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रक्षा बंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi)

रक्षा बंधन का शाब्दिक अर्थ रक्षा करने वाला बंधन मतलब धागा है। इस पर्व में बहनें अपने भाई के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और बदले में भाई जीवन भर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। रक्षा बंधन को राखी या सावन के महिने में पड़ने के वजह से श्रावणी व सलोनी भी कहा जाता है। यह श्रावण माह के पूर्णिमा में पड़ने वाला हिंदू तथा जैन धर्म का प्रमुख त्योहार है।

रक्षा बंधन पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Raksha Bandhan in Hindi, Raksha Bandhan par Nibandh Hindi mein)

रक्षा बंधन पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द)- raksha bandhan par nibandh.

श्रावणी पूर्णिमा में, रेशम के धागे से बहन द्वारा भाई के कलाई पर बंधन बांधे जाने की रीत को रक्षा बंधन कहते हैं। पहले के समय में, रक्षा के वचन का यह पर्व विभिन्न रिश्तों के अंतर्गत निभाया जाता था पर समय बीतने के साथ यह भाई बहन के बीच का प्यार बन गया है।

रक्षा बंधन का इतिहास

एक बार की बात है, देवताओं और असुरों में युद्ध आरंभ हुआ। युद्ध में हार के परिणाम स्वरूप, देवताओं ने अपना राज-पाठ सब युद्ध में गवा दिया। अपना राज-पाठ पुनः प्राप्त करने की इच्छा से देवराज इंद्र देवगुरु बृहस्पति से मदद की गुहार करने लगे। तत्पश्चात देव गुरु बृहस्पति ने श्रावण मास के पूर्णिमा के प्रातः काल में निम्न मंत्र से रक्षा विधान संपन्न किया।

“येन बद्धो बलिराजा दानवेन्द्रो महाबलः।

तेन त्वामभिवध्नामि रक्षे मा चल मा चलः।”

इस पुजा से प्राप्त सूत्र को इंद्राणी ने इंद्र के हाथ पर बांध दिया। जिससे युद्ध में इंद्र को विजय प्राप्त हुआ और उन्हें अपना हारा हुआ राज पाठ दुबारा मिल गया। तब से रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाने लगा।

रक्षा बंधन पर सरकारी प्रबंध

भारत सरकार द्वारा रक्षा बंधन के अवसर पर डाक सेवा पर छूट दी जाती है। इस दिन के लिए खास तौर पर 10 रुपये वाले लिफाफे की बिक्री की जाती है। इस 50 ग्राम के लिफाफे में बहनें एक साथ 4-5 राखी भाई को भेज सकती हैं। जबकी सामान्य 20 ग्राम के लिफाफे में एक राखी ही भेजी जा सकती है। यह ऑफर डॉक विभाग द्वारा बहनों को भेट है अतः यह सुविधा रक्षाबंधन तक ही अपलब्ध रहता है। और दिल्ली में बस, ट्रेन तथा मेट्रो में राखी के अवसर पर महिलाओं से टिकट नहीं लिया जाता है।

उपयुक्त पौराणिक कथा से यह स्पष्ट है की रेशम के धागे को केवल बहन ही नहीं अपितु गुरु भी अपने यजमान की सलामति की कामना करते हुए उसे बांध सकते हैं।

इसे यूट्यूब पर देखें : रक्षा बंधन

रक्षाबंधन पर निबंध– 2 (400 शब्द)

वर्तमान समय में आपसी रंजिश दूर करने हेतु अनेक राजनेताओं द्वारा एक दूसरे को राखी बांधी जा रही है। साथ ही लोग पर्यावरण की रक्षा के लिए पेड़-पौधों को भी राखी के अवसर पर राखी बांधते हैं। प्राचीन समय में ब्राह्मणों व गुरुओं द्वारा अपने शिष्य और यजमान को राखी बांधी जाती थी। पर अब राखी का स्वरूप पहले की अपेक्षा परिवर्तित हो गया है।

रक्षा बंधन मनाने की परंपरागत विधि

इस पर्व पर बहनें सुबह स्नान करके पूजा की थाल सजाती हैं, पूजा की थाल में कुमकुम, राखी, रोली, अक्षत, दीपक तथा मिठाई रखी जाती है। तत्पश्चात घर के पूर्व दिशा में भाई को बैठा कर उसकी आरती उतारी जाती है, सिर पर अक्षत डाला जाता है, माथे पर कुमकुम का तिलक किया जाता है फिर कलाई पर राखी बांधी जाती है। अंत में मीठा खिलाया जाता है। भाई के छोटे होने पर बहनें भाई को उपहार देती हैं अपितु भाई बहनों को उपहार देते हैं।

आधुनिकरण में रक्षा बंधन के विधि का बदलता स्वरूप

पुराने समय में घर की छोटी बेटी द्वारा पिता को राखी बांधी जाती थी इसके साथ ही गुरुओं द्वारा अपने यजमान को भी रक्षा सूत्र बांधा जाता था पर अब बहनें ही भाई के कलाई पर यह बांधती हैं। इसके साथ ही समय की व्यस्तता के कारण राखी के पर्व की पूजा पद्धति में भी बदलाव आया है। अब लोग पहले के अपेक्षा इस पर्व में कम सक्रिय नज़र आते हैं। राखी के अवसर पर अब भाई के दूर रहने पर लोगों द्वारा कुरियर के माध्यम से राखी भेज दिया जाता है। इसके अतिरिक्त मोबाइल पर ही राखी की शुभकामनाएं दे दी जाती हैं।

प्यार के धागे का महंगे मोतियों में बदल जाना

रक्षा बंधन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण रेशम का धागा है, जिसे महिलाएं भावपूर्ण होकर भाई के कलाई पर बांधती हैं पर आज बाजार में अनेक प्रकार की राखियां उपलब्ध हैं, जिसमें कुछ तो सोने-चांदी की भी हैं। रेशम के सामान्य धागे से बना यह प्यार का बंधन धीरे-धीरे दिखावें में तबदील हो रहा है।

रक्षा बंधन के महत्व को बचाए रखना आवश्यक है

स्वयं को नये जमाने का दिखाने के लिए, हम शुरु से हमारी सभ्यता को पुराना फैशन कह कर भूलाते आए हैं। हमने हमारी पूजा पद्धति बदली है। अतः अपने संस्कृति के रक्षा हेतु हमें हमारे पर्वों के रीति रिवाज में परिर्वतन नहीं करना चाहिए और राखी के पर्व की महत्व को समझते हुए हमें इस पर्व को बनाए गए पूजा पद्धति के अनुसार करना चाहिए।

हमारे पूर्वजों द्वारा बनाए गए पर्वों, त्योहारों व उपवास के विधि-विधान हमारी सभ्यता, संस्कृति के रक्षक है। इन सब से हमारी पहचान है अतः हमें इसे बदलने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

Raksha Bandhan par Nibandh – 3 (500 शब्द)

“बहना ने भाई के कलाई से प्यार बांधा है, प्यार के दो तार से संसार बांधा है” सुमन कल्याणपुर के इस लोकप्रिय गीत ने इन दो पंक्ति में राखी के महत्व का वर्णन किया है। आज महिलाओं द्वारा देश की सुरक्षा में तैनात सैनिकों को सीमा पर जाकर राखी बांधी जाती है क्योंकि वह बाह्य शक्ति से हमारी रक्षा करते हैं। राखी का त्योहार भाई बहन को भावनात्मक तौर पर जोड़ता है।

Essay on Raksha Bandhan in Hindi

रक्षा बंधन किस-किस स्थान पर मनाया जाता है

राखी का पर्व मुख्य रूप से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त मलेशिया तथा अन्य देशों में (जहां भारतीय निवास करते हैं) मनाया जाता है।

रक्षा बंधन का महत्व

यह पर्व भाई-बहन को और समीप ले आता है तथा जिनसे हमारा कोई संबंध नहीं हम उन्हें भी इस पर्व के माध्यम से भाई-बहन बना सकते हैं। राखी के पर्व का महत्व, इतिहास के इस कहानी से लगाया जा सकता है।

चित्तौड़गढ़ की रानी कर्णावती ने जब देखा की उनकी सैनिक बहादुर शाह के सैन्य बल के आगे नहीं टिक पाएगी। ऐसे में रानी कर्णावती ने बहादुर शाह से मेवाड़ की रक्षा हेतु हुमायूँ को राखी भेजा। सम्राट हुमायूँ अन्य धर्म से संबंध रखने के बावजूद राखी के महत्व के वजह से बहादुर शाँह से युद्ध कर रानी कर्णावती को युद्ध में विजय दिलवाया।

राखी के महत्व से जुड़ी प्रसिद्ध पौराणिक कथा

राखी का इतिहास बहुत पुराना है। राखी के प्रचलित कहानियों में द्वापर की यह कहानी सर्वाधिक प्रचलित है, एक बार श्री कृष्ण के उंगली कट जाने पर द्रौपदी ने अपनी साड़ी के एक कोने को फाड़ कर कृष्ण के हाथ पर बांध दिया। कथानुसार द्रौपदी के सबसे मुश्किल समय में श्री कृष्ण ने उस साड़ी के एक टुकड़े का कर्ज, द्रौपदी का चीर हरण होने से बचा कर निभाया। वह साड़ी का टुकड़ा कृष्ण ने राखी समझ कर स्वीकार किया था।

स्कूल में राखी का त्योहार

राखी का पर्व अपने घर के अतिरिक्त स्कूलों में उतने ही प्यार से मनाया जाता है। यह विद्यालयों में राखी के अवकाश से एक दिन पहले आयोजित किया जाता है। इसमें बालकों की पूरी कलाई बालिकाओं द्वारा रंग-बिरंगी राखी से भर दिया जाता है। कुछ बालकों की इसमें सहमति नहीं होती है परन्तु परिस्थिति के अनुसार उन्हें यह करना पड़ता है। सच में यह रोचक दृश्य होता है।

जैन धर्म में रक्षा बंधन क्यों और कैसे मनाते हैं ?

जैन धर्म मे रक्षा बंधन का दिन बहुत शुभ माना जाता है इस दिन एक मुनि ने 700 मुनियों के प्राण बचाए थे। इस वजह से जैन धर्म से संबंध रखने वाले लोग इस दिवस पर हाथ में सूत का डोर बांधते हैं।

राखी के पर्व पर भाई-बहन क्या-क्या कर सकते हैं

  • भाई-बहन जहां भी निवास कर रहे हो राखी के समय पर एक-दूसरे से मिल सकते हैं और अवश्य ही मिलना चाहिए।
  • राखी के त्योहार को और ख़ास बनाने हेतु भाई बहन कहीं बाहर घुमने जा सकते हैं।
  • अपने-अपने जीवन में एक-दूसरे के महत्व को बताने के लिए वह उनके पसंद का उपहार उन्हें दे सकते हैं।
  • किसी पुरुष द्वारा महिला के प्रति भाई का फर्ज निभाने पर राखी के अवसर पर महिला उसे विशेष महसूस कराने के लिए राखी बांध सकती हैं।

बहन भाई का रिश्ता खट्टा-मीठा होता है। जिसमें वह आपस में बहुत झगड़ते हैं पर एक-दूसरे से बात किए बिना नहीं रह सकते। राखी का पर्व उनके जीवन में एक-दूसरे के महत्व को बताने का कार्य करता है अतः हम सभी को यह उत्सव परंपरागत विधि से मनाना चाहिए।

Essay on Raksha Bandhan in Hindi

FAQs: Frequently Asked Questions

उत्तर – रक्षा बंधन भाई बहनों के बीच निःस्वार्थ प्रेम का त्योहार है।

उत्तर – रक्षा बंधन की शुरुआत लगभग 6 हजार वर्ष पहले होने का अनुमान लगाया जाता है।

उत्तर – रक्षा बंधन श्रावण महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है।

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रक्षा बंधन पर निबंध : स्टूडेंट्स के लिए रक्षा बंधन पर निबंध 100, 200 और 500 शब्दों में 

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  • Updated on  
  • अगस्त 23, 2023

रक्षा बंधन पर निबंध

रक्षा बंधन या राखी का शुभ त्यौहार लगभग आ गया है। यह श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि के दौरान आता है और हमारे भाई-बहनों के साथ हमारे संबंधों का जश्न मनाता है। इस अवसर पर आइए जान लेते हैं 100, 200  और 500 शब्दों में रक्षा बंधन पर निबंध (Rakshabandhan par Nibandh). 

This Blog Includes:

Rakshabandhan par nibandh 100 शब्दों में  , rakshabandhan par nibandh 200 शब्दों में  , प्रस्तावना , रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है, रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है, निष्कर्ष , रक्षा बंधन पर 10 लाइन्स , रक्षा बंधन से जुड़े कुछ तथ्य.

“रक्षाबंधन” एक पर्व है जो भाई-बहन के प्यार को मनाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, जिससे भाई उसकी सुरक्षा का वादा करता है। यह पर्व उनके प्यार और संबंध को मजबूती देता है। इसके साथ ही भाई बहन एक दूसरे को उपहार भी देते हैं और खुशियों का त्योहार मनाते हैं। यह पर्व हमारे संबंधों को मजबूत बनाने का एक अच्छा मौका प्रदान करता है और परिवार के बंधनों को मजबूती देता है। 

200 शब्दों में रक्षाबंधन पर निबंध कुछ इस प्रकार है-

“रक्षाबंधन” भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो भाई-बहन के प्यार और संबंध को मनाता है। यह पर्व श्रावण मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, जिसका मतलब होता है कि भाई अपनी बहन की रक्षा करेगा।

राखी का यह परंपरागत आचरण भाई-बहन के प्यार और संबंध की महत्वपूर्णता को प्रकट करता है। इस दिन बहन अपने भाई को विशेष उपहार देती है और भाई भी उसे प्यार और आशीर्वाद देता है।

रक्षाबंधन एक परिवार में खुशियों और एकता की भावना को बढ़ावा देता है। यह दिन भाई-बहन के बीच विशेष संबंध को मजबूती देता है और उनके प्यार को और भी गहराई देता है। इसके साथ ही, यह पर्व भाई-बहन के आपसी समर्थन और साथीपन की महत्वपूर्णता को भी प्रकट करता है।

समारोह और खास त्योहारी व्यंजन इस दिन को और भी यादगार बनाते हैं। रक्षाबंधन के माध्यम से हम अपने परिवार के महत्वपूर्ण सदस्यों के साथ समय बिता सकते हैं और उनके साथ खुशियाँ मना सकते हैं।

समानता, समर्पण और प्यार की भावना से भरपूर यह पर्व हमें एक दूसरे के प्रति आदर्श संबंधों की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है। इस त्योहार के माध्यम से हम भाई-बहन के बंधन को मजबूती देने के साथ-साथ परिवार के बंधनों की महत्वपूर्णता को भी समझते हैं।

Rakshabandhan par Nibandh 500 शब्दों में

500 शब्दों में रक्षाबंधन पर निबंध कुछ इस प्रकार है – 

“रक्षाबंधन” भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण और दिलचस्प त्योहार है जो भाई-बहन के प्यार और संबंधों को मनाने का अवसर प्रदान करता है। यह पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और भारत भर में खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

रक्षाबंधन का मतलब होता है “रक्षा की बंधन”। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर विशेष धागा या राखी बांधती है, जिससे भाई उसकी सुरक्षा का आश्वासन देता है। विरोधियों के खिलाफ यह बंधन एक विशेष आचरण होता है जो प्यार और सामंजस्य बंधन को प्रकट करता है।

रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई को विशेष उपहार देती है, और भाई भी उसे आशीर्वाद और उपहारों के साथ प्रतिसादित करता है। यह दिन परिवार के सदस्यों के बीच खुशियों और मिलनसार भावनाओं को प्रकट करने का अवसर प्रदान करता है।

इस त्योहार का अर्थ न केवल भाई-बहन के प्यार की महत्वपूर्णता को प्रकट करने में है, बल्कि यह उनके बीच समर्थन, आपसी समझ और सामंजस्य बंधन की महत्वपूर्णता को भी दिखाता है।

रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के प्यार के प्रतीक के रूप में महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, यह एक परिवार के बंधन को मजबूत करने का एक अच्छा मौका प्रदान करता है। यह त्योहार समाज में सामाजिक एकता और परिवार के महत्व की भावना को प्रोत्साहित करता है।

रक्षाबंधन का त्योहार खासकर भारतीय संस्कृति में एकता और सद्भावना की प्रतीक होता है। यह दिन भाई-बहन के प्यार और सामंजस्य बंधन को मजबूत करने के साथ-साथ परिवार के सदस्यों को एक साथ आने का अवसर प्रदान करता है।

रक्षाबंधन के दिन घरों में एक उत्सव की भावना छाई रहती है। बहन राखी तैयारी में खास ध्यान देती है और भाई के लिए विशेष उपहार चुनती है। वे समर्थन और आशीर्वाद की कठिनाइयों का सामना करने का आदान-प्रदान करते हैं और सभी कठिनाइयों को सामने लाने का वचन देते हैं।

इसके अलावा, रक्षाबंधन के दिन समाज में सामाजिक दरारों को दूर करने का भी अवसर होता है। लोग इस दिन अपने दोस्तों, पड़ोसियों और परिवार के बाहरी सदस्यों के साथ एकत्रित होते हैं और उनके साथ समय बिताते हैं। यह एक खुशी का मौका होता है जब लोग अपने आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करते हैं।

यह त्योहार समाज में नारी के महत्व को भी प्रकट करता है। बहनें अपने भाइयों की रक्षा के लिए राखी बांधकर उन्हें सुरक्षित महसूस कराती हैं, जबकि भाई भी उनके प्यार और समर्थन का प्रतिसाद देते हैं। यह दिन समाज में नारी की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है और उन्हें समाज में उच्च स्थान पर रहने का मौका देता है।

समृद्धि और सफलता की कामना के साथ ही, रक्षाबंधन भाई-बहन के प्यार और संबंध की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है। यह एक विशेष तरीका है जिससे हम अपने प्यारे भाई-बहन के साथ समय बिता सकते हैं और उन्हें अपनी आसीर्वादों से नवाज सकते हैं।

समानता, सद्भावना और परिवार के महत्व की भावना से भरपूर यह पर्व हमें एक दूसरे के प्रति आदर्श संबंधों की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है। रक्षाबंधन के माध्यम से हम भाई-बहन के बंधन को मजबूती देने के साथ-साथ परिवार के बंधनों की महत्वपूर्णता को भी समझते हैं।

समग्रता और सामाजिक सद्भावना के साथ, रक्षाबंधन एक परिवार के बंधनों को मजबूत करने का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। इस त्योहार से हमें यह सीखने को मिलता है कि परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताना कितना महत्वपूर्ण है और हमें उनके साथ खुशियाँ मनानी चाहिए।

रक्षा बंधन पर 10 लाइन्स कुछ इस प्रकार हैं –

  • “रक्षाबंधन” भारतीय परंपरागत त्योहारों में से एक है जो भाई-बहन के प्यार और संबंधों का प्रतीक है।
  • यह पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जिसमें बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है।
  • राखी के साथ ही बहन अपने भाई को आशीर्वाद देती है और भाई भी उसकी सुरक्षा का वादा करता है।
  • इस त्योहार का महत्व न केवल प्यार और समर्थन को प्रकट करने में है, बल्कि यह भाई-बहन के बीच आदर्श संबंध की महत्वपूर्णता को भी दिखाता है।
  • रक्षाबंधन एक तरीका है जिससे हम अपने प्यारे भाई-बहन के साथ समय बिता सकते हैं और उन्हें अपनी आशीर्वादों से नवाज सकते हैं।
  • इस दिन बहनें खासकर अपने भाई की रक्षा के लिए तैयारी करती हैं और भाई भी उन्हें उपहारों और आशीर्वादों से प्रतिसादित करते हैं।
  • रक्षाबंधन दिन के रूप में परिवार के सदस्यों के बीच आपसी समर्थन और प्यार की भावना को बढ़ावा देता है।
  • यह त्योहार समाज में सामाजिक दरारों को दूर करने का भी अवसर प्रदान करता है और लोगों को एक-दूसरे के प्रति समर्पित होने की महत्वपूर्णता को समझाता है।
  • इस पर्व के माध्यम से हम अपने भाई-बहन के प्यार और संबंध को मजबूती देते हैं और उन्हें आपसी समर्थन का संकेत भी देते हैं।
  • रक्षाबंधन हमें एकता, समर्पण और परिवार के महत्व की महत्वपूर्णता को समझने का मौका प्रदान करता है और हमें अपने प्यारे भाई-बहन के साथ खुशियों और समृद्धि के अनुभव की अनुमति देता है।

आइये रक्षा बंधन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जान लेते हैं –

  • रक्षा बंधन को देशभर में ” राखी पूर्णिमा “, या “राखी”, या “राखरी” के नाम से भी जाना जाता है। 

रक्षा बंधन पर निबंध

  • बहन अपने भाई की कलाई पर जो धागा बांधती है वह बहुत शुभ होता है। धागा रक्षा बंधन में ‘बंधन’ भाग को दर्शाता है। यह दो-भाग वाले बंधन को दर्शाता है और सुरक्षा या ‘रक्षा’ का प्रतीक है, जो छोटी बहन अपने भाई से चाहती है।
  • राखी का पवित्र धागा सिर्फ बहनें ही अपने भाइयों को नहीं बांधती हैं। भारत के कुछ क्षेत्रों, जैसे उत्तर प्रदेश, में राखी बहन अपनी भाभी को भी बांधती है। इन राखियों को लुंबा राखी कहा जाता है । साथ ही जिन बहनों की बहनें होती हैं वे एक-दूसरे को राखी बांधती हैं। यही बात केवल भाई-बहन जोड़े पर लागू होती है।
  • रक्षा बंधन के बारे में एक और दिलचस्प तथ्य जो बहुत से लोगों को नहीं पता है वह यह है कि रक्षा बंधन श्रावण के आखिरी दिन पड़ता है, इसलिए भक्त समुद्र में नारियल प्रार्थना करके भगवान विष्णु के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करते हैं। चूंकि महाराष्ट्र एक तटीय क्षेत्र है, इसलिए रक्षा बंधन के दिन को वहां नारियल पूर्णिमा के दिन के रूप में भी जाना जाता है। उनके अपने रीति-रिवाज हैं, जिन्हें महाराष्ट्र के लोग अपने तरीके से निभाते हैं।
  • हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान इंद्र राक्षसों से लड़ने जा रहे थे, तो उनकी पत्नी इंद्राणी ने उनकी कलाई पर एक धागा बांधा था। साथ ही रिश्ते की अहमियत भी बदल गई और बहन ने अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा।

Rakshabandhan par Nibandh

  • इस तथ्य के पीछे की पूरी कहानी बहुत कम लोग जानते हैं। इस कथा के अनुसार एक बार पतंग उड़ाते समय भगवान कृष्ण का हाथ कट गया। यह देखकर द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी से कपड़े का एक टुकड़ा फाड़कर कृष्ण को बांध दिया। बदले में, भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को किसी भी परिस्थिति में रक्षा करने का वादा किया। बाद में, भगवान कृष्ण ने चीर हरण के दौरान द्रौपदी की रक्षा की।
  • हरियाणा में, राज्य त्योहार से एक दिन पहले और त्योहार के दिन महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा की घोषणा करता है ताकि वे अपने भाई के घर जा सकें और त्योहार मना सकें। इतना ही नहीं, अठारह साल या उससे कम उम्र के पुरुष वयस्क को भी महिला के साथ मुफ्त यात्रा की अनुमति है।
  • ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने राक्षस राजा बलि को वरदान दिया था कि वह उनके महल में ही रहेगा, लेकिन देवी लक्ष्मी ऐसा नहीं करना चाहती थीं। उन्होंने बाली को राखी बांधी और बदले में उनसे भगवान विष्णु को जाने देने को कहा।
  • राखी का त्यौहार बहनों और भाइयों के बीच एक सार्वभौमिक बंधन का प्रतिनिधित्व करने की अपनी सुंदर प्रकृति के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका, श्रीलंका, नेपाल, मॉरीशस और संयुक्त अरब अमीरात में मनाया जाता है।

रक्षा बंधन पर निबंध

  • यह मुख्य रूप से भारत और दुनिया भर में हिंदुओं और जैनियों द्वारा मनाया जाता है। फिर भी, यह मुस्लिम, सिख, बौद्ध और ईसाई सहित अन्य धर्मों द्वारा भी संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है।
  • नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1905 में बंगाल विभाजन के दौरान हिंदुओं और मुस्लिम समुदाय के बीच शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए रक्षाबंधन त्योहार का इस्तेमाल किया।

रक्षा बंधन का त्योहार इस साल दोनों दिन यानी बुधवार, 30 अगस्त और गुरुवार, 31 अगस्त को मनाया जाएगा।

रक्षा बंधन भाई बहनों के बीच निःस्वार्थ प्रेम का त्योहार है। रक्षाबंधन एक परंपरागत भारतीय त्योहार है जिसमें बहन अपने भाई के कलाई पर रक्षा बंधती है और उनकी लम्बी आयु और सुरक्षा की कामना करती है।

रक्षा बंधन की शुरुआत लगभग 6 हजार वर्ष पहले होने का अनुमान लगाया जाता है।

रक्षा बंधन श्रावण महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो भारतीय हिन्दू पंचांग के अनुसार आता है (जुलाई या अगस्त महीने में)।

रक्षाबंधन में बहन अपने भाई के कलाई पर राखी बांधती है, जो एक परिप्रेक्ष्य में आभूषण होता है। इसके बाद, वे एक दूसरे को मिठाइयों और उपहारों के साथ बधाई देते हैं।

राखी एक परिप्रेक्ष्य में बनी धागा होती है जिसे बहन अपने भाई की कलाई पर बांधती है। यह बंधन उनके प्यार और सम्मान का प्रतीक होता है।

रक्षाबंधन का महत्व बहन और भाई के प्यार और सख्त बंधन को साझा करने में होता है। यह एक परिवारिक त्योहार है जो परिवार के सदस्यों को एक साथ लाता है और उनके आपसी संबंधों को मजबूती देता है।

यह था Rakshabandhan par Nibandh (रक्षा बंधन पर निबंध) पर हमारा ब्लॉग। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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विशाखा सिंह

A voracious reader with degrees in literature and journalism. Always learning something new and adopting the personalities of the protagonist of the recently watched movies.

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Raksha Bandhan Essay in Hindi – रक्षा बंधन एक हिंदू त्योहार है जो आपसी प्रेम, देखभाल और सुरक्षा के भाई-बहन के बंधन का जश्न मनाता है। यह सावन महीने में मनाया जाता है Raksha Bandhan Essay और मानसून के आगमन को चिह्नित करता है, जो आमतौर पर अगस्त के ग्रेगोरियन महीने के अनुरूप होता है। परंपरागत रूप से, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर उनके प्यार और स्नेह के प्रतीक के रूप में “रक्षा” बांधती हैं। वहीं भाइयों ने अपनी बहनों की हर हाल में रक्षा करने का संकल्प लिया। 

Raksha Bandhan Essay – रस्में समाप्त होने के बाद, भाई अपनी बहन को भाव वापस करने के लिए उपहार देता है। कुछ समुदायों में भाई की अपनी बहन के ससुराल जाने की परंपरा है, अगर वह शादीशुदा है, और रक्षा बंधन मनाने के लिए उसे अपने माता-पिता के घर वापस ले जाती है। रक्षा बंधन के त्योहार में अन्य हिंदू त्योहारों की तरह धूमधाम और शो का अभाव है, लेकिन, यह एक प्रमुख पारिवारिक कार्यक्रम है और उत्साह के साथ मनाया जाता है, हालांकि निजी तौर पर।

निबंध सरल हिन्दी भाषा में लिखे गए हैं ताकि आप इसे आसानी से याद कर सकें और आवश्यकता पड़ने पर प्रस्तुत कर सकें।

रक्षा बंधन निबंध के माध्यम से आपको त्योहार के बारे में सभी उपयोगी जानकारी मिल जाएगी, अर्थात रक्षा बंधन कब मनाया जाता है, क्यों मनाया जाता है, रक्षा बंधन कैसे मनाया जाता है, रक्षा बंधन का महत्व आदि।

आप इन निबंधों से एकत्रित जानकारी का उपयोग अपने स्कूल या कॉलेज में निबंध लेखन, वाद-विवाद या भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कर सकते हैं।

रक्षाबंधन निबंध पर 10 पंक्तियाँ (10 Lines on Raksha Bandhan Essay in Hindi)

  • 1) रक्षा बंधन भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है।
  • 2) रक्षा बंधन अगस्त के महीने में श्रावण के अंतिम दिन मनाया जाता है।
  • 3) रक्षा बंधन भाइयों और बहनों के बीच बंधन, देखभाल और स्नेह का प्रतीक है।
  • 4) रक्षा बंधन के दिन बहनें कुमकुम, दीया, चावल, मिठाई और राखी से पूजा की थाली तैयार करती हैं।
  • 5) बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसके माथे पर ‘रोली चावल’ लगाती है।
  • 6) रक्षा बंधन के त्योहार पर बहन अपने भाई की सलामती के लिए भगवान से प्रार्थना करती है।
  • 7) रक्षा बंधन पर भाई अपनी बहन की जीवन भर रक्षा करने का संकल्प लेता है।
  • 8) मिठाइयों और उपहारों का आदान-प्रदान भी रक्षा बंधन के त्योहार की महत्वपूर्ण प्रथाएं हैं।
  • 9) दिन के समय स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर भी रक्षाबंधन मनाया जाता है।
  • 10) इस अवसर को मनाने के लिए लोग विशेष रूप से महिलाएं जातीय कपड़े पहनती हैं।

रक्षा बंधन पर 100 शब्दों का निबंध (Shot Essay On Raksha Bandhan 100 Words in Hindi)

रक्षाबंधन भाई और बहन के बंधन का उत्सव है। यह भारत में व्यापक रूप से मनाया जाता है, हालांकि अक्सर धार्मिक सीमाएं कम हो जाती हैं, और हम इस त्योहार के अंतर-धार्मिक उत्सव को भी देखते हैं। त्योहार आमतौर पर हिंदू कैलेंडर के सावन महीने के आखिरी दिन मनाया जाता है। यह आमतौर पर अगस्त में पड़ता है।

इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर पवित्र धागा बांधती हैं और धागा रक्षा का प्रतीक होता है। भाइयों ने बहनों की रक्षा का वचन लिया और उन्हें उपहार दिए। मिष्ठान और व्यंजन भी बनाए जाते हैं। हवा में खुशी और आराम और खुशी की लहर है।

रक्षा बंधन पर 200 शब्दों का निबंध (200 Words Essay On Raksha Bandhan in Hindi)

Raksha Bandhan Essay – जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भाई-बहन हमारे दिल में एक खास जगह रखते हैं। हालाँकि, एक भाई और बहन का विशेष बंधन बहुत ही अनूठा होता है। एक-दूसरे के प्रति उनकी जो परवाह है, उसकी कोई सीमा नहीं है। वे जो प्यार साझा करते हैं वह तुलना से परे है। रक्षाबंधन सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। रक्षा का अर्थ है सुरक्षा, और बंधन का अर्थ है बंधन। इसलिए, यह त्योहार भाइयों और बहनों के बीच सुरक्षा, देखभाल और लंबे समय के बंधन का प्रतीक है।

त्योहार अगस्त में पड़ता है। त्योहार से पहले ही बाजार और दुकानें मिठाइयों, उपहारों और राखियों से सज जाती हैं। यहां भारी भीड़ है क्योंकि हर महिला अपने भाइयों के लिए सबसे खूबसूरत राखी चाहती है। जबकि पुरुष उन उपहारों की तलाश करते हैं जो उनकी बहनें चाहती हैं।

रक्षा बंधन के दिन

इस दिन हर कोई अपने नए कपड़ों में तैयार होता है और मिठाई और नमकीन पहले से ही खरीद लिया जाता है। बहनें भाइयों की कलाई पर पवित्र धागा, राखी बांधती हैं। बदले में भाई अपनी बहनों को आशीर्वाद देते हैं और उनकी रक्षा करने और आजीवन उनकी देखभाल करने का वचन देते हैं। वे अपनी बहनों को नई ड्रेस, चॉकलेट या पैसे के रूप में उपहार भी देते हैं।

अंत में, रक्षा बंधन सबसे सुखद और सार्थक त्योहारों में से एक है। यह भाइयों और बहनों के बीच के बंधन को मजबूत करता है। इस दिन, जिन लड़कियों के भाई नहीं होते, वे पुलिस अधिकारियों, सेना के जवानों या यहां तक ​​कि हमारे प्रधान मंत्री को उनके आशीर्वाद और सुरक्षा के बदले में राखी बांधती हैं, जो त्योहार के सार और भावना को जीवित रखता है।

रक्षा बंधन पर 300 शब्दों का निबंध (300 Words Essay On Raksha Bandhan in Hindi)

रक्षा बंधन प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है। यह त्योहार देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह भाई-बहन के बंधन को मजबूत करने के लिए जाना जाता है। यह सभी उम्र के भाइयों और बहनों द्वारा मनाया जाता है।

रक्षा बंधन कब मनाया जाता है?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, रक्षा बंधन श्रावण मास में आता है जिसे सावन महीने के रूप में भी जाना जाता है। यह श्रावण मास के अंतिम दिन मनाया जाता है जो ज्यादातर अगस्त के महीने में पड़ता है। सावन का पूरा महीना हिंदू धर्म के अनुसार शुभ माना जाता है।

रक्षा बंधन कैसे मनाया जाता है?

रक्षा बंधन दिन के समय मनाया जाता है। भाई-बहन इस पवित्र दिन को मनाने के लिए सुंदर पोशाक पहनते हैं। बहनें भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं, उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं और मिठाइयों का आदान-प्रदान करती हैं। इस रस्म को निभाते हुए बहनें अपने भाइयों की सलामती की दुआ करती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और प्रतिज्ञा करते हैं कि वे उनके साथ खड़े रहेंगे और हर स्थिति में उनकी देखभाल करेंगे। दोनों भाई-बहन राखी बांधने से पहले व्रत रखते हैं। पूजा करने के बाद ही वे भोजन करते हैं।

अनुष्ठान ज्यादातर एक परिवार के ब्रंच के बाद होता है। इस प्रकार रक्षा बंधन अब केवल भाई-बहन के बंधन को मनाने का दिन नहीं है, बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बंधने का एक अच्छा अवसर भी है। यह सिर्फ सगे भाइयों और बहनों के बीच ही नहीं बल्कि चचेरे भाई-बहनों के बीच भी मनाया जाता है। लोग ज्यादातर अपने पुश्तैनी घर में इकट्ठा होते हैं जहां सभी चचेरे भाई और उनके परिवार इकट्ठा हो सकते हैं और दिन मना सकते हैं। आज के व्यस्त जीवन में जब लोगों को अपनों से मिलने में मुश्किल होती है, तो इस तरह के अवसर उनके साथ बंधने का अच्छा मौका देते हैं।

रक्षा बंधन को लेकर महिलाएं विशेष रूप से काफी उत्साहित हैं क्योंकि यह उनके लिए सुंदर कपड़े और सामान खरीदने और सजाने का समय है। दूसरी ओर, पुरुष अपनी बहनों और चचेरे भाइयों से मिलने के लिए उत्सुक रहते हैं। यह वास्तव में सर्वश्रेष्ठ हिंदू त्योहारों में से एक है।

रक्षा बंधन पर 500 शब्दों का निबंध (Long Essay On Raksha Bandhan5 00 Words in Hindi)

Raksha Bandhan Essay – रक्षा बंधन एक ऐसा त्योहार है जो भाई और बहन के बंधन को सेलिब्रेट करता है। यह पर्व हिन्दू धर्म में मनाया जाता है। यह उनके सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। साथ ही बहन-भाई इसका साल भर बेसब्री से इंतजार करते हैं। भारत में लोग इसे भरपूर जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं।

इसी तरह, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप बच्चे हैं या वयस्क। सभी उम्र के भाई-बहन रक्षा बंधन मनाते हैं। इसके अलावा, यह उनके बीच के बंधन को भी मजबूत करता है। ‘रक्षा’ का अर्थ है सुरक्षा और ‘बंधन’ का अर्थ है बंधन। इस प्रकार, यह इस त्योहार का अर्थ बताता है।

रक्षा बंधन हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। यह सावन के महीने में आता है और लोग इसे महीने के आखिरी दिन मनाते हैं। यह शुभ पर्व आमतौर पर अगस्त के आसपास ही आता है।

रक्षा बंधन का महत्व

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भाई-बहन हमारे दिल में एक खास जगह रखते हैं। हालाँकि, एक भाई और बहन का विशेष बंधन बहुत ही अनूठा होता है। एक-दूसरे के प्रति उनकी जो परवाह है, उसकी कोई सीमा नहीं है। वे जो प्यार साझा करते हैं वह तुलना से परे है।

ये आपस में कितना भी लड़ लें, ये हमेशा इनके साथ खड़े रहते हैं। छोटी-छोटी बातों पर भाई-बहन आपस में लड़ पड़ते हैं। दूसरे शब्दों में, वे एक बंधन साझा करते हैं जो चिढ़ाने और प्यार से भरा होता है।

भाई-बहन हमें बढ़ने में मदद करते हैं। हमारे जीवन के हर चरण में, उनके बीच का बंधन मजबूत होता जाता है। वे हर सुख-दुख में एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। बड़े भाई अपनी बहनों के लिए बहुत प्रोटेक्टिव होते हैं। इसी तरह बड़ी बहनें अपने छोटे भाइयों का बहुत ख्याल रखती हैं। छोटे अपने बड़े भाई-बहनों की ओर देखते हैं।

रक्षा बंधन इस बंधन को मनाने के बारे में है। यह दोनों के बीच साझा किए गए अनूठे और विशेष रिश्ते का प्रतीक है। इस खूबसूरत बंधन पर अच्छा समय बिताने और ध्यान केंद्रित करने के लिए इस दिन को सही मान्यता दी गई है। यह उनके प्यार, एकजुटता और एक दूसरे में विश्वास के प्रतीक के रूप में कार्य करता है।

रक्षा बंधन का अवसर

रक्षा बंधन बहनों के लिए लाड़ प्यार का समय है। इस शुभ अवसर पर बहनें अपने भाई की कलाई पर पवित्र धागा यानी राखी बांधती हैं। यह अच्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन की कामना के इरादे से किया जाता है।

दूसरी ओर, भाई बदले में अपनी बहनों को आशीर्वाद देते हैं और उनकी रक्षा करने और जीवन भर उनकी देखभाल करने का संकल्प लेते हैं। इस दिन बहनों को ढेर सारा प्यार और दुलार मिलता है। यह चॉकलेट, उपहार, पैसे, कपड़े और बहुत कुछ के रूप में है।

परिवार के सदस्य इस अवसर के लिए सजते-संवरते हैं, आमतौर पर एथनिक वियर में। हम बाजारों को रंगीन राखियों और उपहारों से भरते हुए देखते हैं। हर साल, फैशनेबल और ट्रेंडी राखी बाजार का चक्कर लगाती हैं। महिलाएं अपने भाइयों के लिए सही राखी की खरीदारी करती हैं और पुरुष अपनी बहनों के लिए उपहार खरीदने जाते हैं।

अंत में, रक्षा बंधन सबसे सुखद त्योहारों में से एक है। यह भाई और बहन को अपने बंधन को मजबूत करने के लिए देता है। आजकल जिन बहनों के भाई नहीं होते वे भी अपनी बहनों के साथ रक्षाबंधन का त्योहार मनाती हैं। त्योहार का सार फिर भी वही रहता है।

रक्षा बंधन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q.1 रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है.

A.1 रक्षा बंधन भाई-बहन के प्यार के बंधन को मनाने के लिए मनाया जाता है। इसके अलावा, यह इस बंधन की विशिष्टता को दर्शाता है और उन्हें एक दूसरे के लिए अपने प्यार और विश्वास का जश्न मनाने का दिन देता है।

Q.2 लोग रक्षा बंधन कैसे मनाते हैं?

A.2 रक्षा बंधन भाई की कलाई पर राखी नामक पवित्र धागा बांधकर मनाया जाता है। बदले में भाई अपनी बहनों को उपहारों से नहलाते हैं और जीवन भर उनकी रक्षा करने का संकल्प लेते हैं।

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रक्षाबंधन पर निबंध हिंदी में - Raksha Bandhan Essay in Hindi

रक्षाबंधन पर निबंध (raksha bandhan essay in hindi): रक्षाबंधन भाइयों और बहनों के बंधन का त्योहार है। इस लेख में हम आपके लिए स्कूल और कॉलेज छात्रों के लिए हिंदी में आसान और सरल रक्षाबंधन निबंध लेकर आए हैं।.

Pragya Sagar

रक्षा बंधन भाइयों और बहनों का एक हिंदू त्योहार है। बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। राखी सुरक्षा और प्रेम का प्रतीक है। बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं। यह पर्व भाई-बहन के रिश्तों के मूल्य को प्रदर्शित करता है।
रक्षा बंधन त्योहार, भाई-बहनों के बीच के बंधन का जश्न है। बहनें सुरक्षा और प्रेम के प्रतीक के रूप में अपने भाइयों की कलाई पर "राखी" बांधती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा करने का वादा करते हैं। यह परंपरा भाइयों बहनों के मजबूत संबंधों को दर्शाती है। रक्षा बंधन पूरे परिवार के लिए खुशी का अवसर है। इस दिन सिर्फ सेज भाई बेहेन नहीं बल्कि सभी रिश्तेदार भाई-बहन के बंधन का जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं। यह त्यौहार परिवार के सभी सदस्यों के बीच एकता और प्रेम की भावना को बढ़ावा देता है।

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  • रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi) - कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के लिए रक्षा बंधन पर निबंध

Updated On: July 15, 2024 01:03 pm IST

रक्षाबंधन कब है (Rakshabandhan Kab Hai?)

  • रक्षाबंधन पर निबंध 200 शब्दों में (Raksha Bandhan Essay in …
  • रक्षाबंधन पर निबंध 500+ शब्दों में (Raksha Bandhan Essay in …
  • रक्षाबंधन पर निबंध 10 लाइनों में (Raksha Bandhan Essay in …

निष्कर्ष (Conclusion)

रक्षाबंधन पर निबंध

रक्षाबंधन पर निबंध (Essay on Raksha Bandhan): श्रावणी पूर्णिमा के दिन रेशम के धागे से बहन द्वारा भाई के कलाई पर बंधन बांधे जाने की रीत को 'रक्षा बंधन' कहते हैं। पहले के समय में, रक्षा के वचन का यह पर्व विभिन्न रिश्तों के अंतर्गत निभाया जाता था पर समय बीतने के साथ यह भाई बहन के बीच का प्यार बन गया है। जिसे बड़ी ही खुशी के साथ मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, जिससे भाई उसकी सुरक्षा का वचन देता है। यह पर्व उनके प्यार और संबंध को मजबूती देता है। इसके साथ ही भाई बहनों को उपहार भी देते हैं और खुशियों का त्योहार मनाते हैं। यह पर्व हमारे संबंधों को मजबूत बनाने का एक अच्छा मौका लेकर आता है और परिवार के बंधनों को मजबूत बनाता है। ये भी पढ़ें - महात्मा गांधी पर निबंध

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Auspicious time to tie Rakhi)

  • राखी बांधने का शुभ मुहूर्त आरंभ - दोपहर 01:30 के बाद
  • राखी बांधने का शुभ मुहूर्त  समापन- रात्रि 09:07 तक

रक्षाबंधन पर निबंध 200 शब्दों में (Raksha Bandhan Essay in Hindi in 200 words)

रक्षाबंधन पर निबंध 200 शब्दों में कुछ इस प्रकार है-

“रक्षाबंधन” भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो भाई-बहन के प्यार और संबंध को मनाता है। यह पर्व श्रावण मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, जिसका मतलब होता है कि भाई अपनी बहन की रक्षा करेगा। इसके साथ भाई अपनी बहन को उपहार भी देता है।

राखी का यह परंपरागत आचरण भाई-बहन के प्यार और संबंध की महत्वपूर्णता को प्रकट करता है। रक्षाबंधन एक परिवार में खुशियों और एकता की भावना को बढ़ावा देता है। यह दिन भाई-बहन के बीच विशेष संबंध को मजबूती देता है और उनके प्यार को और भी गहराई देता है। इसके साथ ही, यह पर्व भाई-बहन के आपसी समर्थन और साथीपन की महत्वपूर्णता को भी प्रकट करता है। इस दिन प्रातः स्नानादि करके लड़कियाँ और महिलाएँ पूजा की थाली सजाती हैं। थाली में राखी के साथ रोली या हल्दी, चावल, दीपक, मिठाई, फूल और कुछ पैसे भी होते हैं। लड़के और पुरुष तैयार होकर टीका करवाने के लिये पूजा या किसी उपयुक्त स्थान पर बैठते हैं। पहले अभीष्ट देवता की पूजा की जाती है, इसके बाद रोली या हल्दी से भाई का टीका करके चावल को टीके पर लगाया जाता है और सिर पर फूलों को छिड़का जाता है, उसकी आरती उतारी जाती है और दाहिनी कलाई पर राखी बाँधी जाती है। भाई बहन को उपहार या धन देता है। इस प्रकार रक्षाबन्धन के अनुष्ठान को पूरा करने के बाद ही भोजन किया जाता है। प्रत्येक पर्व की तरह उपहारों और खाने-पीने के विशेष पकवानों का महत्त्व रक्षाबन्धन में भी होता है। आमतौर पर दोपहर का भोजन महत्त्वपूर्ण होता है और रक्षाबन्धन का अनुष्ठान पूरा होने तक बहनों द्वारा व्रत रखने की भी परम्परा है। यह पर्व भारतीय समाज में इतनी व्यापकता और गहराई से समाया हुआ है कि इसका सामाजिक महत्त्व तो है ही, धर्म, पुराण, इतिहास, साहित्य और फ़िल्में भी इससे अछूते नहीं हैं। यह बहुत ही खास त्योहार होता है। इस त्योहार को बहुत खुशी से मनाते है और सभी रश्में पूरी करते है।

समारोह और खास त्योहारी व्यंजन इस दिन को और भी ज्यादा यादगार बनाते हैं। रक्षाबंधन के माध्यम से हम अपने परिवार के महत्वपूर्ण सदस्यों के साथ समय बिता सकते हैं और उनके साथ खुशियाँ मना सकते हैं। समानता, समर्पण और प्यार की भावना से भरपूर यह पर्व हमें एक दूसरे के प्रति आदर्श संबंधों की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है। इस त्योहार के माध्यम से हम भाई-बहन के बंधन को मजबूती देने के साथ-साथ परिवार के बंधनों की महत्वपूर्णता को भी समझते हैं। भाषण पर हिंदी में लेख पढ़ें-

रक्षाबंधन पर निबंध 500+ शब्दों में (Raksha Bandhan Essay in Hindi in 500+ Words)

हमारा देश अनेक रिश्तों के बंधनों में बंधा हुआ देश है, जिसमें से एक पवित्र रिश्ता भाई और बहन का भी है, जो प्रेम की एक ऐसी अटूट डोर से बंधा हुआ है जिसे चाह कर भी कभी तोड़ा नहीं जा सकता। रक्षाबंधन के दिन राखी का विशेष महत्त्व होता है। वैसे तो राखी कच्चे धागे से बनी होती है, पर जब ये रक्षाबंधन पर्व के दिन भाई की दाहिनी कलाई में बंधती है, तो वह बहन का रक्षासूत्र बन जाती है। जिसमें बहनें अपने भाइयों की दीर्घायु की कामना करती हैं और भाई भी जीवनभर अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाये जाने वाले रक्षाबंधन के पर्व को राखी (Rakhi) का त्योहार भी कहते हैं।

रक्षाबंधन कब मनाया जाता है (When is Raksha Bandhan celebrated?)

रक्षाबन्धन भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है वहीं अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह तिथि अगस्त के महीने में आती है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं। यह एक हिन्दू व जैन त्योहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) भी कहते हैं। रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व होता है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। राखी सामान्यतः बहनें भाई को ही बाँधती हैं परन्तु ब्राह्मणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा सम्मानित सम्बंधियों (जैसे पुत्री द्वारा पिता को) भी बाँधी जाती है। कभी-कभी सार्वजनिक रूप से किसी नेता या प्रतिष्ठित व्यक्ति को भी राखी बाँधी जाती है। रक्षाबंधन के दिन बाजार मे कई सारे उपहार बिकते है, उपहार और नए कपड़े खरीदने के लिए बाज़ार मे लोगों की सुबह से शाम तक भीड़ होती है और घर मे मेहमानों का आना जाना रहता है।

रक्षाबंधन पर निबंध (Raksha Bandhan Essay in Hindi) - भाई-बहन के प्यार का प्रतीक

रक्षाबंधन का पर्व भाई और बहन के बीच पवित्र प्रेम के प्रतीक को सदियों से दर्शाता हुआ चला आ रहा है। रक्षाबंधन का अर्थ होता है रक्षा का बंधन। जब एक भाई रक्षासूत्र के समान राखी अपनी कलाई में बांध लेता है, तो वह इस पवित्र प्रेम बंधन से बंध जाता है और अपने प्राणों की चिंता किये बिना भी हर हाल में अपनी बहन की रक्षा करता है। रक्षाबंधन भाई और बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक के साथ-साथ भाई-बहन के रिश्ते की अटूट डोर का भी प्रतीक है। रक्षाबंधन का त्योहार भावनाओं और संवेदनाओ का त्योहार है, जिसमें हर भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन उसे देता है। हर भाई-बहन को रक्षाबंधन के दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है जिसे बड़ें ही खुशियों के साथ मनाते है।

रक्षाबंधन की तैयारियाँ (Preparations for Rakshabandhan)

इस दिन बहने प्रात: काल में स्नानादि करके, कई प्रकार के पकवान बनाती है, इसके बाद पूजा की थाली सजाई जाती है। पूजा की थाली में राखी के साथ कुमकुम रोली, हल्दी, चावल, दीपक, अगरबती, मिठाई रखी जाती है। भाई को बिठाने के लिये उपयुक्त स्थान का चयन किया जाता है।

सबसे पहले अपने ईष्ट देव की पूजा की जाती है। भाई को चयनित स्थान पर बिठाया जाता है, इसके बाद कुमकुम हल्दी से भाई का टीका करके चावल का टीका लगाया जाता है और अक्षत सिर पर छिडके जाते है, आरती उतारी जाती है और भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधी जाती है। सब अनूष्ठान पूरा करने के बाद ही भोजन ग्रहण करती है। भारत के अन्य त्यौहारों की तरह इस त्यौहार पर भी उपहार और पकवान अपना विशेष महत्व रखते है।

रक्षाबंधन का महत्त्व (Importance of Raksha Bandhan)

रक्षा बंधन का पर्व विशेष रुप से भावनाओं और संवेदनाओं का पर्व है, यह एक ऐसा बंधन है जो दो जनों को स्नेह की धागे से बांधता है। रक्षा बंधन को भाई - बहन तक ही सीमित रखना सही नहीं होगा बल्कि ऐसा कोई भी बंधन जो किसी को भी बांध सकता है। भाई - बहन के रिश्तों की सीमाओं से आगे बढ़ते हुए यह बंधन आज गुरु का शिष्य को राखी बांधना, एक भाई का दूसरे भाई को, बहनों का आपस में राखी बांधना और दो मित्रों का एक-दूसरे को राखी बांधना, माता-पिता का संतान को राखी बांधना हो सकता है। आज के परिपेक्ष्य में राखी केवल बहन का रिश्ता स्वीकारना नहीं है अपितु राखी का अर्थ है, जो यह श्रद्धा व विश्वास का धागा बांधता है वह राखी बंधवाने वाले व्यक्ति के दायित्वों को स्वीकार करता है उस रिश्ते को पूरी निष्ठा से निभाने की कोशिश करता है।

रक्षाबंधन का पौराणिक प्रसंग (Mythological of Raksha-Bandhan)

राखी का त्योहार कब शुरू हुआ यह कोई नहीं जानता। लेकिन भविष्य पुराण में वर्णन मिलता है कि देव और दानवों में जब युद्ध शुरू हुआ तब दानव हावी होते नज़र आने लगे। एक बार दैत्‍य वृत्रासुर ने इंद्र का सिंहासन हासिल करने के लिए स्‍वर्ग पर चढ़ाई कर दी, वृत्रासुर बहुत ताकतवर था और उसे हराना आसान नहीं था। युद्ध में देवराज इंद्र की रक्षा के लिए उनकी बहन इंद्राणी ने अपने तपोबल से एक रक्षासूत्र तैयार किया और इंद्र की कलाई पर बांध दिया। युद्ध में देवराज इंद्र की रक्षा के लिए उनकी बहन इंद्राणी ने अपने तपोबल से एक रक्षासूत्र तैयार किया और इंद्र की कलाई पर बांध दिया।संयोग से वह श्रावण पूर्णिमा का दिन था। लोगों का विश्वास है कि इन्द्र इस लड़ाई में इसी धागे की मन्त्र शक्ति से ही विजयी हुए थे। उसी दिन से श्रावण पूर्णिमा के दिन यह धागा बाँधने की प्रथा चली आ रही है। यह धागा धन, शक्ति, हर्ष और विजय देने में पूरी तरह समर्थ माना जाता है। इतिहास में श्री कृष्ण और द्रौपदी की कहानी भी प्रसिद्ध है, जिसमें जब कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया तब उनकी तर्जनी में चोट आ गई। द्रौपदी ने उस समय अपनी साड़ी फाड़कर उनकी उँगली पर पट्टी बाँध दी, और इस उपकार के बदले श्री कृष्ण ने द्रौपदी को किसी भी संकट में द्रौपदी की सहायता करने का वचन दिया था और उसी के चलते कृष्ण ने इस उपकार का बदला बाद में चीरहरण के समय उनकी साड़ी को बढ़ाकर चुकाया। कहते हैं परस्पर एक दूसरे की रक्षा और सहयोग की भावना रक्षाबन्धन के पर्व में यहीं से प्रारम्भ हुई।

रक्षाबंधन का ऐतिहासिक प्रसंग (Historical context of Raksha-Bandhan)

रक्षाबंधन का साहित्यिक प्रसंग (literary context of raksha-bandhan), रक्षाबंधन का सामाजिक प्रसंग (social context of raksha bandhan).

ऐसा माना जाता है कि राखी के रंगबिरंगे धागे भाई-बहन के प्यार के बन्धन को मज़बूत करते है। यह एक ऐसा पावन पर्व है जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को पूरा आदर और सम्मान देता है। रक्षाबन्धन आत्मीयता और स्नेह के बन्धन से रिश्तों को मज़बूती प्रदान करने का पर्व है। रक्षाबन्धन आत्मीयता और स्नेह के बन्धन से रिश्तों को मज़बूती प्रदान करने का पर्व है। यही कारण है कि इस अवसर पर न केवल बहन भाई को ही अपितु अन्य सम्बन्धों में भी रक्षा (या राखी) बाँधने का प्रचलन है। गुरु शिष्य को रक्षासूत्र बाँधता है तो शिष्य गुरु को। भारत में प्राचीन काल में जब स्नातक अपनी शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात गुरुकुल से विदा लेता था तो वह आचार्य का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उसे रक्षासूत्र बाँधता था। जबकि आचार्य अपने विद्यार्थी को इस कामना के साथ रक्षासूत्र बाँधता था कि उसने जो ज्ञान प्राप्त किया है वह अपने भावी जीवन में उसका समुचित ढंग से प्रयोग करे ताकि वह अपने ज्ञान के साथ-साथ आचार्य की गरिमा की रक्षा करने में भी सफल हो। इसी परम्परा के अनुरूप आज भी किसी धार्मिक विधि विधान से पूर्व पुरोहित यजमान को रक्षासूत्र बाँधता है और यजमान पुरोहित को। इस प्रकार दोनों एक दूसरे के सम्मान की रक्षा करने के लिये परस्पर एक दूसरे को अपने बन्धन में बाँधते हैं। रक्षाबन्धन पर्व सामाजिक और पारिवारिक एकबद्धता या एकसूत्रता का सांस्कृतिक उपाय रहा है।

स्वतंत्रता संग्राम में रक्षाबंधन की भूमिका (Role of Raksha-Bandhan in Freedom Struggle)

स्वतंत्रता संग्राम काल में रक्षाबंधन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है, जो भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान राष्ट्रीय एकता और आत्मनिर्भरता को संरक्षित करता था।

राष्ट्रीय एकता को समर्थन: स्वतंत्रता संग्राम के समय, रक्षा बंधन ने लोगों को राष्ट्रीय एकता और समरसता की भावना के साथ एकजुट किया। भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में भारतीयों ने एकत्र होकर विदेशी शासन से मुक्ति के लिए संघर्ष किया। रक्षा बंधन के अवसर पर भाई-बहन एक-दूसरे के साथ आदर्श एकता का प्रतीक बन जाते थे। राष्ट्रीय भाव को उत्साहित करना: रक्षा बंधन स्वतंत्रता संग्राम के समय राष्ट्रीय भाव को उत्साहित करता था। भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए जान की बाजी लगाई थी, और रक्षा बंधन के अवसर पर उन्हें समर्थन मिलता था और उनके लिए दुआएं बनती थी।

आत्मनिर्भरता की प्रेरणा: स्वतंत्रता संग्राम के समय रक्षा बंधन ने भारतीयों को आत्मनिर्भरता की प्रेरणा दी। देश को स्वतंत्र बनाने के लिए, भारतीयों को अपने आप को सशक्त बनाने और देश के लिए स्वयं को समर्पित करने की जरूरत थी। रक्षा बंधन ने इस आत्मनिर्भरता की भावना को प्रोत्साहित किया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को शक्तिशाली बनाया। संबंधों को मजबूत करना: रक्षा बंधन के त्योहार ने भारतीयों के संबंधों को मजबूत किया। भाई-बहन के प्रेम और सम्मान को बढ़ावा देने से उनके बीच एक गहरा बंधन बनता था, जो आपसी समरसता को बढ़ावा देता था।

रक्षाबंधन पर सरकारी प्रबंध (Government arrangements on Raksha Bandhan)

भारत सरकार द्वारा रक्षा बंधन के अवसर पर डाक सेवा पर छूट दी जाती है। इस दिन के लिए खास तौर पर 10 रुपये वाले लिफाफे की बिक्री की जाती है। इस 50 ग्राम के लिफाफे में बहनें एक साथ 4-5 राखी भाई को भेज सकती हैं। जबकी सामान्य 20 ग्राम के लिफाफे में एक राखी ही भेजी जा सकती है। यह ऑफर डॉक विभाग द्वारा बहनों को भेट है अतः यह सुविधा रक्षाबंधन तक ही अपलब्ध रहता है। और दिल्ली में बस, ट्रेन तथा मेट्रो में राखी के अवसर पर महिलाओं से टिकट नहीं लिया जाता है। इसके अलावा और भी प्रदेशों में राखी के दिन महिलाओं के लिए बस की सुविधा फ्री की जाती है।

राखी और आधुनिक तकनीकी माध्यम (Rakhi and modern technical means)

आज के आधुनिक तकनीकी युग एवं सूचना सम्प्रेषण युग का प्रभाव राखी जैसे त्योहार पर भी पड़ा है। बहुत सारे भारतीय आजकल विदेश में रहते हैं एवं उनके परिवार वाले (भाई एवं बहन) अभी भी भारत या अन्य देशों में हैं। इण्टरनेट के आने के बाद कई सारी ई-कॉमर्स साइट खुल गयी हैं, जो ऑनलाइन आर्डर लेकर राखी दिये गये पते पर पहुँचाती है। इससे देश-विदेश रहने वाले भाई-बहनों के लिए भी यह त्योहार मनाना आसान हो गया है। इस तरह आज के आधुनिक विकास के कारण दूर-दराज़ में रहने वाले भाई-बहन जो राखी पर मिल नहीं सकते, आधुनिक तरीकों से एक दूसरे को देख और सुन कर इस पर्व को सहर्ष मनाते हैं।

उपसंहार (Epilogue)

रक्षाबंधन पर निबंध 10 लाइनों में (raksha bandhan essay in hindi in 10 lines).

  • रक्षा बंधन का त्योहार सावन के महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
  • रक्षा बंधन का त्योहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है, जिससे कई प्राचीन कहानियां जुड़ी हुई हैं।
  • राखी के साथ ही बहन अपने भाई को आशीर्वाद देती है और भाई भी उसकी सुरक्षा का वादा करता है।
  • इस त्योहार का महत्व न केवल प्यार और समर्थन को प्रकट करने में है, बल्कि यह भाई-बहन के बीच आदर्श संबंध की महत्वपूर्णता को भी दिखाता है।
  • इस दिन बहनें खासकर अपने भाई की रक्षा के लिए तैयारी करती हैं और भाई भी उन्हें उपहार और आशीर्वाद देते हैं।
  • रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहनों के प्रेम के साथ साथ एक-दूसरे के प्रति अपने कर्तव्यों का एहसास भी कराता है।
  • रक्षा बंधन पर बहने अपने भाई के लिए उपवास राखित है और उन्हें राखी बंधने के बाद अपना व्रत तोड़ती है।
  • जो बहनें अपने भाइयों के साथ नहीं रहती, वह अपने भाई को राखी डाक, ईमेल और ऑनलाइन भेजती हैं।
  • रक्षाबंधन पर सारे बाजार सज जाते हैं और दुकानों पर रंग बिरंगी मिठाइयां भी सजी होती है, हर तरफ प्यार का माहौल होता है।
  • हिंदू धर्म ग्रन्थों में रक्षा बंधन के पर्व का महत्व बताया गया है और इंद्रा देव और राजा बली की कहानी भी प्रचलित है।

अतः रक्षाबंधन आपसी प्यार सम्मान और एकजुटता को दर्शाने वाला त्यौहार है जिसके मनाने के तर्क तो बहुत है परंतु सब का उद्देश्य आपसी प्यार ही है। भाई बहन को मिलकर इस त्यौहार को बड़े प्यार से और अपनेपन के साथ पुराने सभी गिले-शिकवे भुलाते हुए मनाना चाहिए। समग्रता और सामाजिक सद्भावना के साथ, रक्षाबंधन एक परिवार के बंधनों को मजबूत करने का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। इस त्योहार से हमें यह सीखने को मिलता है कि परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताना कितना महत्वपूर्ण है और हमें उनके साथ खुशियाँ मनानी चाहिए। ऐसे ही और निबंध के लिए CollegeDekho के साथ जुड़ें रहें। निबंध संबधित आर्टिकल्स पढ़ें-

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रक्षाबंधन  30 और 31 अगस्त दोनों ही दिन मनाया जायेगा लेकिन भद्रा के साए की वजह से शुभ मुहूर्त का खास ख्याल रखना होगा। 30 अगस्त को लगभग पूरे दिन ही भद्रा का साया रहेगा और 31 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सिर्फ सुबह कुछ देर तक ही है। 

रक्षाबंधन का पर्व प्रेम और पवित्रता का पर्व है। यह पर्व भाई और बहनों के लिए एक दूसरे की लंबी उम्र और सुखद जीवन की कामना करने का दिन होता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई उन्हें कोई तोहफा देने के साथ-साथ जीवन भर के सुख-दुख में उनका साथ देने का वादा करते हैं। इस पर्व की वजह से भाई-बहनों के रिश्तों में और मजबूती आती है।

क्षा बंधन मनाने के पीछे की कहानी यह है कि जब यमुना ने यम को राखी बांधी, तो मृत्यु के देवता ने उसे अमरता प्रदान की। ऐसा कहा जाता है कि वह इस भाव से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने घोषणा की कि जो भी भाई राखी बांधेगा और अपनी बहन की रक्षा करने की पेशकश करेगा, वह भी अमर हो जाएगा।

राखी बांधने के बाद बहनें अपने भाइयों को रोली (लाल तिलक), अक्षत और दीपक लगाती हैं। इस अवसर पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर पवित्र धागा बांधती हैं, ऐसा माना जाता है कि इससे भाई-बहन का रिश्ता मजबूत होता है। बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और जीवन भर उनकी रक्षा करने का वादा करते हैं।

इतिहास के पन्नों को देखें तो इस त्योहार की शुरुआत की उत्पत्ति लगभग 6 हजार साल पहले बताई गई है। इसके कई साक्ष्य भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। रक्षाबंधन की शुरुआत का सबसे पहला साक्ष्य रानी कर्णावती व सम्राट हुमायूँ हैं।

रक्षा बंधन का शाब्दिक अर्थ रक्षा करने वाला बंधन है। इस पर्व में बहनें अपने भाई के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और बदले में भाई जीवन भर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। रक्षा बंधन को राखी या सावन के महिने में पड़ने के वजह से श्रावणी व सलोनी भी कहा जाता है।

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रक्षा बंधन पर निबंध

raksha bandhan essay in hindi 200 words

By विकास सिंह

essay on raksha bandhan in hindi

रक्षा बंधन भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है। यह मॉरीशस और नेपाल में भी मनाया जाता है। त्योहार पर भाई और बहन के पवित्र बंधन का जश्न मनाते हैं। रक्षा बंधन प्राचीन काल से मनाया जा रहा है।

विषय-सूचि

रक्षाबंधन पर निबंध, 200 शब्द:

रक्षा बंधन हिंदू धर्म में मुख्य त्योहारों में से एक है। हालांकि यह पूरे भारत में मनाया जाता है, लेकिन यह देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों से संबंधित लोगों के लिए विशेष संदर्भ रखता है।

देश में पुजारी रक्षा बंधन के दिन राखी बांधने के लिए विशेष समय की घोषणा करते हैं। यह महिलाओं के लिए सुंदर पोशाक को सजाना और अवसर के लिए तैयार होने का समय है। उन्हें ज्यादातर मैचिंग एक्सेसरीज और फुटवियर के साथ एथनिक पहनावा पहने देखा जाता है।

पुरुषों को पारंपरिक भारतीय पोशाक भी दान करते देखा जाता है। वातावरण प्रेम और आनंद से भर गया। अनुष्ठान बहनों द्वारा अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाने से शुरू होता है। फिर वे अपने भाइयों की कलाई पर राखी बाँधते हैं और मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं। बहनें अपने भाइयों के कल्याण की कामना करती हैं क्योंकि वे अनुष्ठान करते हैं।

भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और हर स्थिति में उनकी देखभाल करने का वादा करते हैं। यह न केवल भाइयों और बहनों के लिए एक विशेष दिन है, बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बंधन के लिए भी एक महान अवसर है।

प्रौद्योगिकी में उन्नति ने इस दिन प्रियजनों को एक साथ लाने में भी मदद की है। दूर देश में रहने वाले भाई-बहन वीडियो कॉल के जरिए एक-दूसरे से जुड़ सकते हैं। जो लोग राखी के दिन एक दूसरे के घर जाने में असमर्थ होते हैं वे इन दिनों फोन या लैपटॉप पर एक दूसरे को देखकर त्योहार मनाते हैं।

रक्षाबंधन पर निबंध, 300 शब्द:

प्रस्तावना:.

रक्षा बंधन मुख्य हिंदू त्योहारों में से एक है। यह त्यौहार देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह भाई-बहन के बंधन को मजबूत करने के लिए जाना जाता है। यह सभी उम्र के भाइयों और बहनों द्वारा मनाया जाता है।

रक्षा बंधन कब मनाया जाता है?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, रक्षा बंधन श्रावण मास में आता है जिसे सावन माह के रूप में भी जाना जाता है। यह श्रावण मास के अंतिम दिन मनाया जाता है जो ज्यादातर अगस्त के महीने में आता है। सावन का पूरा महीना हिंदू धर्म के अनुसार शुभ माना जाता है।

कैसे मनाया जाता है रक्षा बंधन?

रक्षा बंधन दिन के समय मनाया जाता है। भाइयों और बहनों ने इस पवित्र दिन को मनाने के लिए सुंदर पोशाकें सजाईं। बहनें भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं, उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं और मिठाइयों का आदान-प्रदान करती हैं। इस अनुष्ठान को करते समय बहनें अपने भाइयों की सलामती की प्रार्थना करती हैं।

भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और प्रतिज्ञा करते हैं कि वे उनके साथ खड़े रहेंगे और हर स्थिति में उनकी देखभाल करेंगे। दोनों भाई-बहन राखी बांधने से पहले व्रत रखते हैं। अनुष्ठान करने के बाद ही वे भोजन करते हैं। अनुष्ठान ज्यादातर एक परिवार के ब्रंच के बाद होता है। इस प्रकार रक्षा बंधन अब केवल भाई-बहन के बंधन को मनाने का दिन नहीं है, बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों के साथ शादी करने का भी एक अच्छा अवसर है।

यह केवल वास्तविक भाइयों और बहनों के बीच ही नहीं बल्कि चचेरे भाइयों के बीच भी मनाया जाता है। लोग ज्यादातर अपने पैतृक घर में इकट्ठा होते हैं, जहां सभी चचेरे भाई और उनके परिवार इकट्ठा होते हैं और दिन मना सकते हैं। आज के व्यस्त जीवन में जब लोगों को अपने निकट और प्रिय लोगों से मिलना मुश्किल होता है, तो ऐसे अवसर जैसे कि उनके साथ संबंध बनाने का अच्छा मौका देते हैं।

निष्कर्ष:

रक्षा बंधन के बारे में महिलाएं विशेष रूप से उत्साहित हैं क्योंकि यह उनके लिए सुंदर कपड़े और सामान की खरीदारी और सजने का समय है। दूसरी ओर, पुरुष अपनी बहनों और चचेरे भाइयों से मिलने के लिए तत्पर रहते हैं। यह वास्तव में सर्वश्रेष्ठ हिंदू त्योहारों में से एक है।

रक्षाबंधन पर निबंध, 400 शब्द :

रक्षा बंधन, मुख्य हिंदू त्योहारों में से एक है, जो भाई बहन के बंधन को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर पवित्र धागा, राखी बांधती हैं, जो उनके लिए अच्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन की कामना करते हैं। दूसरी ओर, परेशान लोग अपनी बहनों को आशीर्वाद देते हैं और जीवन भर उनकी देखभाल करने की प्रतिज्ञा करते हैं।

भाई-बहन के प्यार का प्रतीक:

भाई-बहन का रिश्ता बेहद खास होता है। जिस तरह से वे एक-दूसरे की देखभाल करते हैं वह तुलना से परे है। कोई भी अपने दोस्तों से उतना प्यार या परवाह नहीं कर सकता, जितना कि वे अपने भाई-बहनों से करते हैं। भाइयों और बहनों के साथ एक साझा संबंध और बंधन बस अतुलनीय है। समय आने पर तुच्छ बातों पर वे एक-दूसरे से कितना भी लड़ें, एक-दूसरे से खड़े होकर अपना समर्थन बढ़ाएं।

उम्र बढ़ने के साथ बंधन मजबूत होता है और जीवन के विभिन्न चरणों से गुजरता है। वे एक-दूसरे के लिए मोटे और पतले होते हैं। बड़े भाई अपनी बहनों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं और छोटे लोग अपनी बड़ी बहनों के मार्गदर्शन के लिए तत्पर रहते हैं।

इसी तरह, बड़ी बहनें अपने छोटे भाइयों की बहुत देखभाल करती हैं और छोटे लोग अपने बड़े भाई की मदद और विभिन्न मामलों में सलाह लेते हैं। इस खूबसूरत बंधन को मनाने का एक दिन इस तरह से स्थापित किया गया है। रक्षा बंधन देश के हर भाई-बहन के लिए खास है। यह उनके प्रेम, एक-दूसरे के प्रति विश्वास और विश्वास का प्रतीक है।

रक्षा बंधन – लाड़ प्यार का समय:

रक्षा बंधन महिलाओं के लिए खुद को लाड़ प्यार करने का समय है। उन्हें अपने भाइयों से बहुत प्यार और लाड़-प्यार मिलता है। चूंकि यह पारिवारिक समारोहों का समय है, इसलिए महिलाएं विशेष रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ दिखना चाहती हैं। एथनिक कपड़ों को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है क्योंकि यह हिंदू त्योहारों के उत्सव में शामिल होता है।

बाजार सुंदर कुर्तियों, सूट और अन्य एथनिक परिधानों से भरे पड़े हैं। महिलाओं को अपने स्वाद से मेल खाने वाले टुकड़े को खरीदने के लिए दुकान से दुकान की उम्मीद करते देखा जाता है। वे मिलान सामान और जूते खरीदने के लिए भी जाते हैं।त्यौहार के दिन, लड़कियां अच्छी तरह से कपड़े पहनती हैं।

पोशाक और सामान के अलावा, वे इस दिन अलग दिखने के लिए विशेष हेयर-डॉस के लिए भी जाते हैं। उनके भाई भी उनके प्यार और आशीर्वाद की वर्षा करते हैं और उपहार देकर भी उन्हें खुश करते हैं।

रक्षा बंधन को देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, हालांकि त्योहार का सार एक ही रहता है और वह है पवित्र भाई-बहन के बंधन का जश्न।

रक्षा बंधन पर निबंध, 500 शब्द:

रक्षा बंधन भारत के कई हिस्सों के साथ-साथ नेपाल और पाकिस्तान जैसे आसपास के देशों में भी मनाया जाता है। यह एक ऐसा त्योहार है जो एकता और शक्ति का प्रतीक है और पारिवारिक संबंधों की शक्ति को दर्शाता है। यह एक दिन विशेष रूप से भाई बहन के रिश्ते को मनाने के लिए समर्पित है जो दुनिया के सबसे खास रिश्तों में से एक है। त्योहार प्राचीन काल से मनाया जा रहा है।

रक्षा बंधन: ऐतिहासिक संदर्भ

यह उत्सव कैसे अस्तित्व में आया और विभिन्न प्रसिद्ध हस्तियों के लिए इसका कितना महत्व है, इस पर कई लोककथाएँ प्रस्तुत की गई हैं। यहाँ त्योहार के कुछ ऐतिहासिक संदर्भ दिए गए हैं:

सिकंदर महान ऐसा कहा जाता है कि जब अलेक्जेंडर ने भारत पर आक्रमण किया, तो उसकी पत्नी उसकी भलाई के बारे में बहुत चिंतित थी। उसने पोरस को एक पवित्र धागा भेजा, जिसमें उसने अलेक्जेंडर को नुकसान नहीं पहुंचाने का अनुरोध किया। परंपरा के साथ रखते हुए, पोरस ने लड़ाई के दौरान सिकंदर पर हमला करने से परहेज किया। उन्होंने रोक्साना द्वारा भेजी गई राखी का सम्मान किया। यह घटना 326 ईसा पूर्व की है।

रानी कर्णावती रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूं की कथा भी इस पवित्र अनुष्ठान के महत्व पर जोर देती है। ऐसा कहा जाता है कि चित्तौड़ की रानी कर्णावती, जो एक विधवा रानी थीं, ने उन्हें राखी भेजकर सम्राट हुमायूँ की मदद मांगी। उसने ऐसा तब किया जब उसे एहसास हुआ कि वह बहादुर शाह से अपना साम्राज्य नहीं बचा सकती। हुमायूँ ने राखी का सम्मान किया और अपने सैनिकों को सभी बाधाओं से लड़ने और चित्तौड़ को बचाने के लिए भेजा।

रक्षा बंधन के लिए सही उपहार चुनना:

इस समय के आसपास कई तरह के उपहारों से बाजार भर गया है। कपड़े से लेकर जूते-चप्पल तक के सामान से लेकर घर की सजावट का सामान-इनमें से प्रत्येक में इतनी विविधता है कि इनमें से किसी एक को चुनना मुश्किल हो जाता है। भाइयों को अक्सर भ्रम होता है कि अपनी बहनों को क्या उपहार दें क्योंकि इसे बनाना एक कठिन विकल्प है।

वे अक्सर बाज़ार में घूमते रहते हैं और अपनी बहनों के लिए एक सही उपहार की तलाश में रहते हैं ताकि उनके चेहरे पर मुस्कान आ सके। इस त्योहार के दौरान सही उपहार चुनना वास्तव में एक बड़ा काम है। तो यह सिर्फ महिलाओं की नहीं है जो समय के दौरान बाजार और दुकान पर जाती हैं और पुरुष भी अपनी प्यारी बहनों के लिए उपहार की तलाश में अच्छी मात्रा में निवेश करते हैं।

भाईदूज:

रक्षा बंधन की तरह ही, भाई दूज एक और त्योहार है जो भाई बहन के बंधन को मजबूत करने और खुश करने के लिए मनाया जाता है। बहनें इस दिन अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी सलामती की दुआ करती हैं। भाई हर समय अपनी बहनों के पक्ष में रहने का वचन देते हैं।

वे मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं और भाई अपनी बहनों को उपहार भेंट करते हैं। त्योहार की भावना को जोड़ने के लिए लोग जातीय परिधान पहनते हैं। यह केवल भाइयों और बहनों के साथ ही नहीं बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भी बंधने का समय है।

रक्षा बंधन भाइयों और बहनों के लिए एक विशेष महत्व रखता है। यह न केवल आम आदमी द्वारा मनाया जाता है, बल्कि देवी-देवताओं द्वारा भाई-बहनों के बीच पवित्र बंधन का आनंद लेने के लिए भी मनाया जाता है।

रक्षाबंधन पर निबंध, 600 शब्द:

रक्षा बंधन, त्यौहार जो पवित्र भाई बहन के बंधन को मनाता है, सावन के शुभ महीने के दौरान आता है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर एक पवित्र धागा बांधती हैं जो अपने भाइयों के लिए अच्छे स्वास्थ्य और भाग्य की कामना करते हैं। दूसरी ओर, भाई अपनी बहनों को आशीर्वाद देते हैं और उनकी देखभाल करने का वादा करते हैं। यह प्राचीन काल से बहुत उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।

पौराणिक संदर्भ – रक्षा बंधन:

रक्षा बंधन के त्योहार का उल्लेख कई पौराणिक कहानियों में मिलता है। इसका मतलब है कि यह प्राचीन काल से मनाया जा रहा है। त्योहार से जुड़ी प्राचीन कहानियाँ यह भी बताती हैं कि यह सिर्फ असली भाई-बहनों या चचेरे भाइयों के बीच नहीं मनाया जाता था। यहाँ इस पवित्र त्योहार के कुछ पौराणिक संदर्भ हैं:

इंद्र देव की कथा: प्राचीन हिंदू ग्रंथ, भाव पुराण के अनुसार, एक बार जब देवता राक्षसों से लड़े, तो बारिश और आकाश के देवता इंद्र ने राजा बलि के हाथों सामना किया। इंद्र को ऐसी हालत में देखने में असमर्थ, साची, उनकी पत्नी ने विष्णु के साथ चिंता साझा की। विष्णु ने उसे एक पवित्र धागा दिया और उसे इंद्र की कलाई पर बांधने के लिए कहा। साची ने पति की लंबी उम्र और सफलता की कामना करते हुए धागा बांधा। इसके बाद, इंद्र ने चमत्कारिक रूप से बाली को हरा दिया। रक्षाबंधन का त्योहार इस कहानी से प्रेरित बताया जाता है। राखी को एक सुरक्षा धागा माना जाता है। पहले के समय में, यह पवित्र धागा राजाओं और योद्धाओं को उनकी बहनों या पत्नियों द्वारा युद्ध के दौरान उनकी रक्षा करने के लिए भी बांधा जाता था।

देवी लक्ष्मी ने राजा बलि को पवित्र धागा बांधा: ऐसा कहा जाता है कि जब दानव राजा बलि ने विष्णु से तीनों लोकों को जीत लिया, तो उन्होंने बाद में उन्हें अपने स्थान पर उनके साथ रहने के लिए कहा। हालांकि विष्णु की पत्नी, देवी लक्ष्मी को उनका निर्णय पसंद नहीं आया, लेकिन विष्णु ने उनकी सहमति जताई। इस प्रकार उसने बाली को राखी बाँधने का फैसला किया। जब बाली ने उससे बदले में एक उपहार मांगा तो उसने उसे अपने पति को वैकुंठ वापस भेजने के लिए कहा। बाली अपनी बहन को ना नहीं कह सका। इस पवित्र धागे की शक्ति है।

कृष्ण और द्रौपदी का पवित्र बंधन: कहा जाता है कि शिशुपाल को मारते समय, भगवान कृष्ण ने गलती से उसकी उंगली को चोट पहुंचाई थी। जैसे ही उनकी उंगली से खून बहने लगा, द्रौपदी उनके पास पहुंची, उनकी साड़ी से एक टुकड़ा उतारा और कृष्ण की उंगली के चारों ओर बांध दिया। इस इशारे से कृष्ण को छुआ गया और द्रौपदी की रक्षा करने का वादा किया गया। इसके बाद, द्रौपदी ने हर साल कृष्ण को एक पवित्र धागा बांधा। जब कौरवों द्वारा द्रौपदी चीरहरण के दौरान अत्यंत कष्ट में थी, तब भगवान कृष्ण ने उसे बचाया था। दोनों ने एक बहुत ही खास बंधन साझा किया।

रवींद्र नाथ टैगोर की रक्षा बंधन का आइडिया: जाने-माने भारतीय लेखक, रवीन्द्र नाथ टैगोर का मानना ​​था कि रक्षा बंधन केवल भाइयों और बहनों के बीच ही नहीं बल्कि सभी देशवासियों के बीच एकजुटता के बंधन को मजबूत करने का दिन था। बंगाल के विभाजन के बारे में सुनकर प्रसिद्ध लेखक तबाह हो गया।

ब्रिटिश सरकार ने इस प्रांत को विभाजित करने के लिए विभाजन और शासन की रणनीति का इस्तेमाल किया। हिंदू मुस्लिम संघर्ष ने इस विभाजन का आधार बनाया। यह उस समय के आसपास था जब रवींद्र नाथ ने रक्षा बंधन समारोह का आयोजन हिंदू और मुसलमानों को करीब लाने के लिए किया था। उन्होंने इन दोनों धर्मों के लोगों से अनुरोध किया कि वे अपने बंधन को मजबूत करने के लिए एक-दूसरे को सुरक्षा का पवित्र धागा बाँधें।

पश्चिम बंगाल में, लोग अभी भी एकता और एकता की भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए अपने दोस्तों और पड़ोसियों को राखी बांधते हैं।

भाई-बहनों के लिए राखी का विशेष महत्व है। उनमें से कई अपनी पेशेवर और व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के कारण एक-दूसरे से मिलने में असमर्थ हैं। हालांकि, वे इस विशेष दिन पर एक दूसरे के लिए समय निकालने की पूरी कोशिश करते हैं।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Raksha Bandhan Essay in Hindi

Raksha Bandhan Essay in Hindi: रक्षाबंधन पर निबंध

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Raksha Bandhan Essay in Hindi

यहां हम आपको “Raksha Bandhan Essay in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Essay on Raksha Bandhan in Hindi तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए. 

Raksha Bandhan Essay in Hindi 100 Words ( रक्षाबंधन पर निबंध 100 शब्दों में)

रक्षाबंधन हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है। इसे राखी के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है। इस बार रक्षाबंधन 30 अगस्त 2023 के दिन आ रहा है। यह हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को आता है। इस त्यौहार के लिए बच्चे सबसे ज्यादा उत्साहित रहते हैं। रक्षाबंधन के दिन कई प्रकार के पकवान और मिठाइयां बनाई जाती है। इस दिन बहने अपने भाईयों की आरती उतारकर राखी बांधती हैं, एवम मिठाई खिलाती हैं। भाई भी अपनी बहनों को इस दिन उपहार देते हैं। यह भाई बहनों के बीच में प्रेम और स्नेह का त्यौहार है। 

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Raksha Bandhan Essay i Hindi 150 Words ( रक्षाबंधन पर निबंध 150 शब्दों में)

रक्षाबंधन जिसे राखी के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार हर साल अगस्त के महीने में श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्यौहार हिंदुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। जिसे मुख्य रूप से भारत में मनाया जाता है। रक्षाबंधन का अर्थ है-रक्षा का बंधन है। यह त्यौहार मुख्य रूप से भारत में मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई भी बदले में अपनी बहनों को उपहार देते हैं। यह त्यौहार भाई-बहनों के रिश्तों को समर्पित है। इस दिन लोगों के घरों में पकवान और मिठाइयां बनाई जाती हैं, एवम सबके बुआ और मामा एक दूसरे के घर जाकर राखी का त्यौहार मनाते हैं। यह त्यौहार बहन और भाई के प्रेम, स्नेह के रिश्ते का प्रतीक है। मुझे रखी का त्यौहार सभी त्यौहारों में से बहुत पसंद है, जिसका मैं पूरे साल इंतजार करती हूं।

Raksha Bandhan Essay in Hindi 20 0 Words ( रक्षाबंधन पर निबंध 200 शब्दों में)

रक्षाबंधन का पर्व हर साल अगस्त के महीने में आता है। यह हिंदुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। इसे देश भर में लोग अपनी परंपराओं के अनुसार मानते हैं। कई जगहों पर इस दिन बहनें अपने भाईयों के लिए व्रत भी रखती हैं। यह त्यौहार भारत के अलावा भी कई जगहों पर मनाया जाता है। हर साल रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा को आता है। इस दिन सभी लोग नए वस्त्र पहनकर तैयार होते हैं और घरों में विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं। यह त्यौहार पौराणिक समय से ही मनाया जाता रहा है।

पुराने समय में जब राजा और राजकुमार युद्ध पर जाया करते थे, तब बहनें उन्हें रक्षासूत्र बांधकर भेजती थीं। रक्षाबंधन का त्यौहार में भाई बहन के अलावा, बुआ अपने भतीजों को भांजी अपने मामाओं को भी राखी बांधती हैं। यूं तो यह त्यौहार मुख्य रूप से भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है। लेकिन आज प्रकृति संरक्षण हेतु पेड़ों को भी रखी बांधने की परम्परा शुरू हो गई है। जिसमें हम पेड़ों को राखी बांधकर उनकी रक्षा का वचन देते हैं, वहीं पेड़ भी हमें शुद्ध वायु देकर हमें जीवन प्रदान करते हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य एक दूसरे को भगवा रंग की राखी बाँधते हैं। 

Raksha Bandhan Essay in Hindi 2 50 Words ( रक्षाबंधन पर निबंध 250 शब्दों में)

रक्षाबंधन का अर्थ है, रक्षा + बंधन, यानी की रक्षा का बंधन। इसे राखी भी कहा जाता है। यह त्यौहार प्रमुख रूप से भारत में हिंदुओं, जैन और अन्य समुदायों द्वारा भी मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाईयों की कलाई पर रक्षा सूत्र यानी रखी बांधती है। बहने इस दिन का पूरे साल इंतजार करती हैं। इस दिन वे सुबह जल्दी स्नान करके अपने भाई के मस्तक पर तिलक लगाती हैं, और आरती उतारकर उन्हें मिठाई खिलाती हैं। भाई अपनी बहनों को उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं और कई सारे उपहार भी देते हैं। इस दिन घरों में सजावट की जाती है, सभी लोग नए वस्त्र पहनकर तैयार होते हैं, और पकवान मिष्ठान आदि खाते हैं। इस दिन कई लोग अपनी नानी के तो कई लोग अपनी दादी के घर जाते हैं। जहां वे मामा, मौसी, बुआ के साथ मिलकर राखी का त्यौहार मनाते हैं। 

खुद को एक नए जमाने का व्यक्ति दिखाने के लिए हम लोगों ने काफी सारी पुरानी सभ्यताओं में बदलाव करना शुरू कर दिया है। हम शिक्षित होने की आड़ लेकर अपनी पूजा पद्धति को बदलते जा रहे हैं। हमें कभी भी अपनी संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए हमें हमेशा अपनी संस्कृति और पारंपरिक रीति-रिवाजों को सही ढंग से मनाना चाहिए। राखी का त्यौहार भी आजकल नए तरीके से मनाया जा रहा है। इस त्यौहार की कई रस्मों में परिवर्तन कर दिया गया है। लेकिन हमें दोबारा से अपने त्यौहारों का महत्व समझ उन्हें पुनः वास्तविक रस्मों के साथ मनाना चाहिए।

हमारी संस्कृति में जितने भी पर्व आते हैं। उनका एक विशेष महत्व होता है इसके अलावा हमारे पूर्वजों ने जो भी पर्व बनाए हैं। वह सब किसी खास मकसद के साथ बनाए गए हैं। राखी का यह पर्व मुख्य रूप से भाई-बहन के लिए बनाया गया है। यह त्यौहार एक भाई के प्रति उसके बहन का प्यार एवं एक भाई का उसकी बहन के प्रति रक्षा के वचन को दर्शाता है। यह त्यौहार केवल आपसी खुशी के लिए नहीं है, बल्कि इसका महत्व आपसी खुशी से कई ज्यादा है। एक व्यक्ति या महिला जिसे भी अपना रक्षक समझती है, वह उसे राखी अपनी रक्षा की जिम्मेदारी उसे दे सकती है।

Raksha Bandhan Essay in Hindi 30 0 Words ( रक्षाबंधन पर निबंध 300 शब्दों में)

भाई-बहनों के रिश्तों को समर्पित यह राखी का त्यौहार हर साल अगस्त के महीने में आता हैं। यह त्यौहार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन पड़ता है। यह त्यौहार पौराणिक समय से मनाया जाता रहा है। इस दिन बहनों द्वारा अपने भाईयों के लिए व्रत रखने की भी मान्यता है, जो कई जगह पर मानी जाती है। अन्य त्यौहारों की तरह ही राखी का त्यौहार भी लोगों द्वारा अलग-अलग तरीके और अंदाज में मनाया जाता है। इस दिन बहनें सुबह उठकर जल्दी स्नान कर नए वस्त्र धारण कर तैयार होती हैं, और फिर राखी की थाल तैयार करती हैं। इस थाली में कुमकुम, अक्षत (चावल), नारियल, रुमाल, राखी और मिठाई रखी जाती है।

बहनें अपने भाईयों के लिए कई प्रकार की राखी लाती हैं, जैसे फैंसी राखी, सोने या चांदी की राखी। सबसे पहले बहने अपने भाईयों के सिर पर रूमाल रखती हैं, और उन्हें टीका लगती हैं। इसके बाद वे नारियल पर टिका लगाकर भाई को देती हैं। फिर भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसे मिठाई खिलाती हैं। भाई अपनी बहन के पांव छूकर उसे उपहार देता है। कई घरों में लड्डु गोपाल को राखी बांधने की परंपरा होती है। जिसमें सबसे पहले लड्डु गोपाल को राखी बांधने के बाद ही भाईयों को राखी बांधी जाती है। रक्षाबंधन पर भाई के अलावा, लड़कियां अपने पिता, अपनी भाभी, मामी, अपने मामा या चाचा, बुआ अपने भतीजे, भांजी अपने मामाओं को भी राखी बांधती हैं।

यह त्यौहार अब रिशेतदारों और परिवार जनों को राखी बांधने तक ही सीमित नहीं है। इस दिन प्रकृति संरक्षक द्वारा पेड़-पौधों को राखी बांधी जाती हैं, क्योंकि वे हमें शुद्ध वायु देकर और पर्यावरण में संतुलन रखकर हमारे जीवन की रक्षा कर रहे हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य भी एक-दूसरे को राखी बाँधते हैं, जो भगवा रंग की होती है। यह त्यौहार प्रेम और सौहार्द का त्यौहार है, रक्षा का वचन देने और रक्षा करने वाले के लिए प्रेम प्रकट करने का त्यौहार है, जो पहले हमारे पूर्वजों द्वारा मनाया जाता था, आज हमारे द्वारा मनाया जा रहा है, और आगे भी मनाया जाता रहेगा।

Raksha Bandhan Essay in Hindi 50 0 Words ( रक्षाबंधन पर निबंध 500 शब्दों में)

राखी का यह त्यौहार आपसी प्रेम के लिए समर्पित है। वर्तमान के समय में आपसी रंजिश को दूर करने के लिए देश के कई बड़े राजनेताओं द्वारा एक दूजे को राखी बांधी जा रही है। राखी का यह त्यौहार नफरत को मिटाकर एकता का प्रतीक बनता है। यह त्यौहार प्रेम का त्यौहार है। एक इंसान जिस भी चीज से प्यार करता है, उसे राखी बांधता है। जैसा कि आजकल कई लोगों द्वारा पर्यावरण की रक्षा के लिए आस-पास मौजूद पेड़-पौधों को राखी बांधते हैं, अपने वाहनों को राखी बांधते हैं, कारखाने में उपयोग की जाने वाली मशीनों को राखी बांधते हैं। यह परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही है, पहले गुरुकुल में गुरुओं द्वारा अपने शिष्यों को राखी बांधी जाती थी।

रक्षा बंधन मनाने की विधि

राखी का त्यौहार सावन के पवित्र माह में मनाया जाता है। इसे मानने की विधि सबसे अलग होती है। यहां एक पावन त्यौहार है, जिसे पूरी पवित्रता के साथ मनाया जाता है। इस दिन बहनें सुबह जल्दी उठकर स्नान करके पूजा की थाली सजाती हैं। पूजा की थाली में कुमकुम, राखी, रोली दीपक, अक्षत मिठाई रखकर उस थाली को भगवान के आगे रखती हैं। उस राखी की थाल से सबसे पहले भगवान की आरती उतारी जाती है, एवं उन्हें एक राखी समर्पित की जाती है। उसके बाद बहने अपने भाईयों की आरती उतारती है। उनके सिर पर रुमाल रखती हैं, माथे पर तिलक कर अक्षत डाल उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं। इसके बाद अंत में भाई अपनी बहन को उपहार देता है। दोनों भाई-बहन एक दूजे को मिठाई खिलाकर त्यौहार की बधाई देते है।

रक्षा बंधन कैसे मनाते है?

प्राचीन काल में रक्षाबंधन काफी अलग तरीके से मनाया जाता था। हमारे वेद पुराणों में राखी का महत्व कुछ अलग ही बताया गया है। राखी का धागा सबसे ज्यादा शक्तिशाली माना गया है, क्योंकि एक बार कोई महिला अगर इस धागे को किसी भाई के हाथ पर बांधती हैं, तो वह भाई हमेशा उस बहन की रक्षा करता है। इसे बहन के प्रति भाई के समर्पण का प्रतीक भी माना जाता है। लेकिन आज यह त्यौहार काफी अलग तरीके से मनाया जाता है। इस दिन सभी बहने नई नई फैंसी-फैंसी तरह की राखियां लाकर अपने भाईयों को बांधती हैं। कुछ बहनें अपने भाईयों को सोने व चांदी से निर्मित राखियां भी बांधती हैं, एवं राखी के बदले अपने भाई से अच्छे उपहार की भी मांग करती हैं।

रक्षाबंधन का महत्व

Raksha bandhan essay in hindi 1000 words ( रक्षाबंधन पर निबंध 1000 शब्दों में).

रक्षाबंधन या राखी का त्यौहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। भारत में यहां त्यौहार मुख्य रूप से हिंदू धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाता है। इसके अलावा जैन धर्म के लोग भी इस त्यौहार को मनाया जाता हैं। भारत में यह त्यौहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन का माहौल देखने लायक होता है, और हो भी क्यों ना आखिर या त्यौहार भाई और बहनों के लिए जो है। हिंदू संस्कृति में यह एकमात्र ऐसा दिन है, जो खासकर भाई बहनों के लिए बना हुआ है। इस दिन भाई और बहन आपसी प्रेम को दर्शाते हैं। भारत देश के अलावा विश्व के कई बड़े देशों में भी राखी का त्यौहार मनाना शुरू कर दिया गया है। इंसानों द्वारा इस त्यौहार को रक्षा का प्रतीक त्यौहार मानकर मनाना शुरू किया गया है। एक व्यक्ति जिस भी चीज पर निर्भर होता है, एवं जिसे वह अपना रक्षक समझता है, उसे वह राखी बांधता है।

यूं तो भारत में भाई बहनों का आपसी प्रेम दर्शाने के लिए किसी खास दिन की आवश्यकता नहीं होती और ना ही भाई बहन का प्रेम और कर्तव्य की भूमिका किसी एक दिन पर मोहताज है। लेकिन किन्हीं खास धार्मिक मान्यताओं और महत्त्व के कारण यह रक्षाबंधन का त्यौहार इतना खास है। सदियों से चला आ रहा यह त्यौहार आज भी सारे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। श्रावण मास की पूर्णिमा याने की जुलाई अगस्त के माह में यह त्यौहार मनाया जाता है। भारत की प्राचीन कथाओं में कई बार राखी का वर्णन किया गया है। यह एक ऐसी रसम होती है, जिसमें एक लड़की/महिला किसी व्यक्ति को अपना भाई मानकर उसे अपनी रक्षा का जिम्मा देती है। इस दिन भाई भी अपनी बहनों को जीवन भर रक्षा का वचन देता है।

रक्षा बंधन का इतिहास

राखी का सबसे पहले उल्लेख राजा बलि की कथा से मिलता है। एक बार की बात है, राजा बलि ने एक यज्ञ पूरा कर स्वर्ग पर अधिकार जमाने की कोशिश की, इस बात से चिंतित होकर देवराज इंद्र ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की। तब भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर जाकर वामन अवतार लिया और यज्ञ समाप्त होते ही राजा बलि के पास जाकर भिक्षा मांगी। उन्होंने राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी और राजा से यह वचन लिया कि तीन पग में जितनी भूमि आएगी वह उनकी होगी। राजा बलि ने उन्हें वचन दिया, तब भगवान ने एक पग में धरती और दूसरे पग में आकाश पाताल नाप दिया, जब तीसरा पग रखने के लिए कहीं जगह ना मिली तो राजा बलि ने भगवान से कहा कि आप मेरे सर पर पर रख दें। इस बात से चिंतित लक्ष्मी जी ने राजा बलि की भक्ति को देख उसके प्राण को बचाने का सोचा। तब नारद जी ने लक्ष्मी जी से कहा कि आप जाकर राजा बलि को राखी बांधकर उसे अपना भाई बना लें। माता लक्ष्मी ने ऐसा ही किया उन्होंने राजा बलि को राखी बांधकर अपना भाई बना लिया। भगवान ने राजा बलि को रसातल भेज दिया और माता बदले में भगवान को वापस लेकर आ गई।

इतिहास में राखी की दूसरी कथा का वर्णन महारानी कर्मावती से जुड़ा हुआ है। एक बार की बात है, मेवाड़ की महारानी कर्मावती ने मुगल राजा हिमायू को राखी भेजकर अपनी रक्षा की प्रार्थना की थी हुमायूं ने मुसलमान होते हुए भी राखी के बंधन की लाज रखी। हुमायूं ने महारानी कर्मावती की राखी को स्वीकार किया। महाभारत काल के दौरान भी राखी का पर्व मनाया जाता था। जब श्री कृष्ण भगवान ने शिशुपाल का वध किया था तो उनकी तर्जनी उंगली में चोट आ गई थी तब द्रोपती ने भगवान कृष्ण का बहता हुआ लहू रोकने के लिए अपनी साड़ी का पल्लू फाड़ उनकी उंगली पर पर बांधा था। भगवान श्री कृष्ण ने उसे राखी के रूप में स्वीकार कर द्रोपती को रक्षा का वचन दिया था। उस दिन भी श्रावण मास की पूर्णिमा ही थी। जब द्रोपदी का चीर हरण किया जा रहा था तब, कृष्ण भगवान ने द्रौपदी की रक्षा कर अपना कर्ज चुकाया और इस त्यौहार को एक रक्षा का प्रतीक बनाया।

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है?

भाई-बहन के आपसी संबंध और प्रेम भावना को दर्शाने के लिए रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन भाईयों को बहनों के लिए उनके कर्तव्य का एहसास होता है। बहने इस दिन अपने भाई की लम्बी आयु, खुशहाली और तरक्की की कामना करती हैं और अपने भाई के लिए अपने प्रेम को प्रकट करती हैं। यह त्योहार भाई और बहनों दोनों को ही उनके बीच के प्रेम और उनके प्रति अपने कर्तव्य की याद दिलाता है इसलिए ही रक्षाबंधन का इतना महत्त्व हैं। एक समाज में महिलाओं और लड़कियों की क्या महत्वता है, इसका एहसास भी उन्हें आज के त्यौहार के माध्यम से पता चलता है। इसके महत्व के कारण ही इसे पौराणिक काल से लेकर आज तक मनाया जाता रहा है और आगे भी इसी प्रकार मनाया जाता रहेगा। 

हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले सभी त्यौहार हिंदू संस्कृति के प्रतीक माने जाते हैं। यह त्यौहार सभी हिंदुओं के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं। सारे विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहां पर बहनों के लिए एक खास त्यौहार मनाया जाता है। दूसरी और कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो बेटियों को गर्भ में ही मार देते हैं। रक्षाबंधन के दिन लाखों भाईयों की कलाई सूनी रह जाती है, क्योंकि उनके माता-पिता उनकी बहन को गर्भ में ही मार देते हैं और बहन के प्यार को छीन लेते हैं। यह हम सभी भारतीयों के लिए काफी शर्म की बात है हमारे धर्म में कन्या पूजन सदियों से चला आ रहा है। हमारे वेद शास्त्रों में कन्या को एक देवी का रूप माना जाता है, फिर भी भ्रूण हत्या के मामले सामने आ रहे हैं। यह त्यौहार केवल भाई-बहनों का नहीं बल्कि सारे समाज का होता है। इस दिन समाज के सभी लोगों को एक दूजे की रक्षा का प्रण लेना चाहिए। सभी लोगों को समझ में मौजूद सभी बहन बेटियों की रक्षा का प्रण लेना चाहिए।

Essay on Raksha Bandhan in Hindi

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Raksha Bandhan Essay in Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Essay on Raksha Bandhan in Hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Raksha Bandhan Essay in Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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रक्षाबंधन पर निबंध | Essay On Raksha Bandhan

रक्षा बंधन का त्योहार हर साल श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षा बंधन 2021 में 22 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षा बंधन का त्योहार भाई बहन के प्यार का प्रतिक है, जिसे राखी का त्योहार भी कहा जाता है। रक्षा बंधन पर.

रक्षा बंधन का त्योहार हर साल श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षा बंधन 2021 में 22 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षा बंधन का त्योहार भाई बहन के प्यार का प्रतिक है, जिसे राखी का त्योहार भी कहा जाता है। रक्षा बंधन पर बहन भाई की कलाई पर राखी बंधती और उसके सुखी जीवन की प्राथना करती है। इसके साथ ही बहन बहन से अपनी सुरक्षा का वचन लेती है। रक्षा बंधन हिन्दुओं को प्रमुख त्योहार है, जिसे पूरे भारत समेत अन्य देशों में भी मनाया जाता है। स्कूलों में बच्चों के लिए रक्षा बंधन पर निबंध लिखने को दिया जाता है। ऐसे में अगर बच्चों को राखी पर निबंध लिखना है तो यह रक्षा बंधन पर लेख आपके लिए मददगार होगा। आइये जानते हैं राखी रक्षा बंधन पर निबंध कैसे लिखें?

रक्षाबंधन पर निबंध | Essay On Raksha Bandhan

रक्षा बंधन पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8 और 9वीं तक के लिए भारत में रक्षा बंधन का त्योहार भाई और बहन के बीच के बंधन को मजबूत करने वाला पर्व है। रक्षा बंधन का अर्थ है रक्षा का बंधन, यह का पर्व हर साल श्रवण मास पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की रक्षा के लिए उसकी कलाई पर 'राखी' नामक पवित्र धागा बांधती है। श्रावण मास की पूर्णिमा पर मनाया जाने वाला रक्षा बंधन भारत का सबसे लोकप्रिय त्योहार है। राखी के त्योहार को लेकर कई प्राचीन कहानियां प्रचलित में हैं। अगर हम इतिहास में देखें तो भाई और बहन के बीच प्यार का प्रतिक रक्षा बंधन युद्ध में जीत का भी प्रतिक है।

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्राचीन काल में देवताओं और राक्षसों के बीच महायुद्ध हुआ, जो लगातार 12 साल तक चला। इस युद्ध के अंत में देवताओं की हार और राक्षसों की जीत हुई। इस जीत के बाद राक्षसों ने देवताओं के राजा-इंद्र के सिंहासन पर कब्जा कर लिया। उनका पाप लगातार बढ़त गया और उन्होंने तीनों लोगों पर भी कब्जा कर लिया। जब तीनों लोकों में देवता की हार हुई तो, सभी देवता मिलकर देवताओं के आध्यात्मिक गुरु बृहस्पति देव के पास गए और उनसे मदद मांगी।

गुरु देव बृहस्पति ने देवराज इंद्रा को जीत के कुछ मंत्र दिए और उनका जाप करने को कहा, जिससे उनको सुरक्षा मिल सके। बृहस्पति ने इंद्रा को पूजा का पूरा विधान बताया और कहा की श्रावण मास में पूर्णिमा के से दिन मंत्रों के जाप की प्रक्रिया शुरू करें। बृहस्पति देव ने इंद्रा को एक अभिमंत्रित ताबीज दिया। इस ताबीज को इंद्रा की पत्नी शची 'इंद्राणी' ने उनकी दाहिनी कलाई पर बांध दिया। जिसके बाद इंद्रा देव ने बृहस्पति देव के दिए मंत्रों का विधिपूर्वक जाप शुरू किया।

पूजा-पाठ पूरी करने के बाद इंद्र को भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आशीवार्द मिला। इन आशीर्वादों के कारण, भगवान इंद्र ने राक्षसों को युद्ध में हरा दिया और तीनों लोकों पर देवताओं का आधिपत्य पुनः स्थापित किया। इस जीत के बाद हर वर्ष श्रवण मास की पूर्णिमा को रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाने लगा। वर्तमान में, रक्षा बंधन का त्योहार बही बहन के प्रेम के साथ साथ बाजारवाद का भी पर्याय बन गया है। भाई बहन के मन के प्यार पर अब बाजारवाद हावी है, हर तरफ केवल रक्षा बंधन केवल दिखावा होता जा रहा है। इस सम्स्य को समझना होगा और रक्षा बंधन के पवित्र त्यौहार को उसका मूल स्वरुप देना होगा।

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रक्षा बंधन पर निबंध कक्षा 10, 11 और 12 तक के लिए जी हां रखाबंधन का पर्व आते ही भाई बहन का प्यार अपनापन पुरानी यादें सब ताजा हो जाती है। क्योंकि यह ऐसा बंधन जो रिश्ते को रिचार्ज कर देता है। अगर भाई बहन का रिश्ता इस पवित्र बंधन में सहेजकर रखा जाए तो दोनों एक दूसरे से चाहे कितने ही दूर रहे, पर दिलों में दूरियां न आयें, ये ही रक्षाबंधन का पर्व कहलाता है। बस रिश्तों को निभाने के लिए धैर्य समझदारी अपनापन प्यार और त्याग की आवश्यकता होती है। बस इन प्यार के बंधन को कसकर बांधकर प्यार के बंधन में बाधने के लिए इन सबको एक माला में पिरोना ही रक्षा बंधन कहलाता है। यह वजह है कि इस युग में चाहें हम कितनी ही तरक्की कर लें पर इस त्यौहार की वजह से हम एक दूसरे से जुड़े रहते हैं।

रखाबंधन के दिन बहन भाई के लिये एक थाली में मिठाई नारियल फल राखी और चावल कुमकुम रखकर उसका तिलक करके उसको मिठाई खिलाकर अपने हाथों से रेशम की डोरी उसके हाथ में बांधती है। इस तरह सारे भारत में राखी का त्यौहार बहन भाई की कलाई पर रखाी बांधकर उसे अपने प्यार में बंधती है। भाई को वह राखी हमेशा अपने बहन की याद और रक्षा करने का वचन याद दिलाती है। इस तरह यह त्यौहार पूरे रीति रिवाज के साथ मनाया जाता है और जाता रहेगा। राखाी का त्यौहार निश्छल प्रेम का प्रतीक है। एक दूसरे से किये हुये वादें निभाने का प्रतीक है। अपनी भूली बिसरी का यादों का तरोताजा करने का दिन है। कुछ नये वादे करने का भाई बहन का एक अपनेपन का पवित्र दिन है। इस रिश्ते में शंका की कोई गुंजाईश नही रहती।

यह अटुट प्रेम का बंधन है। जो एक दूसरे की परवाह करना सिखाता है। एक दूसरे के दूख दर्द को दूर करने का संकल्प और रक्षा और वादों का प्यार करने का त्यौहार है। भारतवर्ष अनेक रीतिरिवाजो संस्कति त्यौहार का देश कहा जाता है। तो सच है त्यौहार के कारण हम एक दूसरे से जुड़े हुए रहते हैं। त्यौहार एक ऐसा जरिया है, जो कुछ न कुछ नया संदेश लेकर आता है। उनमें राखी का पर्व एक दूसरे की भावनाओं को समझने यह पवित्र त्योहार है। रक्षाबंधन का त्यौहार हर वर्ष बडे ही धूमधाम से हमारे देश में मनाया जाता है। यह हमारे लिये एक नया पैगाम संदेश लेकर नये वादे करनेके संकल्प के रूप में आता है। आज के आधुनिक युग में दिखावा कुछ ज्यादा हो गया, इससे बचें। केवल रेशम की डोरी बांधने से रक्षा बंधन नही हो जाता बल्कि उसमें प्यार की मिठास जरूरी है, यही तो प्यार का प्रतीक है।

कॉलेज छात्रों के लिए रक्षा बंधन पर निबंध राखी के त्यौहार का महत्व तब और बढ़ जाता है, जब बहन ससूराल से अपने मायके में राखी के लिये आती है। वह अपनी पुरानी सखी सहेलियों से झूलों की महक और अपनी पूरानी यादों को और अपने पवित्र रिश्ते को तरोताजा करने के लिए चली आती है। राखी का त्यौहार हमे एक सूत्रता में बांधने का प्रयास करता है। भाई को भी माता-पिता की तरह ही एक जिम्मेदारी निभाने का दर्जा दिया जाता है। अब कह सकते है कि एक अभिभावनक के रूप में देखा जाता है। माता पिता को जीवन भर साथ नही रहते परन्तु भाई बहन दोनों इस बंधन से बधंकर एक दूसरे से जुडे हुये रहते है और आज के इस दिन को भाई बहन भूल नही पाते बहन भले ही ससूराल चली जाती है। लेकिन अपने मायके अपने सखी सहेली भाई भाभी माता-पिता को नही भूल पाती, चाहे कितने ही गिले शिकवे हो जाए। यही तो राखी का त्यौहार कहलाता है। अगर बहन मायके जाने में असमर्थ हो तो वह किसी न किसी प्रकार से राखी जरूर भेजती है। यही परम्परा है तो निभाती है एक धागा ही तो है जो प्यार को महसूस कराता है। इसे अटूट सम्बन्ध को कोई नहीं तोड़ सकता है।

सावन का महीना आते ही शिव की आराधना का पर्व शुरू जाता है और जगह जगह मेले लगते है। इस सावन के महीने में हरियाली चारों और फैल जाती है और इस खुशनुमा मौसम में चार चांद लग जाते है। गांवों में आम की डाली पर झूले लगाये जाते है और सखी सहेलियों सावन की गीत गाकर इस त्यौहारों का आंनद उठाती है। हठ खेलियां करती है, सावन का महीना आते ही मायके की यादें तरोताजा होने लगती है। बहन इस सावन के मौके पर पड़ने वाले त्यौहार राखी का का बेसब्री से इंतजार करने लगती है और मायके पहुच जाती है। धार्मिक दृष्टि से देखा जाय तो यह राखी का पर्व एक महत्वपूर्ण पर्व है। जब देवता तारका सूर के वध के बाद माता पार्वती अैर शंकर जी के पास जाकर वरदान मांगते है और कहते है माता हमें कोई ऐसाा उपाय बताये जिससे हमें कोई परेशान ना करें और हमें अपने सिंहासन से कोई अलग न कर करें। हम आपको जन्म-जमान्तर तक अपने मन में आपको स्मरण करते रहे। अपने हृदय में आपको बसाये रखें तब माता पार्वती इंद्र और अन्या देवताओं कलाई पर अपना रखा सूत्र बांधती और फिर सभी माता पार्वती को रक्षा सूत्र यानि इस डोरी रक्षा करने कावचन देते है इस मार्यादा का हम पालन करेंगे।

रक्षाबंधन का अर्थ दिनों-दिन बदलता जा रहा है और आर्थिक रूप से त्योहार को देखा जाता है। अब शहरीकरण के कारण अैर समय की कमी के कारण प्यार के इस बंधन में धीरे-धीरे मिठास कम होती जा रही है और एक -दूसरे को दूर करती जा रही है। आज राखी में अमीरी गरीबी का भेद , एक दूसरे से कुछ ज्यादा ही अपेक्षाए सामने आती दिख रही है। पहले जैसा अपनापन और स्नेह सरोकार भाई का बहन के प्रति, बहन का भाई के प्रति कम हो गया है। अगर हम इस सरोकार अपनेपन की नींव को हिलने से बचाने के लिये अगर थोड़ी समझदारी से काम लें तो यह पूनः कायम हो सकती है। और वह राखी का धागा ही हमें जोडने में सहायक होगा, जिससे हमारी दूरियां मिट जाएंगी। राखी एक ऐसा अटूट बंधन है और इस बंधन से हम दूबारा प्यार का बीज बोकर उसे पूनः नए रूप में उगा सकते है। एक बात है कि आज की भागदौड भरी जिंदगी में दोनों एक दूसरे से समय के अभााव मिलने में असमर्थ होने की कारण भी दूरियां बढ़ गई हैं। लेकिन हम उन सम्मबन्धों का पुनः बनाये रख्चाने के लिये उसकेा समय समय पर हम संचार साधनों के माध्यम उसे पुनः जीवित कर सकते है। लेकिन यह पहल दोंनों औरसे होनी चाहिये दोनों का एक दूसरे के पी्रति लगाव प्यार की भावाना होनी चाहिये। आज नौकरी की वजह से दूर जाने के कारण यह त्यौहार एक औपाचारिकता पूर्ण रह गई है। मंहगाई की वजह से भी त्यौहार की मिठास कम होने लगी है। इस राखी के पवित्र रिश्ते पर बाजार वाद हावी हो गया। आज भावनाओं से ज्यादा दिखावा हो गया है। बाजारवाद की वजह से गरीबी अमीरी सामने आई है अगर भाई के पास देने के लिये कुछ न हो तो भाई बहन के पास जाने से कतराता है। इस रिश्ते में जबदस्ती तोहफा की नही होनी चाहिए तो यह त्यौहार जीवंत पर्यन्त चलता रहेगा। दोनों से केवल प्यार होना चाहिए इन सब के बावजूद हमारी हिंदू धार्मिक परंपराएं अपने गरिमामय अस्तित्व को जीवंत रखने में पूर्ण सक्षम है।

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रक्षाबंधन पर निबंध 2024 | Essay on Raksha Bandhan For class 3, 4, 5 In Hindi

रक्षाबंधन पर निबंध 2024 | Essay on Raksha Bandhan For class 3, 4, 5 In Hindi : आप सभी को रक्षाबंधन 2024 के पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.

आज के रक्षा बंधन निबंध में हम कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स के लिए 100 words, 150 words, 200 words, 250 words में सरल रक्षाबंधन का निबंध, भाषण, अनुच्छेद, लेख स्पीच यहाँ बता रहे है.

रक्षाबंधन को राखी का त्यौहार भी कहते हैं. यह हिन्दुओ के मुख्य त्यौहार में गिना जाता हैं, प्रतिवर्ष हिन्दू कैलेडर के अनुसार रक्षाबंधन श्रावण महीने की पूर्णिमा के दिन देशभर में मनाया जाता हैं.

जो सम्भवत जुलाई या अगस्त महीने में आता हैं. भाई बहिन के पावन रिश्ते और उज्जवल प्रेम का प्रतीक यह पर्व भाई-बहिन के रिश्ते को बढ़ाने के साथ ही एक दुसरे का ख्याल रखने की याद भी दिलाता हैं.

प्रतिवर्ष रक्षाबंधन के दिन बहिन अपने घर से भाई के लिए अच्छी से अच्छी राखी लाकर भैया की दाहिनी कलाई पर बाधती हैं. तिलक कर भाई की लम्बी उम्र की प्रार्थना करती हैं, भाई अपनी बहिन की रक्षा करने का सकल्प लेता है इस दिन प्रत्येक भाई राखी बंधवाने का इन्तजार करता हैं,

तथा राखी बाधने के बाद बहिन को उपहार भी भेट करता हैं. रक्षाबंधन के पर्व को मनाने के पीछे कई धार्मिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं. जिनमे वामनावतार की कथा का बड़ा महत्व हैं. पृथ्वी लोक पर राजा बली ने ब्रह्मा की कठिन तपस्या कर स्वर्ग का पूर्ण अधि कार अपने कब्जे में कर लिया.

इससे चिंतित होकर इंद्र ने विष्णुजी से विनती कि वे बली के पास वामनावतार में जाए और दक्षिणा में पूरा राज्य छीन लेवे. इस पर बली ने वामनावतार जी को तीन पग रखने की जमीन भेट की, विष्णु जी ने एक पैर जमीन, आसमान और एक पाताल में रख लिया, जिसके कारण बली को रसातल में एक शर्त पर जाने के लिए तैयार हुआ

जिसमे जब वो चाहे विष्णु उनके साथ रहे. इस प्रकार ऐसे वर से परेशान लक्ष्मीजी बली के पास पहुची और उन्हें धागा बांधकर भाई बना लिया और भेट में अपने पति को मांग लिया. कहते हैं उस दिन श्रावण की पूर्णिमा थी.

उपसंहार : भारत की संस्कृति की दुनियां में अपनी अनूठी पहचान हैं. अपने इतिहास, परम्परा और मूल्यों के कारण भारतीय आज भी हजारों सालों की मान्यताओं और रिवाजों का पालन करते हैं. प्रत्येक भारतीय को अपने पर्व और त्योहारों पर गर्व हैं.

भारत की धरती पर बहिनों को समर्पित राखी का त्यौहार आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना किसी अन्य समय में हुआ करता था.

जिस तरह आज भी हमारी कुछ बहिनों बेटियों को संसार देखने से पूर्व ही गर्भ में मार दिया जाता हैं. राखी जैसे पर्व मनुष्य में रिश्तों की महत्ता को जगाने में अहम भूमिका निभाते हैं.

रक्षाबंधन के दिन कई ऐसे भाइयों की कलाइयाँ खाली रह जाती है, जिन बहिनों को माता पिता ने दुनियां में आने ही नहीं दिया था, विश्व की सबसे समृद्ध और वैभवशाली संस्कृति वाली भूमि कही जाने वाले भारत में एक तरफ कन्या पूजन और देवी पूजा का विधान हैं.

वही दूसरी ओर बेटियों की गर्भ में हत्या, वधुओं के साथ दहेज़ की प्रताड़ना, और छोटी कन्याओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं निश्चय हमारे समाज को कलंकित करने वाली हैं.

रक्षाबंधन के इस त्यौहार पर हम प्रण ले कि हम कभी भी किसी भारतीय बहिन के साथ न अत्याचार करेगे न किसी को करने देगे, जीवन में कम से कम एक अनाथ या बिना भाई की बहिन से राखी बंधवाकर जीवन भर उनकी रक्षा का प्रण जरुर ले. तभी सही मायनों में इस तरह के उत्सवों के आयोजनों का उद्देश्य सार्थक सिद्ध हो सकेगा.

रक्षा बंधन निबंध Essay On Raksha Bandhan 2024 In Hindi

भारत त्योहारों का देश हैं, हमारे यहाँ पर विभिन्न प्रकार के त्यौहार मनाए जाते हैं. हर त्यौहार अपना विशेष महत्व रखता हैं. रक्षा बंधन भाई-बहिन के प्रेम का प्रतीक त्यौहार हैं. यह भारत की गुरु-शिष्य परम्परा का प्रतीक त्योंहार भी हैं. यह दान के महत्व को प्रतिष्टित करने पावन त्यौहार हैं.

रक्षा बंधन इन्हे राखी का पर्व भी कहा जाता हैं, ये श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं. कहते हैं इसी महीने ऋषि लोग आश्रम में रहकर यज्ञ और विद्या-अध्ययन किया करते थे.

श्रावण की पूर्णिमा के दिन मासिक यज्ञ का समापन होता था. इस यज्ञ की समाप्ति के पश्चात सभी शिष्यगण और यजमानों को राखी का धागा बाधा जाता था. सम्भवतया इसी कारण इस पर्व को राखी का त्यौहार रक्षाबंधन कहते हैं.

हजारों वर्षो की इसी परम्परा को आगे बढाते हुए आज भी राखी के दिन ब्राह्मण अपने यजमानों के राखी का धागा बांधते हैं. कालान्तर में इसी धागे को रक्षा सूत्र कहा जाने लगा. जब ब्राह्मण अपने यजमान को राखी बांधते हैं, तो निम्न मंत्र का उच्चारण करते हैं.

येन बद्दो बली राजा, दानवेंदरो महाबल: | तेन त्वां प्रति बच्चामि रक्षे, मा चल, मा चल ||

इस मन्त्र का आशय यह हैं, कि जिस रेशम के धागे से राजा बली को बाँधा था. आज वो तुम्हे बाँध रहा हु. हे रक्षासूत्र तू भी अपने कर्तव्य पथ से कभी मत डिगना, विचलित होना. यानि इनकी किसी भी मुशीबत या समस्या में मदद करना इसकी रक्षा करना.

वर्तमान समय में रक्षाबंधन को भाई-बहिन का पर्व भी माना जाता हैं, बहिन कई दिनों से अपने भाई की कलाई पर राखी बाँधने का इन्तजार कर रही होती हैं. रक्षाबंधन के अवसर पर जो बहिने ससुराल जाती हैं,

वे अपने मायके आकर भाई की कलाई पर राखी का धागा बाँध उनका मुह मीठा कर तिलक लगाती हैं. भाई अपनी बहिन को उपहार भी देता हैं. इस दिन सभी जगह ख़ुशी का माहौल होता हैं. एक दुसरे के राखी बाँधने के साथ ही घर पर विशेष पकवान भी बनाएँ जाते हैं.

रक्षाबंधन के पर्व के आने से पूर्व ही बाजार राखी, मिठाई और नए वस्त्रो से सज-धज जाते हैं. बाजार की रौनक देखते ही बनती हैं. इस दिन बहिने बाजार जाकर अपने भाई के लिए अच्छी से अच्छी राखी लाने का प्रयत्न करती हैं. 

रक्षाबंधन के दिन देवालयों में विशेष पूजा अर्चना भी की जाती हैं. इसी तिथि को लोग पैदल कावड़ लेकर चलने का द्रश्य बड़ा मनोरम होता हैं. विभिन्न धार्मिक स्थलों पर इस दिन मेले लगते हैं. दान-पुण्य का कार्य भी सम्पन्न किया जाता हैं.

रक्षाबंधन के दिन पंडित को दान और भूखे दीन लोगो को भोजन और वस्त्र भेट करना शुभ माना जाता हैं. धार्मिक महत्व होने के साथ ही रक्षाबंधन का सामाजिक महत्व भी हैं. इस दिन प्रत्येक परिवार के अधिकाँश सदस्य घर में एकत्रित होते हैं.

बहिने अपने ससुराल से माता-पिता के घर आती हैं. भाई-बहिन के राखी बंधन के साथ ही बचपन की यादे एक दुसरे के साथ सांझा की जाती हैं. भाई बहिन की रक्षा का वचन देता हैं. सारी रिश्तो की खटास समाप्त करने के साथ ही रक्षाबंधन परस्पर प्रेम बढाने वाला त्यौहार हैं.

इस तरह रक्षाबंधन का पर्व हमारे समाज और परिवार के सदसयों को एकता के सूत्र में बाँधने के साथ ही खुशियों से माहौल को खुशनुमा कर देता हैं.

रक्षाबंधन निबंध 500 शब्दों में

कहते है कि राजपूत रानी कर्णवती ने शत्रुओं से अपनी रक्षा के लिए मुगल बादशाह हुमायूं को राखी भेजी थी. तब हुमायूँ ने मुसीबत के समय उसी रक्षा करने आया था. यह भाई बहिनों के पवित्र सम्बन्धों का त्योहार है. इससे प्रेम भाव और खुशहाली प्रकट होती है.

हिन्दू त्योहारों में दो त्योहार ऐसे है जो भाई बहिन के पवित्र प्रेम पर आधारित हैं ये हैं भैया दूज और रक्षा बंधन. रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को होता हैं. इसलिए इसे श्रावणी पर्व भी कहते हैं.

यह त्योहार वर्षा ऋतु में होता हैं. उस समय आकाश में काली घटाएं छाई रहती हैं. धरती हरियाली की चादर ओढ़ लेती हैं. सभी छोटे बड़े नदी तालाब पानी से भर जाते हैं.

रक्षा बंधन का इतिहास

रक्षा बंधन का इतिहास अति प्राचीन हैं. कहते है कि एक बार देवताओ और दैत्यो के युद्ध मे देवताओं की हार होने लगी. श्रावण की पूर्णिमा के दिन इन्द्राणी ने इद्र के पास एक ब्राह्मण के हाथ रक्षा सूत्र भेजा.

ब्राह्मण ने मत्र पढ़कर वह सूत्र धागा इद्र के दाहिने हाथ की कलाई में बाध दिया. उस रक्षा सूत्र के प्रभाव से देवताओ की जीत हुई, तभी से प्रतिवर्ष बहिने भाइयो को और ब्राह्मण अपने यजमानो को राखी बाधने लगे.

हमारे इतिहास मे अनेक ऐसे उदहारण है जबकि राखी की पवित्रता की रक्षा के लिए एक भाई ने अपने जीवन को दांव पर लगाया हैं. भारत ही नहीं दुनियां की अन्य सभ्यताओं के लोगों ने भी रक्षा के सूत्र के महत्व को स्वीकार हैं. इतिहास में रानी कर्मावती एवं मुगल शासक हुमायूं का प्रसंग इसका प्रमाण देता हैं.

जब मुगल सम्राट ने कर्मावती की राखी की खातिर राजपूतों के साथ उनके बैर भाव को भुलाकर वह मदद के लिए निकला. मगर वह जब तक चित्तौड़ पहुँचता रानी कर्मावती अपनी संगी सहेलियों के साथ जौहर की ज्वाला में भस्म हो चुकी थी.

रक्षा बंधन मनाने का तरीका

रक्षा बंधन मुख्य रूप से ब्राह्मणों का त्योहार हैं. इस दिन ब्राह्मण नया यज्ञोपवीत धारण करते हैं. वे अपने यजमानों को रक्षा सूत्र बांधते हैं.

घरों में सेवइयाँ और चावल बनाए जाते हैं. कही कही पकवान भी बनते हैं. बहिने भाइयों को राखी बांधती हैं और मिठाई खिलाती हैं, भाई इसके बदले उन्हें उपहार देते हैं.

रक्षा बंधन का महत्व

रक्षा बंधन एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह भाई बहिन के पवित्र प्रेम पर आधारित हैं. राखी के चार कोमल धागों प्रेम का कठोर बंधन बन जाते हैं.

राखी में प्रेम का वह कलश भरा होता हैं. जो सारे बैर विरोधों को भुला देता हैं. राखी के बहाने दूर दूर रहने वाले भाई बहिन वर्ष में एक बार मिल जाते हैं.

वर्तमान स्थिति

अब धीरे धीरे रक्षा बंधन का वास्तविक आनन्द कम होता जा रहा हैं. राखियों में चमक दमक तो पहले से बढ़ गई हैं. अब तो चांदी की राखियाँ भी बनने लगी हैं. किन्तु उसके पीछे छिपी भावना कम होती जा रही हैं, आजकल ब्राह्मण केवल डाक से राखी भेजकर अपना कर्तव्य पूरा कर लेते हैं.

राखी तो वास्तव में रक्षा सूत्र हैं, इसका महत्व रूपये से मापना उचित नही हैं. यह त्योहार हमे अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा करने की शिक्षा देता हैं. यह बहिन और भाई को सदा के लिए प्रेम के धागे में बांधे रखता हैं.

भाई बहिन के सुपावन प्यार की पहचान राखी, देखने में चार धागे हैं बहुत बलशाली राखी.

रक्षाबंधन निबंध 750 शब्दों में 2024 | Short Essay On Raksha Bandhan For Kids In Hindi

राखी का त्यौहार रक्षा बंधन 2024 essay (निबंध) इन हिंदी.

त्योहार मनाने की हमारी परम्परा प्राचीन काल से चली आ रही है. आर्यों के सामजिक जीवन में थकावट व कार्य के प्रति उब को मिटाने की द्रष्टि से किसी न किसी बहाने व प्रंसग से जोड़कर त्यौहार मनाने की परम्परा शुरू हुई. इस प्रकार के पर्व से ख़ुशी और उल्लास की भावना का जन्म होता है.

प्राचीन आर्यों द्वारा वर्ण व्यवस्था के कारण प्रत्येक वर्ण का एक मुख्य त्यौहार हुआ करता था. जिस प्रकार दीपावली का सम्बन्ध विशेषकर वैश्य वर्ग से है.

उसी प्रकार रक्षा बंधन का सम्बन्ध विशेष रूप से हमेशा ब्राह्मणों से माना जाता रहा है. लेकिन यह हमारी संस्कृति की अच्छाई है. कि हम रक्षा बंधन या कोई और पर्व सभी देशवासी इसे बड़े धूमधाम से मनाते है.

रक्षा बंधन मनाने का कारण और समय (Reason and Time to Celebrate Raksha bandhan)

यह रक्षा बंधन वर्षा ऋतू में मनाया जाने वाला मुख्य त्यौहार है. यह श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस त्यौहार की अपनी सांस्कृतिक विशेषताएं है.

रक्षा बंधन को मनाने के पीछे कई दंत कथाएँ जुड़ी हुई है. वैसे तो प्राचीन समय में वैदिक आचार्य अपने शिष्य के हाथ में रक्षा का सूत्र बांधकर उसे वेदशास्त्र में पारंगत किया करते थे. परन्तु आज के समय में इस प्रकार की प्राचीन कथाओ का कोई विशेष महत्व नही है.

धीरे-धीरे इस त्यौहार की परम्परा ने सामाजिक रूप धारण कर लिया है. वर्षा ऋतू के सुहावने मौसम में रक्षाबंधन का त्यौहार उमंग और उल्लास के साथ मनाया जाता है.

विशेषकर राजस्थान सहित सम्पूर्ण उत्तर भारत में इसे बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाने की परम्परा है. इस दिन बहिने नवीन वस्त्र धारण कर और आभुष्ण से सज धज कर अपने भाई के ललाट पर मंगल टीका लगाती है.

अपने भाई का मुह मीठा कर दाहिने हाथ पर राखी का धागा बाँधा जाता है. रक्षाबंधन पर पर्व पर इस पवित्र राखी के धागे के बदले में भाई अपनी बहिन को कीमती गहने, वस्त्र भेट के रूप में देता है. इस प्रकार रक्षा बंधन का त्यौहार वास्तव में भाई-बहिन के प्रेम का सच्चा प्रतीक है.

रक्षा बंधन का महत्व (Raksha Bandhan Ka Mahatva)

  राखी का त्यौहार न सिर्फ एक धार्मिक त्यौहार भर है. इसका बड़ा सामाजिक महत्व भी है. यह सभी सम्प्रदायों धर्मो के लोगों के बिच प्रेम को बढ़ाता है.

एक पुरानी कथा के अनुसार रानी कर्णवती ने अपनी रक्षा के लिए मुसलमान बादशाह हुमायूँ को अपना राखी बंध भाई बनाया था. जिसने चित्तोड़ की इस रानी के मुश्किल वक्त में सहायता करने का सन्दर्भ पढनें को मिलता है.

रक्षाबंधन का आयोजन Rakshabandhan organized in Hindi

हमारे भारत में सदियों पुरानी परम्परा का पालन करते हुए आज भी रक्षाबंधन का त्यौहार पूरे राष्ट्र में एक साथ श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता हैं.

इस दिन बहिनें अपने भाई के घर जाकर उन्हें राखी अथवा कलावा बांधती है और उनके माथे पर तिलक लगाकर आरती करते हुए ईश्वर से प्रार्थना करती है कि वह उनके भाई को लम्बी आयु दे, इसके पश्चात वह गुड़ मिठाई आदि से मुहं मीठा करवाती हैं.

इस मौके पर भाई अपनी बहिन को सदा रक्षा का वचन देता है. त्यौहार के अवसर पर जीवन में नयापन आ जाता हैं. बाजार भिन्न भिन्न रंगों की बनी आकर्षक राखियों से भर जाते हैं.

लोगों की आवाजाही बढ़ जाती हैं. देश के प्रत्येक कोने में कुछ स्थानीय परम्पराओं के साथ राखी का त्योहार मनाया जाता हैं. देश के अधिकतर उत्तरी राज्यों में इस दिन सार्वजनिक अवकाश होता हैं. लोग इस दिन विभिन्न तरह के खेल तमाशों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं.

उपसंहार- इस प्रकार हम देखते है कि हिन्दू धर्म के मुख्य चार त्योहारों में इस रक्षा बंधन के पर्व को भी स्थान दिया गया है. इस दिन भाई-बहिन एक दुसरे के पवित्र स्नेह को स्वीकार करते है. तथा एक बहिन के प्रति भाई के कर्तव्य को अपनी आखिरी सास तक निभाने का संकल्प किया जाता है.

Best Short Essay On Rakhi In Hindi For Kids 2024

रक्षा बंधन का तात्पर्य रक्षा के लिए बंधन से है अर्थात जिसके हाथ पर राखी बाँधी जाती हैं. वह बाँधने वाले के लिए वचनबद्ध हो जाता हैं. रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाने के कारण श्रावणी भी कहलाता हैं.

प्राचीन काल में स्वाध्याय के लिए यज्ञ एवं ऋषि मुनियों के लिए तर्पण कर्म करने के कारण इसका नाम ऋषि तर्पण पर भी पड़ा. यज्ञ के उपरांत रक्षा सूत्र बाँधने की प्रथा के कारण बाद में यह पर्व रक्षाबंधन के नाम से प्रसिद्ध हुआ. यह भाई बहनों के प्रेम एवं सोहार्द का सूचक भी हैं. इस दिन बहनें अपने भाई को रक्षा सूत्र बांधती हैं.

राखी के पर्व का आरंभ एवं इसका प्रचलन बड़ा प्राचीन माना गया हैं. इस सम्बन्ध में विष्णु पुराण में भगवान् विष्णु ने वामन का अवतार लिया था तब उन्होंने अभिमानी राजा बलि से केवल तीन पग जमीन दान के रूप में मांगी थी बलि द्वारा वामन को दिए वचन के अनुसार वामन देव ने पुरो पृथ्वी को एक ही पैर में नापते हुए बलि को पाताल लोक में भेज दिया था.

इस कथा के साथ कुछ धार्मिक भावनाओं को जोड़कर इसे रक्षा बंधन के रूप में याद किया जाने लगा. उसी स्मृति में इस त्योहार का प्रचलन हुआ परिणामस्वरूप आज भी ब्राह्मण अपने यजमानों से दान लेकर रक्षा सूत्र बांधते हैं. उन्हें भिन्न प्रकार आशीर्वाद भी देते हैं. इस त्योहार का सम्बन्ध गुरु शिष्य सम्बन्ध से भी हैं.

प्राचीन काल में जब शिष्य आश्रम में पढ़ने के लिए पहले दिन जाता था उस दिन शिष्य अपने गुरु के हाथ पर रक्षा सूत्र बांधकर अपने जीवन का भार गुरु को सौपता था. आश्रम में अध्ययन के लिए प्रवेश करने के लिए श्रावण पूर्णिमा का दिन शुभ माना जाता था.

राखी का त्योहार हमारे भारत देश में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता हैं. हिन्दू समाज की देखादेखी अब कई अन्य मतों के लोगों ने इस पर्व को मनाना आरंभ कर दिया हैं. ऐसा इसलिए हैं क्योंकि यह पर्व सम्बन्ध एवं धर्म की दृष्टि से काफी अहम माना गया हैं.

धर्म के दृष्टिकोण से राखी का पर्व गुरु शिष्य के आपसी नियम सिद्धांतों सहित उनके धर्म को बताता हैं. वही पारिवारिक संबंध की दृष्टि से यह त्योहार भाई बहिन के रक्त सम्बन्धों को और अधिक मजबूती प्रदान करने वाला श्रेष्ठ सामाजिक त्योहार हैं.

इस दिन बहिन अपने भैया के लिए मंगलकामना करते हुए उन्हें राखी का धागा बांधती हैं. भाई अपनी बहिन को रक्षा का वचन देता हैं. इस तरह से यह भारतीय पर्व भाई बहिन के स्नेह का प्रतीक उत्सव हैं.

इतिहास के नजरिये से रक्षा के पर्व की बड़ी महानता हैं. मध्य काल में जब दिल्ली की सत्ता मुगलों के हाथ में थी तब गुजरात के शासक बहादुर शाह ने चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया था. उस समय मेवाड़ की सत्ता रानी कर्मावती के हाथ में थी.

उस वक्त अपने राज्य की सुरक्षा का कोई उपाय न मिलने पर रानी ने सम्राट हुमायूं को अपना भाई मानते हुए राखी भेजी. बादशाह रानी कर्मावती के ऐसे करने से बेहद प्रभावित हुआ और उसने रक्षा सूत्र को स्वीकार करते हुए उसके राज्य के बचाव में स्वयं सेना लेकर चित्तौड़ के लिए रवाना हुआ.

आज रक्षाबन्धन का पर्व समूचे भारत में प्रसन्नता एवं प्रेम के भाव के साथ वर्षा ऋतू में श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता हैं. इस अवसर पर प्रत्येक बहिन पवित्र भाव से अपने भाई को टीका लगाकर मुह मीठा करवाकर उनके हाथ पर राखी बांधती हैं.

बदले में भाई अपने सामर्थ्य के अनुसार उन्हें कुछ भेट देता हैं. इस दिन गुरु, आचार्य, पुरोहित व ब्राह्मण जाति के लोग अपने यजमानों के रक्षा सूत्र बांधकर उनको आशीष देते हैं. इस मौके पर यजमान उन्हें दान इत्यादि देते हैं.

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Raksha Bandhan Essay

Essay On Raksha Bandhan - On the occasion of Rakshabandhan, sisters tie their brothers with a holy thread that serves as a sign and promise of protection. Brothers make promises to look after, care for and cherish their sisters. Additionally, sweets and treats are made and eaten. The environment is filled with happiness and a sense of delight.

Raksha Bandhan Essay

India is the land of festivals. Rakshabandhan is one such festival celebrated with sheer joy and happiness in India. It is a festival that celebrated the bond between brother and sister. Here are some sample essays on Rakshabandhan.

100 Word Essay On Raksha Bandhan

Rakshabandhan is the celebration of the bond between brother and sister . It is celebrated widely in India, though often religious boundaries diminish, and we come across an inter-religious celebration of this festival too. The festival is usually celebrated on the last day of the Sawan month of the Hindu calendar. It typically falls in August.

On this day, sisters tie a sacred thread on the wrist of their brothers, and the thread is the symbol of protection. Brothers promise to protect their sisters and give them gifts. Sweets and delicacies are also made. There is joy and a vibe of comfort and happiness in the air.

200 Word Essay On Raksha Bandhan

As we all know, siblings carry a special place in our hearts. However, the particular bond of a brother and sister is very unique. The care they have for each other knows no bounds. The love they share is beyond any comparison. Rakshabandhan is one of the most important festivals celebrated in India. Raksha means protection, and Bandhan means bond. Hence, this festival symbolises the bond of protection, care and love between brothers and sisters.

The festival falls in August. Even before the festival, the market and shops are laden with sweets, gifts, and rakhis. There is a huge rush as every woman wants the most beautiful rakhi for their brothers. While the men search for the gifts their sisters want.

On The Day Of Raksha Bandhan

Everyone gets ready in their new clothes on this day, and sweets and savouries are purchased beforehand. The sisters tie a sacred thread, a rakhi, on the wrist of the brothers. The brothers, in return, bless their sisters and pledge to protect them and take care of them lifelong. They also give gifts to their sisters in the form of a new dress, chocolate, or money.

In conclusion, Raksha Bandhan is one of the most enjoyable and meaningful festivals. It strengthens the bond between brothers and sisters. On this day, girls who don’t have brothers tie Rakhis to police officers, army men or even our Prime minister in exchange for their blessing and protection, which keeps the essence and spirit of the festival alive.

500 Word Essay On Raksha Bandhan

India is called the land of festivals. Millions of tourists flock to this country to witness vibrant and joyful festivals. One such festival is Rakshabandhan - the celebration of the bond between brothers and sisters. The festival is among such festivals that deepens the bond between siblings, such as the Bhai Dooj.

History Of Rakshabandhan

The festival can be traced back thousands of years in the Hindu epic war of Mahabharata. In Mahabharata, Lord Krishna once hurt his finger, which started bleeding. Seeing this, Draupadi tore a piece of cloth from her saree and gave it to Lord Krishna to stop the bleeding. In return, Lord Krishna blessed Draupadi to protect her during the troubled time. There are many more treasured stories about this festival in Hindu mythology.

In our history, one of the oldest references is that of Alexander and King Porus in 300 BC. Alexander’s wife approached King Porus with the Rakhi and convinced to refrain from the war against Alexander. Since then, the cloth has become the symbol of protection, and now a thread is used instead to symbolise the love and care between a brother and sister.

The Auspicious Day

On this day, the markets and stalls are crowded with people, men buying gifts for their sisters while the women choosing the prettiest Rakhis for their brothers. In school, Rakhi-making competitions are organised where students make beautiful handmade Rakhis. At the auspicious time, the sisters get ready and tie the Rakhi on their brother's wrists, giving them sweets to eat and asking for their blessings. The brothers pledge to protect them and give gifts to their sisters.

My Favourite Festival

Rakshabandhan is my favourite festival. I eagerly wait for this festival throughout the year. On this day, I wear new clothes and eat a lot of sweets. A day before Rakhi, I go to the market with my father and buy the prettiest rakhis for my three brothers and the society watchman uncle. I tie all of the Rakhis, and they give me so many gifts. This year I got my favourite blue cycle from my elder brother and a lot of chocolates from the other three.

I love this festival as I spend my whole day with my brothers who are very busy otherwise. We go to all of my favourite places. In the evening, we go to daycare and distribute sweets among the orphans. The festival is thrilling and exciting, and I always look forward to it.

Raksha Bandhan is the festival that deepens the bond between siblings. When relationships deteriorate, festivals like Raksha Bandhan act as a catalyst to strengthen relationships. There is a vibe of joy and enthusiasm throughout the whole week of Raksha Bandhan. Love, compassion and care is experienced all around. Hence, Raksha Bandhan is one of India's most important and unique festivals.

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raksha bandhan essay in hindi 200 words

रक्षा बंधन पर निबंध 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12th Class 

Raksha bandhan essay in hindi.

Essay on Raksha Bandhan in Hindi – रक्षा बंधन पर निबंध – इस निबंध में हम रक्षा-बंधन के बारे में विस्तार-पूर्वक जानेंगे। रक्षा-बंधन भारत के प्रसिद्ध त्यौहारों में से एक है। यह भाई-बहन के प्यार का प्रतिक माना जाता है । अतः हम सभी को रक्षा-बंधन के त्यौहार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। इस लेख में हमने पूरी कोशिश की है कि आपको रक्षा-बंधन के त्यौहार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवा सकें।

रक्षा-बंधन कब मनाया जाता है

भाई-बहन के प्यार का प्रतीक, रक्षा-बंधन की तैयारियाँ, रक्षा-बंधन का महत्त्व, रक्षा-बंधन का पौराणिक प्रसंग, रक्षा-बंधन का ऐतिहासिक प्रसंग, रक्षा-बंधन का साहित्यिक प्रसंग, रक्षा-बंधन का सामाजिक प्रसंग, स्वतंत्रता संग्राम में रक्षा-बंधन की भूमिका, रक्षा-बंधन पर सरकारी प्रबंध, राखी और आधुनिक तकनिकी माध्यम.

तोड़े से भी ना टूटे, ये ऐसा मन बंधन है, इस बंधन को सारी दुनिया कहती रक्षा बंधन है।

रक्षा बंधन का त्योहार भारतीय त्योहारों में से एक प्राचीन त्योहार है । रक्षा-बंधन यानि – रक्षा का बंधन, एक ऐसा रक्षा सूत्र जो भाई को सभी संकटों से दूर रखता है। यह त्योहार भाई-बहन के बीच स्नेह और पवित्र रिश्ते का प्रतिक है। रक्षाबंधन एक सामाजिक, पौराणिक, धार्मिक और ऐतिहासिक भावना के धागे से बना एक ऐसा पावन बंधन है, जिसे रक्षाबंधन के नाम से केवल भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल और मॉरेशिस में भी बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। राखी के त्योहार को हम संपूर्ण भारतवर्ष में सदियों से मनाते चले आ रहे हैं। आजकल इस त्योहार पर बहनें अपने भाई के घर राखी और मिठाइयाँ ले जाती हैं। भाई राखी बाँधने के पश्चात् अपनी बहन को दक्षिणा स्वरूप रुपए देते हैं या कुछ उपहार देते हैं।

रक्षाबन्धन एक हिन्दू व जैन त्योहार है, जो प्रतिवर्ष श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबंधन पर बहनें भाइयों की दाहिनी कलाई एक पवित्र धागा यानि राखी बाँधती है और उनके अच्छे स्वास्थ्य और लम्बे जीवन की कामना करती है। वहीं दूसरी तरफ भाइयों द्वारा अपनी बहनों की हर हाल में रक्षा करने का संकल्प लिया जाता है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। हालांकि रक्षाबंधन की व्यापकता इससे भी कहीं ज्यादा है। राखी बांधना सिर्फ भाई-बहन के बीच का कार्यकलाप नहीं रह गया है। राखी देश की रक्षा, पर्यावरण की रक्षा, हितों की रक्षा आदि के लिए भी बांधी जाने लगी है।

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वैसे तो भाई-बहन का रिश्ता बहुत खास होता है, जिस तरह से वह एक-दूसरे की चिंता करते है, उसकी कोई तुलना नहीं की जा सकती है। भाई-बहन के बीच का रिश्ता अतुलनीय है, वे चाहे छोटी-छोटी बातों पर एक-दूसरे से कितना भी लड़ाई-झगड़ा करें, लेकिन फिर भी वह एक-दूसरे के लिए कुछ भी करने से पीछे नहीं हटते। जैसे-जैसे वह बड़े होते जाते हैं जीवन के विभिन्न समयों पर यह रिश्ता और भी ज्यादा मजबूत होता जाता है। बड़े भाई अपनी बहनों की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, इसी तरह बड़ी बहनों द्वारा भी अपने छोटे भाइयों का मार्गदर्शन किया जाता है। भाई-बहन के इसी प्रेम के कारण यह विशेष पर्व मानाया जाता है, रक्षा बंधन का त्योहार हर भाई-बहन के लिए बहुत खास होता है। यह उनका एक-दूसरे के प्रति आपसी स्नेह, एकजुटता और विश्वास का प्रतीक है।

प्रातः स्नानादि करके लड़कियाँ और महिलाएँ पूजा की थाली सजाती हैं। थाली में राखी के साथ रोली या हल्दी, चावल, दीपक, मिठाई, फूल और कुछ पैसे भी होते हैं। लड़के और पुरुष तैयार होकर टीका करवाने के लिये पूजा या किसी उपयुक्त स्थान पर बैठते हैं। पहले अभीष्ट देवता की पूजा की जाती है, इसके बाद रोली या हल्दी से भाई का टीका करके चावल को टीके पर लगाया जाता है और सिर पर फूलों को छिड़का जाता है, उसकी आरती उतारी जाती है और दाहिनी कलाई पर राखी बाँधी जाती है। भाई बहन को उपहार या धन देता है। इस प्रकार रक्षाबन्धन के अनुष्ठान को पूरा करने के बाद ही भोजन किया जाता है। प्रत्येक पर्व की तरह उपहारों और खाने-पीने के विशेष पकवानों का महत्त्व रक्षाबन्धन में भी होता है। आमतौर पर दोपहर का भोजन महत्त्वपूर्ण होता है और रक्षाबन्धन का अनुष्ठान पूरा होने तक बहनों द्वारा व्रत रखने की भी परम्परा है। यह पर्व भारतीय समाज में इतनी व्यापकता और गहराई से समाया हुआ है कि इसका सामाजिक महत्त्व तो है ही, धर्म, पुराण, इतिहास, साहित्य और फ़िल्में भी इससे अछूते नहीं हैं।

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रक्षाबन्धन के दिन राखी बाँधने की बहुत पुरानी परम्परा है। रक्षाबंधन एक रक्षा का रिश्ता होता है जहाँ पर सभी बहन और भाई एक दूसरे के प्रति प्रेम और कर्तव्य का पालन, रक्षा का दायित्व लेते हैं और ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ रक्षाबंधन का उत्सव मनाते हैं। जैन धर्म में भी राखी का बहुत महत्व होता है। यह बात जरूरी नहीं होती कि जिनको बहनें राखी बाँधे वे उनके सगे भाई हो, लडकियाँ सभी को राखी बाँध सकती हैं और सभी उनके भाई बन जाते हैं। इस दिन बहन भाई के लिए मंगल कामना करती हुई उसे राखी बाँधती है। भाई उसे हर स्थिति में रक्षा करने का वचन देता है। इस प्रकार रक्षा बंधन भाई बहन के पावन स्नेह का त्योहार है।

राखी का त्योहार कब शुरू हुआ यह कोई नहीं जानता। लेकिन भविष्य पुराण में वर्णन मिलता है कि देव और दानवों में जब युद्ध शुरू हुआ तब दानव हावी होते नज़र आने लगे। भगवान इन्द्र घबरा कर बृहस्पति के पास गये। वहां बैठी इन्द्र की पत्नी इंद्राणी सब सुन रही थी। उन्होंने रेशम का धागा मन्त्रों की शक्ति से पवित्र करके अपने पति के हाथ पर बाँध दिया। संयोग से वह श्रावण पूर्णिमा का दिन था। लोगों का विश्वास है कि इन्द्र इस लड़ाई में इसी धागे की मन्त्र शक्ति से ही विजयी हुए थे। उसी दिन से श्रावण पूर्णिमा के दिन यह धागा बाँधने की प्रथा चली आ रही है। यह धागा धन, शक्ति, हर्ष और विजय देने में पूरी तरह समर्थ माना जाता है। इतिहास में श्री कृष्ण और द्रौपदी की कहानी प्रसिद्ध है, जिसमें जब कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया तब उनकी तर्जनी में चोट आ गई। द्रौपदी ने उस समय अपनी साड़ी फाड़कर उनकी उँगली पर पट्टी बाँध दी, और इस उपकार के बदले श्री कृष्ण ने द्रौपदी को किसी भी संकट में द्रौपदी की सहायता करने का वचन दिया था और उसी के चलते कृष्ण ने इस उपकार का बदला बाद में चीरहरण के समय उनकी साड़ी को बढ़ाकर चुकाया। कहते हैं परस्पर एक दूसरे की रक्षा और सहयोग की भावना रक्षाबन्धन के पर्व में यहीं से प्रारम्भ हुई।

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राजपूत जब लड़ाई पर जाते थे तब महिलाएँ उनको माथे पर कुमकुम तिलक लगाने के साथ-साथ हाथ में रेशमी धागा भी बाँधती थी। इस विश्वास के साथ कि यह धागा उन्हें विजयश्री के साथ वापस ले आयेगा। राखी के साथ एक और प्रसिद्ध कहानी जुड़ी हुई है। कहते हैं, मेवाड़ की रानी कर्मावती को बहादुरशाह द्वारा मेवाड़ पर हमला करने की पूर्व सूचना मिली। रानी लड़ऩे में असमर्थ थी अत: उसने मुगल बादशाह हुमायूँ को राखी भेज कर रक्षा की याचना की। हुमायूँ ने मुसलमान होते हुए भी राखी की लाज रखी और मेवाड़ पहुँच कर बहादुरशाह के विरूद्ध मेवाड़ की ओर से लड़ते हुए कर्मावती व उसके राज्य की रक्षा की। एक अन्य प्रसंगानुसार सिकन्दर की पत्नी ने अपने पति के हिन्दू शत्रु पुरूवास (पोरस) को राखी बाँधकर अपना मुँहबोला भाई बनाया और युद्ध के समय सिकन्दर को न मारने का वचन लिया। पुरूवास ने युद्ध के दौरान हाथ में बँधी राखी और अपनी बहन को दिये हुए वचन का सम्मान करते हुए सिकन्दर को जीवन-दान दिया। महाभारत में भी इस बात का उल्लेख है कि जब ज्येष्ठ पाण्डव युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से पूछा कि मैं सभी संकटों को कैसे पार कर सकता हूँ तब भगवान कृष्ण ने उनकी तथा उनकी सेना की रक्षा के लिये राखी का त्योहार मनाने की सलाह दी थी। उनका कहना था कि राखी के इस रेशमी धागे में वह शक्ति है जिससे आप हर आपत्ति से मुक्ति पा सकते हैं। इस समय द्रौपदी द्वारा कृष्ण को तथा कुन्ती द्वारा अभिमन्यु को राखी बाँधने के कई उल्लेख मिलते हैं।

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अनेक साहित्यिक ग्रन्थ ऐसे हैं जिनमें रक्षाबन्धन के पर्व का विस्तृत वर्णन मिलता है। इनमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण है हरिकृष्ण प्रेमी का ऐतिहासिक नाटक रक्षाबन्धन जिसका 1991 में 18वाँ संस्करण प्रकाशित हो चुका है। मराठी में शिन्दे साम्राज्य के विषय में लिखते हुए रामराव सुभानराव बर्गे ने भी एक नाटक की रचना की जिसका शीर्षक है राखी ऊर्फ रक्षाबन्धन। पचास और साठ के दशक में रक्षाबन्धन हिंदी फ़िल्मों का लोकप्रिय विषय बना रहा। ना सिर्फ़ ‘राखी’ नाम से बल्कि ‘रक्षाबन्धन’ नाम से भी कई फ़िल्में बनायीं गयीं। ‘राखी’ नाम से दो बार फ़िल्म बनी, एक बार सन 1949 में, दूसरी बार सन 1962 में, सन 62 में आई फ़िल्‍म को ए. भीमसिंह ने बनाया था, कलाकार थे अशोक कुमार, वहीदा रहमान, प्रदीप कुमार और अमिता। इस फ़िल्म में राजेंद्र कृष्‍ण ने शीर्षक गीत लिखा था- “राखी धागों का त्‍यौहार”। सन 1972 में एस.एम.सागर ने फ़िल्म बनायी थी ‘राखी और हथकड़ी’ इसमें आर.डी.बर्मन का संगीत था। सन 1976 में राधाकान्त शर्मा ने फ़िल्म बनाई ‘राखी और राइफल’। दारा सिंह के अभिनय वाली यह एक मसाला फ़िल्म थी। इसी तरह से सन 1976 में ही शान्तिलाल सोनी ने सचिन और सारिका को लेकर एक फ़िल्म ‘रक्षाबन्धन’ नाम की भी बनायी थी।

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इस दिन बहनें अपने भाई के दायें हाथ पर राखी बाँधकर उसके माथे पर तिलक करती हैं और उसकी दीर्घ आयु की कामना करती हैं। बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देता है। ऐसा माना जाता है कि राखी के रंगबिरंगे धागे भाई-बहन के प्यार के बन्धन को मज़बूत करते है। यह एक ऐसा पावन पर्व है जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को पूरा आदर और सम्मान देता है। रक्षाबन्धन आत्मीयता और स्नेह के बन्धन से रिश्तों को मज़बूती प्रदान करने का पर्व है। यही कारण है कि इस अवसर पर न केवल बहन भाई को ही अपितु अन्य सम्बन्धों में भी रक्षा (या राखी) बाँधने का प्रचलन है। गुरु शिष्य को रक्षासूत्र बाँधता है तो शिष्य गुरु को। भारत में प्राचीन काल में जब स्नातक अपनी शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात गुरुकुल से विदा लेता था तो वह आचार्य का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उसे रक्षासूत्र बाँधता था जबकि आचार्य अपने विद्यार्थी को इस कामना के साथ रक्षासूत्र बाँधता था कि उसने जो ज्ञान प्राप्त किया है वह अपने भावी जीवन में उसका समुचित ढंग से प्रयोग करे ताकि वह अपने ज्ञान के साथ-साथ आचार्य की गरिमा की रक्षा करने में भी सफल हो। इसी परम्परा के अनुरूप आज भी किसी धार्मिक विधि विधान से पूर्व पुरोहित यजमान को रक्षासूत्र बाँधता है और यजमान पुरोहित को। इस प्रकार दोनों एक दूसरे के सम्मान की रक्षा करने के लिये परस्पर एक दूसरे को अपने बन्धन में बाँधते हैं। रक्षाबन्धन पर्व सामाजिक और पारिवारिक एकबद्धता या एकसूत्रता का सांस्कृतिक उपाय रहा है। विवाह के बाद बहन पराये घर में चली जाती है। इस बहाने प्रतिवर्ष अपने सगे ही नहीं अपितु दूरदराज के रिश्तों के भाइयों तक को उनके घर जाकर राखी बाँधती है और इस प्रकार अपने रिश्तों का नवीनीकरण करती रहती है। दो परिवारों का और कुलों का पारस्परिक योग (मिलन) होता है। समाज के विभिन्न वर्गों के बीच भी एकसूत्रता के रूप में इस पर्व का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार जो कड़ी टूट गयी है उसे फिर से जागृत किया जा सकता है।

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भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में जन जागरण के लिये भी इस पर्व का सहारा लिया गया। प्रसिद्ध भारतीय लेखक रविन्द्र नाथ टैगोर का मानना था, रक्षा बंधन सिर्फ भाई-बहन के बीच के रिश्ते को मजबूत करने का ही दिन नहीं है, बल्कि इस दिन हमें अपने देशवासियों के साथ भी अपने संबध मजबूत करने चाहिये। यह प्रसिद्ध लेखक बंगाल के विभाजन की बात सुनकर टूट चुके थे, अंग्रेजी सरकार ने अपनी फूट डालो राज करो के नीति के अंतर्गत इस राज्य को बाँट दिया था। हिन्दुओं और मुस्लिमों के बढ़ते टकराव के आधार पर यह बँटवारा किया गया था। यही वह समय था जब रविन्द्र नाथ टैगोर ने हिन्दुओं और मुस्लिमों को एक-दूसरे के करीब लाने के लिए रक्षा बंधन उत्सव की शुरुआत की, उन्होनें दोनों ही धर्मों के लोगों से एक दूसरे को यह पवित्र धागा बाँधने और उनके रक्षा करने के लिए कहा जिससें दोनों धर्मों के लोगों के बीच संबंध प्रगाढ़ हो सके। पश्चिम बंगाल में अभी भी लोग एकता और सामंजस्य को बढ़ावा देने के लिए अपने दोस्तो और पड़ोसियो को राखी बांधते है।

भारत सरकार के डाक-तार विभाग द्वारा इस अवसर पर दस रुपए वाले आकर्षक लिफाफों की बिक्री की जाती हैं। लिफाफे की कीमत 5 रुपए और 5 रुपए डाक का शुल्क। इसमें राखी के त्योहार पर बहनें, भाई को मात्र पाँच रुपये में एक साथ तीन-चार राखियाँ तक भेज सकती हैं। डाक विभाग की ओर से बहनों को दिये इस तोहफे के तहत 50 ग्राम वजन तक राखी का लिफाफा मात्र पाँच रुपये में भेजा जा सकता है जबकि सामान्य 20 ग्राम के लिफाफे में एक ही राखी भेजी जा सकती है। यह सुविधा रक्षाबन्धन तक ही उपलब्ध रहती है। रक्षाबन्धन के अवसर पर बरसात के मौसम का ध्यान रखते हुए डाक-तार विभाग ने 2007 से बारिश से ख़राब न होने वाले वाटरप्रूफ लिफाफे भी उपलब्ध कराये हैं। ये लिफाफे अन्य लिफाफों से भिन्न हैं। इसका आकार और डिजाइन भी अलग है जिसके कारण राखी इसमें ज्यादा सुरक्षित रहती है। सरकार इस अवसर पर लड़कियों और महिलाओं को निःशुल्क यात्रा का प्रावधान भी करवाती है। जिससे बहने बिना कुछ खर्च किए ही अपने भाइयों को राखी बांधने उनके घर जा सकती हैं। यह सुविधा भी रक्षाबन्धन तक ही उपलब्ध रहती है।

आज के आधुनिक तकनीकी युग एवं सूचना सम्प्रेषण युग का प्रभाव राखी जैसे त्योहार पर भी पड़ा है। बहुत सारे भारतीय आजकल विदेश में रहते हैं एवं उनके परिवार वाले (भाई एवं बहन) अभी भी भारत या अन्य देशों में हैं। इण्टरनेट के आने के बाद कई सारी ई-कॉमर्स साइट खुल गयी हैं, जो ऑनलाइन आर्डर लेकर राखी दिये गये पते पर पहुँचाती है। इस तरह आज के आधुनिक विकास के कारण दूर-दराज़ में रहने वाले भाई-बहन जो राखी पर मिल नहीं सकते, आधुनिक तरीकों से एक दूसरे को देख और सुन कर इस पर्व को सहर्ष मनाते हैं।

आज यह त्योहार हमारी संस्कृति की पहचान है और हर भारतवासी को इस त्योहार पर गर्व है। आज कई भाइयों की कलाई पर राखी सिर्फ इसलिए नहीं बंध पाती क्योंकि उनकी बहनों को उनके माता-पिता ने इस दुनिया में आने ही नहीं दिया। यह बहुत ही शर्मनाक बात है कि जिस देश में कन्या-पूजन का विधान शास्त्रों में है वहीं कन्या-भ्रूण हत्या के मामले सामने आते हैं। यह त्योहार हमें यह भी याद दिलाता है कि बहनें हमारे जीवन में कितना महत्व रखती हैं। भाइयों और बहनों के लिए रक्षा बंधन का एक विशेष महत्व है। यह त्योहार सिर्फ सामान्य लोगों द्वारा ही नहीं मनाया जाता है, बल्कि इसे देवी-देवताओं द्वारा भी भाई-बहन के इस पवित्र रिश्ते को कायम रखने के लिए मनाया जाता है। राखी का भाईयों-बहनों के लिए एक खास महत्व है। इनमें से कई सारे भाई-बहन एक-दूसरे से व्यावसायिक और व्यक्तिगत कारणों से मिल नहीं पाते, लेकिन इस विशेष अवसर पर वह एक-दूसरे के लिए निश्चित रुप से समय निकालकर इस पवित्र पर्व को मनाते हैं, जो कि इसकी महत्ता को दर्शाता है। हमें इस महान और पवित्र त्योहार के आदर्श की रक्षा करते हुए इसे नैतिक भावों के साथ खुशी-खुशी मनाना चाहिए।

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रक्षा बंधन पर निबंध Raksha Bandhan Essay in Hindi

by StoriesRevealers | May 6, 2020 | Essay in Hindi | 0 comments

Raksha Bandhan Essay in Hindi

Raksha Bandhan Essay in Hindi : रक्षा बंधन एक भव्य परंपरा है जोकि एकता का उत्सव है। राखी या रक्षा बंधन दुनिया भर में मनाए जाने वाले हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। यह भाइयों और बहनों के बीच प्यार और स्नेह का त्योहार है।

रक्षा बंधन क्यो मनाया जाता है।

भगवान कृष्ण और द्रौपदी की रक्षा बंधन कहानी.

राखी का त्योहार मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण भगवान कृष्ण और द्रौपदी की कहानी है।

एक बार मकर संक्रांति का समय था। भगवान श्री कृष्ण पूजा के लिए गन्ना काट रहे थे, तभी गलती से उनकी एक अंगुली पर चाकू लगने के कारण उन्हें थोड़ी चोट लग गई।

यह देखकर, रानी रुक्मणी ने तुरंत कुछ कपड़े कृष्ण के घाव पर बांधने का आदेश दिया। उसी स्थान पर द्रौपदी भी मौजूद थी।

जब द्रौपदी ने देखा कि भगवान कृष्ण की उंगली से खून बह रहा है, तो उन्होंने तुरंत अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़ा और कृष्ण के घाव पर बांध दिया। यह देखकर, कृष्ण ने जीवन भर द्रौपदी की मदद करने और रक्षा करने का वचन दिया।

कई वर्षों के बाद जब कौरवों ने द्रौपदी का अपमान  किया और उनके कपड़ो को हटाने की कोशिश की, तो भगवान कृष्ण ने उनके सम्मान और जीवन को बचाने में मदद की।

Raksha Bandhan Essay in Hindi

Raksha Bandhan Essay in Hindi

रक्षा बंधन पर्व का महत्व

राखी का त्यौहार, जो मुख्य रूप से भारत के उत्तर और पश्चिमी क्षेत्रों में मनाया जाता है, लेकिन आजकल लोग उसी उत्साह के साथ इसे पूरे देश में मना रहे हैं। भारत और दुनिया के विभिन्न स्थानों में त्योहारों को मानाने का तरीका अलग हो सकता है, लेकिन मकसद हमेशा एक ही होता है। 

भारत के सभी राज्य रक्षा बंधन को विभिन्न नामों से मनाते हैं। रक्षा बंधन का महत्व हर देश और क्षेत्र के साथ भिन्न होता है। रक्षा बंधन का दक्षिणी और तटीय क्षेत्रों में एक अलग महत्व है। भारत के उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में लोग रक्षा बंधन को राखी पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं।

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राखी का त्योहार भाई और बहन के बीच प्यार के पवित्र बंधन का उत्सव है। पश्चिमी घाट राज्यों, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक राज्यों में, लोग रक्षा बंधन को राखी पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं। यहां राखी समुंदरी व्यवसाय पर निर्भर लोगों के लिए एक नए सत्र की शुरुआत का प्रतीक है।

इस त्योहार को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार में श्रावण या कजरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। राखी किसानों और महिलाओं के लिए एक आवश्यक दिन है, गुजरात के लोग रक्षा बंधन को पावितरोपना के रूप में मनाते हैं। राखी हिंदू लोगों के लिए पवित्र दिन है जब वे सभी भगवान शिव की पूजा करते हैं।

पारंपरिक रूप से, राखी के दिन बहनों द्वारा पूजा की थाली तैयार की जाती है, जिसमें दीपक, चावल, रोली, दीप और राखी होती है। बहनें देवताओं की पूजा करती हैं और भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं।

बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है, और दोनों एक दूसरे के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं और भाई अपनी बहन की सभी स्थितियों में देखभाल करने के लिए प्रार्थना करता है। 

राखी के त्योहार में बहनें अपने प्यारे भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं और भाई जीवन भर बहन की रक्षा करने का वादा करते हैं। राखी के दिन सभी भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।

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यह त्यौहार अब भी उसी परंपरा के साथ मनाया जाता है, अब यह समारोह अधिक से अधिक व्यापक रूप से मनाया जाने लगा है।

रक्षा बंधन मुख्य रूप से एक उत्तर भारतीय त्योहार है जो भाई-बहनों के बीच स्नेह की गहरी भावनाओं को जन्म देता है। भारतीय पूरी दुनिया में रहते हैं और इस त्योहार को हम सब बहुत खुशी के साथ मनाते हैं।

रक्षा बंधन की तैयारी और उत्सव

त्योहार के बीच में, इस परंपरा को लोग भक्ति के साथ करते हैं। पूर्णिमा से पहले राखी और मिठाइयाँ लोग खरीदते हैं, कुछ लोग अपने घर पर हि मिठाइयाँ बना लेते हैं। परंपरा के अनुसार, परिवार के सभी सदस्यों को जल्द ही इस अनुष्ठान के लिए तैयार किया जाता है। किसी भी तैयारी को शुरू करने से पहले, वे मन और अपने शरीर को शुद्ध करने के लिए वह सबसे पहले स्नान करते हैं।

और पूजा के लिए बहनों द्वारा दीए की थाली सजाई जाती हैं। इसमें राखी, कुमकुम पाउडर, दीया, अगरबत्ती, चावल, और मिठाई शामिल हैं। बदले में, सभी भाई अपनी बहनों को आशीर्वाद देता है और उन्हें दुनिया की सारी बुराइयों से बचाने का वादा करते है।

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हर भाई अपने प्यार और स्नेह उजागर करने के लिए बहनों को एक प्यारा सा उपहार देता है। 

तो, भारत की सभी बहनें इस त्योहार को खुशी से मनाती हैं और अभी भी इस परंपरा का पालन करती हैं।

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रक्षाबंधन निबंध | Raksha Bandhan Essay in Hindi

raksha bandhan essay in hindi 200 words

रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते का पवित्र त्यौहार है। इस दिन सभी बहनें अपनी भाई की कलाई में राखी बाँधती हैं। भाई और बहन एक-दूसरे को मिठाई खिलाते हैं और सुख-दु:ख में एक-दूसरे के साथ रहने का वचन देते हैं। बहनें अपने भाई की लंबी आयु की कामना करती हैं। स्कूलों में, कॉलेजों में भी रक्षाबंधन पर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है इसलिए छात्रों को रक्षाबंधन की पूरी जानकारी की आवश्यकता होती है। आज हम छात्रों के लिए रक्षाबंधन पर निबंध लेकर आये हैं। रक्षाबंधन निबंध पर खोज कर रहे छात्र हमारे पेज के माध्यम से Raksha Bandhan Essay in Hindi प्राप्त कर सकते हैं। 

रक्षाबंधन निबंध | Raksha Bandhan Essay

रक्षाबंधन हिन्दुओं के मुख्य त्यौहारों में से एक है। हालाँकि हिन्दुओं के अलावा और अन्य धर्मों के लोग भी रक्षाबंधन का त्यौहार धूम-धाम से मानते हैं। सभी त्यौहारों की तरह रक्षाबंधन भी काफी उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह परम्परा हमारे भारत देश में काफी प्रचलित है। आपको बता दें कि श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्यौहार मनाते हैं। हर साल हिन्दू और श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन मनाया जाता है। रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य होता है। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपनी भाई की रक्षा और तरक्की के लिए प्रार्थना करती हैं।

रक्षाबंधन कब मनाया जाता है ?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रवण माह को आम भाषा में सावन का महीना भी कहते हैं। रक्षाबंधन सावन महीने के अंतिम दिन में इसलिए मनाया जाता है क्योकिं हिंदू धर्म के अनुसार सावन का महीना बहुत शुभ होता है।

कैसे मनाया जाता है रक्षाबंधन ?

यह हिंदू श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें सुबह तैयार होकर नये कपड़ें पहनकर थाली की सजावट करती है। जिसमें राखी, सिंदूर, चावल, और मिठाई को शामिल किया जाता है। बहनें भईयों के माथे पर तिलक, भाई की कलाई पर राखी बांधकर मिठाई खिलाते हैं। राखी बांधने के बाद भाई अपनी बहन को गिफ्ट देते हैं और वचन देते हैं कि हर मुसीबत पर मैं तुम्हारा साथ दूंगा और हमेशा तुम्हारे साथ खड़ा रहूंगा। राखी बांधना अब केवल भाई-बहनों के बीच की गतिविधि नहीं रह गई है। देश की रक्षा, पर्यावरण की रक्षा, हितों की रक्षा आदि के लिए भी राखी बांधी जा रही है।

रक्षाबंधन लेखन हिंदी में

  • रक्षाबंधन पर निबंध
  • रक्षाबंधन पर शायरी, कविता, कोट्स
  • रक्षाबंधन पर बधाई संदेश

क्यों मनाया जाता है रक्षा बंधन ?

पहले इस पेड़ को बांधी जाती थी राखी 

सदियों से चली आ रही परंपरा के मुताबिक पहले के समय में बहन भाई को राखी बांधने से पहले प्रकृति की सुरक्षा के लिए तुलसी और नीम के पेड़ को राखी बांधती है। 

रक्षाबंधन के दिन किस भगवान को मिली थी जीत

भविष्यपुराण के अनुसार कहा जाता है कि देवाताओँ और दैत्यों का बीच युद्ध हुआ। बलि नाम के असुर ने भगवान को इंद्र को हरा दिया था और अमरावती पर अपना आधिकार जमा लिया था। राजा बलि ने यज्ञ करके स्वर्ग पर अधिकार करने का प्रयास किया, तब देवराज इंद्र ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की। विष्णु जी राजा बलि से भिक्षा मांगने वामन ब्राह्मण बनकर गए।

राजा बलि ने अपने गुरु की बात ना मान के भी भगवान के वामन अवतार को तीन पग भूमि दान कर दी। वामन भगवान ने तीन पग में आकाश-पाताल और धरती नाप कर राजा बलि को रसातल में भेज दिया। राजा बलि में अपनी भक्ति के बल पर विष्णु जी से हर समय अपने सामने रहने का वचन ले लिया। इससे लक्ष्मी जी इससे चिंतित हो गई। उनको चिंतित देख नारद जी ने उनको एक सलाह दी। नारद जी की सलाह पर लक्ष्मी जी बलि के पास गई और रक्षासूत्र बांधकर बलि को अपना भाई बना लिया। इसके बदले में वे विष्णु जी को अपने साथ ले आई। उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि थी।

हमारे इतिहास में भी राखी के महत्व के कई उल्लेख मिलते हैं। मेवाड़ की महारानी कर्मावती ने मुगल बादशाह हुमायूँ को राखी भेजकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी। हुमायूँ ने मुसलमान होते हुए भी राखी की लाज रखी थी।

इसके अलावा सिकंदर की पत्नी ने अपने पति के हिंदू दुश्मन पुरु को अपने भाई के रूप में राखी बांधी थी और युद्ध के दौरान सिकंदर को नहीं मारने की कसम खाई थी। पुरु ने युद्ध के दौरान अपने हाथ में राखी बांधकर अपनी बहन से किए गए वादे का सम्मान करते हुए सिकंदर को जीवनदान दिया।

रक्षा बंधन पर बनाये ये स्पेशल डिश

रक्षा बंधन पर स्वादिष्ट डिश ना बने ऐसा हो ही नहीं सकता। किसी भी त्यौहार की खुशी तब दुगनी हो जाती है जह उसमें मिठास पैदा हो जाये। वैसे तो रक्षा बंधन पर मार्किट से कई मिठाई लाई जाती हैं लेकिन आप इन मिठाईयों के साथ घर पर कुछ स्वादिष्ट और नई डिशेज बना सकती हैं।

  • काजू पिस्ता चोको रोल
  • ड्राई फ्रूट कचौड़ी
  • हरियाली पनीर कोपता

रक्षा बंधन पर 10 लाइनें

  • रक्षाबंधन भाई बहन का सबसे अनोखा त्यौहार है।
  • रक्षाबंधन सावन के महीने में मनाया जाता है।
  • रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रेशम की राखी बांध कर अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती है।
  • रक्षा बंधन को राखी का त्यौहार भी कहा जाता है।
  • राखी का त्यौहार हिंदू धर्म में मनाया जाता है।
  • राखी के दिन घरों में कई तरह के व्यजंन बनाये जाते हैं।
  • रक्षा बंधन के दिन लोग अपने पेड़ों,मशीनों, गाडियों, आदि पर राखी बांधते हैं जिससे उनका प्यार बरकरार रहता है।
  • दिल्ली में रक्षा बंधन के दिन बसों, मेट्रों, आदि का किराया नहीं लगता।
  • रेशम की राखी से लेकर सोने की राखी तक बांधी जाती है।
  • भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं।

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रक्षाबंधन पर निबंध – Raksha Bandhan Essay in Hindi

by Editor updated December 18, 2018, 2:39 PM 1 Comment

रक्षाबंधन पर हिन्दी निबंध  | RakshaBandhan Hindi essay

स्कूल और कॉलेज में रक्षाबंधन पर अक्सर निबंध पूछा जाता है। यहाँ हम आपके लिए 300, 400,600 और 1000 Words में रक्षाबंधन पर निबंध लेकर आए हैं। 

रक्षाबंधन पर निबंध (150 शब्द) 

भाई-बहन के बीच पवित्र रिश्ते और स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। रक्षाबंधन का पर्व हर वर्ष श्रावण (सावन) के महीने में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। रक्षाबंधन के दिन खास मुहूर्त के समय बहन अपने भाई को टीका करती है और उसकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है जिसे राखी कहते हैं तो वहीं भाई भी अपनी बहन को उपहार देता है और बहन की रक्षा करने का वचन देता है।

इस दिन पूरा परिवार एक ही छत के नीचे इकट्ठा होता है और बड़ी धूम-धाम के साथ एक-दूसरे के साथ इस त्योहार को मनाते हैं।  भारत देश में ही नहीं विश्व के हर देश में जहां भी भारतीय निवास करते हैं वहाँ रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है।

रक्षाबंधन का दिन भाई और बहन के लिए विशेष होता है। इस दिन दोनों अपने पवित्र रिश्ते को और मजबूत करने की कसम खाते हैं और एक दूसरे के लिए मंगल कामना करते हैं।

रक्षाबंधन का त्योहार (400 शब्द) 

भाई-बहन के बीच अटूट और पवित्र प्रेम को समर्पित रक्षाबंधन का त्योहार हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार हर साल श्रावण के महीने में आता है। रक्षाबंधन के त्योहार के पूर्व ही बाज़ार में तरह-तरह की सुंदर राखियों की बिक्री शुरू हो जाती है। बहनें अपने भाइयों के लिए तरह-तरह की राखियाँ खरीदतीं हैं।

रक्षाबंधन के दिन शुभ मुहूर्त पर बहन अपने भाई के माथे पर टीका करती है, उसकी आरती करती है और भाई की कलाई पर राखी बांधती है। बदले में भाई अपनी बहन को उपहार देता है।

ऐसा कहा जाता है बहन जो राखी अपने भाई की कलाई पर बांधती है वो रक्षा सूत्र का काम करती है और भाई की हर संकट से रक्षा करती है। राखी को बांधकर बहन अपने भाई से यह वचन भी लेती है की वो हमेशा उसकी रक्षा करेगा।

रक्षाबंधन के दिन पूरा परिवार एक होता है और एक साथ मिलकर इस त्योहार को हर्ष-उल्लास के साथ मनाते हैं। इस दिन स्कूलों में भी छुट्टी होती है।

रक्षाबंधन को मनाने के पीछे कई धार्मिक कथाएँ जुड़ीं हुई है जिनमें राजा बली और माता लक्ष्मी की कथा विशेष रूप से याद आती है।

जब भगवान श्री विष्णु वामन अवतार धारण कर राजा बली से तीनों लोकों का आधिपत्य दान में ले लेते हैं तब बली भगवान विष्णु से याचना करते हैं की – हे प्रभु मेरा सबकुछ मैंने दान कर दिया है अब मुझ पर एक कृपा करें की आप भी मेरे साथ पाताल आकर निवास करें। श्री विष्णु राजा बली की याचना स्वीकार कर लेते हैं और पाताल में निवास करने लगते हैं।

इस बात से माता लक्ष्मी परेशान हो जातीं है। माता लक्ष्मी राजा बली के पास जातीं हैं और उन्हें रक्षा सूत्र बांधतीं है। राजा बली माता लक्ष्मी से कुछ मांगने के लिए कहता है तब माँ लक्ष्मी अपने मूल स्वरूप में आकर श्री विष्णु को अपने साथ ले जाने के लिए कहतीं हैं। राजा बली माता लक्ष्मी की मांग को स्वीकार कर लेता है और श्री विष्णु को पाताल से ले जाने की अनुमति देता है।

ऐसा कहा जाता है तभी से राखी के इस त्योहार को मनाया जाता है। रक्षाबंधन सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु नेपाल और जहां भी हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं वहाँ बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। भाई बहन के बीच पवित्र प्रेम को दर्शाता यह राखी का त्योहार हमारी महान संस्कृति और विरासत को दर्शाता है।

रक्षाबंधन निबंध (600 शब्द)

हिन्दू धर्म में मनाए जाने वाले त्योहारों में से रक्षाबंधन का त्योहार मुख्य है। यह त्योहार भाई-बहन के बीच पवित्र प्रेम और स्नेह का प्रतीक है और भाई-बहन को समर्पित है। इस दिन स्कूलों में छुट्टी होती है इसलिए बच्चों में काफी उत्साह होता है। रक्षाबंधन को राखी का त्योहार भी कहा जाता है।

रक्षाबंधन के पूर्व ही बाज़ार तरह-तरह की राखियों से सज जाते हैं। बहनें अपने भाइयों के लिए राखी की खरीदी करतीं हैं, इस दिन लोग नए कपड़े व मिठाइयाँ खरीदते हैं।

रक्षाबंधन के दिन एक खास मुहूर्त के समय ही बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, तिलक करती है और उसकी आरती करती है। भाई भी अपनी बहन को उपहार देता है। बहन के द्वारा बांधा गया रक्षा सूत्र भाई को हर संकट से बचाता है। इस दिन भाई भी अपनी बहन को रक्षा करने का वचन लेता है।

इस दिन काफी चहल-पहल होती है क्यूंकी सभी एक-दूसरे के घर जाकर बधाई देते हैं और राखी बंधवाते हैं।

हिन्दू धर्म में रक्षाबंधन को मनाने के पीछे कई कथाएँ जुड़ीं हुईं हैं, इससे ये पता चलता है की इस त्योहार की कितना धार्मिक महत्व है।

माता लक्ष्मी और राजा बली की कथा

वामन अवतार लेकर जब श्री विष्णु तीनों लोकों को नाप लेते हैं तब राजा बली हाथ जोड़कर प्रार्थना करता है की हे प्रभु, मैंने अपना सब कुछ दान कर दिया है अब मुझ पर एक कृपा करे वो ये की आप भी मेरे साथ पाताल में निवास करें। श्री विष्णु बली की इस प्रार्थना की स्वीकार कर लेते हैं और पाताल में निवास करने लगते हैं।

माता लक्ष्मी इस बात से व्यथित होकर राजा बली के पास भेष बदलकर जातीं हैं और बली की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधतीं हैं। राजा बली माता लक्ष्मी से कुछ मांगने के लिए कहता है तब माता लक्ष्मी अपने मूल रूप मे आकर राजा बली से भगवान श्री विष्णु को पाताल से ले जाने की अनुमति मांगतीं है।

राजा बली भी माता लक्ष्मी को इसकी अनुमति दे देता है। ऐसा कहा जाता है जब माता लक्ष्मी ने राजा बली को रक्षा सूत्र बांधा था उस समय श्रावण का महिना था। उसी समय से बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है।

श्री कृष्ण और द्रौपदी की कथा

पांडवों के राजसूय यज्ञ में सम्मिलित जब शिशुपाल 100 से ज्यादा अपशब्द भगवान श्री कृष्ण को कहता है तब श्री कृष्ण अपने सुदर्शन चक्र से उसका वध कर देते हैं। उस समय श्री कृष्ण की उंगली चक्र से थोड़ी कट गयी थी। जब द्रौपदी ने यह देखा तो तुरंत अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर श्रीकृष्ण की उंगली पर बांध दिया, भगवान कृष्ण ने उस समय द्रौपदी से कहा था की वो एक दिन इसका ऋण अवश्य चुकाएंगे।

इसके बाद जब भरी सभा में दुशासन द्रौपदी का चीर हरण कर रहा था तब श्री कृष्ण ने चीर को बढ़ाकर द्रौपदी की लाज रखी थी।

ऐसा कहा जाता है जब द्रौपदी ने श्री कृष्ण की कलाई में साड़ी का पल्लू बांधा था उस समय श्रावण पूर्णिमा थी। तभी से रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है।

रक्षाबंधन से जुड़ी एक कथा में वृत्तासुर से युद्ध के समय इंद्र की पत्नी सची अपने पति इंद्र की रक्षा के लिए एक विशेष रक्षा सूत्र बांधती है। उस युद्ध में इंद्रा की विजय होती है।

ऐसी ही ना जाने की कितनी ही कथाएँ रक्षाबंधन के पर्व से जुड़ीं हैं जो ये दर्शाती हैं की बहन के इस रक्षा सूत्र में कितनी शक्ति है और इसका कितना महत्व है एक भाई के लिए।

रक्षाबंधन का पर्व सिर्फ भारत देश में ही नहीं बल्कि दुनिया में जहां-जहां हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं वहाँ मनाया जाता है। हर वर्ष मनाया जाने वाला रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को उजागर करता है।

रक्षाबंधन का त्योहार निबंध (1000 शब्द) 

रक्षाबंधन यानि रक्षा का बंधन – एक ऐसा रक्षा सूत्र जो भाई को हर संकट से बचाता है। रक्षाबंधन हिन्दू धर्म के मुख्य त्योहारों में से एक है। यह त्योहार भाई-बहन के बीच स्नेह और पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। भारत ही नहीं, विश्व के कई देशों में यह त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई को राखी यानि की रक्षा सूत्र बांधती है और भाई भी अपनी बहन को ये वचन देता है की वो हमेशा उसकी रक्षा करेगा।

कैसे मनाया जाता है रक्षाबंधन

रक्षाबंधन के कुछ दिन पूर्व ही सभी बाज़ार रंग-बिरंगी राखियों से सज जाते हैं। बहनें अपने भाइयों के लिए तरह-तरह की डिज़ाइन की राखियाँ खरीदतीं हैं, कुछ बहनें चांदी की राखी भी खरीदतीं है। तरह-तरह की मिठाइयाँ बाज़ार में आ जातीं है।

घर के सभी सदस्य बाज़ार जाकर अपने लिए नए-नए कपड़े खरीदते हैं, मिठाइयाँ खरीदते हैं। स्कूलों में छुट्टी होती है तो बच्चों में खास उत्साह देखने को मिलता है।

रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का खास मुहूर्त होता है। उस खास मुहूर्त के समय बहन-भाई अच्छे से तैयार होते हैं। सबसे पहले बहन भाई की आरती करती है, तिलक करती है और दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधती है। बदले में भाई भी अपनी बहन को विशेष उपहार देता है और मन ही मन उसकी रक्षा करने का वचन भी लेता है।

इसके बाद परिवार के सभी लोग एक दूसरे को बधाई देते हैं और अपने परिजनों के घर जाकर बधाई देते हैं और साथ में खुशियाँ बांटते हैं। रक्षाबंधन के पूरे दिन चहल पहल का माहौल रहता है।

जिन भाइयों के बहन नहीं होती या जिन बहनों का भाई नहीं होता वो भी किसी ना किसी को अपना भाई या बहन मानकर राखी के त्योहार को मनाते हैं।

रक्षाबंधन से जुड़ी धार्मिक कथाएँ

रक्षाबंधन को क्यूँ मनाया जाता है इसके पीछे कई दृष्टांत सुनने को मिलते हैं। ये सभी दृष्टांत रक्षाबंधन के रक्षा सूत्र के महत्व की दर्शाते हैं। इन कथाओं में कोई भी सगा भाई-बहन नहीं हैं लेकिन रक्षा सूत्र को बांधने के बाद किस प्रकार वो रक्षा सूत्र रक्षण करता है वो इन कथाओं में देखने को मिलता है।

राजा बली और माता लक्ष्मी का रक्षाबंधन

राजा बली बहुत बड़ा दानी था किन्तु उसने तीनों लोकों पर अपना आधिपत्य स्थापित कर रखा था। श्री हरी विष्णु ने वामन का अवतार धारण कर राजा बली से तीनों लोक दान में ले लिए। अब बली ने श्री विष्णु से याचना की – हे प्रभु मुझ पर एक कृपा करें, आप भी मेरे साथ पाताल चलकर निवास करें।

श्री विष्णु बली से प्रसन्न होकर उसकी विनंती स्वीकार कर लेते हैं और पाताल में आकर निवास करने लगते हैं।

इस बात से व्यथित होकर माता लक्ष्मी श्री विष्णु को वापस लाने के लिए भेष बदलकर बली के पास जातीं हैं और बली के हाथ में रक्षा सूत्र बांधतीं हैं। राजा बली माता लक्ष्मी से कुछ मांगने के लिए कहते हैं, तब माँ लक्ष्मी अपने मूल रूप में आतीं हैं और राजा बली से श्री विष्णु को पाताल से ले जाने की अनुमति मांगतीं हैं।

अपने दानी स्वभाव के लिए प्रख्यात बली माँ लक्ष्मी की बात मान लेते हैं और श्री विष्णु को ले जाने की अनुमति दे देते हैं। ऐसा कहा जाता है इस घटना के समय सावन का मास था।

श्री कृष्ण और द्रौपदी का रक्षाबंधन

इंद्रप्रस्थ में जब पांडव राजसूय यज्ञ करा रहे थे उस समय शिशुपाल ने श्री कृष्ण को कई अपशब्द कहे थे और जब शिशुपाल अपने अपशब्दों की सीमा को लांघ गया तो श्री कृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से उसका वध कर दिया।

सुदर्शन चक्र के कारण श्री कृष्ण की एक उंगली से रक्त बहने लगा था। जब द्रौपदी ने ये देखा तो उसने तुरंत अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर श्री कृष्ण के हाथ पर बांध दिया। भगवान श्री कृष्ण ने उस समय द्रौपदी को यह वचन दिया था की वो एक दिन इसका ऋण अवश्य चुकाएंगे।

भरी सभा में जब द्रौपदी का चीर हरण हो रहा था तब श्री कृष्ण ने द्रौपदी के चीर को बढ़ाकर उसकी लाज रखी थी। ऐसा कहा जाता है जब द्रौपदी ने श्री कृष्ण के हाथ में साड़ी का पल्लू बांधा था उस समय सावन का महिना था।

महाभारत के युद्ध की समय की घटना

महाभारत के युद्ध के समय जब युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से पूछा की वो किस प्रकार से युद्ध में आने वाले हर संकट का सामना करेंगे, तब श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को एक मार्ग बताया- उन्होने युधिष्ठिर से कहा की तुम अपने सभी सैनिकों की कलाई पर एक रक्षा सूत्र बांध दो। वो रक्षा सूत्र उनके प्राणो की रक्षा करेगा।

युधिष्ठिर ने ऐसा ही किया और सभी  सैनिकों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध दिया। ऐसा कहा जाता है यह घटना भी सावन के महीने में घटित हुई थी और महाभारत के युद्ध में पांडवों की विजय में उस रक्षा सूत्र का खास योगदान था।

देवराज इन्द्र और पत्नी सची की कथा

वृत्तासुर से युद्ध करने के पूर्व देवराज इंद्र की पत्नी ने अपने पति की रक्षा के लिए विशेष मंत्रोच्चार से एक रक्षा सूत्र तैयार किया था और वो सूत्र उन्होने अपने पति इन्द्र की कलाई पर बांधा था। इसके बाद वृत्तासुर के साथ युद्ध में इन्द्र की विजय हुई थी। ऐसा कहा जाता है उस समय भी श्रावण का महिना था।

हुमायूँ और रानी कर्णावती का रक्षाबंधन

चित्तौड़गढ़ की रानी कर्णावती ने मुगल शासक बहादुर शाह से अपनी और प्रजा की रक्षा के लिए हुमायूँ को रक्षा सूत्र भेजा था। उस समय हुमायु ने उस रक्षा सूत्र की खातिर रानी कर्णावती की रक्षा की थी।

रक्षाबंधन विशेष रूप से भाई और बहन के बीच आपसी प्रेम को उजागर करता है। हर वर्ष आने वाला यह त्योहार हर भाई को उसकी बहन के प्रति कर्तव्य को याद दिलाता है। बहन के लिए भी ये दिन काफी खास होता है। रक्षाबंधन का त्योहार हमारे देश की संस्कृति, सभ्यता और परम्पराओं को दर्शाता है और ये बताता है की हमारे यहाँ रिश्तों का कितना महत्व है।

  • रक्षाबंधन से जुड़ीं कथाएँ व इतिहास 

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Raksha Bandhan Essay | Essay on Raksha Bandhan for Kids and Students in English

February 7, 2024 by Veerendra

Raksha Bandhan Essay: Raksha Bandhan is a very auspicious occasion for Indian siblings. It is celebrated between the brothers and their sisters, as a tribute and dedication for the ever-lasting bond that they share.

This year, Raksha Bandhan is supposed to be on the 3rd August 2020 . Sisters all around the country will express their love for their brothers, promising ever-lasting love and fraternity for them. Raksha Bandhan is a very common and widely celebrated occasion all over the country. It is celebrated in almost all Indian households. Thus, it is a very relevant topic to pen down an essay on.

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To help students in completing their essay assignments on the topic of Raksha Bandhan, we have provided samples for long and short essays on the subject. Additionally, we have also jotted down ten lines on the topic which they can use as a guideline in framing their composition while writing it.

Long and Short Essays on Rakhsha Bandhan for Students and Children in English

Below is given one extended essay on the topic, consisting of 400-500 words. Two short essays on Raksha Bandhan are also provided, comprising 100-150 words. Students can get a Paragraph on Raksha Bandhan of 100, 150, 200, 250 Words from here.

Long Essay on Raksha Bandhan in English 500 words

Before the essay begins, I would like to inform you that this long essay on Raksha Bandhan is helpful for students of classes 7, 8, 9, and 10.

The festival of Raksha Bandhan is a glorious and enthusiastic Indian celebratory festival which is celebrated mainly among the Hindu Indian families. It is observed between two siblings, who share the bond of being a brother and a sister – they don’t need to be related by blood; sisters tie Rakhi for their cousins as well. It is celebrated among every individual woman and an individual man who share a brotherhood of love between themselves.

Sisters and brothers wait for the arrival of Raksha Bandhan throughout the year. It does not occur on one particular day every year; instead, it follows the traditional Indian calendar. Roughly, it happens sometimes in the first week of August. This year, the festival of Rakhsha Bandhan has fallen on the third of August.

The festival is abundantly celebrated across the entire country and appeals to no particular age group. People from any age group, whether they be a kid or an adult, can celebrate the festival and tie rakhis on their brothers.

The Hindi phrase Raksha Bandhan means a bond fraught with love and protection. The Hindi word ‘Raksha’ means Protection in English; ‘Bandhan’ means tying of a relationship. Thus on the occasion of Rakhsha Bandhan, sisters tie rakhis on their brothers’ wrists, wishing for their excellent health and well-being; consequently, the brother pledges to love their sisters ever long and to protect her from all kinds of dangers. At the very core of it, it is a ritual that is based on the pillars of protection, love, and brotherhood.

The bond which brothers and sisters share between themselves is unique and bittersweet. They might be fighting at one moment, and the very next moment, they end up making up and solving their quarrel. Theirs is one of the purest and genuine friendship bonds to existing. Siblings play a very crucial role in our lives; they have seen us grow and mature over the years. They tend to know our most reliable and weakest points. They also sometimes tend to understand us better than we do ourselves. They have always been there to support us, to protect us, and to help us through troubled times. Rakhsha Bandhan is only a small way to commemorate that bond and promise for a future that is bright and shining.

Apart from the traditional methodology of the ritual, it is also an enjoyable ritual to celebrate. On the occasion of Raksha Bandhan, the entire family gathers together and celebrates the bond. Distant relatives and closer family come together; they dress up in new clothes and celebrate love. The sisters tie a thread (known as Rakhi) on their brothers’ wrist as a symbol of a strong bond. The sisters, in turn, are showered with love and respect. The brothers usually present them with small gifts, such as chocolates and other food items.

The preparations for the occasion begins a week prior, and sisters flock the market to purchase memorabilia for their brothers.

Thus it is a significant festival and is celebrated with much zeal.

10 Lines on Raksha Bandhan Essay

Short Essay on Raksha Bandhan in English 200 words for Kids

Short essays on Raksha Bandhan are often assigned to students of classes 1, 2, 3, 4, 5, and 6.

The festival of Rakhsha Bandhan is an Indian festival that is usually celebrated among Hindu families. It is a symbol of the strong bond that is shared by brothers and their sisters.

Apart from personal celebrations in houses, public celebrations also take place in the form of fairs and community functions. The sisters begin to prepare for the occasions a week before the actual festival. They gather in the bazaars and shop for fancy and beautiful rakhis. A lot of girls prefer to make rakhis of their own.

The brothers also prepare for the festival, and they purchase gifts for their sisters – sweets, chocolates, and other gift items. The ritual strengthens the love and friendship shared between the two people.

10 Lines on Raksha Bandhan Essay in English

  • Rakhsha Bandhan is an age-old festival; it is mainly celebrated between brothers and sisters from Hindu Indian families.
  • It was initially established by Rabindranath Tagore, during the time of Bengal’s partition, to instill a loving bond of brotherhood between Hindu and Muslims.
  • The festival is not restricted to blood-related relations.
  • It can be celebrated between any two people who share a loving bond of friendship and brotherhood.
  • The sister ties a thread known as the Rakhi on the brother’s wrist; the brothers promise to protect and take care of them for a lifetime.
  • It is a very happy occasion, performed with excitement and enthusiasm.
  • The brothers and sisters exchange gift items.
  • Lavish food items are prepared on this day.
  • The practice of dressing up in new traditional clothes is exercised on this day.
  • The celebration upholds principles of love, support, friendship, and community collaboration.

Short Essay on Raksha Bandhan in Hindi 300 Words

Raksha Bandhan Essay in Hindi 300 words

FAQ’s Raksha Bandhan Essay

Question 1. What is the purpose behind celebrating Raksha Bandhan?

Answer: The festival is celebrated to celebrate the love between a brother and a sister. It strengthens the bond that is shared between the two.

Question 2. How is the festival celebrated?

Answer: The festival follows Hindu traditions. The sister ties a thread, called the Rakhi, around her brother’s wrist. The thread stands for love, fraternity, and lifelong support.

Question 3. When is the festival celebrated?

Answer: The festival follows the traditional Hindu calendar; it is celebrated in the month of Sawan. It has fallen on the third of August this month.

Question 4. Who celebrates the festival?

Answer: Brothers and sisters celebrate the festival. It can, however, be observed between any man and woman who share a brotherly bond of love.

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Raksha Bandhan Essay for School Students and Children

500+ words raksha bandhan essay.

Raksha Bandhan is a festival which celebrates the bond of a brother and sister. This festival is celebrated in the Hindu religion. It is one of their most important festivals. In addition, sisters and brothers wait eagerly for it all round the year. People celebrate it with abundant zeal and enthusiasm in India.

Raksha Bandhan Essay

Similarly, it does not matter if you are a kid or an adult. Brothers and sisters of all ages celebrate Raksha Bandhan. Furthermore, it strengthens the bond between them as well. ‘Raksha’ translates to the protection and ‘Bandhan’ translates to bond. Thus, this explains the meaning of this festival .

Raksha Bandhan is celebrated following the Hindu calendar . It falls in the month of Saawan and people celebrate it on the last day of the month. This auspicious festival usually falls around August only.

Importance of Raksha Bandhan

As we all know, siblings carry a special place in our hearts. However, the particular bond of a brother and sister is very unique. The care they have for each other knows no bounds. The love they share is beyond compare.

No matter how much they fight with one another, they always stand behind them in support. Brothers and sisters fight with each other over trivial matters. In other words, they share a bond which is full of teasing and love.

Brothers and sisters help us grow. At every stage of our lives, the bond between them grows stronger. They stand with each other through thick and thin. The elder brothers are very protective of their sisters. Similarly, elder sisters care a lot for their younger brothers. The younger ones look up to their elder siblings.

Raksha Bandhan is all about celebrating this bond. It is a symbolism of the unique and special relationship shared by the two. This day has been rightly recognized to have a good time and focus on this beautiful bond. It serves as a symbol of their love, togetherness, and confidence in each other.

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Occasion of Raksha Bandhan

Raksha Bandhan is a time for pampering for the sisters. On this auspicious occasion, the sisters tie a sacred thread i.e. rakhi, on their brother’s wrist. It is done so with the intent to wish good health and long life.

On the other hand, the brothers, in turn, bless their sisters and pledge to protect them and care for them all their lives. The sisters receive a lot of love and pampering on this day. It is in the form of chocolates, gifts, money, dresses and more.

raksha bandhan essay in hindi 200 words

The family members dress up for this occasion, usually in ethnic wear. We see the markets flooded with colorful rakhis and gifts. Every year, fashionable and trendiest rakhis do the rounds of the market. Women shop for the perfect rakhis for their brothers and the men go out to buy gifts for their sisters.

In conclusion, Raksha Bandhan is one of the most enjoyable festivals. It gives the brother and sister to strengthen their bond. Nowadays, even sisters who do not have brothers celebrate Raksha Bandhan with their sisters. The essence of the festival remains the same nonetheless.

FAQs on Raksha Bandhan

Q.1 Why is Raksha Bandhan celebrated?

A.1 Raksha Bandhan is celebrated to celebrate the bond of brother-sister love. Furthermore, it marks the uniqueness of this bond and gives them a day to celebrate their love and confidence for each other.

Q.2 How do people celebrate Raksha Bandhan?

A.2 Raksha Bandhan is celebrated by tying a sacred thread called a rakhi on the brother’s wrist. Brother’s, in return, shower their sisters with gifts and pledge to protect them for all their life.

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50, 100, 300, & 500 Words Essay On Raksha Bandhan In English And Hindi

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Table of Contents

Introduction

The Hindu festival of Raksha Bandhan is one of the most famous festivals in the world. ‘Rakhi’ is another name for the festival. According to the Hindu calendar, it occurs on Purnima or the full moon day during Shravan. All over India, this festival is celebrated.

Bandhan means bound while Raksha means protection. Thus, Raksha Bandhan describes the bond of protection between two people. As a mark of affection, the Sisters tie a special band around the wrists of their brothers on this day. Rakhi is the name of this thread. As a result, the brothers promise to protect their sisters throughout their lives. It is a day of reaffirmation of pious affection between brothers and sisters on Raksha Bandhan.

50 Words Essay On Raksha Bandhan In English

A Hindu family usually celebrates Raksha Bandhan during this festival. Brothers and sisters share a strong bond symbolizing their strong bond. Besides private celebrations in households, fairs and community functions are also popular forms of public celebrations. A week before the festival, the sisters begin preparing for the occasion.

During the bazaars, they gather to buy beautiful and fancy Rakhis. Rakhis are often made by girls themselves. Additionally, the brothers buy gifts for their sisters during the festival, including sweets, chocolates, and other gifts. As a result of the ritual, the two people are strengthened in their love and friendship.

100 Words Essay On Raksha Bandhan In English

There is an age-old Hindu festival called Raksha Bandhan; it is mostly celebrated between brothers and sisters from Hindu Indian families. A loving bond of brotherhood between Hindus and Muslims was instilled by Rabindranath Tagore during Bengal’s partition.

Blood relations are not required to participate in the festival. Friendship and brotherhood are two qualities that can be shared by anyone. Rakhi is a thread tied on the wrist of the brother by the sister; the brother promises to protect and care for the sister.

Taking part in this event is an exciting and enthusiastic experience. Each brother and sister exchange a gift item. It is a day of lavish food preparations. This day is the day when people dress up in traditional clothing. Collaboration, love, support, and friendship are at the heart of the celebration.

Essay on Raksha Bandhan In 300 Words In Hindi

Throughout India and other countries on the Indian subcontinent where Hindu culture predominates, Hindus celebrate Raksha Bandhan. This event always occurs during the month of Shravan, in August according to the Hindu lunar calendar.

The holy thread called a Rakhi is tied around the wrist of brothers of all ages on this day. Thus, it is commonly referred to as the “Rakhi celebration”. As a symbol of affection, the Rakhi represents the sister’s relationship with her sister. In addition, it represents the promise that brothers make to their sisters to always be there as a shield for them.

Since “Raksha” means protection and “Bandhan” means a bond, the phrase “Raksha Bandhan” conveys “protection, obligation, or care.” Brothers must protect their sisters at all times.

Love and togetherness are represented by the Rakhi. In Hindu mythology, however, there are several instances when siblings did not always tie Rakhi. It was the wives’ rituals that they performed on their husbands. During the conflict between Lord Indra and the formidable demonic ruler Bali, Lord Indra and his wife Sachi engaged in a bloody battle.

The wife of Lord Indra attached Lord Vishnu’s religious bracelet to her husband’s wrist out of fear for his life. It used to be only reserved for married couples, but the practice has expanded to cover a wide range of relationships, including siblings.

raksha bandhan essay in hindi 200 words

Everybody is filled with delight on the festival day. Businesses are decorated with beautiful Rakhis, and markets are overrun with shoppers. There are crowds in front of the candy store and clothing store.

Raksha Bandhan is celebrated by putting on new clothes, tying Rakhis on brothers’ hands, and forcing them to consume sweets with their own hands. A promise that they would always be there for her during difficult times is exchanged for presents, clothing, money, etc.

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500 Words Essay On Raksha Bandhan In English

Raksha Bandhan is celebrated mostly by Hindu Indian families and is a glorious and enthusiastic festival. Sisters tie Rakhis for their cousins as well, who are not necessarily related by blood. It can be observed between brothers and sisters who have the bond of brother and sister. A brotherhood of love is shared between each individual woman and individual man that celebrates each other’s love.

Raksha Bandhan is celebrated throughout the year by sisters and brothers. This festival follows the Indian calendar rather than a specific day every year. About a week into August, it usually occurs. August 3 falls on this year’s Raksha Bandhan festival.

A large number of people celebrate the festival across the entire country, regardless of their age. Rakhi can be tied to brothers by anyone, regardless of their age.

Raksha Bandhan is an Indian phrase meaning a bond of love and protection. ‘Raksha’ is a Hindi word that means protection in English, whereas ‘Bandhan’ is a Hindi word that means tying a relationship together. Raksha Bandhan is celebrated by sisters tying Rakhis on the wrists of their brothers in hopes that they will have good health; thus, brothers promise to love and protect their sisters forever. A ritual based on protection, love, and brotherhood, its very core is a ritual based on these three pillars.

It is bittersweet to share a bond with brothers and sisters. The very next moment, they might be fighting, but they end up making up and resolving their dispute. The friendship between them is one of the purest and most genuine that exists. Over the years, siblings have seen us grow and mature; they play an important role in our lives. Their knowledge of our strengths and weaknesses is usually accurate. Additionally, they sometimes have a better understanding of us than we do. Through troubled times, they have always supported, protected, and helped us. There are many ways to observe Raksha Bandhan, and this is only one of them.

It is an enjoyable ritual to celebrate, in addition to its traditional methodology. Family members gather together to celebrate Raksha Bandhan. During this celebration, distant relatives and closer family members wear new clothes and show their love for each other. In order to symbolize a strong bond between sisters and brothers, sisters tie a thread (known as Rakhi) on their brother’s wrists. Love and respect are also shown to the sisters. Chocolates and other food items are usually presented as small gifts by the brothers.

Sisters begin shopping for memorabilia for their brothers at least a week prior to the occasion. There is a great deal of enthusiasm and significance around this festival.

Conclusion,

Brother and sister love is the essence of Raksha Bandhan, the festival of brothers and sisters. Both parties are protected from negative omens and downfalls by it. The siblings protect each other from harm by acting as a wall. Gods are believed to celebrate Raksha Bandhan as well.

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रक्षाबंधन पर निबंध – Essay on Raksha Bandhan in Hindi

रक्षाबंधन के अवसर पर आज मै आप सभी के साथ रक्षाबंधन पर निबंध का लेख प्रस्तुत करने जा रहा हूँ| लेख शुरू करने से पहले आपको HindiParichay.com की और से रक्षाबंधन की ढेर सारी बधाईयाँ|

रक्षा बंधन भारत के प्रमुख त्यौहार में से एक है| ये त्यौहार एक वचन को पूरा करने के लिए भी जाना जाता है.

कई लोगों को केवल यही पता होता है की रक्षा बंधन का त्यौहार भाई बहन के बिच प्रेम को और भी ज्यादा मजबूत करने के लिए मनाया जाता है| लेकिन मै आपको ये बता दूँ की ये बात बिलकुल सच है.

भाई बहन का रिश्ता दुनिया के सभी रिश्तों से अलग है| भाई अपनी बहन की ख़ुशी के लिए कुछ भी कर सकता है अपने हिस्से की ख़ुशी भी ये दोनों एक दुसरे के साथ साझा कर लेते हैं.

रक्षा बंधन का निबंध भाई बहन के प्रेम को दर्शाता है| इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रेशम के धागों से बनी एक छोटी से लड़ी को बांधती है| बहन की इस ख़ुशी में भाई अपनी बहन को कुछ भी तोहफे के रूप में देता है| एक भाई अपनी बहन की खुशियों के लिए कुछ भी कर सकता है.

रक्षाबंधन पर निबंध हिंदी में 100 शब्द – Raksha Bandhan Essay in Hindi

रक्षा बंधन का त्यौहार प्रत्येक वर्ष श्रावण मास में मनाया जाता है| रक्षाबंधन हिन्दू धर्म में मनाया जाता है इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रेशम की छोटी सी लड़ी बांधती है और जिसके बदले में भाई अपनी इच्छानुसार अपनी बहन को तोहफे, नेक देते हैं.

रक्षा बंधन का त्यौहार अगस्त माह में आता है|

15 अगस्त के आस पास इस त्यौहार का आना होता है| इस दिन भाई अपनी बहन की रक्षा करने के लिए वादा करता है और बहन अपने भाई की लम्बी उम्र के लिए भगवान से मन्नत मांगती है| रक्षा बंधन एक अलग ही महत्व रहता है|रक्षा बंधन का त्यौहार ढेर सारी खुशियों का त्यौहार है.

रक्षा बंधन पर निबंध हिंदी में – Essay on Raksha Bandhan in Hindi in 200 Words

ऐसे तो भारत में कई प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है| भारत के सभी त्योहारों में एक अनोखा त्यौहार है रक्षाबंधन का त्यौहार|

रक्षाबंधन का त्योहार श्रावणमास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है|

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प्रचीन काल में श्रावण मास में ऋषिगण साधूसंत आदि आश्रम में रहकर अध्ययन और यज्ञ करते थे|

श्रावण-पूर्णिमा को मासिक यज्ञ की पूर्णाहुति होती थी । यज्ञ की समाप्ति पर यजमानों और शिष्यों को रक्षासूत्र बाँधने की प्रथा थी । जीस वजह से इसका नाम रक्षा-बंधन प्रचलित हुआ.

इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए ब्राह्मण आज भी अपने यजमानों को रक्षासूत्र बाँधते हैं। बाद में इसी रक्षासूत्र को राखी कहा जाने लगा । कलाई पर रक्षा-सूत्र बाँधते हुए ब्राह्मण निम्न मंत्र का उच्चारण करते हैं.

येन बद्धो बली राजा, दानवेन्द्रो महाबल: । तेन त्वां प्रति बच्चामि, रक्षे! मा चल, मा चल ।।

इस मन्त्र का अर्थ है “रक्षा के जिस साधन (राखी) से अतिबली राक्षसराज बली को बाँधा गया था, उसी से मैं तुम्हें बाँधता हूँ । हे रक्षासूत्र! तू भी अपने कर्त्तव्यपथ से न डिगना अर्थात् इसकी सब प्रकार से रक्षा करना।

आज के समय में रंग बिरंगी राखियाँ आने लगी हैं लोगों को अपने तरीके से राखी का यह त्यौहार मनाना अच्छा लगता है बहने बहुत पहले से ही इस त्यौहार का इन्तजार करती है| भाई के तिलक लगा कर कलाई में राखी बांध कर उनको मिठाई खिलाती है.

रक्षाबंधन पर निबंध 300 शब्द – Beautiful Lines on Raksha Bandhan in Hindi

रक्षा बंधन का त्यौहार बहनों और भाइयों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है| भाई और बहन का त्यौहार राखी का त्यौहार भी कहलाता है|

रक्षाबंधन का त्योहार श्रावणमास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।

रक्षा बंधन को लेकर प्राचीन काल की दो कहानियाँ बहुत प्रचलित है| प्रचीन काल में श्रावण मास में ऋषिगण साधूसंत आदि आश्रम में रहकर अध्ययन और यज्ञ करते थे।

श्रावण-पूर्णिमा को मासिक यज्ञ की पूर्णाहुति होती थी। यज्ञ की समाप्ति पर यजमानों और शिष्यों को रक्षासूत्र बाँधने की प्रथा थी । जीस वजह से इसका नाम रक्षा-बंधन प्रचलित हुआ।

इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए ब्राह्मण आज भी अपने यजमानों को रक्षा-सूत्र बाँधते हैं| बाद में इसी रक्षा-सूत्र को राखी कहा जाने लगा.

एक और कहानी है जब मेवाड़ की रानी कर्मावती को बहादुरशाह द्वारा मेवाड़ पर हमला करने की पूर्व सूचना मिली। रानी लड़ऩे में असमर्थ थी अत: रानी मुगल बादशाह हुमायूँ को राखी भेज कर रक्षा की याचना की।

हुमायूँ ने मुसलमान होते हुए भी राखी की लाज रखी और मेवाड़ पहुँच कर बहादुरशाह के विरूद्ध मेवाड़ की ओर से लड़ते हुए कर्मावती व उसके राज्य की रक्षा की|

एक अन्य प्रसंगानुसार सिकन्दर की पत्नी ने अपने पति के हिन्दू शत्रु पुरूवास को राखी बाँधकर अपना मुँहबोला भाई बनाया और युद्ध के समय सिकन्दर को न मारने का वचन लिया।

पुरूवास ने युद्ध के दौरान हाथ में बँधी राखी और अपनी बहन को दिये हुए वचन का सम्मान करते हुए सिकन्दर को जीवन-दान दिया.

रक्षा बंधन का त्यौहार भाई बहन का एक दुसरे के प्रति प्यार और स्नेह का प्रतीक है| रक्षा बंधन के दिन सवेरे सवेरे बहन स्नान कर नए वस्त्र पहन कर भाई का इन्तजार करती है भाई यदि किसी अन्य देश विदेश में है तो उनके लिए राखी भेजती है.

राखी को बांध कर तिलक लगा कर आरती उतारती है और मिठाई भी खिलाती है|

भाई अपनी बहन की रक्षा करनी की कसम खाता है| भाई बहन के रिश्ते में जरुरी नहीं की बहन भाई का खून एक हो धर्म एक ही होना चाहिए| जो जिसे चाहे उसे अपनी बहन या भाई बना सकते है.

मेरा प्रिय त्योहार रक्षाबंधन पर निबंध – Speech on Raksha Bandhan in Hindi 550 Words

पूरी दुनिया में अलग अलग देशों में अलग अलग प्रकार के त्यौहार मनाये जाते हैं| ऐसे ही भारत वर्ष में अनेकों प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है| सोने की चिड़िया वाले देश की तो बात ही कुछ और है आज मुझे सच में बहुत गर्व होता है की मेरा जन्म ऐसे देश में हुआ है.

भारत के सभी त्योहारों में एक त्यौहार रक्षा बंधन भी है| रक्षा बंधन का त्यौहार बहनों और भाइयों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है| भाई और बहन का त्यौहार राखी का त्यौहार भी कहलाता है| रक्षाबंधन का त्योहार श्रावणमास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। रक्षा बंधन को लेकर प्राचीन काल की दो कहानियाँ बहुत प्रचलित है.

प्रचीन काल में श्रावण मास में ऋषिगण साधूसंत आदि आश्रम में रहकर अध्ययन और यज्ञ करते थे । श्रावण-पूर्णिमा को मासिक यज्ञ की पूर्णाहुति होती थी ।

यज्ञ की समाप्ति पर यजमानों और शिष्यों को रक्षा-सूत्र बाँधने की प्रथा थी । जिस वजह से इसका नाम रक्षा-बंधन प्रचलित हुआ।

इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए ब्राह्मण आज भी अपने यजमानों को रक्षा-सूत्र बाँधते हैं। बाद में इसी रक्षा-सूत्र को राखी कहा जाने लगा।

एक और कहानी है|

Raksha Bandhan Story in Hindi – रक्षाबंधन की कथा

जब मेवाड़ की रानी कर्मावती को बहादुरशाह द्वारा मेवाड़ पर हमला करने की पूर्व सूचना मिली। रानी लड़ऩे में असमर्थ थी अत: रानी ने मुगल बादशाह हुमायूँ को राखी भेज कर रक्षा की याचना की।

पुरूवास ने युद्ध के दौरान हाथ में बँधी राखी और अपनी बहन को दिये हुए वचन का सम्मान करते हुए सिकन्दर को जीवन-दान दिया।

रक्षा बंधन के त्यौहार पर भारत सरकार के डाक-तार विभाग द्वारा इस अवसर पर दस रुपए वाले आकर्षक लिफाफों की बिक्री की जाती हैं।

लिफाफे की कीमत 5 रुपए और 5 रुपए डाक का शुल्क। इसमें राखी के त्योहार पर बहनें, भाई को मात्र पाँच रुपये में एक साथ तीन-चार राखियाँ तक भेज सकती हैं।

डाक विभाग की ओर से बहनों को दिये इस तोहफे के तहत 50 ग्राम वजन तक राखी का लिफाफा मात्र पाँच रुपये में भेजा जा सकता है जबकि सामान्य 20 ग्राम के लिफाफे में एक ही राखी भेजी जा सकती है।

यह सुविधा रक्षाबन्धन तक ही उपलब्ध रहती है| रक्षा बंधन पर अनेकों प्रकार के अवसर उपलब्ध रहते है जैसे की बसों का किराया स्त्रियों के लिए मुफ्त, विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को स्त्रियों द्वारा ख़रीदे जाने पर विशेष छुट आदि इस दिन स्त्रिओं के चलते बाजार में काफी रौनक हो जाती है.

रक्षा बंधन का त्यौहार भाई बहन का एक दुसरे के प्रति प्यार और स्नेह का प्रतीक है| रक्षा बंधन के दिन सवेरे सवेरे बहन स्नान कर नए वस्त्र पहन कर भाई का इन्तजार करती है भाई यदि किसी अन्य देश विदेश में है तो उनके लिए राखी भेजती है|

बहन राखी को बांध कर तिलक लगा कर,आरती उतारती है और मिठाई भी खिलाती है|

भाई अपनी बहन की रक्षा करनी की कसम खाता है| भाई बहन का रिश्ते में जरुरी नहीं की बहन भाई का खून एक हो धर्म एक ही होना चाहिए| जो जिसे चाहे उसे अपनी बहन या भाई बना सकते है|

दोस्तों उम्मीद करता हूँ की आपको रक्षाबंधन पर निबंध पढ़ कर अच्छा लगा होगा| राखी का ये त्यौहार आज पुरे देश में मनाया जाता है राखी के त्यौहार का निबंध पढ़कर अच्छा लगा हो तो रक्षाबंधन के निबंध को शेयर करना न भूलें|

रक्षाबंधन पर निबंध को आप फेसबुक, व्हाट्सएप्प, ट्विटर इत्यादि पर शेयर कर सकते है आपके शेयर से लोगों को ये जरुर पता चलेगा की आज पुरे देश में रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है| धन्यवाद|

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Essay on raksha bandhan in hindi रक्षाबंधन पर निबंध.

Let’s start writing an essay on Raksha Bandhan in Hindi. रक्षाबंधन पर निबंध। Now students should know the history about Raksha Bandhan in Hindi or get Raksha Bandhan information in Hindi and Raksha Bandhan ke barre mein . Give speech paragraph on Raksha Bandhan in Hindi. Some people want to know the importance of Raksha Bandhan in Hindi. Write a short line paragraph on Raksha Bandhan in Hindi. Essay on Raksha Bandhan in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12.

Essay on Raksha Bandhan in Hindi

hindiinhindi Essay on Raksha Bandhan in Hindi

Essay on Raksha Bandhan in Hindi 200 Words

रक्षाबंधन हिन्दुओं का मनाये जाने वाले एक प्रसिद्व त्यौहार है। ‘रक्षा’ का मतलब है ‘सुरक्षा’ और ‘बंधन’ का मतलब ‘बाध्य’ होता है। यह त्यौहार भाई और बहन का है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर एक राखी बांधती है और अपने भाई के लिए प्रार्थना करती है। भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं और हर स्थिति में अपनी बहन की रक्षा का वादा करते है। यह उनके प्यार, एकता और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन बाजारों में कई प्रकार के उपहार बिकते है और कई दुकानों में मिठाईयॉ भी बिकती है।

रक्षा बंधन के बारे में इतिहास में कई कहनियॉ मौजूद है। उनमें से एक प्रसिद्व कहानी कृष्णा और द्रौपती की है जिसमें कृष्णा जी की उंगली युद्ध के दौरान घायल हो गई थी और द्रोपती ने अपनी साड़ी में से दुकडा बांध दिया था और कृष्णा जी ने हमेशा उसे किसी भी कठिनाई से बचाने का वादा किया था। आज की दुनिया में जहाँ हर कोई व्यस्त है यह त्यौहार सभी परिवार के सदस्यों को एक साथ लाता है और खुशियां ही खुशियों फैलाता है।

Essay on Raksha Bandhan in Hindi 300 Words

भारत त्योहारों का देश है। यहाँ विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं। उसी में से एक प्रमुख त्यौहार है रक्षाबंधन। रक्षाबंधन प्रमुख रूप से भाई-बहन का पर्व माना जाता है। रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन बहन भाई के माथे पर तिलक लगाती है तथा दाहिने हाँथ पर राखी बाँधकर उनका मुँह मीठा कराती है। भाई भी इसके बदले में प्रसन्न होकर बहन को कुछ उपहार देता है। राखी बांधते समय बहन अपने भाई की सकुशल होने की कामना करती है और भाई अपने बहन की हमेशा देखभाल और रक्षा करने की वचन देता है। इस दिन पुरे परिवार में खुशी का माहौल होता है और इस दिन घर में विशेष पकवान भी बनाए जाते हैं।

रक्षाबंधन के कुछ दिन पहले से ही बाजार में विशेष चहल-पहल शुरू हो जाती है। रंग-बिरंगी राखियों से दुकानों की रौनक बढ़ जाती है। बहनें दुकानों में जाकर अपने भाइयों के लिए तरह-तरह की राखी खरीदती हैं। हलवाई की दुकान पर भी बहुत भीड़ होती है। सभी लोग एक दुसरे को उपहार देने के लिए मिठाइयों के पैकेट खरीदकर ले जाते हैं। रक्षाबंधन के दिन परिवार के सभी सदस्य इकट्ठे होते हैं। विवाहित बहनें मायके आती है अपने भाई को राखी बाँधने के लिए या अगर बहन मायके नहीं आ पाती तो भाई अपने बहन के घर जाता है रक्षाबंधन का पर्व मनाने के लिए।

इस त्यौहार को मनाने के पीछे कई प्रसंग हैं जिसमे से एक उल्लेख महाभारत में देखने को मिलता है: जब श्री कृष्ण ने शिशुपाल का वध किया था तो कृष्ण के हाथ में हल्की चोट लग गयी और खून बहने लगा था। द्रौपदी श्री कृष्ण की मुंहबोली बहन थीं और जब द्रौपदी ने देखा कि श्री कृष्ण के हाथ से रक्त बह रहा है तो उन्होंने तुरंत अपनी साड़ी को चीर फाड़कर थोड़ा सा कपडा निकलकर कृष्ण के हाथ पर पट्टी की तरह बांध दिया था। उस समय श्री कृष्ण ने द्रौपदी को हमेशा रक्षा करने का वचन दिया था और तभी से ही श्रावणमास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन बनाने की प्रथा चल पड़ी थी।

Essay on Raksha Bandhan in Hindi 400 Words

रक्षा-बन्धन भारतीय लोक-जीवन की सुन्दर परम्परा का पवित्र एवं प्रमुख त्योहार है । यह त्योहार भाई-बहन के पवित्र सनेह का प्रतीक है । प्राचीन आश्रमों में स्वाध्याय के लिए द्विज (ब्राह्मण) नया जनेऊ धारण करते थे । जनेऊ के तीन तारों में जनेऊ बांधी जाने वली ब्रह्म गांठ उन्हें अज्ञान रूपी गांठ को सुलझाने का प्रण याद दिलाती रहती थी । यह पावन पुनीत कार्य किसी नदी, जलाशय या वन में सम्पन होता था । इसे उपाकर्म संस्कार कहते थे । यज्ञ के बाद रक्षा-सूत्र बाँधने की प्रथा के करण इसका नाम ” रक्षा-बन्धन ” लोक-प्रचलित हो गया । संस्कृत के रक्षा शब्द को हिन्दी में ‘राखी’ कहा जाता है । यह श्राबणी पूर्णिमा को मनाया जाता है । इसलिए इसे है श्रावणी’ या ‘राखी’ भी कहते है । पुरोहित अपने यजमानों के हाथ में मौलि बाँधकर आशीष देते है ।

राखी है जुडी एक ऐतिहासिक घटना के अनुसार जब बहादुर शाह ने मेवाड़ पर आक्रमण कर दिया तो वहाँ की क्षत्राणी-राज़मूतानी रानी कर्मबती ने हुमायूँ (मुगल सम्राट) को राखी भेजकर रक्षा केलिए सहायता माँगी थी । तब हुमायुँ ने हिन्दू-मुसलमान के भेदभाव को भुलाकर राखी के धागे का मूल्य समझा और उसकी रक्षा की थी ।

रक्षा बन्धन के दिन भाइयों के दूर होने पर बहनें डाक से राखी भेजती हैं । यदि भाई-बहन आस पास हों तो वे स्वय आकर राखी बाँधती हैं । जिस व्यक्ति की अपनी बहन नहीं होती, वह अपने रिश्ते की किसी बहन से राखी बँधवाता है । रक्षा बन्धन के दिन देशवासी राष्ट्रपति-प्रधानमन्ती आदि को राखी बाँधते है । जिनके कंधे पर देश का दायित्व है ।

बहने ईश्वर से अपने भाई की रक्षा के लिए मंगलकामना करती हैं । उसके बाद भाई को मीठा खिलाती हैं । वे अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसके हाथ पर राखी बाँधती है । भाई बहन से राखी बँधवाकर उसकी रक्षा का भार अपने उपर ले लेते हैं । भाई अपनी बहनों को इस दिन धन और उपहार देते हैं ।

यह त्योहार सादगी और पवित्रता का प्रतीक है । इस त्योहार का उददेश्य नारी समाज की सुरक्षा होना चाहिए। आज के इस प्रगतिशील समय में इस बात की आवश्यकता है कि प्रत्येक भाई-बहन इस त्योहार का परम्परागत पालन करें । बहनों को केवल उपहार प्राप्ति की इच्छा से ही राखी बाँधने की लालसा नहीं होनी चाहिए। भाई की जेब तथा बहन की इच्छा में सन्तुलन जरूर होना चाहिए। भाई को भी नाक बचाने के लिए सामर्ध्व से ज्यादा ख़र्च करके बहनों के उपहार नहीं देना चाहिए । उसे न सिर्फ अपनी बहन, बल्कि समाज में हर कमजोर, व्यक्ति और मातृभूमि की रक्षा के लिए तत्पर रहना चाहिए । यह विचार देश की एकता और विश्व-बन्धुत्व की भावना के प्रसार-प्रचार में लाभकारी होगा ।

Essay on Raksha Bandhan in Hindi 500 Words

हमारा देश त्योहारों का देश है। समय-समय पर विभिन्न त्योहारों के माध्यम से हम खुशियों का स्वागत करते है। कभी होली तो कभी दीवाली के माध्यम से हमें अपनों के साथ अमूल्य समय अमूल्य समय बिताने को मिलता है। रक्षाबंधन भी इन्ही त्योहारों में से एक है। यह भाई-बहन का त्योहार माना जाता है। इस त्योहार का संबंध वीरता और त्याग से हैं। यह भारत का एक सांस्कृतिक पर्व है।

यह त्योहार वैदिक काल में आरंभ हुआ, जबकि देवराज ने राक्षसों के साथ युद्ध आरम्भ किया। युद्ध में इन्द्र के जीतने के लिए उनकी पत्नी शची ने उनके हाथ में रक्षा सूत्र बांधा था और इस युद्ध में इन्द्र विजयी हुए थे। तभी से रक्षा सूत्र बांधने की परम्परा प्रचलित हो गई। यत्र और विभिन्न पूजा-पाठ में ब्रह्म रक्षासूत्र बांधते थे इसलिए आज भी पुरोहित और यजमान के संबंध का निर्वाह इस रक्षासूत्र से चलता आ रहा है।

राजपूत वीर जब युद्ध में जाते थे यूँ तब उनकी बहनें उनकी कलाइयों में रक्षासूत्र बांधती थीं। रानी कर्मवती ने हुमायूँ के हाथ में बाँधने के लिए रक्षाबंधन भेजा था और इस रक्षासूत्र अर्थात राखी का सम्मान करते हुए हुमायूँ ने रानी कर्मवती को बचाने का प्रयत्न किया था। यह एक ऐतिहासिक घटना थी लेकिन इसका महत्व आज भी उतना है जितना पहले था। यह त्योहार जातिगत भेद-भाव को नहीं मानता। सभी जाति के लोग इस त्योहार को प्रेम से मनाते हैं।

धीरे-धीरे समय बीतता गया और यह त्योहार भाई-बहन के रक्षा बंधन के त्योहार के रूप में श्रावण मास की पूर्णमासी को मनाया जाने लगा। रक्षाबंधन के अवसर पर भाई बहनों की रक्षा की प्रतिज्ञा करते हैं। बहनें भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं, मिठाई खिलाती हैं और भाई बदले में रूपये या कोई उपहार भेंट करते हैं। यह परम्परा बनी हुई हैं और इस त्योहार ने अपनी पवित्रता बरकरार रखी है।

इस त्योहार के शुभ अवसर पर हाट-बाजार रंग-बिरंगी राखियों से भर जाते हैं। दुकानें दुल्हनों की तरह सज जाती हैं। इस अवसर पर ब्राह्मण लोग अपने यजमानों के यहाँ जाकर दक्षिणा प्राप्त करते हैं। इस त्योहार का मूल भाव अपने देश और राष्ट्र को शत्रुओं से बचाना है। वीरों में वीरता का भाव कभी कम न हो इसलिए युद्ध के समय बहनें अपने भाईयों को राखी भेजती हैं और वीर योद्धा इससे भावनात्मक बल प्राप्त करता है। सन् 1965 में पाकिस्तान के साथ यद्ध के समय भारतीय वीरों के लिए देश भर से नारियों ने राखियां भेजी थीं और इसका परिणाम भारत की जीत के रूप में हमारे सामने आया। बहनों, माताओं के रूप में भारतमाता की रक्षा करता रक्षाबंधन का मूल उद्देश्य है। मिठाई खाने और बदले में रूपये देने की परम्परा के पीछे रक्षा की भावना का महत्व है। धन से या किसी भी वस्तु से राखी का मूल्य नहीं चुकाया जा सकता। किसी कवि ने कहा है-

बहन तुम्हारी इस राख का, मूल्य भला क्या दे पाऊंगा। बस इतना तेरे इंगित पर, बहन सदा बलि बलि जाऊंगा।

हमारी भारतीय संस्कृति में यह त्योहार सबसे प्राचीनतम त्यौहार है। रक्षाबंधन का त्योहार आज धीरे-धीरे अंतरास्ट्रीय रूप भी लेता जा रहा है। विदेशी लोग जब भी भारत आते है वे भी इस त्योहार से आकर्षित होकर भारतीय नारियों से राखी बंधवा लेते है। रक्षाबंधन के त्योहार को हम प्रतिवर्ष हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।

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raksha bandhan essay in hindi 200 words

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Paragraph on Raksha Bandhan - Check Samples for Various Word Limits

Festivals play a significant role in everyone’s lives, mainly because we meet our families, friends, and relatives together. Hindus celebrate many festivals throughout the year, and among these, Raksha Bandhan is one celebrated by brothers and sisters. It is a festival celebrating the bond between a brother and a sister. This festival is celebrated with a lot of sweets, the tying of a thread of bonding called Rakhi, and some return gifts.

Table of Contents

Paragraph on raksha bandhan in 100 words, paragraph on raksha bandhan in 150 words, paragraph on raksha bandhan in 200 words, paragraph on raksha bandhan in 250 words, frequently asked questions on raksha bandhan.

Raksha Bandhan is usually celebrated in the month of August. During the festival, sisters tie a thread or Rakhi to their brothers, promising that the brother shall be their protector for life. It is rightly said that a brother-sister relationship is precious. Raksha Bandhan is celebrated by all, irrespective of age or marital status.

Raksha Bandhan is a cultural festival celebrated during the Sawan month or the month of August. This is a holy occasion for commemorating the bond between brothers and sisters. On this day, sisters tie a thread or a rakhi on their brothers’ wrists to symbolise their bond. In return, brothers promise that they shall be the protectors of their sisters for their entire life and give a return gift. They both give sweets to each other, and sisters pray for their brother’s long life and protection. This festival symbolises faith and eternal love between a brother and sister.

In our lifetime, we maintain many relationships, but the bonding between a brother and sister is precious. They may fight every other day; they might not even share a piece of chocolate, but their bond is beyond anything else. Raksha Bandhan is celebrated as a festival of peace and harmony. On this day, the sisters tie a thread or a bracelet to their brothers and the brothers, in return, promise to be their sisters’ protectors for their entire life. The Rakhi, or the thread, is a pious symbol of being someone’s protector. In 1905, during the partition of Bengal, Rabindranath Tagore used this occasion to signify the centuries-old bond between the Hindus and Muslims of Bengal.

Raksha Bandhan is also known as Rakhi Purnima, which is a cultural festival celebrated between brothers and sisters. On this day, all the sisters tie a sacred bracelet or the Rakhi on their brothers’ wrists as a symbol of protection from all evils. The brothers, in return, promise their sisters to be their protectors for their entire life and give a return gift. Rakhi is considered to be the symbol of love and unity, as per Hindu mythology. In ancient times, it was not celebrated between siblings; in fact, the festival was celebrated between husbands and wives. This festival started from the story of Lord Indra and his wife Sachi, who tied Rakhi to save her husband from the evil king Bali. in ancient times, it was celebrated between the couples. Still, with time, it extended to the siblings, where the brothers shall protect the sisters from all evil, and equally, the sisters shall protect their brothers from all evils. Raksha Bandhan is also celebrated in other countries like Nepal, UAE, Mauritius, etc. Different people celebrate the festival in different ways as per their wishes. Some people wear new clothes and prepare different dishes as part of the celebration of the occasion.

Raksha Bandhan is a festival which is celebrated to show love and unity. This festival is celebrated in the Sawan month as per the lunar calendar and on the full moon day; therefore, it is also called Rakhi Purnima. On this auspicious day, brothers promise to safeguard their sisters from all evils. Even cousins and brothers who promise to look after their sisters by heart can say it out loud. The sisters worship their brothers and then tie a thread or Rakhi around their wrists to strengthen the promise and receive a gift from their brothers in exchange. Rakhi was celebrated between husbands and wives in ancient times, which has now extended to brothers and sisters. It started with Sachi, wife of Lord Indra, who tied Rakhi to her husband to protect him from the evil king Bali. So all the wives used to tie the Rakhi on this auspicious day to their husbands. But, later on, this festival began to be celebrated between brothers and sisters to maintain unity and love. During the British Raj, Rabindranath Tagore also took the help of Rakhi to stop the partition of Bengal and promote friendship and unity. This festival is celebrated by the Hindus and the people of different communities in India. People of Nepal, UAE, Mauritius, etc., also celebrate this festival with a lot of dedication and respect. Depending on the region, this festival has been named differently. It is called Avani Avatar in South India and also called Kajari Purnima in some areas.

Why do we celebrate Raksha Bandhan?

We celebrate Raksha Bandhan to celebrate love and unity. It is a festival now celebrated between brothers and sisters but was celebrated between a husband and wife in ancient times. We celebrate Raksha Bandhan to strengthen the bond between brothers and sisters.

How is Raksha Bandhan celebrated?

Raksha Bandhan is celebrated by sisters tying a sacred thread on their brothers’ hands and sharing sweets. The brother promises that he shall be his sister’s protector for his entire life.

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