसी के दो पक्ष होते हैं एक अच्छा और एक बुरा, ऑनलाइन शिक्षा में भी गुणों के साथ कुछ दोष भी हैं जैसे कि-
- ऑनलाइन शिक्षा कंप्यूटर डेस्कटॉप या मोबाइल स्क्रीन पर प्रसारित होती है, जिससे लगातार नजर गढ़ाए रखने से आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
- ऑनलाइन शिक्षा में विद्यार्थी का मूल्यांकन ठीक ढंग से नही किया जा सकता है और विधार्थी के अनुसाशन पर भी फर्क पड़ता है।
- ऑनलाइन शिक्षा के जरिए सिलेबस को पूरा कराने में अधिक समय लगता है और कभी कभी किसी टेक्निकल प्रॉब्लम (techniquel problem) की वजह से क्लास अच्छे से नही हो पाती हैं।
- ऑनलाइन परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी की संभावना बहुत होती है और कभी कभी विद्यार्थी को उतना अच्छे से समझ नहीं आता है जितना कि क्लास रूम में बैठकर समझ आता है।
ऑनलाइन शिक्षा में भविष्य की उपलब्धियां- Future achievements In Online Education
मनुष्य अपने जीवन मे बहुत व्यस्त हो गया है जिससे भविष्य में उसके पास समय की बहुत कमी होगी। ऑनलाइन शिक्षा भविष्य के लिए एक बेहद सटीक कदम है। जिससे बच्चों का समय बचेगा और कम समय में अलग-अलग तरह की शिक्षा आसानी से प्राप्त की जा सकेगी और काफी लोग कहीं भी कभी भी और कुछ भी सीख सकेंगे।
आने वाले भविष्य में डिजिटल सिस्टम होगा जिसके लिए शिक्षा के डिजिटल रूप को भी तैयार किया जा रहा है। कहते हैं न ” आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है ” कोरोना महामारी के कारण जब दुनिया थम गई है तब समय की जरूरत ने कुछ ही समय मे ऑनलाइन शिक्षा को हम सब के सामने एक मजबूत विकल्प के रूप में खड़ा कर दिया है।
इसी के साथ ऑनलाइन शिक्षा नए रोजगार की दृष्टि से भी अपना एक मार्केट बना रहा है, भारत में ऑनलाइन शिक्षा का मार्किट वर्ष 2017 तक लगभग $ 240 मिलियन डॉलर तक ही था, लेकिन वर्ष 2021 के अंत तक इसके $1.90 बिलियन डॉलर तक बढ़ने का अंदेशा है और भविष्य में कई बड़ी कंपनियों के ऑनलाइन शिक्षा के मार्किट में आने की संभावनाएं भी दिख रहीं हैं।
उपसंहार- Conclusion
मुश्किल समय दुनिया को बहुत कुछ सिखा के जाता है, वहीं कोरोना महामारी ने दुनिया को बहुत कुछ सिखाया और उसके साथ ही हम सबके सामने बहुत से ऐसे विकल्पों को कुछ महीनों में तैयार कर दिया जिन्हें वास्तविकता में आने में कई साल लग जाते। ऑनलाइन शिक्षा उनमें से ही एक विकल्प है, आशा है भविष्य में ऑनलाइन शिक्षा दुनिया में कई बड़े परिवर्तन करेगी।
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‘ऑनलाइन शिक्षा’ ये हिंदी निबंध class 1,2,3,4,5,7,6,8,9 10,11,और 12 के बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकते है और वो लोग भी जो जानना चाहते है कि Online education क्या होता है । यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध 100, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे (Online Education Essay in Hindi)
Online Education Essay – देश में COVID के हिट होने के बाद ऑनलाइन शिक्षा वैश्विक शिक्षा उद्योग में बड़े बदलावों में से एक है। इस प्रकार के शिक्षण के लिए इंटरनेट का उपयोग किया जाता है। सीखने के इस रूप को नई और बेहतर तकनीकों के साथ आसान बना दिया गया है। उच्च शिक्षा संस्थान भी ऑनलाइन शिक्षा के पक्ष में हैं। ऑनलाइन शिक्षा के बारे में संक्षिप्त और विस्तृत लेखों में, यह लेख छात्रों को इसके लाभों और परिणामों के बारे में सूचित करेगा।
शिक्षा केवल कक्षाओं में भाग लेने और चीजों को सीखने के लिए किताबें पढ़ने से कहीं अधिक है। यह सभी प्रतिबंधों से अधिक है। सीखना एक किताब के पन्नों से परे फैली हुई है। हम सौभाग्यशाली हैं कि हम ऐसे समय में रह रहे हैं जहां सीखने की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध है। हाँ! हम अपने बच्चों को और खुद को अपने घरों में बैठकर ही शिक्षित कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए ऑनलाइन शिक्षा एक अच्छा विकल्प है। सभी जरूरतमंद बच्चे जो स्थानीय स्कूलों में दाखिला लेने में असमर्थ हैं, अब ऑनलाइन शिक्षा की बदौलत शिक्षा तक उनकी पहुंच है।
ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध 10 लाइन (Online education Essay 10 lines in Hindi) (100 words)
- 1) ऑनलाइन शिक्षा कुशलतापूर्वक अध्ययन करने की एक नई तकनीक है।
- 2) ऑनलाइन शिक्षा का तात्पर्य इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा से है।
- 3) विद्यार्थी इंटरनेट के माध्यम से कभी भी, कहीं से भी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
- 4) जो लोग स्कूल नहीं जा सकते उनके लिए ऑनलाइन शिक्षा एक अच्छा विकल्प है।
- 5) ऑनलाइन शिक्षा लचीली है क्योंकि यह सभी के शेड्यूल में फिट बैठती है।
- 6) ऑनलाइन सीखने के लिए बुनियादी आवश्यकता इंटरनेट एक्सेसिबिलिटी वाला एक उपकरण है।
- 7) कुछ ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म मुफ्त हैं जबकि कुछ पैसे चार्ज कर सकते हैं।
- 8) दुनिया भर में उडेमी, अनएकेडमी, बायजू आदि जैसे विभिन्न ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं।
- 9) ऑनलाइन शिक्षा शारीरिक रूप से स्कूलों या संस्थानों में जाने के समय, धन और प्रयास को बचाती है।
- 10) हालांकि, ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान लंबे समय तक लैपटॉप या अन्य उपकरणों को देखना हमारे स्वास्थ्य खासकर आंखों के लिए हानिकारक है।
इनके बारे मे भी जाने
- My Aim In Life Essay
- Morning Walk Essay
- Essay On India
छात्रों और बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा पर लघु निबंध (Short Essays on Online Education for Students and Children in Hindi)
शिक्षा लोगों के जीवन का अभिन्न अंग है; यह या तो उन्हें बनाएगा या उनके करियर के आधार पर उन्हें तोड़ देगा। 1950 के दशक की तुलना में शिक्षा आज व्यापक रूप से विविध है क्योंकि शिक्षण विधियों में प्रगति और अन्य प्रमुख आविष्कार जो अधिक स्पष्ट शिक्षण तकनीकों को लागू करते हैं।
ई-लर्निंग में छात्र घर या किसी अन्य स्थान से अध्ययन करते हैं, जो उनके लिए सबसे सुविधाजनक होता है। वे ऑनलाइन शिक्षण सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। ऑनलाइन शिक्षा में अध्ययन सामग्री टेक्स्ट, ऑडियो, नोट्स, वीडियो और इमेज हो सकती है। हालाँकि, अध्ययन की पद्धति के अपने लाभ और विभिन्न कमियाँ भी हैं।
ऑनलाइन शिक्षा उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो एक या दूसरे कारण से पारंपरिक शिक्षा पद्धति का दौरा नहीं कर सकते हैं या प्राप्त नहीं कर सकते हैं। लगभग 6.1 मिलियन कॉलेज छात्र वर्तमान में ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में भाग ले रहे हैं, और यह संख्या लगभग 30 प्रतिशत सालाना बढ़ रही है।
ऑनलाइन शिक्षा लोगों के साथ-साथ कंपनियों के लिए असंख्य लाभ प्रदान करती है क्योंकि यह दूसरों के बीच लचीलेपन की अनुमति देती है। ऑनलाइन शिक्षा से अधिक लाभ उठाने का एक शानदार तरीका ऑनलाइन शिक्षा और शिक्षण के पारंपरिक तरीकों को समेकित करना है।
ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध 200 शब्द (Online education Essay 200 words in Hindi)
इन दिनों, प्रौद्योगिकी ने शिक्षा सहित हर उद्योग को प्रभावित किया है। इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने का सबसे नया तरीका ऑनलाइन शिक्षा है। सीखने के लिए अपने स्मार्टफोन, लैपटॉप या टैबलेट का उपयोग करना एक मजेदार और उत्पादक तरीका है। शिक्षक और छात्र दोनों इससे बहुत लाभान्वित हो सकते हैं, लेकिन इसके कई नुकसान भी हैं। ऑनलाइन शिक्षा के साथ कहीं से भी सीखना लचीला है।
गैर-समयबद्धता एक और लाभप्रद गुण है। आपको एक सामान्य स्कूल की तरह सुबह से दोपहर के भोजन तक बैठने की ज़रूरत नहीं है। अपनी पसंद के अनुसार आप दिन हो या रात ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं। समय और स्थान के लचीलेपन के अलावा, ऑनलाइन सीखने की कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं है। आप ऑनलाइन शिक्षा का उपयोग करके उन विषयों और कौशलों को चुन सकते हैं जिन्हें आप सीखना चाहते हैं। ऐसे कई संस्थान हैं जो अपनी डिग्री और पाठ्यक्रम ऑनलाइन प्रदान करते हैं। नतीजतन, स्कूलों या विश्वविद्यालयों में शारीरिक रूप से आए बिना खुद को शिक्षित करना एक अधिक व्यावहारिक विकल्प है। इसके अतिरिक्त, यह आपको परिवहन और अन्य खर्चों पर पैसे बचाने में मदद करता है।
हालांकि, खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोग ऑनलाइन सीखने के लिए संघर्ष करते हैं। ऑनलाइन शिक्षा का मूल इंटरनेट है। यदि आप उपकरणों के सामने अधिक समय बिताते हैं तो आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है। स्वयं को अनुशासित करने की क्षमता रखने वालों को ही इस पर विचार करना चाहिए।
ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध 250 शब्द (Online education Essay 250 words in Hindi)
ऑनलाइन होने वाली कोई भी शिक्षा प्रभावी निर्देशात्मक वितरण प्रणाली का एक हिस्सा है जिसे ऑनलाइन शिक्षा के रूप में जाना जाता है। ऑनलाइन शिक्षा उन छात्रों की मदद करती है जिन्हें अपने शेड्यूल पर और अपनी गति से काम करने की आवश्यकता होती है और शिक्षकों को उन छात्रों से जुड़ने में सक्षम बनाती है जो पारंपरिक कक्षा पाठ्यक्रम में नामांकन करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।
हर विषय में ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा की डिग्रियों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है। अब ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने वाले अधिक कॉलेज और संगठन हैं। ऑनलाइन डिग्री हासिल करने वाले छात्रों को ईमानदार होना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका शोध एक प्रतिष्ठित और मूल्यवान विश्वविद्यालय में आयोजित किया जाता है।
शिक्षार्थी तब अधिक प्रभावी ढंग से सीखता है जब प्रत्येक व्यक्ति संवाद और दूसरों के कार्य पाठ्यक्रमों पर टिप्पणियों के माध्यम से अपनी बात या राय व्यक्त करता है। यह विशिष्ट लाभ एक आभासी सीखने के माहौल में प्रदर्शित होता है जो शिक्षार्थी पर केंद्रित होता है और जिसमें अकेले ऑनलाइन सीखने का प्रारूप योगदान दे सकता है।
हमें ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने के लिए पूरे शहर या लंबी दूरी की यात्रा करने की आवश्यकता नहीं है। जब हम ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से अपने करियर को आगे बढ़ाने का प्रयास करते हैं तो हम यथावत बने रह सकते हैं और अपनी वर्तमान नौकरियों को बनाए रख सकते हैं। जो लोग तकनीकी रूप से सुसज्जित या मोबाइल जीवन शैली बनाए रखते हैं – डिजिटल खानाबदोश – ऑनलाइन स्कूली शिक्षा से भी लाभान्वित होते हैं। हम व्याख्यान देख सकते हैं और अपना काम पूरा कर सकते हैं चाहे हम कहीं भी हों।
चाहे हम अंशकालिक या पूर्णकालिक ऑनलाइन शिक्षार्थी हों, समय सारिणी ऑनलाइन सीखने के साथ अधिक प्रबंधनीय है। ऑनलाइन शिक्षा की कम लागत ने इसकी व्यापक अपील में योगदान दिया है। सच्चाई यह है कि संस्थानों या स्कूलों में प्रदान किए जाने वाले पाठ्यक्रमों की तुलना में ऑनलाइन पाठ्यक्रम कम खर्चीले हैं। एक विश्वविद्यालय में भाग लेने के दौरान, हमें परिवहन, आवास और भोजन जैसी चीजों के लिए भुगतान करने की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन ऑनलाइन शिक्षा शायद नहीं।
ऑनलाइन शिक्षा के प्रमुख लाभों में से एक इसका अंतर्निहित लचीलापन है, लेकिन इसमें एक पेंच है: व्यक्ति को असाधारण रूप से आत्म-प्रेरित होना चाहिए। शीर्ष ऑनलाइन छात्र अपनी अध्ययन परियोजनाओं के साथ अद्यतित रहने के लिए कई रणनीतियाँ बनाते हैं। अध्ययन के लिए प्रत्येक सप्ताह अलग से समय निर्धारित करना और कुछ ध्यान भटकाने वाले कार्यक्षेत्र को डिजाइन करना दोनों ही बहुत फायदेमंद हो सकते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध 300 शब्द (Online education Essay 300 words in Hindi)
ऑनलाइन शिक्षा एक शब्द है जिसका उपयोग ऑनलाइन होने वाली शिक्षा का वर्णन करने के लिए किया जाता है। ऑनलाइन पाठ्यक्रम दुनिया भर के लाखों छात्रों को अपने घरों में आराम करते हुए सीखने की अनुमति देते हैं। ऑनलाइन शिक्षा के कई अलग-अलग रूप हैं, जिनमें इंटरनेट का उपयोग करते समय शिक्षक के साथ लैपटॉप पर आमने-सामने निर्देश, शैक्षिक वेबिनार और वीडियो, और यहां तक कि दूरस्थ शिक्षा भी शामिल है। अपने लचीलेपन के कारण, ऑनलाइन शिक्षा व्यक्तियों और व्यवसायों दोनों को व्यापक लाभ प्रदान करती है। इससे पता चलता है कि समान ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में दाखिला लेकर सभी भौगोलिक क्षेत्रों के लोग समान डिग्री की शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
जबकि छात्र अपने व्यस्त जीवन में सीखने के समय को समायोजित कर सकते हैं, प्रशिक्षक सीखने के कार्यक्रम की कालातीतता और एकाग्रता को अधिकतम करते हैं। एक पूर्वानुमेय कार्यक्रम, छात्र सुधार के अवसर, और शैक्षिक पहुंच और पसंद में वृद्धि करके, ऑनलाइन शिक्षा छात्रों को महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है।
हम ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न सलाहकारों और शिक्षकों से सीख सकते हैं, जो हमारे ज्ञान और दृष्टिकोण को व्यापक बनाता है। छात्रों की चिंता कम हो जाती है क्योंकि वे पारंपरिक कक्षाओं की तुलना में ऑनलाइन सीखने के दौरान अधिक संवाद कर सकते हैं। जब तक किसी व्यक्ति के पास इंटरनेट से जुड़े गैजेट तक पहुंच है, वे लगभग कहीं से भी सीख सकते हैं।
चूंकि कोई समय सीमा नहीं है, ऑनलाइन शिक्षा आम तौर पर हमें अपनी गति से सीखने की अनुमति देती है। पारंपरिक कक्षा सेटिंग्स की तुलना में ऑनलाइन पाठ्यक्रम आमतौर पर अधिक आरामदायक और मनोरंजक होते हैं। रोजाना एक ही जगह के चक्कर लगाने की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।
ऑनलाइन शिक्षा आमतौर पर सस्ती होती है। इसके अतिरिक्त, पारंपरिक शैक्षिक विधियों की तुलना में, ऑनलाइन शिक्षा कम खर्चीली है। पारंपरिक विश्वविद्यालय कार्यक्रमों के द्वारा, छात्रों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने परिवहन, पाठ्यपुस्तकों और जिम, पुस्तकालयों और स्विमिंग पूल जैसी संस्थागत सुविधाओं के साथ-साथ विश्वविद्यालय शिक्षा की कीमत बढ़ाने वाले अन्य खर्चों को कवर करें। दूसरी ओर, ऑनलाइन शिक्षा केवल ट्यूशन और अन्य आवश्यक लागतों के लिए शुल्क लेती है। इस प्रकार, ऑनलाइन शिक्षा अमीरों और वंचितों दोनों के लिए अवसर प्रदान करती है।
इंटरनेट के माध्यम से नई रणनीतियाँ हासिल करना संभव है, जो किसी को अधिक कुशल बनने में मदद करती हैं। पारंपरिक शैक्षिक विधियों की तुलना में, पाठ्यक्रम में समायोजन तुरंत ऑनलाइन किया जा सकता है।
ऑनलाइन शिक्षा में सफल होने के लिए, संभावित नियोक्ता द्वारा अस्वीकार किए जा सकने वाले कई संदिग्ध संस्थानों से दूर रहने के लिए, उनके लिए सर्वश्रेष्ठ कॉलेज और कार्यक्रम का चयन करना चाहिए। दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह सुनिश्चित करना है कि किसी को स्कूल के प्रोफेसरों और अन्य विद्यार्थियों के संपर्क में रहने की आवश्यकता है। कुंजी प्रभावी समय प्रबंधन है, जो हमें अपने समय का प्रबंधन करने में मदद कर सकती है और नियत कार्यों को समय पर पूरा करने और पूरा करने में मदद कर सकती है।
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ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध 500 शब्द (Online education Essay 500 words in Hindi)
परिचय : ऑनलाइन शिक्षा एक आसान निर्देशात्मक वितरण प्रक्रिया है जिसमें इंटरनेट के माध्यम से होने वाली कोई भी शिक्षा शामिल है। ऑनलाइन शिक्षण शिक्षकों को उन छात्रों के साथ संवाद करने में सक्षम बनाता है जो पारंपरिक कक्षा पाठ्यक्रम में नामांकन करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं और उन छात्रों की सहायता करते हैं जिन्हें अपने समय पर और अपनी गति से काम करने की आवश्यकता होती है।
हर विषय में उल्लेखनीय गति के साथ दूरस्थ शिक्षा और ऑनलाइन डिग्री प्रदान करने की मात्रा में वृद्धि दर्ज की जा रही है। ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने वाले स्कूलों और संस्थानों की संख्या भी बढ़ रही है। ऑनलाइन विधियों के माध्यम से डिग्री हासिल करने वाले छात्रों को यह सुनिश्चित करने में सावधानी बरतनी चाहिए कि उनका पाठ्यक्रम एक मूल्यवान और विश्वसनीय विश्वविद्यालय के माध्यम से पूरा हो।
ऑनलाइन शिक्षा को तालमेल का लाभ देने के लिए जाना जाता है। यहां नियोजित प्रारूप छात्रों और शिक्षकों के बीच गतिशील संचार के लिए जगह बनाता है। इन संचारों के माध्यम से, स्रोत साझा किए जाते हैं, और एक सीखने की प्रक्रिया के माध्यम से एक ओपन एंडेड तालमेल विकसित होता है। जब प्रत्येक व्यक्ति दूसरों के कार्य पाठ्यक्रम पर चर्चा और टिप्पणियों के माध्यम से एक दृष्टिकोण या राय देता है, तो इससे छात्र को बेहतर सीखने में लाभ होता है। यह अनूठा लाभ एक छात्र-केंद्रित आभासी सीखने के माहौल में प्रकट होता है जिसमें अकेले ऑनलाइन सीखने का प्रारूप योगदान दे सकता है।
ऑनलाइन कक्षाओं के साथ, हमें किसी दूसरे शहर की यात्रा करने या लंबी दूरी तय करने की आवश्यकता नहीं है। हम जहां हैं वहीं रह सकते हैं और ऑनलाइन डिग्री के साथ अपने करियर को बेहतर बनाने की दिशा में काम करते हुए अपनी वर्तमान नौकरी को बनाए रख सकते हैं। ऑनलाइन शिक्षा डिजिटल खानाबदोशों की भी मदद करती है – कोई ऐसा जो प्रौद्योगिकी-सक्षम या स्थान-स्वतंत्र जीवन शैली का समर्थन करता है। हम कहीं भी हों, लेक्चर देख सकते हैं और अपना कोर्सवर्क पूरा कर सकते हैं।
चाहे हम पूर्णकालिक या अंशकालिक ऑनलाइन छात्र हों, ऑनलाइन शिक्षा का अनुभव बहुत अधिक प्रबंधनीय कार्यक्रम प्रदान करता है। सस्ते होने के कारण ऑनलाइन शिक्षा को काफी मान्यता मिली है। यह सच है कि ऑनलाइन पाठ्यक्रम स्कूलों या कॉलेजों में पेश किए जाने वाले पाठ्यक्रमों की तुलना में अधिक किफायती हैं। विश्वविद्यालयों में अध्ययन करते समय हमें कुछ पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं जैसे परिवहन, आवास और भोजन, ऑनलाइन शिक्षा के लिए इस तरह के खर्चों की आवश्यकता नहीं हो सकती है।
ऑनलाइन सीखने के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक इसका अंतर्निहित लचीलापन है, हालांकि, इसमें एक पेंच है, व्यक्ति को बेहद आत्म-प्रेरित होना पड़ता है। सर्वश्रेष्ठ ऑनलाइन छात्र अपने शोध के बारे में अप टू डेट रहने के लिए विभिन्न दृष्टिकोण विकसित करते हैं। पढ़ाई के लिए हर हफ्ते अलग समय निर्धारित करने और कम से कम विकर्षण के साथ कार्यक्षेत्र बनाने जैसी चीजें बहुत मदद कर सकती हैं।
ऑनलाइन शिक्षा निबंध पर निष्कर्ष
ऑनलाइन शिक्षा के संभावित लाभों में शैक्षिक पहुंच में वृद्धि शामिल है; यह एक उच्च गुणवत्ता वाला सीखने का अवसर प्रदान करता है, छात्रों के परिणामों और कौशल में सुधार करता है, और शैक्षिक विकल्प विकल्पों का विस्तार करता है। इसलिए, ऑनलाइन शिक्षा के कारण डिग्री पाठ्यक्रम या उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्थान, समय और गुणवत्ता को अब कारकों के रूप में नहीं माना जाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
भारत सरकार द्वारा कौन सा शिक्षण मंच शुरू किया गया है.
स्वयं (स्टडी वेब्स ऑफ एक्टिव-लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स) भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म है।
भारत में सीखने का सबसे बड़ा मंच कौन सा है?
Unacademy को भारत में सबसे बड़ा सीखने का मंच माना जाता है।
ऑनलाइन शिक्षा छात्रों को कैसे प्रभावित करती है?
ऑनलाइन सीखने से छात्रों को वास्तविक दुनिया में अपना रास्ता बनाने से पहले स्वतंत्र शिक्षार्थी बनने में मदद मिली है।
क्या छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं अच्छी हैं?
ऑनलाइन कक्षाओं का महत्व यह है कि वे पारंपरिक शिक्षण प्लेटफार्मों की तुलना में अधिक सुविधाजनक और लचीले हैं।
छात्र ऑनलाइन सीखना क्यों पसंद करते हैं?
बहुत कम बजट में ऑनलाइन पाठ्यक्रम आसानी से उपलब्ध हैं। सुविधा और लागत के अलावा, बड़ी संख्या में छात्र ऑनलाइन शिक्षण पाठ्यक्रमों की ओर रुख कर रहे हैं क्योंकि वे सीखने का एक बेहतर तरीका बन गए हैं।
ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध | Essay On Online Education
हेलो दोस्तों, आज हमलोग इस लेख में ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध हिंदी में (Online Education essay in Hindi) पड़ेंगे जो कि आपको Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 व अन्य competitive examination जैसे कि SSC, UPSC, BPSC जैसे एग्जाम में अत्यंत लाभकारी साबित होंगे। ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध (Essay writing on Online Education) के अंतर्गत हम समाचार पत्र से संबंधित पूरी जानकारी को विस्तार से जानेंगे इसलिए इसे अंत तक अवश्य पढ़ें।
बदलते दौर में आज जहाँ सब कुछ डिजिटल हो रहा है, वहीं शिक्षा का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है फिर कोविड- 19 जैसी महामारी ने मानव जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जिसमें शिक्षा क्षेत्र पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ा है। इसलिए आज समय की माँग है कि ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए। भारत सरकार ने भी को विड-19 महामारी के इस दौर में शिक्षा में हुए नुकसान को कम करने के लिए ‘भारत पढ़े ऑनलाइन योजना’ शुरू की है, जो ऑनलाइन शिक्षा के बढ़ते महत्त्व को रेखांकित करती है। वस्तुतः वर्तमान के साथ-साथ भविष्य में भी ऑनलाइन शिक्षा का महत्त्व निरन्तर बढ़ेगा, लेकिन हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि ऑनलाइन शिक्षा के लाभ के साथ-साथ कुछ व्यावहारिक हानियाँ भी हैं, जिस कारण इसे सावधानीपूर्वक अपनाने की जरूरत है।
ऑनलाइन शिक्षा का अर्थ (Meaning of Online Education)
ऑनलाइन शिक्षा कम्प्यूटर आधारित नेटवर्क से सम्बद्ध होती है। इसमें विद्यार्थी घर पर रहकर भी शिक्षा प्राप्त करता है। इसके अन्तर्गत विद्यार्थी वीडियो के माध्यम से लाभान्वित होते हैं, इसमें शिक्षक से प्रत्यक्ष सम्बन्ध नहीं होता है।
ऑनलाइन शिक्षा इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों और सीखने की प्रक्रियाओं के उपयोग को सन्दर्भित करती है। ऑनलाइन शिक्षा हेतु इण्टरनेट का कनेक्शन, कम्प्यूटर, स्मार्टफोन आदि महत्त्वपूर्ण सामग्री की जरूरत होती है।
ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम / प्रकार (Types of Online Education)
ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम / प्रकार निम्नलिखित हैं:
1. लाइव वीडियो क्लासेज (Live Video Classes): इसके अन्तर्गत एक ही समय में विद्यार्थी और शिक्षक अलग-अलग स्थानों से एक-दूसरे से शैक्षिक संवाद करते हैं। इस तरह की कक्षा में विद्यार्थी अपने प्रश्नों का तत्काल उत्तर जान पाते हैं, जिससे उनका उस विषय से सम्बन्धित सन्देह भी दूर हो जाता है। इसी कारण इसे ‘रियल टाइम लर्निंग’ भी कहा जाता है।
2. प्री रिकॉर्डेड वीडियो क्लासेज (Pre Recorded Video Classes): इस व्यवस्था में पाठ्यक्रम से सम्बन्धित जानकारी पहले से उपलब्ध होती है। इस प्रकार की ऑनलाइन शिक्षा का लाभ यह है कि विद्यार्थी किसी भी समय इसका लाभ उठा सकते हैं अर्थात् इस कक्षा को कभी भी देख सकते हैं। इस शैक्षिक व्यवस्था में विद्यार्थी और शिक्षक के बीच वास्तविक समय में शैक्षिक संवाद करने का कोई विकल्प नहीं होता है। इसमें विद्यार्थी अपना प्रश्न कमेंट बॉक्स में पूछते हैं, जिसका जवाब या तो कमेंट बॉक्स में या फिर अगली कक्षा में दिया जाता है।
3. स्लाइड्स (Slides): ऑनलाइन शिक्षा में सूक्ष्म से सूक्ष्म वस्तुओं के अध्ययन में स्लाइड्स प्रणाली काफी उपयोगी है। इनका प्रयोग शिक्षण कौशल को प्रभावी बनाता है। स्लाइड को प्रदर्शित करने के लिए प्रोजेक्टर की आवश्यकता होती है। स्लाइड्स के कई प्रकार हैं- लैंटर्न स्लाइड्स, सेलफोन स्लाइड्स, ग्लास स्लाइड्स, फोटोग्राफिक स्लाइड्स आदि।
4. ऑनलाइन टेस्ट (Online Test): डिजिटल युग में आज ऑनलाइन टेस्ट का भी महत्त्व काफी बढ़ गया है। इसकी सहायता से विद्यार्थी को मुख्य परीक्षा की तैयारी में काफी मदद मिलती है, क्योंकि इससे विद्यार्थी अपनी गलतियों को सुधार सकते हैं, साथ ही अपनी टाइमिंग को भी सेट कर सकते हैं। यह टेस्ट कागज-कलम से नहीं, बल्कि कम्प्यूटर पर दिया जाता है। परीक्षा शुरू होने से 15 मिनट पहले स्टार्ट ट्यूटोरियल से परीक्षा के नियम बताए जाते हैं। फिर परीक्षा शुरू होती है। Computer, Keyboard और Mouse के माध्यम से प्रश्नों का उत्तर दिया जाता है। आजकल बच्चे घर बैठकर भी अपने Smart Phone से Online Test दे सकते हैं।
5. पीडीएफ आधारित ऑनलाइन शिक्षा (PDF Based Online Education): Pre-recorded Video Classes या Slides के द्वारा दिए जा रहे Lecture में मुख्यत: Pdf के पेज को ही एक-एक कर Screen पर प्रस्तुत कर पढ़ाया जाता है। इसमें पाठ्यक्रम को पहले Pdf में Convert कर दिया जाता है फिर या तो लाइव वीडियो क्लासेज या प्री रिकॉर्डेड वीडियो क्लासेज जिस Website पर चलती हैं, उसके नीचे पीडीएफ डाउनलोड करने का लिंक दिया जाता है।
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ऑनलाइन शिक्षा से लाभ (Advantages of Online Education)
- ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से कक्षाओं का शिक्षण अधिक रोचक और संवादात्मक बनाया जा रहा है, जिससे बच्चे इस पर अधिक से अधिक ध्यान दे रहे हैं।
- ऑनलाइन शिक्षा कोई भी, कहीं भी और कभी भी प्राप्त की जा सकती है। उदाहरण के लिए, यात्रा के दौरान या फिर किसी कारणवश अवकाश लेने पर छूटे हुए विषयों से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- ऑनलाइन शिक्षा को प्रोत्साहन देने से विद्यार्थी नए-नए ज्ञान भी प्राप्त करेंगे। साथ ही शिक्षकों पर सक्षम, अद्यतन न होने और शिक्षकों की कमी के जो आरोप लगते हैं, उसे भी दूर किया जा सकता है।
- भारत जैसे विशाल देश में पर्याप्त स्कूल-कॉलेज नहीं हैं। ऑनलाइन शिक्षा के विकल्प से स्कूलों-कॉलेजों पर दबाव कम होगा और अभिभावकों एवं बच्चों के लिए अपने ढंग से पढ़ने-पढ़ाने की स्वतन्त्रता होगी अर्थात् स्कूल-कॉलेज में दाखिले की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी।
- ऑनलाइन शिक्षा पर्यावरण की दृष्टि से भी लाभकारी है, क्योंकि ऑनलाइन पर निर्भरता से कॉपी किताब की जरूरत कम होगी, लोग बाहर नहीं निकलेंगे।
- ऑनलाइन शिक्षा से छात्र स्वयं यह समझेंगे कि वे कैसे सीखते हैं, उन्हें क्या पसन्द है और किस समर्थन की आवश्यकता है। साथ ही छात्र स्वतन्त्र रूप से शोध करेंगे और एक नई प्रस्तुति का निर्माण करेंगे। ऑनलाइन शिक्षण पद्धति में समय की बचत होती है, साथ ही इसमें ज्ञान की विविधता अधिक होती है।
- तीव्रता एवं गहनता की दृष्टि से ऑनलाइन शिक्षा काफी प्रभावकारी है। इसमें सूचनाओं का संग्रहण न केवल तीव्र होता है, बल्कि सृजनशीलता एवं विविधता की दृष्टि से भी इसकी महत्ता काफी ज्यादा है।
- ऑनलाइन शिक्षा से छात्रों को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय व सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकती है।
ऑनलाइन शिक्षा से हानि / सम्बन्धित चुनौतियाँ (Disadvantages of Online Education)
- ऑनलाइन शिक्षा कम्प्यूटर आधारित नेटवर्क से सम्बद्ध होती है, जिसके लिए कई उपकरणों की जरूरत होती है जो काफी महँगे होते हैं। इस कारण ऑनलाइन शिक्षा पाना सबके लिए सम्भव नहीं है।
- ऑनलाइन शिक्षा के अन्तर्गत छात्र किसी प्रश्न का जवाब इंटरनेट पर आसानी से प्राप्त कर लेते हैं, ऐसे में छात्र कभी किसी विषय पर पढ़ते हुए ज्यादा सोच-विचार नहीं करते हैं, जिसमें बच्चों की रचनात्मक क्षमता में कमी आती है।
- ऑनलाइन या डिजिटल शिक्षा चाहे कितनी भी सुविधा छात्रों को उपलब्ध करा दे, लेकिन इस सुविधा के कारण छात्रों में अध्ययन की खराब आदतों को बढ़ावा मिल रहा है, छात्रों में आलसी दृष्टिकोण विकसित हो रहा है।
- ऑनलाइन शिक्षा के लिए विश्वसनीय बिजली आपूर्ति और सर्वव्यापी इण्टरनेट की आवश्यकता होती है, लेकिन इस क्षेत्र में भारत में अभी भी आधारभूत संरचना की कमी है।
- ऑनलाइन शिक्षा के अध्ययन के लिए घर का वातावरण उपयुक्त नहीं होगा, क्योंकि छात्र अपने घर पर गेम, सोशल मीडिया से विचलित हो सकते हैं, जबकि स्कूल-कॉलेज में पढ़ाई का एक व्यवस्थित माहौल होता है।
- ऑनलाइन शिक्षा से छात्रों के सीखने की क्षमता पर असर पड़ सकता है, क्योंकि यदि छात्र अध्ययन का सक्रिय हिस्सा न बन पाया तो उसकी प्रेरणा खत्म हो सकती है।
- मनोवैज्ञानिकों के अनुसार ऑनलाइन शिक्षा तनावपूर्ण है। इनके शोध के अनुसार 15 मिनट के ऑनलाइन अध्ययन के बाद छात्रों की नोट्स लेने में रुचि खत्म हो जाती है और वे मनोरंजक साइट्स पर पहुँच जाते हैं।
- हाल के नवीन सर्वे के अनुसार ऑनलाइन शिक्षा से बच्चों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
- भारतीय चिंतन परम्परा के अनुसार शिक्षा के तीन उद्देश्य है व्यक्ति एवं चरित्र निर्माण, समाज कल्याण का उत्तरोत्तर विकास। ऑनलाइन शिक्षा इन लक्ष्यों की पूर्ति कहाँ तक करती है, इसकी जाँच जरूरी है।
- कई विषय बहुत की व्यावहारिक हैं; जैसे-विज्ञान के प्रयोगों, शिल्प, शारीरिक शिक्षा, डिजाइनिंग आदि में बिद्यार्थी का हाथ पकड़कर सिखाना ज्यादा प्रभावकारी होता है।
- अधिकांश शिक्षण ऑनलाइन शिक्षण के लिए प्रशिक्षित नहीं है, जिस कारण ऑनलाइन शिक्षण का सामना करने से वे दूर भागते हैं।
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ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु किए जा रहे प्रयास
परिवर्तन संसार का नियम है तथा परिवर्तन के इस दौर में जो राष्ट्र, समाज व व्यक्ति अपने को बदल लेगा, वह निश्चित रूप से विकास के पथ पर आगे जाएगा। आज का युग डिजिटल युग है फिर कोविड- 19 महामारी ने पूरी विश्व व्यवस्था को अपनी सोच में परिवर्तन लाने को विवश कर दिया है। यही कारण है कि आज विभिन्न राष्ट्रों में ऑनलाइन शिक्षा की अत्यधिक वकालत की जा रही है यद्यपि इस क्षेत्र में विकसित राष्ट्र में पहल काफी पहले हो चुकी है।
भारत में सरकारी स्कूल, कॉलेज आदि संरचनाओं में ऑनलाइन शिक्षा को महत्त्व दिया जा रहा है। यहाँ तक कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा; जैसे- सिविल सेवा, मेडिकल, इन्जीनियरिंग आदि की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थान भी इसमें जुट गए हैं। केन्द्र सरकार ने इस वर्ष के बजट में भी लगभग 100 कॉलेजों में ऑनलाइन शिक्षा के बारे में प्रावधान किए हैं। भारत सरकार द्वारा ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु किए जा रहे प्रयासों का विवरण निम्नलिखित है
1. स्वयं (SWAYAM): स्वयं का विस्तार रूप Study Webs of Active Learning for Young Aspiring Minds है। यह एक ऐसा निःशुल्क ऑनलाइन पोर्टल है, जो वर्तमान युवाओं की अधिगम आकांक्षाओं को इण्टरनेट के माध्यम से पूरा करता है। इस पहल के माध्यम से सभी अध्ययन सामग्री और कक्षा में हुए परीक्षण के वीडियो को निःशुल्क विद्यार्थियों को उपलब्ध कराया जाएगा।
2. स्वयंप्रभा (Swayam Prabha): मानव संसाधन मन्त्रालय द्वारा वर्ष 2017 में शुरू की गई 32 चैनलों वाली स्वयंप्रभा छात्रों को निःशुल्क ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने वाला एक पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से स्कूल से लेकर कॉलेज तक के सभी छात्रों की सहायता की जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों और पिछड़े वर्ग के समाज में शामिल छात्रों को अच्छी शिक्षा प्रदान करना है।
3. मूक्स (Massive open online course, Moocs): यह विश्वविद्यालय स्तर के लिए ऐसा ऑनलाइन पाठ्यक्रम है, जो सामान्य लोगों के लिए खुला हुआ है। इसके माध्यम से लोगों को अपने लिए किसी विषय पर लोगों से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जुड़ने का अवसर मिलेगा। इसमें कोई भौगोलिक सीमा नहीं है।
4. भारत पढ़े ऑनलाइन: कोरोना संकट के दौर में मानव संसाधन विकास मन्त्रालय ने भारत के ऑनलाइन शिक्षा परितन्त्र को बेहतर बनाने के लिए लोगों के विचार / सुझाव आमन्त्रित करने के उद्देश्य से ‘भारत पढ़े ऑनलाइन’ नामक एक साप्ताहिक अभियान की शुरुआत की है।
इस अभियान का उद्देश्य ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली में उपस्थित किसी भी प्रकार की बाधा को समाप्त करने हेतु मानव संसाधन विकास मन्त्रालय के साथ प्रत्यक्ष सुझाव / समाधान साझा करने की दिशा में भारत के सर्वाधिक प्रभावशाली व्यक्तियों को आमन्त्रित करना है।
5. विद्यादान 2.0: इस कार्यक्रम का प्रारम्भ मानव संसाधन विकास मन्त्रालय ने ई-शिक्षण से सम्बन्धित विषय सामग्री में योगदान करने के लिए किया है। यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसमें व्यक्ति (शिक्षक, शिक्षाविद्, विषय विशेषज्ञ आदि) और संगठन (विद्यालय आदि) शिक्षा के क्षेत्र में ई-शिक्षण में योगदान कर सकते हैं। विद्यादान कार्यक्रम की शुरुआत विशेष रूप से को विड-19 की पृष्ठभूमि में छात्रों (विद्यालय और उच्च शिक्षा स्तर दोनों पर) के लिए ई-शिक्षण विषय सामग्री की बढ़ती आवश्यकता और शिक्षण में वृद्धि के लिए स्कूली शिक्षा के साथ डिजिटल शिक्षा को एकीकृत करने की तत्काल आवश्यकता को पूरा करने के लिए की गई है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत देश भर में किसी भी समय और कहीं से भी शिक्षण को जारी रखने हेतु बच्चों के उपयोग के लिए दीक्षा (DIKSHA) ऐप जारी किया गया।
6. दीक्षा (DIKSHA): (डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर नॉलेज शेयरिंग) मानव संसाधन विकास मन्त्रालय द्वारा वर्ष 2017 में छात्रों के लिए पूरक शिक्षण सामग्री प्रदान करने और शिक्षकों के कौशल को अपग्रेड करने हेतु दीक्षा प्लेटफॉर्म का शुभारम्भ किया गया था। वर्तमान में दीक्षा 10 भाषाओं में विषय सामग्री के सृजन तथा पठन दोनों के लिए सहायता प्रदान करती है।
7. पीएमई-विद्या: यह ऑनलाइन शिक्षा का एक कार्यक्रम है, जिसे कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण हो रहे अकादमिक नुकसान को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा चालू किया जाएगा।
इस योजना के तहत छात्रों को विभिन्न माध्यमों के द्वारा शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही कक्षा 1 से 12 के लिए अलग-अलग टीवी चैनलों की शुरुआत भी की जाएगी।
Short Essay on Online Education in Hindi
शिक्षा जीवन को सरल एवं अर्थपूर्ण बनाने का आधारभूत स्तंभ है। शिक्षा एक सच्चे मित्र की तरह है जो किसी भी परिस्थिति में साथ नहीं छोड़ती। मानव यदि शिक्षा को अपना परम मित्र बना लेता है तो उसका जीवन आनंदमय एवं कल्पनाओं से भरा होता है। शिक्षा के विकास में भावनाओं का महत्व सबसे ज्यादा होता है, क्योंकि शिक्षा का स्तर वहीं होता है जहाँ प्रेम, संस्कार एवं कल्पना होती है। यही कारण है कि ऐसा कहा गया है।
कर्तव्यों का बोध करावी, अधिकारों का ज्ञान शिक्षा से मिल सकता है, सर्वोपरि सम्मान | और साथ ही जिस समाज में हो शिक्षित सभी नर-नारी,सफलता, समृद्धि खुद बने उनके पुजारी। |
शिक्षा मानव को एक अच्छा इंसान बनाती है शिक्षा का स्वरूप बड़ा व्यापक है जिसमे ज्ञान, उचित आचरण, तकनीकी दक्षता, शिक्षण और विद्या प्राप्तिका समावेश होता है। यह शिक्षा ही है जो बालक के अंदर निहित बच्चों को बाहर की ओर अग्रसित करती है।। थोड़ा व्यापक दृष्टि से देखें तो शिक्षा आजीवन चलने वाली एक प्रक्रिया है।
महात्मा गांधी के शब्दों में- “शिक्षा से मेरा तात्पर्य में, बालक और मनुष्य के शरीर, मस्तिष्क एवं आत्मा का उत्कृष्ट विकास है।” इस तरह शिक्षा का वास्तविक अर्थ-व्यक्तिगत निर्माण, संस्कृति की रक्षा और समाज की उन्नति होता है।
भारतीय समाज शिक्षा और संस्कृति के मामले में प्राचीन काल से ही बहुत समृद्र रहा है। शिक्षक को समाज के समग्र व्यक्तित्व के विवसका उत्तरदायित्व भी सौंपा गया है। महर्षि अरविंद ने एक बार शिक्षकों के लिए कहा था कि “ शिक्षक राष्ट्र की संस्कृति के चतुर माली होते हैं, वे संस्कारों की जड़ों में खाद देते है और अपने श्रम से सींचकर उन्हें शक्ति में बदलते हैं ।”
यदि हम आज की बात करें तो देखेंगे कि समाज भी परिवर्तन पर टिका है, समयानुरूप वहाँ भी बदलाव की प्रक्रिया चलती रहती है यही वजह है कि शिक्षा जो समाज का एक आवश्यक और अनिवार्य तत्व उसमें भी समयानुसार परिवर्तन होते रहे हैं और आज भी हो रहे हैं।
यह कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि भोजन-पानी जितनी आवश्यक शिक्षा भी है क्योंकि इसी के द्वारा विद्यार्थी या बालक जीवन कौशल सीखता है। यह भी सच है कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली में भी अभूतपूर्व बदलाव आया है साथ ही यह भी सत्य है कि शिक्षा जीविकोपार्जन का साधन मात्र बनती जा रही है।
थोड़ा समय का पहिया उलटा घुमाते हैं, और पीछे चलते हैं जहाँ हम देखते हैं कि भारत में वर्तमान आधुनिक शिक्षा का राष्ट्रीय ढाँचा एवं प्रबंध औपनिवेशिक काल और आज़ादी के बाद के दौर में ही खड़ा हुआ है। सन 1968 में बनी भारत की पहली राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इस बात पर जोर है कि 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा प्रदान की जाए और इसी संदर्भ में एक अप्रैल 2010 में शिक्षा का अधिकार (RTE) भी एक कानून बना और इसके अनुसार 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को नजदीकी विद्यालयों में निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा की प्राप्ति का अधिकार होगा ।
समय-समय पर इस विभिन्न सरकारी नीतियों का पालन होता रहा और शिक्षण प्रक्रिया चलती रही परंतु पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में भी सूचना एवं प्रौद्योगिकी के विकास के कारण ऑन लाइन शिक्षण संस्थाएँ खुली साथ ही शिक्षण संस्थानों में भी बच्चे जाकर प्रत्यक्ष एप से भी शिक्षा ग्रहण कूरत परंतु समय का चक्र कुछ ऐसा आया कि पिछले वर्ष जब विश्व केरोना जैसी महाभारी के आगे विवश हो गया और तब इस covid- 19 का जो भयावह रूप सामने आया उससे कोई भी अनभिज्ञ नहीं | आज इस महामारी ने हमारे जीवन के हर पक्ष को बुरी तरह प्रभावित किया, शिक्षा जगत भी इससे अछूता नहीं रहन कोरोना की भयावहता को देखकर ही 15 मार्च से सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय बंद कर दिए गए और तब पूर्णरूपेण शिक्षा का स्वरूप बदल गया | ऑन लाइन शिक्षा के द्वारा कोर्स खतम करने का सरकारी आदेश आया । विगत 6-7 महीनों से शिक्षार्थी क इसी ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से ही शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
इस दिशा में सरकार ने स्वयं अनेक प्लेटफॉर्मों जैसे- स्वयं ई, पी.जी-पाठशाला, किशोरमंच, डिबीटल लाइजरी, दीशा, आदि ऐप का प्रयोग करने के निर्देश दिए है।
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इसी ऑनलाइन शिक्षा को आज हम विद्यार्थियों के जीवन से इस कदर जुड़ा हुआ पाते कि लगता है इस वैश्विक संकट के समय इसके अतिरिक्त दूसरा कोई उपाय ही नहीं, जिससे विद्यार्थी शिक्षण प्रक्रिया से जुड़े रहें, उनका यह बहुमूल्य सत्र और समय व्यर्थ न हो जाए, उनकी शिक्षा पर इस कठिन समय का कुप्रभाव न पड़े।
“ ऑनलाइन शिक्षा जो आज के बदलते हुए डिजिटल युग के समय की मांग है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और डिजीटल मीडिया के माध्यम से शिक्षा प्राप्त की जाती है ।” बुनियादी इंटरनेट ऑडियो, वीडियों की जानकारी मात्र होने से भी छात्र ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। आज की इन विषम परिस्थितियों में छात्र ऑनलाइन शिक्षकों के निर्देशानुसार ही शिक्षा प्राप्ति में जुटे हैं, वे अपना विभिन्न पाठ्यक्रम पूरा कर रहे हैं दूसरी ओर खेल-खेल में ज्ञान परक कंम्प्यूटर कार्यक्रमों का निर्माण हुआ और हो रहा है।
कोरोना से अलग हटकर भी यदि हम देखे तो भारत जैसे गरीब देश में ऑनलाइन शिक्षा एक जरूरत बनकर उभरी है क्योंकि इसके विकल्प से स्कूलों पर दबाव कम होगा और माता-पिता एवं बच्चों को भी अपने तरीके से पढ़ने-पढ़ाने की आज़ादी होगी।
अब तो U.G.C ने भी यह सुझाव दे दिया है कि भविष्य में जब भी शैक्षिक कार्यक्रम हो तक दो दिन ऑनलाइन शिक्षण गूगल meet, WebeX, जूम इत्यादि अब तो तकनीकी के द्वारा, अगले दो दिन विद्यार्थी स्कूल या कॉलेज मे प्रत्यक्ष शिक्षा ग्रहण करें और एक दिन का प्रोजेक्ट वर्क ।
तात्पर्य यह है कि ऑनलाइन शिक्षा आज के अनुसार विद्यार्थी जीवन का अधिक अंग बनती जा रही है। इससे समय एवं पैसे (आने जाने का व्यय) की बचत होती है।
इसका दूसरा पहलू भी है कि भारत जैसे गरीब देश में आधी जनसंख्या गांवों में रहती है जहाँ इस ऑनलाइन शिक्षण के महत्वपूर्ण घटक यानि मोबाइल डेटा या इंटरनेट आसानी से उपलब्ध नहीं है, साथ ही Speed की भी समस्या मुँह बाए खड़ी रहती है। इसके साथ रेडिएशन का खतरा, नेत्रों की ज्योति पर असर, सामाजिक वातावरण मैं अध्ययन करने से सबके साथ सामंजस्य की समस्या, अकेलापन, अवसाद और अनेक समस्याएँ हैं। खेल संबंधी गतिविधियां, कला संबंधी कार्यक्रम, भी जुटे हुए हैं इससे उनका समग्र विकास भी बाधित है।
परंतु इन सबके बावजूद ऑनलाइन शिक्षण ही एकमात्र उपाय है जीवन में आगे बढ़ने का और देश की भावी पीढ़ी का भविष्य उज्ज्वल करके अच्छे नागरिक बनाने का । कोरोना का यह सेकट जल्दी समाप्त होने वाला नहीं ऐजे में सामाजिक दूरी बनाए शिक्षा प्राप्त का मुख्य साधन ऑन लाइन शिक्षा ही है। पूरे विश्व में यह मत बन रहा है कि कोरोना के साथ ही जीना है क्योंकि जहाँ चुनौती होती है, वहाँ समस्या होती है, परंतु वहीं उसके समाधान भी निहित होते हैं।
स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने कहा था कि “ जीवन में आए अवसरों को व्यक्ति साहस एवं ज्ञान की कमी के कारण समझ नहीं पाता है ” ऐसी स्थिति में हमें साहस एवं ज्ञान दोनों का परिचय देना होगा और ऑनलाइन शिक्षा को प्रोत्साहन देना होगा |
इस प्रकार की शिक्षा से विद्यार्थी तरह-तरह से ज्ञान प्राप्त कर सकता है, समय का बंधन नहीं विभिन्न पाठ्यक्रम सीखकर सर्टिफिकेट आदि भी प्राप्त कर सकता है अपनो ज्ञान का विस्तार कर सकता है, विशाल पठन सामग्री आसानी से उपलब्ध हो जाती है। दूसरे पर्यावरण की दृष्टि से भी ऑन लाइन शिक्षा पर निर्भरता से कॉपी-किताब की ज़रूरतें कम होंगीं
परंतु साथ ही देश की मातृभाषाओं में सभी विषयों की सामग्री इंटरनेट पर उपलब्ध कराना एक इसके साथ चुनौती अवश्य है परंतू असंभव साइबर क्राइम के प्रति सावधान नहीं । करने वाले पाठ्यक्रम को महत्व देना होगा, पाठ्य-क्रमों में बदलाव एवं कौशल शिक्षा को शामिल करने से इस ऑनलाइन शिक्षण को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।
इस तरह यह ऑनलाइन शिक्षण देश और समाज के लिए हितकारी होगा। समय की मांग एवं विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य से जुड़ी यह ऑन लाइन शिक्षा छात्रों को रूचिकर एवं आकर्षक तरीके से शिक्षाप्राप्ति के अवसर भी प्रदान करती है। यही कारण है कि आज की इन परिस्थितियों में यह ऑनलाइन शिक्षा विद्यार्थी जीवन का एक अनिवार्य और अभिन्न अंग बन चुकी है इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता है।
Frequently Asked Questions
उत्तर: 1993 से ऑनलाइन शिक्षा को वैद्य माना गया
उत्तर: मोबाइल फोन, लैपटॉप, इंटरनेट कनेक्शन, आदि
इस प्रकार, यह कहा जा सकता है कि यद्यपि ऑनलाइन शिक्षा के सन्दर्भ में कुछ चुनौतियाँ विद्यमान हैं, जिसे दूर किया जाना चाहिए। साथ ही ऑनलाइन शिक्षा के लाभ आज परिस्थिति के अनुसार ज्यादा हैं। डिजिटल युग व कोरोना संक्रमण की भयावहता ने ऑनलाइन शिक्षा के महत्त्व में काफी वृद्धि की है, जिसे सरकार के विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रम के सन्दर्भ में समझा जा सकता है। निश्चित रूप से आज की परिस्थिति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि ऑनलाइन शिक्षा का भविष्य काफी उज्जवल है और यह शिक्षा के क्षेत्र में क्रान्ति ला रहा है। लेकिन साथ ही हमें ऑनलाइन शिक्षा की कड़ी निगरानी भी करनी चाहिए, जिससे कि छात्रों को इस तकनीक का पूरा लाभ प्राप्त हो, वहीं उनका मानसिक, शारीरिक व चारित्रिक हनन भी न हो।
दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा लेख ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध (Essay on Online Education) पढ़ कर अच्छा लगा होगा और आपके सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होगें।
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(2022) ऑनलाइन शिक्षा पर सर्वश्रेष्ठ निबंध- Essay on online Education in Hindi
(Online shiksha par nibandh, ऑनलाइन शिक्षा के लाभ और हानि, कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा, ऑनलाइन शिक्षा की आवश्यकता)
दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस यानि कोरोना वायरस की वजह से जब पूरे विश्व में लॉकडाउन हुआ था, तभी से यह शब्द यानि ऑनलाइन शिक्षा काफी चर्चा में था। क्योकि लॉकडाउन के कारण छात्र स्कूल नहीं जा पा रहे थे। इसलिए पूरी दुनिया के छात्रो को अपने-अपने घरों में बैठकर ऑनलाइन शिक्षा दी जाती थी। हमारे भारत देश में भी छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा दी गई थी। लेकिन अगर ऑनलाइन शिक्षा न होती तो शायद हम अपने बच्चो को शिक्षा ना दे पाते?
Table of Contents
ऑनलाइन शिक्षा क्या है?
ऑनलाइन शिक्षा को साधारण भाषा में समझे, तो जब एक विद्यार्थी अपने घर पर बैठकर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे स्मार्टफोन, टैबलेट, कंप्यूटर और लैपटॉप द्वारा शिक्षा प्राप्त करे उसे ही ऑनलाइन शिक्षा कहते है। कई लोग ऑनलाइन शिक्षा को आधुनिक शिक्षा भी कहते है। क्योकि इसमें छात्र को शिक्षा प्राप्त करने के लिए घर से निकलने की कोई जरूरत नहीं होती। वह इंटरनेट और स्मार्टफोन द्वारा अपने घर से ही शिक्षा प्राप्त कर सकता है।
ऑनलाइन शिक्षा में एक शिक्षक अपने घर पर बैठकर दुनिया के किसी भी कोने में बैठे अपने छात्र को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा प्रदान कर सकता है। इसमें छात्रो को न तो किसी ब्लैक बोर्ड के सामने बैठने की जरूरत है और न ही किसी क्लास में। इस प्रकार जब शिक्षक और विद्यार्थी दोनों घर पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करते है तो इसे ऑनलाइन शिक्षा कहते है।
ऑनलाइन शिक्षा की आवश्यकता
भारत में पिछले कई सालो से छात्रो को ऑनलाइन शिक्षा दी जाती थी। खासकर जब हमारे देश में Jio आया था तब ऑनलाइन शिक्षा को थोड़ी गति मिली थी। इस समय लोग यूट्यूब और अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से शिक्षा ले रहे थे। लेकिन उस समय ऑनलाइन शिक्षा भारत के कुछ ही राज्यों तक पहुंच पाई थी। क्योंकि उस समय लोगों को ऑनलाइन शिक्षा की ज्यादा जरूरत नहीं थी।
लेकिन कोरोना वायरस की महामारी ने ऑनलाइन शिक्षा में अचानक एक बड़ा परिवर्तन ला दिया। इस वायरस की वजह से सभी लोगो को अपने घर में बंद होने की जरूरत पड़ी। इस समय दुनिया के सभी लोगों को शिक्षा प्राप्त करने का एक ही रास्ता दिखा, और वो था ऑनलाइन शिक्षा। इसी समय भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को ऑनलाइन शिक्षा की आवश्यकता हुई और यहीं से ऑनलाइन शिक्षा बहुत प्रचलित हुई। हमारी स्कूलों और शिक्षकों ने भी शिक्षा को ऑनलाइन ले जाकर छात्रों तक पहुंचाने का फैसला किया। और वर्तमान में तो ऑनलाइन शिक्षा हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है।
(यह भी पढ़े- आदर्श विद्यार्थी पर निबंध )
ऑनलाइन शिक्षा के प्रकार
ऑनलाइन शिक्षा को मुख्य दो भागो में विभाजित किया गया है। सिंक्रोनस शिक्षा और असिंक्रोनस शिक्षा ।
सिंक्रोनस शिक्षा में छात्रों को एक ही समय पर शिक्षक द्वारा शिक्षा दी जाती है। इसलिए इसे लाइव टेलीकास्ट लर्निंग भी कहा जाता है। सिंक्रोनस शिक्षा में लाइव ऑडियो और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग किया जाता है। जब की असिंक्रोनस शिक्षा में छात्र अपनी इच्छा के मुताबिक शिक्षा प्राप्त करता है। क्योकि इसमें सभी क्लास रिकॉर्डेड होते है। हमारे देश में ज़्यादातर लोग इसी पद्धति का उपयोग करके पढ़ाई करते है।
ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण करने के तरीके
ऑनलाइन शिक्षा को मुख्य तीन तरीको से ग्रहण किया जा सकता है। जिसमें पहला यूट्यूब के द्वारा। आज हर विषय के वीडियो यूट्यूब पर मौजूद है। देश और दुनिया का कोई भी छात्र यूट्यूब पर वीडियो देखकर फ्री में शिक्षा प्राप्त कर सकता है।
ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण करने का दूसरा तरीका है, गूगल । गूगल द्वारा ऑनलाइन लिखित चीजें पढ़ कर भी हम बहोत अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सकते है। इसके अलावा अगर हमें किसी चीज़ के बारे में जानना चाहते है, तो गूगल में सर्च करके निशुल्क ज्ञान प्राप्त कर सकते है।
ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण करने का तीसरा मुख्य तरीका है, लाइव क्लासेस करना । वर्तमान समय में छात्र कोई भी ऑनलाइन कोर्स खरीद कर घर बैठे बहुत अच्छी पढ़ाई कर सकता है। जिसमें बायजूस , वाईफाई स्टडी , अनएकेडमी , वेदांतु , एक्स्ट्रामार्क्स और टेस्टबुक जैसे कई अलग-अलग प्लेटफार्म के नाम शामिल है। इन प्लेटफार्म के कोर्स खरीदकर छात्र कहीं भी पढ़ाई कर सकता है और शिक्षा ग्रहण कर सकता है।
(यह भी पढ़े- डिजिटल इंडिया पर निबंध )
ऑनलाइन शिक्षा के लाभ और हानि
आज के दौर में ऑनलाइन शिक्षा के कई लाभ और फायदे है। लेकिन दुनिया में बसी हर चीज़ के दो पहलू होते है, जिसमें एक होता है लाभ और दूसरा होता है हानी। इसलिए ऑनलाइन शिक्षा के भी कुछ नुकसान है। हम इसके फायदे और नुकसान दोनों को बारी-बारी जानेगे।
ऑनलाइन शिक्षा के लाभ
शिक्षा पृथ्वी पर रहे हर मनुष्य का मूलभूत अधिकार है। दुनिया का प्रत्येक देश अपने नागरिकों तक एक अच्छी शिक्षा पहुंचाने की कोशिश करता है। क्योकि शिक्षा के माध्यम से मनुष्य अपना मानसिक, बौद्धिक और आर्थिक स्तर को सुधार सकता है। लेकिन जब कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन हुआ तब से शिक्षा को ऑनलाइन लोगो तक पहुंचाने की जरूरत पड़ी। और पूरा लॉकडाउन लोगो ने घर बैठकर ऑनलाइन शिक्षा ली। परंतु क्या ऑनलाइन शिक्षा से हमे लाभ हुआ?
तो इसका जवाब है, हा । ऑनलाइन शिक्षा का सबसे पहला लाभ यह हुआ कि इससे छात्रों और शिक्षकों के समय और पैसो की काफी बचत हुई। क्योकि यह शिक्षा घर बैठकर ली जाती थी, जिसके कारण छात्रों और शिक्षकों को शिक्षण संस्थानों में जाने की कोई जरूरत नहीं होती थी। जिससे उनका काफी समय बच जाता था। और शिक्षण संस्थानों में जाने-आने का और बाहर खाने का खर्च भी बच जाता था।
इसके अलावा छात्रों को दिये जाने वाले ऑनलाइन क्लास रिकॉर्ड होते है। जिसके कारण अगर कभी छात्र का क्लास छूट जाए तो उस रिकॉर्ड क्लास को देखकर भी शिक्षा प्राप्त कर सकता है। उसके साथ-साथ अगर किसी छात्र को ऑनलाइन क्लास के दौरान किसी विषय समझ में नहीं आता, तो वह दुबारा रिकॉर्डिंग क्लास को सुनकर अपनी शंका और दुविधा को दूर कर सकता है।
एक शिक्षक ऑनलाइन शिक्षा से अपने घर बैठकर दुनिया के किसी भी कोने में बैठे अपने छात्र को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा दे सकता है। और छात्र भी दुनिया के किसी भी कोने में बैठे अपने मनपसंद शिक्षक से शिक्षा प्राप्त कर सकता है।
और हमने आगे भी जाना था कि भारत में कई ऐसे प्लेटफार्म है, जो छात्रो को अच्छी से अच्छी शिक्षा पहुंचाने की कोशिश करता है। जिसमें बायजूस, वेदांतु और खान अकादमी जैसे कई बड़े-बड़े नाम शामिल है। इन लोगों ने अपना खुद का ऐप बनाया है, जिसके जरिए वे छात्रों तक बेहतरीन शिक्षा पहुंचाने की कोशिश करते है। इन ऐपो से जुड़ने वाले हर छात्र से यह लोग व्यक्तिगत संपर्क करते है। जिसके कारण अगर उन्हें कोई समस्या होती है, तो इनके शिक्षक तुरंत ही छात्रों कि समस्या दूर करते है।
ऑनलाइन शिक्षा देश की महिलाओं के लिए भी एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करती है। क्योकि यहां तो घर से निकलने की कोई जरूरत ही नहीं होती। महिलाए घर बैठकर कुछ भी सीख सकती है और दूसरों को सीखा भी सकती है। जैसे कुकिंग , सिलाई , क्राफ्ट , ड्राइंग , पेंटिंग आदि।
साधारण भाषा मे समझे तो अगर आपके पास इंटरनेट और स्मार्टफोन है, तो आप ऑनलाइन कुछ भी सीख सकते है।
(यह भी पढ़े- इंटरनेट पर निबंध )
ऑनलाइन शिक्षा की हानि
ऑनलाइन शिक्षा की पहली हानी यह है कि, छात्रों को कई घंटो तक मोबाइल या लैपटॉप के सामने बैठना पड़ता है। जिसकी वजह से उनकी आंखों और स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है।
इसके अलावा ऑनलाइन शिक्षा से एक नुकसान यह भी होता है कि, उनको शिक्षा का माहौल नहीं मिलता। क्योकि ऑनलाइन शिक्षा में अक्सर यह देखा गया है कि छात्र आपस में संपर्क नहीं कर पाते। जिससे उनके बीच प्रतिस्पर्धा का माहौल नहीं होता। प्रतिस्पर्धी माहौल ना होने के कारण छात्र धीरे-धीरे शिक्षा से ऊबने लगते है।
इंटरनेट के गलत इस्तेमाल से भी छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। क्योकि एक छात्र को ऑनलाइन शिक्षा के लिए उसके माता-पिता उसे इंटरनेट, स्मार्टफोन या लैपटॉप तो दे देते है। लेकिन कई बार छात्र ऑनलाइन क्लास के बहाने मोबाइल में गेम खेल रहे होते है। यह भी ऑनलाइन शिक्षा का एक बड़ा नुकसान है।
वर्तमान समय में हमारे देश के अधिकांश नागरिकों की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर है। देश में कई लोग तो ऐसे है, जिन्हें दो वक्त का खाना भी नसीब नहीं होता। अब ऐसे लोग स्मार्टफोन, कंप्यूटर, लैपटॉप और इंटरनेट जैसी सुविधाए कहां से लाएंगे? और यह सभी सुविधाए ऑनलाइन शिक्षा के लिए अति-आवश्यक है। इसीलिए लॉकडाउन में भारत के कई गरीब छात्रों तक ऑनलाइन शिक्षा नहीं पहुंच पाई थी।
भारत के कई गावों में आज भी बिजली नहीं है, इसलिए वहां पर इंटरनेट होने की संभावना बहुत कम रहती है। ऐसी जगहों पर भी ऑनलाइन शिक्षा का कोई महत्व नहीं है।
ऑनलाइन शिक्षा में अध्यापक को छात्रों पर नियंत्रण रखना बहुत मुश्किल हो जाता है। क्योकि ऑनलाइन शिक्षा में छात्रो को शिक्षको का डर कम रहता है। इसकी वजह से कई छात्र अपना होमवर्क समय पर नहीं करते है। लेकिन अध्यापक स्कूल में छात्र पर नियंत्रण रख सकते है, इसलिए कक्षा में छात्र अनुशासित होकर पढ़ाई करते है। स्कूल में छात्र होमवर्क और क्लास वर्क दोनों समय पर करते है।
स्कूल में अध्यापक छात्रो पर हर वक्त नज़र रखते है। किन्तु ऑनलाइन क्लास में अध्यापक छात्रो पर सही से नज़र नहीं रख पाते। इसलिए कई बार छात्र ऑनलाइन क्लास के समय कुछ और कार्य कर रहे होते है। जिससे भी ऑनलाइन शिक्षा का कोई महत्व नहीं रहता।
ऑनलाइन शिक्षा मे प्रेक्टिकल वर्क कभी नहीं हो सकता, जबके स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ और भी कई प्रतियोगिता कराई जाती है। जैसे की नृत्य, संगीत, योगा, खेलकूद, भाषण-लेखन प्रतियोगिता, सांस्कृतिक प्रोग्राम आदि में बच्चे भाग लेकर नई चीजे सीखते है। लेकिन ऑनलाइन क्लास में छात्रों को केवल स्कूल का कोर्स ही खतम कराया जाता है। इसलिए शिक्षक भी छात्रो पर सिर्फ अपना कोर्स खतम कराने पर ध्यान देते है।
इस तरह ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान दोनों है। परंतु इसका उपयोग करने वाले पर यह निर्भर करता है कि, ऑनलाइन शिक्षा से फायदा लेना है या नुकसान।
ऑनलाइन शिक्षा में इतनी शक्ति है कि वर्तमान में भले ही दुनिया पर कोई नई आपदा आ जाए, लेकिन हमारे छात्र शिक्षा से दूर नहीं रहेंगे। लेकिन इसके नुकसान भी बहुत है। क्योंकि अगर छात्र पढ़ाई के दौरान कुछ गलत कार्य करे या गंदी साइट में चला जाए तो काफी गंभीर परिणाम हमे छात्रो में देखने मिलेंगे। इसीलिए हो सके उतना अपने बच्चो पर ध्यान रखे, खासकर इंटरनेट चलाते समय। फिर वो ऑनलाइन क्लास कर रहा हो या कोई और चीज़ देख रहा हो। तभी हम ऑनलाइन शिक्षा का सही उपयोग कर पाएंगे। (ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध)
अगर आपको इस निबंध से कुछ भी लाभ हुआ हो, तो इसे share करना ना भूले। ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद ( Essay on online Education in Hindi )
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5 thoughts on “(2022) ऑनलाइन शिक्षा पर सर्वश्रेष्ठ निबंध- Essay on online Education in Hindi”
Good and amazing content. It is very well presented.
Thanks, IELTS Academic
ऑनलाइन शिक्षा के बारे में जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
supper essay i love it
Thanks, nishika
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ऑनलाइन शिक्षा निबंध; अर्थ, फायदे, नुकसान
ऑनलाइन शिक्षा निबंध; फायदे और नुकसान Hindi essay on advantages and disadvantages of online education, क्या ऑनलाइन क्लास स्कूल से बेहतर हैं? ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है इसलिए आप इस निबंध में जानेंगे ऑनलाइन शिक्षा के लाभ और हानि । ऑनलाइन शिक्षा या ऑफलाइन शिक्षा में से कौन सा विकल्प चुनें।
Hindi Essay on Online Education
ऑनलाइन शिक्षा के फायदे नुकसान, ऑनलाइन शिक्षा निबंध, essay on online education in hindi.
ऑनलाइन शिक्षा एक नई प्रकार की शिक्षा है, जिसमें इंटरनेट के माध्यम से संचार उपकरणों का उपयोग करके शिक्षक और विद्यार्थी संवाद करते हैं। किसी भी विषय पर घर बैठे ज्ञान साझा करने का यह एक नवीन ढंग है। इस शिक्षा प्रणाली में पढ़ने और पढ़ाने वाले दोनों ही के पास कंप्यूटर या मोबाइल का होना अनिवार्य है। टीचर और स्टूडेंट्स पहले से निर्धारित समय पर विभिन्न एप के माध्यम से ऑनलाइन एक दूसरे के सामने आ जाते हैं और सभी विषयों की पढ़ाई करते हैं। भारत जैसे विकासशील देश में कोरोना वायरस के वजह से हुए लॉकडाउन ने ऑनलाइन शिक्षा को तेज़ गति प्रदान की। जानिये लोगों ने किस प्रकार लॉक डाउन का सदुपयोग किया।
इंटरनेट की बड़ी सफलता के बाद, ऑनलाइन शिक्षा उभरने लगी। और अब, डिजिटल प्लेटफार्मों पर उच्चतम शिक्षा भी संभव है। इन्टरनेट और कंप्यूटर के क्षेत्र में नयी तकनीक की ख़ोज ने छात्रों को विभिन्न विकल्प प्रदान किए हैं। भारत या ऑस्ट्रेलिया में बैठकर कोई भी अमरीका या यूरोप विश्वविद्यालय में अध्ययन कर सकता है। ऑनलाइन क्लासेज (classes) को निम्नलिखित नामों से भी जाना जाता है।
ई-शिक्षा,आभासी शिक्षा, ऑनलाइन शिक्षा, दूरस्थ शिक्षा, डिजिटल शिक्षा, वेब कक्षाएं, और इंटरनेट पर शिक्षा आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्द हैं।
ऑनलाइन और ऑफलाइन लर्निंग का फर्क समझने के लिए ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान को जानना ज़रूरी है ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कितनी सार्थक है? जानने के लिए ज़रूर पढ़ें –
ऑनलाइन शिक्षा पर तर्क वितर्क Online Education Experience of class 4th student Bad Online Experience of Class 11th Student
ऑनलाइन क्लास के तरीके, Ways of Online Education in Hindi
- यू ट्यूब पर पहले से रिकार्डेड क्लास में सीखना
- पॉवर पॉइंट स्लाइड्स के माध्यम से सीखना
- लिखित सामग्री ऑनलाइन पढ़ना
- ऑनलाइन क्लास में लाइव सीखना
आर्यन की पहली ऑनलाइन क्लास का अनुभव बहुत ही बुरा था | जानिये क्या हुआ पहली ऑनलाइन क्लास में-
ऑनलाइन शिक्षा के फायदे, Advantages of Online Education
- ऑनलाइन कक्षा का मुख्य लाभ यह है कि इसमें कहीं से भी भाग ले सकता है।
- यदि कोई छात्र किसी विषय को एक बार में नहीं समझ पाता है, तो वह इसे तब तक रिवाइंड (rewind)कर सकता है जब तक कि वह इसका अर्थ समझ नहीं लेता।
- कक्षाओं में, धीमी गति से लिखने वाले बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा बहुत फायदेमंद है।
- स्कूल में छात्रों को अध्यापक की लिखने की गति से मेल बैठाना पड़ता है और हर समय चौकस रहना पड़ता है। लेकिन, ऑनलाइन क्लास जो कि आम तौर पर रिकॉर्ड किए गए वीडियो के रूप में उपलब्ध होता है उसे बीच में रोककर भी देखा या सुना जा सकता है।
- किसी भी टीचर से पढ़ने का विकल्प होता है।
- किसी भी विषय या टॉपिक पर ज्ञान अर्जित कर सकते हैं।
- मुफ्त में या कम कीमत पर अधिक पाठयक्रम (courses) उपलब्ध हैं।
- यह उन लड़कियों के लिए एक सुरक्षित वातावरण भी प्रदान करता है, जो आम तौर पर घर से बाहर नहीं निकल पाती हैं । देर रात को अपने कमरे में ही बैठकर कुछ भी सीख सकते हैं।
- अपने देश में ही बैठकर दूसरे देश के प्रसिद्ध अध्यापकों से पढ़ने का लाभ उठा सकते हैं।
- यात्रा न करने से समय और पैसे दोनों की बचत होती है।
ऑनलाइन शिक्षा के नुकसान, Disadvantages of online classes in Hindi
- ऑनलाइन पढ़ाई किसी उपकरण को प्रभावी तरीके से चलाना या संभालना नहीं सिखा सकता, जैसे गिटार बजाना, कार चलाना
- हम इंटरनेट पर एक रासायनिक प्रयोग (practical) नहीं कर सकते। खासकर साइंस और सोशल साइंस के प्रयोग नहीं किए जा सकते।
- स्कूल का माहौल न होने से कुछ बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लग पाता है।
- ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों की आंखों एवं स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
- सार्वजनिक रूप से बोलने का कौशल को और सीखने का स्तर तब और अधिक उन्नत होता है जब आप वास्तविक दुनिया में असली लोगों के साथ बैठते हैं।
- कुछ बच्चे अध्यापक का डर न होने कारण इन कक्षाओं को गंभीरता से नहीं लेते और बाकी सब लोगों को भी परेशान करते हैं।
- छोटे बच्चों के साथ अभिभावकों की अनिवार्यता उनका समय बर्बाद करती है।
- जिन लोगों के पास महंगे कंप्यूटर और स्मार्टफोन नहीं है, वे शिक्षा की इस प्रणाली के साथ तालमेल नहीं बिठा पाते।
- आवासीय-परिसर प्रमाणीकरण (Residential Course Certificate), दूरस्थ शिक्षा प्रमाणन (Distance Education Certificate) से अधिक मूल्य रखता है।
- नेटवर्क संबंधी समस्या से कई बार ऑनलाइन क्लास असफल हो जाती है।
निष्कर्ष (ऑनलाइन शिक्षा निबंध)
हालाँकि, ऑनलाइन शिक्षा के फायदे बहुत हैं पर पारंपरिक कक्षा कुछ क्षेत्रों में अधिक व्यावहारिक है। ऑनलाइन क्लास वयस्क छात्रों के लिए अनुकूल हो सकता है, जो स्व-अनुशासित हैं, लेकिन बच्चों और किशोरों के लिए, पारंपरिक तरीके से स्कूल में जाकर पढ़ना ही बेहतर है। शिक्षा के मिश्रित मॉडल के साथ दोगुनी गति से हम अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं।
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शब्द | अर्थ |
---|---|
ऑनलाइन | वास्तविक नहीं है, शारीरिक रूप से मौजूद नहीं है |
स्व अनुशासित | खुद पर नियंत्रण रखने की क्षमता |
संवाद | बातचीत |
चौकस | सब तरफ ध्यान रखना (attentive) |
अर्जित | सीखना, कमाना |
विकल्प | विभिन्नता, उपाय (option) |
व्यावहारिक | व्यवहार में आने योग्य , usual, practical |
धन्यवाद! ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान पढ़कर आपको कैसा लगा? आपको पढ़ाई का कौन सा रूप ज्यादा पसंद है ? कमेंट में लिखें |
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ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध | Essay On Online Education In Hindi
आज का निबंध ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध Essay On Online Education In Hindi पर दिया गया हैं. सरल भाषा में ई लर्निंग क्या हैं.
वर्तमान में ऑनलाइन एजुकेशन का अर्थ महत्व आवश्यकता लाभ हानि आदि के बारे में निबंध दिया गया हैं. छोटी कक्षाओं के स्टूडेंट्स के लिए डिजिटल शिक्षा पर यह निबंध आपको पसंद आएगा.
ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध Essay On Online Education In Hindi
एक दौर था, जब बच्चों को अध्ययन के लिए गुरु के पास भेजा जाता था. वह 24 वर्ष की आयु में पढ़ाई पूरी कर घर लौटता था. जिसे हम गुरुकुल प्रणाली कहते हैं. बाद में स्कूली शिक्षा का चलन चला और आज भी हमारी शिक्षा उसी दौर में हैं.
पिछले पांच वर्षों में हुई इन्टरनेट क्रांति ने एक और शिक्षा के माध्यम को जन्म दिया, वह हैं ऑनलाइन घर बैठे शिक्षा.
कोरोना महामारी ने मानव जनित समूचे तन्त्र को विफल कर दिया, लोग घरों में कैद हो गये ऐसे विकट हालातों में भी ऑनलाइन एजुकेशन के माध्यम से बच्चों की शिक्षा को नियमित किया जा सकता हैं.
देश के हजारों विद्यालय व महाविद्यालय आज भी ऑनलाइन शिक्षा / डिजिटल एजुकेशन के माध्यम से बच्चों को पढ़ा रहे हैं. आज का निबंध, अनुच्छेद ऑनलाइन शिक्षा पर ही दिया गया हैं. हम जानेगे कि यह क्या हैं इसके लाभ हानि महत्व और उपयोगिता को.
शिक्षा हमारे जीवन का मूल आधार हैं, प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिले यह उनका मूलभूत अधिकार एवं आवश्यकता भी हैं. अच्छी शिक्षा के दम पर ही बेहतरीन करियर की नीव रखी जा सकती हैं.
भारतीय शिक्षा व्यवस्था को हम तीन भागों में बाँट सकते हैं. प्राचीन शिक्षा, औपनिवेशिक काल में शिक्षा और आधुनिक भारत की शिक्षा.
आजादी के बाद शिक्षा के क्षेत्र में हुए क्रांतिकारी बदलावों के चलते शिक्षा का स्वरूप परम्परागत से अत्याधुनिक रूप ले चूका हैं.
वर्तमान समय में ई एजुकेशन यानी ऑनलाइन शिक्षा बेहद लोकप्रिय हो रही हैं. ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से कोसो दूर बैठे शिक्षक इंटरनेट के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन प्लेटफार्म एप्प, स्काइप, ज़ूम, यूट्यूब आदि की मदद से पढ़ा रहे हैं.
बच्चे अपने स्टडी या बेडरूप में स्वतंत्र बैठकर मोबाइल, लेपटोप या कंप्यूटर के माध्यम से अपने अध्यापक को सुन व देख सकते हैं.
ऑनलाइन शिक्षा के महत्व को नकारने वाले शिक्षाविदों ने भी कोरोना के चलते लॉकडाउन में अव्यवस्थित हुई शिक्षा प्रणाली को पटरी पर लाने का एक ही विकल्प डिजिटल एजुकेशन बताया हैं.
भले ही आज बच्चें स्कूलों में नहीं जा पा रहे हैं. शिक्षक उन्हें ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से लेक्चर घर बैठे पंहुचा रहे हैं. शिक्षा की इस प्रणाली में तेज गति के इंटरनेट पहली आवश्यकता हैं.
वर्ष 1993 से ऑनलाइन शिक्षा को वैध शिक्षा माध्यम के रूप में भी स्वीकार किया गया हैं. जिन्हें प्रयुक्त भाषा में दूरस्थ शिक्षा कहा जाता हैं. इसमें निर्धारित पाठ्यक्रम को VS/डीवीडी और इन्टरनेट के माध्यम से शिक्षा दी जाती हैं.
ऑनलाइन शिक्षा क्या है ? (What is Online Education In Hindi)
ऑनलाइन शिक्षा को हम आधुनिक शिक्षा का सबसे नवीनतम स्वरूप कह सकते हैं, जिसमें बालक को कई मील तक के सफर को तय कर ब्लैक बोर्ड के सामने बैठकर पढने की बजाय अपने गुरूजी के साथ घर बैठे ही वर्चुअल क्लास में इन्टरनेट के द्वारा जुड़ सकता हैं.
इस शिक्षा में वही बालक सहभागी बन सकते हैं, जिनके पास अच्छा इन्टरनेट कनेक्शन मोबाइल, लेपटोप या कंप्यूटर आदि हो.
आज स्कूल कॉलेज आदि के साथ साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स भी कोचिंग संस्थानों में नहीं जा पा रहे हैं, ऑनलाइन शिक्षा ने उनकी भी राहें आसान कर दी हैं.
अब वे घर बैठे निश्चित होकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेगे . कई डिग्री परीक्षाएं और उनका पाठ्यक्रम भी ऑनलाइन चलता हैं. शिक्षा के इस माध्यम का बड़ा लाभ उन छात्रों को भी हैं जो विदेश जाकर पढाई नहीं कर पाते हैं.
वे घर बैठे विश्व के किसी भी ख्यातिप्राप्त शिक्षा केंद्र के साथ सीधे जुड़ सकते हैं. हमारे ज्ञान को सुलभ और घर तक लाने का श्रेय शिक्षा के इस माध्यम को जाता हैं.
इसनें यात्रा के खर्च व समय की बचत की हैं साथ ही छात्रों के समक्ष चयन के लिए हजारों विकल्प भी हैं, अब घर बैठे सर्वश्रेष्ठ ऑनलाइन क्लासेज से एक क्लिक में जुड़ा जा सकता हैं.
ई एजुकेशन का बड़ा फायदा यह भी हैं कि बच्चें एक बार की क्लास को रिकॉर्ड कर जब चाहे दुबारा चलाकर देख सकते हैं, जबकि परम्परागत शिक्षा व्यवस्था में इस गुण की कमी थी.
डिजिटल क्लासरूप इतने आधुनिक बन चुके हैं कि शिक्षक छात्र का आपसी संवाद उसी तन्मयता से बना रहता हैं जैसा कि वास्तविक कक्षा कक्ष में. छात्र लिखकर अपनी शकाओं या समस्याओं को अध्यापक के सामने प्रस्तुत कर सकता हैं.
बड़ी बड़ी सेवाओं जैसे सिविल सर्विस, इंजीनियरिंग और मेडिकल, कानून आदि की शिक्षा भी आज कई संस्थान ऑनलाइन उपलब्ध करवा रहे हैं.
आज के समय में जब घर से निकलना भी एक चुनौती बन चूका हैं, ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा एक सुनहरा विकल्प हैं. यह न केवल बाधित शिक्षा व्यवस्था को गति दे सकता हैं, बल्कि अधिक आकर्षक तरीके से शिक्षक छात्र के अनुभव बढाए जा सकते हैं.
किसी शिक्षण संस्थान, कोचिंग सेंटर अथवा व्यक्तिगत ट्यूशन के कुल खर्च के दसवें भाग व्यय में आसानी से ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध हो जाते हैं जिन्हें घर बैठकर कभी भी देखा जा सकता हैं.
समय तथा धन की बचत के साथ ही शिक्षण संस्थान जाने में आने वाली ट्रेफिक, मौसम आदि की समस्याओं से भी निजात मिल जाएगी.
भारत में ऑनलाइन शिक्षा और कोर्स उपलब्ध कराने वाले कुछ प्रसिद्ध प्लेटफार्म बाईजूस ,मेरिटनेशन, उत्कर्ष, ग्रेडअप आदि कुछ बड़े विख्यात नाम हैं. जहाँ आप अपनी जरूरत के मुताबिक़ फ्री या पैड कोर्स को चुन सकते हैं.
ऑनलाइन शिक्षा से लाभ व हानि (Essay on Advantages and Disadvantages of Online Study)
शिक्षा का अधिकार 2009 देश के प्रत्येक बच्चें को निशुल्क एवं अनिवार्य एवं बाल शिक्षा का अधिकार देता हैं. शिक्षा व्यक्ति के चहुमुखी विकास की प्रथम शर्त मानी जाती हैं.
ऑनलाइन शिक्षा आज के युग की लोकप्रिय प्रणाली हैं. इसके कई सारे लाभ हैं तो कुछ हानियाँ भी हैं. जिन्हें हम इस प्रकार समझ सकते हैं.
ऑनलाइन स्टडी के लाभ
- बालक अपने घर में बैठे देश विदेश के किसी भी संस्थान से शिक्षा अर्जित कर सकता हैं.
- शिक्षण संस्थान विद्यालय, कॉलेज, कोचिंग सेंटर आदि में आने जाने के समय तथा यात्रा के खर्च की बचत हो जाती हैं.
- छात्र अपनी सुविधा के अनुसार समय में रेकॉर्डेड क्लास को देख सकता हैं. किसी अध्याय के समझ न आने पर वह उसे दुबारा या कई बार देखकर अपनी शंका का समाधान कर सकता हैं.
- वर्चुअल क्लास के दौरान कोई बिंदु स्पष्ट समझ न आने पर छात्र शिक्षक से पुनः स्पष्ट करने का निवेदन भी कर सकता हैं.
- स्कूल कॉलेज में पढने वाले छात्रों के अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवक युवतियां भी ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से अपने पाठ्यक्रम को पढ़ सकते हैं, देख व सुन सकते हैं.
- बेहद कम शुल्क में कोर्स उपलब्ध होने के साथ ही भिन्न भिन्न संस्थानों के बेहतरीन कोर्स के चयन की स्वतन्त्रता छात्र व उसके अभिभावक को रहती हैं.
- ऑनलाइन शिक्षा के कई सारे फीचर परम्परागत कक्षा में प्रदर्शित नहीं किये जा सकते हैं. डिजिटल बोर्ड पर गूगल अर्थ , वीडियो , चित्र , एनिमेटेड चित्र , गूगल मैप्स, चार्ट आदि के जरिये गूढ़ विषयों को सरल तरीके से स्पष्ट किया जा सकता हैं.
- आजकल स्कूली पाठ्यक्रम की शिक्षा तो ऑनलाइन उपलब्ध है ही साथ ही कुकिंग , सिलाई , कढ़ाई , क्राफ्ट , ड्राइंग , पेंटिंग का प्रशिक्षण भी घर बैठे प्राप्त किया जा सकता हैं.
ऑनलाइन शिक्षा की हानियाँ
जिस तरह प्रत्येक वस्तु के दो पहलू होते हैं, ऑनलाइन शिक्षा की प्रक्रिया में ही ऐसा ही हैं. एक तरफ इसके बेशुमार लाभ हैं तो वही इसके कई दुष्परिणाम साइडइफेक्ट भी हैं जिन्हें हम नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. यहाँ हम निबंध में ऑनलाइन स्टडी के कुछ नुकसानों के बारे में चर्चा करेंगे.
- ऑनलाइन शिक्षा का स्वरूप छात्र को परम्परागत शिक्षा प्रणाली की तुलना में अत्यधिक स्वतन्त्रता देता हैं. ऐसे में बच्चों को स्व विवेक से स्वयं पर नियंत्रण रखना होता हैं. अध्ययन अध्यापन की सफलता इस बार पर निर्भर करती हैं कि उसे रूचि के साथ ग्रहण किया जाता हैं, अथवा नहीं. यकीनन छोटे बच्चों के लिए यह शिक्षा तभी वरदान बन सकती हैं, जब अभिभावक के सहयोग से बच्चे को प्रशिक्षित किया जाए.
- डिजिटल क्लास में प्रत्येक बच्चे पर अध्यापक का ध्यान देना व्यावहारिक रूप में सम्भव नहीं हैं. ऐसे में बच्चें यदि ईमान दारी के साथ शिक्षण प्रक्रिया में उपस्थित होकर सम्पूर्ण गतिविधियों में सलंग्न होते हैं तभी उसका उद्देश्य पूर्ण हो पाता हैं.
- अमूमन ऑनलाइन शिक्षा के साथ लोगों की यह शिकायत रहती हैं. यह कक्षा परम्परागत कक्षा की तरह संवाद स्थापित नहीं कर पाती हैं. शिक्षक केवल अपने पाठ्यक्रम से सम्बन्धित ही वार्तालाप करता हैं. निजी तथ्य, भावनाओं, जोक्स आदि के अभाव में कक्षा में नीरसता का आना स्वाभाविक हैं.
- ऑनलाइन कक्षा में छात्रों को कई घंटों तक स्क्रीन के समक्ष बैठना पड़ता हैं. इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के सामने इतने लम्बे समय तक बैठना स्वास्थ्य के लिहाज से भी अच्छा नहीं माना जाता हैं. आँखों की समस्या तथा सिर दर्द आदि के रूप में इसके साइडइफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं.
- इस शिक्षा प्रणाली का एक अन्य दुष्परिणाम सिमित संवाद हैं. यहाँ छात्र सिमित रूप में ही अपनी बात अध्यापक को कह पाते हैं, अध्यापक को भी सभी स्टूडेंट्स का ध्यान रखना होता हैं, ऐसे में सभी की बातों को पूरा समय नहीं दे पाते हैं.
ऑनलाइन शिक्षा के प्रकार (online shiksha par nibandh Paragraph in hindi)
हम ऑनलाइन शिक्षा को सिंक्रोनस और असिंक्रोनस इन दो भागों में विभाजित कर सकते हैं.
सिंक्रोनस शैक्षिक व्यवस्था : इसे हम रियल टाइम लर्निंग या लाइव टेलीकास्ट लर्निंग के नाम से भी जानते हैं. इस शैक्षिक व्यवस्था में एक ही समय में शिक्षक और छात्रों के मध्य संवाद स्थापित होता हैं.
तथा अध्ययन की गतिविधियाँ संचालित की जाती हैं. ऑडियो और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, लाइव चैट तथा वर्चुअल क्लासरूम आदि इसके उदाहरण हैं.
असिंक्रोनस शैक्षिक व्यवस्था: इस शैक्षिक प्रणाली में छात्र अपनी स्वेच्छा से जब चाहे दी गई अध्ययन सामग्री को पढ़ या देख व सुन सकता हैं.
इसमें रिकोर्डड क्लास विडियो, ऑडियो ई बुक्स, वेब लिंक्स, प्रेक्टिस सेट आदि सम्मिलित हैं. भारत में अधिकतर लोग इस शैक्षिक पद्धति के जरिये पढना पसंद करते हैं.
निष्कर्ष/ उपसंहार
कई मामलों में आज भी ऑनलाइन शिक्षा में सुधार की आवश्यकता हैं. इसके उपरान्त भी दूर रहने वाले बच्चों के लिए यह शिक्षा का सबसे उत्कृष्ट माध्यम हैं. खासकर कोविड 19 महामारी के दौर में ई शिक्षा देश दुनियां के छात्रों के लिए वरदान साबित हुई हैं.
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Essay On Online Education : ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध
- July 11, 2020
- Hindi Essay
Essay On Online Education : ऑनलाइन शिक्षा पर हिंदी निबंध
Essay On Online Education
ऑनलाइन शिक्षा पर हिंदी निबंध .
Content / संकेत बिंदु / विषय सूची
- ऑनलाइन शिक्षा क्या है ?(What is Online Education)
- ऑनलाइन शिक्षा से लाभ (Advantage Of Online Education)
- ऑनलाइन शिक्षा का नकारात्मक पहलू (Disadvantage Of Online Education)
Note- ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली : ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली से लाभ और इसको बेहतर बनाने के उपाय पढ़ने के लिए Link पर Click करें। — Next Page
हम आज भी अपने बच्चों को स्कूल की क्लास रूम में बिठाकर ही शिक्षा ग्रहण कराने में ज्यादा विश्वास करते हैं। लेकिन विगत कुछ वर्षों से हमारे देश में ऑनलाइन शिक्षा (Online Education) भी काफी लोकप्रिय हुई है।
कोरोना के बढ़ते खतरे के कारण पूरे देश में हुए लॉकडाउन की वजह से जब सारे शिक्षण संस्थाएं बंद हो गई। तब बच्चों को अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए ऑनलाइन शिक्षा का मजबूत सहारा मिला। लगभग सभी स्कूलों के द्वारा इंटरनेट के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है। ताकि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो। और आज देश के अधिकतर विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा से जुड़कर काफी खुश भी हैं।
ऑनलाइन शिक्षा क्या है ? (What is Online Education)
ऑनलाइन शिक्षा , शिक्षा का एक ऐसा माध्यम है जिसमें शिक्षक और बच्चे स्कूल की एक क्लास रूम में बैठकर ब्लैक बोर्ड के माध्यम से पढ़ने के बजाय इंटरनेट के माध्यम से जुड़ कर अपने घर बैठे-बैठे पढ़ाई करते हैं।लेकिन ऑनलाइन शिक्षा लेने के लिए बच्चे के पास है एक कंप्यूटर या लैपटॉप या स्मार्टफोन के साथ-साथ एक इंटरनेट कनेक्शन होना आवश्यक है।
इस माध्यम से शिक्षक अपने घर बैठ कर या दुनिया के किसी भी कोने में बैठ कर अपने विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा प्रदान कर सकता है। शिक्षक अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में स्काइप , जूम , गूगल क्लासरूम आदि ऐसे अनेक ऐप के जरिए अपने विद्यार्थियों से जुड़ सकते हैं।
इस तरह की शिक्षा देने के लिए शिक्षक को अपने विद्यार्थियों के साथ अपने कंप्यूटर की स्क्रीन शेयर करनी पड़ती है। ऑनलाइन पढ़ाई के माध्यम से बच्चे अपने घर बैठे बैठे अपने टीचर को आराम से देख या सुन सकते हैं। और उनसे हर तरह के सवाल जवाब कर अपनी जिज्ञासाओं को दूर भी कर सकते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा से लाभ (Essay On Online Education)
शिक्षा या ज्ञान प्राप्त करना हर व्यक्ति का मूलभूत अधिकार है और अच्छी शिक्षा देश के प्रत्येक नागरिक को मिलना ही चाहिए। शिक्षा ही व्यक्ति का संपूर्ण विकास कर सकती हैं। उसके बौद्धिक , मानसिक व आर्थिक स्तर को ऊंचा कर सकती हैं। उसके सोचने समझने की शक्ति का विकास कर सकती हैं।
अच्छी शिक्षा हासिल करके ही अच्छे एवं सुरक्षित भविष्य की नींव डाली जा सकती है। इसीलिए एक सुरक्षित भविष्य के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अच्छी शिक्षा लेना अनिवार्य है। और ऑनलाइन शिक्षा इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। ऑनलाइन शिक्षा से कई फायदे हैं।
ऑनलाइन शिक्षा घर बैठे-बैठे इंटरनेट के माध्यम से मिलने वाली शिक्षा है।इसलिए यह शिक्षा विद्यार्थी न सिर्फ अपने देश से बल्कि विदेशों की शिक्षण संस्थाओं से भी हासिल कर सकते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा व्यक्ति घर बैठे-बैठे हासिल कर सकता है। जिससे विद्यार्थियों के शिक्षण संस्थाओं , कोचिंग संस्थाओं या स्कूलों में जाने वाले समय की बचत होती है। साथ ही साथ यात्रा में लगने वाले पैसे की भी बचत हो जाती हैं।
छात्र अपने समय व सुविधा के हिसाब से ऑनलाइन क्लासेस ले सकते हैं।और शिक्षक द्वारा दी जाने वाली ऑनलाइन क्लास की रिकॉर्डिंग भी की जा सकती हैं। ऐसे में अगर किसी विद्यार्थी को ऑनलाइन क्लास के वक्त किसी विषय से संबंधित कुछ टॉपिक समझ में ना आए। तो वह दुबारा रिकॉर्डिंग सुन कर अपनी शंकाओं को दूर कर सकता है।
यदि किसी विद्यार्थी को किसी विषय से संबंधित कोई कठिनाई हो रही हो या कोई प्रश्न समझ में नहीं आ रहा हो। ऐसे में बच्चे अपने शिक्षकों से अपने घर बैठे बैठे ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से दोबारा प्रश्न पूछ सकता है।
न सिर्फ स्कूल , कॉलेज जाने वाले बच्चे बल्कि ऐसे विद्यार्थी जो प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारियां कर रहे हैं। उनको भी ऑनलाइन कोचिंग की सुविधा प्राप्त हो रही है। अब वो भी घर बैठे बैठे अपनी आने वाले प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी आराम से कर सकते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा से घर बैठे बैठे पढ़ने की सुविधा तो मिलती ही है। साथ में समय पैसे दोनों की बचत होती है।
ऑनलाइन पढ़ाई में अनेक ऐसे ऐप हैं जैसे गूगल अर्थ , वीडियो , चित्र , एनिमेटेड चित्र , गूगल मैप्स। जिनका प्रयोग कर पढ़ाई को और भी दिलचस्प बनाया जा सकता है। इसमें शिक्षक व विद्यार्थी एक दूसरे को पीडीएफ फाइल , वेब लिंग , वीडियो बनाकर भी भेज सकते हैं।
कई कंपनीयों द्वारा लर्निंग एप्स (Learning Apps ) भी बनाए गए हैं। जैसे मेरीटनेशन , बाईजू टॉपर्स आदि। ये लगभग कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक के सीबीएसई के पाठ्यक्रम को ऑनलाइन प्रदान करते हैं। और इनके द्वारा बनाए गए एप्स में शिक्षकों का पढ़ाने का तरीका इतना बेहतरीन है कि बच्चे आराम से उस विषय को समझ जाते हैं।
इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये अपने ऐप से जुड़ने वाले बच्चों से पर्सनली सम्पर्क में रहते हैं। और कोई समस्या होने पर इनके टीचर बच्चों की समस्याओं का समाधान तुरंत करते हैं। यहां तक कि कुकिंग , सिलाई , कढ़ाई , क्राफ्ट , ड्राइंग , पेंटिंग आदि से संबंधित क्लासेज भी अब ऑनलाइन दी जा रही है।
ऑनलाइन शिक्षा से हानि
कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा के महत्व को काफी बढ़ा दिया है। और काफी बड़ी संख्या में लोग ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से शिक्षा ग्रहण भी कर रहे हैं। लेकिन ऑनलाइन शिक्षा के लिए विद्यार्थियों के पास एक कंप्यूटर या स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन होना आवश्यक है।
देश में कई बच्चे ऐसे भी हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से ताल्लुक रखते हैं और उनके पास दो वक्त की रोटी खाने के लिए पैसे नहीं होते। ऐसे में वह कंप्यूटर या लैपटॉप या स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन कहां से लाएंगे। उन बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा काफी मुश्किल हो जाती है। ऐसी अवस्था में वो बच्चे पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं और ऑनलाइन पढ़ने वाले बच्चों की बराबरी नहीं कर पाते हैं।
कई बार लैपटॉप या कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्शन होने के बावजूद भी इंटरनेट नेटवर्क में प्रॉब्लम हो जाती है जिससे बच्चे टीचर से ऑनलाइन जुड़ नहीं पाते हैं। जिसकी वजह से उनकी पढ़ाई में रुकावट आ जाती है।
भारत के कई शहरों या गांवों में अभी इंटरनेट सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में बच्चे चाह कर भी ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकते हैं।
स्कूल की क्लास में बच्चे बड़े अनुशासित होकर पढ़ाई करते हैं और अपना होमवर्क और क्लास वर्क दोनों को समय पर पूरा करने का पूरा पूरा प्रयास करते हैं। लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में कई बार बच्चे अनुशासित नहीं रह पाते हैं। स्कूल जाने से बच्चे एक अनुशाशित जीवन जीते हैं। समय पर उठना , सोना , खेलन कूदना , होमवर्क आदि। पर घर में कभी कभी लापरवाह हो जाते हैं।
स्कूल में शिक्षक की पैनी नज़र हर वक्त बच्चों पर रहती है।लेकिन ऑनलाइन क्लासेस में टीचर बच्चों के क्रियाकलापों को देख नहीं पाते। जिस कारण वो उनका सही आकलन नहीं कर पाते हैं। जो बच्चे और शिक्षक के लिए आवश्यक है।
कुछ विषयों में प्रैक्टिकल वर्क करना अनिवार्य होता है। जैसे फिजिक्स , केमिस्ट्री या बायोलॉजी आदि। लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में बच्चे प्रैक्टिकल वर्क के माध्यम से सीखने से वंचित रह जाते हैं। इसी तरह स्कूल में नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया जाता है। जो बच्चों के लिए जरूरी हैं।
स्कूल में पढ़ाई के अलावा भी कई और एक्टिविटीज कराई जाती हैं जिनमें बच्चे भाग लेते हैं। जैसे खेलकूद , सिंगिंग , डांस , योगा , कल्चरल एक्टिविटी , वाद-विवाद प्रतियोगिता , निबंध प्रतियोगिता , लेखन प्रतियोगिता आदि।
मगर ऑनलाइन क्लासेज में बच्चों का सिर्फ स्कूल का कोर्स ही पूरा कराया जाता है। बच्चे इस तरह की एक्टिविटीज से वंचित रह जाते हैं। जो उनके विकास के लिए आवश्यक हैं।
उपसंहार (Essay On Online Education)
यह तो कोई नहीं जानता कि यह कोरोना काल कब खत्म होगा और कब दुबारा से स्कूल , कॉलेज ,शिक्षण संस्थाएं , कोचिंग संस्थाएं खुलेंगी। और बच्चे दूबारा स्कूल या कोचिंग संस्थाओं में जाकर पढ़ाई कर सकेंगे।
लेकिन ऐसे मुश्किल वक्त में ऑनलाइन शिक्षा ने बच्चों के लिए शिक्षा के द्वार खुले रखे हैं। अब ऑनलाइन शिक्षा लोगों के द्वारा काफी पसंद की जा रही है। अधिकतर लोग चाहे वो स्कूली बच्चे हो या प्रतियोगिता परीक्षाओं में बैठने वाले ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर काफी खुश हैं।
Essay On Online Education : ऑनलाइन शिक्षा पर हिंदी निबंध
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क्या ऑनलाइन लर्निंग शिक्षा का भविष्य है पर निबंध (Is Online Learning the Future Of Education Essay in Hindi)
आज के दौर में ऑनलाइन माध्यम से पढ़ने, सीखने का चलन शिक्षा के क्षेत्र में काफी तेजी से बढ़ते जा रहा है, और लोग इसे स्वीकार भी रहे हैं। आज की तारीख में शिक्षा के क्षेत्र में यह सबसे लोकप्रिय साधनों में से एक बन चुका है और अब तो ऑफलाइन क्लास की बजाय ऑनलाइन क्लास करना भी काफी आसान और सुविधाजनक हो गया है। आज हम आपको इससे सम्बंधित कुछ निबंध दे रहे हैं जिससे इसके बारे में आपका दृष्टिकोण और अधिक स्पष्ट हो जायेगा।
क्या ऑनलाइन लर्निंग शिक्षा का भविष्य है पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essays On Is Online Learning the Future Of Education in Hindi, Kya Online Learning Shiksha ka Bhavishya hai par Nibandh Hindi mein)
निबंध 1 (250 words) – क्या ऑनलाइन लर्निंग शिक्षा का भविष्य है.
परिचय ई-लर्निंग यानी इन्टरनेट के जरिये पढ़ाई, आज की तारीख में सबसे तेजी से बढ़ते, सीखने वाले प्लेटफार्मों में से एक बन चुका है। आजकल हर क्षेत्र से सम्बंधित सभी चीजें ऑनलाइन उपलब्ध हैं और प्रति वर्ष भारी संख्या में लोग इसमें हिस्सा लेते हैं। निश्चित रूप से तेजी से बढ़ता ऑनलाइन नेटवर्क कई मायनों में शिक्षा का भविष्य बनने जा रहा है। ऑनलाइन लर्निंग शिक्षा का भविष्य कैसे है? इस बात को ज्यादा वक़्त नही हुआ है जब स्मार्ट क्लासेज से रूबरू कराया गया था और ये सफल भी था। इसी चलन को आगे बढ़ाते हुए एक और स्मार्ट क्लास से परिचय कराया गया जो कि ऑनलाइन प्लेटफार्म है। हम सभी इन्टरनेट का इस्तेमाल करते हैं और इसकी मदद से सीखना निश्चित रूप से शिक्षा को एक दूसरे स्तर पर ले जायेगा। यह एक सर्वश्रेष्ठ प्लेटफार्म में से एक हैं और ई-लर्निंग शिक्षण का सबसे नवनीतम माध्यम है। दिन प्रतिदिन यह लोकप्रिय होते जा रहा है और आसान तथा सुविधाजनक माध्यम भी है। हर कोई चाहता है कि जहाँ पैसे लगाये उससे सर्वोत्तम पाए। जब हमें हमारे दरवाजे पर ही उत्कृष्ट शिक्षण सुविधा मिले तो भला कोई क्यों ऑफलाइन कक्षाओं में जाना चाहेगा। शिक्षण सामग्री भी ऑनलाइन माध्यम से आसानी से उपलब्ध हो जा रही हैं और कोई भी अपनी मर्जी का विषय देख या पढ़ पा रहा है। यहाँ पर ढेरों संस्थान हैं जिन्होंने ऑनलाइन क्लासेज शुरू कर रखी है और छात्र भी इसे काफी सुविधाजनक मान रहे हैं। इससे उनके आने जाने के समय की बचत हो रही है और अपनी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित करने का मौका मिल रहा है। निष्कर्ष देखा जाये तो ई-लर्निंग, क्लासरूम सेवाओं से ज्यादा लोकप्रिय हो रही है। यहाँ पर आपको सब कुछ मिलता है जैसे लेक्चर, प्रश्न-उत्तर हल करना, किसी विषय पर चर्चा करने से लेकर अन्य कार्य, आदि। ये सिर्फ छात्रों के लिए ही नहीं बल्कि पैरेंट्स के लिए भी काफी मददगार है। उन्हें अपने बच्चों को कहीं भी लेकर जाने की आवश्यकता नही है क्योंकि सभी कक्षाएं तो घर पर ही चल रही हैं। और मैं यह कह सकता हूँ कि ऑनलाइन लर्निंग आगे चलकर शिक्षा का भविष्य बनने वाला है।
निबंध 2 (400 Words) – ऑनलाइन लर्निंग का महत्व
परिचय छात्र पढ़ाई के लिए स्कूल या कॉलेज जाते हैं। लेकिन उनके बारे में क्या जो पढ़ना तो चाहते हैं मगर कार्यालय में होते हैं। उनके लिए नौकरी छोड़ना संभव नही होता, ऐसे में इन्टरनेट उनकी इस समस्या का समाधान बनता है। आज की तारीख में तमाम ऑनलाइन लर्निंग वेबसाइट मौजूद हैं जिन्हें आप दुनिया के किसी भी कोने में रहकर आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। ऑनलाइन लर्निंग का महत्व ऑनलाइन लर्निंग के काफी फायदे हैं और ये हर किसी के लिए बेहतर है: विशेषज्ञों तक आसानी से पहुँच : अगर आप किसी ऐसे शहर में रहते हों जहाँ किसी विषय के लिए कोई भी अच्छी कोचिंग मौजूद ना हो तो यह आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है। ऑनलाइन लर्निंग वह सुविधा है जो आपको आपके मोबाइल या कंप्यूटर की मदद से इन्टरनेट की मौजूदगी में आसानी से दुनिया के किसी भी विशेषज्ञों से जोड़ सकता है। यातायात का खर्च बचाता है : कभी कभी क्लासरूम में जा कर पढाई करना काफी ज्यादा खर्चीला साबित हो जाता है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि ऑनलाइन क्लास काफी बेहतर है क्योंकि ये न सिर्फ हमारा समय बल्कि पैसे भी बचाती है। काफी लचीला भी है : ऑनलाइन क्लास की सबसे खास बात ये है कि इसे आप अपने सुविधानुसार रख सकते हैं। कभी कभी पारंपरिक क्लास में काफी भीड़ होने की वजह से अटेंड करना काफी ज्यादा मुश्किल हो जाता है, मगर ऑनलाइन क्लासेज को आप अपनी सुविधानुसार अनुसूचित कर सकते हैं। आपकी क्लास छुट भी सकती है अगर आप समय पर नहीं पहुँच पाते हैं तो, मगर ऑनलाइन क्लास हमेशा रिकार्डेड रहती है जिसे आप जब चाहें तब अटेंड कर सकते हैं। यह वाकई में एक अच्छी डील है जो लोगों को इस प्लेटफार्म को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित भी करता है। कार्यक्रमों की लम्बी लिस्ट : कई बार ऐसा होता है कि हम जिस कोर्स को करना चाहते है वो ऑफलाइन मौजूद नही होता जबकि वो ऑनलाइन माध्यम पर आसानी से मिल जाता है। यहाँ पर ढेरों कोर्स मिल जाते हैं जिन्हें आप आसानी से देख और पढ़ पाते हैं। आज की तारीख में तमाम कोचिंग और स्कूल आदि ऑनलाइन माध्यम से ही अध्ययन सामग्री प्रदान कराते हैं। ऐसे में यह काफी आसान हो जाता है जो भी हम सीखना चाहते हैं। भीड़ से छुटकारा: आमतौर पर सामान्य कक्षाओं में काफी ज्यादा बच्चे मौजूद होते हैं जबकि ज्यादातर ऑनलाइन क्लास में बच्चों की संख्या सिमित होती है। कोर्स के आधार पर शिक्षक हर बच्चे के लिए उसके समय पर मौजूद रहता है और यह प्रक्रिया बच्चे को सीधा टीचर से संपर्क करने में काफी मददगार होती है। निष्कर्ष शिक्षा के क्षेत्र में इन्टरनेट सबसे आधुनिक माध्यम बन कर उभरा है जिसका उदाहरण हमें कोरोना माहमारी के दौरान हुए लॉकडाउन में देखने को मिला। सभी कक्षाएं ऑनलाइन चलने लगीं और इसने लोगों को प्रोत्साहित भी किया इस प्लेटफार्म पर आने के लिए। इसके लिए छात्र को सिर्फ एक स्मार्टफ़ोन या कंप्यूटर के साथ इन्टरनेट की आवश्यकता पड़ती है।
निबंध 3 (600 Words) – ऑनलाइन लर्निंग क्या है और यह कितनी मददगार है?
परिचय आप बच्चे हैं या फिर बड़े हो चुके हैं, सीखना, जीवन की कभी न खत्म होने वाली एक प्रक्रिया है। सीखने का मनोभाव हमेशा आपकी मदद ही करता है। हम हर रोज कुछ सीखते हैं और अगर आप एक छात्र हैं तो आपमें यह प्रक्रिया काफी अधिक होगी। बच्चे सीखने के लिए स्कूल जाते हैं लेकिन दूसरों का क्या? ऐसे में ऑनलाइन माध्यम से सीखना सभी के लिए आसान है। ऑनलाइन लर्निंग क्या है? देखा जाये तो पढ़ने के कई अलग अलग माध्यम है जैसे ऑनलाइन, ऑफलाइन, डिस्टेंस लर्निंग, ई-लर्निंग,आदि। एक पारंपरिक कक्षा जिसे आजकल हम ऑफलाइन क्लास के नाम से जानने लगे हैं वहीं दूसरी तरफ वह शिक्षा जो हम इन्टरनेट के माध्यम से प्राप्त कर रहे हैं उसे ऑनलाइन माध्यम कहते हैं। कुछ ऐसे विश्वविद्यालय भी है जो उन छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लासेज की सुविधा देते हैं जो किन्ही कारणों से कक्षा में उपस्थित नहीं हो पाते हैं। इस धारणा को सराहा गया और अब स्कूल, तथा अन्य शिक्षण संस्थानों में भी शिक्षण के इस माध्यम को स्वीकारा जा रहा है। शिक्षा का वह माध्यम जहाँ छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाया जाता है और उनके स्मार्टफ़ोन और लैपटॉप इसका जरिया बनते हैं। आज की तारीख में ऑनलाइन प्लेटफार्म पर तरह तरह के कोर्स मौजूद हैं जिसके लिए कोई भी आसानी से एडमिशन ले सकता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहाँ है, आप किसी भी कोर्स में दुनिया के किसी भी हिस्से से प्रवेश ले सकते हैं। शिक्षा के इस माध्यम में शिक्षक ऑनलाइन ही जुड़ते हैं जिनसे आप ना सिर्फ चर्चा कर सकते हैं बल्कि अपने प्रश्नों का उत्तर भी पा सकते हैं। ऑनलाइन लर्निंग किस तरह मददगार है ऑनलाइन लर्निंग विशेष रूप से उनके लिए फायदेमंद है जो आने जाने में लगने वाले समय को बचाना चाहते हैं। यहाँ पर आपको और भी कई तरह की सुविधा मिलती है जैसे शिक्षक और छात्र दोनों ही आपस में वार्तालाप कर के शिक्षण कार्य के लिए एक उचित समय निकाल सकते हैं जिससे किसी का कोई अन्य नुकसान ना होने पाए। सिर्फ इतना ही नहीं छात्र चाहे तो अपनी ऑनलाइन क्लास को रिकॉर्ड भी कर सकता है और उसे जितनी चाहे उतनी बार देख कर समझ सकता है। कभी कभी पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से कई लोग अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते, ऐसे में उनके लिए ऑनलाइन लर्निंग एक बेहतर विकल्प है। चाहे आप काम करते हों या फिर छात्र हो, ऑनलाइन लर्निंग का विकल्प सभी के लिए मौजूद है। कोरोना माहमारी के दौरान स्कूल, कॉलेज सब कुछ करीब 6 माह से बंद हैं मगर ऑनलाइन लर्निंग के जरिये छात्रों का शिक्षण कार्य चल रहा है। ऑनलाइन क्लासेज की सबसे बेहतर विशेषता क्या है ऑनलाइन लर्निंग जो कि ई-लर्निंग का ही एक माध्यम है यानी पढ़ाई का वह माध्यम जो किसी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिये किया जा रहा है। ऑनलाइन क्लास के दौरान एक छात्र कई चीजें सीख सकता है जैसे; 1. यहाँ पर वो कई अलग अलग टूल्स के बारे में सीख सकते हैं, जान सकते हैं जो वाकई में हमारे काफी काम के होते हैं। 2. आप यहाँ पर भाषा, लिखावट, डिजाईन, आदि सब कुछ अपनी सुविधानुसार बदल सकते हैं ताकि आपको सीखने में आसानी हो। 3. इस दौरान शिक्षक और छात्र दोनों एक दुसरे से दूर रहते हुए भी काफी नजदीक होते हैं क्योंकि ऑनलाइन क्लास के वक़्त कुछ ही छात्र मौजूद रहते हैं जबकि ऑफलाइन क्लास में ऐसा नहीं हो पाता। 4. जब भी आप चाहें शिक्षक आपकी मदद के लिए उपलब्ध रहते हैं। शिक्षा ऑनलाइन रूप में कैसे बदल रही है? कोरोना माहमारी के दौरान दुरस्थ शिक्षण काफी लोकप्रिय हुई है। कई शीर्ष के पोर्टल्स इस क्षेत्र में पहले से ही मौजूद थे जबकि बहुत से नए भी इस दौरान उभरे हैं। कुछ कामचलाऊ हैं तो कई बेहतर भी है, लोग अब इसे पसंद भी कर रहे हैं और अब ये पढ़ने का एक नया स्टाइल बन चुका है, खासतौर पर बच्चे इसे ज्यादा पसंद कर रहे है। शिक्षा का जो भी तरीका आप प्रदान करते हैं, आपका बच्चा उससे जुड़ा हुआ महसूस करना चाहिए और ऑनलाइन लर्निंग में ये सभी खूबियाँ मौजूद हैं। यह क्षेत्र पूरी तरह से नया है और पूरे विश्वभर में लोगों द्वारा पसंद भी किया जा रहा है। यह दिन प्रतिदिन लोकप्रियता हासिल कर रहा है और धीरे धीरे शिक्षा का सबसे लोकप्रिय साधन बनते जा रहा है। निष्कर्ष सीखना, सभी तरह का ज्ञान प्राप्त करने के बारे में है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके सीखने का माध्यम क्या है। मगर इन्टरनेट, जो कि एक समुद्र की भांति माना जाता है, यहाँ किसी किताब से काफी ज्यादा ज्ञान मिलता है। इसलिए यह कहना गलत नही होगा कि ऑनलाइन माध्यम, ऑफलाइन माध्यम से काफी बेहतर है।
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ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध 100, 250, 500 शब्दों में | Online Shiksha Essay in Hindi
वर्तमान समय में दुनिया डिजिटलाइज हो चुकी है जिसकी वजह से अब ज्यादातर सभी काम ऑनलाइन होते हैं। ऐसे में जब बात शिक्षा की आती है तो अब छात्रों के बीच में ऑनलाइन शिक्षा खूब प्रसिद्ध हो रही है।
हालही में ऑनलाइन शिक्षा को कोरोनावायरस की वजह से भी बहुत बढ़ावा मिला क्योंकि लोग अपने घर से बाहर जाए बिना अपनी पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से जारी रख सके थे। हालांकि ऑनलाइन शिक्षा विदेशों में तो पहले से ही खूब प्रचलित है लेकिन हमारे देश भारत में पिछले कुछ वर्षों से ही यह प्रसिद्ध हुई है। आज हम आपको ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध 100, 250, 500 शब्दों में बताने वाले हैं जो आपकी पढ़ाई में काफी मदद करेगा।
ऑनलाइन शिक्षा क्या होती है
ऑनलाइन शिक्षा एक नवीनतम शिक्षा प्रणाली है जिसके अंतर्गत टीचर बच्चों को इंटरनेट के माध्यम से पढ़ाते हैं। इसके लिए वो अपने लैपटॉप या फिर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं। इससे यह फायदा होता है कि अध्यापक और छात्र अपने घर से बाहर जाए बिना एक दूसरे से इंटरनेट की सहायता से जुड़ सकते हैं।
हालांकि ऑनलाइन शिक्षा को साल 1993 में वैध रूप दे दिया था लेकिन हमारे देश भारत में कोरोना महामारी के दौरान इसका प्रचलन कुछ ज्यादा हो गया है। स्कूल के बच्चे ही नहीं बल्कि बड़े-बड़े शिक्षा संस्थान भी अब ऑनलाइन शिक्षा पर जोर दे रहे हैं। इसीलिए इंजीनियरिंग, मेडिकल, सिविल सर्विसेज जैसी बहुत सारी शिक्षाएं आज ज्यादातर ऑनलाइन अवेलेबल रहती हैं।
ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध 100 शब्दों में
बदलती हुई टेक्नोलॉजी की वजह से अब शिक्षा पद्धति में भी बहुत से परिवर्तन होते जा रहे हैं। यही वजह है कि आज ऑनलाइन शिक्षा को बहुत ज्यादा बढ़ावा मिल रहा है क्योंकि सभी शिक्षण संस्थानों का रुझान इस और बहुत ज्यादा हो गया है।
ऑनलाइन शिक्षा की सबसे अच्छी बात यह है कि इंटरनेट का प्रयोग करके शिक्षा की कोई भी सामग्री एक स्थान से दूसरे स्थान पर बिना किसी समस्या के भेजी जा सकती है जिसकी वजह से लोगों का काफी समय बन जाता है। इसके अलावा छात्र अपनी पढ़ाई अपने घर पर रहकर ही कर सकते हैं।
यह तरीका ना केवल रुचिकर है बल्कि इससे महंगी ट्यूशन का खर्च भी बच जाता है क्योंकि ऑनलाइन पढ़ाई ऑफलाइन पढ़ाई के मुकाबले सस्ती होती है।
ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध 250 शब्दों में
ऑनलाइन शिक्षा एक ऐसी शिक्षा प्रणाली है जहां पर छात्रों को इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा दी जाती है। इसे ई-लर्निंग के नाम से भी जाना जाता है और इस शिक्षा प्रणाली का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों की शिक्षा को आगे बढ़ाना होता है। देखा जाए तो इसके कारण लोगों का काफी समय बच जाता है क्योंकि पढाई करने के लिए कहीं बाहर जाना ही नहीं पड़ता। छात्र अपने टीचर से लगातार ऑनलाइन क्लासेज के जरिए पढ़ते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा के प्रकार ऑनलाइन
ऑनलाइन शिक्षा के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं जिनके बारे में जानकारी निम्नलिखित है –
1 , छात्रों के लिए सिंक्रोनस शैक्षिक व्यवस्था
इस प्रकार की ऑनलाइन शिक्षा में छात्रों को रियल टाइम सीखने का मौका मिलता है जहां पर वो अपने टीचर के साथ बात भी कर सकते हैं। आमतौर पर इसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, लाइव चैट और वर्चुअल क्लासरूम के नाम से जाना जाता है। इसके बहुत सारे प्लेटफॉर्म हैं लेकिन सबसे ज्यादा प्रसिद्ध ज़ूम और गूगल मीट हैं।
2, छात्रों के लिए असिंक्रोनस शैक्षिक व्यवस्था
इस प्रकार की शैक्षिक प्रणाली के अंदर छात्र अपनी मर्जी से कभी भी अध्ययन सामग्री का उपयोग करके अपनी पढ़ाई कर सकते हैं। हमारे देश भारत में ज्यादातर लोग इसी शिक्षा प्रणाली के माध्यम से अपनी पढ़ाई करना पसंद करते हैं। इसमें रियल टाइम सीखने का मौका नहीं मिलता क्योंकि यहां पर सारी अध्ययन सामग्री रिकॉर्ड की गई होती हैं। इसलिए जब भी छात्र का दिल हो वो दी गई ऑडियो या वीडियो को सुनने के साथ-साथ देख भी सकते हैं। इसके कुछ मुख्य उदाहरण हैं ऑडियो ई-बुक्स, रिकॉर्डिंग क्लासेस, वेब लिंक्स इत्यादि।
ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध 500 शब्दों में
ऑनलाइन शिक्षा ऐसे लोगों के लिए बहुत ही लाभदायक है जो कोई काम करते हैं या फिर ऐसी महिलाएं जो अपने घर से ही पढ़ाई करने की इच्छुक होती हैं। यह सुविधा सभी लोगों के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक है क्योंकि इस नई शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत लोग बहुत ज्यादा पढ़ाई को गंभीर रूप से ले रहे हैं और अपने समय के अनुसार ऑनलाइन शिक्षा हासिल कर रहे हैं। देखा जाए तो यह एक ऐसा बेहतरीन माध्यम है जिसका उपयोग करके ज्यादा से ज्यादा लोग एजुकेशन प्राप्त कर सकते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा का महत्व
ऑनलाइन शिक्षा की अगर बात की जाए तो यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि इसके माध्यम से छात्र अपने ज्ञान को काफी बढ़ा सकते हैं क्योंकि उन्हें अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए जानकारी खुद ही इकट्ठी करनी होती है। इसके अलावा ऑनलाइन शिक्षा करने के लिए छात्र कोई भी जगह चुन सकते हैं जहां पर वो कंफर्टेबल हों। इस तरह से वह अपनी सुविधा के हिसाब से अपनी पढ़ाई कर सहतें हैं क्योंकि उनको 24 घंटे पढ़ने का और रिवीजन करने का समय मिल जाता है। इस शिक्षा प्रणाली में बहुत से छात्र इंटरनेट के माध्यम से ग्रुप में पढ़ाई करते हैं जिसके कारण उनका धीरे-धीरे समाजीकरण भी हो जाता है।
ऑनलाइन शिक्षा के लाभ
ऑनलाइन शिक्षा के लाभ एक नहीं बहुत सारे हैं जिनमें से जो सबसे मुख्य लाभ हैं उनके बारे में जानकारी निम्नलिखित है –
- कोई भी छात्र अपने घर पर बैठकर दुनिया के किसी भी संस्थान से शिक्षा हासिल कर सकता है और हाई एजुकेशन प्राप्त कर सकता है।
- ऑनलाइन शिक्षा लोगों को किसी भी टॉपिक को समझने में या उसे जानने में मदद कर सकती है जिसकी वजह से छात्रों का ज्ञान तेजी से बढ़ता है।
- बहुत से कोचिंग सेंटर दूर होते हैं जिसके कारण कई बार छात्र कोचिंग नहीं ले पाते ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा की मदद से वह घर बैठे कोचिंग ले सकते हैं।
- अगर छात्रों को कोई समस्या आती है तो वह अपने शिक्षकों से तुरंत पूछ सकते हैं और इसके अलावा वह वीडियो को रिकॉर्ड करके उसे बार-बार देखने के साथ-साथ उसे समझ भी सकते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा के नुकसान
हालांकि ऑनलाइन शिक्षा के बहुत से लाभ हैं लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं जोकि निम्नलिखित हैं –
- ऑनलाइन शिक्षा की सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें अध्यापक और छात्र घंटों ऑनलाइन समय बिताते हैं जिसकी वजह से उन्हें मानसिक या फिर शारीरिक समस्या हो सकती है।
- बहुत से माता-पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती लेकिन फिर भी वो अपने बच्चे को लैपटॉप ,मोबाइल या फिर कंप्यूटर दिलाते हैं जिससे कि उनका बच्चा सही से शिक्षा हासिल कर सके। लेकिन वह इस बात से बिल्कुल बेखबर रहते हैं कि उनके बच्चे सही शिक्षा ले भी रहे हैं या फिर नहीं।
- शिक्षक और छात्रों के बीच अच्छा तालमेल होना बहुत जरूरी होता है लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में ऐसा नहीं होता। छात्र अपने शिक्षक के साथ सहज महसूस नहीं करते।
- जो छात्र रेगुलर स्कूल जाकर भी पढ़ाई ठीक से नहीं कर पाता तो ऐसे में वह ऑनलाइन अपनी पढ़ाई के ऊपर फोकस नहीं कर सकता।
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दोस्तों यह था हमारा आज का पोस्ट ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध 100,250,500 शब्दों में। इसमें हमने आपको बताया कि आप किस तरह से ऑनलाइन शिक्षा पर अलग-अलग शब्दों में निबंध लिख सकते हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि हमारा यह आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा। आपको हमारा यह ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध लेख अच्छा लगा हो तो इसे दूसरे लोगों के साथ भी शेयर करना ना भूलें।
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ऑनलाइन शिक्षा के लाभ और हानि पर निबंध
ऑनलाइन शिक्षा के लाभ और हानि पर निबंध। essay on the advantages and disadvantages of online education..
ऑनलाइन शिक्षा, शिक्षा का ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से घर बैठे शिक्षक इंटरनेट के माध्यम से देश के किसी भी कोने या प्रांत से बच्चों को पढ़ा सकते है। इस में शिक्षक और विद्यार्थी अपने सहूलियत के अनुसार वक़्त का चुनाव कर ऑनलाइन जुड़ जाते है। शिक्षक स्काइप ,व्हाट्सप्प ,और ज़ूम वीडियो कॉल के माध्यम से बच्चो को आसानी से पढ़ा सकते है।
आज कोविड 19 के लॉकडाउन के तहत हमे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उसमे सर्वप्रथम है बच्चो की शिक्षा। ऑनलाइन यानी दूरस्थ शिक्षा ने लॉकडाउन में चल रही इस मुश्किल को आसान कर दिया है। अब विद्यालय के निर्देशों के अनुसार शिक्षक बच्चो को घर से ऑनलाइन पढ़ा रहे है ताकि शिक्षा में बाधा ना पड़े।ऑनलाइन शिक्षा एक अलग तरह की प्रणाली है जहाँ शिक्षक विभिन्न प्रकार के टूल्स का उपयोग कर शिक्षा को आसान बना देते है।
ऑनलाइन शिक्षा के फायदे :
शिक्षक के साथ अधिक नियमित संपर्क
जैसा कि हमारे ऑनलाइन छात्र स्काइप ,appearin और गूगल क्लासरूम के माध्यम से अपने शिक्षक के संपर्क में आते है । छात्र अक्सर अपने फ़ोन के मदद से शिक्षकों से हर समय संपर्क साध लेते है। संचार की प्रगति के कारण छात्रों को लाभ होता है क्यों कि ट्यूशन केवल साप्ताहिक एक घंटे के सत्र की तुलना में निरंतर संवाद का अधिक हो सकता है।ऑनलाइन संसाधनों जैसे गूगल मैप्स , गूगल एअर्थ ,वेबसाइट चित्र और वीडियो के माध्यम से ऑनलाइन पाठ पढ़ाना रोचक हो गया है।
बेहतर फ्लेक्सिबिलिटी
ऑनलाइन ट्यूशन के साथ अंतिम मिंटो के समय में परिवर्तन आ सकता है। शिक्षक जब चाहे तब क्लास रख सकता है और स्थगित भी कर सकता है। इसमें यात्रा नहीं करनी पड़ती है और काफी समय बच जाता है।ऑनलाइन स्क्रीन शेयरिंग का उपयोग करके विषयो को समझना आसान हो गया है। ऑनलाइन शिक्षा एक उत्कृष्ट शिक्षा का उदहारण है।
प्रौद्योगिकी ने शिक्षण व्यस्था में बदलाव लाया
ऑनलाइन ट्यूशन की सबसे अधिक आपको शिक्षण संबंधित विकल्प देता है। ऑनलाइन व्हाइटबोर्ड का उपयोग ,फाइल ,लिंक और वीडियो भेजने के कारण शिक्षक अपनी रचनात्मक शिक्षा को विद्यार्थियों तक पहुंचा सकता है। इसमें शिक्षक को विभिन्न प्रकार से बच्चों को पढ़ाने का भरपूर मौका मिलता है।
प्रभावी शिक्षा
ऑनलाइन ट्यूशन के कारण यात्रा नहीं करनी पड़ती है। इससे समय की बचत हो जायेगी। इंटरनेट का आसानी से उपलब्ध होना ऑनलाइन शिक्षा के लिए वरदान के रूप में साबित हुआ है।
किसी भी समय पर शिक्षा
किसी भी वैश्विक स्थान और अजीब समय ऑनलाइन पर पाठ पढ़ाया जा सकता है। आपको सिर्फ केवल एक उपकरण जैसे कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्शन की ज़रूरत होती है।
ऑनलाइन शिक्षा के नुकसान :
बच्चे बिगड़ जाते है
ऑनलाइन ट्यूशन करने से कुछ बच्चे बिगड़ जाते है। ऑनलाइन ट्यूशन बच्चो को ऑफलाइन ट्यूशन के मुकाबले कम समय के लिए शिक्षा प्रदान करता है। सिर्फ एक तरफा अध्यापक बच्चो को पढ़ाता है ,उसमे बच्चा ज़्यादा समय के लिए क्लासवर्क नहीं कर पाता है। ऑफलाइन शिक्षक बच्चे को नैतिक शिक्षा प्रदान करता है जब कि ऑनलाइन शिक्षण में ऐसा नहीं हो पाता है।
अच्छी इंटरनेट का होना अनिवार्य
ऑनलाइन ट्यूशन को अच्छे नेटवर्क की आवश्यकता होती है। जहाँ नेटवर्क नहीं है वहां ऑनलाइन शिक्षा कराना मुश्किल है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग के पास तीव्र गति वाले इंटरनेट की सुविधा नहीं होती है। इसलिए वहां ऑनलाइन शिक्षा अभी भी वहां उपलब्ध नहीं है।
शिक्षा के लिए पर्याप्त योजना का अभाव
जब पहले बच्चे निजी ट्यूटर के पास पढ़ते थे तब बच्चा एक अध्ययन सूची के मुताबिक ,निश्चित अवधि के लिए पुस्तकों के साथ पढ़ने बैठता था। यह वर्षो तक चली आ रही परंपरा है। ऑनलाइन शिक्षा एक तहत ऐसी कोई विशेष शिक्षा सूची तैयार नहीं हुई है। बच्चे स्कूल में जितने अनुशासित रह सकते है। ऑनलाइन क्लासेज में इतने गंभीर नहीं होते है।
ठीक से छात्रों को ना समझ पाना
समान्यतः एक शिक्षक कक्षा में आपको सीधे तरीके से समझ सकता है। कक्षा में आपकी बोल चाल और आपकी प्रतिक्रिया देखकर समझ सकता है कि आप विषय को कितना समझ पा रहे है। आपकी बॉडी लैंग्वेज को पढ़ सकता है और उसके आधार पर आपको समझा सकता है। दूसरी ओर ऑनलाइन शिक्षा में प्रत्यक्ष रूप से आमने सामने बात करने का मौका नहीं मिलता है। छात्रों को समझने और प्रगति की निगरानी ऑनलाइन शिक्षा के द्वारा कठिन होता है।
प्रतिस्पर्धा का माहौल ठीक से उतपन्न ना होना
ऑनलाइन शिक्षा में छात्रों का दल नज़र नहीं आता है। अगर किसी छात्र के साथ बाकी के छात्र भी उसके साथ पढ़ते है। अगर एक साथ पढ़ते तो और ज़्यादा पढ़ाई में रुचि उत्पन्न करता है । हमने अक्सर देखा है कि छात्र जब समूह में पढ़ते है तो वह अधिक सतर्क होते है। बच्चे अपनी काबिलियत साबित करने के लिए ज़्यादा मेहनत करते है और प्रतिस्पर्धा का माहौल रहता है। यह माहौल ऑनलाइन शिक्षा में नहीं मिल पाता है।
प्रैक्टिकल यानी व्यवहारिक शिक्षा का अभाव
व्यवहारिक अनुभव को शिक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताया जाता है। ऑनलाइन शिक्षा में ज़्यादातर व्यवहारिक अनुभव का अभाव है। ऑनलाइन शिक्षा में एनिमेटेड वीडियो और अभ्यास वीडियोस का उपयोग किया जाता है। स्कूल में शिक्षक भौतिक वस्तुओं का उपयोग करके छात्रों को पढ़ाते है। यह व्यवहारिक स्पर्श ,गहरी समझ अध्ययन में विशेष रूचि उतपन्न करता है। ऑनलाइन शिक्षा में व्यवहारिक ज्ञान की अनुपस्थिति होती है।
उत्साह की कमी
मानव एक समाजिक प्राणी है और ऑनलाइन ट्यूशन की तुलना में छात्र स्वाभाविक सीधे ट्यूशन में अधिक रुचि रखता है। कभी कभी बच्चे ऑनलाइन टुइशनस में उत्साह नहीं ले पाते है। स्कूलों और कॉलेजों में टोप्पेर्स और अन्य छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतियोगिता करवाए जाते है जिसके लिए उन्हें पुरस्कार दिए जाते है और उत्साह बनी रहती है। ऑनलाइन ट्यूशन में इन चीज़ो की कमी होती है।
आत्म मूल्यांकन की कमी
स्कूलों में बच्चो की योग्यता को जानने के लिए परीक्षाएं और होमवर्क इत्यादि दी जाती है। जिससे शिक्षक जान सकते है कि बच्चे कहाँ पिछड़ गए और कितना जान पाए। बच्चे भी आपने आपको इसके द्वारा भली भाँती परख सकते है। ऑनलाइन शिक्षा में आत्म मूल्यांकन की कमी नज़र आती है। ऑनलाइन शिक्षा में बच्चे इ पुस्तक पढ़ते है जब कि स्कूलों में विद्यार्थी विभिन्न प्रकार की पुस्तकों से रूबरू होते है।
अनुशासन की कमी
स्कूल में छात्र हमेशा अनुशासन का पालन करते है और एक निर्धारित समय अपना कक्षा कार्य और गृह कार्य पूरा करते है। लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में निश्चित अनुशासन का पालन नहीं किया जाता है।
निष्कर्ष ऑनलाइन शिक्षा के सभी तरह के पहलु है। लेकिन यह कहना गलत न होगा कि लॉकडाउन में ऑनलाइन शिक्षा ने बच्चो ,शिक्षको और शिक्षा संगठनों की काफी मदद की है और शिक्षा के आदान प्रदान को रुकने नहीं दिया। प्रौद्योगिकी ने इतनी उन्नति कर ली है कि हम घर से और दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकते है।
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8 thoughts on “ऑनलाइन शिक्षा के लाभ और हानि पर निबंध”
बच्चों का ऑनलाइन कक्षा में पढ़ाई के प्रति लगाव कम बनता है वह अन्य कामो में ज्यादा लगाओ पड़ता है जैसे सोशल मीडिया,गेम्स , इत्यादि
Network ki problem ki bajah se kabhi kabar student acchi tarah se kuch bhi nhi samajh pata hai
ऑनलाइन ट्यूशन को अच्छे नेटवर्क की आवश्यकता होती है। जहाँ नेटवर्क नहीं है वहां ऑनलाइन शिक्षा कराना मुश्किल है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग के पास तीव्र गति वाले इंटरनेट की सुविधा नहीं होती है। इसलिए वहां ऑनलाइन शिक्षा अभी भी वहां उपलब्ध नहीं है।
ऑनलाइन सभी बच्चे नहीं पढ़ पाते क्योकि सभी बच्चो के पास मोबाइल नहीं होता नाही उन्हें परिवार में किसी के पास।
आत्मविश्वास की भी कमी होती है ऑनलाइन शिक्षण से ।
In my words online shiksha has both advantages and disadvantages
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ऑनलाइन शिक्षा के 15 फायदे व नुकसान
November 19, 2020 By Surendra Mahara 2 Comments
ऑनलाइन शिक्षा के फायदे व नुकसान Online Education Advantages & Disadvantages In Hindi
Online education advantages & disadvantages in hindi.
कोरोना-काल में शिक्षा, विशेष रूप से प्रायोगिक शिक्षा का अकाल-सा पड़ गया है. जिस Online शिक्षा को लोग झँझट अथवा आधुनिकता की निशानी या Fashion समझते थे वह अब इच्छा व अनिच्छा से अपनायी व थोपी जा रही है। वे दिन चले गये जब दूरस्थ शिक्षा में ‘घर-बैठे शिक्षा’ को व्यावहारिकता की दृष्टि से अपर्याप्त माना जाता था परन्तु अब वही पुरानी ‘घर-बैठे शिक्षा’ अनिवार्य जैसी लगने लगी है क्योंकि न जाने कहाँ-कहाँ Corona का साया मँडरा रहा हो।
इस आलेख में यह समझाने का प्रयास किया जायेगा कि Online के बजाय Offline दूरस्थ व आवश्यकतानुरूप व्यावसायिक स्थल-शिक्षा प्रदान किये जाने की आवश्यकता है। यहाँ Online Education के लाभ-हानियों सहित शिक्षा में प्रायोगिकता के समावेश के उपाय भी दर्शाए जा रहे हैं ताकि शिक्षा में समग्रता आये।
Online Classes
ऑनलाइन शिक्षा किसे कहते हैं ? (What is online education)
पाठशाला (विद्यालय व महाविद्यालय) नियमित रूप से न जाकर Phone या Desktop इत्यादि माध्यमों से घर से पाठ्यसामग्रियों के Online study व अध्यापन को ऑनलाइन शिक्षा (Online education) कहा जाता है.
इसमें ऑनलाइन पुस्तकों व नोट्स को पढ़ने के साथ-साथ शिक्षकों द्वारा Online व्याख्यान भी उपलब्ध कराये जाते हैं व वीडियो-कान्फ़ेरेन्सिंग (Video Conferencing) भी अनेक स्थानों पर करायी जाती है परन्तु ऑनलाइन शिक्षा के लाभ-हानियों को बिन्दुवार जानना जरुरी है.
ऑनलाइन शिक्षा के फायदे : (Advantages of online education)
1. महामारी, भौगोलिक दूरी, मौसमी परिस्थितियों, गृहिणी या विकलांगता जैसी स्थितियों में पाठशाला नियमित जाना कठिन हो सकता है, ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा घर बैठे सम्भव है।
2. आने जाने का समय बचता है।
3. वायु प्रदूषण उत्पन्न होने से रुक जाता है व पहले से व्याप्त वायु प्रदूषण से शिक्षार्थियों का बचाव हो जाता है।
4. पाठशाला में वैद्युत्, जल व अन्य संसाधनों सहित संभारतन्त्र (लाजिस्टिक्स) की बचत होती है।
5. औपचारिकताओं में खप जाने वाला समय बचता है।
ऑनलाइन शिक्षा के नुकसान : (Disadvantages of online education)
1. स्क्रीन पर पढ़ना सहज नहीं होता (पश्चिमी जगत के भी अधिकांश व्यक्ति कम्प्यूटर अथवा मोबाइल पर पढ़ना उतना पसन्द नहीं करते). एक-दो पन्ने पढ़कर आगे बढ़ने का मन नहीं करता जबकि हार्डकापी पुस्तक को अधिक मात्रा व अवधि तक पढ़ा जा सकता है।
2. नेत्र, अँगुलियों, गर्दन व रीढ़ की विकृतियाँ घेरने लगती हैं, भारत में अनेक स्तरों पर ऑनलाइन पढ़ाई रोकने तक के निर्देश दे दिये गये थे।
3. अध्यापक व शिक्षार्थी का सामान्य संवाद न होने से एक तरफ़ा जैसी स्थिति रहती है जो कि सीखने-सिखाने के लिये ठीक नहीं मानी जा सकती।
4. कई लर्निंग-टीचिंग Mobile इत्यादि एप्लीकेशनस में 3D एनिमेशन्स सहित Video Call इत्यादि की व्यवस्था भी है परन्तु किसी भी स्थिति में सामान्य अध्ययन व अध्यापन जैसी स्थिति व बोधगम्यता नहीं आ सकती।
5. शिक्षार्थी कितना पढ़ रहा है, कैसे पढ़ रहा है, कब से कब तक पढ़ रहा है एवं वास्तव में सीख-समझ कितना पा रहा है इतनी नज़र रखनी ऑनलाइन में सम्भव नहीं हो सकती।
6. लगभग सब कुछ शिक्षार्थी पर निर्भर हो जाने से वह उद्दण्ड हो सकता है एवं अनुशासनहीन भी तथा उसे प्रेरित करने के लिये कोई प्रत्यक्ष प्रेरक भी नहीं बचता. हम ऐसी अपेक्षा नहीं कर सकते कि हर शिक्षार्थी ‘एकलव्य’ जैसे निकलेगा।
7. इलेक्ट्रानिक गेजट्स पर निर्भरता से अन्य अनेक घाटे भी उठाने पड़ते हैं, जैसे चार्जिंग, अँधेरे में देखने में समस्या, बैटरी जल्दी ख़राब होना, हर प्रकार के नेटवर्क की सदा बनी रहने वाली उठा पटक इत्यादि।
8. ऑनलाइन होने से व्यक्ति क्या देख-सुन रहा है इसका नियन्त्रण अति कठिन हो जाता है, अनैतिक कारकों की कमी नहीं है। आभासी जगत में इन्द्रियों को भटकाने व समय सहित चरित्र का नाश करने वाले बहुत सारे साधन सुलभ हो जाते हैं.
पढ़े – Offline कैसे रहे इसके फायदे
इसी प्रसंग को ध्यान में रखते हुए हमें समझना होगा कि घर-बैठे शिक्षा एवं शिक्षा में प्रायोगिकता का समागम कितना महत्त्वपूर्ण है ताकि शिक्षार्थियों का समग्र विकास अवरुद्ध न हो सके, इस दिशा में निम्नांकित उपाय अपनाये जाने की जरूरत है.
1. शैक्षणिक संस्थानों द्वारा प्रत्येक शिक्षार्थी को पुस्तकों इत्यादि का समग्र सेट बनाकर डाक से भेज दिया जाये ताकि उसे भटकना न पड़े तथा ऑनलाइन-निर्भरता को घटाया जा सके (Hard copies) के साथ में PDF इत्यादि रूपों में Offline प्रयोग योग्य Text इत्यादि भेजे जा सकते हैं);
2. विभिन्न जिलों, सम्भागों, राज्यों व राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षणिक विषय-विशेषज्ञों के दल हों जहाँ Toll Free नम्बर्स द्वारा कोई भी शिक्षार्थी सम्पर्क करके सम्बन्धित विशेषज्ञ से जिज्ञासा-समाधान करा सके. ध्यान रहे कि विशेषज्ञता पर ज़ोर दिया जाये, इस दल में अध्यापन को ‘कोई अन्य प्रतियोगिता परीक्षा उत्तीर्ण’ करने का माध्यम बनाने वाले तथाकथित शिक्षक न हों, शिक्षा के क्षेत्र में समर्पित विशेषज्ञ हों.
ऐसे Toll Free Numbers किसी कम्पनी के Customer Care नम्बर्स जैसे न हों जहाँ कोई स्टाफ़ अथवा मध्यस्थ बैठा होता है, यहाँ वास्तव में Experts व्यक्ति ही हों जो अपने स्तर पर तुरंत विश्लेष्णात्मक जिज्ञासा पूर्ति कर सकते हों। अभी तो लोग अप्रामाणिक Websites व संदिग्ध YouTube Videos इत्यादि परस्पर संवादरहित माध्यमों का सहारा लेने के प्रयास करते हैं जो समुचित बौद्धिक विकास नहीं होने देते।
3. यदि शिक्षा तन्त्र पूर्वाग्रहों से मुक्त होने को तैयार हो तो तन्त्र में प्रायोगिक शिक्षा का समावेश अत्यन्त सरल है. कैसे ?
*. शिक्षार्थियों को विभिन्न संग्रहालयों, ऐतिहासिक स्मारकों इत्यादि में शैक्षणिक भ्रमण हेतु ले जाया जाये (स्थानीय स्तर पर विशेष बल देते हुए) जहाँ वे यथार्थता के निकट जाकर वह बहुत कुछ समझ पायेंगे जो वे स्वयं पढ़कर अथवा शैक्षणिक संस्थागत स्तर पर स्वयं प्रयोग करते हुए कदाचित कभी सीख न पाते.
*. उपरोक्त Toll – Free नम्बर्स के माध्यम से शिक्षार्थियों व विशेषज्ञों का सीधा सम्पर्क एवं सतत प्रवाह रहे ताकि प्रायोगिक शिक्षा, सम्भावित विकल्पों इत्यादि के बारे में खुलकर विचार-विमर्ष किया जा सके (बाद में कभी पूछेंगे जैसी प्रतीक्षा न करनी पड़े).
*. शिक्षा में प्रायोगिकता की बात ही क्यों की जाती है ? इसीलिये न कि भविष्य में उनके लिये उपयोगिता सिद्ध हो ! तो क्यों न उस भविष्य को इन शिक्षार्थियों के वर्तमान में ले आया जाये ! कैसे ? विशेषतया जिला व सम्भाग स्तर पर विभिन्न कारखानों व उद्योगों सहित खेतों में इन्हें अल्पायु में ही औद्योगिक व कृषिगत प्रशिक्षण हेतु ले जाया जाये जहाँ वे स्वयं अपने नेत्रों से एवं व्यावहारिकता के धरातल पर ‘प्रत्यक्ष क्रियान्वयन’ को देख-सुन व समझ सकें.
इससे जहाँ एक ओर वे शिक्षा में आगामी प्रायोगिकता की तारतम्यता को समझ सकेंगे वहीं दूसरी ओर विभिन्न कार्य-क्षेत्रों व व्यवसायों में वास्तविक सन्दर्भों में प्रयुक्त सामग्रियों एवं कार्य विधियों को वे स्वयं अनुभवगत स्तर पर देख व सीख पायेंगे जबकि Videos इत्यादि में यह ग्रहण शीलता कभी नहीं हो सकती, न ही शैक्षणिक प्रयोगशालाओं में इतना ‘यथार्थ अनुभव’ सम्भव हो सकता है।
4. Direct To Home इत्यादि में विभिन्न शैक्षणिक चैनल्स हैं जिनमें दक्षता से विभिन्न कक्षाओं व विषयों के बारे में पढ़ाया-सिखाया जाता है, इस दिशा में लोगों में जागृति बढ़ायी जाये।
5. परीक्षा-आयोजन कैसे करें ? शिथिल शिक्षा तन्त्र को उपरोक्त समस्त कसौटियों में कसने के पश्चात् परीक्षा का आयोजन ऐसा हो जिसमें रटी-रटायी बातों के बजाय शिक्षार्थी के बौद्धिक स्तर की परख सम्भव हो। विभिन्न शैक्षणिक विभागों के Expert Video Conferencing जैसे माध्यम से शिक्षार्थियों को परखें जहाँ ‘नकल’ जैसी आशंकाएँ भी न हों.
सम्बन्धित जिले के ऐसे शासकीय व स्थान-स्थान पर क्लोज़ सर्किट टी.वी. कैमरा, सशस्त्र जाँच-दलों इत्यादि से सुसज्जित शैक्षणिक भवन व कारखानों इत्यादि में वीडियो-कान्फ्ऱेन्सिंग समान व्यवस्था में शिक्षार्थियों को बुलाया जाये जहाँ पहले से अनेक विशेषज्ञ, कारखानों के श्रमिक, किसान उपस्थित हों (जो स्वयं भी इन शिक्षार्थियों को परखेंगे) तथा इस प्रकार प्रशासनिक व्यवस्थाओं में एक-एक शिक्षार्थी को उपस्थित करके उससे कुछ कार्य-प्रदर्शन करवाये जायें.
सैकड़ों-हज़ारों मील दूर बैठे विशेषज्ञ उन्हें परखें एवं केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो से अधिक सटीक प्रश्नोंत्तर भी करते रहें ताकि किसने कितना सीखा अथवा किसे कितना आता है चुन-चुनकर इसकी नाप-तौल की जा सके एवं कोई अपात्र आगे के स्तर पर न बढ़ाया जा सके (जैसा कि अभी देखने में आता है कि व्यक्ति उपाधिधारी तो कहलाता है किन्तु वास्तविक समझ-बुद्धि उसमें नहीं होती)।
उपरोक्त उपाय कोरोना-काल तक सीमित स्तर पर नहीं बल्कि समग्रता में अपनाये जायें क्योंकि शैक्षणिक संस्थानों में व्यर्थ के जमघट का कोई औचित्य नहीं, वर्तमान शिक्षा व परीक्षा-प्रणाली विभिन्न आशंकाओं व विसंगतियों से भरी-पूरी है.
सीमित समय में हर शिक्षार्थी में भविष्य के लिये उपयोगी एवं प्रामाणिक प्रायोगिक शिक्षा का समावेश करना है तो ऊपर प्रदर्शित उपाय ही उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं जिनसे शिक्षार्थियों सहित समूचे शिक्षातन्त्र के समय, श्रम व धन की भी भारी बचत होगी तथा वास्तविक बौद्धिक विकास तेज हो पायेगा।
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तो दोस्तों यह लेख था ऑनलाइन शिक्षा के फायदे व नुकसान – Online Education Advantages & Disadvantages In Hindi, Online Shiksha Ke Faayde Aur Nuksan Hindi Me. यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो कमेंट करें। अपने दोस्तों और साथियों में भी शेयर करें।
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March 10, 2021 at 8:06 pm
Good knowledge
November 20, 2020 at 9:13 pm
You Write a serious topic on online education.. we appriciate it
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Online Learning Advantages: ऑनलाइन क्लास के फायदे, जानिए ऑनलाइन पढ़ाई कैसे शुरू करें
Online learning advantages/advantages of online classes in hindi in points/online classes ke fayde in hindi/online learning disadvantages study essay paragraph article in hindi.
Online Learning Advantages/Advantages Of Online Classes In Hindi In Points/Online Classes Ke Fayde In Hindi/Online Learning Disadvantages Study Essay Paragraph Article In Hindi: लाकडाउन ने जिस चीज को सर्वाधिक प्रभावित किया, वह है-शिक्षा। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक सारे संस्थान तत्काल बंद कर दिए गए, ताकि शारीरिक दूरी बनी रहे और कोरोना की महामारी से बचाव हो सके। आज की तारीख में बच्चों की शिक्षा अभिभावकों की प्राथमिकताओं के केंद्र में है। इसलिए पठन-पाठन का अचानक परिदृश्य से गायब हो जाना गहरी चिन्ता का विषय बन गया था। इसी समय उम्मीद की किरण के रूप में ऑनलाइन शिक्षा सामने आई। पहले कुछेक, फिर तमाम संस्थानों ने इंटरनेट की सहायता से छात्रों को उनके घर में शिक्षा बिना शुरू कर दिया। लेकिन अब ऑनलाइन क्लास में भी पढ़ाई अच्छे से कराई जा रही है। ऑनलाइन क्लासेज के फायदे कई हैं, जिसमें सबसे पहले समय की बचत, धन की बचत, स्वास्थ्य की सुरक्षा और पढ़ाई के साथ सिकिल्स डवलप करने का मौका आदि।
त्रुटियों का सुधार इससे पहले प्रतियोगी परीक्षा, शोध, विशेषज्ञता, विश्वविद्यालय शिक्षा के स्तर पर सामग्री के लिए गूगल, यूट्यूब, ई-पोर्टल और विभिन्न एप्स पर तो बहुत कुछ था, किन्तु इस बार लाकडाउन के दिनों में माध्यमिक व प्राथमिक शिक्षा के तहत ह्वाट्सएप्प ग्रुप बनाकर जिस तरह नियमित पाठ्य सामग्री भेजी गयी, अध्यापक ऑनलाइन रहकर छात्रों की समस्याओं के समाधान के प्रति तत्पर दिखे, परीक्षण के प्रश्नों का मूल्यांकन हुआ, त्रुटियों का सुधार कराया गया, प्रोत्साहन के निमित्त अध्यापकों ने छात्रों को प्रेरक टिप्पणियाँ भेजीं, यह सब अभूतपूर्व था।
आपसी तालमेल यहाँ तक कि ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी स्तर पर संचालित माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षा को गतिशील बनाये रखने के लिए शिक्षकों ने इस पि्धति को अपनाया। गाँव के छात्रों के पास लैपटाप नहीं है। कम ही छात्रों के अभिभावकों के पास एंड्रायड हैण्डसेट है, हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी की उपलब्धता भी कमजोर है। फिर भी आपसी तालमेल के साथ बच्चों ने इस पि्धति से जुड़कर जैसी प्रतिबि्धता दिखाई, वह अि्भुत है।
डिजिटल माध्यम शिक्षक और छात्र दोनों के लिए यह डिजिटल माध्यम सम्भावनाओं से भरा है। इसमें अध्यापक को छात्रों के सामने आने के पूर्व तैयार होना पड़ता है। पूर्व तैयारी के साथ जब शिक्षक पढ़ाता है तो शिक्षण प्रभावी और गुणवत्तापूर्ण होता है। यह शिक्षाशास्त्र का सर्वमान्य सिद्धांत है। ऑनलाइन होने की स्थिति में अध्यापक के मैत्रीपूर्ण, संयत और अनुशासित रहना पड़ता है। छात्र भी स्क्रीन के सामने अधिक ध्यानमग्न और विषय केन्द्रित रहता है।
ऑनलाइन शिक्षा इस प्रकार सीखने-सिखाने की गतिविधि आिर्श माहौल में सम्पन्न होती है। ऐसी स्थिति में बच्चा जो पढ़ता है, उसे आसानी से आत्मसात कर लेता है। वैसे ऑनलाइन शिक्षा दर्शी नहीं कही जा सकती। इसमें शिक्षणेत्तर और पाठ्य सहगामी क्रियाकलापों का बहुत कुछ अभाव होता है, जबकि शिक्षा में इसका बड़ा महत्व है। फिर भी लाकडाउन थमें हुए समय में यह खूब असरकारी हुई, इसमें दो राय नहीं हो सकती।
ऑनलाइन टीचिंग बच्चों को गर्मियों की छुट्टी का होमवर्क भी एक निश्चित समय-सारिणी के साथ ऑनलाइन ही वितरित हुआ है और बच्चे इसे रुचि के साथ कर भी रहे हैं। इस शिक्षा पि्धति से यह भी स्थापित हुआ कि तकनीक को नये संदर्भों से जोड़कर किस तरह आकस्मिक समस्याओं से निपटा जा सकता है। पारम्परिक टीचर के लिए भी यह ऑनलाइन वाली शिक्षा एक नया अनुभव था, जो सर्जनात्मक प्रेरणा का स्रेात बनकर उसके कार्य को सरस बना गई।
भविष्य की शिक्षा प्रतिदिन जिस उत्साह और उत्सुकता से बच्चे पाठ्य सामग्री की प्रतीक्षा करते थे, उसमें भविष्य की शिक्षा को रोचक, गुणवत्तापूर्ण और सरस बनाने के गहरे संकेत भी छिपे हैं। सम्भव है, भविष्य में शिक्षा के नीति-नियन्ता इससे सबक लेंगे।
ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के दस फायदे (Advantages Of Online Classes In Hindi In Points) 1. ऑनलाइन पाठ्यक्रम सुविधाजनक हैं। 2. ऑनलाइन पाठ्यक्रम लचीलापन प्रदान करते हैं। 3. ऑनलाइन पाठ्यक्रम आपके घर में शिक्षा का अधिकार लाता है। 4. ऑनलाइन पाठ्यक्रम अधिक व्यक्तिगत ध्यान प्रदान करते हैं। 5. ऑनलाइन पाठ्यक्रम आपको दिलचस्प लोगों से मिलने में मदद करते हैं। 6. ऑनलाइन पाठ्यक्रम आपको वास्तविक विश्व कौशल प्रदान करते हैं। 7. ऑनलाइन पाठ्यक्रम जीवन भर सीखने को बढ़ावा देते हैं। 8. ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में वित्तीय लाभ हैं। 9. ऑनलाइन पाठ्यक्रम आपको आत्म-अनुशासित होना सिखाते हैं। 10. ऑनलाइन पाठ्यक्रम आपको वैश्विक गांव से जोड़ते हैं।
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Essay on Digital India : स्टूडेंट्स ऐसे लिखें ‘डिजिटल इंडिया’ पर निबंध
- Updated on
- जुलाई 3, 2024
डिजिटल इंडिया ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट नेटवर्क प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल थी। डिजिटल इंडिया मिशन को 1 जुलाई 2015 को मेक इन इंडिया, भारतमाला, सागरमाला, स्टार्टअप इंडिया, भारतनेट और स्टैंडअप इंडिया सहित अन्य सरकारी योजनाओं के लाभार्थी के रूप लॉन्च किया गया था। इसके कार्यान्वयन से देश के विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी सेवाओं तक आसान पहुंच होगी, इसलिए डिजिटल इंडिया के बारे में समझना हम सभी के लिए आवश्यक है। यहां हम डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India in Hindi) दे रहे हैं।
This Blog Includes:
डिजिटल इंडिया पर निबंध 100 शब्दों में , डिजिटल इंडिया पर निबंध 200 शब्दों में , प्रस्तावना , डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का विस्तार, डिजिटल इंडिया का लक्ष्य , डिजिटल साक्षरता को मिल रहा बढ़ावा, डिजिटल इंडिया पर 10 लाइन्स, डिजिटल इंडिया पर स्लोगन .
100 शब्दों में Essay on Digital India in Hindi इस प्रकार हैः
डिजिटल इंडिया का समाज के हर क्षेत्र के लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इस अभियान का समग्र रूप से व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और इसने समग्र रूप से समाज की प्रगति में योगदान दिया है। इस पहल के तहत, सरकार ने डिजिटल सुविधाएँ प्रदान करने, डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहित करने और डिजिटल सर्विसेज को पहुंचाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। इससे नागरिकों को आसानी से विभिन्न सरकारी सेवाओं और जानकारी का उपयोग करने का मौका मिलता है। यह भारत को एक डिजिटल युग में आगे बढ़ने में मदद कर रहा है और साथ ही देश के विकास को गति दे रहा है। “डिजिटल इंडिया” का महत्व आज की तकनीकी दुनिया में बढ़ता जा रहा है और हमारे देश के साथ ही हम सभी के लिए भी एक मजबूत भविष्य बना रहा है।
200 शब्दों में Essay on Digital India in Hindi इस प्रकार हैः
डिजिटल इंडिया नामक एक बहुत ही महत्वाकांक्षी पहल बुधवार, 1 जुलाई 2015 को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में लॉन्च की गई। लॉन्च के समय कई शीर्ष उद्योगपति मौजूद थे जैसे कि साइरस मिस्त्री- तत्कालीन टाटा समूह के अध्यक्ष, मुकेश अंबानी- रिलायंस इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, अजीम प्रेमजी- विप्रो के अध्यक्ष। उन सभी ने साझा किया कि वे भारत के शहरों और गांवों में आम जनता के लिए डिजिटल क्रांति लाने की योजना कैसे बना रहे हैं।
डिजिटल इंडिया के तहत डिजिटल सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, जैसे कि जनधन योजना, आधार, डिजिटल रोजगार और डिजिटल विद्या। इससे गांवों और शहरों के लोग आसानी से सरकारी सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं जो समृद्धि और सुविधा की दिशा में महत्वपूर्ण है।
डिजिटल इंडिया के माध्यम से भारत में डिजिटल शिक्षा को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे तकनीकी ज्ञान और कौशलों का संवर्धन हो रहा है। इससे देश का विकास और सामाजिक न्याय में सुधार हो रहा है।
समापक रूप से, “डिजिटल इंडिया” भारत को ग्लोबल तकनीकी नागरिक बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है और देश के विकास को सुनिश्चित रूप से गति दे रहा है। इसका महत्व आजकल की तकनीकी दुनिया में और भी बढ़ रहा है और हमारे देश के लिए एक सशक्त भविष्य बनाने में मदद कर रहा है।
डिजिटल इंडिया पर निबंध 500 शब्दों में
500 शब्दों में Essay on Digital India in Hindi इस प्रकार हैः
भारत सरकार द्वारा भारत में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल इंडिया अभियान शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य पूरे देश में अपने ऑनलाइन बुनियादी ढांचे में सुधार करके नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से सरकारी सेवाएं आसानी से उपलब्ध कराना था। भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है। किसी भी देश के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था की मजबूती आज के वक्त में प्राथमिकता वाला मुद्दा है. डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करके ही भारत विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को हासिल कर सकता है।
केंद्रीय कैबिनेट ने 16 अगस्त को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार मंजूरी दे दी। इस पर INR 14,903 करोड़ खर्च होंगे। डिजिटल इंडिया विस्तार के तहत पहले से जारी कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। बजट खर्च को वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक पांच साल के लिए स्वीकार किया गया है।
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार का फैसला कुछ लाभ को रखकर किया गया है. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार के तहत कुछ लक्ष्य तय किए गए हैं. ये इस प्रकार हैं:
- फ्यूचर स्किल प्राइम कार्यक्रम के तहत INR 6.25 लाख आईटी पेशेवरों को आधुनिक टेक्नोलॉजी के हिसाब से प्रशिक्षित कर उनके स्किल को बेहतर किया जाएगा।
- सूचना सुरक्षा और शिक्षा जागरूकता चरण (ISEA) कार्यक्रम के तहत 2.65 लाख लोगों को सूचना सुरक्षा के क्षेत्र में ट्रेनिंग दी जाएगी।
- राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (NKN) के आधुनिकीकरण के तहत इसमें 1,787 शिक्षण संस्थानों को जोड़ा जाएगा।
- डिजीलॉकर के तहत डिजिटल दस्तावेज सत्यापन की सुविधा अब सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के साथ दूसरे संगठनों के लिए भी होगी।
- यूनिफाइड मोबाइल एप्लिकेशन फॉर न्यू एज गवर्नेंस (UMANG) ऐप पर फिलहाल 1,700 से ज्यादा सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। अब इस निःशुल्क मोबाइल ऐप उमंग पर इनके अलावा 540 अतिरिक्त सेवाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।
- डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार के तहत टियर 2/3 शहरों में 1,200 स्टार्टअप्स को वित्तीय मदद दी जाएगी।
- तीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्कृष्टता केंद्र बनाए जाएंगे, जो स्वास्थ्य, कृषि और टिकाऊ शहरों की ज़रूरतों पर आधारित होंगे।
- साइबर-जागरूकता पाठ्यक्रम चलाकर 12 करोड़ कॉलेज छात्रों को साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूक किया जाएगा।
- साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में नई पहल शुरू की जाएगी. इसके तहत उपकरणों के विकास और राष्ट्रीय साइबर समन्वय केंद्र के साथ 200 से अधिक साइटों का एकीकरण किया जाएगा।
- राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटर मिशन के तहत फिलहाल 18 सुपर कम्प्यूटर काम कर रहे हैं। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार के तहत अब इस मिशन में 9 और सुपर कंप्यूटर जुड़ जाएंगे।
भारत को डिजिटल युग को सही मायने में अपनाने के लिए नागरिकों को डिजिटल रूप से साक्षर होना चाहिए। डिजिटल कौशल प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं, खासकर ग्रामीण महिलाओं, किसानों और पुरानी पीढ़ी के बीच। छह करोड़ ग्रामीण व्यक्तियों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान जैसे कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।
डिजिटल रूप से जुड़े भारत का उद्देश्य देश में लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। सूचना और संचार प्रौद्योगिकी अकेले किसी देश के समग्र विकास को सीधे प्रभावित नहीं कर सकती। बुनियादी डिजिटल अवसंरचना समग्र विकास को प्राप्त करने में मदद कर सकती है। 21वीं सदी के परिवर्तनकारी परिदृश्य में भारत डिजिटल क्रांति के मुहाने पर खड़ा है, जो अपने सामाजिक-आर्थिक ढांचे को नया आकार देने के लिए तैयार है।
डिजिटल इंडिया पर 10 लाइन्स इस प्रकार हैंः
- डिजिटल इंडिया भारत सरकार की महत्वपूर्ण पहल है।
- यह भारत को तकनीकी विकास की ओर अग्रसर करने का प्रयास कर रही है।
- इसका उद्देश्य भारत को डिजिटल और तकनीकी युग में ले जाना है।
- डिजिटल इंडिया के अंतर्गत, सरकार ने इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया है।
- इस पहल से गांवों और शहरों के लोग डिजिटल सेवाओं और जानकारी का आसानी से उपयोग कर सकते हैं।
- इस पहल के तहत, आधार, जनधन योजना, डिजिटल बैंकिंग, और डिजिटल पेमेंट्स जैसी डिजिटल सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं।
- डिजिटल इंडिया ने भारतीय शिक्षा प्रणाली में भी तकनीकी सुधार किया है और डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहित किया है।
- इस पहल से भारत के नागरिकों को आर्थिक सुरक्षा में सुधार हुआ है और उन्हें अधिक सुविधाएँ मिल रही हैं।
- डिजिटल इंडिया भारत को तकनीकी दुनिया में गर्वित स्थिति दिलाने का माध्यम बन चुका है और देश के विकास को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है।
- डिजिटल इंडिया का महत्त्व आजकल की तकनीकी दुनिया में और भी बढ़ रहा है और हमारे देश के लिए एक सशक्त भविष्य बनाने में मदद कर रहा है।
डिजिटल इंडिया पर स्लोगन यहां दिए जा रहे हैंः
- “डिजिटल इंडिया, डिजिटल भविष्य!”
- “डिजिटल इंडिया: तकनीकी सुविधा सभी के लिए!”
- “बदल रहा है भारत, डिजिटल इंडिया के साथ!”
- “डिजिटल इंडिया, समृद्धि की ओर कदम बढ़ाता है!”
- “स्मार्ट इंडिया, डिजिटल इंडिया!”
- “डिजिटल इंडिया: तकनीकी क्रांति का प्रतीक!”
- “जुड़ो और बढ़ो, डिजिटल इंडिया के साथ!”
- “आओ, हम सभी बनाएं डिजिटल इंडिया!”
- “डिजिटल इंडिया, हमारी पहचान!”
- “तकनीक का जादू, डिजिटल इंडिया के साथ है!”
संबंधित ब्लाॅग्स
डिजिटल इंडिया भारत सरकार का एक पहल है जिसका मुख्य उद्देश्य डिजिटल सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके भारत को आगे बढ़ाना है। इसका उद्देश्य डिजिटल अद्यतन तकनीकी और सभी नागरिकों को डिजिटल जीवन के साथ मिलाने का है।
डिजिटल इंडिया के तहत कई मुख्य योजनाएँ हैं, जैसे कि Digital India Platform, BharatNet, e-Governance, Digital Locker, e-Hospital, e-Sign, और अन्य। ये योजनाएँ इलेक्ट्रॉनिक सरकार की दिशा में कई उपायों के साथ सरकार की सेवाओं को डिजिटल रूप से पहुँचाने का काम करती हैं।
BharatNet भारत सरकार की एक योजना है जिसका उद्देश्य गांवों और शहरों को उच्च गति वाले इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ना है। इसके तहत फाइबर ऑप्टिक केबल और वायरलेस तकनीक का प्रयोग किया जाता है ताकि अधिक लोग डिजिटल जीवन का आनंद ले सकें।
Digital Locker एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जो नागरिकों को उनके महत्वपूर्ण दस्तावेज़ (जैसे कि पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, आदि) को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखने की सुविधा प्रदान करता है।
e-Governance सरकारी सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से प्रदान करने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है। इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी सेवाओं को नागरिकों के लिए अधिक पहुँचने और ट्रांसपैरेंट बनाना है।
आप डिजिटल इंडिया के अधिकारी वेबसाइट पर जा कर अपना आवेदन जमा कर सकते हैं और वहां से इसके विभिन्न योजनाओं और सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। आप अपने स्थानीय सरकारी निकायों से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
उम्मीद है कि आपको (डिजिटल इंडिया पर निबंध) Essay on Digital India in Hindi के संदर्भ में हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। निबंध लेखन के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
स्टडी अब्राॅड प्लेटफाॅर्म Leverage Edu में सीखने की प्रक्रिया जारी है। शुभम को 4 वर्षों का अनुभव है, वह पूर्व में Dainik Jagran और News Nib News Website में कंटेंट डेवलपर रहे चुके हैं। न्यूज, एग्जाम अपडेट्स और UPSC में करंट अफेयर्स लगातार लिख रहे हैं। पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद शुभम ने एजुकेशन के अलावा स्पोर्ट्स और बिजनेस बीट पर भी काम किया है। उन्हें लिखने और रिसर्च बेस्ड स्टोरीज पर फोकस करने के अलावा क्रिकेट खेलना और देखना पसंद है।
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हिंदी दिवस 2024 पर बड़े और छोटे निबंध स्कूली छात्रों और बच्चों के लिए
हिंदी दिवस पर निबंध: हिंदी, भारत की मातृभाषा है। यह सबसे अधिक बोली जाने वाली और सम्मानित भाषाओं में से एक है। छात्रों को नीचे दिए गए निबंधों को पढ़कर इसके बारे में अधिक जानना चाहिए। हिंदी दिवस 2024 पर 150 - 200 शब्दों का निबंध हिंदी में पाने के लिए इस लेख को पढ़ें।.
Hindi Diwas Par Nibandh: भारत में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक हिंदी भाषा को बढ़ावा देने और उसका जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन राष्ट्रीय एकता और विविध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देता है। इस अवसर पर, स्कूल, छात्रों को हिंदी और इसके महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए स्कूल प्राधिकारी और शिक्षक कार्यक्रम आयोजित करते हैं। स्कूल छात्रों को अधिक जानकार और खुद को अभिव्यक्त करने में आत्मविश्वासी बनाने के लिए निबंध लेखन और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं।
यहां आपको हिंदी दिवस पर निबंधों के कुछ उदाहरण मिलेंगे। ये हिंदी दिवस निबंध हिंदी में हैं, जिसका उद्देश्य हिंदी दिवस 2024 के लिए आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिताओं में छात्रों को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करना है। हिंदी दिवस निबंध 150-200 शब्दों के हैं। छात्रों के लिए हिंदी दिवस पर निबंध देखें।
- Hindi Diwas Essay in English
- Hindi Diwas Speech For Students
- Hindi Diwas Slogans
हिंदी दिवस पर 10 पंक्तियां (10 Lines on Hindi Diwas)
- हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है।
- यह भारत की राष्ट्रीय भाषा हिंदी को बढ़ावा देने और मनाने के लिए है।
- हिंदी भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- हिंदी भाषा का प्रयोग भारत में व्यापक रूप से किया जाता है।
- हिंदी दिवस पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
- इन कार्यक्रमों में कविता पाठ, नाटक, गायन आदि शामिल होते हैं।
- हिंदी दिवस का उद्देश्य लोगों को हिंदी भाषा के महत्व के बारे में जागरूक करना है।
- यह दिन हमें हिंदी भाषा का सम्मान करने और इसका उपयोग बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।
- हिंदी दिवस पर स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
- हिंदी भाषा का प्रयोग भारत के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (Essay on Hindi Diwas in Hindi)
हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (150 शब्द).
अधिकांश भारतीयों के लिए हिंदी एक भाषा नहीं बल्कि एक भावना है। 14 सितंबर इसी भावना को मनाने के लिए समर्पित दिन है। भारतीय इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं, क्योंकि यह देश की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में हिंदी को अपनाने की याद दिलाता है। इस दिन को इसलिए चुना गया क्योंकि यह ब्योहर राजेंद्र सिम्हा की जन्मतिथि है। वह एक प्रमुख हिंदी विद्वान थे और हिंदी को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते थे।
हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसकी लिपि देवनागरी है। यह भाषा विविध भाषाई और सांस्कृतिक परिदृश्य को एक साथ जोड़ने में एकीकृत भूमिका निभाती है। एक भाषा के रूप में हिंदी संचार के माध्यम के रूप में कार्य करती है जो लोगों और क्षेत्रों को जोड़ती है, राष्ट्रीय पहचान की भावना को बढ़ावा देती है।
हिंदी दिवस 2024 के अवसर पर हमें अपनी भाषा का सम्मान करने और इसके संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाने की शपथ लेनी चाहिए। हिंदी दिवस का उत्सव भाषाई और सांस्कृतिक बहुलवाद के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (200 शब्द)
हिंदी दिवस पर, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि भारत कई क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों के साथ भाषाई विविधता का देश है। हिंदी दिवस राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के रूप में हिंदी को कायम रखते हुए इस विविधता को संरक्षित और सम्मान करने की आवश्यकता की याद दिलाता है। हिंदी दिवस सिर्फ एक भाषा का उत्सव नहीं बल्कि भारत की विविधता में एकता का भी उत्सव है।
14 सितंबर इसी भावना को मनाने के लिए समर्पित दिन है। भारतीय इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं, क्योंकि यह देश की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में हिंदी को अपनाने की याद दिलाता है। इस दिन को इसलिए चुना गया क्योंकि यह ब्योहर राजेंद्र सिम्हा की जन्मतिथि है। वह एक प्रमुख हिंदी विद्वान थे और हिंदी को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते थे।
हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (250 शब्द)
14 सितंबर इसी भावना को मनाने के लिए समर्पित दिन है। भारतीय इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं, क्योंकि यह देश की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में हिंदी को अपनाने की याद दिलाता है। 26 जनवरी, 1950 को हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में अपनाया गया था, उसी दिन जब भारतीय संविधान लागू हुआ था। इस निर्णय को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया, जिसने अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी को भारत सरकार की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी, जिसका उपयोग एक संक्रमणकालीन अवधि के लिए किया जाना था।
14 सितंबर वह दिन है जब भारतीय हर साल हिंदी दिवस मनाते हैं। इस दिन को इसलिए चुना गया क्योंकि यह ब्योहर राजेंद्र सिम्हा की जन्मतिथि है। वह एक प्रमुख हिंदी विद्वान थे और हिंदी को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते थे।
हिंदी दिवस मनाने के और भी कई कारण हैं; आइए उन पर चर्चा करें। समय के साथ, आधुनिकीकरण के इस दौर में विकसित होने के साथ-साथ हमारा हिंदी का ज्ञान भी कम होता जा रहा है। इस प्रकार, हिंदी दिवस का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कारण हिंदी को एक भाषा के रूप में बढ़ावा देना है। दूसरा कारण राष्ट्र में भाषाई इकाइयों को बढ़ावा देना है। हिंदी दिवस का उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत और बहुभाषावाद को बढ़ावा देना भी है। इससे हम अपनी राष्ट्रीय पहचान, शिक्षा और साक्षरता की रक्षा कर सकते हैं। दार्शनिकों और महान शिक्षाविदों ने कहा है कि जो राष्ट्र अपनी भाषा का सम्मान और पालन नहीं करता, उसका विनाश आसान होता है। इस प्रकार, हमें अपनी विरासत को जीवित रखना चाहिए और अपनी भावी पीढ़ियों और उनकी जड़ों के ज्ञान को मजबूत करने के लिए इसका पालन करना चाहिए। आइए मिलकर इस हिंदी दिवस को मनाएं।
हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (500 शब्द)
हिंदी दिवस, भारत की राष्ट्रीय भाषा हिंदी को बढ़ावा देने और मनाने के लिए मनाया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जो हिंदी भाषा के महत्व और योगदान को उजागर करता है।
हिंदी दिवस का पहली बार मनाया जाना 1949 में हुआ था। उस समय, भारत की संविधान सभा ने हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था। हिंदी दिवस को मनाने का निर्णय इस महत्वपूर्ण अवसर को चिह्नित करने के लिए लिया गया था।
हिंदी भाषा भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह देश की विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों को जोड़ने में मदद करती है। हिंदी भाषा का व्यापक रूप से भारत में और दुनिया भर में उपयोग किया जाता है। यह शिक्षा, व्यापार, और सरकारी कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
हिंदी दिवस के अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में कविता पाठ, नाटक, गायन, और भाषण शामिल होते हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य हिंदी भाषा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को हिंदी भाषा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
हिंदी दिवस का भारत पर गहरा प्रभाव पड़ा है। यह हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है। हिंदी भाषा का उपयोग बढ़ने से देश की एकता और राष्ट्रीय पहचान को मजबूत करने में मदद मिली है। हिंदी भाषा का व्यापक उपयोग भारत के विकास और प्रगति में भी योगदान देता है।
यदि आपको 500 शब्दों का हिंदी दिवस निबंध दिया गया है, तो शब्द संख्या बढ़ाने के लिए उपरोक्त हिंदी दिवस निबंध में अधिक जानकारी जोड़ें। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिए गए हिंदी दिवस भाषण को देख सकते हैं। अपने निबंध में हिंदी दिवस के नारे जोड़ने से यह और अधिक आकर्षक हो जाएगा।
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- हिंदी दिवस पर निबंध में क्या शामिल करना चाहिए? + आप हिंदी का इतिहास, भारतीय संस्कृति में इसका महत्व और हिंदी सीखने और बोलने के फायदों के बारे में लिख सकते हैं। आप हिंदी भाषा से जुड़े अपने व्यक्तिगत अनुभवों या कहानियों को भी साझा कर सकते हैं।
- अपने हिंदी दिवस निबंध को आकर्षक कैसे बनाएं? + अपने विचारों को स्पष्ट करने के लिए उदाहरणों, कहानियों और उद्धरणों का उपयोग करें। अपनी भाषा को सरल और समझने में आसान रखें।
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यह एक प्रस्तावना है, जहां ऑनलाइन शिक्षा का अर्थ, महत्व, मूल्य और प्रभाव के बारे में कहा गया है। कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा को प्राथमिक
यह एक निबंध है, जो ऑनलाइन अध्ययन की प्रक्रिया को देखते हुए, मैं इससे होने वाले लाभ और नुकसान के तीन अलग-अलग शब्द सीमा के पर लिखा है। इस निबंध में कोविड-19 के ...
भगत सिंह पर निबंध 10 lines (Bhagat Singh Essay in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500, 600, शब्दों में; जीवन में मेरा उद्देश्य पर निबंध 200, 500, शब्दों मे (My Aim In Life Essay in Hindi) 10 lines
ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान Advantages and Disadvantages of Online Education in Hindi. शिक्षा व्यक्ति के विकास और समुदाय की समृद्धि के लिए योगदान का कार्य करती है ...
ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध 1 | Essay on Online Education in hindi 1. शिक्षा लोगों के जीवन का एक अभिन्न अंग है; यह उनके करियर के आधार पर या तो उन्हें बनाएगा या बिगाड़ देगा। शिक्षण ...
ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध | Essay On Online Education. हेलो दोस्तों, आज हमलोग इस लेख में ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध हिंदी में (Online Education essay in Hindi) पड़ेंगे जो कि आपको ...
अगर आपको इस निबंध से कुछ भी लाभ हुआ हो, तो इसे share करना ना भूले। ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद (Essay on online Education in Hindi)
यह एसे पर ऑनलाइन शिक्षा का अर्थ, महत्व, प्रकार, सुरक्षा, समानता, समर्थन और संक्रामित के समानता के साथ परिचित किया है। कोरोना वायरस के कारण पर ऑनलाइन ...
ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध Essay On Online Education In Hindi. एक दौर था, जब बच्चों को अध्ययन के लिए गुरु के पास भेजा जाता था. वह 24 वर्ष की आयु में पढ़ाई पूरी कर घर ...
Essay On Swachchh Bharat Abhiyan. Essay On International Women's Day. Essay On Importance Of Television मेरी प्रिय बसंत ऋतु पर निबन्ध My Favorite Game Essay Essay On My Village Essay on Effects of lockdown Essay on Lockdown in Hindi. Essay on Coronavirus or Covid-19. Essay on Soldiers in hindi
ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध- Online shiksha in Hindi Essay - online education in hindi essay. प्रस्तावना: ऑनलाइन शिक्षा वर्तमान युग में अत्यंत आवश्यक है, यह बात कोरोना काल में सिद्ध हो चुकी है ...
क्या ऑनलाइन लर्निंग शिक्षा का भविष्य है पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essays On Is Online Learning the Future Of Education in Hindi, Kya Online Learning Shiksha ka Bhavishya hai par Nibandh Hindi mein)
ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध 100, 250, 500 शब्दों में | Online Shiksha Essay in Hindi. Byvivek. वर्तमान समय में दुनिया डिजिटलाइज हो चुकी है जिसकी वजह से अब ज्यादातर सभी काम ...
Learn through pre-recorded courses Engage through our trainer-led community Download the Leverage IELTS App now. Study Abroad. Study in USA; Study in UK. Study in Ireland ... Essay On Eid In Hindi: ईद पर 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध Team Leverage Edu. अप्रैल 3, 2024;
जीवन में शिक्षक (teacher) का महत्व निबंध. स्कूली शिक्षा का महत्व निबंध. देश की उन्नति व प्रगति पर निबंध. शिक्षित बेरोजगारी पर निबंध. महान ...
यह एक हिंदी में निबंध है जो ऑनलाइन शिक्षा के कुछ फायदे और कुछ मूल्यांश को बताता है। लॉकडाउन में ऑनलाइन शिक्षा के मुश्किलों का सामना करने के लिए कुछ ...
ऑनलाइन शिक्षा के नुकसान : (Disadvantages of online education) 1. स्क्रीन पर पढ़ना सहज नहीं होता (पश्चिमी जगत के भी अधिकांश व्यक्ति कम्प्यूटर अथवा मोबाइल पर ...
कोरोना वायरस के कारण ऑनलाइन शिक्षा का महत्त्व बढ़ गया है, लेकिन सामाजिक असमानता और डिजिटल डिवाइड के कारण उसके प्राप्ति में बड़ी चुनौती है। यह पत्र ने ...
Online Learning Advantages/Advantages Of Online Classes In Hindi In Points/Online Classes Ke Fayde In Hindi/Online Learning Disadvantages Study Essay Paragraph Article In Hindi: लाकडाउन ने जिस चीज को सर्वाधिक प्रभावित किया, वह है-शिक्षा। प्राथमिक से लेकर उच्च ...
डिजिटल इंडिया का उद्देश्य, कार्यक्रम, सुरक्षा और समस्याएं पर हिंदी में पत्र लेखन सीखें। इस लेख में डिजिटल इंडिया के साथ-साथ समानता, सुरक्षा और ...
Essay on Digital India in Hindi : डिजिटल इंडिया पर 10 लाइन्स, डिजिटल इंडिया पर निबंध 100, 200 और 600 शब्दों में पढ़ें इस ब्लॉग में।
Drishti IAS के मॉडल निबंध पर पढ़ें, जिनमें गणित, कृषि, भारतीय संस्कृति, साइबर अपराध आदि के समानान पर लेखित हैं। परीक्षा के लिए मॉडल निबंध के पता पर क्लिक कर
हिंदी में निबंध (essay in Hindi) का मतलब, क्रिया, प्रकार, उद्धरण का महत्व और प्रायोजन के साथ पढ़ें। हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में हिंदी निबंध लेखन के साथ-साथ
Hindi Diwas Par Nibandh: भारत में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन ...