दूरदर्शन के लाभ और हानि हिंदी निबंध

दूरदर्शन(television) के लाभ और हानि पर निबंध.

Nibandh Doordarshan Vikas ya Vinas

प्रस्तावना : दूरदर्शन जिसे अंग्रेजी में टेलीविज़न कहते है। टेलीविज़न के कारण लोगो को भरपूर मनोरंजन प्राप्त होता है। दूरदर्शन के फायदे और नुकसान दोनों है।  लोग अपने दिन भर के थकान को दूर करने के लिए टेलीविज़न द्वारा प्रसारित विभिन्न कार्यक्रम को  देखते है। टेलीविज़न द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को मनोरंजन हेतु प्रसारित किया जाता है। आजकल के युग में टेलीविज़न पर शिक्षा , गाने , ड्रामा , समाचार , विज्ञान इत्यादि से संबंधित कई सारे चैनल्स प्रसारित किये जाते  है।  लोग अपने इच्छा के अनुसार कोई भी चैनल देख सकते है। टेलीविज़न पर  कई सारे सीरियल और कार्यक्रम आते है जिसमे कई सारे अभिनेता और अभिनेत्री काम करते है।  इससे उन्हें रोजगार प्राप्त होता है और वह काफी लोकप्रिय बन जाते है।

टेलीविज़न में भिन्न- भिन्न कार्यक्रम आते है जिसे सभी परिवार के सदस्य एक साथ मिलकर देखते है। टेलीविज़न पर  कई तरह के रियलिटी शोज आते है जिसमे नए प्रतिभाओं को मौका दिया जाता है। इससे कई लोगो को सिंगिंग और डांसिंग रियलिटी शोज में अपने प्रतिभा को साबित करने का मौका मिलता है और वह लोकप्रिय बन जाते है।  इससे उनके अच्छे करियर का निर्माण होता  है।

टेलीविज़न में ऐसे कई चैनल है जो इतिहास  और भौगौलिक जानकारी प्रदान करते है। टेलीविज़न में आजकल कई चैनल है जो विद्यार्थियों को उनके विषय संबंधित जानकारी देते है ताकि विद्यार्थी उन चीज़ो को आसानी से समझ सके। टीवी पर समाचार और खेलो के विभिन्न चैनल उपलब्ध है। लोग जिस भी खेल में रूचि रखते है उसे टीवी पर देख सकते है। क्रिकेट , फुटबॉल इत्यादि कई खेलो को टीवी पर लाइव देखा जा सकता है।

विभिन्न भाषाओ में खबरों के चैनल टीवी पर उपलब्ध है।  आप जिस भी भाषा में सहूलियत रखते है , उस भाषा में समाचार , फिल्में और सीरियल देख सकते है। टेलीविज़न में कई प्रकार के धार्मिक कार्यक्रम जैसे रामायण , महाभारत इत्यादि सीरियल प्रसारित किये जाते है। इससे विद्यार्थियों को अपने देश की धार्मिक संस्कृति को समझने का मौका मिलता है। दूरदर्शन पर कई तरह के ज्ञानवर्धक कार्यक्रम प्रसारित किये जाते है जिससे बच्चो को भूगोल , नागरिक शास्त्र इत्यादि विषयो को समझने में आसानी होती है।

टेलीविज़न के जितने लाभ है , उतने नुकसान भी है। अतिरिक्त टेलीविज़न देखने से आँखों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। बच्चो  को ज़्यादा टेलीविज़न देखने के पर रोक लगानी चाहिए।  ज़्यादा टीवी देखने से बच्चो के एकाग्रता पर असर पड़ता है।  उनका ध्यान टीवी और कार्टून चैनल्स की तरफ ज़्यादा , पढ़ाई पर कम ध्यान रहता है।  यह उनके आने वाले भविष्य के लिए अच्छा नहीं है।  बड़ो की निगरानी में ही बच्चो या विद्यार्थियों को सीमित मात्रा में टीवी देखना चाहिए।

टेलीविज़न के द्वारा हमें देश और दुनिया के सारे खबर प्राप्त होते है। ज़्यादा टेलीविज़न देखने से लोगो के दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ता है।  कभी कभी टीवी पर मार , लूटपाट और अश्लील कंटेंट दिखाए जाते है , जिससे समाज में रहने वाले लोगो पर गलत प्रभाव पड़ता है।  टीवी के रियलिटी शोज में कुछ स्टंट दिखाए जाते है जो बच्चे नहीं जानते है , उसे आजमा लेते है और दुर्घटना का शिकार हो जाते है।

दूरदर्शन का बच्चो पर आजकल बुरा प्रभाव पड़ रहा है।  बच्चे कई घंटो तक टीवी देखते है।  लगातार टीवी देखने से बच्चो के मस्तिष्क पर गलत असर पड़ता है। वह जिद्दी बन जाते है और टीवी देखने की अतिरिक्त लत लग जाती है। वह बड़ो की बात नहीं सुनते है और कुछ बच्चो के  परीक्षा में कम अंक आते है। हमारे देश में विनम्रता और मर्यादा की अहमियत ज़्यादा रही है। टीवी पर कुछ गलत चीज़ों को दिखाए जाने पर समाज भी गलत दिशा में जा रहा है।  इसलिए टीवी निर्माताओं को सोच समझकर ऐसे कार्यक्रम दिखाने चाहिए जिससे हमारे सभ्यता और संस्कृति पर गलत प्रभाव ना पड़े।

टीवी पर कुछ ऐसे कार्यक्रम भी आते है जिसे परिवार के सदस्य सब एक साथ बैठकर नहीं देख पाते है।  टेलीविज़न पर कुछ दिखाए गए दृश्यों से समाज में रहने वाले लोगो की सोच पर बुरा असर पड़ता है। बहुत सारे लोग आपराधिक षड़यंत्र में लिप्त हो जाते है।  कई दृश्यों से कुछ गलत सोच रखने वाले लोग अपराध करने के लिए अधिक प्रेरित होते है।  वह यह भूल जाते है कि टेलीविज़न पर दिखाए जाने वाले दृश्य सिर्फ मनोरंजन के लिए बनाये जाते है।

आजकल लोगो के पास एंड्राइड टीवी भी है। एंड्राइड टीवी पर इंटरनेट की मदद से भी मनोरंजन भरे कार्यक्रम , फिल्म , चलचित्र देखे जा सकते है। टेलीविज़न विज्ञान की अनोखी देन है।

दूरदर्शन विज्ञान द्वारा किया गया अनमोल आविष्कार है।  दूरदर्शन के अनगिनत फायदे है।  इससे मनुष्य को  सभी क्षेत्रों में ज्ञान प्राप्त होता  है। युवा वर्ग को अपने आपको नियंत्रित करके केवल ज्ञान वर्धक कार्यक्रम देखने चाहिए ताकि वह एक  जिम्मेदार नागरिक बन सके। दूरदर्शन एक ऐसा ज़रूरी माध्यम है जो मनुष्य के भविष्य और उसके सोच को संवार सकता है।  दूरदर्शन को अगर बच्चे और युवा वर्ग नियंत्रित समय में देखेंगे तो वह बिगड़ेंगे नहीं।  किसी भी साधन को  ज़रूरत से अधिक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए , इससे नुकसान पहुँच सकता है।

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दूरदर्शन के लाभ, हानि और महत्व पर निबंध-Television Essay in Hindi

दूरदर्शन के लाभ, हानि और महत्व पर निबंध-television essay in hindi :.

essay on doordarshan ke labh aur hani in hindi

भूमिका : विज्ञान ने आज के युग में बहुत उन्नति कर ली है। विज्ञान ने अनेकों अदभुत आविष्कार किये हैं। आज का युग काम करने का युग है। आज का मनुष्य दिन भर की भाग-दौड़ की वजह से शारीरिक और मानसिक रूप से थकावट महसूस करता है। इस थकावट को दूर करने के लिए वह नवीनता की इच्छा रखता है।

शारीरिक थकावट को तो आराम करके दूर किया जा सकता है लेकिन मानसिक थकावट को दूर करने के लिए मनोरंजन की जरूरत होती है। समय के कम होने की वजह से व्यक्ति को ऐसे साधन की जरूरत होती है जो उसका घर बैठे ही मनोरंजन कर सके। दूरदर्शन आज के युग का सबसे महत्वपूर्ण आविष्कार है जो एक मनोरंजन का साधन है।

मनुष्य की उद्देश्य पूर्ति के लिए विज्ञान ने एक चमत्कार उत्पन्न किया है। दूरदर्शन से शिक्षा भी प्राप्त की जा सकती है। मनुष्य के मन में दूर की वस्तुओं को देखने की बहुत इच्छा होती है। विज्ञान की वजह से ही दूर की वस्तुओं, स्थानों और व्यक्तियों को आसानी से देखा जा सकता है। दूरदर्शन से दूर की घटनाएं  हमारी आँखों के सामने प्रस्तुत की जा सकती है।

दूरदर्शन का अर्थ और विस्तार :  टेलीविजन को हिंदी में दूरदर्शन कहते हैं। टेलीविजन दो शब्दों से मिलकर बना है- टेली और विजन। जिसका अर्थ होता है दूर के दृश्यों का आँखों के सामने उपस्थित होना। दूरदर्शन रेडियो की तकनीक का ही विकसित रूप है।

टेलीविजन का सबसे पहला प्रयोग 1925 में ब्रिटेन के जॉन एल० बेयर्ड ने किया था। दूरदर्शन का अविष्कार 1926 में जॉन एल० बेयर्ड के द्वारा किया गया था। भारत में दूरदर्शन का प्रसारण 1959 ई० में किया गया था। टेलीविजन मनोरंजन का सबसे महत्वपूर्ण साधन होता है। इसने समाज के सभी लोगों और वर्गों को प्रभावित किया है।

दूरदर्शन हर परिवार का एक अंग बन चुका है। दूरदर्शन मनोरंजन का सस्ता और आसानी से मिलने वाला साधन है। पूरे संसार के समाचार और दूरदर्शन से नई जानकारियां घर बैठे प्राप्त की जा सकती हैं। आज के समय में केबल या डिश से देशों के घर-घर में दूरदर्शन के अनेकों चैनल चल जाते हैं।

दूरदर्शन ने आज की युवा पीढ़ी को बहुत अधिक प्रभावित किया है। पहले समय में सिर्फ श्वेत श्याम दूरदर्शन हुआ करते थे। पहले लोग शाम से लेकर देर रात तक दूरदर्शन पर कार्यक्रम देखे जाते थे। लेकिन आज के समय में रंगीन और केबल दूरदर्शन का युग है। देखने वाले दर्शकों के लिए सौ से भी अधिक चैनल हैं।

सिधांत :  दूरदर्शन का सिद्धांत रेडियों के सिद्धांत से बहुत अधिक मिलता है। रेडियो के प्रसारण में तो वार्ता या गायक स्टूडियो में ही अपना गायन या वार्ता को पेश करता है। इसकी आवाज से हवा में तरंगे उठती हैं जो माइक्रोफोन बिजली की तरंगों में बदल जाती है इन्हीं तरंगों को भूमिगत तारों से ट्रांसमीटर तक पहुंचाया जाता है जो उन तरंगों को रेडियो की तरंगों में बदल देता है। इन्ही तरंगों को टेलीविजन एरियल पकड़ लेता है।

दूरदर्शन पर हम सिर्फ वही देख सकते हैं जो दूरदर्शन का कैमरा चित्रित करता है और उन चित्रों को रेडियो तरंगों से दूर की जगह पर भेजा जा रहा हो। इसके लिए दूरदर्शन के विशेष स्टूडियों का निर्माण किया जाता है जहाँ पर गायक या नृतक अपना कार्यक्रम पेश करते हैं।

युवाओं के जीवन का महत्वपूर्ण अंग :  दूरदर्शन आज के युवाओं का एक महत्वपूर्ण और जरुरतमंद  अंग बन गया है। अगर युवक दूरदर्शन का नियंत्रित और संयमित प्रयोग करे तो उनके लिए दूरदर्शन बहुत उपयोगी सिद्ध होगा नहीं तो उसके दुष्परिणामों से मनुष्य को कभी नहीं बचाया जा सकता है।

जिस तरह किसी कुएँ से पानी प्राप्त करके मनुष्य अपनी प्यास बुझा सकता है लेकिन अगर वो उस कुएँ में कूदकर आत्महत्या कर लेता है तो इसमें उसका कोई दोष नहीं होता है उसी तरह से दूरदर्शन युवा पीढ़ी की आधुनिक शिक्षा और संसार की हर जानकारी देने का साधन होता है लेकिन जब युवा छात्र अपना अमूल्य समय बेकार के कार्यक्रमों को देखने में गंवा देगा तो इसके लिए हम दूरदर्शन को दोष नहीं दे सकते हैं।

शिक्षा का सशक्त माध्यम :  दूरदर्शन को शिक्षा का सशक्त  माध्यम माना जाता है। दूरदर्शन पर सिर्फ औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ अनौपचारिक शिक्षा का भी प्रसारण होता है। सिर्फ ध्वनि और शब्दों का सहारा लेकर पाठ्यक्रम नीरस हो जाता है। दूरदर्शन पर विद्यार्थियों के लिए नियमित पाठ का प्रसारण किया जाता है।

दूरदर्शन पर पाठ्यक्रम की जीती-जागती तस्वीर को देखकर विद्यार्थी  की रूचि बढ़ जाती है और उन्हें भली-भांति समझ आ जाती है। दूरदर्शन पर अनपढ़ों के लिए साक्षरता के कार्यक्रम पेश किये जाते हैं। दूरदर्शन पर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान  और प्रशिक्षण परिषद् के द्वारा बच्चों, युवाओं, और प्रौढ़ों के लिए भी पाठों का प्रसारण किया जाता है।

शिक्षा के अलावा दूरदर्शन से कृषि के आधुनिक यंत्रों और दवाईयों के बारे में भी जानकारी मिलती है। दूरदर्शन पर ऐसे अनेक प्रकार के कार्यक्रम दिखाए जाते हैं जिनसे आज की युवा पीढ़ी अपनी बुरी आदतों से छुटकारा पा सकते हैं। दूरदर्शन से विद्यार्थी संसार की छोटी से छोटी जानकारी और समाचार पत्र प्राप्त कर सकता है।

भारतीय इतिहास, भारतीय संस्कृति और सभ्यता पर आधारित कार्यक्रमों से आज के समय का युवा वर्ग अपने प्राचीन समय की जानकारी प्राप्त कर सकता है। इस तरह से दूरदर्शन ने युवा पीढ़ी के जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव डाला है। भारत में कई करोड़ लोग निरक्षर होते हैं जिन्हें साक्षर बनाने के लिए दूरदर्शन का प्रयोग बनाया जाता है।

दूरदर्शन के लाभ :  दूरदर्शन के बहुत अधिक लाभ हैं। इसकी मदद से हम घर बैठे देश-विदेश के अनेक समाचार सुन सकते हैं और समाचार को बोलने वाले को देख भी सकते हैं। संसार में कहीं भी होने वाले मैच या खेल को आसानी से देख सकते हैं। हमारे समाज में शराब पीना और बाल विवाह जैसी अनेक तरह की कुरुतियाँ फैली हुई हैं।

दूरदर्शन पर ऐसे कार्यक्रमों को पेश करना चाहिए जिससे इन कुरीतियों के दुष्परिणामों का पता चल सके। ऐसे कार्यक्रम देखने वालों के दिल पर बहुत प्रभाव डालते हैं। इसी तरह से धीरे-धीरे सामाजिक कुरीतियाँ भी दूर हो जाती हैं | इससे कोई भी लाभ उठा सकता है चाहे वो छात्र हो, शिक्षक हो, डॉक्टर हो, वैज्ञानिक हो,कृषक हो, मजदूर हो, व्यापारी हो, उद्योगपति हो या गृहिणी हो।

इसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जा सकता है। इसे देखने के लिए भी किसी प्रकार के चश्मे, मनोभाव या फिर अध्ययन  की जरूरत नहीं होती है। इससे सिर्फ किसी भी क्षेत्र की जानकारी ही नहीं मिलती है इससे कार्य व्यापार, नीति ढंग, और उपाय को आसानी से दिखाया जाता है।

दूरदर्शन से हमें जीवन की समस्याओं और घटनाओं के बारे में बहुत ही आसानी से जरूरत के रूप में प्रस्तुत करते हैं। दूरदर्शन से हम अपने त्यौहारों, मौसमों, खेलों, तमाशे, नाच-गाने, कला, संगीत, पर्यटन, व्यापार, धर्म, साहित्य, दर्शन आदि के बारे में हर एक रहस्य खुलता जा रहा है। दूरदर्शन इन सभी जानकारियों को प्राप्त करने में आने वाली कठिनाईयों को भी बताता है और उनके हल के बारे में भी बताता है।

दूरदर्शन एक मनोरंजन का साधन :  दूरदर्शन पर अनेक प्रकार के कार्यक्रम दिखाए जाते हैं। दुरदर्शन पर नाटक दिखाए जाते हैं, पिक्चर दिखाई जाती हैं और कई तरह के सीरियल भी दिखाए जाते हैं। दूरदर्शन से लोगों का भी बहुत मनोरंजन होता है। जब दफ्तर से आकर घर पर दूरदर्शन पर अपने मनपसंद कार्यक्रम को चलाते हैं तो सारे दिन की थकान उतर जाती है।

अब हमें फिल्मों को देखने के लिए सिनेमाघर जाने की जरूरत ही नहीं होती है। हर रोज किसी न किसी तरह के विषय पर कार्यक्रम से अपना मनोरंजन करके एक विशेष तरह के उत्साह और प्रेरणा को प्राप्त कर सकते हैं। दूरदर्शन पर दिखाई जाने वाली फिल्मों से हमारा मनोरंजन होता है और धारावाहिकों से भी हमारा मनोरंजन होता है।

इसी तरह से बाल-बच्चों, वृद्धों, युवकों के साथ विशेष प्रकार के शिक्षित और अशिक्षित वर्गों के लिए दिखाए जाने वाले कार्यक्रमों से हम अपना मनोरंजन कर सकते हैं। इससे बहुत ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। दूरदर्शन पर इतने कार्यक्रम दिखाए जाते हैं कि मनुष्य चक्कर में पड़ जाता है कि किसे देखूं और किसे नहीं।

यह दुविधा इसलिए उत्पन्न हुई है क्योंकि पहले समय में सिर्फ एक ही सरकारी चैनल चलते थे लेकिन आज के समय में दो सौ से भी अधिक चैनल हैं। हर चैनल पर रात दिन कुछ न कुछ आता ही रहता है।

उपयोग :  दूरदर्शन के मानव जीवन में उतने ही प्रयोग होते हैं जितने कि मानव जीवन में आँखों के प्रयोग होते हैं। दूरदर्शन पर हम नाटक, खेल-कूद, गाने आदि के कार्यक्रमों को देखकर अपना मनोरंजन कर सकते हैं। नेता भी अपना संदेश दूरदर्शन से लोगों तक प्रभावशाली ढंग से पहुँचा सकते हैं।

शिक्षा में भी दूरदर्शन का प्रयोग सफलता के साथ किया जाता है। आज के समय में लाखों और करोड़ों विद्यार्थी अपनी-अपनी कक्षा में बैठे किसी भी अच्छे अध्यापक को पढ़ाते हुए देख और सुन सकते हैं। समुंद्र के अंदर जब खोज की जाती है तब दूरदर्शन का प्रयोग किया जाता है।

अगर किसी डूबे हुए जहाज का पता लगाना होता है तब टेलीविजन कैमरे को पानी में उतारा जाता है। उसके द्वारा समुंद्र के अंदर की जानकारी ऊपर बैठे लोगों के पास पहुंच जाती है। अंतरिक्ष की जानकारी भी टेलीविजन से प्राप्त की जा सकती है।दूरदर्शन का प्रयोग हर वर्ग, हर उम्र, हर स्तर का व्यक्ति रूचि के साथ चौबीसों घंटे देख सकता है।

कुप्रभाव :  दूरदर्शन विज्ञान की एक महान देन है लेकिन किसी भी वस्तु का दुरूपयोग करना संभव होता है। अगर व्यवहारिक रूप से देखें तो आज के युवाओं के लिए दूरदर्शन प्रयोगी और सहायक की जगह पर बाधक ज्यादा सिद्ध हुआ है। बच्चों और बड़ों की गतिविधियाँ कमरे तक ही सिमित हो गई हैं।

ज्यादातर विद्यार्थी ऐसे कार्यक्रमों में रूचि लेते हैं जो शिक्षा से संबंध न रखकर कार्यक्रमों से संबंधित होते हैं। वे ऐसे कार्यक्रमों को चुनते हैं जो रसीले और रोचक होते हैं जैसे- फिल्में, गाने, खेल, सीरियल आदि। ऐसे कार्यक्रमों में हिंसा को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है, अशलील दृश्य को दिखाने पर अधिक बल दिया जाता है और झूठ, फरेब, कपट और धोके के नए-नए तरीके बताये जाते हैं।

अगर लोग अपने धर्मों को भूलकर कार्यक्रमों को ही देखने में लगे रहेंगे तो घर के सारे काम रुक जायेंगे। घटिया कार्यक्रमों से बच्चों की मानसिकता खराब होती है। बच्चे कमजोर और सुस्त बन जाते हैं। इन सब का बहुत बड़ा असर हमारे युवा वर्ग पर पड़ रहा है। समाज में चोरी, डकैती, लूट-मार सब कुछ इसी का परिणाम है।

किसी भी घर में तनाव का वातावरण बन जायेगा और दूरदर्शन का सबसे बुरा प्रभाव सबसे पहले आँखों पर पड़ता है। शहर के छोटे-छोटे घरों में टी० वी० को नजदीक से देखना पड़ता है जिसका बहुत बुरा प्रभाव आँखों पर पड़ता है। केवल पर चलने वाले अशलील और हिंसा को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों पर सरकार की कोई भी रोक नहीं होती है और इन्हें देखकर युवा वर्ग भ्रमित हो जाते है। इस पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है।

दूरदर्शन पर सभी प्रोग्राम विद्यार्थियों के देखने योग्य नहीं होते हैं। ऐसे कार्यक्रमों को देखने से बच्चों के कोमल मन और मस्तिष्क पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। अगर बच्चे हर समय दूरदर्शन और पर लगे रहेंगे तो उनके स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा। अगर दूरदर्शन खराब हो जाये तो इसकी मरम्मत करवाने में बहुत खर्चा होता है।

उपसंहार :  जो तर्क हमने दिए हैं वो दूरदर्शन पर नहीं बल्कि दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले कार्यक्रमों पर हैं जो युवाओं को भ्रमित करते हैं। अगर हम दूरदर्शन को नकारेंगे तो उससे मिलने लाभों को भी समाप्त कर देंगे। हम दूरदर्शन के लाभों से यह बता सकते हैं कि दूरदर्शन विज्ञान का एक बहुत ही अमूल्य अविष्कार है।

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essay on doordarshan ke labh aur hani in hindi

Essay on Doordarshan in Hindi

विज्ञान की मदद से मनुष्य को कई सारे अद्भुत उपकरण व यंत्र प्राप्त हुए हैं। आज के समय में लोगों के लिए कई सारे मनोरंजन यंत्र बनाए गए हैं परंतु विज्ञान का सबसे अनमोल उपकरणों में से दूरदर्शन है। दूरदर्शन जब इस दुनिया में आया था तो लोगों को बहुत ज्यादा पसंद आया था उस समय महंगा हुआ करता था परंतु यह धीरे-धीरे सस्ता होता गया और आज हम हर घर में दूरदर्शन देख सकते हैं। दूरदर्शन (Essay on Doordarshan in Hindi) लोगों के लिए बहुत ही अच्छा मनोरंजन यंत्र है। आज के समय में दूरदर्शन केवल मनोरंजन के लिए ही नहीं परंतु शिक्षा क्षेत्र में भी काम आने लगा है। दूरदर्शन धीरे-धीरे हर क्षेत्र में पहुंचता गया और आज हर व्यक्ति इसका उपयोग आसानी से कर रहा है।

Table of Contents

दूरदर्शन का आविष्कार:-

दूरदर्शन का आविष्कार सबसे पहले 1924 में जॉन लोगी वेयर्ड ने किया था। भारत में दूरदर्शन 15 सितंबर 1959 में आया था। दूरदर्शन को एक कार्यक्रम के रूप में लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया था इसे प्रयोगात्मक आधार पर आधे घंटे के लिए शैक्षणिक और विकास रूप से चलाया गया था जिससे लोग इससे देख सके और इसके प्रति जागरूक हो सके। यह हर सप्ताह में 3 दिन आधे आधे घंटे के लिए चलाया जाता था धीरे-धीरे हर कोई टेलीविजन को जानने लगा| भारत में आने से पहले दूरदर्शन (Essay on Doordarshan in Hindi) को टेलीविजन कहा जाता था भारत में आने के बाद 1975 में इसे दूरदर्शन का नाम दिया गया। भारत की हिंदी सभ्यता ने इसे बहुत ही अच्छे से अपनाया था। भारत में यह अविष्कार देखकर लोग बहुत ही खुश हुए। टेलीविजन देखने के लिए लोग दूर दूर से आया करते थे अगर किसी क्षेत्र में एक टेलीविजन हुआ करता था तो आस-पड़ोस के सभी व्यक्ति एक समय में इकट्ठा होकर टेलीविजन देखा करते थे। भारत में टेलीविजन को लेकर भी एकता दिखाई जाती थी।

दूरदर्शन का बढ़ता उपयोग:-

दूरदर्शन मनोरंजन के लिए एक उत्तम साधन है आज यह शिक्षा क्षेत्र में भी काम आने लगा है ज्ञानवर्धक बातें दूरदर्शन में भी बताई जाती हैं। दूरदर्शन के द्वारा लोग समाचार भी सुन सकते हैं जिसमे लोगों को देश और दुनिया की सभी खबरें दी जाती है। दूरदर्शन धीरे धीरे हर क्षेत्र में बढ़ गया है और लोग इसका उपयोग अधिक मात्रा में करने लगे हैं। दूरदर्शन में कई सारे चैनल लाए गए हैं और सभी चैनल को अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया गया है जिस प्रकार बड़े हो या बच्चे अपने हिसाब से दूरदर्शन देख सकते हैं। दूरदर्शन में सभी के लिए बहुत ही अच्छी-अच्छी चीजें सिखाई जाती हैं जो लोगों के लिए बहुत ही मददगार हो सकती है। दूरदर्शन का बढ़ता उपयोग पूरे देश और दुनिया में लोगों को इसके प्रति और भी ज्यादा जागरूक कर रहा है। मनुष्य के दिन भर की थकान में मनोरंजन का एक रास्ता दूरदर्शन बनता है।

दूरदर्शन का प्रभाव:-

दूरदर्शन जिस प्रकार सभी व्यक्ति को पसंद आता है चाहे वह छोटा बच्चा हो या वृद्ध पुरुष सभी को दूरदर्शन देखना बहुत ही अच्छा लगता है। दूरदर्शन में दिखाई जाने वाली सांस्कृतिक कथाएं लोगों को उनके धर्म और संस्कृति से जोड़ती है। पुराने समय से ही दूरदर्शन में महाभारत रामायण जैसे बड़ी-बड़ी अनेक कथाएं दिखाई जाती है जिसे छोटे बच्चे देखकर अपनी संस्कृति को सीखते हैं और वृद्ध अपने भगवान की भक्ति में विलीन हो जाते हैं। दूरदर्शन (Essay on Doordarshan in Hindi) का प्रभाव सबसे ज्यादा मनुष्य में तब पड़ता है जब वह इसे अपने जीवन काल से जोड़कर देखते हैं। दूरदर्शन में दिखाया जाने वाला हर एक कार्यक्रम मनुष्य से जुड़ा होता है। बौद्धिक स्तर पर देखा जाए तो दूरदर्शन में ऐसी कई सारे कार्यक्रम बनाए गए हैं जिससे छात्रों को पढ़ने में भी आसानी होती है। शुरू से ही दूरदर्शन की मान्यता अधिक दिखाई गई है और आज भी दूरदर्शन का पद कम नहीं हुआ है।

अगर कोई व्यक्ति मानसिक तनाव से गुजर रहा है तो वह दूरदर्शन के सामने कुछ समय बैठ जाए तो उसकी सारी थकान दूर हो सकती है जैसा कि हम सब जानते हैं दूरदर्शन के सामने बच्चे से लेकर बड़े कोई भी बैठते हैं तो अपने आसपास की सभी चीजों को भूल जाते हैं। इसका प्रभाव मनुष्य पर ना पड़े इसके लिए बीच-बीच में विज्ञापन भी दिखाए जाते हैं जिससे मनुष्य को कुछ समय का आराम मिले।

दूरदर्शन के लाभ:-

दूरदर्शन सभी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग रूप में लाभदायक होता है आज के समय में दूरदर्शन एक बहुत ही सस्ता और सुलभ मनोरंजन यंत्र है। प्राचीन समय में इसे खरीदने के लिए बहुत पैसे लगते थे जोकि लोगों के आय के ऊपर हुआ करता था। हर कोई इसे खरीदने में असमर्थ हो जाते थे| एक पूरे क्षेत्र में एक से दो ही दूरदर्शन दिखते थे। लोग एक जगह से दूसरी जगह सिर्फ दूरदर्शन को देखने आया करते थे, परंतु आज के समय में हर घर में एक दूरदर्शन मिल ही जाता है। क्योंकि दूरदर्शन (Essay on Doordarshan in Hindi) हर जगह पर है तो मनुष्य इसका लाभ आसानी से उठा पाते हैं जैसे कि दूरदर्शन से हमें यह पता चलता है की मार्केट में महंगाई कितनी ज्यादा बड़ी और घटी है इसके साथ साथ किन देशों में क्या चल रहा है यह भी हमें दूरदर्शन की मदद से आसानी से पता चल जाता है। वर्तमान कोरोना महामारी के समय में भी दूरदर्शन में एक अहम भूमिका निभाई है जिन भी घरों में स्मार्टफोन नहीं हुआ करता था, उनके लिए दूरदर्शन पर ही घर बैठे पढ़ाई करवाई गई। दूरदर्शन के सामने कुछ समय बैठ जाने से ही मानसिक तनाव कम हो जाता है।

दूरदर्शन की हानियां:-

क्योंकि दूरदर्शन हर किसी के घर में हो गया है तो लोग इसका उपयोग अधिक मात्रा में कर रहे हैं जिस प्रकार के लाभ है उसी प्रकार इसकी हानियां भी बहुत है। अक्सर लोग अपने पसंदीदा कार्यक्रम को देखने बैठ जाते हैं तो उसी में वो खो जाते है। टेलीविज़न देखने के लिए लोग अपना काम भी टालने लग जाते है जिससे उनका काम असफल रह जाता है। ज्यादा दूरदर्शन देखने से आंखों में भी असर होने लगता है। दूरदर्शन की हानियां अनेक है। दूरदर्शन के सामने घंटो बैठने से स्वास्थ्य में भी परेशानियां होने लगती है। दूरदर्शन की हानियां से बचने के लिए इसका उपयोग कम से कम करें और केवल मनोरंजन के लिए कुछ समय ही इससे जुड़े रहे।

दूरदर्शन शुरू से ही लोगों के मनोरंजन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बना है शुरू में दूरदर्शन बड़े आकार के होते थे जिन्हें रखने के लिए बड़ी जगह चाहिए होती थी परंतु आज के समय में दूरदर्शन बहुत ही छोटी जगह में आ जाता है। इसके साथ ही वर्तमान समय में दूरदर्शन के कई सारे प्रकार आ गए हैं और आज हर घर में दूरदर्शन को देखा जा सकता है। दूरदर्शन शुरू से ही बहुत ही लोकप्रिय रहा है और यह आगे भी अलग-अलग रूप में दिखाई दे सकता है।

1.प्रश्न:- दूरदर्शन का आविष्कार कब और किसने किया था?

उत्तर:-  दूरदर्शन का आविष्कार सबसे पहले 1924 में जॉन लोगी वेयर्ड ने किया था।

2.प्रश्न:- भारत में दूरदर्शन को कब लाया गया था?

उत्तर:-  भारत में दूरदर्शन 15 सितंबर 1959 में आया था। दूरदर्शन को एक कार्यक्रम प्रसारण के रूप में लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया था ।

3.प्रश्न:- दूरदर्शन का अर्थ क्या है?

उत्तर:- दूरदर्शन में हम एक स्थान में बैठ कर किसी दूसरे स्थान की स्थिति को देख सकते है इसे ही दूरदर्शन कहा जाता है अर्थात दूर के स्थान, जीव व वस्तु के दर्शन।

4.प्रश्न:- दूरदर्शन के लाभ क्या है?

उत्तर:-  दूरदर्शन मनुष्यो के मनोरंजन का साधन है थकान से आया हुआ व्यक्ति अगर दूरदर्शन के सामने कुछ घंटे बैठ जाए तो उसकी थकान कम हो सकती है, इसके अलावा समाचार और शिक्षा के लिए भी दूरदर्शन प्रसिद्ध है।

5.प्रश्न:- दूरदर्शन की हानिया क्या है?

उत्तर:- दूरदर्शन के सामने घंटो बैठने से मानव शरीर में बहुत सी बीमारियां होने लगती है और आंखों पर भी असर इसका देखने को मिलता है।

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दूरदर्शन से लाभ हानि निबंध - Doordarshan se labh aur hani

दूरदर्शन पर निबंध | Television Essay in Hindi

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दूरदर्शन पर निबंध हिंदी में Doordarshan Par Nibandh Essay In Hindi

Doordarshan Par Nibandh Essay In Hindi प्रिय विद्यार्थियों आपका स्वागत है आज हम दूरदर्शन पर निबंध हिंदी में  जानेगे.

स्कूल के विद्यार्थियों को टेलीविजन अथवा दूरदर्शन पर अनुच्छेद निबंध भाषण लिखने को कहा जाता हैं.

आज हम 5, 10 लाइन 100, 200, 250, 300, 400, 500 शब्दों में टेलीविजन अथवा दूरदर्शन निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 ,9, 10 के बच्चों के लिए बता रहे हैं.

दूरदर्शन पर निबंध Doordarshan Par Nibandh Essay In Hindi

दूरदर्शन पर निबंध Doordarshan Par Nibandh Essay In Hindi

दूरदर्शन हमारे घरों का आवश्यक उपकरण बन चुका हैं. छोटे पर्दे के सिनेमा के नाम से यह घर घर प्रतिनिधित्व कर रहा हैं.

छात्रवर्ग तो दूरदर्शन का दीवाना हैं. उनके आचार-विचार, भाव भंगिमा नख शिख सज्जा भाषा और व्यवहार का दीक्षा गुरू दूरदर्शन बन चुका हैं.

दूरदर्शन का विस्तार – भारत में दूरदर्शन का आगमन वर्ष 1959 के आस-पास हुआ था. तब यह एक वैज्ञानिक चमत्कार मात्र की वस्तु थी.

केवल सम्पन्न व्यक्ति अथवा सरकारी प्रतिष्ठान ही इसका आनन्द लेने के अधिकारी थे. किन्तु पिछले वर्षों में दूरदर्शन सुरसा के मुख की भांति विस्तार को प्राप्त हुआ हैं.

दूरदर्शन के लाभ – आज दूरदर्शन सर्वव्यापक रूप में जनजीवन का अनिवार्य अंग बन चूका हैं. सामजिक जीवन का कोई भी अंग, कोई भी क्षेत्र इससे प्रभावित हुए बिना नही रह सकता हैं.

मनोरंजन के क्षेत्र में – मनोरंजन के क्षेत्र में तो इसने अपने सभी प्रतियोगियों को पछाड़ दिया हैं. सिनेमा से भी सुलभ और सुविधाजनक मनोरंजन दूरदर्शन से प्राप्त होता हैं. घर पर निश्चिंतता से बैठकर विविध प्रकार के मनोरंजन के लाभ और कोई उपकरण नही करा सकता.

फिल्म, नृत्य, नाटक, कवि सम्मेलन, विविध खेल और प्रतियोगिताएं दर्शन द्रश्य, पर्यटन आदि मनोरंजन के विविध स्वरूप घर बैठे उपलब्ध रहते हैं.

शिक्षा के क्षेत्र में – शिक्षा के  क्षेत्र में भी दूरदर्शन ने नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं. सक्रिय और प्रभावी शिक्षण प्रणाली में दूरदर्शन का मुकाबला कोई नही कर सकता.

कृषि के क्षेत्र में- कृषि सम्बन्धी जानकारियाँ, मौसम सम्बन्धी भविष्यवाणीयां, पारिवारिक समस्याएं, रसोईघर की ज्ञान वृद्धि तथा सौदर्य सुरक्षा आदि की जानकारी देने से दूरदर्शन की उपयोगिता सभी को अनुभव हो रही हैं.

राजनीति के क्षेत्र में- राजनीतिक दृष्टि से तो दूरदर्शन का आज भी भारी महत्व हैं. जनमत के निर्माण, राजनेताओं के विचार और आचार के दर्शन, विश्व की राजनैतिक घटनाओं से परिचय आदि के द्वारा निरंतर राजनैतिक जागरूकता बनाए रखने में दूरदर्शन की ही भूमिका हैं.

व्यापार के क्षेत्र में दूरदर्शन- दूरदर्शन आज व्यापार का अभिन्न अंग बन चूका हैं. कौन सा वस्त्र, कौन सा भोजन, कौनसी सज्जा सामग्री, चाय, टूथपेस्ट और मसाले आपके लिए उपयोगी हैं. यह सलाह दूरदर्शन बिना कोई शुल्क लिए निरंतर दे रहा हैं.

दूरदर्शन से हानियां- दूरदर्शन का सबसे घातक प्रभाव युवावर्ग पर पड़ा हैं. युवक युवतियों का खान पान, वस्त्र, हाव भाव भाषा और चरित्र सभी कुछ दूरदर्शन से प्रभावित हो रहा हैं.

हिंसा, अश्लीलता, उद्दंडता, शिक्षा से अरुचि, सामाजिक मर्यादाओं की उपेक्षा बाजारू प्रेम प्रसंग सभी कुछ दूरदर्शन युवाओं और छात्र वर्ग के सामने परोस रहा हैं. अपराध, आतंक, मानसिक तनाव आदि सभी का उत्तरदायी दूरदर्शन ही हैं.

व्यापारिक विज्ञापनों द्वारा समाज को मुर्ख बनाने में भी दूरदर्शन सहायक बन रहा हैं. राजनीतिक दृष्टि से भी इसका दुरूपयोग हो रहा हैं. इसके माध्यम से सत्तारूढ़ दल के प्रचार को अधिक महत्व दिया जाता हैं.

स्वास्थ्य की दृष्टि से भी दूरदर्शन हानिकारक हैं. निरंतर देखने से दृष्टि हास्य, मानसिक तनाव और आंगिक जड़ता आदि रोग भी दूरदर्शन दे रहा हैं.

क्षेत्र में भी दूरदर्शन ने नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं. सक्रिय और प्रभावी शिक्षण प्रणाली में दूरदर्शन का मुकाबला कोई नही कर सकता.

उपसंहार – लाभ और हानियों पर विचार विमर्श करने के पश्चात भी दूरदर्शन की महत्वपूर्ण भूमिका से इनकार नही किया जा सकता हैं. प्रत्येक आविष्कार का दुरूपयोग या सदुपयोग मनुष्य के ऊपर निर्भर हैं.

दूरदर्शन के व्यापक प्रसार और प्रभाव का सदुपयोग करके उसे समाज का परम मित्र, मार्गदर्शक और सहयोगी बनाया जा सकता हैं.

Doordarshan Par Nibandh 300 Words – दूरदर्शन पर निबंध

दूरदर्शन आधुनिक वैज्ञानिक युग का महत्वपूर्ण आविष्कार हैं. यह एक ऐसा यंत्र हैं जिसकी सहायता से व्यक्ति दूर की वस्तु एवं व्यक्ति को देख व सुन सकता हैं.

इस यंत्र की सहायता से कानों और आँखों दोनों की तृप्ति होती हैं. दूरदर्शन का आविष्कार सन 1926 में इंग्लैंड के जॉन एल बेयर्ड ने किया था. दूरदर्शन मनोरंजन के साथ साथ शिक्षा देने, जानकारी बढ़ाने, प्रसार और प्रचार का भी महत्वपूर्ण एवं सशक्त माध्यम हैं.

आरम्भ में दूरदर्शन काफी महंगा था, इसीलिए यह प्रत्येक व्यक्ति को तो क्या प्रत्येक देश तक सुलभ नही था. धीरे धीरे इसका प्रचलन और प्रसारण इस सीमा तक बढ़ा कि आज दूरदर्शन सर्वत्र देखा और सुना जा सकता हैं.

अब यह राजभवन से लेकर झोपडी तक पहुच चूका हैं. पहले तो दूरदर्शन श्याम श्वेत स्वरूप में ही प्राप्त था परन्तु अब तो रंगीन दूरदर्शन सारे संसार में उपलब्ध हैं.

इसके द्वारा देश विदेश में होने वाले खेलों को हम घर बैठे देख सकते हैं. और उनका भरपूर आनन्द उठा सकते हैं. इसके अतिरिक्त देश विदेश में घटित घटनाओं को सीधे आँखों से देख सकते हैं. आजकल दूरदर्शन के माध्यम से कक्षा में पाठ भी पढाया जाता हैं. जिसे बच्चे भली भांति समझ लेते हैं.

आजकल दूरदर्शन को भू उपग्रह से जोड़ दिया गया हैं ताकि ग्रामवासी इसका भरपूर लाभ उठा सके. आज के व्यस्त जीवन में यह मनोविनोद का बढ़िया और सस्ता साधन हैं.

इसके द्वारा नाटक हास्य व्यंग्य संगीत कवि सम्मेलन चलचित्र तथा अनेक प्रकार के सीरियल देखकर हम अपना मनोरंजन कर सकते हैं. इसके माध्यम से कृषि सम्बन्धी कार्यक्रम दिखाकर कृषि कार्यों की अधिकाधिक जानकारी दी जा रही हैं.

इस तरह से दूरदर्शन कृषि के विकास में किसानो की सहायता कर रहा हैं. विज्ञापनों को देकर व्यापारी वर्ग व विभिन्न वस्तुओं के निर्माता अपनी वस्तुओं की बिक्री बढ़ा सकते हैं.

दूरदर्शन अंतरिक्ष विज्ञान की भी कई तरह से सहायता कर रहा हैं. सुदूर ग्रहों की जानकारी इसके कैमरे सरलता से कर लेते हैं.

विज्ञान के नित्य नयें नयें आविष्कारों ने इसे अत्यधिक लोकप्रिय बना दिया हैं. केबल टीवी स्टार टीवी वी सी आर कंप्यूटर खेल आदि ने दूरदर्शन को नया रूप दे दिया हैं.

दूरदर्शन में कुछ कमियां भी दृष्टिगत होती हैं. इसके प्रकाश से तथा इसे अनवरत देखने से आँखों पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं. यहाँ तक आँखे भी खराब हो जाती हैं.

इसके द्वारा कुछ ऐसे कार्यक्रम देखने को मिलते हैं. जिनसे बच्चों के मानस पटल पर विपरीत प्रभाव पड़ता हैं. इससे बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती हैं.

Doordarshan Par Nibandh 500 words In Hindi

आधुनिक युग में टेलीविजन या दूरदर्शन मनोरंजन का सबसे लोकप्रिय साधन हैं. यह ज्ञानवर्धक अनोखा आविष्कार हैं. दूरदर्शन अर्थात टेलीविजन का सर्वप्रथम प्रयोग 25 जनवरी 1926 को इंग्लैंड के एक इंजिनियर जॉन बेयर्ड ने किया था.

इसका उत्तरोतर विकास होता रहा और अनेक कार्यों में इसकी उपयोगिता बढ़ी. हमारे देश में सन 1959 से दूरदर्शन का प्रसारण आरम्भ हुआ और यह सारे भारत में प्रसारित हो रहा हैं.

दूरदर्शन का महत्व

वर्तमान में समाचार प्रसारण के लिए दूरदर्शन सबसे लोकप्रिय साधन हैं. दूरदर्शन पर समाचारों के अतिरिक्त अनेक कार्यक्रम दिखाए जाते हैं.

कृषि दर्शन, व्यापार समाचार, नाटक, सुगम संगीत, प्रश्नोत्तरी, चौपाल, महिलाओं के लिए कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिताओं का सीधा प्रसारण, शिक्षा कार्यक्रमों का विस्तार, ज्ञानदर्शन एवं फिल्मों का प्रसारण आदि अनेक कार्यक्रम दूरदर्शन पर दिखाए जाते हैं.

विविध उत्पादों के विज्ञापन एवं सूचनाएं भी प्रसारित होती हैं. इन कार्यक्रमों से मनोरंजन के साथ ही शिक्षा एवं जनजागरण का प्रसार तथा ज्ञान वृद्दि भी होती हैं. इन सभी कारणों से दूरदर्शन का अत्यधिक महत्व हैं.

दूरदर्शन विज्ञान का चमत्कार

हमारे सामाजिक जीवन में दूरदर्शन की अनेक उपयोगिताओं को देखते हुए इसे विज्ञान का वरदान ही माना गया हैं. आए दिन की घटनाएं, समाचार, मौसम सम्बन्धी जानकारी, खेलकूद का प्रसारण आदि दूरदर्शन पर आसानी से मिल जाते हैं.

आज के समय में दूरदर्शन पर हजारों की संख्या में चैनल अलग अलग धारावाहिकों तथा कार्यक्रमों का प्रसारण करते हैं. जिनसे हमारी सामाजिक तथा सांस्कृतिक परम्पराओं को भी मजबूती मिलती हैं.

साथ ही यह जनजागरण का मुख्य साधन भी बन चूका हैं. रोगों के प्रति लोगों में जागरूकता लाने, जनसंख्या तथा परिवार नियोजन के कार्यक्रमों के द्वारा समाज तक सीधा संदेश पहुचाने में ये कारगर उपाय हैं.

Doordarshan Essay In Hindi – दूरदर्शन वरदान या अभिशाप निबंध

प्रस्तावना – दूरदर्शन आज भारतीय जन जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया हैं. दृश्य और श्रव्य दोनों साधनों के सुसंयोजन ने इसे मनोरंजन का श्रेष्ठतम साधन प्रमाणित कर दिया हैं.

नित्य नई तकनीकों के प्रवेश और नये नये चैनलों के उद्घाटन ने बालक और युवा वर्ग को दूरदर्शन का दीवाना बना दिया हैं.

दूरदर्शन का प्रभाव क्षेत्र – दूरदर्शन बालकों, युवकों, वृद्धों गृहणियों तथा व्यावसायियों आदि सभी में अपनी पैठ बना चुका हैं. दूरदर्शन यंत्र के सामने बैठे छात्र अपनी पढ़ाई और युवा अनेक दायित्व भूल जाते हैं.

इस समय सामाजिक जीवन के हर क्षेत्र पर किसी न किसी रूप में दूरदर्शन का प्रभाव हैं. युवा इसके मनोरंजक पक्ष से व्यवसायी इसकी असीमित विज्ञापन क्षमता से, राजनीतिज्ञ इसके देशव्यापी प्रसारण से धर्मात्मा लोग इसकी कथाओं और धार्मिक स्थलों की सजीव प्रस्तुती से प्रभावित हैं.

दूरदर्शन अथवा दूरदर्शन – दूरदर्शन की लोकप्रियता जैसे जैसे बढ़ रही हैं वैसे वैसे इसका हानिकारक पक्ष भी सामने आता जा रहा हैं. इसके दुष्प्रभाव संक्षेप में इस प्रकार हैं.

  • सामजिक दुष्प्रभाव- दूरदर्शन ने व्यक्ति के सामाजिक जीवन को गहराई से कुप्रभावित किया हैं. छात्र और युवा वर्ग घंटों इससे चिपका बैठा रहता हैं. इससे उनके जीवन में एकाकीपन आ गया हैं. और उनकी सामाजिक सक्रियता कम होती जा रही हैं विडियो गेम और कार्टून फिल्मों में उलझे रहने से उनके स्वाभाविक खेलकूद पर विराम सा लग गया हैं.
  • आर्थिक दुष्प्रभाव – दूरदर्शन लोगों के आर्थिक शोषण का भी माध्यम बन गया हैं. भ्रामक और अतिशयोक्तिपूर्ण विज्ञापनों के द्वारा लोगों को अपव्यय के लिए उकसाया गया है. अनेक कार्यक्रमों द्वारा एस एम एस कराके और मत संग्रह कराके लोगों की जेबें खाली कराई जाती हैं.
  • स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव – छात्र और युवा वर्ग घंटों दूरदर्शन के कार्यक्रम देखते रहते हैं. इससे उनकी आँखे खराब हो जाती हैं. मोटापा और पाचन क्रिया में विकार उत्पन्न हो जाते हैं.

दुष्प्रभावों से बचाव – दूरदर्शन के कुप्रभावों के बचाव तभी हो सकता हैं. जब जनता और सरकार दोनों ही सचेत हों. अभिभावक, शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ताओं को दूरदर्शन के अश्लील और भ्रामक कार्यक्रमों का विरोध करना चाहिए.

इसके साथ ही छात्रों और युवाओं का भी सही मार्गदर्शन करना चाहिए. सरकार को भी दूरदर्शन पर नियंत्रण करना चाहिए.

उपसंहार – दूरदर्शन एक प्रबल प्रभाव छोड़ने वाला माध्यम हैं. उसे अपने सामाजिक दायित्व पर पूरा ध्यान देना चाहिए.

केवल व्यावसायिक लाभ को ही ध्यान में रखना चाहिए. दूरदर्शन के धारावाहिकों का एक नैतिक स्तर होना चाहिए, सरकार को भी इस दिशा में कठोर उपाय करने चाहिए.

दूरदर्शन के लाभ और हानि पर निबंध Advantages And Disadvantages Of Doordarshan Television In Hindi

आधुनिक युग में टेलीविजन या दूरदर्शन मनोरंजन का सबसे लोकप्रिय साधन है. यह ज्ञानवर्धक का अनोखा आविष्कार है.

दूरदर्शन अर्थात टेलीविजन का सर्वप्रथम प्रयोग 25 जनवरी 1926 को इंग्लैंड के एक इंजिनियर जॉन बेयर्ड ने किया था. इसका उतरोतर विकास होता रहा और अनेक कार्यों में इसकी उपयोगिता बढ़ी.

हमारे देश में सनः 1959 में दूरदर्शन का प्रसारण प्रारम्भ हुआ और आज यह सारे देश में प्रसारित हो रहा है.

दूरदर्शन का महत्व (Importance of Doordarshan)

वर्तमान समय में समाचार प्रसारण के लिए दूरदर्शन सबसे लोकप्रिय साधन है. दूरदर्शन पर समाचारों के अतिरिक्त अनेक कार्यक्रम दिखाए जाते है.

कृषि-दर्शन, व्यापार समाचार, नाटक, सुगम संगीत, प्रश्नोतरी, चौपाल, महिलाओं के लिए कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिताओं का सीधा प्रसारण शिक्षा कार्यक्रमों का विस्तार , ज्ञान दर्शन एवं फिल्मों का प्रसारण इत्यादि अनेक कार्यक्रम दूरदर्शन पर दिखाएं जाते है.

इन कार्यक्रमों से मनोरंजन के साथ ही शिक्षा एवं जन जागरण का प्रसार तथा ज्ञान वृद्धि भी होती है. इन सभी कारणों से दूरदर्शन का अत्यधिक महत्व है.

दूरदर्शन विज्ञान का वरदान (Doordarshan, science welfare)

सामाजिक जीवन में दूरदर्शन की उपयोगिता को देखकर इसे विज्ञान का वरदान माना जा सकता है. दूरदर्शन पर विश्व में घटने वाली घटनाओं का प्रसारण, मौसम की जानकारी, बाढ़, भूकम्प, प्राकृतिक दुर्घटना आदि के समाचार तत्काल मिल जाते है.

रोगों के निवारण, जनसंख्या नियन्त्रण तथा सामाजिक कुप्रवृत्तियों को रोकने में भी इसकी काफी उपयोगिता है. महिलाओं को दस्तकारी एवं गृह उद्योग के सबंध में इससे जानकारी दी जाती है शिक्षा के क्षेत्र में यह विज्ञान का श्रेष्ट वरदान है.

दूरदर्शन का दुष्प्रभाव (Side effects of television)

दूरदर्शन से कुछ हानियाँ भी है. इससे बच्चे मनोरंजन में अधिक रूचि लेने से पढ़ने में जी चुराते है. टेलीविजन पर धारावाहिक कार्यक्रमों एवं एक्शन फिल्मो के प्रसारण से नवयुवकों पर गलत प्रभाव पड़ रहा है.

चोरी, बलात्कार, कुकृत्य आदि की प्रवृति इससे बढ़ी है. इस पर अश्लील विज्ञापनों का प्रसारण होने पर हमारी पारिवारिक संस्कृति पर बुरा असर पड़ रहा है.

तथा नवयुवक फैश्नपरस्त हो रहे है. इस तरह के दुष्प्रभावों के कारण दूरदर्शन को अभिशाप भी माना जा रहा है. आज के युग मनोरंजन की द्रष्टि से टेलीविजन की उपयोगिता है.

इससे संसार की नवीनतम घटनाओं, समाचारों आदि की जानकारी मिलती है तथा लोगों के ज्ञान का विकास होता है.

आर्थिक एवं सामाजिक विकास में इसका महत्व सर्वमान्य है, परन्तु इसके कुप्रभावों से युवकों को मुक्त रखा जावे, यह भी अपेक्षित है.

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Importance Of Doordarshan Essay In Hindi

दूरदर्शन पर निबंध – Importance Of Doordarshan Essay In Hindi

दूरदर्शन पर निबंध – essay on importance of doordarshan in hindi.

संकेत बिंदु –

  • दूरदर्शन का प्रभाव
  • दूरदर्शन से हानियाँ
  • दूरदर्शन का बढता उपयोग
  • दूरदर्शन के लाभ

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न  हिंदी निबंध  विषय पा सकते हैं।

प्रस्तावना – विज्ञानं ने मनुष्य को एक से बढ़कर एक अद्भुत उपकरण प्रदान किए हैं। इन्हीं अद्भुत उपकरणों में एक है दूरदर्शन। दूरदर्शन ऐसा अद्भुत उपकरण है जिसे कुछ समय पहले कल्पना की वस्तु समझा जाता था। यह आधुनिक युग में मनोरंजन के साथसाथ सूचनाओं की प्राप्ति का महत्त्वपूर्ण साधन भी है। पहले इसका प्रयोग महानगरों के संपन्न घरों तक सीमित था, परंतु वर्तमान में इसकी पहुँच शहर और गाँव के घर-घर तक हो गई है।

दरदर्शन का बढ़ता उपयोग – दूरदर्शन मनोरंजन एवं ज्ञानवर्धन का उत्तम साधन है। आज यह हर घर की आवश्यकता बन गया है। उपग्रह संबंधी प्रसारण की सुविधा के कारण इस पर कार्यक्रमों की भरमार हो गई है। कभी मात्र दो चैनल तक सीमित रहने वाले दूरदर्शन पर आज अनेकानेक चैनल हो गए हैं। बस रिमोट कंट्रोल उठाकर अपना मनपसंद चैनल लगाने और रुचि के अनुसार कार्यक्रम देखने की देर रहती है। आज दूरदर्शन पर फ़िल्म, धारावाहिक, समाचार, गीत-संगीत, लोकगीत, लोकनृत्य, वार्ता, खेलों के प्रसारण, बाजार भाव, मौसम का हाल, विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रम तथा हिंदी-अंग्रेजी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारण की सुविधा के कारण यह महिलाओं, युवाओं और हर आयुवर्ग के लोगों में लोकप्रिय है।

दरदर्शन का प्रभाव – अपनी उपयोगिता के कारण दूरदर्शन आज विलसिता की वस्तु न होकर एक आवश्यकता बन गया है। बच्चेबूढ़े, युवा-प्रौढ़ और महिलाएँ इसे समान रूप से पसंद करती हैं। इस पर प्रसारित ‘रामायण’ और महाभारत जैसे कार्यक्रमों ने इसे जनमानस तक पहुँचा दिया। उस समय लोग इन कार्यक्रमों के प्रसारण के पूर्व ही अपना काम समाप्त या बंद कर इसके सामने आ बैठते थे। गाँवों और छोटे शहरों में सड़कें सुनसान हो जाती थीं। आज भी विभिन्न देशों का जब भारत के साथ क्रिकेट मैच होता है तो इसका असर जनमानस पर देखा जा सकता है। लोग सब कुछ भूलकर ही दूरदर्शन से चिपक जाते हैं और बच्चे पढ़ना भूल जाते हैं। आज भी महिलाएँ चाय बनाने जैसे छोटे-छोटे काम तभी निबटाती हैं जब धारावाहिक के बीच विज्ञापन आता है।

दरदर्शन के लाभ – दूरदर्शन विविध क्षेत्रों में विविध रूपों में लाभदायक है। यह वर्तमान में सबसे सस्ता और सुलभ मनोरंजन का साधन है। इस पर मात्र बिजली और कुछ रुपये के मासिक खर्च पर मनचाहे कार्यक्रमों का आनंद उठाया जा सकता है। दूरदर्शन पर प्रसारित फ़िल्मों ने अब सिनेमा के टिकट की लाइन में लगने से मुक्ति दिला दी है। अब फ़िल्म हो या कोई प्रिय धारावाहिक, घर बैठे इनका सपरिवार आनंद लिया जा सकता है।

दूरदर्शन पर प्रसारित समाचार ताज़ी और विश्व के किसी कोने में घट रही घटनाओं के चित्रों के साथ प्रसारित की जाती है जिससे इनकी विश्वसनीयता और भी बढ़ जाती है। इनसे हम दुनिया का हाल जान पाते हैं तो दूसरी ओर कल्पनातीत स्थानों, प्राणियों, घाटियों, वादियों, पहाड़ की चोटियों जैसे दुर्गम स्थानों का दर्शन हमें रोमांचित कर जाता है। इस तरह जिन स्थानों को हम पर्यटन के माध्यम से साक्षात नहीं देख पाते हैं या जिन्हें देखने के लिए न हमारी जेब अनुमति देती है और न हमारे पास समय है, को साक्षात हमारी आँखों के सामने प्रस्तुत कर देते हैं।

दूरदर्शन के माध्यम से हमें विभिन्न प्रकार का शैक्षिक एवं व्यावसायिक ज्ञान होता है। इन पर एन०सी०ई०आर०टी० के विभिन्न कार्यक्रम रोचक ढंग से प्रस्तुत किए जाते हैं। इसके अलावा रोज़गार, व्यवसाय, खेती-बारी संबंधी विविध जानकारियाँ भी मिलती हैं।

दरदर्शन से हानियाँ दूरदर्शन लोगों के बीच इतना लोकप्रिय है कि लोग इसके कार्यक्रमों में खो जाते हैं। उन्हें समय का ध्यान नहीं रहता। कुछ समय बाद लोगों को आज का काम कल पर टालने की आदत पड़ जाती है। इससे लोग आलसी और निकम्मे हो जाते हैं। दूरदर्शन के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। इससे एक ओर बच्चों की दृष्टि प्रभावित हो रही है तो दूसरी और उनमें असमय मोटापा बढ़ रहा है जो अनेक रोगों का कारण बनता है।

दूरदर्शन पर प्रसारित कार्यक्रमों में हिंसा, मारकाट, लूट, घरेलू झगडे, अर्धनंगापन आदि के दृश्य किशोर और युवा मन को गुमराह करते हैं जिससे समाज में अवांछित गतिविधियाँ और अपराध बढ़ रहे हैं। इसके अलावा भारतीय संस्कृति और मानवीय मूल्यों की अवहेलना दर्शन के कार्यक्रमों का ही असर है।

उपसंहार –  दूरदर्शन अत्यंत उपयोगी उपकरण है जो आज हर घर तक अपनी पैठ बना चुका है। इसका दूसरा पक्ष भले ही उतना उज्ज वल न हो पर इससे दूरदर्शन की उपयोगिता कम नहीं हो जाती। दूरदर्शन के कार्यक्रम कितनी देर देखना है, कब देखना है, कौन से कार्यक्रम देखने हैं यह हमारे बुद्धि विवेक पर निर्भर करता है। इसके लिए दूरदर्शन दोषी नहीं है। दूरदर्शन का प्रयोग सोच-समझकर करना चाहिए।

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दूरदर्शन से लाभ हानि हिंदी निबंध | Doordarshan se labh aur hani hindi Nibandh

नमस्कार  दोस्तों आज हम  दूरदर्शन से लाभ हानि  इस विषय पर निबंध जानेंगे। इस लेख मे कुल २ निबंध दिये गये हे जिन्‍हे आप एक -एक करके पढ सकते हे ।विज्ञान के एक से बढकर एक आविष्कार आज दुनिया के सामने हैं। इन आविष्कारों ने लोगों को अनेक सुख-सुविधाएँ दी हैं। इससे सामान्य जनता का जीवनस्तर बढ़ गया है। 

विज्ञान के इन महत्त्वपूर्ण आविष्कारों में एक है- दूरदर्शन।दूरदर्शन वैज्ञानिक प्रगति का श्रेष्ठ वरदान है। जनसंचार के साधनों में दूरदर्शन आज सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम है। दृक् और श्राव्य दोनों दृष्टी से दूरदर्शन अधिक उपयोगी है। (डिओ केवल श्राव्य माध्यम होने के कारण कुछ मर्यादाएँ आ सकती हैं। 

दूरदर्शन से अनेक लाभ हैं। दूरदर्शन के माध्यम से कोई भी दर्शनीय घटना, वस्तु या दृश्य सीधे हमारे घर में पहुँच जाते हैं। प्रचार, जनसंपर्क, शिक्षा, मनोरंजन तथा जनजागरण का यह बहुत ही कारगर और प्रभावी साधन रहा है। इसी कारण दूरदर्शन आज घर-घर में पहुँच गया है।

मनोरंजन के क्षेत्र में तो दूरदर्शन ने अपना अलग स्थान कायम रखा हैं। गीत-संगीत, चलचित्र, नाटक, नृत्य, साहित्य, खेल-कूद आदि के माध्यम से मनोरंजन के अनेक प्रकार दूरदर्शन पर देख सकते हैं। प्रबोधन तथा ज्ञानप्रसार के साथ-साथ मनोरंजन के लिए यह एक प्रभावी माध्यम के रूप में कार्य कर रहा है। 

मनोरंजन के साथ शिक्षा की दृष्टि से भी दूरदर्शन अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। दृक् और श्राव्य की विशेषता के कारण यह शिक्षा का प्रभावी माध्यम सिद्ध हुआ है। शिक्षा के साथ-साथ कृषि, सामाजिक जीवन, आरोग्य तथा चिकित्साविषयक महत्त्वपूर्ण जानकारी भी दूरदर्शन पर प्रसारित की जाती है। 

देश-विदेश की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ समाचारों के जरिए हम घर बैठे दूरदर्शन पर देख-सुन सकते हैं। समाचारों के साथ-साथ देश की वर्तमान समस्याओं की जानकारी दूरदर्शन के जरिए प्राप्त होती है। इससे देश के विकास कार्य में आम जनता का सहयोग मिल सकता है।

दूरदर्शन के इन तमाम लाभों के बावजूद कुछ हानियाँ भी हो सकती हैं। इससे कुछ नुकसान भी उठाने पड़ रहे हैं। दूरदर्शन संच के सामने देर तक बैठे रहने की आदत ने मनुष्य को आलसी बना दिया है। आँखों की बीमारियाँ भी बढ रही है। 

आजकल छोटे बच्चे, स्कूली छात्र दूरदर्शन के सामने घंटों बैठे रहते हैं। पढाई का कुछ खयाल ही नहीं करते। छोटे-छोटे बच्चों पर दूरदर्शन के कुछ कार्यक्रमों का बुरा असर पड़ा रहा है। उनकी आदतें बिगड रही है। दूरदर्शन संच के सामने लगातार बैठे रहना समय का दुरुपयोग है।

इससे अन्य महत्त्वपूर्ण कार्यों में निष्क्रियता बढ रही हैं।इन बुराइयों से हम अगर बच सकें तो दूरदर्शन वैज्ञानिक प्रगति का एक श्रेष्ठ वरदान साबित होगा। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।और आगे दिया हुआ दूसरा निबंध पढ़ना मत भूलियेगा धन्यवाद  ।

निबंध 2

 दूरदर्शन से लाभ हानि हिंदी निबंध | Doordarshan se labh aur hani hindi Nibandh

Hindi Essay on “Doordarshan”, “दूरदर्शन”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

Doordarshan

विज्ञान ने आज मानव को अनेक उपहार दिए हैं। दूरदर्शन भी विज्ञान का अनुपम उपहार है। दूरदर्शन शब्द अंग्रेजी शब्द (Television) का पर्याय है। दूर और Vision देखना अर्थात् दूरदर्शन। इसके द्वारा घर बैठे-ही-बैठे अनेक घटनाओं. नाटकों, खेलकुद तथा अन्य समारोहों को साक्षात देखा जा सकता है। दूरदर्शन का आविष्कार श्री जे० एल० बेयर्ट ने सन 1925 में किया था। हमारे देश में सन् 1951 में दिल्ली में प्रथम दूरदर्शन केन्द्र की स्थापना हुई थी। आज टैलीविजन मनोरंजन के साथ-साथ शिक्षा का भी साधन बन गया है। इसके द्वारा अनेक शिक्षाप्रद नाटकों तथा कार्यक्रमों अनेक प्रकार की बुराईयां दूर होती है। दूरदर्शन के द्वारा हमारे ज्ञान में वृद्धि होती है। हमें अनेक प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है। इसके द्वारा हम अनेक कार्यक्रमों को घर बैठे देख सकते हैं जिन्हें देख पाना हमारे लिए सम्भव नहीं। ओलम्पिक, एशियाई खेल, क्रिकेट मैच, अनेक प्रकार के राष्ट्रीय या अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों को हम सीधे घर बैठे देख सकते हैं। आजकल तो सैटेलाइट के माध्यम से विदेशों के कार्यक्रम भी देखना सम्भव हो गया है। देश के संसद की सारी कार्यवाही भी दूरदर्शन पर दिखाई जाने लगी है। कृषि के क्षेत्र में भी टी० वी० के माध्यम से किसानों को केवल मौसम सम्बन्धी जानकारी ही नहीं मिलती अपितु पर्दे पर अनेक विधियां, सावधानियां तथा प्रयोग दिखाए जाते हैं। दूरदर्शन के बढ़ते प्रयोग से इसकी कुछ हानियां बी सामने आ रही हैं। अधिक समय तक तथा ठीक विधि से दूरदर्शन न देखने पर आँखों की ज्योति क्षीन होती है। विद्यार्थीगण दूरदर्शन के कार्यक्रमों को इतनी रूचि लेने लगे हैं कि उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता। दूरदर्शन पर जो फिल्म या चित्रहार दिखाए जाते हैं उनके दृष्य भद्दे होते हैं, जिन्हें परिवार के सभी लोग एक साथ बैठकर नहीं देख सकते। इसीलिए विद्यार्थियों को चाहिए कि दूरदर्शन के आदी न बनें और पढ़ाई के समय पर पढ़ाई ही करें। सरकार को चाहिए कि दूरदर्शन पर अच्छी शिक्षाप्रद फिल्में तथा ऐसे कार्यक्रम दिखाने का प्रबन्ध करें जिससे राष्ट्रीय एकता में वृद्धि हो तथा जन-जागरण हो।

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टेलीविजन के लाभ और हानि पर निबंध - Television Ke Labh Aur Hani Essay in Hindi

Television ke labh aur hani essay in hindi.

टेलीविजन हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है आजकल हर रोज स्कूल कॉलेज और दफ्तर से लौटकर शाम को सब टीवी देखने लग जाते हैं, जहां टेलीविजन के लाभ हैं वहीं हानि भी है।

आज टीवी मनोरंजन का सस्ता साधन बन गया है बाजारों में दस हजार से लेकर लाखों रुपए के tv आने लगे हैं। Tv खरीदने के बाद इसमें घंटों तक धारावाहिक, संगीत, समाचार, फिल्में, tv शो आदि देखना लोगों को खूब पसंद है। 

टेलीविजन का फायदा यह है की हमें इससे देश - दुनिया की खबरें तुरंत पता चलता है। मनोरंजन टीवी चैनल्स का लाभ और रेसिपी बनाना सीखने वाले चैनल्स का फायदा जिससे घर पर विभिन्न नए व्यंजन बनाना सीखा जाता है। टीवी पर प्रसारित होने वाले पारिवारिक धारावाहिक जिसे घर के सदस्य साथ बैठकर देखते हैं इसकी वजह से फैमिली मेंबर्स साथ बैठकर अच्छा वक्त बिता पाते हैं। 

टेलीविजन ने कितनों को कार्य का अवसर दिया है, टीवी पर आने वाले कलाकारों को इससे काम मिलता है उनके अभिनय देखकर दर्शक आनंदित होते हैं। एडवरटाइजिंग एजेंसी टीवी पर विज्ञापन दिखाते हैं इससे उनके ब्रांड का प्रमोशन होता है, मार्केट में आने वाले उत्पादों को जल्दी प्रचलित करने के लिए टीवी पर नए - नए विज्ञापन दिखाए जाते हैं इससे कंपनियों को भी फायदा मिलता है।

हमें टेलीविजन के दोनों पहलू पर नजर डालना होगा इसके बहुत से फायदे हैं तो नुकसान भी है। टीवी पर इंटरटेनमेंट के लिए अनेकों कार्यक्रम आते हैं इसलिए जो लोग दिनभर घर में रहते है वे इसमें घंटों तक शो देखते हैं, ज्यादा देर तक सामने बैठकर टीवी देखने से आँखो को नुकसान पहुंचता है। 

टेलीविजन पर बच्चे बहुत देर तक कार्टून शो देखते हैं जिसके कारण उनका होमवर्क पूरा नहीं हो पाता। परीक्षा की तैयार के समय भी टीवी चलाते रहने से बच्चे पढ़ाई में ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते, इससे अध्ययन करने वाले छात्रों का ध्यान भटकता है।

टेलीविजन पर कॉमेडी शो देखकर मन प्रफुल्लित हो उठता है किंतु नकारात्मक खबरें देख और सुनकर इसका प्रभाव हमारे सोच पर पड़ता है और हम भी नकारात्मक सोचने लगते हैं। Tv पर कुछ लोग कुछ भी देखकर टाइम बिताते रहते हैं इससे वे अपने समय का सदुपयोग नहीं कर पाते।

समय के साथ टीवी पर कई सीरियल आ गए हैं कुछ कार्यक्रम ऐसे आते हैं जिन्हें परिवार के साथ देखने में सहज महसूस नहीं होता, बच्चे भी टीवी देखते हैं ऐसे में अनुपयुक्त दृश्य उन पर बुरा प्रभाव डालते हैं।

पहले सभ्य कार्यक्रम आते थे जो भारतीय संस्कृतियों को बढ़ावा देते थे अब बहुत कम ऐसे धारावाहिक देखने को मिलते हैं।

टीवी का नियंत्रण व्यक्ति के पास है वह उसका उचित उपयोग कर सकता है। जो लोग देर तक जागकर टीवी देखते हैं उन्हें टीवी बंद करके जल्दी सोना चाहिए। अत्यंत जरूरी काम, खाना पकाने के समय और अध्ययन के समय टीवी बंद कर देना चाहिए। बेकार के कार्यक्रम देखने के बजाय टीवी पर सकारात्मक दृश्य तथा ज्ञानप्रद जानकारी देखनी - सुननी चाहिए। 

उम्मीद करता हूं आपको टेलीविजन के लाभ और हानि पर निबंध पसंद आया होगा, मैने इस ब्लॉग पर अन्य विषयों पर भी निबंध लिखा है उन्हें भी अवश्य पढ़ें :-

  • कंप्यूटर के लाभ और हानि पर निबंध
  • कंप्यूटर क्रांति पर निबंध
  • मोबाइल क्रांति पर निबंध
  • मोबाइल बिना सब सुना पर निबंध
  • परीक्षा का महत्त्व निबंध
  • पुस्तक पर निबंध  

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पौष्टिक आहार पर निबंध - Paushtik Aahar Par Nibandh in Hindi

लाभ और हानि की परिभाषा (सूत्र, ट्रिक्स और उदाहरण)

Labh Aur Hani in Hindi: लाभ और हानि हमारे जीवन के बहुत ही महत्वपूर्ण अध्याय होते है। गणित का यह अध्याय आपको जीवन के विभिन्न पहलुओं में काम आएगा। ना केवल हिसाब किताब बल्कि रोजमर्रा के साधारण कार्यों में भी हमें तुरंत लाभ और हानि पता करने की आवश्यकता होती है।

कब मुनाफा हो रहा है और कब घाटा हो रहा है, यह समझना व्यक्ति के लिए बहुत आवश्यक है। यही कारण है कि छठी क्लास में पढ़ने वाले एक बच्चे को लाभ हानि के बारे में बताया जाता है और इससे जुड़े सवाल नौकरी पाने के लिए प्रतियोगिता परीक्षा में भी पूछे जाते है।

Labh Aur Hani  in Hindi

अगर आप भी लाभ और हानि फार्मूला और ट्रिक्स, उदाहरण की जानकारी गूगल पर ढूंढ रहे हैं ताकि आप इस गणितीय अध्याय की तैयारी कर सके, तो नीचे बताई गई जानकारियों को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

लाभ और हानि की परिभाषा

किसी भी अध्याय को समझने से पूर्व आपको उसके परिभाषा को जानने की आवश्यकता है ताकि आप उसके महत्व और उसके बारे में जान सके। हालांकि इन दोनों शब्द को परिभाषा की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि अपने रोजमर्रा के जीवन से ही आप यह सीख पाए होंगे कि जब कोई चीज हमें मिलती है तो हम उसे लाभ कहते हैं और जब हमें अपने कोई चीज खोनी पड़ती है तो इसे हानि कहते है।

यह एक ऐसा अध्याय है, जो गणित को रोचक बना देता है। इसकी सहायता से आप लेन-देन की प्रक्रिया को और सरलता से समझ पाते है। इस अध्याय के बारे में जानकारी एकत्रित करने से पहले आपको कुछ आवश्यक शब्दों के बारे में जानकारी होनी चाहिए, जिसे नीचे बताया गया है।

लाभ और हानि से जुड़े कुछ आवश्यक शब्द

लाभ हानि के सवाल लेन-देन की प्रक्रिया के अनुसार जटिल हो जाते हैं, जिस वजह से सूत्र का प्रयोग किया जाता है ताकि आप इस सवाल को सरलता से हल कर सके। उन सभी सूत्र को समझने के लिए कुछ शब्दों की जानकारी होना आवश्यक है। जैसे:

  • क्रय मूल्य – जब कोई व्यक्ति किसी से सामान को खरीदता है तो खरीदने वाली कीमत को हम क्रय मूल कहते है। आप यह कह सकते हैं कि किसी भी चीज को पाने के लिए जिस कीमत को आप ने अदा किया हम उसे क्रय मूल कहते हैं।
  • विक्रय मूल्य – उसी से जुड़ा यह दूसरा पहलू है अर्थात चीज को अपने कीमत पर खरीदा उस कीमत को हम विक्रय मूल्य कहते है। अर्थात किसी चीज को आपने किस कीमत पर दूसरे को दिया, उसे हम विक्रय मूल्य कहते हैं।
  • लाभ – जब हम किसी भी तरह का लेन-देन करते हैं तो या तो हमें लाभ होता है या जब आप किसी चीज के लिए कम कीमत अदा करते है और दूसरे को देते वक्त उससे अधिक कीमत लेते है तो इस प्रक्रिया को हम लाभ कहते हैं।
  • हानि – जब हम किसी तरह का लेनदेन करते हैं और किसी चीज को अगर आपने जिस कीमत पर खरीदा है, वह अधिक है और उसे कम कीमत पर किसी को दे दिया तो इस प्रक्रिया को हम हानि कहते हैं।
  • छुट या डिस्काउंट – जब किसी तरह का लेन-देन किया जाता है तो सामने वाला आपको अपनी कीमत कम करने को कहता है या फिर आप अपना सामान बेचने के लिए जब कीमत कम करते हैं तो इसे डिस्काउंट कहा जाता है।
  • अंकित मूल्य – जब आप किसी वस्तु को बाजार में खरीदते होंगे तो उस पर आपने कुछ मूल्य पहले से लिखा हुआ देखा होगा, इसे सरकार द्वारा तय किया जाता है, इस मूल्य को वस्तु का अंकित मूल्य कहा जाता है।
  • बट्टा – अंकित मूल्य पर जो छूट दी जाती है, उसे बट्टा कहा जाता है अर्थात अगर अंकित मूल्य पर लिखे हुए कीमतों को कम किया जाता है तो उस नई कीमत को हम बट्टा कहते हैं।

इसके अलावा आपको लाभ प्रतिशत और हानि प्रतिशत के बारे में सवाल पूछे जा सकते हैं। जिसका सीधा सा तात्पर्य है कि आपको कितने प्रतिशत का लाभ हुआ या कितने प्रतिशत का हानी हुआ, जिसे सवाल बनाते वक्त आप सीख जाएंगे।

यह भी पढ़े: प्रतिशत कैसे निकाले? (सूत्र एवं आसान तरीका)

लाभ हानि के सूत्र (Profit And Loss Formula)

लाभ और हानि फार्मूला नीचे दिया गया है। जिसे पढ़ने के बाद लाभ और हानि से जुड़े किसी भी प्रश्न को बड़ी सरलता से हल कर सकते हैं। उन सभी फार्मूले को ध्यान से पढ़ें और याद रखें।

क्रय मूल्य निकालने का सूत्र

अगर आपको किसी लेनदेन में इस्तेमाल हुए वस्तु का क्रय मूल्य निकालना है तो इसका क्या सूत्र होता है?, उसे नीचे सूचीबद्ध किया गया है:

  • क्रय मूल्य = (विक्रय मूल्य × 100) / 100 + लाभ (% में)
  • क्रय मूल्य = (विक्रय मूल्य × 100) / 100 + हानि (% में)
  • क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य – लाभ
  • क्रय मूल्य = हानि + विक्रय मूल्य
  • क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य × (1 + लाभ/100)

विक्रय मूल्य निकालने का सूत्र

अगर आपको किसी ने दिन में इस्तेमाल हुए वस्तु का विक्रय मूल निकालना है अर्थात उसे सामने वाले ने किस कीमत पर बेचा तो आप उसे नीचे दिए गए सूत्र से निकाल सकते है:

  • विक्रय मूल्य/(1 – हानि/100)
  • विक्रय मूल्य = अंकित मूल्य – बट्टा
  • विक्रय मूल्य = अंकित मूल्य (1 + बट्टा ( % में ) / 100)
  • विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य (1 + लाभ/100)
  • विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य (1 – हानि/100)
  • विक्रय मूल्य = लाभ + क्रय मूल्य
  • विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य – हानि

लाभ निकालने का सूत्र

किसी भी प्रकार के लेनदेन में आपको लाभ हुआ है या हानि इसे पता करने के लिए नीचे बताए गए सूत्रों का इस्तेमाल किया जाता है:

  • लाभ प्रतिशत का सूत्र = (लाभ × 100)/क्रय मूल्य
  • लाभ का सूत्र = विक्रय मूल्य – क्रय मूल्य

हानि निकालने का सूत्र

अगर किसी भी प्रकार के लेनदेन में आपको हानि हुई है तो आपको कितनी हानि हुई है?, इसे पता करने के लिए नीचे कुछ सूत्र सूचीबद्ध किए गए हैं:

  • हानि प्रतिशत का सूत्र = (हानि × 100) / क्रय मूल्य
  • हानि का सूत्र = क्रय मूल्य – विक्रय मूल्य

बट्टा निकालने का सूत्र

ऊपर जैसा कि हमने आपको बताया अंकित मूल्य पर दी गई छूट को बट्टा कहा जाता है। कीमत को कैसे निकाला जाता है, इसे पता करने के लिए कुछ सरल सूत्र नीचे दिए गए हैं:

  • बट्टा % में = बट्टा × 100 / अंकित मूल्य
  • बट्टा = अंकित मूल्य – विक्रम मूल्य

लाभ और हानि से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण ट्रिक

अगर आप लाभ और हानि का यह अध्याय किसी प्रतियोगिता परीक्षा को पास करने के लिए सीख रहे हैं तो आपको प्रतियोगिता में पूछे गए सवालों को हल करने के कुछ आने चाहिए। हमने नीचे आपको लाभ हानि से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण ट्रिक बताएं हैं, जिनका इस्तेमाल करके आप किसी भी सवाल को बड़ी सरलता से हल कर देते हैं।

  • अगर किसी लेन-देन में x% के लाभ पर किसी वस्तु को खरीदा जाए और x% के हानि पर बेच दी जाए तो ऐसे लेनदेन में सदैव हानि ही होती है। ऐसी स्थिति में हानि प्रतिशत x^2/100 होते है।
  • लाभ % =  (( y² – x² ) ÷ x²)× 100 %
  • हानि % = (( x² – y² ) ÷ x²)× 100 %
  • अगर X बड़ा है तो लाभ और लाभ प्रतिशत = (x – y) / x × 100
  • अगर Y बड़ा है तो हनी और हनी प्रतिशत = (y – x) / x × 100

अगर आपको किसी लेनदेन में लाभ होता है तो वही लाभ 100 के आंकड़े पर कितना होगा, इसे दर्शाने के लिए हम प्रतिशत का इस्तेमाल करते हैं और लाभ प्रतिशत कहते हैं।

लाभ हानि से जुड़े सवाल में अंकित मूल्य पर मिलने वाली छूट को बट्टा कहा जाता है।

सरकार के द्वारा वस्तु को एक कीमत दी जाती है, उस स्थाई कीमत को अंकित मूल्य कहा जाता है, जो प्रत्येक वस्तु पर लिखी होती है।

जब किसी वस्तु को जिस प्रतिशत के लाभ पर खरीदा जाता है, उसी प्रतिशत के लाभ पर बेच दिया जाए तो हमेशा हानि होती है और इस सवाल में हनी प्रतिशत 4% है।

हमने अपने आज के इस महत्वपूर्ण लेख में आप सभी लोगों को लाभ और हानि फार्मूला एवं ट्रिक उदाहरण (Labh Aur Hani in Hindi) सहित के बारे में विस्तार पूर्वक पर जानकारी प्रदान की है। हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आप लोगों के लिए काफी उपयोगी और हेल्पफुल साबित होगी।

अगर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ और अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना ना भूले ताकि आप जैसे ही अन्य लोगों को भी आप के जरिए इस मैथमेटिकल और टेक्नोमेट्री से संबंधित लेख को पढ़ने के लिए कहीं और जगह पर जाने की आवश्यकता ना हो।

अगर आपके मन में हमारे आज के इस लेख से संबंधित कोई भी सवार या फिर कोई भी सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। हम आपके द्वारा दिए गए प्रतिक्रिया का जवाब शीघ्र से शीघ्र देने का पूरा प्रयास करेंगे।

अभाज्य संख्या किसे कहते हैं? उदाहरण, सूत्र और गुणधर्म

घन (क्षेत्रफल, परिमाप, आयतन, गुणधर्म, परिभाषा)

आरोही क्रम और अवरोही क्रम (परिभाषा एवं अंतर)

अवकलन के सूत्र तथा सीमा एवं सांतत्य की परिभाषा

भिन्न किसे कहते हैं? (प्रकार, सूत्र, संक्रियाएँ एवं चित्रमय निरूपण)

Rahul Singh Tanwar

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{{ दुरदर्शन से लाभ-हानि हिंदी निबंध }} Essay on Doordarshan ke labh aur haniya in Hindi | Doordarshan ke Labh Aur Hani Par Nibandh In Hindi | Doordarshan Essay in hindi language

 दुरदर्शन से लाभ-हानि हिंदी निबंध  | essay on doordarshan ke labh aur haniya in hindi | doordarshan ke labh aur hani par nibandh in hindi | doordarshan essay in hindi language, doordarshan kya hai | दूरदर्शन क्या है, short essay - 1 दुरदर्शन से लाभ-हानि | doordarshan ke labh aur haniya, essay - 2 दुरदर्शन से लाभ-हानि | doordarshan ke labh aur haniya, essay - 3  दुरदर्शन से लाभ-हानि | doordarshan ke labh aur haniya, essay - 5   दुरदर्शन से लाभ-हानि | doordarshan ke labh aur haniya,   essay - 4  दुरदर्शन से लाभ-हानि | doordarshan ke labh aur haniya, दूरदर्शन से लाभ –.

  • सस्ता एवं सुलभ- दूरदर्शन बहुत ही सस्ता एवं सुलभ मनोरंजन हमें प्रदान करता है और यह लगभग हर जगह पर उपलब्ध भी है इसमें केवल बिजली का उपयोग होता है और हम अपनी स्वतंत्रता और रुचि के अनुसार मनोरंजन के कार्यक्रम को देख सकते हैं|
  • पर्यटन की जानकारियां- आज दूरदर्शन हमें देश विदेश के बारे में संपूर्ण जानकारियां देता है जिससे हम घर बैठकर ही पर्यटन का आनंद ले सकते हैं और हम यह भी जान सकते हैं कि कौन सा स्थल पर्यटन करने के लिए उपयुक्त है|
  •  बच्चों के विकास में लाभदायक- आज दूरदर्शन पर अनेकों कार्यक्रम प्रसारित होते हैं जोकि शिक्षा से संबंधित होते हैं और इन्हीं कार्यक्रमों के द्वारा बच्चों की बुद्धि का विकास शीघ्रता से संभव पाया है और बच्चों को हर तरह की शैक्षिक जानकारियां भी आज दूरदर्शन के ही माध्यम से उपलब्ध है|
  •  स्त्रियों के लिए लाभदायक- आज के इस नवीनतम दौर में जहां कुछ स्त्रियां अपना परचम हर क्षेत्र में फैला रही हैं वही कुछ जगहों पर भारतीय स्त्रियों की दशा आज भी दयनीय है| भारतीय स्त्रियों का ज्ञान आज भी सीमित है और इस को बढ़ाने में दूरदर्शन बहुत ही लाभप्रद है| दूरदर्शन के कारण ही स्त्रियों को आज विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, देश-विदेश के रीति रिवाजों के साथ-साथ शैक्षणिक जानकारियों का भी लाभ मिल रहा है|

दूरदर्शन की हानियां-

  • समय की हानि- दूरदर्शन के कारण ही आज समय का बहुत ज्यादा दुरुपयोग हो रहा है, मनुष्य का मन हमेशा मनोरंजक कार्यक्रमों की ओर आकर्षित रहता है जिसके कारण उसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है| जिस अमूल्य समय का उपयोग उसे किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए करना चाहिए उसे वह मनोरंजन को देखते हुए बर्बाद कर देता है| और हम सभी यह जानते हैं कि इस समय का दुरुपयोग मतलब पैसों का दुरुपयोग|
  •  स्वास्थ्य की हानि- हम सभी यह जानते हैं कि दूरदर्शन में चैनलों को प्रसारित करने के लिए कुछ तरंगों का उपयोग किया जाता है, इसके साथ-साथ दूरदर्शन से भी प्रकाश की तरंगे निकलती है, और यह तरंगे हमारे नेत्रों एवं त्वचा पर हानिकारक प्रभाव डालती हैं, जिससे हमारे स्वास्थ्य को अत्यधिक हानि पहुंचती है|
  • बच्चों के भविष्य पर प्रभाव- एक और जहां पर दूरदर्शन के द्वारा बच्चे नई-नई शैक्षणिक जानकारियां प्राप्त करते हैं वहीं दूसरी ओर कुछ बच्चे अपना समय दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले अन्य कई कार्यक्रमों में बर्बाद करते हैं जिससे उनके भविष्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है|

  दुरदर्शन से लाभ-हानि हिंदी निबंध  | Essay on Doordarshan ke labh aur haniya in Hindi | Doordarshan ke Labh Aur Hani Par Nibandh In Hindi | Doordarshan Essay in hindi language

मोबाइल फ़ोन के लाभ और हानि पर निबंध (Mobile Phone Ke Labh Aur Hani Hindi Essay)

मोबाइल फ़ोन के लाभ और हानि पर निबंध (Mobile Phone Ke Labh Aur Hani Essay In Hindi)

आज   हम मोबाइल फ़ोन के लाभ और हानि पर निबंध (Essay On Mobile Phone Ke Labh Aur Hani In Hindi) लिखेंगे। मोबाइल फ़ोन के फायदे और नुकसान पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

मोबाइल फ़ोन के लाभ और हानि पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Mobile Phone Ke Labh Aur Hani In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

मोबाइल फ़ोन के लाभ (फायदे) और हानि (नुकसान) पर निबंध

आजकल सभी के पास मोबाइल फ़ोन उपलब्ध है। विज्ञान के कई आविष्कारों में से मोबाइल एक अनोखा आविष्कार है। मोबाइल से सिर्फ हम कॉल ही नहीं बल्कि सन्देश भेज सकते है। मोबाइल के द्वारा हम अनगिनत कार्य कर सकते है। मोबाइल को चार्ज करना पड़ता है।

कुछ वर्ष पहले लोग साधारण मोबाइल का इस्तेमाल करते थे, जिसमे सिर्फ किसी से भी बात या मैसेज कर सकते थे। आज सभी के पास एंड्राइड फ़ोन यानी स्मार्ट फ़ोन मौजूद है। स्मार्ट फ़ोन कई नए विशेषताओं के साथ आता है।

पुराने समय में सिर्फ लैंडलाइन फ़ोन हुआ करता था। जिसकी मदद से लोग सिर्फ बातें करते थे। तब फ़ोन पर अनगिनत सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी। टेलीफोन की सबसे पहली खोज ग्राहम बेल ने कि थी। लेकिन समय के साथ साथ मोबाइल फ़ोन का आविष्कार हुआ।

मोबाइल फ़ोन के बिना लोग अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते है। मोबाइल फ़ोन ने हमारे जीवन को आसान बना दिया है। मोबाइल फ़ोन के आविष्कार ने विचारो और सूचनाओं के आदान प्रदान को बड़ा सरल कर दिया है। अब लोगो को जल्द सन्देश भेजने के लिए चिंता नहीं करनी पड़ती है। मोबाइल की खोज ने सब कुछ मुमकिन कर दिया है।

मोबाइल के लाभ / फायदे 

मोबाइल फ़ोन के आ जाने से हम कई कार्य आसानी से और कभी भी कर सकते है। मोबाइल फ़ोन के लाभ कुछ इस प्रकार है :-

मोबाइल फ़ोन को रखना है आसान

मोबाइल फ़ोन को हम कहीं भी लेकर जा सकते है। मोबाइल फ़ोन को जेब और पर्स में ले जा सकते है। पहले जब टेलीफोन हुआ करता था तो उसे एक जगह पर ही रखा जाता था। लेकिन आज मोबाइल को कही भी ले जाया जा सकता है।

ऑनलाइन पेमेंट करना है सरल

मोबाइल में कई सारे ऐप्स उपलब्ध है। इनमें ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए भी ऐप्स है। जिसकी सहायता से हम आसानी से पैसो का भुगतान कर सकते है। इसके लिए हमे बैंक जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। यह सारे पेमेंट करने के ऐप्स सुरक्षित होते है। आप आज इन एप्स का इस्तेमाल करके कभी भी कही भी किसी को भी पैसे भेज सकते है।

कभी भी संपर्क करना है सरल

मोबाइल फ़ोन द्वारा हम किसी से भी सरलता से संपर्क साध सकते है। हम दुनिया के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से संपर्क साध सकते है। मोबाइल में कई सारे ऐप्स है, जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सप्प। जिनके द्वारा मैसेज, कॉल और वीडियो कॉल आसानी से कर सकते है। आपातकालीन स्थिति में परिवार को कोई भी सूचना तुरंत मोबाइल फ़ोन द्वारा दे सकते है।

कैमरा से फोटो खींचना

मोबाइल फ़ोन द्वारा हम जब चाहे फोटो खींच सकते है। अपने यादगार पलो को मोबाइल फ़ोन के कैमरे से कैद कर सकते है। मोबाइल फ़ोन के माध्यम से हम किसी भी घटना का वीडियो बना सकते है। वीडियो को अपने मोबाइल के गैलरी में रख सकते है। मोबाइल में हम किसी का नंबर सुरक्षित रख सकते है। इसके लिए हमे नंबर याद रखने की ज़रूरत नहीं है।

ब्लूटूथ की सुविधा

मोबाइल फ़ोन में ब्लूटूथ की सुविधा मौजूद है। हम इस सुविधा का इस्तेमाल करके किसी को भी फोटो या गाना भेज सकते है।

ऑनलाइन शॉपिंग

मोबाइल फ़ोन द्वारा ऑनलाइन शॉपिंग लोग घर बैठे कभी भी कर सकते है। ऑनलाइन शॉपिंग करके व्यक्ति ऑनलाइन पेमेंट सरलता से कर सकता है।

मोबाइल फ़ोन द्वारा गणना

मोबाइल फ़ोन पर हम कोई भी गणना कर सकते है। कोई भी कैलकुलेशन मोबाइल के कैलकुलेटर द्वारा आसानी से की जा सकती है।

कई सारे विशेषताएं उपलब्ध

मोबाइल पर कई सारी सुविधाएं है। जिसमे कैलेंडर, अलार्म घड़ी, टाइमर शामिल है। मोबाइल पर नोटबुक की सुविधा उपलब्ध है, जिसमे हम ज़रूरी चीज़ें लिख सकते है। इससे हमे चीज़ें याद रहती है।

गाने सुनने की सुविधा

मोबाइल पर म्यूजिक प्लेयर जैसे ऐप्स उपलब्ध है। जिसकी मदद से हम कहीं भी गाने सुन सकते है। मोबाइल पर रेडियो जैसे सुविधाएं भी उपलब्ध है। जहां हम अपने मन पसंद गाने सुन सकते है।

किसी भी समय सूचना

कोई भी मुसीबत या दुर्घटना हो, तो कभी भी मोबाइल द्वारा हम अपने रिश्तेदारों को सूचना पहुंचा सकते है। हम उस परिस्थिति में एम्बुलेंस या पुलिस को इतलाह कर सकते है।

जीपीएस की सुविधा

अगर हमे किसी रास्ते का पता ना हो, तो मोबाइल में मौजूद जीपीएस उस रास्ते को पता लगाने में मदद करता है। इससे अनजान जगहों पर जाना काफी आसान हो जाता है।

इंटरनेट की सुविधा

इंटरनेट के आविष्कार ने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया है। इंटरनेट ने मोबाइल से जुड़ने के बाद तो काया पलट ही कर दी है। इंटरनेट एक शक्तिशाली माध्यम है, जिसके सहारे से मोबाइल पर लोग चैट, वीडियो कॉल, ईमेल इत्यादि सुविधाओं का लाभ सरलता से उठा सकते है।

सोशल मीडिया का प्रचलन

लोग सोशल मीडिया पर ज़्यादा सक्रिय रहते है। लोग फेसबुक, इंस्टाग्राम पर अपने फोटोज और वीडियोस इत्यादि साझा करते है। सोशल मीडिया के बिना तो लोग जैसे जीवित नहीं रह सकते है। लोगो को खाली समय या काम के बीच में जैसे ही मौका मिलता है, तो वह फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सप्प इत्यादि एप्स चेक और इस्तेमाल करने लगते है।

ईमेल भेजना आसान है

आज किसी को ईमेल भेजने के लिए लैपटॉप की आवश्यकता नहीं पड़ती है। मोबाइल पर जीमेल, याहू मेल जैसी सुविधा उपलब्ध है। इसकी सुविधा से लोग आसानी से व्यापार और कार्य संबंधित मेल भेज सकते है।

मोबाइल फ़ोन के हानि / नुकसान

मोबाइल फ़ोन के जितने लाभ है वही उसके कुछ नुकसान भी है। किसी भी चीज़ का इस्तेमाल ज़रूरत से ज़्यादा अच्छा नहीं होता है और यह मोबाइल फ़ोन पर भी लागू होती है।

मोबाइल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक

मोबाइल का अत्यधिक इस्तेमाल सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। मोबाइल से निकलने वाले हानिकारक रेडिएशन सेहत के लिए अच्छे नहीं होते है। आजकल लोग रात में सोने से पहले भी मोबाइल पर सक्रीय रहते है। इससे नींद की कमी और सर दर्द इत्यादि हो सकता है। मोबाइल के ज़्यादा इस्तेमाल से हमारे कानो पर बुरा असर पड़ता है।

दुर्घटना के शिकार

आजकल मोबाइल का इतना अधिक क्रेज है कि लोग गाड़ी चलाते समय मोबाइल फ़ोन पर बात करते है। मोबाइल पर बात करते वक़्त उनका ध्यान भटक जाता है और भयानक दुर्घटना हो जाती है। लोगो को सतर्कता बरतनी चाहिए।

युवाओ और विद्यार्थियों में मोबाइल की लत

युवाओ में मोबाइल फ़ोन का पागलपन देखा जा सकता है। मोबाइल फ़ोन के बिना वह जी नहीं सकते है। दोस्तों के साथ बातें, मैसेज, वीडियो कॉल करना और सोशल मीडिया पर फोटोज और वीडियोस डालना यह उनकी आदत बन चुकी है।

मगर ज़रूरत से अधिक मोबाइल से लगाव अच्छा नहीं है। इससे विद्यार्थियों के पढ़ाई पर असर पड़ता है। उनका पढ़ाई से मन ऊब जाता है। जब भी उन्हें मौका मिलता है, तो वह मोबाइल के नोटिफिकेशन चेक करते है।

आये दिन मोबाइल फ़ोन के नए मॉडल बाजार में आने की वजह से वह नया मोबाइल लेते है। इससे पैसो का बेफिजूल खर्चा होता है। इससे पढ़ाई पर बुरा असर पड़ता है।

मोबाइल फ़ोन पर गलत तस्वीरें

मोबाइल फ़ोन पर कैमरा की सुविधा है। कुछ लोग इसका गलत उपयोग करते है और गलत फोटोज और वीडियोस सोशल मीडिया पर डालकर लोगो को गुमराह करते है। कैमरा का गलत इस्तेमाल किसी व्यक्ति की जिन्दगी खराब कर सकता है।

गाना और चैटिंग में ज़रूरी समय बर्बाद

मोबाइल फ़ोन पर लोग अपने कार्य करते हुए गाना सुनने और दोस्तों से चैटिंग में वक़्त बर्बाद करते है। इससे उन्ही के समय का नुकसान होता है। मोबाइल पर ज़्यादा कॉल आने की वजह से समय बर्बाद हो जाता है और निजी जीवन पर असर पड़ता है।

मोबाइल फ़ोन का बच्चो पर बुरा असर

बच्चो को अनुमति के बिना मोबाइल फ़ोन नहीं देना चाहिए। बच्चे मोबाइल पर वीडियो गेम खेलते रहते है, जिससे बच्चो का बाकी कामो में मन नहीं लगता है। इस पर अभिभावकों को अंकुश लगाना चाहिए।

परिवार के साथ कम समय बिताना

मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से व्यक्ति परिवार के साथ कम वक़्त बिताता है। जब भी व्यक्ति को खाली समय मिलता है, तो बस मोबाइल फ़ोन पर चैट, गाना सुनना इत्यादि में लग जाता है। वह सोशल मीडिया की दुनिया में खो जाता है और परिवार के संग कम समय व्यतीत करता है।

मनोरंजन का सबसे बड़ा माध्यम मोबाइल फ़ोन है। मोबाइल फ़ोन द्वारा लोगो को ज़्यादा परिश्रम नहीं करना पड़ता है। इसके द्वारा सारे कार्य आसान हो गए है। इंटरनेट से जुड़ने के कारण हम शॉपिंग, बिल भरना जैसे कार्य घर बैठे आसानी से कर सकते है।

मोबाइल फ़ोन के बिना लोग बेचैन हो जाते है। इसका सही उपयोग जिन्दगी को सवार सकता है। मोबाइल का असीमित इस्तेमाल समय बर्बाद कर सकता है और स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। मोबाइल का सही और सीमित उपयोग ही लोगो के लिए अच्छा है।

इन्हे भी पढ़े :-

  • मोबाइल फ़ोन पर निबंध (Mobile Phone Essay In Hindi)
  • यदि मोबाइल ना होता तो पर निबंध (If Mobile Was Not There Essay In Hindi)
  • इंटरनेट की दुनिया पर निबंध (Internet Essay In Hindi)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Digital India Essay In Hindi)
  • सोशल मीडिया पर निबंध (Social Media Essay In Hindi)

तो यह था मोबाइल फ़ोन के लाभ और हानि   पर निबंध (Mobile Phone Ke Labh Aur Hani Essay In Hindi) , आशा करता हूं कि मोबाइल फ़ोन के फायदे और नुकसान पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Mobile Phone Ke fayde Aur nuksan) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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Vigyan se labh aur hani essay in hindi विज्ञान के लाभ और हानि पर निबंध.

Hello, guys today we are going to discuss Vigyan Se Labh Aur Hani essay in Hindi. We have written Vigyan Se Labh Aur Hani essay in Hindi. Now you can take an example to write an essay on Vigyan Se Labh Aur Hani in Hindi in a better way. Vigyan Se Labh Aur Hani essay in Hindi is asked in most exams nowadays starting from 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. विज्ञान के लाभ और हानि पर निबंध।

hindiinhindi Vigyan Se Labh Aur Hani Essay in Hindi

Vigyan Se Labh Aur Hani Essay in Hindi 600 Words

आधुनिक युग को विज्ञान का युग कहा जाए तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी। विज्ञान में असीम शक्ति है। विज्ञान की अपार उपलब्ध्यिों ने जल, थल, नभ सब जगह जीवन के रूप रंग को चमत्कृत कर दिया है।

19वीं और 20वीं शताब्दी विज्ञान का एक नया रूप देखने को मिलता है। इसने मानव-जीवन में क्रान्तिकारी परिवर्तन किया है। विज्ञान के आविष्कारों ने अलादीन के चिराग की तरह मनुष्य को असीमित सुविधाएँ एवं शक्तियाँ प्रदान की हैं। विज्ञान एक जादुई चमत्कार है। बिजली से चलित प्रकाश-साधन, पंखे, कूलर, टी.वी, फ्रिज, ऐ.सी. आदि जीवनोपयोगी वस्तुओं का निर्माण वैज्ञानिक उपकरणों द्वारा ही हुआ है। दूरदर्शन के आविष्कार से विश्व में घटी किसी भी घटना की सचित्र आवाज़ सहित उसी समय हम तक पहुँच जाती है। मनुष्य को ‘विज्ञान’ एक अद्भुत वरदान के रूप में प्राप्त हुआ है।

यातायात और विज्ञान

यातायात के साधनों से कम समय में मनुष्य को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचा दिया जाता है। साइकिल, मोटर-साइकिल, कार, बस, रेल, मैट्रो, वायुयान, जलयान आदि बहुत लाभकारी सिद्ध हुए हैं। वहीं इंटरनेट, टेलीफ़ोन, मोबाइल आदि ने हमारे संबंधों में निकटता ला दी है। रॉकेटों, विमानों तथा जलयानों ने समय को बाँध दिया है। वैज्ञानिक चाँद तक पहुँच गए है और वहाँ भी दुनिया बसाने की योजनाएँ सफ़ल होने ही वाली हैं।

नये आविष्कार

कृषि प्रधान भारत का कृषक आज विज्ञान से बनाई और विकसित बीजों, खादों, उर्वरकों, कीटनाशकों, ट्रैक्टर, ट्यूबवैल आदि का सफल प्रयोग कर अपनी उपज बढ़ा रहा है। इस क्षेत्र में नई-नई खोजें जारी है। विज्ञान की सहायता से मनुष्य ने बड़े-बड़े पहाड़ों को काट कर सुरंगें बनाई। कृत्रिम बादलों से पानी तक बरसा लिया है। रूस ने तो विज्ञान के आविष्कारों से मौसम को भी बदल दिया है।

चिकित्सा क्षेत्र में नये आविष्कार

विज्ञान के आविष्कारों के कारण एक्सरे, रेडियम एवं विद्युत चिकित्सा द्वारा शरीर के अन्दर झाँका जा सकता है। मृत समान मानव को प्राणदान दिया जा सकता है। आज कैंसर तक का इलाज सरलता से होने लगा है। अन्धे को खोई दृष्टि मिलने लगी है, हृदय बदले जा रहे हैं, मृत्युदर घटी है, औसत आयु बढ़ी है।

“देश जो है आज उन्नत विज्ञान के आविष्कार से, चौंका रहे हैं नित्य सबको अपने नवाविष्कार से।”

रेडियो, टी.वी. हमारे एकाकीपन का अनूठा साथी है। कम्प्यूटर, मोबाइल के आविष्कारों ने तो मानव जीवन में सुविधाओं का अम्बार ही लगा दिया है। रेल, बस, वायुमान, फ़िल्म की टिकट आदि। कोई भी नाम लीजिए उसके आरक्षण की सुविधा इन्टरनेट द्वारा सर्व सुलभ हो गई है।

विज्ञान की हानियाँ

विनाशकारी प्रभाव

विज्ञान के वरदान कीटनाशक रासायनों का प्रयोग खेती की उपज तो बढ़ा रहा है किन्तु उसके दुष्प्रभाव मानव शरीर पर कैंसर, चर्म रोग इत्यादि के रूप में आमतौर पर देखे जा सकते हैं। विज्ञान के युग में टी. वी., इंटरनेट, मोबाइल आदि ने सुविधा भोगी मानव की मानसिकता पर कुप्रभाव डाला है जिसके कारण मनुष्य को ऐसी अनेक बीमारियों ने जकड़ लिया है जिनका या तो उपचार ही संभव नहीं या फिर इतना महँगा है कि उसका घर तक धुल जाता है।

यदि विज्ञान का दुरुपयोग हुआ तो इसे अभिशाप बनने में भी समय नहीं लगेगा। उदाहरण सामने है- प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में जन और धन का जितना विनाश हुआ उतना शायद सौ वर्षों में भी पूरा न हो सके। अणुबम का जो भयावह रूप हीरोशिमा और नागासाकी में सामने आया, का दृश्य आँखों के सामने आते ही दिल काँप उठता है। भोपाल गैस काँड और लुधियाना के पास दोराहा में अमोनिया गैस टैंकर से गैस के रिसने मात्र से भयंकर विनाश हुआ। बिजली जीवन में उजाला भरती है, वहीं इसके स्पर्श-मात्रा से जीवन मौत में बदल जाता है।

“घर-घर में विज्ञान का फैला आज प्रकाश करता दोनों काम यह नव-निर्माण-विनाश।”

विज्ञान का वरदान या अभिशाप होना मात्र मानव की समझ ऊपर निर्भर है। यदि वह इसका प्रयोग अपने व दूसरों के हित के लिए करे तो विज्ञान परम लाभकारी है अन्यथा विनाश के अलावा कुछ नहीं।

Essay on Science in Hindi 1300 Words

मनुष्य सभी प्राणियों में श्रेष्ठ माना जाता है, वह ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना है। मनुष्य की चिन्तन शक्ति और बुद्धि ने ही उसे अन्य प्राणियों से अलग कर दिया। जीवन की कुछ ऐसी आवश्यकताएं हैं जिनसे मनुष्य और पशु समान रूप से प्रभावित होते हैं तथा इनकी पूर्ति सभी के जीवन के लिए आवश्यकता होती है। जैसे आहार, निद्रा, मैथुन आदि। मनुष्य इनकी प्राप्ति पशु के भिन्न और साधारण दृष्टिकोण से करता है और यह सब उसकी बुद्धि तथा चिन्तन शक्ति के कारण ही होता है। मानवीय इतिहास के आरम्भ होने के साथ ही मनुष्य ने सृष्टि के अनेक रहस्यों तथा क्रिया-व्यापारों को समझने की चेष्टा की। इन प्रयासों के दौरान ही ज्ञान-विज्ञान के नए द्वार खुलते चले गए। अपने चारों ओर देखकर, तारों भरे आकाश को निहार कर, समुद्र में लहरों की जल-क्रीड़ा देखकर प्रकृति के विभिन्न रूपों को पहचान कर वह धीरे-धीरे विज्ञान के सोपानों पर चढ़ता हुआ प्रकृति को नियंत्रित करने लगा और इस बीसवीं शताब्दी तक पहुंचते-पहुंचते उसने अनेक भौतिक शक्तियों पर विजय प्राप्त कर ली है।

विज्ञान और इसकी विभिन्न शाखाएं

‘विज्ञान’ शब्द का अर्थ है विशिष्ट ज्ञान। विशिष्ट ज्ञान का सम्बन्ध और उसका क्षेत्र अनेक विषयों से सम्बन्धित हो सकता है। वर्तमान युग में विज्ञान जिस अर्थ में प्रयोग किया जा रहा है उसका सम्बन्ध वस्तुतः यांत्रिक उन्नति, आज की भौतिक प्रगति से ही जुड़ गया है। विज्ञान दर्शन के क्षेत्र में भी तथा साहित्य आदि के क्षेत्र में भी अर्थ दे सकता है क्योंकि किसी भी विषय का विशिष्ट ज्ञान ही विज्ञान है।

प्राचीन युग में हमारे देश में ‘दर्शन’ को विशेष महत्त्व दिया जाता था और वही ज्ञान विशेष ज्ञान माना जाता था। लेकिन पाश्चात्य संसार की भौतिक प्रगति ने एक नया दृष्टिकोण सामने रखा और इसलिए वर्तमान युग में विज्ञान के अनेक क्षेत्र सामने आने लगे। आज विज्ञान उस विशाल वट वृक्ष के समान है जिसकी अनगिनत जड़े और शाखाएं हैं। भौतिक विज्ञान, रासायनिक विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, जन्तु विज्ञान, भूगर्भ विज्ञान, नक्षत्र विज्ञान, विज्ञान के वे क्षेत्र हैं जिनकी अपनी-अपनी अलग-अलग अनेक शाखाएं और प्रशाखाएं हैं। जन्तु विज्ञान के क्षेत्र में तो आज कोशिका, जीवद्रव्य और भूण आदि विषयों पर ही स्वतन्त्र शाखाओं का उद्भव हुआ है। इसी प्रकार रासायनिक विज्ञान में अणु और परमाणु से भी आगे इलैक्ट्रान के रूप में रासायनिक विज्ञान की स्वतन्त्र शाखा विकसित हो चुकी है। कृषि तथा उद्योग धन्धों के क्षेत्र में भी विज्ञान की अनेकों शाखाएं पल्लवित हो रही है।

विज्ञान का रचनात्मक पक्ष

विज्ञान ने आज समस्त देश और काल को भी जीत लिया है। सम्पूर्ण विश्व को ही एक परिवार बना दिया है। शायद ही आज ऐसा कोई क्षेत्र

होगा जो विज्ञान की उपलब्धियों से अछूता है। दैनिक जीवन की सभी उपयोगी वस्तुओ से लेकर भीमाकार मशीनें विज्ञान ने निर्मित की है।

यातायात के क्षेत्र में विज्ञान ने दूरियों को समेट लिया है। द्रुतगामी वाहन, द्रुतगामी वायुयान, समुद्री जहाज़ तथा रेलगाड़ियों ने समय को भी बांध लिया है। जिन स्थानों और देशों की यात्रा की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी आज पलक झपकते ही मनष्य वही पहुंच जाता है।

प्राचीन काल में समाचार प्रेषित करने में महीनों लग जाते थे। लेकिन आज अपने कक्ष में बैठे-बैठे बेतार का तार, टैलीफोन तथा टेलीविज़न के द्वारा विश्व के कोने-कोने में समाचार भेजे जाते हैं तथा प्राप्त किये जाते हैं।

पृथ्वी-पुत्र मानव आज व्योम-पुत्र भी बन गया है और उसने चन्द्रमा पर तो कदम रख ही लिए है। शुक्र, मंगल एवं अन्य ग्रहों तक पहुंचने के लिए भी कृतसंकल्प है। विशाल दूरबीनों के द्वारा मनुष्य नीले आकाश के सारे रहस्य जान चुका है। आज भारत को अन्तरिक्ष यात्री राकेश शर्मा पक्षी की भांति आकाश में उड़ आया है। विभिन्न प्रकार के उपग्रह इन्सैट आदि आकाश में स्थिर होकर निरन्तर हमें अनेक सूचनाएं भेजते रहते हैं।

चिकित्सा के क्षेत्र में भी विज्ञान ने अद्भुत क्रांति कर दी है। हैजा, चेचक तथा अन्य भयानक महामारियां अब दिखाई नहीं पड़ती। हृदय रोग और कैंसर को जीतने के लिए विज्ञान युद्धरत हैं। शल्य चिकित्सा में अन्य अंगों की बात ही क्या है। हृदय-रोपण भी कुशलतापूर्वक किये गए हैं। ऐक्स-रे, रेडियम तथा विद्युत चिकित्सा ने मानो मरे हुए लोगों को ही प्राण दान दे दिया है। इतना ही नहीं डाक्टर हरगोबिन्द खुराना जीन्स पर भी अद्भुत प्रयोग कर रहे हैं। टैस्ट-ट्यूब बेबी अभी भी खुशहाल है। इसी प्रकार अनेक बीमारियों ने आज विज्ञान के सामने मैदान छोड़ दिया है।

विद्युत की खोज ने अन्धकार को सदा के लिए विदाई दे दी है। वातानुकूलित आरामदायक घर प्रचण्ड ग्रीष्म और सर्दी से मनुष्य की रक्षा करते हैं। विद्युत तो मानो घेरलू नौकर बन कर प्रत्येक काम कर रही है। इलैक्ट्रान तथा कम्पुयटरों और रौबाट ने नई हलचल पैदा कर दी है। विद्युत से चलने वाली रेलगाड़ियाँ हवा के वेग से चलती हैं।

धरती के गर्भ में छिपी हुई प्राकृतिक सम्पदा-तेल, कोयला और धातुएं अब वैज्ञानिक की नज़रों से छिपी नहीं रही।

मनोरंजन के क्षेत्र में चलचित्र, टेलीविज़न, रेडियो, वी. सी. आर. वीडियो गेम आदि मनोरंजन की सामग्री उपलब्ध कराते हैं।

मुद्रण विज्ञान ने ज्ञान के क्षेत्र को सुगम और सुरक्षित बना लिया है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाए तथा पुस्तकें आज विश्व को ज्ञान वितरित कर रही हैं।

कृषि के क्षेत्र में और उद्योग धन्धों में विज्ञान के इतिहास को फिर से लिखा है। उर्वरक खादें, उन्नत ढंग के वैज्ञानिक यन्त्र तथा ट्रैक्टर, कम्पाईनर, थरैशर ने केवल श्रम को नहीं बचाया है उत्पादन में भी वृद्धि की है। उद्योग धन्धों में तो विज्ञान ने मशीनों का जाल बिछा दिया है।

ऊर्जा के क्षेत्र में आज सूर्य से ऊर्जा प्राप्त करने के प्रयास जारी हैं तथा सौर ऊर्जा घर का चूल्हा भी चलाती है तो कारें भी चलाती है।

मनुष्य जब सुबह आंख खोलता है तथा ब्रुश और पेस्ट से दांत साफ करता है तब से लेकर रात सोने तक वह अपने दैनिक कार्य में विज्ञान निर्मित उपकरणों को ही उठाता है। शरीर पर पहनने के कपड़े, कलाइयों की घड़ियां, पैन, रंग, कागज, चश्मे, ऐनक, लैंस, पंखे, हीटर, फ्रिज, प्रैस, प्रैशर कुक्कर, वाशिंग मशीन, गैस, पिसाई की मशीनें, सिलाई की मशीनें, बुनाई की मशीनें, प्लास्टिक के खिलौने और बर्तन आदि सैकड़ों उपकरण हैं जिनके बिना जीवन की कल्पना असम्भव है।

संक्षेप में कहा जा सकता है कि विज्ञान ने प्रकृति को दासी बना लिया है। समुद्र की अतल गहराई को नाप लिया है। आकाश के रहस्य को जान लिया है तथा अन्तरिक्ष को भी पहचान लिया है। इस प्रकार विज्ञान के सृजन पक्ष ने मनुष्य का जीवन सुखमय बना दिया है।

विज्ञान विनाशात्मक पक्ष

विज्ञान का प्रकाशमय, वरदान पक्ष अकेला ही नहीं है उसके साथ दु:खों की काली रात भी जुड़ी हुई है। विद्युत जीवन को आलौकित करती है परन्तु उसका स्पर्श-मात्र जीवन को मृत में बदल देता है। जो गैस अनेक कार्यों में उपयोगी होती है उसके रिसने से ही भोपाल की भयानक त्रासदी ने जन्म लिया है। विश्व युद्ध की तलवार आज मानव की गर्दन पर लटक रही है। नागासाकी और हिरोशिमा नगरों के विध्वंस को आज भी इतिहास नहीं भुला पाया है। ऐटम बम, हाइड्रोजन बम, कोबाल्ट बम, विमान भेदी तोपें, मशीनगनें, मिजाइलस, समुद्री माइन्स विनाशकारी अस्त्र-शस्त्र हैं।

लेज़र किरणों के आविष्कार ने विश्व को मौत के मुंह में धकेल दिया है। यह किरणें प्रकाश के वेग से चलती हैं जो वास्तव में मृत्यु किरण है। अब स्टार युद्ध का खतरा विश्व के सिर पर मंडरा रहा है। वातावरण के प्रदूषण से जीवन अत्यन्त दुःखों से घिर गया है। आज रेडियो-धर्मी विकीर्ण से वनस्पति ही नहीं समुद्र भी दूषित हो गया है। उड़ते हुए बरसात के बादलों को भी रोककर भयानक सूखा उत्पन्न कराया जा सकता है और इसी प्रकार कृत्रिम भूकम्प भी जीवन के लिए विनाशकारी हो सकता है। भूमि, जल तथा आकाश में होने वाले विस्फोटों ने वायु को भी अशुद्ध कर दिया है। दैत्याकार मशीनें मनुष्य को क्षण भर में निगल लेती हैं। दुर्घटनाएं जीवन की खुशियों का शत्रु बन गई हैं।

इस प्रकार विज्ञान की अनन्त शक्तियां जीवन की हरियाली को मरुस्थल में बदल सकती है। रूस तथा अमेरिका जैसे शक्तिशाली राष्ट्र अस्त्र-शस्त्रों के निर्माण से विकासशील राष्ट्रों का शोषण कर रहे हैं। विज्ञान ने मनुष्य की प्राकृतिक शक्ति छीन ली है और उसे अकर्मण्य तथा भोगवादी बना दिया है।

विज्ञान जीवन के लिए कल्याणकारी तभी हो सकता है जबकि उसका प्रयोग सही दिशा में किया जाए। अन्यथा यह जीवन के लिए महाकाल सिद्ध हो सकता है।

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