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मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

विद्यालय अर्थात विद्या का आलय या घर, मतलब वो स्थान जहां विद्या उपार्जन होता हो। हमारे संस्कारों में विद्या को देवी का स्थान दिया गया है और विद्यालय को ‘मंदिर’ की उपमा दी गयी है। मेरा विद्यालय एक ऐसा विषय है, जिस पर अक्सर निबंध आदि लिखने को दिया जाता रहता है। हमारी जिन्दगी का सबसे अहम समय हम अपने विद्यालय में ही बिताते है। विद्यालय से हमारी ढ़ेरो यादे जुड़ी रहती है। इसलिए विद्यालय सबकी जिन्दगी में बहुत मायने रखता है।

मेरा विद्यालय पर छोटे – बड़े निबंध (Short and Long Essay on My School in Hindi, Mera Vidyalaya par Nibandh Hindi mein)

मेरा विद्यालय पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

मेरा विद्यालय एक आदर्श विद्यालय है। मेरे विद्यालय में पठन पाठन उच्च स्तर का है। मेरे विद्यालय में शिक्षा के महत्त्व को समझते हुए, विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते है। मेरा विद्यालय सारी सुविधाओं से लैस है।

मेरे विद्यालय का स्थान

मेरे विद्यालय का नाम बाल निकेतन है। यह शहर की भीड़-भाड़ से दूर, बेहद शांत माहौल में विद्यमान है। इसके चारों ओर हरियाली ही हरियाली है। जिस कारण वातावरण शुध्द रहता है और हमें शुध्द वायु भी मिलती है। मेरा विद्यालय मेरे घर से थोड़ी ही दूरी पर है। मेरे विद्यालय का व्यास बहुत बड़ा है। इसके चारों तरफ सुंदर-सुंदर फूलों की क्यारियां लगी है।

पठन पाठन का तरीका

हमारे विद्यालय का परिणाम (रिजल्ट) प्रति वर्ष शत-प्रतिशत आता है। मेरे विद्यालय की गणना शहर के अच्छे स्कूलों में की जाती है। मेरे विद्यालय में हर वर्ष वार्षिकोत्सव होता है, जिसमें कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम कराये जाते हैं। जिसमें हर प्रतियोगिता में उत्तीर्ण बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है। मेरे विद्यालय में प्रायोगिक शिक्षा पर भी ध्यान दिया जाता है। हमारे शिक्षक हमारे भीतर कौशल के विकास पर भी ध्यान देते है।

हमारा और सरकार का यह दायित्व है की हमारा विद्यालय आदर्श विद्यालय बने। हमारे विद्यालय से आदर्श विद्यार्थी निकलने चाहिए, जो राष्ट्र को नई दिशा दे सके। 

निबंध 2 (400 शब्द) – विद्यालय की भूमिका

मेरा विद्यालय मुझे बहुत पसंद है। हमारा विद्यालय हमारे भविष्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी उपयोगिता कोई नज़रअंदाज नहीं कर सकता। विद्यालय ही है, जो हमें सामान्य से विशेष बनाता है। हमारी छिपी प्रतिभा को खोज निकालता है। हमारा स्वयं से साक्षात्कार कराता है।

विद्यालय की परिभाषा

विद्यालय अर्थात विद्या का आलय या घर। ऐसा स्थान जहां अध्ययन-अध्यापन के द्वारा शिक्षा प्रदान की जाती है।

विद्यालय की परिकल्पना

विद्यालय की परंपरा कोई नयी नहीं है। सदियों से हमारा देश ज्ञान का स्रोत रहा है। हमारे यहां आदिकाल से ही गुरुकुल परंपरा रही है। बड़े-बड़े राजा महाराजा भी अपना राजसी वैभव छोड़कर ज्ञान-प्राप्ति के लिए गुरुकुल जाते थे। यहा तक की ईश्वर के अवतार श्रीकृष्ण और श्रीराम भी पढ़ने के लिए गुरुकुल आश्रम गये थे। गुरू का स्थान ईश्वर से भी ऊपर होता है, संसार को ऐसी सीख दी।

विद्यालय की भूमिका

जिन्दगी का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है, हमारा बाल्यकाल। यही वो समय होता है जब हम केवल खुद के लिए जीते है। दोस्त बनाते हैं। दोस्तों के साथ हंसते है, रोते है। जीवन का असली आनंद अनुभव करते हैं। इन सब खुशी के पलों में हमारा विद्यालय हमारे साथ होता है।

कभी-कभी तो मां-बाप से ज्यादा नजदीकी हमारे शिक्षक हो जाते है। हमें हर कदम पर थामने और सम्भालने के लिए तैयार रहते है। मां-बाप के डर के कारण बहुत से बच्चे अपने शिक्षकों से ही अपनी परेशानियां बताते है। विद्यार्थी के जीवन को सही राह एक शिक्षक ही दिखाता है।

विद्यालय सरकारी और निजी दोनों प्रकार होते है। आजकल ऐसी लोगों की धारणा हो गयी है कि केवल निजी विद्यालयों में ही पढ़ाई होती है। यह धारण गलत है। इसी बात का लाभ ढ़ेरो  विद्यालय वाले उठाते है। हर माता-पिता अपने बच्चों को श्रेष्ठ शिक्षा देना चाहते है। किंतु सबकी हैसियत इतनी नहीं होती कि वो इन विद्यालयों की मोटी शुल्क राशि को भर सकें।

आजकल शिक्षा का व्यवसायीकरण हो गया है। सभी केवल अपनी जेब भरने में लगे है। बच्चों के भविष्य की किसी को चिंता नहीं है। दिन पर दिन शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। विद्यालय ही तो वो जरिया होता है, जहां से देश के भविष्य का सृजन होता है। सरकार ने इस संबंध में कई नियम बनाये हैं। किन्तु पालन तो आम जनता को ही करना है।

निबंध 3 (500 शब्द) – विद्यालय की विशेषताएं व प्रकार

मेरे विद्यालय का नाम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है। मेरे विद्यालय का परिसर काफी बड़ा है। मेरे विद्यालय में दो-दो मंजिल की चार इमारतें है। इसके चारों तरफ बड़े-बड़े पेड़ लगे हुए है। इसमें बड़े-बड़े पचास से भी ज्यादा कमरे है। हर कमरे में बड़ी-बड़ी खिड़कियां और दो-दो दरवाजे है। बड़े-बड़े तीन खेल के मैदान है। साथ में लगा हुआ बास्केट-बॉल कोर्ट भी है।

हमारे विद्यालय में पचास से ज्यादा शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं। सभी बहुत ही सहृदयी और मिलनसार है। बच्चों की हर संभव सहायता करते है।

विद्यालय की विशेषताएं

नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 (NCF 2005) और शिक्षा का अधिकार 2009 (RTE 2009) ने कुछ मानक तय कर रखे हैं, जिसके अनुसार ही विद्यालय की बनावट और वातावरण होना चाहिए। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 (NCF 2005) ने भारत में शिक्षा के स्तर में प्रोन्नति हेतु महत्वपूर्ण कदम उठायें हैं। जो बहुत कारगर भी सिध्द हुएं हैं। RTE 2009 ने विद्यार्थियों के समग्र विकास में विद्यालय की विशेष और महत्वपूर्ण भूमिका बतायी है। विद्यालय की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह बच्चों की हर छोटी-बड़ी आवश्यकताओं का ध्यान रखे।

मानक के अनुसार कुछ विशेषताएं अधोलिखित हैं-

  • शांत वातावरण होना चाहिए।
  • ट्रेंड टीचर्स होने चाहिए।
  • विद्यालय का बोर्ड परीक्षाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन होना चाहिए।
  • नियमित गृह कार्य दिया जाना चाहिए।
  • छात्र/छात्राओं के मूल्यांकन हेतु सतत मूल्यांकन पद्धति अपनायी जानी चाहिए।
  • स्वाध्याय हेतु एक पुस्तकालय एवं वाचनालय होना चाहिए।
  • अतिरिक्त पाठ्येतर गतिविधि पर बल देना चाहिए ।
  • विभिन्न विषयों में प्रतियोगी परीक्षाओं की व्यवस्था होनी चाहिए
  • अध्यापन हेतु कक्ष विशाल और हवादार होने चाहिए।
  • सी० बी० एस० ई० के निर्देशानुसार सत्र 2009 – 2010 से ही कक्षा 9 व् 10 में भी अंको के स्थान पर ग्रेडिंग व्यवस्था लागू कर दिया गया है, जिसका पालन होना चाहिए।
  • शीतल पेय-जल की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए ।
  • समुचित शौचालयों का प्रबंध होना चाहिए ।
  • शारीरिक, योग, नृत्य एवं संगीत शिक्षा की उचित व्यवस्था होनी चाहिए ।
  • छात्रो की अंतः क्रियाओं एवं मानसिक विकास हेतु वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि कराना चाहिए।
  • विद्यालय की वार्षिक पत्रिका छपनी चाहिए, जिसमें हर क्षेत्र के मेधावी बच्चों का उल्लेख होना चाहिए।
  • सभी कक्षाओं में स्मार्ट कक्षा की व्यवस्था होना चाहिए ।

विद्यालय के प्रकार

बचपन से बड़े होने तक हम अलग-अलग विद्यालयों में पढ़ते है। विद्यालयों के भी कई प्रकार होते हैं, जैसे

  • आंगनवाड़ी – आंगनवाड़ी में सामान्यतः छोटे बच्चों को बैठना और बाकी आधारभूत चीजें सिखाते हैं।
  • प्राथमिक विद्यालय – प्राथमिक पाठशाला में एक से पाँच तक की पढ़ाई होती है।
  • माध्यमिक विद्यालय – इस व्यवस्था में प्रथम से आठवीं तक की शिक्षा दी जाती है। कभी-कभी यह कक्षा छः से आठ तक भी होती है।
  • उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय – बारहवीं तक की शिक्षा यहां संपादित होती है।

विद्यालय में जब हमारा दाखिला होता है तो उस वक़्त हम नन्हें पौधे रहते हैं। हमारा विद्यालय ही हमे सींच कर बड़ा वृक्ष बनाता है। और इस दुनिया में रहने योग्य बनाता है। अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घड़ियां हम अपने विद्यालय में ही बिताते है। बड़े होने पर हम सबसे अधिक विद्यालय में बिताये लम्हों को ही याद करते हैं।

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FAQs: Frequently Asked Questions on My School (मेरा स्कूल पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- सन 1715 में, संत जॉर्ज एंग्लो-इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल, चेन्नई में है।

उत्तर- तक्षशिला

उत्तर- सन 1848 में सावित्री बाई फुले ने देश का पहला बालिका विद्यालय खोला था।

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मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

इस पोस्ट में हमने मेरा विद्यालय पर निबंध (Essay on My School in Hindi) हिन्दी में लिखा है। स्कूल के विद्यार्थी जो मेरी पाठशाला पर निबंध की खोज में हैं वे इस स्कूल पर सुंदर निबंध की मदद ले सकते हैं।

यह मेरी पाठशाला या मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi – Class 3, 4, 5, 7 मे अधिकतर पूछा जाता है।

Table of Content

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi (1000 Words)

विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहां लोग बहुत कुछ सीखते हैं और पढ़ते हैं। इसे ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। अपने विद्यालय या पाठशाला में हम सब जीवन का सबसे ज्यादा समय व्यतीत करते हैं जिसमे हम कई विषयों में शिक्षा लेते हैं ।

स्कूल में हमारे अध्यापक गण अपना ज्ञान हमें प्रदान कर सफलता पाने का सही रास्ता दिखाते हैं। आज इस लेख में मैंने मेरे विद्यालय पर बच्चों और विद्यार्थियों के लिए निबंध प्रस्तुत किया है।

मेरे विद्यालय का नाम और रूप Name and Structure of My School

मेरे विद्यालय का नाम अरविन्द पब्लिक स्कूल है। मेरा विद्यालय बहुत बड़ा और भव्य है, यह भुबनेश्वर में स्थित है।  यह तीन मंजिला है और इसकी  इमारत बहुत ही सुन्दर है। यह मेरे घर के पास शहर के केंद्र में स्थित है।

विद्यालय की दूरी कम होने के कारण मैं चलकर ही विद्यालय जाता हूं। मेरा विद्यालय पूरे राज्य में सबसे अच्छा और बड़ा है। मेरे विद्यालय के चारों ओर का स्थान बहुत शांतिपूर्ण और प्रदूषण से मुक्त है।

मेरे विद्यालय की सुविधाएँ Facilities in My School

सबसे नीचे विद्यालय में ऑडिटोरियम है जहां सभी वार्षिक कार्य और बैठकें संपन्न होती हैं। स्कूल में दोनों सिरों पर सीढ़ियां हैं, जो हमें हर एक मंजिल तक ले जाती हैं।

पहली मंजिल पर एक बड़ा पुस्तकालय है, जो कि पुस्तकों से अच्छी तरह से सुसज्जित है इसमें अनेक विषयों से संबंधित किताबे है। यहां पर वाद्य यंत्र की कक्षायें भी है इसके अलावा एक विज्ञान प्रयोगशाला है।

इसमें विज्ञान और वाणिज्य में 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए कक्षाएं हैं तथा नर्सरी के बच्चों के लिए भी यही कक्षायें बनायी गई है और दूसरी मंजिल पर एक कंप्यूटर प्रयोगशाला है, तथा यहाँ पर कक्षा पांच से दश तक के छात्र एवं छात्राओं की पढाई के लिए उत्तम व्यवस्था की गई है।

विद्यालय में पीने के पानी एवं शौचालय की भी उत्तम व्यवस्था है। शिक्षक सभी छात्रों के अंको और अन्य छात्रों से संबंधित बातों की पूर्ण जानकारी रखते है। विद्यालय में अलग-अलग कामों के लिये नौकर लगाये गये जो अपने-अपने कामों को नियम पूर्वक करते है।

जिसमें से एक रात्री के समय विद्यालय की देखभाल के लिये वहां रहता भी है। उसके लिए विद्यालय के किनारे पर एक छोटा सा घर बनाया गया है।  

हम सभी बच्चों के खेलने के लिए एक बड़ा खेल का मैदान है जहाँ कई झूले है और एक बड़ा बगीचा है जिसमें कई सारे फूल खिले रहते है, कई आम और अमरुद के बड़े-बड़े पेड़ लगे है। सभी कक्षाएं बहुत हवादार और खुली हुई हैं।

ड्राइंग रूम, म्यूजिक रूम, साइंस लेबोरेटरीज और ऑडियो वीडियो रूम भी हैं। हमारे विद्यालय में पांच हजार छात्र हैं। जिनमें 2000 लड़कियां और 3000 लड़के है। हमारे स्कूल के ज्यादातर छात्र ज्यादातर स्कूल इंटर-स्कूल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और उच्च स्थान लाते हैं और सभी गतिविधियों का समर्थन करते है।

मेरे स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक Principal and Teachers of My School

हमारी प्रधानाचार्या श्रीमति कल्पना जी बहुत दयालु महिला हैं। हमारे स्कूल में, 90 शिक्षक हैं , जो हमें ज्ञान देते हैं। और हमें प्यार भी करते है। विभिन्न गतिविधियों और कार्यों को साल भर आयोजित किया जाता है। मुझे अपने स्कूल पर बहुत गर्व है।

मैं अपने स्कूल से प्यार करता हूं और सम्मान करता हूं। मेरे विद्यालय की कई अलग अलग शहरों में शाखाएं है। मेरे विद्यालय पीले रंग से रंग किया गया है। यह पीला रंग आँखों को लुभाता है इस कारण मेरा विद्यालय दूर से ही सबसे अनोखा दिखाई पड़ता है।

प्रिंसिपल ऑफिस, हेड ऑफिस, क्लर्क रूम, स्टाफ रूम और आम स्टडी रूम सबसे नीचे बने हुये हैं। स्कूल कैंटीन, स्टेशनरी की दुकान, शतरंज कक्ष, और स्केटिंग हॉल भी जमीन तल पर स्थित हैं। स्कूल के प्रधानाचार्या ऑफिस के सामने मेरे स्कूल में दो बड़ी सीमेंट वाली बास्केटबाल कोर्ट हैं जबकि फुटबॉल मैदान इसके दूसरे तरफ है। मेरे स्कूल में एक छोटा हराभरा उद्यान भी है, जो मुख्य कार्यालय के सामने, रंगीन फूलों और सजावटी पौधों से भरा है जो पूरे स्कूल परिसर की सुंदरता बढ़ाता है।

मेरे विद्यालय में शिक्षा व उत्सव Education and Celebrations in My School

मेरे स्कूल के अध्ययन मानदंड बहुत ही रचनात्मक हैं जो हमें किसी भी कठिन विषय को आसानी से समझने में मदद करते हैं। हमारे शिक्षक हमें बहुत ईमानदारी से सब कुछ सिखाते हैं और हमें व्यावहारिक रूप से ज्ञान भी देते हैं।

मेरे विद्यालय में साल के सभी महत्वपूर्ण दिन जैसे खेल दिवस , शिक्षक दिवस , मातृ-पितृ दिवस , बाल दिवस , सालगिरह दिवस, संस्थापक दिवस, गणतंत्र दिवस , स्वतंत्रता दिवस , क्रिसमस दिवस , मातृ दिवस, वार्षिक समारोह, नव वर्ष , गांधी जयंती, आदि एक भव्य तरीके से मनाये जाते है।

मेरा विद्यालय उन छात्रों को बस सुविधा प्रदान करता है जो बच्चे स्कूल से बहुत दूर रहते हैं। सभी छात्र सुबह खेल के मैदान में इकट्ठे होते हैं और सुबह की प्रार्थना करते हैं और फिर सभी अपनी कक्षाओं में जाते हैं।

मेरा स्कूल हर साल लगभग 2000 छात्रों को नर्सरी कक्षा में प्रवेश प्रदान करता है। मेरे विद्यालय में विभिन्न विषयों जैसे गणित, अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, जीके, इतिहास, भूगोल, विज्ञान, चित्रकला, खेल और शिल्प इत्यादि के लिए अलग-अलग अध्यापक हैं।

मेरे विद्यालय में पाठ्यक्रम गतिविधियाँ Curriculum activities in My School

हमारे विद्यालय में तैराकी, स्काउटिंग, एनसीसी, स्कूल बैंड, स्केटिंग, गायन, नृत्य इत्यादि कई सह-पाठ्यचर्या गतिविधियाँ हैं। विद्यालय के मानदंडों के अनुसार कक्षा शिक्षक द्वारा अनुचित व्यवहार और अनुशासित गतिविधियों वाले छात्रों को दंडित भी किया जाता है।

हमारे प्रधानाचार्या हमारे चरित्र निर्माण, शिष्टाचार, नैतिक शिक्षा, अच्छे मूल्यों को प्राप्त करने और दूसरों का सम्मान करने के लिए 10 मिनट के लिए मीटिंग हॉल में प्रतिदिन प्रत्येक छात्र की कक्षाएं लेते हैं। इस तरह मेरी प्रधानाचार्या एक अच्छी शिक्षक भी है।

विद्यालय जाने का समय My School Time

विद्यालय जाने का समय सुबह 7:30 से 2:30 गर्मियों में और सर्दियों में 9:30 से 4:30 तक है। सभी छोटे बच्चों और बड़े बच्चों के लिये छुट्टी होने पर स्कूल से निकलने का अलग-अलग रास्ता है ताकि छोटे बच्चों को बाहर निकलने में कोई परेशानी न हो।

मेरा विद्यालय पर 10 लाइन 10 Lines on My School in Hindi

  • मेरा विद्यालय बहुत ही सुन्दर है।
  • मेरा विद्यालय ज्ञान का मंदिर है।
  • मेरे स्कूल में सभी प्रकार की शिक्षा और पाठ्यक्रम गतिविधियों की सुविधाएँ है।
  • मेरे विद्यालय में कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों को शिक्षा दी जाती है।
  • मेरे विद्यालय में बहुत बड़ा खेलने का मैदान है जिसमे बच्चे फुटबॉल और क्रिकेट भी आसानी से खेल सकते हैं।
  • मेरे विद्यालय में शिक्षा बहुत ही अच्छे प्रिंसिपल और शिक्षक हैं।
  • मेरे स्कूल में सभी प्रकार के खेल-कूद की ट्रेनिंग दी जाती है।
  • स्कूल में कई प्रकार के प्रतियोगिताओं का आयोजन समय-समय पर किया जाता है।
  • मेरा विद्यालय बहुत ही साफ़-सुथरा है क्योंकि यहाँ स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत सफाई पर बहुत ध्यान दिया जाता है।
  • हर साल मेरे विद्यालय के सभी छात्र और अध्यापक पिकनिक मनाने जाते हैं।

निष्कर्ष Conclusion

हमारे विद्यालय के शिक्षक बहुत ही अनुभवी और योग्य है। शिक्षकों और हमारी प्राचार्या के नेतृत्व में हमारा विद्यालय लगातार उन्नति कर रहा है।  आशा करते हैं आपको मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi हिन्दी में अच्छा लगा होगा।

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नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

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  • Hindi Grammar /

Mera School Essay in Hindi: कुछ ऐसे लिखें परीक्षा में मेरे स्कूल पर निबंध

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  • Updated on  
  • दिसम्बर 20, 2023

Mera School Essay In Hindi

विद्यार्थियों को अपने स्कूली जीवन में मेरा स्कूल विषय पर निबंध दिया जाता है। क्योंकि अपने स्वयं के स्कूल के बारे में लिखने से छात्रों को अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करने का मौका मिलता है। इससे वे स्कूल के माहौल के साथ अपने व्यक्तिगत जुड़ाव पर विचार करने के लिए भी प्रोत्साहित होते हैं। इसके साथ ही मेरा स्कूल विषय पर निबंध लेखन से विद्यार्थियों में संचार कौशल विकसित करने में मदद मिलती है। Mera School Essay in Hindi के बारे मैं जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

मेरा स्कूल पर निबंध 100 शब्दों में, मेरा स्कूल पर निबंध 200 शब्दों में, मेरा स्कूल में पहली पसंद, मेरे स्कूल में मिलने वाली शिक्षा का स्तर, मेरे स्कूल पर 10 लाइन्स.

स्कूल हमें जिम्मेदार नागरिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अच्छे शिक्षकों के द्वारा अक्सर अच्छे छात्र तैयार किए जाते हैं। मेरे भी उत्कृष्ट शिक्षक हैं और वे एकेडमिक्स के साथ खेल और अन्य गतिविधियों में भी हमारी सहायता करते हैं।  

ये शिक्षक हमारे स्कूल की नींव की तरह हैं, जो हमें मूल्यवान सबक देते हैं जिन्हें हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग कर सकते हैं। स्कूल में हम न केवल गणित और विज्ञान जैसे विषयों के बारे में सीखते हैं बल्कि अपने दोस्तों के साथ सहयोग करने के बारे में भी सीखते हैं। 

हमारे स्कूल में विभिन्न विषयों के लिए अलग-अलग कक्षाएँ हैं, और पढ़ाई और पाठ्येतर गतिविधियों दोनों को समान महत्व दिया जाता है। यह हमें न केवल शैक्षणिक रूप से बल्कि एक जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में विकसित होने में मदद करता है।

यह भी पढ़ें : परीक्षा में ऐसे लिखें मेरा देश पर निबंध

Mera School Essay in Hindi 200 शब्दों में नीचे दिया गया है:

मेरा स्कूल एक जादुई जगह है जहाँ पढ़ना एक रोमांच जैसा लगता है। हर दिन, मैं अपने दोस्तों और शिक्षकों से मुस्कुराहट के साथ स्कूल में मिलता हूं। मेरे स्कूल की इमारत बहुत ऊँची है, सभी कक्षाएं रंगीन हैं, जहां पढ़ने में और भी अधिक आनंद आता है।

सुबह में, हम असेंबली एरिया में इकट्ठा होते हैं, जहां झंडा गर्व से फहराता है और हम उत्साह के साथ राष्ट्रगान गाते हैं।  कक्षाएँ खज़ाने की पेटी की तरह होती हैं, प्रत्येक में ज्ञान का एक नया टुकड़ा होता है जो खोजे जाने की प्रतीक्षा कर रहा होता है। शिक्षक जादूगरों की तरह हैं, जो संख्याओं, शब्दों और विज्ञान की दुनिया में हमारा मार्गदर्शन करते हैं।

ब्रेक के दौरान मेरे स्कूल का मैदान मौज-मस्ती और खेल की जगह बन जाता है। मित्र कहानियाँ साझा करते हैं और वातावरण हँसी से भर जाता है। कैफेटेरिया एक जादुई रसोईघर है जहां स्वादिष्ट सुगंध हवा में फैलती है और हम प्यार से भरे दोपहर के भोजन का आनंद लेते हैं।

मेरा स्कूल सिर्फ सीखने की जगह नहीं है; यह एक परिवार है। हम त्यौहार मनाते हैं, खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और साथ मिलकर नाटक प्रस्तुत करते हैं।  दीवारें हमारी कलाकृति से सजी हैं और बुलेटिन बोर्ड हमारी उपलब्धियों की कहानी बताते हैं।

जैसे ही दिन के अंत में छुट्टी के समय घंटी बजती है, मैं ज्ञान से भरा बैग और यादों से भरा दिल लेकर निकल पड़ता हूँ।  मेरा स्कूल सिर्फ एक इमारत से कहीं अधिक है;  यह एक ऐसी जगह है जहां सपने उड़ान भरते हैं और दोस्ती बनती है।

मेरा स्कूल पर निबंध 500 शब्दों में

Mera School Essay in Hindi 500 शब्दों में नीचे दिया गया है:

शिक्षा हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो हमें दूसरों से अलग करती है और स्कूल इस आवश्यक यात्रा का शुरुआती बिंदु हैं। वे पहली जगह हैं जहां हम सीखना शुरू करते हैं, अपनी शिक्षा की नींव रखते हैं।  अपने स्कूल के बारे में इस निबंध में, मैं बताऊंगा कि मुझे यह क्यों पसंद है और इसने मुझे क्या महत्वपूर्ण सबक सिखाए हैं।

हम सभी ने स्कूल जाने की खुशी का अनुभव किया है, वहां बिताए हर पल को संजोकर रखा है क्योंकि वे हमारे जीवन की आधारशिला हैं। स्कूल वह जगह हैं जहां हमें शिक्षा की पहली चिंगारी मिलती है, हम न केवल शैक्षणिक विषयों को सीखते हैं बल्कि जीवन के बुनियादी सिद्धांतों को भी सीखते हैं, कैसे बढ़ें और फलें-फूलें। वे हमारे अंदर ऐसे मूल्य और सिद्धांत स्थापित करते हैं जो बच्चे के विकास का मूल आधार बनते हैं।

मेरा स्कूल मेरे लिए दूसरे घर की तरह है, जहाँ मैं अपना काफी समय बिताता हूँ। यह व्यक्तिगत विकास के लिए एक मंच प्रदान करता है और मेरे व्यक्तित्व को आकार देने में मदद करता है। मैं खुद को शहर के सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक का हिस्सा होने के लिए भाग्यशाली मानता हूं, जिसमें कई चीज़ें हैं जो मेरे शैक्षिक अनुभव को बढ़ाती हैं। 

किंडरगार्टन से शुरू करके प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय और फिर बारहवीं कक्षा तक की हमारी यात्रा तक, स्कूल एक ऐसा स्थान बन जाता है जहां हम न केवल पढ़ते हैं बल्कि बढ़ते हैं, खुद को स्थापित करते हैं, मेलजोल बढ़ाते हैं, दूसरों से दोस्ती करते हैं, मदद की पेशकश करते हैं और प्यार का अनुभव करते हैं। यह एक निरंतर साथी की तरह है जो हमारे शुरुआती वर्षों से लेकर जीवन के अंत तक हमारे साथ रहता है। स्कूल में हम सभी खुशी से पढ़ते हैं, सभी दोस्त एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं, खुशी के पल बांटते हैं और साथ मिलकर नए कार्यों और उत्सावों के लिए तैयार रहते हैं।

मेरा स्कूल आधुनिक शिक्षा को क्लासिक वास्तुकला के साथ खूबसूरती से जोड़ता है। पुरानी इमारतें न केवल देखने में आश्चर्यजनक हैं; वे नए उपकरणों से सजी हैं। मैं अपने स्कूल को शिक्षा के एक स्तंभ के रूप में देखता हूं, जो मुझे ज्ञान और नैतिक मूल्य दोनों प्रदान करती हैं।

किसी स्कूल की पहचान बनाने में शिक्षण स्टाफ का बहुत महत्व होता है। वे किसी भी शैक्षिक समुदाय की रीढ़ होते हैं, छात्रों को सीखने और समझने के लिए मार्गदर्शन करते हैं, अच्छी आदतें और मूल्य पैदा करते हैं।

मेरा स्कूल हमारे शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के साथ छात्रों के समग्र विकास को प्राथमिकता देता है। यह एक्स्ट्रा कैरिकुलर एक्टिविटीज के लिए एक सहायक वातावरण प्रदान करता है, यहां प्रत्येक छात्र पर ध्यान दिया जाता है, साथ ही यह आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है।

जो चीज़ मेरे स्कूल को असाधारण बनाती है, वह इसकी मान्यता है कि हर एक जगह खास है। मेरे स्कूल में एक पुस्तकालय, कंप्यूटर कक्ष, खेल का मैदान और बास्केटबॉल कोर्ट जैसी सुविधाएं हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि छात्रों के पास उनकी ज़रूरत की हर चीज़ हो।

मेरे लिए, मेरा स्कूल एक शैक्षणिक संस्थान से बढ़कर है; यह मेरा दूसरा परिवार है। अद्भुत मित्रों, उत्कृष्ट शिक्षकों और स्कूल की यादों से भरपूर परिवार। मुझे अपने स्कूल से प्यार है क्योंकि यहीं मैं एक अच्छा नागरिक बनना और अपने लक्ष्यों को हासिल करना सीखता हूं।  यह एक ऐसी जगह है जहां दोस्ती बिना किसी निर्णय के बनाई जाती है और करीबी दोस्तों के साथ समय बिताना आरामदायक लगता है, चाहे स्थिति कोई भी हो।

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मेरे स्कूल ने ऐसे पाठ पढ़ाए हैं जो इतने मूल्यवान हैं कि मैं उन्हें एक वाक्य में प्रस्तुत नहीं कर सकता। यहां की सीख अपूरणीय हैं, और मैं उनके लिए अविश्वसनीय रूप से आभारी हूं। उदाहरण के लिए दोस्तों के साथ चीज़ें बांटना और अन्य लोगों के प्रति प्रेम भावना। यहीं पर मैंने जानवरों की सहायता करना सीखा और बाद में इसी प्रेम के चलते मैने एक पालतू जानवर भी गोद लिया। 

स्कूल न केवल शैक्षणिक ज्ञान के बारे सिखाते हैं; 

मेरा स्कूल हमें एक ज़िम्मेदार व्यक्ति बनने के लिए भी प्रेरित करता है। मैने यहां बहुत सारे कौशल सीखे जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों चर्चा या घरेलू कार्यों का प्रबंधन करना, मुश्किल की परिस्थिति में धैर्य से काम करना ये सभी वास्तविक दुनिया में आवश्यक हैं। 

कार्यों में नए विचारों को अपनाना और ज़रूरत पड़ने पर उनका प्रयोग करना, जिससे मुझे ग्रेड से परे अपनी कार्य क्षमता के बारे में सिखाया गया।

विद्यार्थियों के प्रति समर्पित शिक्षकों की बदौलत स्कूल के माहौल में कलात्मक कौशल विकसित हुआ। इससे मुझे अंतर-स्कूल प्रतियोगिताओं में भाग लेने और पुरस्कार अर्जित करने का मौका मिला। सबसे अधिक महत्वपूर्ण में अपने स्कूल में असफलता का सामना और अपनी महत्वाकांक्षाओं को कभी न छोड़ने के बारे में सीखा। 

स्काउट्स और गाइड्स से लेकर खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों तक पाठ्येतर गतिविधियों ने मेरे स्कूल के अनुभव को समृद्ध किया। शिष्टाचार, चरित्र विकास और नैतिक शिक्षा पर हमारे प्रिंसिपल के दैनिक व्याख्यान ने मेरे मूल्यों को आकार दिया।  मैं आज जो भी हूं उसका श्रेय अपने स्कूल को देता हूं, इसे सर्वश्रेष्ठ संस्थान मानता हूं।

स्कूल का एक और महत्वपूर्ण सबक टीम वर्क है। यह अक्सर पहली जगह होती है जहां बच्चे अपने से भिन्न लोगों के साथ सहयोग करना सीखते हैं। यह समझना कि टीम की सफलता प्रत्येक व्यक्ति के योगदान पर निर्भर करती है, छात्रों में स्थापित एक बुनियादी सिद्धांत है, जो उन्हें टीम में मिलकर और व्यक्तिगत उपलब्धियों दोनों के लिए तैयार करता है।

संक्षेप में कहूं तो, एक प्रतिष्ठित स्कूल का हिस्सा बनना मेरे लिए एक जबरदस्त व्यक्तिगत विकास यात्रा रही है। मेरे चरित्र को ढालने और अमूल्य शिक्षाएँ प्रदान करने के लिए मैं अपने विद्यालय का बहुत आभारी हूँ। जो मित्रताएं बनीं और असाधारण शिक्षकों का मार्गदर्शन वे खजाने हैं जिन्हें मैं हमेशा संजो कर रखूंगा। मेरा लक्ष्य अपने स्कूल द्वारा स्थापित मूल्यों को बनाए रखना, जीवन में सफल होने का प्रयास करना और उस संस्थान को सम्मान दिलाना है जिसने आज मैं जो कुछ भी हूं उसे आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

Mera School Essay in Hindi पर 10 लाइन्स नीचे दी गई है:

  • मेरा स्कूल हमारे क्षेत्र में प्रसिद्ध है, स्थानीय लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता और उच्च प्रतिष्ठा के लिए जाना जाता है।
  • स्कूल की इमारत विशाल है, हरियाली से सुसज्जित है, एक विशाल और सौंदर्य की दृष्टि से मनभावन वातावरण बनाती है।
  • एक विस्तृत खेल का मैदान विभिन्न बाहरी गतिविधियों और खेलों में शामिल होने के लिए पर्याप्त जगह प्रदान करता है।
  • शारीरिक शिक्षा सत्र साप्ताहिक रूप से आयोजित किए जाते हैं, जो हमारी समग्र फिटनेस और कल्याण में योगदान करते हैं।
  • स्कूल में अच्छे शिक्षक हैं जो एक सहायक और देखभाल करने वाला सीखने का माहौल बनाते हैं।
  • मैं स्कूल में कई दोस्तों के साथ आनंददायक पल साझा करता हूं, जहां हम एक साथ खेलते और पढ़ते हैं, जिससे सौहार्द की मजबूत भावना को बढ़ावा मिलता है।
  • स्कूल की व्यापक लाइब्रेरी पुस्तकों का विविध संग्रह प्रदान करती है, जो सीखने के लिए एक मूल्यवान संसाधन प्रदान करती है।
  • अच्छी तरह से सुसज्जित विज्ञान और सामाजिक विज्ञान प्रयोगशालाएँ हमारी व्यावहारिक समझ और प्रयोग को बढ़ाती हैं।
  • स्कूल सांस्कृतिक विविधता और एकता को बढ़ावा देते हुए कई राष्ट्रीय और धार्मिक त्योहारों को उत्साहपूर्वक मनाता है।
  • स्कूल में हर दिन एक खुशी है क्योंकि मैं नई चीजें सीखने और अपने ज्ञान का विस्तार करने के अवसर का उत्सुकता से स्वागत करता हूं।

स्कूल जीवन के ऐसे पाठ प्रदान करता है जो शिक्षा से परे है इसलिए प्रत्येक बच्चे के लिए स्कूल जाना महत्वपूर्ण है स्कूल हम सभी को शिक्षा के साथ ऐसा अनुभव प्रदान करता है, जो सामाजिक कौशल, पाठ्येतर गतिविधियाँ और मूल्यवान जीवन सबक भी प्रदान करता है।

स्कूल बुनियादी ज्ञान और कौशल प्रदान करता है, जिसमें बुनियादी शिक्षा और कला और सार्वजनिक बोलने जैसी प्रतिभाओं का विकास शामिल है। सबसे बढ़कर, यह छात्रों में अनुशासन पैदा करता है, भविष्य की सफलता के लिए उनके चरित्र को आकार देता है।

मेरा स्कूल अपनी उत्कृष्ट प्रतिष्ठा, विशाल और सुंदर परिसर, समर्पित शिक्षकों और समग्र विकास में योगदान देने वाली पाठ्येतर गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए जाना जाता है।

मेरे स्कूल में हर सप्ताह एक बार शारीरिक शिक्षा कक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जिसमें समग्र फिटनेस और कल्याण बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया जाता है।

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मेरा विद्यालय पर निबंध

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By विकास सिंह

my school essay in hindi

एक स्कूल एक संस्था है, जो या तो सरकारी या निजी निकाय द्वारा संचालित है, सभी आयु वर्ग के छात्रों को व्यवस्थित और अनुशासित तरीके से शिक्षा प्रदान करने के लिए यह संस्था कार्य करती है।

मेरा विद्यालय पर निबंध, my school essay in hindi (100 शब्द)

मेरा स्कूल चार मंजिला इमारत है। यह एक मंदिर की तरह है जहां हम रोजाना पढ़ाई करने जाते हैं। सुबह-सुबह सबसे पहले हम अपने बेहतर अध्ययन के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं और अपने क्लास टीचर को गुड मॉर्निंग कहते हैं। फिर हम अपने पाठ्यक्रम के अनुसार अध्ययन शुरू करते हैं।

मुझे रोजाना स्कूल जाना पसंद है। मेरे विद्यालय में बहुत कठोर अनुशासन है जिसका हमें नियमित रूप से पालन करने की आवश्यकता है। मुझे अपनी स्कूल ड्रेस बहुत पसंद है। यह मेरे मीठे घर से लगभग 2 किमी दूर स्थित है। मैं पीले स्कूल की बस से स्कूल जाता हूँ। मेरा स्कूल शहर के प्रदूषण, शोर, धूल, शोर और धुएं से रहित बहुत ही शांत जगह पर है।

मेरा विद्यालय पर निबंध, my school essay in hindi (150 शब्द)

school

मेरा विद्यालय लाल रंग की तीन मंजिला इमारत में बहुत उत्कृष्ट है। मुझे उचित वर्दी में दैनिक आधार पर स्कूल जाना पसंद है। मेरा क्लास टीचर बहुत दयालु है और हमें स्कूल अनुशासन का पालन करना सिखाता है। मेरा स्कूल बहुत अच्छी जगह शहर की सभी भीड़ और शोर से दूर है।

मेरे स्कूल के मुख्य द्वार के पास दो छोटे हरे बाग हैं जहाँ बहुत सारे रंग-बिरंगे फूलों के बिस्तर, घास के लॉन, फलों के पेड़ और दो खूबसूरत बौछारें हैं।मेरे स्कूल में बहुत सारी सुविधाएं हैं जैसे एक कंप्यूटर लैब, दो साइंस लैब, एक बड़ी लाइब्रेरी, एक सामान्य पढ़ने का कमरा, एक बड़ा खेल का मैदान, एक अच्छा स्टेज और एक स्थिर दुकान।

मेरे स्कूल में 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए नर्सरी की कक्षाएं हैं। मेरे स्कूल में पुरुषों और महिलाओं सहित लगभग सात उच्च योग्य शिक्षक, 20 हेल्पर्स, एक प्रिंसिपल और 10 गेट कीपर हैं। मेरे शिक्षक हमें बहुत विनम्रता से पढ़ाते हैं और हमें बहुत ही रचनात्मक और आकर्षक तरीके से विषयों को सीखाते हैं।

मेरा स्कूल पर निबंध, essay on my school in hindi (250 शब्द)

school

स्कूल सीखने का मंदिर है और पेशेवर और सामाजिक जीवन के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। मेरा स्कूल दान की गई धन की मदद से 1990 में दान की गई भूमि पर स्थापित किया गया था। मेरे स्कूल का माहौल बहुत सुखद है और स्कूल का माहौल बहुत साफ और आकर्षक है।

मेरा स्कूल भवन खेल के मैदान के केंद्र में स्थित है। स्कूल के एक तरफ एक बड़ा बगीचा है जिसमें छोटे तालाब हैं। इस तालाब में कई रंगीन मछलियाँ और अन्य पानी के जानवर हैं। मेरा स्कूल चार मंजिला इमारत है जिसमें 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए नर्सरी की कक्षाएं हैं।

मेरे स्कूल में एक बड़ी लाइब्रेरी, प्रिंसिपल ऑफिस, हेड ऑफिस, क्लर्क ऑफिस, एक साइंस लेबोरेटरी, एक कंप्यूटर लैब, एक कॉमन स्टडी रूम, एक बड़ी लॉबी, टीचर कॉमन रूम, एक बड़ा स्पोर्ट्स ग्राउंड, लड़कियों और लड़कों के लिए एक अलग हॉस्टल है। स्कूल परिसर।

मेरे स्कूल में उच्च योग्य और अनुभवी शिक्षक हैं जो हमें बहुत प्रभावी और रचनात्मक तरीके से पढ़ाते हैं। मेरे स्कूल में लगभग एक हजार छात्र हैं जो हमेशा स्कूल के बाहर या स्कूल के अंदर आयोजित प्रतियोगिताओं में उच्च रैंक प्राप्त करते हैं। हम सभी उचित वर्दी में स्कूल जाते हैं। हमारे पास दो प्रकार की वर्दी है, एक समान वर्दी और दूसरी घर की वर्दी।

मेरे स्कूल की समयावधि सुबह 7.50 बजे और गर्मियों के मौसम में दोपहर में 1.30 बजे और सुबह 8.50 बजे और सर्दियों के मौसम में शाम को 3.30 बजे शुरू होती है। हम रोज़ाना कुछ समय के लिए लाइब्रेरी जाते हैं जहाँ हम अपने कौशल और सामान्य ज्ञान को बढ़ाने के लिए रचनात्मक किताबें और अखबार पढ़ने का अभ्यास करते हैं।

मेरा स्कूल पर निबंध, essay on my school in hindi (300 शब्द)

मेरा विद्यालय मेरे घर से लगभग 1 किमी दूर स्थित है। यह बहुत साफ और शांतिपूर्ण दिखता है। मेरा स्कूल एक मंदिर की तरह है जहाँ हम रोज़ जाते हैं, भगवान से प्रार्थना करते हैं और एक दिन में 6 घंटे पढ़ाई करते हैं। मेरे स्कूल के अध्यापक बहुत ही सराहनीय हैं क्योंकि वे सभी को बहुत ही संयम के साथ सिखाते हैं।

मेरे स्कूल में अध्ययन, स्वच्छता और वर्दी के सख्त मानदंड हैं। मुझे रोज़ाना स्कूल जाना पसंद है क्योंकि मेरी माँ कहती है कि रोज़ाना स्कूल जाना और सभी अनुशासन का पालन करना बहुत आवश्यक है। स्कूल शिक्षा का एक मंदिर है जहाँ हम बहुत रचनात्मक रूप से सीखने की प्रक्रिया में शामिल होते हैं। हम अपने अध्ययन के साथ अन्य चीजों को भी सीखते हैं जैसे अनुशासन, शिष्टाचार, अच्छा व्यवहार, समय की पाबंदी और कई अन्य शिष्टाचार।

मेरे विद्यालय का वातावरण अद्भुत है जहाँ बहुत सारे प्राकृतिक दृश्य और हरियाली उपलब्ध हैं। एक बड़ा बगीचा और तालाब है जिसमें मछली, मेंढक, रंग-बिरंगे फूल, पेड़, सजावटी पेड़, हरी घास आदि हैं। अन्य चीजें जैसे बड़े प्ले ग्राउंड, स्कूल के चारों ओर बड़े खुले स्थान मेरे स्कूल को एक प्राकृतिक सुंदरता देते हैं।

यहां क्रिकेट नेट, बास्केट बॉल कोर्ट और स्केटिंग ग्राउंड की भी सुविधा है। मेरा स्कूल सीबीएसई बोर्ड के मानदंडों का पालन करता है। मेरा विद्यालय नर्सरी से 12 वीं कक्षा तक के छात्रों को कक्षाओं की सुविधा प्रदान करता है। मेरे स्कूल के प्रिंसिपल स्कूल के अनुशासन, स्वच्छता और स्वच्छता के बारे में बहुत सख्त हैं।

मेरा विद्यालय उन छात्रों को बस सुविधा प्रदान करता है जो विद्यालय से दूर स्थित हैं। सभी छात्र सुबह खेल मैदान में इकट्ठा होते हैं और मॉर्निंग प्रेयर करते हैं और फिर अपने-अपने क्लास रूम में पहुंच जाते हैं। मेरा स्कूल हर साल नर्सरी कक्षा (लगभग 2000) छात्रों को प्रवेश प्रदान करता है।

मेरे पास अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग-अलग शिक्षक हैं जैसे पीटी, मैथ्स, अंग्रेजी, हिंदी, जी.के., संगीत, नृत्य, पेंटिंग और ड्राइंग। मेरे स्कूल में एक बड़ा पुस्तकालय, स्टेशनरी की दुकान और स्कूल परिसर के अंदर कैंटीन है। मेरा स्कूल हर साल सभी कक्षाओं के लिए एक वार्षिक समारोह आयोजित करता है जिसमें हमें भाग लेना चाहिए।

मेरी पाठशाला पर निबंध, my school essay in hindi (400 शब्द)

मेरा स्कूल बहुत भव्य है, जिसमें तीन मंजिला प्रभावशाली ढंग से संरचित इमारत और शहर के केंद्र में स्थित है। यह मेरे घर से लगभग 3 किमी दूर स्थित है और मैं बस से स्कूल जाता हूँ। मेरा स्कूल राज्य के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में से एक है जहाँ मैं रहता हूँ। यह बिना किसी प्रदूषण, शोर और धूल के बहुत शांतिपूर्ण जगह पर स्थित है।

स्कूल की इमारत के दोनों सिरों पर दो सीढ़ियाँ हैं जो हमें हर मंजिल तक ले जाती हैं। इसमें पहली मंजिल पर अच्छी तरह से सुसज्जित और बड़ी लाइब्रेरी, अच्छी तरह से इंस्ट्रूमेंटेड साइंस लैब और एक कंप्यूटर लैब है। भूतल पर एक स्कूल सभागार है जहाँ सभी वार्षिक कार्य, बैठकें, पीटीएम, नृत्य प्रतियोगिताएं होती हैं।

प्रधान कार्यालय, क्लर्क कक्ष, स्टाफ रूम और सामान्य अध्ययन कक्ष भूतल पर स्थित हैं। स्कूल की कैंटीन, स्टेशनरी की दुकान, शतरंज का कमरा और स्केटिंग हॉल भी भूतल पर स्थित हैं। मेरे स्कूल में स्कूल प्रिंसिपल ऑफिस के सामने दो बड़े सीमेंटेड बास्केटबॉल कोर्ट हैं, जबकि फुटबॉल का मैदान इसके साइड में है।

मेरे स्कूल में एक छोटा सा हरा-भरा बगीचा है, जो हेड ऑफिस के सामने, रंग-बिरंगे फूलों और सजावटी पौधों से भरा है, जो पूरे स्कूल परिसर की शोभा बढ़ाते हैं। मेरे विद्यालय में लगभग 1500 छात्रों ने प्रवेश लिया है। वे हमेशा किसी भी अंतर-स्कूल प्रतियोगिताओं में उच्च रैंक करते हैं।

मेरे विद्यालय के अध्ययन मानदंड बहुत ही रचनात्मक और नवीन हैं जो किसी भी कठिन मामले को बहुत आसानी से समझने में हमारी मदद करते हैं। हमारे शिक्षक हमें बहुत ईमानदारी से सिखाते हैं और हमें व्यावहारिक रूप से सब कुछ बताते हैं।

मेरा स्कूल किसी भी कार्यक्रम में इंटर-स्कूल सांस्कृतिक गतिविधियों और खेल गतिविधियों जैसे पहले स्थान पर है। मेरा स्कूल वर्ष के सभी महत्वपूर्ण दिन मनाता है जैसे कि खेल दिवस, शिक्षक दिवस, अभिभावक दिवस, बाल दिवस, स्कूल वर्षगांठ दिवस, संस्थापक दिवस, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, क्रिसमस दिवस, मातृ दिवस, वार्षिक समारोह, हैप्पी न्यू ईयर , महात्मा गांधी जन्मदिवस, आदि भव्य तरीके से।

हम सह-पाठयक्रम गतिविधियों जैसे तैराकी, स्काउटिंग, एनसी, स्कूल बैंड, स्केटिंग, गायन, नृत्य इत्यादि में भाग लेते हैं। अनुचित व्यवहार और अनुशासनहीन गतिविधियों वाले छात्रों को स्कूल के मानदंडों के अनुसार कक्षा शिक्षक द्वारा दंडित किया जाता है।

हमारे प्रिंसिपल हमारे चरित्र गठन, शिष्टाचार, नैतिक शिक्षा, अच्छे मूल्यों को प्राप्त करने और दूसरों का सम्मान करने के लिए मीटिंग हॉल में रोजाना 10 मिनट तक हर छात्र की कक्षाएं लेते हैं। हमारे स्कूल का समय बहुत ही रोचक और सुखद है क्योंकि हम रोजाना बहुत सारे रचनात्मक और व्यावहारिक काम करते हैं।

कहानीकार, गायन, कविता पाठ, हिंदी और अंग्रेजी में वार्तालाप का हमारा मौखिक मूल्यांकन दैनिक आधार पर कक्षा शिक्षक द्वारा लिया जाता है। तो, मेरा स्कूल दुनिया का सबसे अच्छा स्कूल है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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बचपन के दिन इतने जल्दी क्यों बीत जाते हैं। हम अक्सर यही सोचते हैं कि काश हम बचपन के दिनों में ही रहते तो ज्यादा अच्छा होता। एक अलग ही एहसास होता है बचपन के दिनों में। हमें ज्यादा टेंशन नहीं लेनी पड़ती किसी भी बात की। हां, बस उस समय स्कूल हमारे जीवन के लिए एक अहम पड़ाव होती है। स्कूल के दिन भी अपने आप में बहुत खास होते हैं। स्कूल में हमें हर चीज का अनुभव होता है। स्कूल में हमें अपना कौशल विकसित करने का अच्छा मौका मिलता है।

स्कूल यानि कि विद्यालय। स्कूल एक प्रकार की संस्थान है जहां पर बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। स्कूल बच्चों का भविष्य तैयार करने में मदद करता है। विद्यालय को विद्यार्थियों का मंदिर कहना गलत नहीं होगा। यह इस प्रकार का मंदिर है जहां पर बच्चों को पूर्ण रूप से तराशा जाता है। बिना विद्या के हमारे जीवन का ना तो कोई लक्ष्य हो सकता है और ना ही कोई महत्व। स्कूल हमें हर तरह की चुनौतियों के लिए तैयार करती है। हम शिक्षा को हासिल स्कूल जाकर ही कर सकते हैं। स्कूल की दुनिया एकदम अलग होती है। तो आज का हमारा विषय स्कूल पर आधारित है। इस पोस्ट में मेरे स्कूल पर निबंध पढ़ेंगे।

विद्यालय हमेशा से एक बच्चे को विद्यार्थी के रूप में ढालने में अग्रसर रहा है। हमारी स्कूल हमारे लिए ज्ञान के सागर की तरह होती है। यह हमें ज्ञान को हासिल करने में मदद करती है। स्कूल तो हमेशा से ही प्रचलन में थे। चाहे हम नालंदा विश्वविद्यालय की बात करें या तक्षशिला विश्वविद्यालय की। हमारे जीवन की असली शुरुआत स्कूल तो स्कूल के दिनों से ही होती है। वहां पर हमें अलग अलग चीजें सीखने को मिलती है। हमारा कौशल निखरता है। हम हरफनमौला बनते हैं।

स्कूल का अर्थ

जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमें ज्ञान की बहुत जरूरत होती है। बिना ज्ञान के हमें कुछ हासिल नहीं हो सकता है। यह ज्ञान हमें या तो हमारे माँ बाप देते हैं या फिर स्कूल देती है। स्कूल का अर्थ एक ऐसे शिक्षण संस्थान से है जहां पर एक बालक शिक्षा हासिल करने के लिए जाता है। स्कूल सभी तरह के कौशल को निखारने में बहुत बड़ा योगदान देता है। फिर चाहे वह कोई भी कौशल हो जैसे शारीरिक, मानसिक या फिर बौद्धिक कौशल। स्कूल शब्द ग्रीक भाषा के Skohla या Skhole से पूरी दुनिया में प्रचलन में आया। स्कूल को संस्कृत में विद्यालयः कहते हैं।

स्कूल का महत्व

स्कूल का महत्व हमारे जीवन में हमेशा से ही रहा है। बिना स्कूल के हम अपने जीवन के कोई तरह के लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते हैं। आज स्कूल की वजह से ही हमारा सुनहरा भविष्य तैयार होता है। आप एक बात खुद सोच कर देखो कि क्या हम घर पर बैठकर ही अपना भविष्य तैयार कर सकते हैं? नहीं, हम ऐसा बिल्कुल भी नहीं कर सकते हैं। जब हम बच्चे के रूप से निकलकर एक किशोर की अवस्था में पहुंचते हैं तो हम केवल घर पर सारे संसार का ज्ञान हासिल नहीं कर सकते हैं।

हमें इसके लिए शैक्षणिक संस्थान का दामन थामना ही पड़ता है। जो कोई भी विद्यार्थी अपने जीवन में सामाजिक उन्नति, आर्थिक उन्नति, या व्यक्तिगत उन्नति करता है तो वह सब स्कूल के योगदान की वजह से ही संभव हो पाता है। स्कूल आपको बहुत अच्छी शिक्षा देती है। वह आपको एक सच्चे हीरे की तरह तराशती है। एक बेहतरीन और उम्दा स्कूल बच्चों को बड़े से बड़े पदों पर पहुंचा देती है। स्कूली शिक्षा पाना ज्ञान की गंगा को पाने के समान है। हम सभी इसको पाने की लालसा रखते हैं।

स्कूली शिक्षा क्यों महत्वपूर्ण है?

स्कूल की शिक्षा हमारे जीवन में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह बचपन में ही तय हो जाता है कि हम बड़े होकर क्या बनेंगे? और इस चीज में अहम भूमिका निभाती है स्कूल में मिलने वाली शिक्षा। आज दुनिया में जितने भी उन्नत देश हैं वह सभी उन्नत इसलिए हुए क्योंकि उन्होंने शिक्षा का इस्तेमाल सही ढंग से किया था। आज का समय शिक्षा और ज्ञान को महत्व देता है। उचित प्रकार का ज्ञान हमें हर मुश्किल रास्तों को भी पार करना सिखाता है।

हम जब छोटे बालक होते हैं तो हमें हमारे अभिभावक स्कूल भेजने की तैयारी करते हैं। वह हमें स्कूल इसलिए भेजते हैं ताकि हम पढ़ लिखकर समाज में कुछ ऐसा मुकाम हासिल करे ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए हम आदर्श बन जाए। स्कूल में दाखिला मिलने के बाद बच्चे को हर तरह गुण सीखने को मिलता है। वह केवल किताबी ज्ञान को ही हासिल नहीं करता बल्कि व्यावहारिक ज्ञान को भी अच्छे से सीख जाता है।

आज के समय में गरीब छात्रों के माँ बाप भी उन्हें अच्छा पढ़ाना लिखाना चाहते हैं। क्योंकि वह इस बात को अच्छे से समझते हैं कि उनको स्कूल की शिक्षा प्राप्त नहीं होने पर वह अनपढ़ रह गए। अनपढ़ लोगों की समाज में कोई कद्र नहीं होती। प्रगति वही इंसान करता है जिसको बुनियादी शिक्षा प्राप्त हो गई हो। पढ़े लिखे लोग समाज का उत्थान करते हैं। उनको अच्छे और बुरे की अच्छे से समझ होती है।

स्कूल में अच्छे टीचर कितना मायने रखते हैं?

यह एक साधारण सी बात है कि एक बच्चे को उसके जीवन में अगर कुछ बड़ा हासिल करना होता है तो वह अपने माता-पिता से ज्ञान हासिल करता है। उसके माता-पिता उसके जीवन के पहले गुरु होते हैं। लेकिन एक बच्चे के माँ बाप यही चाहते हैं कि उनका बच्चा सर्वश्रेष्ठ हो। इसलिए वह अपने बच्चे को स्कूल भेजने का मन बनाते हैं।

स्कूल में बच्चे को अभिभावक के रूप में शिक्षक मिल जाते हैं। स्कूल में पहुंचकर विद्यार्थी बहुत अच्छा महसूस करते हैं। उनको स्कूल पहुंचकर एक नई दिशा मिलती है। शिक्षक अपने छात्र के भविष्य को लेकर बहुत सजग रहते हैं। वह अपने विद्यार्थियों के सपनों में पंख लगाते हैं। वह उन्हें उड़ना सीखाते हैं। शिक्षक जो अपने विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं उसी शिक्षा को वह अपने मन और दिमाग में पूरी तरह से अवशोषित कर लेते हैं।

स्कूल और शिक्षकों का यह बड़ा कर्त्तव्य बनता है कि वह बच्चों को उचित शिक्षा दे ताकि बच्चों को आगे चलकर कोई तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़े। शिक्षकों की पढ़ाने की शैली ऐसी ना हो जिसके चलते बच्चे एक रोबोट के समान काम करने लग जाए। शिक्षक अपने विद्यार्थियों को कुछ इस प्रकार तैयार करे कि बच्चा आने वाले भविष्य में पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक तौर पर अच्छा बने।

स्कूल के दिन जीवन के सबसे अच्छे दिन क्यों होते हैं?

स्कूल के दिन जीवन के सबसे अलग दिनों में से एक होते हैं। हमें सबसे पहले स्कूल में ही डाला जाता है। स्कूल बहुत खास होता है हमारे लिए। हम जब छोटे होते हैं तो हमें लगता है कि हम कब जल्दी से बड़े हो रहे हैं। हम समय बीतने का इंतजार करते रहते हैं। स्कूल की उस सुबह वाली प्रार्थना लाइन में लगना, सुबह सुबह जल्दी उठकर स्कूल जाना, होमवर्क करना, और क्लास पीरियड बोरिंग लगना बचपन के दिनों में आम बात है।

लेकिन हम जैसे जैसे बड़े होते जाते हैं हमें बचपन के दिनों की बहुत याद आने लगती है। स्कूल के बीते दिन बुरे भी होते हैं तो कोई अच्छे भी होते हैं। स्कूल के दिनों में जो सीख हमें मिलती है वह हमारे साथ ताउम्र रहती है। हमें स्कूल में नए शिक्षकों से शिक्षा मिलती है। हम स्कूल में नए दोस्त भी बनाते हैं। हम स्कूल में अनेक प्रकार की गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेते हैं। हमारी शारीरिक और बौद्धिक क्षमता स्कूल में बहुत ज्यादा निखरती है।

स्कूल के दिनों में आपको केवल अपनी पढ़ाई पर ही ध्यान देना होता है। आपके ऊपर जॉब करने का किसी भी तरह से प्रेशर नहीं होता। आप खुलकर अपने जीवन का आनंद उठाते हैं। आप जब बड़े हो जाते हैं तब आपको आपके बचपन के दिन बहुत ज्यादा याद आते हैं। बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो सोचते हैं कि वह स्कूल के बीते हुए दिन काश वापिस से उनके पास लौट आए।

भारत में पहला स्कूल कब खुला था?

विद्या देने में हमारा देश हमेशा से अव्वल रहा है। लेकिन क्या आपको यह बात पता है कि हमारे देश का पहला मॉडर्न स्कूल कब खुला था? शायद आपको इस बात का अंदाजा नहीं होगा। दरअसल भारत का पहला स्कूल खोलने का श्रेय सावित्री बाई फुले और फातमा शेख को जाता है। यह बात उस समय की है जब भारत को उसकी आजादी भी नहीं मिली थी।

सावित्री बाई फुले और फातमा शेख ने यह तय किया कि वह पुणे के भिडेवाड़ा में केवल ल़डकियों के लिए एक स्कूल खोलेंगे। सावित्रीबाई फुले ज्योतिराव फुले की पत्नी थी। ज्योतिराव फुले ने उन्हें पूरा समर्थन दिया था। सावित्रीबाई फुले और फातमा शेख एक अच्छी सामाजिक कार्यकर्ता थी। 5 सितंबर, 1848 को अखिरकार देश की पहली अपनी स्कूल खुल गई थी। हालांकि शुरुआत में उन्हें बहुत ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ा था। पर अंत में उनकी ही जीत हुई।

मेरा स्कूल में पहला दिन

सभी को अपने स्कूल का पहला दिन अक्सर याद रहता है। हालांकि कोई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें अपना पहला दिन याद ही नहीं रहता। मुझे आज भी याद है कि मेरे स्कूल का पहला दिन। मेरे स्कूल का पहला दिन ना ज्यादा अच्छा था और ना ही बुरा। मुझे आज भी याद है कि कैसे मेरे पापा मुझे ननिहाल से स्कूल लेकर गए थे।

उस दिन मैं ननिहाल आ रखी थी। मेरे पापा ने मेरी नानी को कहा कि वह मुझे जल्दी से तैयार कर दे। मैं तैयार हो गई। और पापा मुझे वहां से ले गए। आखिरकार मैं स्कूल पहुंची। स्कूल बहुत बड़ी थी। स्कूल में बहुत ज्यादा हरियाली थी। स्कूल का खेल का मैदान भी बहुत बड़ा था। वहां पर खूब सारे बच्चे खेल रहे थे।

मेरी स्कूल का नाम सोफिया स्कूल था। वहां पर पहुंचते ही मेरी मुठभेड़ मेरी क्लास टीचर से हो गई। पापा ने बताया कि वह मेरी क्लास टीचर है। मेरी क्लास टीचर का नाम ममता मेम था। अब मेरे पापा जब स्कूल से जाने लगे तो ना जाने क्यों मैं जोरों से रोने लगी। मेरी टीचर ने मुझे चॉकलेट देकर मुझे मुझे चुप करवाया। और फिर मुझे क्लास में ले गई। सच में, मेरा स्कूल का पहला दिन बहुत मुश्किल से बीता था। मैं बहुत ज्यादा भावुक हो गई थी।

मेरे स्कूल पर निबंध 150 शब्दों में

स्कूल दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज होती है। स्कूल ही एक ऐसी जगह होती है जहां पर एक बच्चा पहली बार कदम रखता है। स्कूल जाना सबसे यादगार पल होता है एक बच्चे के लिए। वहां पर उसको हर चीज का अनुभव होता है। स्कूल में पहुंचकर वह अपने कौशल को और भी अधिक निखारता है।

स्कूल के दिनों को हम बहुत बेफिक्री के साथ जीते हैं। वहां पर हमारे अनेकों दोस्त बनते हैं। हम वहां पर पहुंचकर खूब मस्ती करते हैं। हमें स्कूल के दिनों में पैसा कमाने की कोई चिंता नहीं होती। हमें केवल पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करके अपना भविष्य उज्जवल करना होता है। स्कूल हमें यह अच्छे से सिखाता है कि हमारे लिए कौन सा मार्ग सही है और कौन सा मार्ग गलत। जब बच्चे स्कूल में दाखिला लेते हैं तो उन बच्चों के माता-पिता चैन की साँस लेते हैं। स्कूल में जाकर बच्चों के तौर-तरीकों में भी एक बड़ा अंतर देखने को मिलता है। स्कूल में झूले होते हैं, खेल के मैदान होते हैं, लाइब्रेरी होती है।

मेरा स्कूल पर 10 लाइनें

  • स्कूल एक बच्चे के लिए बहुत जरूरी संस्थान होता है।
  • स्कूल में दाखिला लेने के बाद एक बच्चे को स्कूल में कई गतिविधियों को सीखने का मौका मिलता है।
  • हमारे जीवन की असली शुरुआत स्कूल से ही होती है।
  • स्कूल के शिक्षकों का काम बच्चों को पढ़ाना लिखाना होता है।
  • स्कूल जाने पर बच्चा बहुत ज्यादा होशियार हो जाता है। वहां पर उसके ज्ञान का दायरा बढ़ता है।
  • शिक्षकों का यह फर्ज होता है कि वह बच्चों को ऐसी शिक्षा दे कि जिससे बच्चों का भविष्य सुनहरा हो सके।
  • स्कूल में पहुंचकर एक बच्चा पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान भी सीखता है।
  • स्कूल की यादों को हमें हमेशा के लिए संजोकर रखना चाहिए।
  • स्कूल का पहला दिन सभी के लिए बहुत यादगार होता है।
  • स्कूल एक बच्चे को अनुशासन में रहना सिखाती है।

मेरे स्कूल से सम्बंधित FAQs

विश्व का सबसे पुराना स्कूल किसे माना जाता है?

विश्व का सबसे पुराना स्कूल तक्षशिला को माना जाता है। इसकी स्थापना 700 वर्ष ईसा पूर्व हुई थी।

बच्चों को स्कूल जाना क्यों जरूरी होता है?

बच्चों को स्कूल जाना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि स्कूल जाने पर उसको ढेरों सारी चीजें देखने को मिलती है। स्कूल जाने पर उसके शारीरिक और मानसिक क्षमता का विकास होता है।

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मेरा विद्यालय पर अनुच्छेद लेखन - Paragraph on School in Hindi - Mera Vidyalaya Paragraph in Hindi

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मेरा विद्यालय (My School)

विद्यालय का अर्थ होता है जिस स्थान पर ज्ञान का वास हो। मैं भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए सेंचुरी विद्यालय में जाता हूँ। मेरे विद्यालय में सभी जाति, धर्म और वर्ग के बच्चे पढने आते हैं। विद्यालय शासकीय और अशासकीय दोनों प्रकार के होते हैं। हमारा विद्यालय एक मंदिर के समान है जहाँ हम रोज पढने आते है ताकि अपने जीवन में उज्ज्वल भविष्य प्राप्त कर सके। हमारे विद्यालय में सभी को एक समान दर्जा दिया जाता है। हमें प्रतिदिन विद्यालय जाना बहुत ही अच्छा लगता है क्योंकि विद्यालय एक ऐसा स्थान है जहाँ पर हमें प्रतिदिन कुछ-न-कुछ नया सीखने को मिलता है। मेरा विद्यालय तीन मंजिला का है। हमारा विद्यालय हमारे लिए एक मंदिर के समान है। हमारा विद्यालय यूको बैंक से आधे किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हमारे विद्यालय को प्रदूषण, शोर, गंदगी और धुएं से दूर सुरक्षित स्थान पर बनाया गया है जिससे बच्चे शांतिपूर्ण वातावरण में मन लगाकर पढ़ सकें। हमारे विद्यालय में बहुत से पेड़ हैं जिनकी छाया में बच्चे लंच के समय एक-साथ बैठकर टिफ़िन खाते हैं। इन पेड़ों को एक पंक्ति में लगाया गया है। छोटे बच्चों के खेलने के लिए झूलों का भी प्रबंध किया गया है। हमारे विद्यालय सभी विद्यार्थियों के पढने के लिए एक पुस्तकालय का भी निर्माण किया गया जिसमें विद्यार्थी निश्चिंत होकर अध्धयन कर सकते हैं। हमारे विद्यालय में एक बहुत बड़ा क्लब हाउस है जहाँ पर कार्यक्रम होते है। हमारे विद्यालय में एक बड़ा-सा मैदान भी है जहाँ रोज हमे खेलने के लिए ले जाया जाता है। हमारा विद्यालय सुबह के समय पर होता है। विद्यालय में सबसे पहले प्रार्थना होती है। प्राथना होने के बाद हम अपने क्लास टीचर को सुभ नमस्कार करते हैं। हमारे विद्यालय में बहुत ही सख्ती से अनुशासन का पालन किया जाता है। बच्चों को घरों से विद्यालय तक पहुँचाने के लिए पीले रंग की बस की सुविधा की गई है। सभी बच्चों को अनुशासन में रखने के लिए एक समान वर्दी दिया गया है जिसे पहनना अनिवार्य है। हमारे विद्यालय में हमारी जरूरत की सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं। विद्यार्थियों के लिए कंप्यूटर लैब, दो विज्ञान लैब, एक पुस्तकालय, खेलने का मैदान, कार्यक्रम के लिए सुंदर क्लब आदि की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। हमारे स्कुल में नर्सरी से लेकर दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थी पढ़ते हैं। हमारे विद्यालय में प्राचार्य महोदय के लिए एक अलग कक्ष है। अपने कक्ष में बैठे ही प्राचार्य महोदय सारे विद्यालय में चल रही गतिविधियों को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। हमारे विद्यालय में एक बहुत ही विशाल पुस्तकालय है। इसमें नर्सरी से लेकर दसवीं कक्षा तक की विभिन्न विषयों की पुस्तकें हैं। इस पुस्तकालय में हिंदी के दैनिक समाचार पत्र और कई महत्वपूर्ण मासिक अर्धवार्षिक और वार्षिक पत्रिकाएँ भी आती है। पुस्तकालयाध्यक्ष बहुत ही परिश्रमी और अच्छे व्यक्ति हैं। हमें पुस्तकालय से हमारी जरूरत की प्रत्येक पुस्तक मिल जाती है जिसे घर भी ले जाया जा सकता है। पुस्तकालय से पुस्तक को केवल कुछ निश्चित समय के लिए ही घर पर ले जाने की अनुमति मिलती है। हमारे विद्यालय के अध्यापक बहुत ही परिश्रमी विद्वान् और छात्रों के हित का ध्यान रखने वाले अध्यापक हैं। हमारे विद्यालय के अध्यापक बहुत ही परिश्रम और लगन से सिलेबस के अनुसार पढ़ाते हैं और साथ ही लिखित कार्य का भी अभ्यास कराते हैं। सभी अध्यापक हमारे लिखित कार्य को बहुत ही सावधानीपूर्वक देखते हैं और हमारी अशुद्धियों की ओर हमारा ध्यान दिलाते हैं। इससे हमें शुद्ध भाषा सीखने और उसका शुद्ध प्रयोग करने में सहायता मिलती है। हमारे विद्यालय के अध्यापक बहुत ही दयालु हैं जो हमें अनुशासन का अनुसरण करना सिखाते हैं। हमारे शिक्षक हमेशा हमें खेल क्रियाओं, प्रश्न उत्तर प्रतियोगिता, मौखिक-लिखित परीक्षा, वाद-विवाद, समूह चर्चा, आदि दूसरी क्रियाओं में भाग लेने के लिए भी प्रेरित करते हैं। हमारे विद्यालय के अध्यापक हमें विद्यालय में अनुशासन को बनाए रखने और विद्यालय परिसर को साफ और स्वच्छ बनाए रखने के लिए प्रेरित करते हैं। सचमुच हमारे विद्यालय के शिक्षक बहुत अच्छे है। हमारे विद्यालय में एक बड़ा-सा मैदान है। हमारे विद्यालय में खेल कूदों जैसे गतिविधियों पर बहुत महत्व दिया जाता है। सभी विद्यार्थियों के लिए खेल में भाग लेना अनिवार्य होता है जिस कारन विद्यालय के विद्यार्थी खेल में बहुत रूचि लेते हैं। हमारे विद्यालय के खिलाडी कई खेलों में पुरस्कार भी प्राप्त किये है। हमारे विद्यालय में बहुत सी खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं जिससे वह अपने शारीरिक और मानसिक विकास में वृद्धि कर सके। विद्यालय एक सार्वजनिक संपत्ति होती हैं। यह हमारी राष्ट्रिय निधि है, इसलिए विद्यार्थी को इसकी रक्षा के लिए हमेशा जागरूक रहना चाहिए। विद्यालय सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान का माध्यम नहीं है बल्कि ज्ञान प्राप्ति के हर अवसर वहाँ पर उपलब्ध होते हैं। इसीलिए हमारा विद्यालय हर तरह से प्रेणादायक भूमिका निभाती है। इसीलिए मुझे मेरा विद्यालय बहुत प्रिय है।

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Essay on My school in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध (1000+ शब्द)

Essay on My school in Hindi: दोस्तो आज हमने मेरा विद्यालय पर निबंध  कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है।

500+ Words Essay on My School

शिक्षा हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। हम ज्ञान के बिना कुछ भी नहीं हैं, और शिक्षा वह है जो हमें दूसरों से अलग करती है। शिक्षा प्राप्त करने का मुख्य कदम एक स्कूल में स्वयं को नामांकित करना है। स्कूल अधिकांश लोगों के लिए पहली सीखने की जगह के रूप में कार्य करता है। इसी तरह, यह एक शिक्षा प्राप्त करने वाली पहली स्पार्क है। मेरा स्कूल मेरा दूसरा घर है जहाँ मैं अपना अधिकांश समय बिताता हूँ। इन सबसे ऊपर, यह मुझे जीवन में बेहतर करने के लिए एक मंच देता है और मेरे व्यक्तित्व का निर्माण भी करता है। मैं शहर के सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित स्कूलों में से एक में पढ़कर धन्य महसूस करता हूं। इसके अलावा, मेरे स्कूल में बहुत सारी संपत्तियां हैं जो मुझे इसका हिस्सा बनने के लिए भाग्यशाली महसूस करती हैं। अपने स्कूल के इस निबंध में, मैं आपको बताऊंगा कि मुझे अपने स्कूल से प्यार क्यों है और मेरे स्कूल ने मुझे क्या सिखाया है।

आई लव माय स्कूल?

मेरा स्कूल आधुनिक शिक्षा और पुरानी वास्तुकला के बीच सही संतुलन बनाता है। मेरे विद्यालय की पुरानी इमारतें कभी भी अपनी शानदार सुंदरता से मुझे मंत्रमुग्ध करने में विफल रही हैं।

हालांकि, उनकी पुरानी वास्तुकला का मतलब यह नहीं है कि यह आउट-डेटेड है, क्योंकि यह सभी समकालीन गैजेट्स से सुसज्जित है। मैं अपने विद्यालय को शिक्षा के प्रकाशस्तंभ के रूप में देखता हूं जो ज्ञान को प्रदान करने के साथ-साथ नैतिक आचरण भी करता है। अन्य स्कूलों के विपरीत, मेरा स्कूल पूरी तरह से अकादमिक प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित नहीं करता है। दूसरे शब्दों में, यह उनके छात्रों के समग्र विकास पर जोर देता है।

हमारे शिक्षाविदों के साथ, हमारे स्कूल में पाठ्येतर गतिविधियों का आयोजन भी किया जाता है। यह एक मुख्य कारण है कि मैं अपने स्कूल से प्यार करता हूं क्योंकि यह सभी को समान पैमाने पर मापता नहीं है। हमारे मेहनती कर्मचारी प्रत्येक बच्चे को अपनी गति से बढ़ने का समय देते हैं जो उनमें आत्मविश्वास पैदा करता है। मेरे स्कूल में एक पुस्तकालय , कंप्यूटर कक्ष, खेल का मैदान, बास्केटबॉल कोर्ट और बहुत कुछ है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारे पास यह सब है।

मेरे स्कूल ने मुझे क्या सिखाया है?

अगर कोई मुझसे पूछे कि मैंने अपने स्कूल से क्या सीखा है, तो मैं एक वाक्य में इसका जवाब नहीं दे पाऊंगा। सबक के लिए अपूरणीय हैं और मैं उनके लिए कभी भी आभारी नहीं हो सकता। मैंने अपने स्कूल के कारण साझा करना सीखा। सामायिक और सहानुभूति की शक्ति मुझे मेरे विद्यालय ने सिखाई थी। मैंने सीखा कि जानवरों के प्रति कैसे विचार किया जाए और यह भी एक मुख्य कारण है कि मैंने एक पालतू जानवर को अपनाया।

एक स्कूल एक ऐसी जगह है जहाँ मैंने अपने कलात्मक कौशल को विकसित किया है जो मेरे शिक्षकों द्वारा आगे बढ़ाया गया था। इसके बाद, इसने मुझे अंतर-विद्यालयी पूर्णताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जिसके माध्यम से मैंने विभिन्न पुरस्कार अर्जित किए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे स्कूल ने मुझे सिखाया कि कैसे कृपा के साथ असफलताओं का सामना करना पड़ता है और कभी भी अपनी महत्वाकांक्षाओं को नहीं छोड़ना चाहिए, चाहे कुछ भी हो जाए।

इसे योग करने के लिए, सम्मानित स्कूलों में से एक में अध्ययन करने से मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत मदद मिली है। अपने व्यक्तित्व को आकार देने और मुझे अमूल्य पाठ पढ़ाने के लिए मैं हमेशा अपने विद्यालय का ऋणी रहूंगा। इसने मुझे जीवन और शिक्षकों के लिए दोस्त दिए हैं जो मैं हमेशा देखूंगा। मैं जीवन में अच्छा करने और गर्व करने के लिए अपने स्कूल द्वारा आत्मसात किए गए मूल्यों को निभाने की आकांक्षा रखता हूं।

छात्रों और बच्चों के लिए मेरा स्कूल पर निबंध

मेरा स्कूल कक्षा 6 के लिए निबंध.

स्कूल पृथ्वी पर एक ऐसा प्यारा स्वर्ग है जो महान कार्यों के लिए छोटे दिमागों को तैयार करता है। स्कूल बेहतर जीवन जीने और कल के लिए प्रगति करने के लिए शिक्षा प्रदान करता है। यह न केवल शिक्षा प्रदान करता है बल्कि यह एक राष्ट्र के चरित्र निर्माण का एक उपकरण है। अच्छे स्कूल एक राष्ट्र की सच्ची संपत्ति होते हैं। मैं इतने महान स्कूल में पढ़कर धन्य हूं। मेरा स्कूल हमारे पूरे शहर का सबसे अच्छा स्कूल है।

मैं हमारे शहर के सबसे अच्छे स्कूल में से एक में पढ़ता हूं। मेरे स्कूल का नाम (अपने स्कूल का नाम लिखें) है। मेरे विद्यालय में मेरे देश की सेवा करने का एक महान इतिहास है। मेरे स्कूल ने मेरे देश के लिए कई महान लोगों का उत्पादन किया है। इसकी एक बड़ी और खूबसूरत इमारत है जो दूर से देखने में चमकदार लगती है।

मैं अपने निर्धारित समय पर पहुँचता हूँ। मैं अपने अन्य दोस्तों के साथ स्कूल आता हूं। हम बहुत आत्मविश्वास के साथ खुशी से स्कूलों में प्रवेश करते हैं। हम स्कूल असेंबली में हिस्सा लेते हैं और फिर हम अपनी कक्षाओं में जाते हैं। जैसे ही मैं अपनी कक्षा में प्रवेश करता हूं मुझे काफी सुकून मिलता है।

हमारा क्लास टीचर हमें रोजाना बधाई देता है और हमारे बारे में पूछता है। वह काफी कूल और दयालु आदमी हैं। वह अपने विषय को पढ़ाने के साथ हमारा मनोरंजन करता है। हम यहां शिष्य, स्व सहायता, आत्मविश्वास और सहयोग जैसी कई चीजें सीखते हैं।

मेरे स्कूल में खेल के मैदान, एक पुस्तकालय, एक विज्ञान हॉल और एक शानदार कंप्यूटर लैब जैसी सर्वोत्तम उपलब्ध सुविधाएं हैं। हमारे स्कूल का पुस्तकालय बहुत बड़ा है और सभी छात्रों के लिए किताबें रखता है।

हम सभी स्कूल गतिविधियों जैसे गायन, नृत्य, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, लेखन प्रतियोगिता, सारणी और अन्य में भाग लेते हैं। वास्तव में, यह हमारे शिक्षकों द्वारा की गई मेहनत का परिणाम है।

500+ Essays in Hindi – सभी विषय पर 500 से अधिक निबंध

अच्छे स्कूल भगवान का असली आशीर्वाद हैं। वे एक राष्ट्र की सेवा करते हैं। वे राष्ट्रीय प्रगति के लिए रास्ता तैयार करते हैं। यह आशीर्वाद है कि हमारे देश में बहुत सारे महान स्कूल हैं। मैं खुद को इस स्कूल में पढ़कर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि मैं अपने देश और अपने स्कूल का नाम रोशन करूंगा।

स्कूल पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q.1 प्रत्येक बच्चे को स्कूल क्यों जाना चाहिए?

A.1 स्कूल जाना हर बच्चे के लिए ज़रूरी है क्योंकि स्कूल हमें वो सबक सिखाता है जो कहीं और हासिल नहीं किया जा सकता। अनुभव एक तरह का है और शिक्षा के साथ-साथ, हम कई अन्य चीजें सीखते हैं जैसे सामाजिककरण, पाठ्येतर गतिविधियां और बहुत कुछ।

Q.2 स्कूल हमें क्या सिखाता है?

A.2 स्कूल हमें कुछ बेहतरीन चीजें सिखाता है जैसे सबसे पहले, यह हमें बुनियादी शिक्षा देती है। यह हमें कला, नृत्य, सार्वजनिक बोलना और अधिक जैसे हमारे कौशल विकसित करना सिखाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात, यह हमें अनुशासन सिखाता है।

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मेरा विद्यालय पर निबंध / A New Essay on My School in Hindi

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मेरा विद्यालय पर निबंध / A New Essay on My School in Hindi!

मेरे विद्यालय का नाम राजकीय सहशिख्या माध्यमिक विद्यालय, किर्ति नगर है । यह एक आदर्श विद्‌यालय है । यहाँ शिक्षा खेल-कूद तथा अन्य शिक्षेतर गतिविधियों की उत्तम व्यवस्था है । यहाँ का वातावरण शांत एवं मनोरम है ।

मेरे विद्‌यालय में छठी से लेकर दसवीं कक्षा तक की पढाई होती है । प्रत्येक कक्षा में दो या तीन सेक्सन (अनुभाग) हैं । विद्‌यालय का भवन दुमंजिला है । इसमें लगभग पचास कमरे हैं । कक्षा के सभी कमरे, फर्नीचर, पंखे आदि से सुसज्जित एवं हवादार हैं । प्रधानाचार्य का कक्ष विशेष रूप से सजा हुआ है । इसके अलावा स्टाफ रूम पुस्तकालय कक्ष, हॉल, कंप्यूटर कक्ष प्रयोगशाला कक्ष आदि भी सभी प्रकार की उत्तम व्यवस्था से युक्त हैं । विद्‌यालय में पेयजल और शौचालय का भी समुचित प्रबंध है ।

मेरे विद्‌यालय में लगभग ढाई हजार विद्‌यार्थी पढ़ते हैं । अध्यापक- अध्यापिकाओं की संख्या पचास है । इनके अतिरिक्त दस अन्य स्टॉफ भी हैं । इनमें तीन क्लर्क एक माली एवं पाँच चपरासी हैं । एक दरबान है जो रात्रिकाल में विद्‌यालय की चौकीदारी करता है ।

शिक्षा के मामले में मेरा विद्‌यालय शहर में अग्रणी स्थान रखता है । प्राय : सभी विद्‌यार्थी अच्छे अंकों से पास होते हैं । शिक्षकगण विद्‌यार्थियों की प्रगति का पूरा लेखा-जोखा रखते हैं । अधिकांश शिक्षक विद्वान, अनुभवी एवं योग्य हैं । हमारी प्रधानाचार्या सुसंस्कृत एवं अनुशासनप्रिय हैं । उनके नेतृत्व में विद्‌यालय दिन-दूनी रात-चौगुनी उन्नति कर रहा है । वे विद्‌यालय के चहुंमुखी विकास के लिए कटिबद्ध दिखाई देती हैं । विद्‌यार्थी प्रधानाचार्या के प्रति बहुत आदरभाव रखते हैं ।

ADVERTISEMENTS:

आजकल तकनीकी शिक्षा का महत्त्व बढ गया है । मेरे विद्‌यालय में तकनीकी शिक्षा के रूप में कंप्यूटर सिखाने पर पूरा जोर दिया जाता है । प्रयोगशाला में विज्ञान के अनुप्रयोगों को बताया जाता है । हमारे विद्‌यालय में खेल-कूद पर भी पूरा ध्यान दिया जाता है । खेल प्रशिक्षक हमें क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, बैडमिंटन, खो-खो, कबड्‌डी आदि खेलों को खेलने की उचित ट्रेनिंग देते हैं । पिछले वर्ष मेरा विद्‌यालय अंतर्‌विद्‌यालय हॉकी प्रतिस्पर्धा में प्रथम स्थान पर रहा था ।

मेरे विद्‌यालय में एक अच्छा पुस्तकालय है । पुस्तकालय से विद्‌यार्थी पाठ्‌य-पुस्तकें पढ़ने के लिए ले जा सकते हैं । यहाँ पाठ्‌य-पुस्तकों के अतिरिक्त कहानियों, कविताओं तथा ज्ञान-विज्ञान से संबंधित पुस्तकों का अच्छा संग्रह है ।

मेरे विद्‌यालय के प्रांगण में अनेक पेड़-पौधे लगे हुए हैं । कतारों में लगे पेड़ों एवं फूल के पौधों से सुंदर प्राकृतिक दृश्य उत्पन्न हो जाता है । माली पेड़-पौधों की नियमित देखभाल करता है । विद्‌यालय में हमें बताया गया है कि पेड-पौधे हमारे लिए कितने महत्त्वपूर्ण हैं । इसलिए हम लोग इनकी पूरी देखभाल करते हैं ।

हमें विद्‌यालय में पढाई और खेल-कूद के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर प्राप्त होता है । छात्र-छात्राऐं बाल दिवस, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, शिक्षक दिवस, गाँधी जयंती विद्‌यालय का वार्षिकोत्सव जैसे विभिन्न अवसरों पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं । इससे हमारे अंदर ईमानदारी धैर्य साहस आपसी सहयोग जैसे गुणों का विकास होता है ।

मेरे विद्‌यालय में सब कुछ व्यवस्थित, अनुशासित, सहयोगपूर्ण एवं आमोदपूर्ण है । मुझे अपने विद्‌यालय पर गर्व का अनुभव होता है ।

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